Sanjana Kirodiwal

Story with Sanjana Kirodiwal

Telegram Group Join Now

“हाँ ये मोहब्बत है” – 41

Haan Ye Mohabbat Hai – 41

Haan Ye Mohabbat Hai – 41

अक्षत अपनी गाड़ी लेकर तुरंत वहा से “सिरपुर झील” के लिए निकल गया। सोमित जीजू ने जब अक्षत को जल्दी में जाते देखा तो वे भी अपनी बाइक लेकर उसके पीछे चल पड़े। सिरपुर झील इंदौर से 5-6 किलोमीटर की दूरी पर थी जो की इंदौर की काफी मशहूर झील थी लेकिन पिछले कुछ दिनों से वह बंद थी और लोगो का आना जाना भी काफी कम था। अक्षत तेज रफ़्तार में गाडी चला रहा था जीजू भी उसके पीछे बाइक पर थे लेकिन अक्षत काफी आगे निकल गया।

जीजू की आँखो के सामने सालों पहले घटी वो घटना आ गयी जब मोनलिसा अमायरा को उठाकर ले गयी थी। जीजू मन ही मन अमायरा के ठीक होने की दुआ करने लगे। अक्षत जीजू से काफी आगे निकल चुका था।
15 मिनिट बाद ही अक्षत शिवपुर झील के पास पहुंचा वह गाड़ी से उतरा और अमायरा को ढूंढने लगा। अक्षत पसीने से लथपथ और बदहाल था उसने अमायरा को ढूंढना जारी रखा। अमायरा को ढूंढते हुए अक्षत की नजर एक बॉक्स पर पड़ी उसे देखते ही अक्षत का दिल धड़कने लगा।

झील के आखरी छोर पर सूरज अपनी लालिमा लिए डूबने की तैयारी कर रहा था। मौसम ठंडा हो चुका था और हवाएं चल रही थी। अक्षत के बाल उसके माथे पर उड़ने लगे। धड़कते दिल के साथ अक्षत उस बॉक्स की तरफ बढ़ने लगा। ना जाने क्यों उसके पैर काँप रहे थे और मन अजीब सी बेचैनी से घिरा हुआ था। अक्षत धीरे धीरे चलते हुए उस डिब्बे के पास पहुंचा। अक्षत जैसे ही डिब्बे के पास पहुंचा सोमित जीजू की बाइक वहा आकर रुकी और उन्होंने बाइक से उतरते हुए कहा,”आशु”


सोमित जीजू की आवाज सुनकर अक्षत पलटा उन्हें वहा देखकर वह पहले हैरान हुआ और फिर दुखभरे स्वर में कहा,”उसने कहा हमारी अमु यही मिलेगी जीजू , मैं उसे ढूंढ लूंगा”
कहते हुए अक्षत जैसे ही आगे बढ़ा लड़खड़ा गया , उसके पैरो में अब इतनी ताकत नहीं बची थी। जीजू ने देखा तो उसकी तरफ आते हुए कहा,”आशु सम्हलकर”
अक्षत उस डिब्बे के पास आया उसने काँपते हाथो से जैसे ही डिब्बे का ढक्कन उठाया उसकी आँखे फ़टी की फ़टी रह गयी।

धड़कने एक पल के लिए जैसे रुक सी गयी और चेहरे पर बेइंतहा दर्द के भाव उभर आये। उस डिब्बे में अमायरा का मृत शरीर था जो कि लगभग सफ़ेद पड़ चुका था। उसके होंठ काले पड़ चुके थे अक्षत कुछ पल तक बस उसे देखता रहा और फिर एकदम से चीखा,”अमु”
सोमित जीजू ने अक्षत की चीख सुनी तो उसकी ओर दौड़ पड़े। अक्षत ने अमायरा के मृत शरीर को डिब्बे से निकाला और उसे जगाने की कोशिश करते हुए कहने लगा,”अमु अमु उठो , अमु देखो पापा आ गए है ,, तुम्हे कुछ नहीं होगा बेटा मैं तुम्हे कुछ नहीं होने दूंगा,,,,,,,,,,,,,,,,,,अमु तुम सुन रही हो ना ?”


