“हाँ ये मोहब्बत है” – 42
Haan Ye Mohabbat Hai – 42
Haan Ye Mohabbat Hai – 42
“अमु !!!!”
रात के 11 बजे एकदम से मीरा की नींद खुली और वह चिल्लाई। मीरा उठकर बैठ गयी वह पसीने से तरबतर थी उसने अमायरा को लेकर कोई बुरा सपना देखा था शायद। उसकी सांसे किसी तेज धोंकनी सी चल रही थी। तनु , राधा , निधि और नीता मीरा के पास ही थे। राधा मीरा के पास आयी और कहा,”मीरा , मीरा शांत हो जाओ बेटा तुमने शायद कोई बुरा सपना देखा,,,,,,,,,,,,,,,,,,,देखो हम सब यहाँ है”
“अमु,,,,,,,,,,,,,,,,,,,अमु कहा है माँ ? हमे अपनी बेटी के पास जाना है वो जरूर किसी मुसीबत में है हमने महसूस किया जैसे वो बहुत तकलीफ में है,,,,,,,,,,वो ठीक नहीं है माँ , हमे हमारी बेटी के पास जाने दीजिये”,मीरा ने रोते हुए कहा
उसे रोता देखकर सबका मन भारी होने लगा राधा उसके बगल में बैठी और उसे गले लगाकर उसकी पीठ थपथपाते हुए कहा,”चिंता मत करो मीरा हमारी अमायरा जल्द लौट आएगी , आशु गया है ना उसे लेने वो उसे जरूर लेकर आएगा”
इंजेक्शन का असर मीरा पर फिर होने लगा उसने अपनी आँखे मूँद ली उसकी आँखों में भरे आँसू गालों पर लुढ़क आये।
रातभर अर्जुन , सोमित जीजू और अक्षत अमायरा के पार्थिव शरीर के साथ इंदौर से बाहर रहे। अक्षत का रो रोकर बुरा हाल था उसने रातभर एक झपकी भी नहीं ली और अमायरा को अपने सीने से लगाए रखा। अमायरा को खो देने का दुःख असहनीय था। दूसरी और मीरा की तबियत खराब थी सब घरवाले उसके आस पास ही थे। व्यास हॉउस में जैसे दुखो का पहाड़ टूट पड़ा था।
सुबह होते ही अर्जुन अक्षत , जीजू और अमायरा के पार्थिव शरीर को लेकर घर पहुंचा। घर में अभी तक इस बारे में किसी को कुछ पता नहीं था हालाँकि की अक्षत के बारे में पूछने के लिए विजय जी के बार बार फोन जरूर आ रहे थे लेकिन अर्जुन ने उन्हें इग्नोर कर दिया। गाड़ी घर के सामने पहुंची रघु ने देखा तो तुरंत गेट खोल दिया। अर्जुन गाड़ी लेकर अंदर चला आया देखा अमर जी की गाड़ी पहले से वहा खड़ी थी वे मीरा से मिलने आये थे। अर्जुन ने गाड़ी साइड में लगाई जीजू गाड़ी से नीचे उतरे उन्होंने अक्षत के हाथो से अमायरा को लिया और उसे बाहर आने को कहा। मीरा और घरवालों का सामना करने की अक्षत में हिम्मत नहीं हो रही थी वह बुत बना गाड़ी में बैठा रहा। जीजू ने अर्जुन से कहा तो अर्जुन ने जैसे तैसे अक्षत को बाहर निकाला और अंदर चलने को कहा।
अक्षत अंदर जाने के लिए आगे बढ़ गया। उसका दिल तेजी से धड़क रहा था , मुँह उतरा हुआ था , आँखे रोने के कारण लाल हो चुकी थी और हाथ काँप रहे थे। उसके पैरो में जैसे जान नहीं बची थी वह बहुत धीमे से चलते हुए अंदर आया। उसे देखते ही मीरा दौड़कर अक्षत के सामने आयी और कहा,”अक्षत जी अमायरा कहा है ? आप आप उसे लेने गए थे , बताईये ना वो कहा है ? वो ठीक है ना ?,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,कल से हमारा मन बहुत घबरा रहा था , मन में अजीब अजीब ख्याल आ रहे थे,,,,,,,,,,,,,,आप आप चुप क्यों है कुछ कहते क्यों नहीं ? कहा है हमारी बेटी ?”
