Sanjana Kirodiwal

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“तेरे इश्क़ में” – 5

Tere Ishq Me – 5

Tere Ishq Me
Tere Ishq Me

चैन्नई की सड़क पर बेंच पर बैठी साहिबा खामोश आँखों से सड़क पर चलते लोगो और गाड़ियों को देख रही थी। अगली फ्लाईट 4 घंटे बाद थी। अकेलापन उसे एक बार फिर अतीत में ले आया।


रात के 11 बज रहे थे और साहिबा पार्थ के साथ स्टेशन पर खड़ी चाय पी रही थी। दोनों खामोश थे और दोनों के बीच कोई बात-चीत नहीं हुई सिवाय एक दूसरे के नाम के , ट्रेन ने चलने का हॉर्न दिया तो दोनों वापस आकर अपनी अपनी सीटों पर बैठ गए। साहिबा को अब पार्थ से कोई चिढ नहीं हो रही थी। बीच बीच में दोनों एक दूसरे को देख भी लेते थे। रात 11:45 पर ट्रेन आगरा स्टेशन पर आकर रुकी। पार्थ उस वक्त बाथरूम गया हुआ था। साहिबा ने अपना बैग उठाया और ट्रेन से नीचे उतर गयी। अपना बैग सम्हाले वह स्टेशन से बाहर चली आयी। बाहर पल्ल्वी के चाचा और प्रिया खड़ी थी। प्रिया ने साहिबा को देखा तो उसके गले लगते हुए कहा,”कितनी देर लगा दी आने में हम कबसे इंतजार रहे थे”
“अरे यार ट्रेन का तो तुझे पता ही है ना”,साहिबा ने कहा
“हां”,कहते प्रिया साहिबा के पीछे आते लोगो और सामने खड़ी ट्रेन को देखने लगी। साहिबा को कुछ समझ नहीं आया उसने पल्ल्वी के चाचा के पैर छुए तो उन्होंने कहा,”खुश रहो बेटा , लाओ अपना बैग मुझे दे दो”
साहिबा ने अपना बैग चाचा को दे दिया तो उन्होंने उसे पास खड़ी गाडी में रख दिया। साहिबा प्रिया के पास आयी और कहा,”तू यहाँ क्या कर रही है ? चल ना चलते है”
“अरे तूने कहा था ना ट्रेन में तेरे साथ एक हेंडसम सा लड़का भी आया है , बस उसी को ढूँढ रही हूँ दिखाई नहीं दे रहा”,प्रिया ने स्टेशन पर नजरे दौड़ाते हुए कहा। साहिबा ने सूना तो उसे खींचते हुए वहा से ले गयी। पल्ल्वी के चाचा ने गाड़ी स्टार्ट की और दोनों को बैठने को कहा। प्रिया और साहिबा दोनों आकर गाड़ी की पिछली सीट पर बैठ गयी। गाड़ी वहा से निकल गयी। पार्थ वाशरूम से अपनी सीट की तरफ आया साहिबा उसे दिखाई नहीं दी। उसने पुरे डिब्बे में इधर उधर देखा साहिबा कही भी नहीं थी। पार्थ ने अपना बैग उठाया और स्टेशन पर देखा लेकिन साहिबा उसे दिखाई नहीं दी। ट्रेन ने हार्न मारा और आगे बढ़ गयी। पार्थ का मन थोड़ा उदास हो गया और वह स्टेशन के बाहर चला आया स्टेशन से घर 15 मिनिट की दूरी पर था इसलिए बैग पीठ पर टाँगे वह पैदल ही चल पड़ा

