हाँ ये मोहब्बत है” – 44
Haan Ye Mohabbat Hai – 44
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Haan Ye Mohabbat Hai – 44
अगली सुबह विजय जी हॉल में थे रघु सुबह का अख़बार लेकर आया उसे परेशान देखकर विजय जी ने कहा,”क्या हुआ रघु ऐसा क्या छपा है अख़बार में ? ला जरा दिखा मुझे”
विजय जी ने रघु के हाथ से अख़बार लेकर देखा तो पाया की अख़बार के पहले पन्ने पर अक्षत को लेकर बहुत ही नेगेटिव खबर छपी है। वो खबर छवि दीक्षित केस में अक्षत के हार जाने और विक्की सिंघानिया की जीत की खबर छपी थी खबर के साथ साथ माधवी दीक्षित का अक्षत को लेकर बयान था कि कैसे एडवोकेट अक्षत व्यास ने उनकी बेटी के साथ नाइंसाफी की , साथ में और भी कई भद्दे इल्जाम जो उस अख़बार में साफ़ साफ लिखे हुए थे।
कुछ हेडलाइन्स भी थी जिनमे लिखा था “छवि दीक्षित केस की आखरी सुनवाई में आखिर क्यों खामोश रहे अक्षत व्यास ?” “क्या अक्षत व्यास है गौतम सिंघानिया का आदमी ?” “छवि दीक्षित केस में क्या अक्षत व्यास भी है गुनहगार ?” ऐसी बातो से आज के अख़बार का पहला पन्ना पूरा भरा हुआ था जो की चीख चीख कर अक्षत की हार की गवाही दे रहा था। विजय जी ने बुझे मन से अख़बार को समेटकर रद्दी में डाल दिया।
रघु वहा से चला गया विजय के चेहरे पर परेशानी के भाव उभर आये अगर गलती से भी अक्षत ने आज का पेपर देखा तो परेशानिया और बढ़ जाएगी। विजय जी ने अख़बार को रद्दी से उठाकर डस्टबिन में डाल दिया ताकि वह अक्षत के हाथ ना लगे। वे मीरा की तबियत के बारे में पूछने उसके कमरे में चले आये लेकिन मीरा सो रही थी। विजय जी ने राधा से पूछा तो उन्होंने बताया की मीरा की हालत में अब थोड़ा सुधार है। विजय जी बाहर चले आये उन्होंने देखा अमर जी आये है वे उनके पास चले आये।
अमर जी ने मीरा की तबियत के बारे में पूछा और फिर विजय जी के साथ घर के बाहर लॉन में चले आये। अमायरा को गुजरे एक दिन हो चुका था और व्यास हॉउस का माहौल अब भी गमगीन था।
सुबह सुबह अखिल के फोन से अर्जुन की नींद खुली उसने फोन उठाया और अखिल से बात की अखिल की बात सुनकर अर्जुन की नींद उड़ गयी। शहर में अक्षत को लेकर काफी नेगेटिव बातें हो रही थी। छवि दीक्षित केस की हार के लिए साफ तौर पर अक्षत को जिम्मेदार ठहराया जा रहा था।
अर्जुन ने अपना सर पकड़ लिया एक के बाद एक मुसीबतो का पहाड़ अक्षत मीरा पर टूटते जा रहा था उसने फोन रखा और जल्दी से नीचे आया हॉल में जीजू को देखकर अर्जुन ने कहा,”जीजू आपने सूना बाहर लोग अक्षत के बारे में कैसी कैसी बाते कर रहे है ? कह रहे है उसने जान बुझकर छवि दीक्षित केस को कमजोर बनाया,,,,,,,,,,,,,,,,,,जीजू ऐसा कभी नहीं हो सकता आशु सब कर सकता है लेकिन गलत चीज को सपोर्ट कभी नहीं करेगा”