“आशु आशु क्या हुआ बेटा ? तू कुछ बोल क्यों नहीं रहा ? कहा है अमायरा ?”,राधा ने अक्षत के पास आकर उसका कंधा हिलाते हुए कहा लेकिन अक्षत एकटक मीरा को देखे जा रहा था। उसके चेहरे पर दर्द उभर आया और आँखों में नमी तैर गयी। उसे अपने सीने में दर्द महसूस होने लगा और गला रुंध गया जिस से अक्षत को बहुत तकलीफ हो रही थी। मीरा ने उसे खामोश देखा तो रोते हुए चिल्लाकर पूछा”,अक्षत जी कहा है हमारी बेटी ?”
“मर चुकी है वो , हमारी अमायरा अब इस दुनिया में नहीं रही है मीरा”,दर्द और तकलीफ से भरकर अक्षत ने तेज आवाज में कहा तो वहा मौजूद सबके चेहरे का रंग उड़ गया। राधा ने सूना तो अपना बांया हाथ अपने मुंह पर रख लिया उनका दिल जोरो से धड़क रहा था। नीता तनु निधि सबकी आँखों में आँसू भर आये। विजय जी , अमर जी और दादू सब हक्के बक्के रह गए। हॉल में शांति पसर गयी अर्जुन और जीजू अमायरा के पार्थिव शरीर के साथ अंदर आये। मीरा ने जब सूना तो एक पल को लगा जैसे किसी ने उसके शरीर से जान निकाल ली हो। वह फ़टी आँखों से अक्षत को देखते रही तो अक्षत ने रोते हुए कहा,”हमारी अमायरा अब इस दुनिया में नहीं रही मीरा”
“सटाक !!”,एक तेज थप्पड़ ने हॉल में फैली शांति को तोड़ा। ये थप्पड़ मीरा ने अक्षत को मारा था। तनु निधि और नीता ने देखा तो एक बार फिर हैरानी से अपने हाथो को अपने मुँह पर रख लिया। आज मीरा ने अक्षत को सबके सामने थप्पड़ मारा था
“मीरा,,,,,,,,,,!!”,राधा ने हैरानी से कहा वे फ़टी आँखों से मीरा को देख रही थी।
सोमित जीजू और अर्जुन भी हैरान थे आखिर मीरा ने सबके सामने अक्षत पर हाथ जो उठाया था
“आपने कहा था आप उसे लेकर आएंगे फिर वो कैसे मर सकती है ? हम आपसे इन सब से कहते रहे कि हमारी बच्ची तकलीफ में लेकिन किसी ने हमारी बात नहीं सुनी,,,,,,,,,,,,,आपकी वजह से हमने अपनी बेटी को खो दिया अक्षत जी,,,,,,,,,,,,,!!”,मीरा ने गुस्से से कहा और आखिर में अपना हाथ अपने चेहरे में छुपाकर रो पड़ी। सोमित जीजू और अर्जुन अमायरा के साथ सबके बीच आये तो मीरा जीजू की तरफ आयी और उनके हाथ से अमायरा का पार्थिव शरीर ले अपने सीने से लगाकर रो पड़ी। मीरा को रोते देखकर सबकी आँखों में आँसू भर आये। उसका रोना इतना दर्दभरा था की हमेशा सख्त दिखने वाले अमर जी भी रो पड़े विजय जी ने उन्हें सम्हाला। राधा ने मीरा को सम्हाला लेकिन मीरा इस वक्त इतने दर्द में थी की उसे सम्हालना मुश्किल हो रहा था। राधा ने नीता और तनु से आने को कहा उनके साथ निधि भी चली आयी और मीरा को सम्हालने लगी लेकिन अमायरा को देखकर वे लोग भी अपने आप को रोक नहीं पायी।
अक्षत पर इस वक्त किसी का ध्यान नहीं गया वह खामोश सा वही खड़ा था उसके कानो में बार बार बस मीरा के कहे शब्द गूंज रहे थे “आपकी वजह से हमने अपनी बेटी को खो दिया अक्षत जी,
