Sanjana Kirodiwal

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“हाँ ये मोहब्बत है” – 6

Haan Ye Mohabbat Hai – 6

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Haan Ye Mohabbat Hai
Haan Ye Mohabbat Hai

Haan Ye Mohabbat Hai – 6

राधा के लिए अक्षत ने जल्दी जल्दी में थोड़ा सा खाना खाया और फिर घर से निकल गया। नाश्ता करने के बाद सोमित जीजू और विजय जी अपने ऑफिस के लिए निकल गए। चीकू और काव्या अपना अपना बैग उठाये स्कूल चले गए। अमायरा दादू की ऊँगली थामे उनके साथ घूमने निकल गयी।

चाइल्ड होम में इन दिनों काफी ज्यादा काम था इसलिए मीरा को हर रोज वहा जाना होता था। उसने नाश्ता किया और फिर राधा से अमायरा का ख्याल रखने को कहकर चाइल्ड होम के लिए निकल गयी।

मीरा इतनी ठण्ड में अमायरा को लेकर बाहर जाना नहीं चाहती थी और घर में राधा , तनु , दादी माँ और नीता थे ही वे लोग एक पल भी अमायरा को अकेला नहीं छोड़ते थे। राधा , नीता , तनु ने भी नाश्ता किया और फिर तीनो अपने अपने कामो में लग गयी। रघु बाहर बगीचे की सफाई कर रहा था साथ ही दादू से यहाँ वहा की बातें भी कर रहा था।


जैसा की अक्षत ने कहा था अर्जुन आज देर से उठा , नहाया और कबर्ड के सामने आकर ऑफिस के लिए कपडे निकालने लगा।

अर्जुन ने हमेशा वाले फॉर्मल कपडे उठाये लेकिन अगले ही पल उसकी नजर अपनी नयी जींस और शर्ट पर गयी जिन्हे उसने पिछले हफ्ते ही खरीदा था और पहन नहीं पाया था।

अर्जुन ने उन्हें उठाया और पहनकर शीशे के सामने आकर बाल बनाने लगा। आज वह रोजाना से ज्यादा आकर्षक और अलग लग रहा था।

नीता कमरे में आयी उसने अर्जुन को देखा तो कहा,”आज आप ऑफिस नहीं जा रहे हो ?”
“किसने कहा मैं ऑफिस नहीं जा रहा ? बिल्कुल मैं ऑफिस ही जा रहा हूँ”,अर्जुन ने परफ्यूम लगाते हुए कहा


नीता ने हैरानी से अर्जुन को देखा और कहा,”इन कपड़ो में और इतना सज-धज के , क्या तुम्हारे ऑफिस में कोई नयी लड़की आयी है जिसे तूम इम्प्रेस करना चाहते हो ?”


“ए कैसी बातें कर रही हो ? मैं अपने पुराने लुक से थोड़ा बोर हो गया था इसलिए चेंज किया,,,,,,,,,,,,,तुम्हे अच्छा नहीं लगा क्या ?”,अर्जुन ने प्यार से कहा तो नीता उसके पास आयी और उसकी शर्ट की कॉलर सही करते हुए कहा,”बहुत अच्छे लग रहे हो बस मुझे थोड़ी जलन हो रही है की तुम्हारे ऑफिस की लड़किया तुम्हे देखेंगी”


“तो देखने दो मैं तो अपनी वाइफ को ही देखूंगा न”,कहते हुए अर्जुन ने नीता के गाल पर किस किया तो नीता मुस्कुरा उठी और कहा,”चलो मैं तुम्हारे लिए नाश्ता लगा देती हूँ”
“अरे नहीं तुम अपना काम करो मैं खुद ले लूंगा , बाकि सब ऑफिस गए ?”,अर्जुन ने हाथ में घड़ी पहनते हुए कहा
“हाँ जीजू और पापा अपने ऑफिस गए और देवर जी अपने कोर्ट”,नीता ने बेडशीट सही करते हुए कहा


“ठीक है फिर मुझे भी चलना चाहिए , शाम में मिलता हूँ बाय”,कहकर अर्जुन ने अपना बैग उठाया और कमरे से बाहर निकल गया। अर्जुन के जाने के बाद नीता मुस्कुरा उठी आज कितने दिनों बाद वह अर्जुन को थोड़ा सुकून में देख रही थी वरना तो अर्जुन हमेशा जल्दी में होता था। नीचे आकर अर्जुन ने नाश्ता किया और गाड़ी लेकर ऑफिस के लिए निकल गया।

अर्जुन अपने ऑफिस पहुंचा उसने गाड़ी की चाबी गार्ड को दी और गाड़ी पार्किंग में लगाने को कहा। अर्जुन अंदर चला आया। ऑफिस के लोगो को लगा आज अर्जुन नहीं आएगा और सभी काम करने के बजाय यहाँ वहा बैठकर गप्पे मार रहे थे लेकिन उन्होंने अर्जुन को देखा तो सब तुरंत अपनी अपनी सीटों पर आकर बैठ गए और काम करने लगे।

