Sanjana Kirodiwal

Story with Sanjana Kirodiwal

Telegram Group Join Now

हाँ ये मोहब्बत है” – 40

Haan Ye Mohabbat Hai – 40

Haan Ye Mohabbat Hai – 40

किडनेपर की बात सुनकर अक्षत का दिल धक से रह गया। वह खामोश खड़ा फोन को अपने कान से लगाए रहा। छवि दीक्षित केस ही अमायरा किडनेपिंग की वजह थी अक्षत जान चूका था उसने सोचा नहीं था ये केस ऐसे मोड़ पर आकर रुकेगा। किडनेपर ने फोन काट दिया। अक्षत के चेहरे पर इस वक्त कोई भाव नहीं था उसने अपना हाथ नीचे किया।

कानो में अभी भी किडनेपर की कही बात गूँज रही थी “अक्षत व्यास आज की सुनवाई में तुम कोर्ट रूम में जाओगे जरूर लेकिन जीतने नहीं बल्कि ये केस हारने। आज की सुनवाई में तुम कुछ ना बोलकर खामोश बैठे सिर्फ तमाशा देखोगे और अगर तुमने होशियारी की तो याद रखना तुम्हारी बेटी तुम्हे जिंदगीभर नहीं मिलेगी”
अक्षत के माथे पर पसीने की बुँदे उभर आयी एक तरफ अमायरा की जिन्दगी थी तो वही दूसरी तरफ छवि को इंसाफ,,,,,,,,,,,,,

अक्षत एक बड़ी दुविधा में फंस गया। वही इसी उलझन में कोर्टरूम के बाहर खड़ा था की सचिन की आवाज से उसकी तंद्रा टूटी,”सर जज साहब आने वाले हैं”
“हम्म्म्”,कहते हुए अक्षत सचिन के साथ अंदर चला आया।
आज कोर्ट रूम खचाखच भरा हुआ था , छवि दीक्षित केस का बड़ा फैसला होने वाला था। चोपड़ा जी के चेहरे पर आज अलग ही रौनक थी तो वही सिंघानिया जी पीछे बैठकर मन ही मन घबरा रहे थे उन्हें अभी भी उस आदमी पर भरोसा नहीं था जो उस रात उनसे डील करके गया था।

इंस्पेक्टर कदम्ब विक्की सिंघानिया को लेकर आये और उसे कटघरे में खड़ा कर दिया। अक्षत अपनी कुर्सी पर बैठा था उसके चेहरे पर कोई भाव नहीं थे लेकिन अंदर ही अंदर एक तूफान था जिसे इस वक्त सिर्फ वह महसूस कर पा रहा था। कुछ देर बाद जज साहब कोर्ट रूम में आये , सभी अपनी जगह पर खड़े हो गए। जज साहब अपनी कुर्सी पर आकर बैठे और अपना हथोड़ा टेबल पर मारकर कहा,”आज की कार्यवाही शुरू की जाए”


चूँकि चोपड़ा जी ने अदालत से वक्त की मोहलत मांगी थी इसलिए वे अपनी जगह से उठकर आगे आये और कहने लगे,”माय लार्ड आज की कार्यवाही शुरू करते हुए मैं छवि दीक्षित को कटघरे में बुलाकर उनसे कुछ सवाल करने की इजाजत चाहता हूँ”
“इजाजत है”,जज साहब ने कहा तो छवि अपनी जगह से उठकर कटघरे में आकर खड़ी हो गयी। चोपड़ा जी छवि के सामने आये और कहा,”मिस छवि दीक्षित आपका ये कहना है की मेरे क्लाइंट विक्की सिंघानिया ने आपके साथ जबरदस्ती की ?”


“जी हाँ’,छवि ने हिम्मत करके कहा
“कैसे ? मेरा मतलब आपको कैसे पता की वो विक्की ही था ? जिस कमरे में रेप हुआ क्या वहा कोई और भी मौजूद था”,चोपड़ा जी ने सवालो की बौछार कर दी
“नहीं वहा कोई नहीं था”,छवि ने कहा
“क्या आप अदालत को बता सकती है उस वक्त कितने बजे थे ?”,चोपड़ा जी ने कहा