विजय जी ने अक्षत को देखा तो उसकी तरफ आये इस वक्त अक्षत की आँखों में एक आँसू नहीं था उन्होंने अक्षत को गले लगाया और उसका सर सहलाने लगे पूरा परिवार इस वक्त दुःख में था।
कुछ वक्त बाद ही आस पास के लोग और रिश्तेदार व्यास हॉउस में जमा होने लगे। पुलिस भी व्यास हॉउस पहुंची वे लोग अक्षत से मिलना चाहते थे लेकिन इस वक्त अक्षत उस हालत में नहीं था की उन लोगो से मिल पाए। अर्जुन उन्हें समझा बुझाकर उनके साथ बाहर आया और इंस्पेक्टर कदम्ब से कहा,”इंस्पेक्टर इस वक्त घर का माहौल आप देख रहे है , कोई भी आपसे बात करने की कंडीशन में नहीं है। हमने अपनी बेटी को खोया है प्लीज ट्राय टू अंडरस्टेंड”
“मैं समझ सकता हूँ मिस्टर व्यास लेकिन मुझे पता चला है की ये एक किडनेपिंग केस था , और उसी के सिलसिले में मैं मिस्टर अक्षत से कुछ बात करना चाहता हूँ”,इंस्पेक्टर कदम्ब ने संजीदगी से कहा
“नहीं इंस्पेक्टर ऐसा कुछ भी नहीं है ये बस अफवाह है , मैं आपसे रिक्वेस्ट करूंगा कि इस वक्त आप यहाँ से जाईये प्लीज”,विजय जी ने एकदम से आकर कहा
“आई ऍम सॉरी मिस्टर व्यास , ईश्वर अक्षत को ये दुःख सहने की हिम्मत दे”,कहकर इंस्पेक्टर कदम्ब वहा से चले गए।
“पापा आपने उनसे झूठ क्यों कहा ? अमु को तो किडने,,,,,,,,,,,,,,!!”,अर्जुन ने इतना ही कहा की विजय जी ने उसकी बात काटते हुए कहा,”मैं जानता हूँ अर्जुन की हमारी बच्ची को उस किडनेपर ने मारा है लेकिन इस वक्त पुलिस को इन सब में शामिल करके मैं अपने बच्चो को और परेशान नहीं करना चाहता। अमायरा को खोने का दुःख हम सबको है लेकिन इस वक्त मीरा और आशु जिस दर्द से गुजर रहे है मैं उसे बढ़ाना नहीं चाहता”
कहते हुए विजय जी रो पड़े अर्जुन ने देखा तो उन्हें सम्हालते हुए कहा,”अपने आपको सम्हालिए पापा”
अर्जुन कुछ देर उनके साथ बाहर ही रुका। अमर जी के घर से भी कुछ लोग व्यास हॉउस आये। सभी शोक में थे। हॉल में अमायरा का पार्थिव शरीर सफेद कपडे में लपेटे हुए रखा था और मीरा बेतहाशा रोये जा रही थी वही घर के कोने में खड़ा अक्षत ख़ामोशी से सब देख रहा था। सोमित जीजू अर्जुन के साथ मिलकर अमायरा के अंतिम संस्कार की तैयारियों में लगे हुए थे। काव्या और चीकू दादी माँ के पास थे। काव्या को जब पता चला की अमायरा मर चुकी है तो वह निधि के पास आकर रोने लगी लेकिन चीकू को नहीं पता था घर में सब क्यों रो रहे है ? वह दादी माँ के कमरे से निकलकर मीरा के पास आया और कहा,”चाची आप क्यों रहे हो ? मत रोईए चाची अमु ठीक हो जाएगी”
मीरा ने कुछ नहीं कहा वह बस रोते रही चीकू का चेहरा उतर गया उसने जब सफेद कपडे में लिपटी अमायरा को देखा तो नीता के पास आकर कहा,”मम्मा अमु को क्या हुआ ? वो किसी से बात क्यों नहीं कर रही है ?”
