“हाँ ये मोहब्बत है” – 38
Haan Ye Mohabbat Hai – 38
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Haan Ye Mohabbat Hai – 38
किचन में काम कर रही मीरा अमायरा को देखने बाहर आयी तो उसे अमायरा हॉल में दिखाई नहीं दी। मीरा अमायरा को आवाज लगाते हुए सोफे की तरफ आयी। दूध का ग्लास आधा भरा था उसे देखकर हैरानी हुई की अमायरा बिना दूध पूरा पिए कहा चली गयी।
“अमु , अमु बेटा कहा है आप ? अमु,,,,,,,,,,,,,!!”,अमायरा को आवाज देते हुये मीरा उसे घर में ढूंढने लगी। राधा ने मीरा को परेशान देखा तो उसके पास आकर कहा,”मीरा क्या हुआ परेशान क्यों हो ?”
“माँ अमायरा नहीं मिल रही , हमने उसे यही हॉल के सोफे पर छोड़ा था पता नहीं अचानक से कहा चली गयी ?”,मीरा ने परेशानी भरे स्वर में कहा
“अरे यही कही होगी मीरा , तुम ऊपर जाकर देखो हो सकता है चीकू काव्या के कमरे में हो या फिर आशु के पास हो”,राधा ने कहा
“हाँ माँ हम उसे देखकर आते है”,कहते हुए मीरा सीढ़ियों की तरफ बढ़ गयी। राधा भी अमायरा को घर में ढूंढने लगी।
मीरा ने ऊपर चीकू के कमरे में देखा , अपने कमरे में देखा , हॉल , बालकनी और छत सब जगह देखा लेकिन अमायरा कही दिखाई नहीं दे रही थी। मीरा घबरा गयी वह रोआँसा होकर नीचे आयी। सोमित जीजू हॉल में ही थे उन्होंने मीरा को घबराया देखा तो कहा,”मीरा क्या बात है इतनी टेंशन में क्यों हो ?”
“जीजू अमायरा नहीं मिल रही , हमने सब जगह ढूंढा लेकिन वो कही नहीं है”,मीरा ने रोआँसा होकर कहा
“तुम परेशान मत हो मैं उसे बाहर देखकर आता हूँ”,कहकर जीजू जैसे ही जाने लगे सीढ़ियों से नीचे आते अर्जुन ने कहा,”क्या हुआ जीजू ?”
“अमायरा लापता है , मीरा बता रही है कि वो घर में कही नहीं है मैं जरा बाहर जाकर देखता हूँ तुम ऊपर देखो”,जीजू ने जाते हुए कहा तो अर्जुन हामी भरते हुए वापस ऊपर चला गया और अमायरा को ढूंढने लगा। मीरा की आँखों में तो नमी उतर आयी किसी अनहोनी के डर से उसका दिल तेजी से धड़क रहा था। अमायरा को ढूंढते हुए वह बरबस ही अपने ईश्वर को याद किये जा रही थी। राधा , अर्जुन , सोमित जीजू , मीरा और साथ ही साथ काव्या चीकू भी अमायरा को ढूंढने लगे लेकिन वह नहीं मिली।
मीरा के सब्र का बांध टूट गया तो वह रो पड़ी उसे कुछ समझ नहीं आ रहा था की एकदम से अमायरा कहा चली गयी उसे रोते देखकर दादी माँ ने कहा,”मीरा ऐसे रोते नहीं बेटा , सब उसे ढूंढ रहे है ना वो मिल जाएगी तुम हिम्मत रखो”
“दादी माँ वो कही नहीं मिल रही है , हमे बहुत घबराहट हो रही है ऐसा लग रहा है जैसे वो किसी मुसीबत में है। उसे कुछ हो गया तो हम,,,,,,,,,,,!!”,कहकर मीरा फिर रोने लगी।
दादी माँ ने मीरा को सम्हाला। सोमित जीजू और रघु ने घर के लॉन , पीछे , पार्किंग सब जगह देखा लेकिन अमायरा नहीं मिली। रघु अमायरा को ढूंढते हुए मेन गेट की तरफ आया जो की खुला था वह जैसे ही गेट बंद करने लगा उसकी नजर नीचे गिरे पर्स पर पड़ी। रघु ने पर्स उठाकर देखा और कहा,”ये तो अक्षत बाबा का है , सोमित जीजू ज़रा यहाँ आईये,,,,,,,,,,,,,,!!”