“हाँ अर्जुन अभी अभी कम्पनी से मैनेजर का फोन आया था उन्होंने मुझे इस बारे में बताया , आज के अख़बार में अक्षत के लिए काफी हेडलाइन्स छपी है , जो की सब झूठ है लेकिन इन अफवाहों से अक्षत का नाम और उसका करियर दोनों ख़राब हो जायेंगे”,सोमित जीजू ने कहा
“हमे अक्षत से इस बारे में बात करनी चाहिए , कही अमायरा के लिए तो वो जान बुझकर ये केस नहीं हारा है ?”,कहते हुए अर्जुन ने जैसे ही जाने की कोशिश की जीजू ने उसका हाथ पकड़कर उसे रोक लिया और कहा,”पागल मत बनो अर्जुन इस वक्त अक्षत जिन हालातों से गुजर रहा है उसे ये सब बताकर हमे उसकी परेशानियों को और नहीं बढ़ाना चाहिए।”
“लेकिन जीजू,,,,,,,,,,,,,जबसे अक्षत इस केस में आया है तब से ही उसकी जिंदगी में ये परेशानिया आनी शुरू हो चुकी थी। अक्षत को इस केस से हटाने के लिए उन लोगो ने अमायरा को अपना निशाना बनाया क्योकि वे लोग जानते थे कि अक्षत अपनी बेटी को बचाने के लिए किसी भी हद तक जाएगा और फिर उन लोगो ने हमारी अमायरा को भी,,,,,,,,,,,,,,,,,,मैंने कहा था उस से कि ये केस मत लड़ लेकिन उसने मेरी एक नहीं सुनी और हमने हमारी अमायरा को खो दिया जीजू”,अर्जुन ने गुस्से और तकलीफ भरे शब्दों में कहा
“वो एक लॉयर है अर्जुन इंसाफ के लिए लड़ना उसका फर्ज है”,जीजू ने अर्जुन को समझाते हुए कहा
“तो क्या इंसाफ के लिए वो अपने परिवार की जिंदगी को दाँव पर लगा देगा ? उसकी इस जिद की वजह से हमने अमायरा को खो दिया , उस लड़की ने कानून से इंसाफ की उम्मीद खो दी , जीजू मैं ये नहीं कह रहा की आशु गलत था लेकिन अब जो उसके साथ हो रहा है वो गलत हो रहा है,,,,,,,,,,,,,,,,सब गलत हो रहा है जीजू”,अर्जुन ने दुखभरे स्वर में कहा
“ये वक्त हम सबके लिए बहुत मुश्किल है अर्जुन लेकिन अगर हम सब उसके साथ रहे तो मुझे यकीन है हम उसे इस दुःख से उबार लेंगे”,जीजू ने उम्मीद भरे स्वर में कहा वे हर परिस्तिथि में अक्षत के साथ थे।
अर्जुन और सोमित जीजू बात कर ही रहे थे की डॉक्टर के आने से उनकी बात बीच में ही रुक गयी। डॉक्टर ने मीरा का चेकअप किया।
मीरा की तबियत में थोड़ा सुधार था इसलिए उन्होंने नर्स से ऑक्सीजन हटाने को कहा और कुछ इंजेक्शन के बाद सिर्फ ड्रिप लगा दी ताकि मीरा जल्द से जल्द ठीक हो जाये। इंजेक्शन की वजह से मीरा नींद में थी और डॉक्टर भी यही चाहते थे की मीरा ज्यादा से ज्यादा सोये ताकि इस हादसे को भूलने में आसानी हो। ट्रीटमेंट के बाद अर्जुन डॉक्टर को छोड़ने बाहर तक चला आया।
कोर्ट में हर तरफ अक्षत के बारे में बातें हो रही थी। उसके साथी वकीलों को पता चला की उसकी बेटी की किसी ने ह्त्या कर दी है। कुछ को अक्षत से सहानुभूति हुई तो कुछ लोग उसकी बेटी की मौत को छवि दीक्षित केस से जोड़कर देखने लगे। सिंघानिया जी के कहने पर मीडिआ वालो ने भी इस केस के बाद अक्षत का नाम अख़बार में खूब उछाला। अखिल को जब पता चला तो उसने अर्जुन से बात की , हालाँकि छवि के केस को लेकर अखिल अक्षत से नाराज था लेकिन जब उसे अक्षत के साथ हुए हादसे के बारे में पता चला तो उसे बहुत दुःख हुआ।