चीकू को उस वक्त कौन समझाता की उसकी प्यारी बहन अब इस दुनिया में नहीं रही सबको रोते देखकर वह भी रोने लगा। निधि ने देखा तो वह उठी और चीकू को बहलाकार अपने साथ ले गयी उसने काव्या को भी वहा से चलने को कहा और अंदर कमरे में छोड़कर आ गयी। निधि के जाने के बाद चीकू रोते हुए काव्या के पास आया और कहा,”काव्या दीदी सब क्यों रहे है ? अमु हम सबसे बात क्यों नहीं कर रही है ? उसे क्या हुआ है काव्या दी ?”
काव्या ने सूना तो चीकू के सामने घुटनो पर बैठ गयी और उसे अपने गले लगाकर चुप कराते हुए कहा,”चुप हो जाओ चीकू अमु को कुछ नहीं हुआ है”
काव्या जानती थी कि वह चीकू को झूठा दिलासा दे रही है और ऐसा कहते हुए उसकी आँखों से बरबस ही आँसू बहने लगे।
अमायरा की मौत हुए काफी वक्त हो चुका था ऐसे में उसका अंतिम संस्कार जरुरी था। घर के बड़ो ने विजय जी से कहा तो विजय जी ने अर्जुन से बात की चूँकि अमायरा छोटी बच्ची थी इसलिए उसे दफनाया जाना था जिसमे ज्यादा लोगो को जाने की अनुमति नहीं थी। अर्जुन अक्षत को समझा बुझाकर लेकर आया। अमायरा के अंतिम दर्शन के बाद उसने उसे अक्षत की बाँहो में रखा और चलने को कहा। अक्षत के साथ अर्जुन , सोमित जी , घर के कुछ रिश्तेदार जा रहे थे। अक्षत जैसे ही जाने लगा मीरा उठी और अक्षत की बाँह पकड़ते हुए कहा,”नहीं हम इसे नहीं ले जाने देंगे , आप हमारी बच्ची को नहीं ले जा सकते।”
“मीरा सम्हालो अपने आप को”,राधा ने रोते हुए मीरा को रोकना चाहा लेकिन मीरा जैसे कुछ सुनने को तैयार ही नहीं थी। अक्षत मजबूती से अमायरा को अपने हाथो में थामे हुए था ये पल उसके लिए भी बहुत मुश्किल था। अक्षत ने जब अमायरा को नहीं छोड़ा तो मीरा उसे मारते हुए कहने लगी,”अक्षत जी हमे हमारी बेटी चाहिए , आपने हमसे वादा किया था आप उसे लेकर आएंगे,,,,,,,,,,,,,,,,,,हमे हमारी बेटी चाहिए अक्षत जी , हमे हमारी बेटी चाहिए”
कहते हुए मीरा अक्षत का हाथ पकडे हुए घुटनो के बल बैठ गयी और अपना सर अक्षत के हाथ से लगा लिया। उसके आँसू अक्षत के हाथ को भिगाने लगे। अक्षत ने उस पल खुद को कठोर बना लिया वह जानता था अगर वह इस वक्त मीरा को सम्हालेगा तो शायद खुद भी कमजोर पड़ जाएगा। अमर जी से मीरा का रोना देखा नहीं गया तो वे उसके पास आयी उन्होंने मीरा के हाथ से अक्षत का हाथ छुड़ाया और उसे उठाते हुए कहा,”अपने आप को सम्हालिए मीरा,,,,,,,,,,,,!!!”