रघु ने सोमित जीजू को आवाज दी तो वे उसकी तरफ चले आये। रघु ने अक्षत का पर्स सोमित जीजू की तरफ बढ़ाकर कहा,”ये देखिये अक्षत बाबा का पर्स यहाँ गेट पर मिला हमे , हो सकता है अमायरा बिटिया उनके साथ गयी हो”
“मैं उसे फोन करता हूँ”,कहते हुए सोमित जीजू ने अक्षत का नंबर डॉयल किया रिंग जाने लगी। अक्षत पुलिस स्टेशन से कुछ ही दूरी पर था की उसका फोन बजा। स्क्रीन पर जीजू का नंबर देखकर अक्षत ने फोन काटते हुए कहा,”ये जीजू सुबह सुबह क्यों फोन कर रहे है ?”
“ये आशु मेरा फोन क्यों नहीं उठा रहा ?”,दूसरी तरफ जीजू ने फोन कट जाने पर कहा और एक बार फिर अक्षत का नंबर डॉयल कर दिया। एक बार फिर अक्षत का फोन बजा उसने फोन उठाया और कहा,”हाँ जीजू कहिये”
“आशु अमायरा तेरे साथ है क्या ?”,सोमित जीजू ने घबराये हुए स्वर में पूछा
“नहीं जीजू मैं अकेला हूँ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,एक मिनिट आप अमायरा के बारे में क्यों पूछ रहे है ? वो ठीक तो है ना ?”,अक्षत ने एकदम से गाडी का ब्रेक लगाते हुए कहा।
“आशु अमायरा कही मिल नहीं रही है , हम लोगो ने उसे सब जगह ढूंढ लिया लेकिन वो कही मिल नहीं रही,,,,,,,,,,,,,,,मुझे लगा वो तेरे साथ होगी,,,,,,,,,,,,हेलो हेलो आशु तू सुन रहा है ना हेलो,,,,,,,,,,,,!!”,सोमित जीजू कहते ही रह गए और फोन कट गया
“जीजू अमु का कुछ पता चला कहा है वो ? जीजू बताईये ना कहा है हमारी बेटी ?”,मीरा ने रोते हुए कहा
“मीरा शांत हो जाओ हम सब उसे ढूंढ रहे है , तूम अंदर जाओ मैं और रघु उसे बाहर कॉलोनी में देखकर आते है”,सोमित जीजू ने कहा
“जीजू मैं भी चलता हूँ”,कहते हुए अर्जुन भी सोमित जीजू और रघु के साथ घर से बाहर चला गया और तीनो अलग दिशाओ में बढ़ गए। तनु और नीता को जब पता चला तो दोनों मीरा के पास आयी और उसे सम्हाला मीरा तो बस रोये जा रही थी। तनु और नीता उसे अंदर ले आयी। विजय जी और दादू भी परेशान थे।
अक्षत ने जैसे ही सूना की अमायरा नहीं मिल रही उसने फोन काटकर साइड सीट पर फेंका और गाडी को यू टर्न लेकर आगे बढ़ा दी। उसकी आँखों में डर के भाव साफ़ नजर आ रहे थे वह जितनी तेज गाडी चला सकता था उसने चलाई लेकिन कुछ ही दूर जाकर उसे ट्रेफिक से होकर गुजरना पड़ा। अक्षत अमायरा के बारे में सोचते हुए इतना परेशान था की उसने ध्यान ही नहीं दिया उसके बगल में खड़ी गाडी वही थी जिसमे अमायरा थी।
आदमी ने अमायरा का मुंह बंद कर रखा था लेकिन जब अमायरा ने अक्षत को बगल वाली गाड़ी में देखा तो अपना हाथ गाड़ी के शीशे पर भी मारा , उसकी आँखों से आँसू बह रहे थे लेकिन उसकी बुरी किस्मत की अक्षत ने उस ओर ध्यान नहीं दिया और जैसे ही ट्रेफिक क्लियर हुआ अक्षत आगे बढ़ गया साथ ही वह गाड़ी भी विपरीत दिशा में तेजी से आगे बढ़ गयी। अक्षत घर पहुंचा और भागते हुए अंदर आया। उसने देखा सब घरवाले परेशान से हॉल में जमा है।
मीरा ने जब अक्षत को देखा तो रोते हुए उसके पास आयी और कहने लगी,”अक्षत जी हमारी अमु , हमारी बेटी कही नहीं मिल रही है। वो सुबह हमारे साथ ही थी फिर अचानक से पता नहीं कहा चली गईं ? हमे बहुत डर लग रहा है अक्षत जी हमे हमारी बेटी चाहिए , हमारी अमायरा को लेकर आईये पता नहीं वो कहा होगी किसी हाल में होगी ?”