अर्जुन ने किसी से कुछ नहीं कहा और अपने केबिन की और बढ़ गया। उसे नए लुक में देखकर सभी खुसर फुसर करने लगे।  


अर्जुंन ने अपने मैनेजर को बुलाया और टेबल पर रखी फाइल्स चेक करने लगा , काफी सारा काम पेंडिंग चल रहा था जिसे अर्जुन को पूरा करना था।
“आपने मुझे बुलाया अर्जुन बाबू ?”,मैनेजर ने अंदर आते हुए कहा


“हां मेहता जी आईये दरअसल मैं अपना मैनेजर चेंज करने की सोच रहा हूँ , तो आपकी नजर में इस ऑफिस के 5 सबसे होनहार कैंडिडेट्स है उनकी लिस्ट मुझे दीजिये”,अर्जुन ने अपने लेपटॉप पर काम करते हुए कहा।


“अर्जुन बाबू मैं इस कम्पनी में पिछले 15 सालो से मैनेजर की पोस्ट पर हूँ , पहले बड़े साहब के साथ काम किया और फिर आपके साथ,,,,,,,,,,,,,,आप अचानक से आज मैनेजर चेंज करना चाहते है , मुझसे कोई गलती हुयी क्या ?”,मेहता जी ने कहा


“अरे नहीं नहीं मेहता जी कैसी बातें कर रहे है ? 15 सालों में आपने अपना काम पूरी ईमानदारी और लग्न से किया है। आपकी और मेरी उम्र में काफी अंतर् है और मुझे अपनी उम्र का कोई मैनेजर चाहिए जिसके साथ मैं अपने नए आइडियाज डिस्कस कर सकू , मैं जानता हूँ आपको टेक्नोलॉजी की इतनी जानकारी नहीं है और यही वजह है की मेरा अधिकतर काम डिस्टर्ब हो चुका है”,अर्जुन ने मेहता जी की और देखकर कहा।


अर्जुन की बातें सुनकर उनके चेहरे पर उदासी के भाव उभर आये और उन्होंने कहा,”तो क्या मुझे अब ये कम्पनी छोड़ देनी चाहिए ?”


अर्जुन उठा और उनके पास आते हुए कहा,”ओहो मेहता जी आपसे कम्पनी छोड़ने को किसने कहा ? बल्कि आप आगे भी इसी कम्पनी में काम कीजिये सीनियर मैनेजर के तौर पर , ताकि जो यंग मैनेजर हो आप उन्हें मेनेजिंग की सभी पुरानी टेक्निक सिखाये और मैं उनके साथ नए आईडीया शेयर कर सकू ताकि कम्पनी में कुछ इंप्रूवमेंट हो,,,,,,,,,,,,,,,,,,,क्या मैं गलत कह रहा हूँ ?”


मेहता जी ने सूना तो उनकी उदासी ख़ुशी में बदल गयी और उन्होंने कहा,”नहीं अर्जुन बाबू आप बिल्कुल ठीक कह रहे है , मैं आज ही आपको कैंडिडेट्स की लिस्ट भिजवाता हूँ लेकिन एक बात समझ नहीं आयी आप कम्पनी के बाहर के लोगो को भी तो ये मौका दे सकते थे फिर पुराने स्टाफ को,,,,,,,,,,,,,,,,,,!!”


“मेहता जी बाहर के लोग आएंगे तो उन्हें यहाँ का काम समझने और माहौल समझने में वक्त लगेगा और फिर अगर पुराने स्टाफ को ये मौका मिलता है तो वो ज्यादा मेहनत के साथ काम करेंगे साथ ही कम्पनी के प्रति उनका विश्वास भी बढ़ेगा और इंक्रीमेंट देखकर दूसरे लोग भी इंस्पायर होंग,,,,,,,,,,,,,,,,!”,अर्जुन ने कहा


“समझ गया अर्जुन बाबू,,,,,,,,,,,,,,,,वैसे आप आज कुछ बदले बदले नजर आ रहे है,,,,,,,,,,,,,,,,,,पर आपको ऐसे देखकर अच्छा लग रहा है,,,,,,,,,,,मैं जाता हूँ”,कहकर मेहता जी वहा से चले गए उनकी बात सुनकर अर्जुन एक बार फिर मुस्कुरा उठा !

अमायरा वाला बिजनेस खूब उंचाईयों पर था और चार साल में ही इस ब्रांड ने इंदौर की 10 बड़ी कम्पनियो में अपना नाम शामिल कर लिया था .