“वो हमारी बेटी है पापा,,,,,,,,,,,,,हमारे प्यार की निशानी,,,,,,,,वो हमे छोड़कर कैसे जा सकती है ?”,कहते हुए मीरा जोर जोर से रोने लगी। अमर जी ने मीरा को अपने सीने से लगा लिया और चुप कराने लगे लेकिन एक माँ के लिए वो पल शायद जिंदगी का सबसे तकलीफदेह पल होता है जब वह अपने बच्चे को खो देती है। अमर जी ने अक्षत को जाने के लिए कहा मीरा फिर उसकी तरफ जाने लगी लेकिन इस बार उसके पिता ने उसे रोक लिया। अक्षत घरवालों के साथ अमायरा को लेकर जा चुका था। अमर जी और बाकि सब घरवाले मीरा को सम्हालने की कोशिश कर रहे थे। वो पहले से बीमार थी और अमायरा के बारे में जानकर उसकी तबियत बिगड़ने लगी मीरा रोते रोते एकदम से बेहोश हुयी और फर्श पर गिर पड़ी।
“मीरा,,,,,,,,,,,,,,मीरा”,राधा ने देखा तो तुरंत मीरा को सम्हाला। घर में मौजूद लोगो ने मीरा को उठाया और कमरे में लेकर आये। अमर जी ने तुरंत अपने फॅमिली डॉक्टर डॉक्टर को फोन किया और जल्दी आने को कहा। एक के बाद एक मुसीबते आती जा रही थी। कुछ देर बाद डॉक्टर आया उसने मीरा का चेकअप किया और कहा,”मीरा की नब्ज बहुत धीमे चल रही है अमर जी इसे जल्द से जल्द हॉस्पिटल शिफ्ट करना होगा”
“डॉक्टर कुछ देर पहले ही मीरा ने अपनी बेटी को खोया है वो इस वक्त अपने होश में नहीं है हमे लगता है इसका घर में ही रहना ही ज्यादा बेहतर होगा। जिस भी चीज की जरूरत होगी हम यहाँ बंदोबस्त करवा देंगे हमारी आपसे रिक्वेस्ट है मीरा को यही रहने दिया जाये। आप घर से ही इसका इलाज कीजिये प्लीज”,अमर जी ने कहा
“ठीक है मैं अपने स्टाफ को बोल देता हूँ , तब तक के आप सभी यहाँ से बाहर जाईये मीरा के आस पास भीड़ कम रखिये”,डॉक्टर ने इंजेक्शन तैयार करते हुए कहा। राधा ऐसी हालत में मीरा को अकेले छोड़ना नहीं चाहती थी वह मीरा का हाथ थामे वही बैठे रही तो अमर जी ने कहा,”डॉक्टर इन्हे मीरा के पास ही रहने दीजिये”
“ठीक है”,डॉक्टर ने कहा और मीरा के हाथ में इंजेक्शन लगाने लगा।
अक्षत और बाकि सब अमायरा का शव लेकर नदी किनारे वाली जगह पहुंचे। वहा जमीन में खड्डा किया गया और विधि-विधान से अमायरा के शव को दफना दिया गया। अक्षत ने सारे काम अपने हाथो से किये। अमायरा को दफ़नाने के बाद वह उस जगह पर घुटनो के बल गिर पड़ा और जोर जोर से रोने लगा। अक्षत को रोते देखकर वहा मौजूद सभी लोगो की आँखों में नमी तैर गयी। जीजू ने अक्षत को सम्हाला उसे उठाया और अपने साथ लेकर गाड़ी की तरफ बढ़ गये। बाकि सब घरवाले भी वहा से निकल गये। कुछ घंटो बाद सब घर पहुंचे तब तक रिश्तेदार और पडोसी वहा से जा चुके थे बस अमर जी के साथ अक्षत के सभी घरवाले वहा मौजूद थे। अक्षत को होश नहीं था वह बदहवास सा अंदर चला आया। उसकी हालत देखकर विजय जी ने सोमित जी को साइड में बुलाया और कहा,”दामाद जी मीरा की तबियत इस वक्त बहुत खराब है वो बिल्कुल होश में नहीं है और आशु को इस हालत में देखकर वो और परेशान हो जाएगी आप इसे मेरे कमरे में लेकर जाईये और इसे सम्हालने की कोशिश कीजिये”
“हम्म्म”,सोमित जीजू ने अपनी आँखों को पोछते हुए कहा और अक्षत को लेकर विजय जी के कमरे में चला आया। निधि बच्चो के साथ ऊपर अर्जुन के कमरे में चली आयी। नक्ष सो चुका था और रोते रोते चीकू भी सो गया। काव्या का उतरा हुआ चेहरा देखकर निधि ने उसे अपने पास बुलाया तो काव्या ने अपना सर निधि की गोद में रखते हुए कहा,”निधि मौसी अमु ऐसे क्यों चली गयी ? उसने तो कभी किसी का दिल नहीं दुखाया था वो कितनी प्यारी थी,,,,,,,,,,,!!”