“मुझे समय नहीं पता लेकिन तब बहुत रात हो चुकी थी उस कमरे में अन्धेरा था”,छवि ने उलझन भरे स्वर में कहा
“हाँ मतलब अँधेरा था लेकिन फिर भी तुमने अच्छे से देख लिया की वो विक्की सिंघानिया ही था ?”,चोपड़ा जी ने छवि की शब्दों के जाल में फंसाते हुए कहा
“नहीं अँधेरा होने की वजह से मैं चेहरा नहीं देख पाई”,छवि ने कहा


“पॉइंट टू बी नोटेड माय लार्ड , जिस कमरे में छवि दीक्षित का रेप हुआ उस कमरे में काफी अन्धेरा था और इनका कहना है की इन्होने रेप करने वाले का चेहरा नहीं देखा,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,मिस छवि जब आपने रेपिस्ट का चेहरा देखा ही नहीं तो आप इतने यकीन के साथ कैसे कह सकती है की वो रेपिस्ट विक्की ही था ?”,चोपड़ा जी ने कहा
“क्योकि मैं जानती हूँ वो इंसान यही था”,छवि ने झुंझलाकर कहा


“देखिये मिस छवि आपको बुरा लग सकता है लेकिन आप अदालत को भटका रही है। अंधेरे कमरे में कोई लड़का आपके करीब आता है और आप उसे पहचान ले मतलब ये हुआ की आप पहले भी उसके साथ रात गुजार चुकी है”,चोपड़ा जी ने कहा
“ऐसा कुछ भी नहीं है”,छवि ने गुस्से से चिल्लाकर कहा
“अगर ऐसा नहीं है तो फिर बिना रेपिस्ट का चेहरा देखे आप कैसे कह सकती है की वो विक्की सिंघानिया ही था ?”,चोपड़ा जी ने थोड़ी ऊँची आवाज में कहा तो छवि की आँखों में आँसू भर आये

वह चोपड़ा जी की बातो में उलझ चुकी थी और इस बीच अक्षत ने कोई ऑब्जेक्शन नहीं उठाया। छवि ने अक्षत की तरफ देखा लेकिन अक्षत ने कुछ नहीं कहा बस खामोश बैठा रहा। अक्षत को कोई ऑब्जेक्शन करते ना देखकर चोपड़ा जी ने आगे कहना शुरू किया,”माय लार्ड कानून को छवि दीक्षित से पूरी हमदर्दी है , उनके साथ ज्यादती हुयी है लेकिन मैं अदालत में ये साबित कर सकता हूँ की वो शख्स विक्की सिंघानिया नहीं बल्कि कोई और था , मैं गौतम सिंघानिया के नौकर रॉबिन को कटघरे में बुलाने की इजाजत चाहता हूँ”


“इजाजत है”,जज साहब ने कहा। छवि कटघरे से बाहर आ गयी और उसकी जगह सिंघानिया जी का नौकर रॉबिन आ खड़ा हुआ। चोपड़ा जी रॉबिन के सामने आये और कहा,”मिस्टर रॉबिन विक्की सिंघानिया को तुम कैसे जानते हो ?”
“मैं पिछले 8 साल से सिंघानिया जी के यहाँ नौकर का काम कर रहा हूँ , विक्की सिंघानिया मेरे मालिक के बेटे है”,रॉबिन ने कहा
“मिस्टर रॉबिन सिंघानिया जी और विक्की से आपके संबंध कैसे थे ?”,चोपड़ा जी ने सवाल किया


“अच्छे नहीं थे सिंघानिया जी फिर भी ठीक थे लेकिन विक्की सर का बर्ताव काफी बुरा था। वे अक्सर घर के नोकरो से बदतमीजी से पेश आते , गाली गलोच करते यहाँ तक के उन पर हाथ तक उठा देते थे। मैं विक्की बाबा का पर्सनल सर्वेंट था इनकी सभी जरूरतों का ख्याल रखता था लेकिन एक बार इन्होने सबके सामने एक छोटी सी बात के लिए मुझे बहुत बेइज्जत किया , बस उसी दिन से मैंने इनसे बदला लेने की ठान ली। सिंघानिया जी का इनके अलावा कोई और वारिस नहीं था बस यही सोचकर मैं इन्हे बर्बाद करने की सोचने लगा।

