Sanjana Kirodiwal

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“तेरे इश्क़ में” – 10

Tere Ishq Me – 10

Tere Ishq Me
Tere Ishq Me

साहिबा तैयार होकर नीचे आयी देखा घर में काफी मेहमान जमा हो चुके थे। उसने हलके गुलाबी रंग की कुर्ती और सफ़ेद रंग का पलाजो पहना हुआ था जो की उस पर बहुत अच्छा लग रहा था। लक्ष्य , रुबीना और वरुण एक तरफ खड़े हुए थे साहिबा उनकी तरफ चली आयी। वरुण से साहिबा पहली बार ही मिल रही थी क्योकि वरुण बाकि दोस्तों से पल्लवी की शादी वाले दिन मिला था और तबसे ही सब अच्छे दोस्त थे। साहिबा को देखकर रुबीना ने कहा,”साहिबा इस ड्रेस में बहुत अच्छी लग रही हो”
“थैंक्यू”,साहिबा ने कहा और उन सबके साथ खड़े होकर बाते करने लगी। प्रिया की मेहँदी का फंक्शन था और शाम में डांस का फंक्शन भी था तो सब उन्ही तैयारियों में बिजी थे। पल्लवी ध्रुव का का हाथ पकडे आ रही थी साहिबा ने देखा तो पल्लवी की तरफ चली गयी। उसे जाते देखकर लक्ष्य ने रुबीना से कहा,”तुझे लगता है पल्लवी साहिबा से बात करेगी ?”
“5 साल हो चुके है उस बात को जिसकी वजह से ये दोनों अलग हुई थी , आई विश दोनों सब भूलकर फिर से दोस्त बन जाये”,रुबीना ने अपनी उंगलिया क्रॉस करते हुए कहा
“हां लेकिन तब भी गलती पल्लवी की थी और आज भी शायद उसकी ही है , पहल उसे करनी चाहिए ना की साहिबा को”,लक्ष्य ने कहा
“पहल कोई भी करे बस इन दोनों का रिश्ता पहले जैसा हो जाये”.रुबीना ने कहा
“आई विश टू”,लक्ष्य ने कहा
साहिबा चलकर के सामने आयी कुछ देर दोनों एक दूसरे को देखते रही और फिर साहिबा ने कहा,”कैसी हो पल्लवी ?”
“ठीक हूँ , तुम बताओ”,पल्लवी ने कहा
“बस कट रही है”,साहिबा ने कहा उसकी आवाज में अजीब सा दर्द था और आँखों में उदासी।
पल्लवी को खामोश देखकर साहिबा ने ध्रुव की तरफ देखकर कहा,”ये तुम्हारा बेटा है ?”
“हाँ ध्रुव”,पल्लवी ने कहा तो साहिबा घुटनो पर ध्रुव के सामने बैठी और अपना हाथ उसकी तरफ बढ़ाकर बड़े प्यार से कहा,”हाय ध्रुव”
साहिबा को मुस्कुराते देखकर ध्रुव पहली बार मुस्कुराया , उसे अच्छा लगा की बाकि सबकी तरह साहिबा ने उसके गाल नहीं खींचे। ध्रुव ने साहिबा से हाथ मिलाते हुए कहा,”हाय”
“you know what ? तुम बहुत क्यूट हो , और इन स्पेक्स के साथ और भी क्यूट लग रहे हो buddy”,साहिबा ने उठते हुए कहा
“ये buddy क्या होता है ?”,ध्रुव ने मासूमियत से पूछा