अक्षत ने सूना तो उसके चेहरे पर डर के भाव तैरने लगे उसे सालो पहले हुई घटना याद आ गयी जब मोनालिसा अमायरा को अगवा करके ले गयी थी।
अक्षत का दिल धड़कने लगा उसकी आँखों में बेचैनी के भाव उभर आये। उसने मीरा को चुप कराते हुए कहा,”मीरा , मीरा कुछ नहीं हमारी बेटी को मैं उसे लेकर आता हूँ वो जहा कही भी है मैं उसे ढूंढ लूंगा,,,,,,,,,,,,,,,मैं उसे ले आऊंगा मीरा”
“बेटा मुझे तो लगता है किसी ने जान बुझकर अमायरा को अगवा किया है , हमे पुलिस में कंप्लेंट करनी चाहिए”,विजय जी ने आकर अक्षत से कहा
“लेकिन कोई ऐसा क्यों करेगा पापा ? किसी की मुझसे क्या दुश्मनी है जो वो उसे लेकर जाएगा”,अक्षत ने रोआँसा होकर कहा
“दुश्मनी है आशु,,,,,,,,,,,,,!!”,सोमित जीजू के साथ अंदर आते हुए अर्जुन ने कहा तो सब उसकी तरफ देखने लगे। अर्जुन अक्षत की तरफ आया और कहा,”ये केस तू जिसके खिलाफ लड़ रहा है वो कोई मामूली आदमी नहीं है आशु अपने बेटे को बचाने के लिए वो किसी भी हद तक जा सकता है ये जानता है ना तू”
अक्षत ने सूना तो उसकी तकलीफ गुस्से में बदल गयी और उसने कहा,”अगर ये सब उसने किया है तो मैं उसे छोडूंगा नहीं”
अक्षत गुस्से में जैसे ही जाने को हुआ जीजू ने उसे रोक लिया और कहा,”आशु होश में आ , जल्दबाजी में कोई फैसला मत कर। इस वक्त हमारे लिए अमायरा को ढूंढना ज्यादा जरुरी है। हम सब मिलकर उसे ढूंढते है वो जरूर मिल जाएगी”
“पता नहीं वो किस हाल में होगी मुझे मेरी बेटी चाहिए जीजू”,अक्षत ने कहा। विजय जी ने अपनी जान पहचान में कुछ फोन किये और अमायरा की खबर उन्हें दी ताकि उसके बारे में कोई खबर मिल सके।
विजय जी अर्जुन के साथ अमायरा को ढूंढने घर से निकल पड़े , सोमित जीजू तनु और नीता के साथ उसे कॉलोनी में ढूंढने लगे। अक्षत अकेले ही जाने लगा तो मीरा ने रोते हुए कहा,”हम भी आपके साथ आएंगे अक्षत जी”
“नहीं मीरा तुम यही रुको मैं अमायरा को कुछ नहीं होने दूंगा”,अक्षत ने मीरा की आँखों में देखते हुए कहा तो मीरा की आँखों से आँसू बहकर उसके गालों पर लुढ़क आये। अक्षत तेजी से वहा से निकल गया।
घर में तनाव का माहौल था दादी माँ मंदिर में बैठी अपनी माला फेरते हुए अमायरा के ठीक होने की प्रार्थना कर रही थी। राधा ने मीरा को सम्हाला हुआ था उसका रो रो कर बुरा हाल था। चीकू और काव्या दोनों सहमे हुए से थे , अमायरा को घर में ना पाकर उनके चेहरे पर भी उदासी के भाव घिर आये।
कुछ वक्त बाद निधि हनी के साथ घर में आयी , उसे जब अमायरा के बारे में पता चला तो वह मीरा के पास चली आयी। निधि को देखते ही मीरा रोने लगी और कहा,”निधि , निधि अमायरा सुबह से लापता है उसका कुछ पता नहीं चल रहा है,,,,,,,,,,,हमे बहुत डर लग रहा है निधि”