गाडी पल्ल्वी के घर के सामने आकर रुकी। प्रिया , साहिबा और चाचा नीचे उतरे। साहिबा ने देखा पल्ल्वी और उसके घरवाले बाहर ही खड़े है। साहिबा ने आकर पल्ल्वी के मम्मी-पापा के पैर छुए , और फिर पल्ल्वी के गले लगते हुए कहा,”शादी मुबारक हो”
“थैंक्यू , चल आजा”,पल्ल्वी ने कहा और साहिबा को लेकर अंदर चली आयी !
“ये रुबीना कहा है ?”,साहिबा ने अंदर आते हुए पूछा
“वो सो रही है”,प्रिया ने कहा
सभी अंदर हॉल में चले आये सबने साहिबा को घेर लिया , पल्लवी ने उसकी अपने घर में इतनी तारीफ जो कर रखी थी। पल्लवी के मम्मी पापा साहिबा से मिले। सभी बहुत खुश थे और साहिबा तो उन सबका प्यार पाकर ही खुश थी। पल्लवी के पापा ने सबको बैठने को कहा और सबके लिए चाय भिजवाने को कहा सभी बैठकर बाते करने लगे। कुछ देर बाद ही दरवाजे पर किसी लड़के की दस्तक हुई , साहिबा ने उसे देखने की कोशिश की लेकिन ठीक से देख नहीं पाई। चाचा उठे और कहते हुए लड़के की तरफ चले गए,”कमाल करता है तू भी अभी अभी मैं स्टेशन से आया हूँ तू बोल देता की तू भी आ रहा है तो साथ ले आता ना तुझे”
“नमस्ते चाचा , वो हम ना सबको सरप्राइज देना चाहते थे इसलिए नहीं बताया”,कहते हुए लड़के ने चाचा के पैर छुए
“चल आजा सब अंदर ही है”,चाचा ने लड़के के कंधो पर हाथ रखते हुए कहा और उसके साथ अंदर चले आये।
“क्या बात है हमारे आने की ख़ुशी में अब तक जाग रहे है सब , ये तो कमाल ही हो गया है ना”,लड़के ने खुश होकर कहा
“तुम्हारे आने की ख़ुशी में नहीं बाबू , पल्लवी बिटिया की दोस्त आयी है दिल्ली से उसी के लिए सब जाग रहे है , अब चलो”,चाचा ने कहा
“जरा हम भी तो देखे ऐसी कौन दोस्त है उनकी जिनके लिए ये सब इतनी रात में जाग रहे है , हमारे लिए तो कभी ना जागे”,कहते हुए लड़का जैसे ही हॉल में आया साहिबा की नजर उस पर पड़ी और उसका दिल धड़क उठा। लड़का कोई और नहीं बल्कि पार्थ ही था जो की उसे ट्रेन में मिला था। पार्थ सीधा अपने माँ पापा के पास आया उनके पैर छुए और फिर चाची छुए। देखा पल्लवी गुस्से से उसे घूर रही है तो पार्थ उसके पास आया तो पल्लवी ने कहा,”मिल गयी फुर्सत ,परसो बहन की शादी है और तुम आज आ रहे हो”
“सॉरी दी आ तो गया ना और फिर वो कॉलेज तुम तो जानती ही हो की हम इंजीनियर्स की लाइफ कैसी होती है , चलो अब मान भी जाओ”,कहते हुए पार्थ पल्लवी के गले मिला तो पल्लवी का गुस्सा छू-मंतर हो गया। प्रिया ने देखा जबसे पार्थ आया है साहिबा ख़ामोशी से उसे ही देखे जा रही है तो उसने धीरे से साहिबा के कंधे को दबाते हुए कहा,”इतना भी मत घूर उसे”
साहिबा को होश आया तो उसने पार्थ से नजरे हटा ली
“अच्छा चाचा बता रहे थे की आपकी कोई दोस्त आयी है , हमे भी मिलवाओ”,पार्थ ने पल्लवी से कहा तो पल्लवी ने साहिबा और प्रिया की तरफ इशारा करके कहा,”वो है प्रिया और वो है साहिबा , एक दोस्त और आयी है रुबीना वो सो रही है”
पार्थ ने प्रिया को हाय कहा और जैसे ही साहिबा की तरफ देखा उसका दिल धड़क उठा। साहिबा से उसकी मुलाकात दोबारा होगी वो भी इतनी जल्दी उसने सोचा नहीं था। साहिबा को देखकर उसने धीरे से हाथ हिला दिया इतने में ही चाचा पार्थ के पास आये और उसके कंधो पर हाथ रखते हुए कहा,”बहन की दोस्त बहन जैसी ही होती है , ख्याल रखना शादी में इन्हे किसी तरह की परेशानी ना हो”
पार्थ ने जैसे ही सूना मन ही मन चाचा को कोसने लगा और कहा,”वैरी फनी”
चाय आ गयी सभी चाय का लुफ्त उठाने लगे। पार्थ ने चाय का कप और अपना बैग उठाया और अपने कमरे की तरफ चला गया। साहिबा और प्रिया के चाय पीने के बाद पल्लवी ने साहिबा से खाने का पूछा तो उसने मना कर दिया और कहा की वह बहुत थक चुकी है सोना चाहती है। तीनो दोस्त पल्लवी के कमरे में चली आयी। प्रिया ने रुबीना को उठाना चाहा तो साहिबा ने कहा,”उसे सोने दे मैं उस से सुबह मिल लुंगी”