अक्षत ने जैसे ही कहा अमायरा का हाथ नीचे झूल गया वो मर चुकी थी। अक्षत ने उसके हाथ को अपने हाथ में लिया तो महसूस किया कि उसका हाथ ठंडा पड़ चुका है। उसे अहसास हुआ की अमायरा उसे छोड़कर जा चुकी है। अक्षत की आँखों से आँसू बहने लगे उसकी आँखों के सामने अमायरा के साथ बिताये पल आने लगे और कानों में उसकी कही बातें गूंजने लगी “पापा , पापा,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,मैं ट्यूट नहीं हूँ मैं तो स्टॉन्ग हूँ,,,,,,,,,,,,,,,,,मेरे पापा हीरो है,,,,,,,,,,,,,,,,आई लब यू,,,,,,,,,,,,,,,,,,,पापा आप मुझसे गुच्छा हो,,,,,,,,,,,,,,,,,,,मुझे हमेशा आपके साथ रहना है,,,,,,,,,,,,,मीरु मेरी बात नहीं सुनती,,,,,,,,,,,,,,पापा”


“अमु,,,,,,,,,,,,,तुम ऐसे नहीं जा सकती,,,,,,,,,,,,,मुझसे बात करो,,,,,,,,,,,,,,,,अमु”,अक्षत ने रोते हुए अमायरा के मृत शरीर को अपने सीने से लगा लिया। सोमित जीजू अक्षत के पास आये।    
अक्षत दहाड़े मार मारकर रोने लगा। उसकी नन्ही सी बेटी इस दुनिया से जा चुकी थी। जीजू ने देखा तो उनकी आँखों में आँसू भर आये और मन पीड़ा से भर उठा। वे नीचे बैठे और अक्षत को सम्हालते हुए कहा,”आशु,,,,,,,,,आशु सम्हाल खुद को”


“उसने मेरी अमु को मार दिया जीजू,,,,,,,,,,,,उसने मेरी अमु को मार दिया,,,,,,,,,,,,,,,,,,,इस नन्ही सी जान ने उसका क्या बिगड़ा था ? मैं मीरा से क्या कहूंगा ? हमारी बेटी अब इस दुनिया में नहीं रही जीजू,,,,,,,,,,,,,,,,,अमायरा नहीं रही,,,,,,,,,,,,,,,,!!”,अक्षत ने रोते हुए कहा तो जीजू की आँखों से भी आँसू बहने लगे उन्होंने अपना दिल मजबूत करके अक्षत और अमायरा को सीने से लगाया लेकिन अक्षत का रोना सुनकर उनके चेहरे पर भी दर्द उतर आया और वो रोने लगे। सूरज धीरे धीरे ढलने लगा था।

अक्षत बच्चो की तरफ फूट फूट कर अमायरा को गोद में लिए रोये जा रहा था। सोमित जीजू के लिए अक्षत को सम्हलना मुश्किल हो रहा था इस वक्त वो जिस दर्द से गुजर रहा था उसे सिर्फ वही समझ सकता था। उसकी आँखो से आँसू बहते जा रहे थे और वह अमायरा को सीने से लगाए दर्दभरी आँहे भर रहा था। जीजू ने देखा सूरज डूबने वाला है उन्होंने अक्षत की पीठ सहलाते हुए कहा,”आशु उठो और घर चलो , मैं समझ सकता हूँ इस वक्त तुम पर क्या बीत रही है लेकिन मेरी बात मानो और घर चलो,,,,,,,,,,,,,,,!!”


“मुझे मेरी बेटी चाहिए जीजू,,,,,,,,,,,,,,मैंने इसे खो दिया , मेरी गलती की वजह से ये मुझसे दूर चली गयी मैं इसके बिना नहीं जी पाऊंगा जीजू”,अक्षत ने फिर रोते हुए कहा तो जीजू ने अपनी नम आँखों को पोछते हुए कहा,”आशु घर पर मीरा इंतजार कर रही है , उसे इस बारे में नहीं पता है उसे बताना होगा , मेरी बात मान और घर चल”
“मैं कही नहीं जाऊंगा मेरी बेटी,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,मेरी अमायरा अब इस दुनिया में नहीं रही जीजू”,अक्षत ने फिर रोते हुए कहा