“मीरा मीरा शांत हो जाओ , अमायरा को कुछ नहीं होगा भाई गए है ना उसे ढूंढने वो मिल जाएगी। तुम हिम्मत मत हारो हमारी अमायरा मिल जाएगी,,,,,,,,मीरा हम सब है ना तुम्हारे साथ चिंता मत करो”,निधि ने मीरा को गले लगाकर उसकी पीठ सहलाते हुए कहा लेकिन मीरा की आँखों से आँसू रुकने का नाम नहीं ले रहे थे।
सुबह से दोपहर होने को आयी लेकिन अमायरा कही नहीं मिली सब घर चले आये सबसे आखिर में अक्षत आया उसे देखते ही मीरा फिर उसके सामने चली आयी और आँखों में आँसू भरकर कहा,”हमारी बेटी कहा है अक्षत जी ? क्या उसके बारे में कुछ पता चला,,,,,,,,,,,,,,,,,बताईये ना आप चुप क्यों है ? कहा है अमायरा ?”
“वो नहीं मिल रही है मीरा मैंने सब जगह देखा वो कही नहीं मिल रही है”,अक्षत ने दर्दभरे स्वर में कहा तो मीरा की आँखों से फिर आँसू बहने लगे।
दादू ने सूना तो विजय जी से कहा,”विजय तुम लोगो को अब और देर नहीं करनी चाहिए , तुम्हे पुलिस में अमायरा के लापता होने की कंप्लेंट करनी चाहिए। पुलिस जरूर इसमें कुछ ना कुछ मदद करेगी ऐसे हाथ पर हाथ रखकर बैठने से कुछ नहीं होगा। वो एक 3 साल की छोटी बच्ची है इस वक्त ना जाने किस हाल में होगी ? मेरी बात मानो और पुलिस में रिपोर्ट करो”
“आप ठीक कह रहे है पापा मैं अभी आशु के साथ पुलिस स्टेशन जाकर रिपोर्ट करवाता हूँ”,विजय जी ने कहा और अक्षत को साथ लेकर जाने लगे।
“मौसाजी मैं साथ चलता हूँ”,सोमित जीजू भी उनके साथ चल पड़े। तीनो अभी दरवाजे की तरफ बढे ही थे की रघु हाथ में एक डिब्बा लेकर आया और कहा,”अक्षत बाबा ये कोई आपके लिए देकर गया है”
अक्षत ने रघु के हाथ से डिब्बा लिया और जैसे ही उसे खोलकर देखा उसकी आँखे फ़टी की फ़टी रह गयी और एक पल के लिए कलेजा मुँह को आ गया। डिब्बे में अमायरा की टीशर्ट के साथ एक कटी हुयी ऊँगली रखी थी जिसे देखकर अक्षत का दिल जोर से धड़कने लगा और आँखों में डर के भाव उभरने लगे।
“इसमें क्या है आशु दिखाना जरा”,कहते हुए जीजू ने अक्षत के हाथ से डिब्बा लेकर जैसे ही देखा उनका कलेजा भी धक से रह गया उन्होंने जल्दी से डिब्बे का ढक्कन बंद कर दिया।
“क्या है इसमें ?”,विजय जी ने पूछा तो जीजू ने डिब्बे को साइड में करते हुए कहा,”क क कुछ नहीं है मौसाजी ऐसे ही किसी ने मजाक किया है मैं इसे फेंककर आता हूँ”
जीजू जैसे ही जाने लगे अक्षत ने उनका हाथ पकड़कर उन्हें रोक लिया। जीजू अक्षत की तरफ देखने लगे अगले ही पल अक्षत का फोन बजा।
अक्षत ने देखा किसी प्राइवेट नंबर से उसे फोन आया है। अक्षत ने फोन उठाया और कान से लगाया तो दूसरी तरफ से एक बहुत ही शांत आवाज उभरी,”हेलो मिस्टर व्यास कैसे लगा मेरा गिफ्ट ?”