इंदौर की नंबर वन कम्पनी थी “VS ग्रुप एंड कम्पनीज” जो की ब्यूटी प्रोडक्ट्स के लिए प्रसिद्ध थी। इस कम्पनी के MD मिस्टर “गौतम सिंघानिया” इंदौर के जाने माने बिजनेसमैन थे और उन्होंने ये कम्पनी अपने इकलौते बेटे “विक्की सिंघानिया” के नाम से शुरू की थी और आज ये इंदौर की नंबर वन कम्पनी थी।


“VS ग्रुप एंड कम्पनीज” के ऑफिस रूम में बैठे गौतम सिंघानिया ने अपने बेटे का नंबर डॉयल किया और फोन कान से लगा लिया। कुछ देर रिंग जाती रही और उसके बाद दूसरी तरफ से घर के नौकर ने फोन उठाकर कहा,”हेलो सर ! विक्की बाबा अभी सो रहे है”


“रोबिन उसे उठाओ और कहो की आधे घंटे में आकर मुझसे ऑफिस में मिले”,सिंघानिया जी ने कठोरता से कहा
“ओके सर”,कहकर रोबिन ने फोन काट दिया


सिंघानिया जी ने फोन रखा और सामने पड़ी फाइल देखने लगे। आज उनकी कम्पनी के शेयर होल्डर्स के साथ एक इम्पोर्टेन्ट मीटिंग थी जिसमे वे अपने बेटे की मुलाक़ात उन सबसे करवाना चाहते थे लेकिन विक्की आज ऑफिस ही नहीं आया था। वे बैठकर फाइल्स देखने लगे। आधे घंटे बाद उनके मैनेजर ने आकर कहा,”सर बोर्ड मेम्बर्स मीटिंग के लिए आ चुके है”
“विक्की आया ?”,सिंघानिया जी ने अपने मैनेजर से पूछा


“नहीं सर विक्की सर नहीं आये है , मैंने उन्हें फोन किया लेकिन उनका कोई रिस्पॉन्स नहीं है”,मैनेजर ने हाथ बांधे हुए कहा
सिंघानिया जी उठे और कहा,”ठीक है मैं उस से बात करता हूँ तुम तब तक जाकर मेम्बर्स से मिलो”
“स्योर सर”,कहकर मैनेजर वहा से चला गया। सिंघानिया जी ने रॉबिन का नंबर डॉयल किया , दूसरी तरफ से रॉबिन ने कुछ ऐसा कहा की सिंघानिया जी के चेहरे के भाव बदले और उन्होंने कहा,”ठीक है मैं आता हूँ”


सिंघानिया जी ने बाहर आकर अपनी सेक्रेटरी से मीटिंग केंसिल करने को कहा और तुरंत वहा से निकल गए। सिंघानिया जी के इस अचानक फैसले से सभी बोर्ड मेम्बर्स काफी नाराज हुए लेकिन मीटिंग केंसिल होने की वजह कोई भी नहीं जानता था।

सिंघानिया जी की गाड़ी एक आलिशान बंगले के सामने आकर रुकी। सिंघानिया जी उसमे से उतरे और सीधा अंदर चले आये। उन्हें देखते ही रॉबिन उनके  पास आया और उनके साथ साथ चलते हुए कहने लगा,”मैंने विक्की बाबा से कहा था सर लेकिन उन्होंने कहा वो आज ऑफिस नहीं जायेंगे”


“मैं इस लड़के को कैसे समझाऊ मुझे समझ नहीं आ रहा ?”,कहते हुए सिंघानिया जी ने विक्की के कमरे का दरवाजा खोला और जैसे ही अंदर आये उनकी नाक सिकुड़ गयी। उन्होंने देखा विक्की नशे की हालत में अपने बिस्तर पर उलटा पड़ा सो रहा है। सिंघानिया जी ने उसकी बाँह पकड़कर उसे उठाया , विक्की का सर अभी भी घूम रहा रहा था उसने अपना सर पकड़कर बैठते हुए कहा,”गुड मॉर्निंग डेड”


सिंघानिया जी ने रॉबिन की तरफ देखा तो रॉबिन समझ गया की उसे क्या लाना है और वह कमरे से बाहर निकल गया। सिंघानिया जी विक्की के सामने पड़ी कुर्सी पर आकर बैठे और कहा,”आज कम्पनी के शेयर होल्डर्स के साथ मेरी मीटिंग थी और उस मीटिंग में तुम्हारा होना बहुत जरुरी था ये भूल गए तुम , जरा अपनी हालत देखो विक्की ये क्या हाल बना रखा है तुमने अपना,,,,,,,,,,,,,,,,,क्या ऐसे सम्हालोगे तुम मेरा बिजनेस”