“हाँ मैं जानता हूँ आशु की हमारी अमायरा अब इस दुनिया में नहीं रही,,,,,,,,,,,,,,,,,लेकिन ये बात हमे मीरा को बतानी होगी”,जीजू ने रोते हुए कहा उन्होंने खुद को मजबूत रखने की बहुत कोशिश की लेकिन आखिर में उनके सब्र का बाँध टूट गया और वो रो पड़े
“मीरा मर जाएगी जीजू,,,,,,,,,,,,,,,,,वो अमायरा को ऐसे देखकर मर जाएगी”,अक्षत ने रोते हुए कहा तो सोमित उसे सीने से लगाकर उसके साथ साथ खुद भी रो पड़ा।

सोमित जीजू बार बार उसे सम्हालने की कोशिश कर रहे थे लेकिन उस वक्त अक्षत को रोता देखकर किसी का भी दिल पिघल जाये। सोमित जीजू ने उसका चेहरा अपने हाथो में लिया और रोते हुए कहने लगे,”अमायरा जा चुकी है आशु आखिरी बार सब घरवालों को इसे देखने दे प्लीज,,,,,,,,,,,,,मेरी बात मान घर चल एक आखरी बार सबको अमायरा से मिलने दे , इसका चेहरा देखने दे तुझे मेरी कसम है,,,,,,,,,,,!”
अक्षत ने सूना तो फिर रोने लगा इस वक्त उसका दर्द असहनीय था जिसमे वह सब भूल चुका था बस कुछ याद था तो वो थी “अमायरा”


हल्का अँधेरा होने लगा था जीजू को भी कुछ समझ नहीं आ रहा था वे बस अक्षत को सम्हालने की नाकाम कोशिश कर रहे थे। कुछ देर बाद ही जीजू का फोन बजा जीजू ने देखा फोन अर्जुन का था , वे अक्षत से थोड़ा साइड में आये और फोन उठाया तो दूसरी तरफ से अर्जुन की घबराई हुई आवाज आयी,”हेलो जीजू कहा है आप ? आशु भी अब तक घर नहीं आया है अखिल से पता चला वो दोपहर में ही कोर्ट से निकल गया है। घर में सब उसे लेकर बहुत परेशान है , आपकी उस से बात हुयी क्या ?”
“आशु मेरे साथ ही है अर्जुन”,जीजू ने लगभग रोते हुए कहा


“जीजू क्या हुआ आप ठीक तो है ना ? आप रो क्यों रहे है ?”,अर्जुन ने घबराये हुए स्वर में कहा
“कुछ ठीक नहीं है अर्जुन तू यहाँ आजा प्लीज , मैं तुझे जो बताने जा रहा हूँ वो घर में किसी को पता ना चले प्लीज”,जीजू ने रोते हुए कहा
“हाँ जीजू मैं साइड में ही हूँ आप बताईये क्या हुआ ?”,अर्जुन ने धड़कते दिल के साथ कहा


“अमायरा इस दुनिया में नहीं रही,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,उस किडनेपर ने उसे मार डाला,,,,,,,,,,,,,तू जल्दी यहाँ आजा आशू को सम्हलना मेरे लिए बहुत मुश्किल हो रहा है प्लीज”,जीजू ने कहा
अर्जुन ने जैसे ही सूना उसकी बांयी आँख से आँसू की बूंद उसके गाल पर लुढ़क आयी , उसके दिल में एक टीस उठी और लगा जैसे किसी ने उसके सीने में खंजर भोक दिया हो।

अर्जुन के मुंह एक शब्द नहीं निकला। उसे खामोश देखकर जीजू ने रोते हुए कहा,”अर्जुन तू सुन रहा है ना हमारी अमायरा जा चुकी है , वी अब इस दुनिया में नहीं रही,,,,,,,,,,,,,,!!”
“जीजू आप मुझे लोकेशन भेजिए मैं अभी वहा आता हूँ”,अर्जुन ने अपने आँसू पोछते हुए कहा और फोन काट दिया।
 “क्या हुआ अर्जुन किसका फोन था ?”,राधा ने परेशानी भरे स्वर में कहा।