होली वाले दिन मुझे पता चला की विक्की बाबा अपने फार्म हॉउस पर है मैं भी वहा पहुँच गया लेकिन वहा जाकर पता चला की इन्होने उस ( कहते हुए छवि की तरफ इशारा करता है ) लड़की को वहा कमरे में बंद कर रखा है। उस दिन मैं विक्की बाबा को मारने के इरादे से वहा गया था मैंने इनकी शराब में ड्रग्स मिला दिए जिसे पीकर ये बेहोश हो गए। मैं इन्हे मारना चाहता था लेकिन फिर जब मैंने उस लड़की को देखा तो मेरे दिमाग में कुछ और चलने लगा ,

अगर मैं इन्हे मार देता तो आसानी से पकड़ा जाता इसलिए मैंने उस रात उस लड़की के साथ गलत किया और उसे सड़क पर फेंक दिया ताकि विक्की बाबा उसमे फंस जाये और इन्हे सजा हो जाये उसके बाद सिंघानिया जी की सारी प्रॉपर्टी मैं अपने नाम करवा लेता,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,उस लड़की का रेप मैंने किया है जज साहब , बदले और गुस्से की भावना में मैं अंधा हो गया और मैंने एक लड़की की जिंदगी खराब कर दी , आप मुझे जो सजा देंगे मुझे मंजूर है”,कहते हुए रॉबिन रो पड़ा
“ये झूठ बोल रहा है”,छवि ने उठते हुए कहा


“आर्डर आर्डर मिस्टर व्यास अपनी क्लाइंट से कहिये शांत रहे”,जज साहब ने कहा तो अक्षत ने छवि को शांत रहने का इशारा किया तो छवि ने रोआँसा होकर धीरे से कहा,”वो उसे बचाने के लिए झूठ बोल रहा है सर”
“माय लार्ड इस केस के शुरुआत से ही विक्की सिंघानिया एक ही बात बोलते आ रहे है कि उन्होंने छवि दीक्षित का रेप नहीं किया है लेकिन कानून उन्हें पहले ही गुनहगार मान चुका था इसलिए उनकी बात को अदालत में कोई महत्व नहीं दिया गया लेकिन एक वकील होने के नाते मेरा फर्ज बनता है कि मैं केस के दोनों पहलुओं को समझू और सबके सामने पेश कर सकू।

माय लार्ड मिस्टर रॉबिन ने अदालत में सबके सामने खुद कहा है की उन्होंने छवि दीक्षित का रेप किया और महज विक्की सिंघानिया से बदला लेने के लिए इल्जाम उनके सर पर डाल दिया,,,,,,,,,,,,,,,,,,सबूत अदालत के सामने है , गुनहगार भी इसलिए मैं अदालत से ये दरख्वास्त करना चाहूंगा की मेरे क्लाइंट विक्की सिंघानिया पर लगाए चार्जेस हटाए जाए और उन्हें रिहा किया जाए इस केस के चलते उन्हें मानसिक और शारीरिक काफी नुकसान हो चुका है।

साथ ही मेरी आपसे भी दरख्वास्त है की छवि दीक्षित के साथ न्याय करते हुए रॉबिन को कड़ी से कड़ी सजा दी जाए जिस से लोगो का न्याय और कानून के प्रति विश्वास बना रहे,,,,,,,,,,,,,,,,देट्स ऑल माय लार्ड”,चोपड़ा जी ने कहा और जज साहब के सामने अपना सर झुकाते हुए साइड हो गए।
छवि ने सूना तो उसका दिल टूट गया , वो अच्छे से जानती थी की ये सब सिर्फ विक्की को बचाने के लिए झूठ बोल रहे है। अक्षत खामोश बैठा सब सुन रहा था आज की कार्यवाही में उसने एक बार भी ऑब्जेक्शन नहीं कहा ना ही बहस की।

जज साहब ने फाइल में कुछ लिखा और अक्षत की तरफ देखकर कहा,”मिस्टर व्यास क्या अपनी सफाई में कुछ कहना चाहेंगे ?”
अक्षत उठा तो चोपड़ा जी और सिंघानिया जी के चेहरे पर परेशानी के भाव उभर आये लेकिन अगले ही पल अक्षत ने कहा,”नो माय लार्ड , मिस्टर रॉबिन के बयान सुनने के बाद मैं नहीं चाहूंगा किसी बेगुनाह को सजा हो,,,,,,,,,,,,इस केस में अदालत का जो आखरी फैसला होगा मुझे मंजूर होगा,,,,,,देट्स ऑल माय लार्ड”