दो दिन से अक्षत कोर्ट नहीं आ रहा था और चित्रा भी किसी कारणवश कोर्ट नहीं आ पायी छवि के साथ हुए अन्याय के बाद वह अक्षत से नाराज थी लेकिन सुबह जब उसने अख़बार में अक्षत के खिलाफ खबर देखी तो खुद को उस से मिलने से रोक नहीं पायी और कोर्ट चली आयी। चित्रा किसी से बात ना करके सीधा अक्षत के केबिन में चली आयी। अक्षत अपने केबिन में नहीं था ना ही सचिन वहा था। वह कुर्सी पर आ बैठी और अक्षत के आने का इंतजार करने लगी अक्षत के साथ हुए हादसे के बारे में उसे कुछ नहीं पता था।
कुछ देर बाद चित्रा की नजर टेबल पर बिखरी फाइल्स पर पड़ी उसने उन्हें इकट्ठा किया और उठाकर जैसे ही अलमारी की तरफ बढ़ी। चेहरे पर उदासी लिए सचिन केबिन में दाखिल हुआ।
“क्या हुआ सब ठीक है ना ?”,चित्रा ने सचिन को परेशान देखकर कहा
सचिन ने चित्रा की तरफ देखा और रोआँसा होकर कहने लगा,”नहीं कुछ भी ठीक नहीं है , अक्षत सर के साथ इस वक्त जो हो रहा है भगवान वो किसी दुश्मन के साथ भी ना करे। छवि दीक्षित केस में चुप रहने के लिए उन्हें मजबूर किया गया था और वो रहे भी लेकिन आखिर में क्या हुआ ? उन लोगो ने उनकी 3 साल की बेटी को बेरहमी से मार डाला,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,!!!”
सचिन के मुंह से अक्षत की बेटी शब्द सुनते ही चित्रा को एक धक्का सा लगा और उसके हाथ से फाइल्स छूटकर नीचे जा गिरी,,,,,,,,,,,,,,,,!
सचिन निचे गीरी फाइल्स को उठाते हुए कहने लगा,”इस दुनिया में सच्चाई की कोई कीमत नहीं है चित्रा , हर पैसे वाला सच के साथ साथ , कानून और इंसान भी खरीद सकता है और अगर नहीं खरीद पाए तो उसे मजबूर कर देता है,,,,,,,,,,,,,,,,,क्या गलती थी अक्षत सर की ? ये की उन्होंने एक रेप विक्टिम के लिए केस लड़ा या फिर ये कि अपनी बेटी को बचाने के लिए वो भरी अदालत में चुप रहे।
छवि के साथ जो हुआ उसका हम सबको दुःख है लेकिन उस केस के चलते अक्षत सर के साथ जो हुआ उसे कोई क्यों नहीं देख पा रहा ? मिडिया वाले अख़बार वाले सब छवि दीक्षित केस को लेकर उनकी इज्जत की धज्जिया उड़ा रहे है लेकिन उन्होंने अपनी 3 साल की बेटी को हमेशा हमेशा के लिए खो दिया ये कोई क्यों नहीं दिखाता ? इस वक्त वो और उनका परिवार जिस दर्द से गुजर रहा है वो दर्द क्यों नहीं लिखते ये अख़बार वाले,,,,,,,,,,,,कोई अक्षत सर का साथ दे या ना दे मैं उनके साथ हूँ और हमेशा रहूंगा”
सचिन की बातें सुनकर चित्रा को अहसास हुआ की अक्षत को समझने में उस से बहुत बड़ी भूल हुयी है वह सचिन के पास आयी और कहा,”अक्षत सर शादीशुदा है ?”