अर्जुन ने देखा मीरा को छोड़कर सभी घरवाले हॉल में जमा थे और सबके चेहरे पर उदासी और डर था वह इस वक्त उन्हें अमायरा के बारे में बताना नहीं चाहता था उसने अपना दिल मजबूत करते हुए कहा,”सोमित जीजू का फोन था वो आशु ने गुस्से में किसी पुलिसवाले से बहस कर ली है मुझे वही जाना होगा”
“क्या ? वो किसी बड़ी मुसीबत में तो नहीं है ना ? मैं साथ चलता हूँ,,,,,,,,,,,,,,,,आज कोर्ट में जो कुछ हुआ उसके बाद कही उसने कुछ गलत कदम तो नहीं उठा लिया”,विजय जी ने चिंता जताते हुए कहा


“पापा आप यही रुकिए मैं जाता हूँ , इस वक्त माहौल ठीक नहीं है मैं जीजू के साथ आशु को घर लेकर आता हूँ आप बाकि सबके साथ घर में ही रुकिए”,अर्जुन ने विजय जी से कहा
“और अमायरा उसका कुछ पता चला , अर्जुन हमे अब और देर नहीं करनी चाहिए हमे पुलिस में कंप्लेंट कर देनी चाहिए”,विजय जी ने कहा तो अर्जुन ने अपनी जाड़ भींच ली और कोशिश की आँखों में आँसू ना आये और कहा,”पापा पहले मैं आशु को लेकर आता हूँ उसके बाद हम पुलिस स्टेशन जायेंगे,,,,,,,,,,,,,,,,

आशु इस वक्त शहर से बाहर है मुझे आने जाने में 5-6 घंटे लग जायेंगे हो सकता है आने में सुबह हो जाए,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,मीरा अगर कुछ पूछे तो उसे इस बारे में मत बताईयेगा वो अभी बीमार है ये सब सुनकर और परेशान हो जाएगी,,,,,,,,,,,,,,,मैं निकलता हूँ”
“अर्जुन ध्यान से जाना”,विजय जी ने कहा तो अर्जुन जल्दी से वहा से निकल गया।
“ना जाने इस घर की खुशियों को किसकी नजर लगी है ? पहले अमायरा चली गयी और अब आशु मुसीबत में है,,,,,,,महादेव इतनी परीक्षाएं क्यों ले रहे है ?”,कहते हुए राधा रोने लगी


नीता और तनु ने उसे सम्हाला तो राधा दादी माँ की तरफ आयी और रोते हुए कहा,”मेरा मन बहुत घबरा रहा है माँ , लग रहा है जैसे कुछ बहुत बुरा होने वाला है। मेरे दोनों बच्चे इस वक्त ना जाने कैसी मुसीबत में फंसे है,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,माँ मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा है माँ ये सब क्यों हो रहा है ? मेरे बच्चो ने कभी किसी का बुरा नहीं चाहा , कभी किसी का दिल नहीं दुखाया फिर उनके साथ ये सब क्यों ?”
“हिम्मत रखो राधा कुछ नहीं होगा हमारे बच्चो को ईश्वर उनके साथ है,,,,,,,,,,,,,,,तुम घर की बड़ी हो अगर तुम ही ऐसे दुःख करोगी तो बाकि सबको कौन सम्हालेगा ? शांत हो जाओ,,,,,,,,,,,,,,

नीता बेटा राधा को इसके कमरे में लेकर जाओ”,दादी माँ ने कहा तो नीता और तनु राधा को लेकर उनके कमरे की तरफ बढ़ गयी। विजय जी मुंह लटकाये वही दादू के पास पड़े सोफे पर आ बैठे और कहा,”आज से पहले इस घर में ऐसी घटनाये कभी नहीं हुई पापा , सब गलत हो रहा है अमायरा भी नहीं मिल रही और अब आशु,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,इस घर के बच्चो की रक्षा करना महादेव”


“विजय तसल्ली रखो बच्ची मिल जाएगी , अच्छे वक्त की तरह बुरा वक्त भी आता है तुम चिंता मत करो सब ठीक हो जाएगा”,दादू ने विजय जी के कंधे पर हाथ रखा और विजय जी अपनी नम आँखों को पोछने लगे। काव्या और चीकू दोनों बच्चे ख़ामोशी से सहमे हुए एक तरफ खड़े थे कुछ दिन से घर में जो हो रहा था वो दोनों जानते थे। दादी माँ ने उन्हें देखा तो उनके पास आयी और कहा,”बच्चो आओ मेरे साथ चलो”
“दादू क्यों रहे है बड़ी दादी ?”,चीकू ने मासूमियत से पूछा
 दादी माँ ने सूना तो पलटकर देखा विजय जी अपनी नम आँखों को बार बार पोछ रहे थे।