अक्षत की बात सुनकर अदालत में बैठे आधे से ज्यादा लोग हैरान थे। छवि की आँखे फ़टी की फ़टी रह गयी जिस अक्षत पर उसने भरोसा किया उसने उस भरोसे को पल में चकनाचूर कर दिया  

छवि की आँखों में आँसू भर आये तो वही माधवी जी का दिल भी टूट गया लेकिन उनके चेहरे पर दुःख की बजाय गुस्से और कठोर भाव थे। इंपेक्टर कदम्ब भी अक्षत की बात पर हैरान थे आखिर अक्षत ने एकदम से ऐसा फैसला क्यों लिया ? सिंघानिया जी और चोपड़ा जी एक दूसरे की तरफ देखकर मुस्कुराये तो वही विक्की को मन ही मन तसल्ली हुई की अब वह बच जायेगा।


जज साहब ने अपना फैसला लिखा और कहा,”दोनों पक्षों के बयान और गवाही सुनने के बाद अदालत इस नतीजे पर पहुंची है की छवि दीक्षित के साथ जो ज्यादती हुई थी वो विक्की सिंघानिया ने नहीं बल्कि उन्ही के नौकर रॉबिन ने की है। मिस्टर रॉबिन ने अदालत में सबके सामने ये कुबूल किया है कि विक्की सिंघानिया से अपनी निजी दुश्मनी के चलते उन्होंने छवि दीक्षित के साथ ज्यादती की लिहाजा ये अदालत विक्की सिंघानिया को बेकसूर मानते हुए उन पर लगे सभी आरोपों को ख़ारिज करती है लेकिन विक्की सिंघानिया ने बुरी नियत के चलते छवि दीक्षित को अगवा किया

इसके लिए ये अदालत विक्की सिंघानिया से जुर्माने के रूप में 1 लाख रूपये वसूल करने का आदेश देती है साथ ही 6 महीने की सजा सुनाती है और विक्की सिंघानिया में सुधार की उम्मीद करती है। छवि दीक्षित का रेप करने के जुर्म में ये अदालत रॉबिन को उम्रकैद की सजा सुनाती है। जुर्माने में मिली रकम छवि दीक्षित को देने का आदेश देती है जिस से वे एक नयी जिंदगी की शुरुआत कर सके,,,,,,,,,,,,,,,,,,द कोर्ट इज अड़जर्नेड”
जज साहब ने जैसे ही अपना फैसला सुनाया अक्षत का दिल टूट गया आज उसकी ख़ामोशी की वजह से विक्की सिंघानिया बच गया और छवि को इंसाफ नहीं मिल सका

वही कोर्ट की नजर में छवि के साथ पूरा इंसाफ हुआ था। जज साहब अपनी कुर्सी से उठे और चले गए। इंस्पेक्टर कदम्ब ने विक्की के साथ साथ रॉबिन को भी हथकडिया पहनाई और अपने साथ लेकर चले गए। सिंघानिया जी विक्की को सजा होने से थोड़ा दुखी थे लेकिन साथ ही उन्हें इस बात की ख़ुशी थी को 6 महीने बाद विक्की घर आ जायेगा। सचिन ने अक्षत को पहली बार ऐसे बर्ताव करते देखा था। हमेशा सच और इंसाफ के लिए लड़ने वाला अक्षत बेबस और लाचार सा अदालत में सर झुकाये खड़ा था चोपड़ा जी उसके सामने आये और धीमी आवाज में कहा,”आईन्दा से मेरे सामने केस लड़ने से पहले पूरी तैयारी के साथ आना मिस्टर व्यास,,,,,,,,,,,,,,,,,!!!”


अक्षत इस वक्त कुछ बोलने की स्तिथि में नहीं था उसने कुछ नहीं कहा और जैसे ही जाने लगा माधवी दीक्षित उसके सामने चली आयी। अक्षत उनसे नजरे नहीं मिला पा रहा था उसने धीरे से कहा,”मुझे माफ़,,,,,,,,,,,,!!”
“सटाक !!”,एक तेज तर्रार थप्पड़ आकर अक्षत के गाल पर लगा जो की माधवी ने मारा था लेकिन अक्षत ने उन्हें कुछ नहीं कहा उसने नजरे उठा कर सामने खड़ी छवि की माँ को देखा , उनके पीछे खड़ी छवि को देखा तो अपने मामा के सीने से लगकर रो रही थी। माधवी जी का चेहरा इस वक्त गुस्से और दुःख के मिले जुले भावों से भरा हुआ था।