“buddy दोस्त को कहते है”,साहिबा ने सोचते हुए कहा
“तो मैं भी आपको buddy कहकर बुलाऊ”,ध्रुव ने कहा तो साहिबा नीचे झुकी और अपनी बंद मुट्ठी को सामने से ध्रुव की मुट्ठी पर मारते हुए कहा,”या स्योर”
साहिबा एक बार फिर पल्लवी के सामने खड़ी थी और कहने लगी,”तुम्हारा बेटा बहुत स्वीट है पल्लवी”
“वक्त कितनी जल्दी गुजर गया ना साहिबा , पुरे 5 साल बाद हम लोग मिल रहे है”,पल्लवी ने कहा
“नहीं पल्लवी 5 साल 4 महीने 27 दिन बाद हम लोग मिल रहे है”,साहिबा ने पल्लवी के चेहरे की तरफ देखते हुए कहा तो पल्लवी के मन में एक चुभन का अहसास हुआ। एक दर्द का अहसास जो इस वक्त साहिबा की आँखों में दिख रहा था। पल्लवी का चेहरा उदासी से घिर गया ये देखकर साहिबा ने मुस्कुराते हुए कहा,”मैं प्रिया से मिलकर आती हूँ”
साहिबा वहा से चली गयी लेकिन पल्लवी के जहन में यादो का एक दौर छोड़ गयी। पल्लवी को अहसास हुआ की अनजाने में ही सही उसने साहिबा को बहुत हर्ट किया है। वह अश्विनी के पास आयी और खुश होकर कहा,”अश्विनी उसने मुझसे बात की , इतने सालो बाद उसने मुझे मेरे नाम से पुकारा अश्विनी ,, वो आज भी वैसी ही है कुछ भी नहीं बदला है अश्विनी,,,,,,,,,,,,,,,,मैंने , मैंने उसे कितना हर्ट किया है ये सिर्फ मैं ही जानती हूँ”
पल्लवी की बाते सुनकर अश्विनी ने कहा,”पल्लवी तुम्हारा और साहिबा का यहाँ एक साथ आना इस बात की ओर इशारा करता है की तुम दोनों को अपनी दोस्ती को एक और मौका देना चाहिए। पास्ट में जो गलतिया तुमसे हुई है उन्हें अब सुधारा जा सकता है”
“तुम सही कह रहे हो अश्विनी मैंने जो किया उसके बाद शायद साहिबा मुझे कभी माफ़ ना करे लेकिन फिर भी जाने से पहले मैं उस से माफ़ी मांग लुंगी ,, पिछले 5 सालो से जिस गिल्ट में मैं जी रही हूँ शायद कुछ कम हो जाये”,कहते हुए पल्लवी की आँखे कुछ नम हो गयी। अश्विनी ने देखा तो उसे साइड हग किया और कहा,”बी स्ट्रांग पल्लवी तुम दोनों की दोस्ती इतनी भी कमजोर नहीं है , तुम्हे क्या लगता है वो यहाँ शादी देखने आयी है , नहीं वो यहाँ सिर्फ तुम्हारे लिए आयी है।”
“हम्म्म्म !”,पल्लवी ने अपनी आँखों के किनारे साफ करते हुए कहा
“मम्मा आप रो रही है ?”,ध्रुव ने पल्लवी को आंसू पोछते देखा तो पूछा
“नहीं बेटा ये तो बस ख़ुशी के आंसू है”,कहते हुए पल्लवी ने ध्रुव को अपनी गोद में उठा लिया और अश्विनी के साथ बाकी दोस्तों की तरफ चली गयी।