“कौन हो तुम ? और क्या चाहते हो मुझसे ? मेरी बेटी कहा है ?”,अक्षत ने गुस्से और तकलीफ भरे स्वर में कहा
अक्षत की बता सुनकर मीरा और बाकि सब भी उसके पास चले आये। अक्षत की बात सुनकर दूसरी तरफ से आवाज आयी,”मैं कौन हूँ और तुमसे क्या चाहता हूँ इस से ज्यादा जरुरी तुम्हारे लिए ये जानना है कि इस वक्त तुम्हारी बेटी कहा है ?”
“अगर मेरी बेटी को कुछ हुआ तो मैं तुम्हे जिन्दा नहीं छोडूंगा ये याद रखना तुम,,,,,,,,,,,,,तुम जो भी हो मैं तुम्हे ढूंढ लूंगा”,अक्षत ने गुस्से से कहा तो मीरा ने उसके हाथ से फोन लिया और रोते हुए कहा,”हेलो हेलो हमारी बेटी कहा है ? उसने आपका क्या बिगाड़ा है ? आपको जो चाहिए वो हम आपको देंगे बस हमारी बेटी हमे लौटा दीजिये हम आपके आगे हाथ जोड़ते है”
“मीरा जी,,,,,,,,,,,,,,,,,,रोते हुए आप अच्छी नहीं लगती है। आपकी बेटी मेरे पास सेफ है बात करेंगी उस से,,,,,,,,,एक मिनिट”,आदमी ने कहा और फोन अमायरा के सामने कर दिया जो की बेतहाशा रोये जा रही थी। अमायरा की आवाज सुनकर मीरा ने घबराये हुए स्वर में कहा,”अमु अमु आप ठीक हो ना बेटा ? आप रो मत कुछ नहीं होगा आपको”
“बस मीरा जी इतना काफी है,,,,,,,,,,,,,जरा अपने पति को फोन देंगी”,आदमी ने अमायरा के सामने से फोन हटाते हुए कहा
मीरा ने रोते हुए अक्षत की तरफ फोन बढ़ा दिया अक्षत ने फोन कान से लगाया और कहा,”क्या चाहते हो तुम ?”
“मैं क्या चाहता हूँ ये मैं तुम्हे बहुत जल्द बताऊंगा फ़िलहाल के लिए इतना जान लो की तुम्हारी बेटी मेरे पास है अगर तुमने पुलिस या मीडिआ में जाने की गलती की तो इस बार डिब्बे में नकली ऊँगली की जगह तुम्हारी बेटी का सर होगा,,,,,,,,,ये याद रखना तुम”,आदमी ने कहा और फोन काट दिया।
“हेलो , हेलो , हेलो,,,,,,,,,,,,,,,,!”,अक्षत ने कहा लेकिन फोन कट चुका था
उसे परेशान देखकर विजय जी ने कहा,”आशु कौन था ? और कहा है अमायरा ?”