पल्लवी , प्रिया और साहिबा आकर बिस्तर पर लेट गयी और बाते करने लगी। कुछ देर बाद ही प्रिया ने कहा,”साहिबा तू पार्थ को इतना घूर क्यों रही थी ?”
साहिबा ने पार्थ का नाम सूना तो उसका दिल एक बार फिर धड़क उठा , उसका जवाब ना पाकर इस बार पल्लवी ने कहा,”हाँ मैंने भी नोटिस किया , जबकि तुम सब तो पार्थ से पहली बार मिली हो”
“वैसे तू भी बड़ी कमीनी है पल्लवी तूने बताया नहीं तेरा भाई इतना हैंडसम दिखता है”,प्रिया ने कहा
“गधा है वो एक नंबर का , चैन्नई में इंजीनियरिंग कर रहा है ,, तुम लोगो ने कभी पूछा ही नहीं मेरे घरवालो के बारे में तो क्या बताती ?”,पल्लवी ने कहा
“अच्छा कोई ना , साहिबा तूने अभी तक मेरे सवाल का जवाब नहीं दिया बता ना क्यों घूर रही थी उसे ?”,प्रिया ने बैचैन होते हुए कहा
“वो ट्रेन में जो लड़का मेरे साथ बैठा था वो पार्थ ही था”,साहिबा ने धीरे से कहा
“क्या सच में ? मतलब तू उसी से टकराई थी ?”,प्रिया ने एकदम से उठकर बैठते हुए कहा
“हम्म्म”,साहिबा ने धीरे से कहा
“वाओ हाउ रोमांटिक यार तभी दोनों एक दूसरे को इतना प्यार से देख रहे थे”,प्रिया ने खुश होकर कहा
“सही है खुश हो गया लड़का तुम्हारे साथ जो आया था”,पल्लवी ने खुश होकर कहा
“क्या यार तुम दोनों भी ऐसा कुछ नहीं है”,साहिबा ने उन दोनों से बचने के लिए कहा
“वैसे तुम चाहो तो हो भी सकता है”,पल्लवी ने शरारत से कहा
“हाँ तुम पल्लवी की भाभी , कितना अच्छा लगेगा ना”,प्रिया ने पल्लवी को हाई-फाइव देते हुए कहा
“तुम कहो तो कल ही मम्मी पापा से बात करू ?”,पल्लवी ने कहा तो साहिबा ने दोनों पर तकिया फेंकते हुए कहा,”शट-अप गाईज”
“अच्छा बाबा सॉरी हम लोग तो बस यू ही तेरी टाँग खींच रहे थे”,पल्लवी ने कहा और कुछ देर बाद तीनो सोने चली गयी लेकिन साहिबा की आँखों से नींद गायब थी वह लेटे लेटे पार्थ के बारे में सोच रही थी।