“ये कैसा अजीब सवाल है चित्रा , यहाँ सबको पता है कि वो शादीशुदा है और उनकी एक बेटी भी थी जो अब इस दुनिया में नहीं रही,,,,,,,,,,,,,,,,,!”,सचिन ने दुःख जताते हुए कहा।
चित्रा ने जैसे ही सूना कि अक्षत शादीशुदा है उसका दिल टूट गया साथ ही उसे अक्षत की बेटी के बारे में जानकर भी काफी दुःख हो रहा था। छवि दीक्षित केस में अक्षत के चुप रहने की वजह चित्रा को अब समझ आ रही थी वह अक्षत से मिलने के लिए बैचैन हो उठी और सचिन से कहा,”मुझे उनसे मिलना है क्या तुम्हे उनके घर का एड्रेस पता है ?”
“हाँ लेकिन मुझे नहीं लगता ऐसे हालातों में तुम्हे वहा जाना चाहिए सर अभी किसी से नहीं मिलना चाहते उन्होंने साफ मना कर दिया है”,सचिन ने चित्रा की तरफ पलटकर कहा
“लेकिन मेरा उनसे मिलना बहुत जरुरी है , अनजाने में हम सबने उन्हें गलत समझा बिना ये जाने कि वो किस दौर से गुजर रहे है हर किसी ने उन्हें बुरा भला कहा,,,,,,,,,,,,,,,,,,तुम , तुम मुझे छवि दीक्षित केस की फाइल दो”,छवि ने बेचैनी भरे स्वर में कहा
“तुम क्या करना चाहती हो ?”,सचिन ने पूछा
“मैं इस केस को स्टडी करके इसे फिर से रीओपन करवाना चाहती हूँ”,चित्रा ने कहा
“चित्रा तुम एक इंटर्न हो अदालत तुम्हे ये केस लड़ने की परमिशन नहीं देगी ना ही तुम चोपड़ा जी के सामने टिक पाओगी। अपने बेटे को बचाने के लिए सिंघानिया किसी भी हद तक जा सकता है वैसे भी अदालत उसे 6 महीने की सजा सूना चुकी है इसमें अब तुम कुछ नहीं कर पाओगी,,,,,,,,,,,,,,,,,!!”,सचिन ने चित्रा को समझाते हुए कहा।
“हाँ मैं जानती हूँ लेकिन इन 6 महीनों में मेरी इंटर्नशिप पूरी हो जाएगी और उसके बाद मैं ये केस रीओपन कर सकती हूँ। मैं नहीं चाहती विक्की सिंघानिया जेल से बाहर आये और फिर किसी छवि की जिंदगी खराब हो।
अक्षत सर उसे इंसाफ दिलाना चाहते थे लेकिन बदले में उन्होंने अपनी बेटी को खो दिया मैं उनके लिए इस केस को फिर से रीओपन करवाउंगी सचिन,,,,,,,,,,,,,,,,,बस मुझे तुम्हारी मदद चाहिए”,चित्रा ने सचिन की आँखों में देखते हुए कहा
“तुम्हारा ये फैसला तुम्हे बड़ी परेशानी में डाल सकता है चित्रा”,सचिन ने कहा
“मैं अक्षत को सही साबित करने के लिए कुछ भी करुँगी”,चित्रा ने कहा तो सचिन उसकी आँखों में देखने लगा जिनमे अक्षत के लिए एक आकर्षण और लगाव नजर आ रहा था। सचिन ने चित्रा के हाथ पर अपना हाथ रखा और हां में गर्दन हिला दी।
अमायरा की किडनेपिंग और उसकी मौत की खबर शहर में आग की तरह फ़ैल गयी। छवि दीक्षित केस और अमायरा की मौत को एक दूसरे से जोड़कर देखा जा रहा था और लोग तरह तरह की बातें बना रहे थे। इंस्पेक्टर कदम्ब अक्षत से मिलना चाहते थे लेकिन अक्षत ने मना कर दिया वह इस हादसे को पुलिस और अदालत में ना घसीटकर खुद ही इसकी तह तक जाना चाहता था। व्यास हॉउस में रिश्तेदारों और आस पास के लोगो का आना जाना लगा हुआ था।