“डेड मैं आपसे पहले भी कह चुका हूँ की मुझे आपके बिजनेस में कोई इंट्रेस्ट नहीं है , ये मेरी लाइफ है जिसे मैं बस थोड़ा सा इंजॉय कर रहा हूँ”,विक्की ने झुंझलाते हुए कहा जैसे ही उसने चेहरा घुमाया सिंघानिया जी की नजर विक्की के गाल की तरफ गयी जिस पर खरोंचे लगी हुई थी।


“हे विक्की तुम्हे आज कॉलेज नहीं जाना क्या ?,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,ओह्ह हाय अंकल मैं कॉलेज के लिए आया था विक्की को लेने”,विक्की के दोस्त कुमार ने अंदर आते हुए तेज आवाज में कहा लेकिन सिंघानिया जी को वहा बैठे देखकर उसकी आवाज एकदम से धीरे हो गयी।
“कुमार क्या कल रात विक्की का किसी से झगड़ा हुआ था ?”,सिंघानिया जी ने कुमार की तरफ देखकर कहा


कुमार ने जैसे ही सूना उसे बीती रात का वाक्या याद आ गया जब विक्की ने नशे में पार्किंग में खड़ी गाड़ी को टक्कर मारी थी और विक्की के बदतमीजी करने पर उसने विक्की को एक घूसा मारा था। कुमार को सोच में डूबा देखकर सिंघानिया जी ने थोड़ा कठोरता से कहा,”कुमार मैंने तुमसे कुछ पूछा है”


“हाँ,,,,,,,,,,,,,नहीं नहीं अंकल कोई झगड़ा नहीं हुआ था बस वो कल रात पार्टी में विक्की ने,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,!!”,कुमार इतना ही कह पाया उसने रेस्त्रो वाली घटना का जिक्र नहीं किया।


विक्की को भी ठीक से कुछ याद नहीं था , बस उसे इतना याद था की उस की किसी से बहस हुई थी। सिंघानिया जी ने सूना तो कहा,”विक्की मैं तुम्हारी ये हरकते बर्दास्त नहीं करूंगा। ये उम्र कॉलेज जाने और अपना करियर बनाने की है लेकिन तुम इसे पार्टीज और नशे में बर्बाद कर रहे हो। अभी भी वक्त है विक्की सुधर जाओ और अपने करियर पर ध्यान दो कही तुम्हारी ये आदतें तुम्हे किसी बड़ी मुसीबत में ना डाल दे”


“ओह्ह कम ऑन डेड अगर मैं प्रॉब्लम में पड़ता भी हूँ तो इतने बड़े बिजनेसमैन का बेटा होने का क्या फायदा ? क्या आप मुझे बचाएंगे नहीं ?”,विक्की ने उठकर कमरे की खिड़की के परदे हटाते हुए कहा


“बिल्कुल बचाऊंगा लेकिन मैं नहीं चाहता तुम ऐसी किसी मुसीबत में पड़ो , मैं चाहता हूँ मेरे बाद मेरी कम्पनी को तुम सम्हालो”,सिंघानिया जी ने उठते हुए कहा और फिर कुमार की तरफ पलटकर कहा,”ये पार्टीज करना कम करो तुम लोग”


“जी जी अंकल”,कुमार ने धीरे से कहा तो सिंघानिया जी वहा से चले गए। कुछ देर बाद रॉबिन कमरे में आया और विक्की के लिए उसकी हमेशा वाली स्ट्रांग कॉफी रखकर चला गया। विक्की का हैंगओवर भी अब धीरे धीरे कम हो चुका था इसलिए उसने कप उठाया और कुमार से कहा,”तुमने डेड से झूठ क्यों कहा ? मुझे याद है कल रात मेरा किसी से झगड़ा हुआ था”


“फिर तो तुम्हे ये भी याद होगा की उसने तुम्हे एक पंच मारा था और तुम बेहोश हो गए थे”,कुमार ने विक्की की तरफ आकर कहा
“उसकी इतनी हिम्मत की वो मुझे,,,,,,,,,,,,विक्की सिंघानिया को हाथ लगाए , कौन था वो ? तू जानता है क्या उसे ? मैं उसे छोडूंगा नहीं,,,,,,,,,,,,,!”,विक्की ने गुस्से से भरकर कहा


“उसने अपना नाम तो बताया था,,,,,,,,अह्हह्ह्ह्ह,,,,,,,,,,,,,,,हाँ उसका नाम है “अक्षत व्यास” और उसने कहा की वो एक एडवोकेट है”,कुमार ने अपने दिमाग पर जोर डालते हुए कहा। विक्की ने ये नाम पहली बार सूना था और पहली बार में ही उसे इस नाम के शख्स से नफरत सी होने लगी थी। वह शीशे के सामने खड़ा अपने गाल पर लगी खरोच को देखते हुए कॉफी पीने लगा।

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संजना किरोड़ीवाल 

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