अपने कमरे में बिस्तर पर लेटे पार्थ को नींद नहीं आ रही थी। बार बार उसे साहिबा का ख्याल आ रहा था वह उठकर बैठ गया और साहिबा के बारे में सोचने लगा। पार्थ साहिबा से पहली बार मिला था लेकिन ना जाने क्यों उसे साहिबा से अनजाना लगाव महसूस हो रहा था जो उसे उसकी और खींच रहा था। पार्थ फिर
बिस्तर पर लेट गया और साहिबा के बारे में सोचने लगा। ये इत्तेफाक तो नहीं हो सकता था पर शायद किस्मत में उनका मिलना लिखा था। देर रात पार्थ को नींद आ गयी और वह सोने चला गया।
सुबह रुबीना , पल्लवी और प्रिया जल्दी उठ गयी साहिबा आराम से सो रही थी तीनो ने मिलाकर उसे भी उठा दिया। साहिबा उठकर बैठ गयी और उन तीनो की नौटंकिया देखने लगी। रुबीना ने म्यूजिक सिस्टम पर गाना चलाया और तीनो डांस करने लगी। साहिबा ने देखा तो कहा,”ये सुबह सुबह क्या कर रही हो तुम तीनो ?”
“अरे आज शाम पल्लवी का संगीत है ना , तो उसके लिए डांस प्रेक्टिस कर रहे है हम लोग”,रुबीना ने कहा
“अच्छा”,साहिबा ने कहा
“तुम वहा क्या कर रही हो तुम भी चलो”,कहते हुए प्रिया उसे भी उठाकर अपने साथ ले गयी और चारो साथ साथ डांस करने लगी। साहिबा का फोन बजा तो वह अपना फोन लेकर ऊपर छत पर चली आयी। बात करते हुए वह छत के किनारे आयी तो देखा पार्थ पुशअप्स कर रहा है। उसे देखते ही साहिबा पलट गयी क्योकि पार्थ ने सिर्फ ट्राउजर पहना था। उसने साहिबा को वहा देखा तो तुरंत उठा और टीशर्ट पहनते हुए कहा,”हे साहिबा”
साहिबा रुक गयी तो पार्थ उसके सामने और कहा,”हाय गुड़ मॉर्निंग”
“गुड मॉर्निंग”,साहिबा ने कहा
“एक्चुअली मुझे तुमसे कुछ कहना था”,पार्थ ने कहा तो साहिबा का दिल धड़क उठा उसे लगा कही रात वाली बातें सच ना हो जाये जो पल्लवी और प्रिया कह रही थी। उसने धड़कते दिल के साथ कहा,”हाँ कहो”
पार्थ साहिबा के थोड़ा सा करीब आया और धीरे से कहा,”वो पापा को मत बताना की मैं सिगरेट पीता हूँ , उन्हें पता चला तो बहुत गुस्सा होंगे और अपनी फ्रेंड को भी मत बताना प्लीज”
पार्थ की बात सुनकर साहिबा को मन ही मन अपनी ही सोच पर हंसी आने लगी और उसने कहा,”ठीक है मैं नहीं बताउंगी”
“थैंक्स”,कहकर पार्थ वहा से चला गया। साहिबा ने अपने सर पर एक चपत मारी और वहा से नीचे चली आयी। नहाकर साहिबा ने प्लाजो और कुर्ती पहन ली साथ में मैचिंग के झुमके और बालो को भी अच्छे से पिन-अप कर लिया वह बहुत अच्छी लग रही थी। पल्लवी नीचे हॉल में ही थी साहिबा , प्रिया और रुबीना तैयार होकर आयी आज पल्लवी की हल्दी , मेहंदी और संगीत का फंक्शन एक साथ ही था। पहले हल्दी लगनी थी उसके बाद मेहँदी और फिर रात में संगीत का प्रोग्राम था।