सभी घर में ही थे। काव्या चीकू के लिए स्कूल से भी कुछ दिनों की छुट्टी ले ली। विजय जी और अर्जुन ने अपने ऑफिस कुछ दिनों के लिए बंद कर दिया। चाइल्ड होम में जब इस हादसे के बारे में पता चला तो सबको बहुत दुःख हुआ। अखिलेश अपने गाँव गया हुआ था इसलिए उसे इस बात की कोई खबर नहीं थी।
सिंघानिया जी ने अपने बेटे को रेप केस से तो बचा लिया लेकिन अभी वो जेल में था और इस बात से सिंघानिया जी बहुत दुखी थे। उन्होंने विक्की को बचाने के लिए अपने सबसे वफादार नौकर रॉबिन को बलि का बकरा बनाया और सारा इल्जाम उस पर डाल दिया। इस घटना के बाद से ही VS ग्रुप एंड कम्पनी के शेयर्स रातोंरात गिरने लगे और सिंघानिया जी को काफी नुकसान हुआ। कई बड़ी कम्पनियो ने धीरे धीरे उनसे अपने रिश्ते खत्म करने शुरू कर दिए जिनके चलते सिंघानिया जी काफी परेशानी में आ गए।
छवि के मामा चाहते थे की छवि और माधवी उनके साथ ये शहर छोड़कर उनके घर चले लेकिन माधवी ने साफ मना कर दिया। वे इसी शहर में रहकर उन सब लोगो की बर्बादी देखना चाहती थी जिन्होंने उनकी बेटी की जिंदगी बर्बाद कर दी थी। माधवी जी के रिश्तेदारों ने उनसे बातचीत बंद कर दी। आस पास वाले उनके और छवि के बारे में तरह तरह की बातें बनाने लगे जो लोग केस के वक्त तक उन्हें सपोर्ट करने की बात कर रहे थे अब वो ही उनके खिलाफ थे। लेकिन माधवी दीक्षित ने हार नहीं मानी वे पूरी हिम्मत के साथ अपनी बेटी के साथ खड़ी थी।
कोर्ट में अक्षत को लेकर कई तरह की बातें की जा रही थी। छवि दीक्षित केस काफी चर्चित था ऐसे में अक्षत का उस केस की आखरी सुनवाई में खामोश रहना सबको उलझन में डाले हुए था। अक्षत ने ऐसा क्यों किया ये बात सिर्फ माथुर साहब , अखिल , चित्रा और सचिन को पता थी और वे चारो ही नहीं चाहते थे कि ये बात बाहर आये लेकिन अक्षत के साथ होते अन्याय को भी वे देख नहीं पा रहे थे।
अक्षत कोर्ट नहीं आ रहा था दूसरे वकीलों ने इसका फायदा उठाया और उसके क्लाइंट्स को अपनी तरफ करके अक्षत से सारे केस एक एक करके छीन लिए। सचिन चाहकर भी इसमें कुछ नहीं कर पा रहा था बस तमाशा देख रहा था। एक केस ने अक्षत की पूरी जिंदगी बदल दी थी।
देखते ही देखते एक हफ्ता गुजर गया अक्षत दिनभर अपने कमरे में बैठा अमायरा को याद करते हुए आँसू बहाता रहता। मीरा की तबियत में भी कोई खास सुधार नहीं था उसे दिनभर ड्रिप चढ़ाई जाती और सुलाने के लिए इंजेक्शन लगाये जाते क्योकि होश में आते ही वह अमायरा के लिए रोने लगती। इस एक हफ्ते में उसका चेहरा मुरझा चुका था , आँखों के नीचे काले घेरे हो गए , शरीर कमजोर हो गया और रोने से आँखे सूज चुकी थी। इतने दिन बाद भी मीरा अमायरा की मौत को स्वीकार नहीं कर पा रही थी।
घर का माहौल धीरे धीरे बदलने लगा और सभी अपनी दिनचर्या में शामिल होने लगे लेकिन काफी कुछ था जो बदल चुका था। व्यास फैमिली जो कैसी भी परिस्तिथिया हो हमेशा साथ बैठकर खाना खाती थी लेकिन अमायरा के जाने के बाद से ये बंद हो चुका था। चीकू काव्या अपने स्कूल वापस जाने लगे थे पहले दोनों दिनभर हसते-मुस्कुराते मस्ती करते रहते थे लेकिन अमायरा के जाने के बाद से दोनों के चेहरे की मुस्कराहट गायब सी हो गयी। विजय जी घर में ही रहते थे लेकिन सोमित जीजू और अर्जुन ऑफिस जाने लगे।