“मत रो काव्या हमारी अमायरा बहुत अच्छी थी”,कहते हुए निधि की आँखों में भी आँसू भर आये। जैसे तैसे उसने काव्या को भी सुला दिया और खुद भी उनका ध्यान रखते हुए वही लेट गयी।
विजय जी , दादू , अमर जी और अर्जुन हॉल में ही बैठे थे। नीता तनु भी वही थी , दादी माँ मंदिर की सीढ़ियों पर बैठी ईश्वर से प्रार्थना करते हुए आँसू बहा रही थी। सोमित जीजू अक्षत को लेकर विजय जी कमरे में चले आये लेकिन अक्षत वहा जमीन पर बैठा घंटो अमायरा को याद करते हुए आँसू बहाता रहा। सोमित जीजू से उसका दर्द देखा नहीं जा रहा था वे उसकी बगल में आकर नीचे जमीन पर ही बैठ गए और उसे सांत्वना देने लगे पर अक्षत का दर्द तो वही जान सकता था। रोते रोते अक्षत ने अपना सर जीजू की गोद में रख दिया और सिसकने लगा। उसका चेहरा लाल पड़ चुका था।
अर्जुन हॉल में ख़ामोशी से बैठा था की अगले ही पल उसे वो पल याद आ गया जब अमायरा ने उस से आकर कहा था,”बड़े पापा आप मेरे लिए डॉल लाओगे ? कितनी बड़ी,,,,,,,,,,,,,,येहहह बड़े पापा डॉल लाएंगे”
अर्जुन को जैसे ही वो पल और हंसती मुस्कुराती अमायरा याद आयी तो अर्जुन फफक कर रो पड़ा। विजय जी ने देखा तो अर्जुन के पास आये और कहा,”ए अर्जुन ये सब क्या है तू ऐसे करेगा तो बाकि सबको कौन सम्हालेगा ? चुप हो जा बेटा”
“उसे ऐसे नहीं जाना चाहिए था पापा वो इस घर की रौनक थी , अमायरा के रहते मुझे कभी बेटी की कमी महसूस नहीं हुई और आज वो ही हम सबके बीच नहीं है,,,,,,,,,,,,,,,,,,!!!”,कहते हुए अर्जुन बच्चो की तरह रोने लगा। अर्जुन को रोते देखकर तनु आयी और उसे चुप करवाने लगी ये पल व्यास फॅमिली में हर किसी के लिए तकलीफदेह थे।
अर्जुन के मुंह से अमायरा का नाम सुनकर दादू की आँखों के सामने भी अमायरा के साथ बिताये पल आ गए जब कुछ दिन पहले लॉन में घूमते हुए उसने दादू के पास बैठते हुए कहा था “बड़े दादू जब मैं बड़ी हो जाउंगी,,,,,,,,,,,,इतनी बड़ी तब मैं आपको चॉक्लेट लाकर दूंगी,,,,,,,,,,,मम्मा आपको मीठा खाने नहीं देती न,,,,,,,,,,,हम छुपकर खाएंगे,,,,,,,,,,,,,,,फिर मम्मा को पता भी नहीं चलेगा”
दादू को जैसे ही वो पल याद आये उनका मन भारी हो गया वे वहा से उठे और हॉल की बालकनी में चले आये उनकी आँखों में नमी थी लेकिन सबके बीच मौजूद रहकर वे बाकि लोगो का दिल नहीं दुखाना चाहते थे इसलिए अकेले में चले आये। अमर जी ने देखा तो दादू की तरफ आये और उनके कंधे पर हाथ रखते हुए कहा,”अमायरा के जाने का दुःख हम सबको है , वो ऐसे चली जाएगी किसी ने सोचा नहीं था।”
दादू ने सूना तो अपनी नम आँखों को पोछते हुए कहा,”आज पहली बार अपने परिवार को इतने दर्द में देख रहा हूँ अमर जी , इस घर में बहुत सी परेशानिया आयी लेकिन कभी इतना बुरा नहीं हुआ। उस मासूम बच्ची को मारकर उसे क्या मिला होगा ? मैं बूढ़ा हो चुका हूँ लेकिन वो नन्ही सी बच्ची कभी मुझे इस बात का अहसास नहीं होने देती थी , मुझसे पूछने के लिए उसके पास सैंकड़ो सवाल होते थे , उसकी शरारतों पर मैं मुस्कुराया करता था हंसा करता था लेकिन अब,,,,,,,,,,,,,,,,,,,अब तो लगता है जैसे इस घर की आत्मा ही चली गयी है।”