उन्होंने अक्षत की आँखों में देखते हुए कहा,”अगर यही करना था तो फिर मुझे इंसाफ दिलाने की झूठी उम्मीद क्यों दी ? तुम भूल गए तुमने मुझसे वादा किया था की तुम मेरी बेटी को इंसाफ दिलाओगे तो क्या ये था तुम्हारा इंसाफ ? चंद रूपये और एक बेकसूर को उम्रकैद की सजा,,,,,,,,,,,,,,,,,,,तुम्हे देखकर तो लगता है उन सबकी तरह तुम भी बिक गए हो। मेरी बेटी की जिंदगी खराब करने में कही न कही तुम भी शामिल हो। तुम अपना वादा नहीं निभा पाए मिस्टर अक्षत व्यास,,,,,,,,,,,,,,,,तुमने एक माँ का दिल दुखाया है तुम कभी खुश नहीं रहोगे”


कहते कहते माधवी की सांसे फूलने लगी वह बहुत ही गुस्से और नफरत भरी निगाहों से अक्षत को देख रही थी। अक्षत ने सूना तो उसका दिल टूट गया इस वक्त वह माधवी जी को अपनी मज़बूरी ना बता सकता था ना ही समझा सकता था। माधवी जी के साथ साथ उसने एक माँ से और वादा किया था कि वह उसकी बच्ची को सही सलामत घर लेकर आएगा। अक्षत ने अपने हाथ जोड़े और कहा,”मुझे माफ़ कर दीजियेगा”
कहकर अक्षत वहा से निकल गया। माधवी जी ने अपना चेहरा अपने हाथो में छुपा लिया और फूट फूट कर रो पड़ी  

अक्षत कोर्ट रूम से बाहर चला आया। कुछ वकील उस पर हंस रहे थे और कुछ हैरान थे कि अक्षत ने इतने अच्छे केस को एकदम से कमजोर कैसे कर दिया ? आज पुरे कोर्ट में अक्षत चर्चा का विषय बना हुआ था। अक्षत ख़ामोशी से चलकर अपने केबिन में आया चित्रा ने अक्षत को देखा तो उसके सामने आयी और गुस्से से कहा,”आपके साथ काम करते हुए मुझे लगा की आप एक बेहतरीन वकील होने के साथ साथ बहुत अच्छे इंसान भी है लेकिन आज आपकी ख़ामोशी ने उस लड़की की सारी उम्मीदों को तोड़ दिया।

आप इतने स्वार्थी कैसे हो सकते है ? कैसे एक लड़की की भावनाओ से उसके विश्वास से खेल सकते है ? वो लड़की पिछले कई हफ्तों से इस उम्मीद में अदालत आती रही की एक दिन उसे इंसाफ मिलेगा लेकिन वो गलत थी उसने गलत इंसान पर भरोसा किया”


अक्षत ने कुछ नहीं कहा बस ख़ामोशी से सब सुनता रहा , चित्रा की आँखों में छवि को लेकर नमी थी और चेहरे पर दुःख के भाव थे उसने अपना बैग उठाया और वहा से चली गयी। अक्षत के दिमाग में कोर्ट रूम और जज साहब का फैसला चल रहा था ये उसकी जिंदगी का पहला केस था जिसमे अक्षत ने ख़ामोशी से झूठ को जीतते और सच को हारते देखा।


“ए अक्षत क्या हो गया है तुझे हाँ ? तू उस लड़की के साथ ऐसा कैसे कर सकता है ? अरे पूरा शहर जानता है की उसके साथ बुरा करने वाला वो विक्की सिंघानिया था और उसे सिर्फ 6 महीने की सजा,,,,,,,,,,,,,,क्या इतनी कम सजा काफी है एक रेपिस्ट के लिए ? अरे जरा उस लड़की के बारे में तो सोचा होता , जिसके लिए तू ये केस लड़ रहा था। पुरे कोर्ट में बस तेरी ही बात हो रही है जानता है लोग हंस रहे है तुझ पर , कैसी कैसी बाते कर रहे है तेरे लिए की तू सिंघानिया का पालतू है ,