हल्दी के फंक्शन की सभी तैयारियां शुरु हो चुकी थी। हॉल में पल्लवी सोफे पर बैठी थी सभी बारी बारी से पल्लवी को हल्दी लगा रहे थे। साहिबा , प्रिया , रुबीना और पल्लवी चारो ने सेम रंग के कपडे पहने थे। साहिबा को तो ये सब देखकर बहुत अच्छा लग रहा था। बचपन से अकेली रही साहिबा को यहाँ सबके साथ बहुत अच्छा लग रहा था। घरवालों के बाद साहिबा , प्रिया और रुबीना भी पल्लवी को हल्दी लगाने लगी। हल्दी लगाते लगाते रुबीना और प्रिया ने एक दूसरे को इशारा किया और दोनों ने हाथ में लगी हल्दी साहिबा को लगा दी। ये देखकर पल्लवी हसने लगी। साहिबा ने भी हाथो में हल्दी उठायी और रुबीना प्रिया को लगाने उनके पीछे दौड़ने लगी। प्रिया और रुबीना के पीछे भागते हुए साहिबा को ख्याल नहीं रहा उसने पल्लवी के आवाज देने पर पीछे मुड़कर देखा और जैसे ही वापस पलटी उसके हल्दी से बहरे हाथ सामने से आते पार्थ के सीने पर जा लगे। साहिबा ने देखा सामने प्रिया रुबीना नहीं बल्कि पार्थ खड़ा है उसके मुंह से सॉरी भी नहीं निकला वह वह हक्की बक्की सी पार्थ को देखते रही बेचारा पार्थ अभी अभी नहाकर नए कपडे पहनकर आया था और साहिबा ने उन्हें हल्दी से रंग दिया।
साहिबा ने जल्दी से अपने हाथ हटाए और जैसे ही कहने लगी। पास से गुजरती चाची ने कहा,”अरे वाह पार्थ तुम्हे भी हल्दी लग गयी। कहते है की जिसे शादी की हल्दी लगे ना उसकी शादी भी जल्दी ही हो जाती है”
चाची की बात सुनकर पार्थ साहिबा को देखने लगा और फिर कहा,”क्या चाची आप भी हम चेंज करके आते है”
साहिबा सर झुकाये वापस पल्लवी की तरफ चली आयी उसे परेशान देखकर पल्लवी ने कहा,”अरे इट्स ओके होता है”
“क्या बात है साहिबा अब तो उनको तुम्हारे हाथो हल्दी भी लग चुकी है”,प्रिया ने छेड़ते हुए कहा लेकिन इस बार प्रिया साहिबा के हाथो नहीं बची उसने बर्तन से हल्दी उठायी और प्रिया को लगाते हुए कहा,”ये लो अब तुम्हे भी लग गयी हल्दी आई हॉप तुम्हारी भी शादी जल्दी ही हो जाये”
साहिबा की बात सुनकर पल्लवी और रुबीना हसने लगी , कुछ देर बाद प्रिया भी खिलखिलाकर हंस पड़ी। पल्लवी ने तीनो को अपने पास बुलाया और सब हल्दी का फोटोशूट करवाने लगे।

वर्तमान -:
गाड़ी के हॉर्न से साहिबा अपने वर्तमान में वापस चली आयी। उसने अपना सर पकड़ लिया और एक गहरी साँस ली वह नहीं समझ पा रही थी की आज भी ये सब यादें उसका पीछा क्यों नहीं छोड़ रही थी ? उसने बैग से पानी की बोतल निकाली और एक घूंठ पानी पीकर वापस बैग में रख ली। फ्लाइट में अभी 3 घंटे बाकि थे और ठण्ड बढ़ने लगी थी। साहिबा उठी और वापस एयरपोर्ट की ओर बढ़ गयी

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क्रमश – Tere Ishq Me – 6

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