“हिम्मत रखिए , जिसने भी इस घर की खुशियों को छीना है हम उसे छोड़ेंगे नहीं। अमायरा के कातिल को हम जरूर ढूंढ लेंगे और उसे वो सजा देंगे जो उसने सोची नहीं होगी। आप इस घर के बुजुर्ग है अगर आप कमजोर पड़ेंगे तो सब कमजोर पड़ जायेंगे। मीरा और दामाद जी पर इस वक्त जो बीत रही है वो बहुत पीड़ादायक है ऐसे में उन बच्चो को हमारी जरूरत है। होंसला रखिये”,अमर जी ने कहा और कुछ देर बाद दादू को लेकर हॉल में चले आये।
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क्रमश – Haan Ye Mohabbat Hai – 43
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संजना किरोड़ीवाल
Mujhe nahi pata ki apne kya sochkar esa likha par jo bhi likha aaj dil ko cho gaya
Aapne es part m itna dard likha ki meri ankhon m bhi pani aa gaya
Mana ki y kalpanik kahani h par apke likhne k tarike ne hum sab ko vyas house k dard se jod diya
Hatts off to u mam
🥺💫
😭😭😔
Aaj k part ne rula diya mam apne itna dard bhara part likha mam
Itna dard ki shabad hi nahi hai. Vyas house mein sabka dukh apne jaisa lag raha hai. Pata nahi aage kya likhna hai aapko par last two part very painful rahe hai. Padne mein hi dil dard se bhar gaya par aap ne to likhte samay use jiya hoga.
Aaj ke part ne rula diya amaira itne pyare the Aapko amaira ko marna nahi chahiye tha ab achat or mera ka kya hoga kese rahenge wo dono apne beti ke bina
😞😭😭
Hame padne ne itni tak leef ho rahi hai ki Akshat aur Meera aur Vyas Parivar per kya bith rahi hai mehsoos kar pa rahe hai toh aapko likte waqt kitni takleef hue hogi soch bi nahi sakte…
Rula diya aj to apne..
😭😭😭😭😭😭
Bhut pain ful tha aj ka such me apne ooper beeta hua ek ek din yaad aa gya bhut bura lga
Apne toh puri tarike se feel kar diya …..😿😿💔💔Amaira💔
Bhut hi emotional part tha ma’am
Aaj ka part rula gya… aise laga sab samne hi Meera ka rona aashu ki bebsi or masum si Amu… very imotional part
Q yaaar apne kyu amaira ke kirdar ko maara bacha khone ka dukh nhi bardasht kr skta koi b maa baap ye twist mujhe bilkul psand nhi aya itne feelings ke saath pdhi thi pr ab phle hi pta chl gya ke aisi kahani ayegi age to ab nhi pdhungi. Phla part dekh kr hi khush hu mai
Very very sad and heart breaking.. ye mod nahi chahiye thi.. she was kid
I can’t read 😭