इस केस में तू बिक गया है , तूने पैसे के लिए केस को आखिर में कमजोर बना दिया और भी ना जाने क्या क्या ? मैं जानता हूँ यार तू ऐसा नहीं है फिर तुने ऐसा क्यों किया ?”,अखिल ने केबिन में आकर कहा लेकिन अक्षत उसके सामने भी खामोश रहा।
अगले ही पल अक्षत का फोन बजा स्क्रीन पर प्राइवेट नंबर देखकर अक्षत को अमायरा का ख्याल आया उसने अपनी गाड़ी की चाबी उठायी और बिना अखिल की बात का जवाब दिए केबिन से निकल गया। अक्षत ने फोन कान से लगाया और कहा,”तुम जैसा चाहते थे मैंने वैसा ही किया अब बताओ मेरी बेटी कहा है ?”


“रिलेक्स मिस्टर अक्षत व्यास मुझे लगा नहीं था तुम इतनी आसानी से ये केस हार जाओगे लेकिन वो क्या कहते रहते हो तुम ?,,,,,,,,,,,हाँ फॅमिली , फॅमिली इज योर फर्स्ट प्रायोरिटी,,,,,,,,,,,,,,तुम्हारी बेटी तुम्हे मिल जाएगी”,दूसरी तरफ से सधी हुई आवाज आयी
“कहा है वो ? मुझे उस से मिलना है,,,,,,,,,,,,,,,,अगर मेरी बेटी को कुछ हुआ तो मैं तुम्हे,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,प्लीज बताओ मेरी बेटी कहा है ?”,अक्षत ने गाड़ी का दरवाजा खोलकर अंदर बैठते हुए कहा


“हाये इतनी तड़प ! तुम्हारी आवाज से पता चल रहा है की तुम उस से कितना प्यार करते हो,,,,,,,,,,,,,,अगर अपनी बेटी से मिलना है 10 मिनिट में सिटी मॉल के सामने मिलो,,,,,,,,,,,,,,,रिमेम्बर मिस्टर व्यास अगर 1 सेकेण्ड भी लेट हुए तो मैं चला जाऊंगा और फिर तुम्हे तुम्हारी बेटी कभी नहीं मिलेगी,,,,,,,,,,,,,,योर टाइम स्टार्ट नाऊ”,कहकर आदमी ने फोन काट दिया अक्षत ने फोन साइड सीट पर फेंका और गाड़ी स्टार्ट कर तेजी से वहा से निकल गया। अक्षत जितनी तेज गाडी चला सकता था उसने चलाई। परेशानी और घबराहट उसके चेहरे से साफ झलक रही थी।

अक्षत तय समय में सिटी मॉल के सामने पहुंचा लेकिन वहा अमायरा नहीं थी अक्षत इधर उधर देखते हुए जोर से चिल्लाया,”अमु,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,अमु”
अक्षत का फोन एक बार फिर बजा उसने फोन उठाया और कान से लगाया तो दूसरी तरफ से आवाज आयी,”प्लान में थोड़ा चेंज है मिस्टर व्यास , इस वक्त मैं रेलवे स्टेशन हूँ और तुम्हारी बेटी यहाँ पड़े किसी एक डस्टबिन में ही मिलेगी,,,,,,,,,,,,,,,,,देखा जाये तो मेरे लिए वो भी एक कचरे से ज्यादा कुछ नहीं है”,आदमी ने कहा


“यू बास्टर्ड मेरे साथ ये गेम खेलना बंद करो तुम,,,,,,,,,,,,,,,,तुमने जो कहा वो मैंने किया अब मेरी बेटी मुझे लौटा दो”,अक्षत चिल्ला उठा
“उसके मुंह पर टेप लगा है और डस्टबिन में होने की वजह से वो दम घुटने से मर भी सकती है,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,!!!”,आदमी ने कहा


अक्षत ने सूना तो उसने फोन जेब में रखा और एक बार फिर गाड़ी लेकर रेलवे स्टेशन के लिए निकल गया। अक्षत को कुछ समझ नहीं आ रहा था उसे बस किसी भी हालत में अमायरा को बचाना था। अक्षत रेलवे स्टेशन आया और वहा पड़े डस्टबिन को चेक करने लगा। वह पागलो की तरह उन गंदे डस्टबिन को खाली करके देखकर रहा था सब उसे देख रहे थे। एक कॉस्टेबल ने देखा तो अक्षत को रोकते हुए कहा,”ए ये सब क्या कर रहे हो ?”
अक्षत ने कोई जवाब नहीं दिया उसके लिए इस वक्त अमायरा को ढूंढना ज्यादा इम्पोर्टेन्ट था। कॉन्स्टेबल ने अक्षत की बांह पकड़कर उसे रोकते हुए कहा,”ए सुनाई नहीं देता कचरा क्यों फैला रहे हो ?”