ऑफिस जाने के बाद भी दोनों दिनभर फोन करके अक्षत और मीरा के बारे में पूछते रहते थे। राधा , नीता , तनु तीनो मीरा के आस पास ही रहती थी। नक्ष की तबियत खराब होने की वजह से निधि को भी अपने ससुराल वाले घर में जाना पड़ा। हनी मीरा और अक्षत से मिला उन्हें देखकर हनी का चेहरा भी उतर गया हमेशा सख्त रहने वाले अक्षत की आँखों में जब उसने आँसू देखे तो उसकी भी आँखे भर आयी।
अमर जी भी कुछ दिन से व्यास हॉउस में ही थे , बाकि सब की तरह वे भी अपने काम और जिम्मेदारियों से पूरी तरह से दूर थे। विजय जी के कहने पर उन्होंने फिर से अपना काम देखना शुरू कर दिया लेकिन हर शाम वे मीरा से मिलने व्यास हॉउस जरूर आते थे। सब अक्षत मीरा के साथ थे और उन दोनों के दर्द को बांटने की कोशिश कर रहे थे। जहा सब मीरा के आसपास रहते थे वही अक्षत घंटो अकेला अपने कमरे में रहता। अमायरा की यादें उसे घेरे रहती।
इस एक हफ्ते में वह कई बार मीरा के सामने गया लेकिन उसे देखकर हर बार मीरा ने अपना चेहरा घुमा लिया। अक्षत सब बर्दास्त कर सकता था लेकिन मीरा की नाराजगी नहीं पर इस बार मीरा उस से बहुत नाराज थी। अक्षत बार बार उसके सामने जाकर उसे हर्ट करना नहीं चाहता था इसलिए जब मीरा नींद में होती तब अक्षत उस कमरे में जाता दूर खड़ा उसे देखते हुए आँसू बहाता और अपने कमरे में चला आता। अक्षत के लिए मीरा की नाराजगी देखकर घर में सबको दुःख होता लेकिन इस वक्त वे मीरा से कुछ कहना नहीं चाहते थे।
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संजना किरोड़ीवाल
Yeh sab subh ka kiya dhara hai 😭😭
Kya meera.akshat koi samajh payegi
Kya Akshat wasap sabh normal kar payegi ya fhir chitra unhke liye sabh thik karegi
Kya Chitra ye case Jeet payegi
Akshat or Meera ke bech sab sahi ho payega ya unke bech dure n a jaye Chitra ye kes jeet payege is kes ke re open hone se sare raj khul jayenge
Meera ki narajagi khi Akshat ko tod na de
Akshat Meera ki Narazki zyada din tak bardash nahi kar payega kahi voh puri tarah se toot na jaye…Chitra aur Sachin dono milkar firse Chavi ki case ki study karge Akshat per lage inzaam hatane ki koshish kar na chahate..Chitra ko bura laga jankar ki Akashat Married hai..aur Saath dukh bi hua ki unki beti nahi rahi is case ke chalte…
Very nice part
Sb bikhar rha h kse theek hoga sb kuch
Aashu k upper musibat ka pahad tut gya h…amu ja chuki h case haar gya image ja chuki h or meera naraz h… meera ki narazgi use jeene nhi degi
Sab bikhar gyaa 😭😭