हॉल में सबके बीच बैठी प्रिया को मेहँदी लग रही थी। साहिबा भी उसके पास बैठी थी और एन्जॉय कर रही थी। कुछ देर बाद प्रिया ने कहा,”साहिबा उस दिन तुम अचानक चली गयी थी किसी को अच्छा नहीं लगा , पार्थ मुझसे पूछने आया था की तुम क्यों गयी ? पल्लवी से भी उसकी बहस हुई और उसकी बातो से लगा जैसे वो भी तुम्हे चाहता है ,, इन 5 सालो में क्या तुम्हारी कभी पार्थ से बात नहीं हुई ?”
प्रिया के इस सवाल से साहिबा खामोश हो गयी , उसके चेहरे पर बेचैनी दिखाई देने लगी। साहिबा के होंठ बोलना चाहते थे पर जैसे साहिबा ने उन्हें रोक रखा था। प्रिया ने देखा तो दबी आवाज में कहा,”बोलो साहिबा क्या इन 5 सालो में तुम कभी पार्थ से नहीं मिली ?”
“प्रिया मैं थोड़ी देर में आती हूँ”,साहिबा ने उठते हुए कहा तो प्रिया ने उसका हाथ पकड़कर उसे वापस बैठा लिया और कहा,”ऐसे कब तक खुद से भागती रहोगी साहिबा , मैं जानती हूँ की तुम और पार्थ दोनों एक दूसरे को बहुत पसंद करते हो लेकिन सिर्फ पल्लवी के लिए चुप हो। तुम्हारी आँखों में दिखता है साहिबा की तुम्हे आज भी उस से प्यार है”
“ऐसा कुछ नहीं है प्रिया”,साहिबा ने प्रिया से नजरे चुराते हुए कहा
“अच्छा तो फिर उसका नाम सुनते ही तुम्हारे चेहरे का रंग क्यों उड़ गया ? क्यों तुम उसका नाम सुनते ही बैचैन हो गयी। पार्थ को लेकर तुम्हारे मन में फीलिंग्स अब भी है साहिबा उन्हें मत दबाओ ,, हम सब मिलकर पल्लवी से बात करेंगे वो मान जाएँगी”,प्रिया ने कहा तो साहिबा उसकी तरफ पलटी और उसकी आँखों में कहने लगी,”जिस प्यार की तुम बात कर रही हो , जिन फीलिंग्स की तुम बात कर रही हो उन्हें किसी बक्से में डालकर , ताला लगाकर , उस ताले की चाबी को एक गहरे समंदर में फेंक दिया है मैंने जो अब कभी नहीं खुलेगा। प्रिया अगर तुम चाहती हो मैं यहाँ रुकू , तुम्हारी खुशियों में शामिल रहू तो प्लीज दोबारा इस बारे में बात मत करना ,,, वो सब अतीत था और ये वर्तमान है सो प्लीज”
साहिबा की आँखों में आंसू उभर आये थे अतीत की यादे इतनी बुरी थी की वह इस बारे में कोई बात करना नहीं चाहती थी। प्रिया ने देखा तो कहा,”सॉरी मैं तुम्हे हर्ट करना नहीं चाहती थी”
“इट्स ओके”,कहते हुए साहिबा उठी और वहा से चली गयी।