“अमायरा को किसी ने किडनेप कर लिया है पापा”,अक्षत ने धीमे स्वर में कहा जिसे सुनकर सभी घरवाले सकते में आ गए।
“लेकिन क्यों ? और वो क्या चाहता है ?”,विजय जी ने सवाल किया
“उसने कहा है वो मुझे फिर फोन करेगा,,,,,,,,,,,,,,,,,,,मैं उसे कुछ नहीं होने दूंगा पापा”,अक्षत ने बदहवास हालत में कहा तो विजय जी ने उसके कंधे पर हाथ रखा और कहा,”कुछ नहीं होगा उसे तू चल मेरे साथ हम लोग अभी पुलिस में कंप्लेंट करते है”
“अगर मैंने पुलिस कंप्लेंट की तो वो अमायरा को मार डालेगा पापा”,अक्षत ने दर्द और तकलीफ से भरकर कहा तो सबकी आँखों में डर के भाव उतर आये।
मीरा ने जैसे ही सूना वह बेहोश होकर नीचे गिर पड़ी।
“मीरा,,,,,,,,,,,”,राधा चिल्लाई तो सब उस तरफ भागे अक्षत ने मीरा को सम्हाला लेकिन वह बेहोश हो चुकी थी अक्षत ने उसे उठाया और तनु के कमरे में लेटा दिया। सभी मीरा के चारो तरफ परेशान से खड़े थे। राधा मीरा के सिरहाने बैठी उसका सर सहला रही थी नीता उसकी हथेलियाँ रगड़ रही थी लेकिन मीरा को कोई सुध नहीं थी। अर्जुन पानी ले आया राधा ने दो चार पानी के छींटे मीरा के मुंह पर मारे तो उसे होश आया लेकिन होश में आते ही वह बदहवास सी उठी और रोते हुए कहा,”हमे हमारी बेटी के पास जाना है , हमे अमु के पास जाना है वो फोन पर रो रही थी उसे हमारी जरूरत है”
“मीरा मीरा , मीरा होश में आओ मीरा ,, मैं उसे कुछ नहीं होने दूंगा मीरा मैं उसे सही सलामत लेकर आऊंगा,,,,,,,,,,,,,,,मीरा मेरी बात सुनो,,,,,,,,,,,,,,मीरा”,अक्षत ने मीरा को सम्हालते हुए कहा लेकिन मीरा जैसे कुछ सुनने को तैयार ही नहीं थी आखिर में अक्षत चिल्ला उठा तो मीरा सहम गयी लेकिन अगले ही पल अक्षत को शर्ट पकड़ कर रोते हुए कहने लगी,”हमे हमारी बेटी चाहिए अक्षत जी , हमारी बेटी को लेकर आईये,,,,,,,,,,,,,,,वो अकेली है उसे हमारी जरूरत है,,,,,,,,,,,,,,,,हमे हमारी बेटी चाहिए”
कहते हुए मीरा अपना सर अक्षत के सीने में छुपाकर रोने लगी। अक्षत सब देख सकता था लेकिन मीरा की आँखों में आँसू नहीं उसने मीरा के सर को सहलाते हुए कहा,”मैं वादा करता हूँ मीरा मैं हमारी बेटी को सही सलामत लेकर आऊंगा , उसे कुछ नहीं होगा मुझ पर भरोसा रखो,,,,,,,,,,,,,,,,माँ मीरा को सम्हालिए”.
राधा ने मीरा को सम्हाला और उसे बिस्तर पर बैठाते हुए कहा,”मीरा उसे कुछ नहीं होगा , हमारी अमायरा को कुछ नहीं होगा वो वापस आ जाएगी”
मीरा को रोते देखकर सबके चेहरो पर उदासी छा गयी।
अर्जुन , सोमित जीजू , अक्षत और विजय जी कमरे से बाहर चले आये। चारो हॉल में चले आये अक्षत को कुछ समझ नहीं आ रहा था वह अपना सर पकड़ कर बैठ गया। उसके जहन में उस आदमी की आवाज कौंधने लगी उसे महसूस हुआ जैसे इस आवाज को वह पहले भी कही सुन चुका है। अक्षत इस वक्त बहुत परेशान था। सुबह से किसी ने कुछ नहीं खाया था , विजय जी , अर्जुन और सोमित भी ऑफिस नहीं गए ना ही अक्षत कोर्ट जा पाया। उसे कुछ समझ नहीं आ रहा था आखिर वह अमायरा के बारे में कैसे पता लगाए ?