अक्षत बोखला चुका था उसने अपना सर पकड़ लिया इस वक्त लोग उसे पागल समझ रहे थे। कॉस्टेबल उसे खींचते हुए ले गया और रेलवे स्टेशन से बाहर फेंक दिया। अक्षत का फोन फिर बजा अक्षत ने फोन उठाया और कहा,”प्लीज बता दो मेरी बेटी कहा है मैं तुम्हारे आगे हाथ जोड़ता हूँ , तुम्हे जो करना है मेरे साथ करो बस बता दो मेरी बेटी कहा है ?”
“सिरपुर झील तुम्हे तुम्हारी बेटी मिल जाएगी,,,,,,,,,,,,,,बेस्ट ऑफ़ लक मिस्टर व्यास”,कहकर आदमी ने फोन काट दिया  


“हेलो हेलो हेलो,,,,,,,,,,,,,,,,,!!”,अक्षत ने आगे बात करनी चाही लेकिन फोन कट गया। अक्षत ने अपना मुंह पोछा और वहा से दौड़ पड़ा। जीजू अर्जुन के साथ अमायरा का पता लगाने रेलवे स्टेशन आये थे उन्होंने जब अक्षत को जल्दी में जाते देखा तो अर्जुन से कहा,”अर्जुन तू घर चल मैं अभी आया”
“लेकिन आप कहा जा रहे है ?”,अर्जुन ने पूछा तब तक जीजू ने बाइक स्टार्ट की और कहा,”तू घर चल मैं आता हूँ और कुछ पता चले तो फोन करना”
“जीजू  , जीजू”,अर्जुन ने आवाज दी लेकिन तब तक जीजू वहा से निकल गए।

Haan Ye Mohabbat Hai – 40Haan Ye Mohabbat Hai – 40Haan Ye Mohabbat Hai – 40Haan Ye Mohabbat Hai – 40Haan Ye Mohabbat Hai – 40Haan Ye Mohabbat Hai – 40Haan Ye Mohabbat Hai – 40Haan Ye Mohabbat Hai – 40Haan Ye Mohabbat Hai – 40Haan Ye Mohabbat Hai – 40Haan Ye Mohabbat Hai – 40Haan Ye Mohabbat Hai – 40Haan Ye Mohabbat Hai – 40Haan Ye Mohabbat Hai – 40Haan Ye Mohabbat Hai – 40Haan Ye Mohabbat Hai – 40Haan Ye Mohabbat Hai – 40Haan Ye Mohabbat Hai – 40Haan Ye Mohabbat Hai – 40Haan Ye Mohabbat Hai – 40Haan Ye Mohabbat Hai – 40Haan Ye Mohabbat Hai – 40

Haan Ye Mohabbat Hai – 40Haan Ye Mohabbat Hai – 40Haan Ye Mohabbat Hai – 40Haan Ye Mohabbat Hai – 40Haan Ye Mohabbat Hai – 40Haan Ye Mohabbat Hai – 40Haan Ye Mohabbat Hai – 40Haan Ye Mohabbat Hai – 40Haan Ye Mohabbat Hai – 40Haan Ye Mohabbat Hai – 40Haan Ye Mohabbat Hai – 40Haan Ye Mohabbat Hai – 40Haan Ye Mohabbat Hai – 40Haan Ye Mohabbat Hai – 40Haan Ye Mohabbat Hai – 40Haan Ye Mohabbat Hai – 40Haan Ye Mohabbat Hai – 40Haan Ye Mohabbat Hai – 40Haan Ye Mohabbat Hai – 40Haan Ye Mohabbat Hai – 40Haan Ye Mohabbat Hai – 40Haan Ye Mohabbat Hai – 40

क्रमश – Haan Ye Mohabbat Hai – 41

Read More – “हाँ ये मोहब्बत है” – 39

Follow Me On – facebook

Sanjana Kirodiwal

8 Comments

Add a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!