शाम में डांस के फंक्शन की तैयारी वही बाहर लॉन में की थी। सभी तैयार होकर चले आये। प्रिया , साहिबा , रुबीना और लक्ष्य एक रूम में ठहरे थे और बगल वाले कमरे में अश्विनी , पल्ल्वी और ध्रुव” साहिबा ने लाल बॉर्डर वाली , काले रंग की नेट की साड़ी पहनी थी और साथ में बॉटम नेक ब्लाउज भी। बालो को उसने नीचे से कर्ल किया हुआ था और नार्मल मेकअप लेकिन उसमे भी वो बहुत अच्छी लग रही थी। लक्ष्य , रुबीना और प्रिया पहले ही नीचे जा चुके थे। तैयार होकर
साहिबा कमरे से बाहर निकली और जैसे ही बगल वाले कमरे के सामने से गुजरी उसकी नजर कमरे में खड़ी पल्लवी पर चली गयी जो की आईने के सामने खड़ी साड़ी के पल्लू को पिन अप करने की कोशिश कर रही थी। साहिबा ने देखा तो वह अंदर चली आयी और उसके हाथ से पिन लेते हुए कहा,”,लाओ मैं कर देती हूँ”
“हम्म्म्म !”,पल्लवी ने छोटा सा जवाब दिया। साहिबा ने उसका पल्लू पिन आप किया और कहा,”ये बाल कैसे बनाये है तुमने ? लाओ मैं सही कर देती हूँ”,कहते हुए साहिबा ने बिना पल्लवी का जवाब सुने उसके बालो को सही करना शुरू कर दिया और कहने लगी,”पता है कॉलेज फंक्शन में भी तुम हमेशा ऐसे ही भोंदू सी बनकर जाया करती थी और फिर मैं तुम्हारे बाल और तुम्हारा मेकअप किया करती थी।”
“तुम्हे ये सब अब तक याद है ?”,पल्लवी ने हैरानी से कहा
“मुझे तो ये भी याद है की एक बार टूटते तारे को देखकर तुमने विश मांगी थी की हमारी दोस्ती हमेशा बरक़रार रहेगी”,साहिबा कहते कहते भावुक हो गयी
“हाँ , और तुमने माँगा था की मेरी हर विश पूरी हो”,पल्लवी ने कहा
“मैं आज भी हर मंदिर मस्जिद के सामने यही दुआ करती हूँ की तुम्हारी हर विश पूरी हो ,, अपने लिए कुछ मांगकर करुँगी भी क्या अकेली इंसान हूँ जिसके आगे पीछे कोई नहीं है ,, इसलिए तुम सबके लिए मांग लेती हूँ”,साहिबा ने कहा तो पल्लवी को अपनी कही बात याद आ गयी,”तुम अकेली नहीं हो साहिबा मैं हमेशा तुम्हारे साथ हूँ , तुम्हारी फैमिली बनकर”
पल्लवी को खोया हुआ देखकर साहिबा ने कहा,”i think हमे अब नीचे चलना चाहिए”
“तुम चलो मैं आती हूँ”,पल्लवी ने कहा तो साहिबा वहा से चली गयी। साहिबा की बाते सुनकर पल्लवी का मन एक बार फिर भारी हो गया। कुछ देर वह कमरे में रुकी और फिर नीचे चली आयी। ध्रुव ने साहिबा को देखा तो उसके पास चला आया और कहा,”buddy उन सबके साथ मुझे बोर लग रहा है मैं आपके साथ रहूंगा”
“ओके”,कहते हुए साहिबा उसका हाथ पकडे साइड में चली गयी और दोनों जाकर कुर्सियों पर बैठ गए। पल्ल्वी नीचे आयी उसने अश्विनी से पूछा,”ध्रुव कहा है ?”
“वो साहिबा के साथ है , तुम इंजॉय करो मैं वहा वरुण के साथ हूँ”,कहते हुए अश्विनी चला गया। पल्लवी ने अपनी मम्मी को फोन लगाया। फोन लगाए हुए वह जैसे ही पलटी उसे सामने गेट से अंदर आते हुए अपने मम्मी पापा दिखाई दिए जो की प्रिया की शादी के लिए आये थे। पल्लवी उनके पास आयी और उनसे मिली। अपने मम्मी पापा के साथ पल्लवी प्रिया के पास चली आयी।
“buddy मुझे वाशरूम जाना है”,साहिबा की बगल में बैठे ध्रुव ने कहा
“ठीक है चलो”,साहिबा ने उठते हुए कहा और ध्रुव के साथ वहा से चली गयी। चलते चलते ध्रुव को सामने से पार्थ आता दिखाई दिया उसने साहिबा का हाथ छोड़ा और दौड़कर पार्थ के पास जाते हुए कहा,”मामू , मामू , मामू”
साहिबा ने देखा पार्थ सामने दौड़ा जा रहा है वह उसके पीछे चली आयी। सामने से आती लाइट की वजह से वह पार्थ को नहीं देख पाई और एक दम से उसके सामने आकर खड़े हो गयी और नीचे खड़े ध्रुव से कहा,”ध्रुव तुम यहाँ क्यों चले आये ? तुम्हे तो वाशरूम जाना था ना”
पार्थ के कानो में जैसे ही साहिबा की आवाज पड़ी उसका दिल धड़क उठा। पुरे 5 साल बाद वह आवाज को सुन रहा था। पार्थ ने हैरानी से सामने खड़ी लड़की को देखा वह कोई और नहीं साहिबा ही थी जो पार्थ को वहा से चलने के लिए कह रही थी। पार्थ का दिल आज भी उसी लय में धड़क रहा था उसने कभी सोचा
नहीं था की साहिबा से उसकी मुलाकात ऐसे होगी।
“buddy ये मेरे मामू है”,ध्रुव ने पार्थ का हाथ पकड़ते हुए साहिबा से कहा। साहिबा की नजर पार्थ के हाथ पर चली गयी उसके हाथ में जो घडी थी वह साहिबा को जानी पहचानी सी लगी। उसका दिल धड़क उठा ऐसी घडी तो सालो पहले उसने पार्थ को दी थी।
“नहीं नहीं ये पार्थ नहीं हो सकता”,साहिबा ने अपने मन में कहा और जैसे ही सामने खड़े लड़के को देखा उसका दिल धड़कने लगा वह पार्थ ही था जो उसे देखे जा रहा था। ना साहिबा ने कुछ कहा ना पार्थ कुछ कह पाया बस दोनों एक दूसरे को देखते रहे। गुजरे वक्त की यादें उन दोनों की आँखों के सामने किसी फिल्म की तरह चलने लगी। एक दूसरे को लेकर जो भावनाये उनके मन में थी वो उनकी आँखों में दिख रही थी।

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क्रमश – Tere Ishq Me – 11

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संजना किरोड़ीवाल

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