पुलिस के पास जाकर अक्षत किसी तरह की परेशानी खड़ी नहीं करना चाहता था इस वक्त उसे अमायरा की जिंदगी प्यारी थी। राधा ने जैसे तैसे करके मीरा को कुछ देर के लिए सुला दिया और नीता को मीरा के पास छोड़कर कमरे से बाहर चली आयी। राधा को याद आया की आज सुबह से किसी ने कुछ नहीं खाया है , बच्चे भी सुबह से भूखे है इसलिए उन्होंने तनु के साथ मिलकर थोड़ा खाना बनाया और सबको बहुत मुश्किल से थोड़ा थोड़ा खिलाया ऐसी परिस्तिथियों में भला खाना किसके गले से उतरता ?
राधा ने अक्षत से खाने को कहा तो उसने साफ मना कर दिया और हॉल की बालकनी में आकर खड़ा हो गया। इस वक्त उसके दिमाग में सिर्फ अमायरा चल रही थी। अक्षत सबके सामने रो नहीं सकता था सिर्फ वही जानता था कि उसने खुद को कैसे रोक रखा था ? आज घर में कोई चहल पहल नहीं थी सबके चेहरे उतरे हुए थे। दादू और विजय जी हॉल में बैठे थे और अमायरा के लिए चिंता जाता रहे थे।
अर्जुन डायनिंग के पास बैठा चीकू और काव्या को खाना खिला रहा था। अमायरा के बिना चीकू का मुंह उतरा हुआ था वह बार बार अर्जुन से बस एक ही सवाल कर रहा था कि “अमायरा कहा है और घर कब आएगी ?” जिसका जवाब अर्जुन के पास भी नहीं था।
“सोमित जी उसने सुबह से पानी तक नहीं पीया है आप उस से कहिये ना वो थोड़ा खा ले ऐसे तो वो खुद बीमार पड़ जाएगा , तब तक मैं मीरा को भी थोड़ा खिलाकर आती हूँ”,राधा ने अपनी आँखों में आये आंसुओ को साड़ी से पोछते हुए कहा
“हम्म्म मै लेकर जाता हूँ”,कहते हुए सोमित जीजू ने चाय का कप लिया और बालकनी की तरफ चले आये। अक्षत आँखों में आँसू लिए सामने खाली पड़े लॉन को देख रहा था।
सोमित जीजू ने चाय का कप टेबल पर रखा और अक्षत के पास चले आये। सोमित जीजू ने अक्षत के कंधे पर धीरे से हाथ रखा और कहा,”चिंता मत कर उसे कुछ नहीं होगा , हम सब है ना उसके साथ”
अक्षत ने सूना तो एक गहरी साँस ली और अपनी आँखे मूँद ली दर्द उसके चेहरे पर साफ नजर आ रहा था और उसकी आँखों में भरे आँसू उसके गालों पर लुढ़क आये। इस वक्त वह जिस दर्द से गुजर रहा था उसे सिर्फ वही जान सकता था
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संजना किरोड़ीवाल
Ye sab shubh hi kar raha hai ………….ab to mai sure ho chuki hu 😠😠
Akshat ko uski voice sunkar aisa laga ki pehle bi yeah voice sun chuka hu agar usse yaad ajaye ki yeah kis ki voice thi toh usse asan hojayega Amaira ko dhoont me aur yeah case bi solve ho jayega…
Akshat se esi dushmani shubh hi nikal skta h us shubh ne hi amayara ka kidnapp kiya h
Shubh ne he amaira ka kidneep kiya hai sayad chavi ka rep bhi shubh ne kiya ho amaira sahi ho jaldi se mil jaye
Very nice part
Amazing 😍😍😍😍
Part ❤️❤️❤️❤️
Bt thoda tension wala bhi hai ❤️❤️
Kuchh bura mt krna 😐
Ye parcal(spelling galat ho sakti jai ) bhajan shubh ka pattern hai . Jaane meera ke liye bhi parva bhasha tha . Us fakt bhi akshay ko uski aavaj jani pancha ni lagi thi.
Ab to confirm ho gya ki subh hi h yh
Ye shubh hii…dost tha wo aashu ka pehle meera ko pareshan kiya or ab amu ko le gya…is baar aashu chodega nhi use
Hrami shub 😡😡😡😡