“चीकू काव्या आओ मेरे साथ चलो मैं तुम दोनों को एक नयी कहानी सुनाती हूँ”,दादी माँ ने अपनी आँखों में आयी नमी को रोकते हुए कहा और उन्हें साथ लेकर अपने कमरे की तरफ बढ़ गयी।
निधि मीरा के पास उसके कमरे में थी कुछ देर पहले ही मीरा को नींद का इंजेक्शन देकर जबरदस्ती सुलाया गया था। उसके पास बैठी निधि नक्ष को अपनी गोद में लिए सुलाने की कोशिश कर रही थी। कुछ देर बाद नीता कमरे में आयी उसने मीरा के सर पर हाथ फेरते हुए कहा,”इस घर पर जैसे मुसीबतो का पहाड़ टूट पड़ा है , देवर जी और मीरा ने पहले क्या कम दर्द सहा था ?”


“भाभी सब ठीक हो जाएगा”,निधि ने नीता के हाथ को छूकर कहा तो नीता ने अपनी नम आँखों को पोछा और कहा,”निधि लाओ नक्ष को मुझे दे दो मैं इसे दूध पीला देती हूँ ये शायद भूखा है। तुम भी थक गयी होगी थोड़ा आराम कर लो”
निधि ने नक्ष को नीता की तरफ कर दिया नीता उसे लेकर कमरे में रखे सोफे पर जा बैठी और बोतल से दूध पिलाने लगी। निधि का सर भी भारी होने लगा था वह वही मीरा के बगल में लेट गयी।

निधि ने सोई हुई मीरा को देखा दो दिन में क्या से क्या हो गयी थी वो ? हर वक्त मुस्कुराने वाली मीरा के चेहरे पर सोते हुए भी दर्द उभर कर आ रहा था। निधि के दिल में एक चुभन का अहसास हुआ उसने मीरा के हाथ को कसकर पकड़ लिया और मन ही मन कहा,”सब ठीक हो जाएगा मीरा , हमारी अमायरा लौट आएगी”

अर्जुन घर से निकला आधे घंटे बाद ही वह जीजू की बताई जगह पर पहुंचा। वह गाडी से उतरा और अक्षत की गाड़ी के पास खड़े सोमित जीजू पर पड़ी सोमित जीजू सर झुकाये अपनी उंगलियों को अपने आँखों से लगाए खड़े थे। अर्जुन उनके पास आया और कहा,”जीजू”
जीजू ने सर उठाकर सामने खड़े अर्जुन को देखा और कहा,”अमायरा नहीं रही अर्जुन”
”आशु कहा है ?”,अर्जुन ने नम आँखों के साथ पूछा तो सोमित ने सामने अमायरा को लिए बैठे अक्षत की तरफ इशारा कर दिया।

अर्जुन अक्षत के पास आया और घुटनो के बल बैठकर उसे सम्हालते हुए कहा,”आशु आशु”
अक्षत ने अर्जुन को वहा देखा तो रोते हुए कहा,”भाई हमारी अमायरा,,,,,,,,,,,,,,,,,उसने इसे मार दिया,,,,,,,,,,,,,,,,,,हमारी अमायरा हमे छोड़कर चली गयी भाई,,,,,,,,,,,,हमारी अमायरा”
अक्षत को रोते देखकर अर्जुन की आँखों से भी आँसू बहने लगे उसने उसे कसकर गले लगा लिया लेकिन इस वक्त अक्षत का दर्द देखकर अर्जुन भी पिघल गया।

अर्जुन ने जीजू को बुलाया और बड़ी मुश्किल से अक्षत का हाथो से अमायरा का पार्थिव शरीर लेकर जीजू को देते हुए कहा,”जीजू आप अमु को लेकर गाड़ी में बैठिये मैं आशु को लेकर आता हूँ”


जीजू ने अमायरा को अपनी हाथो में उठाया उसका मासूम सा चेहरा देखकर जीजू की आँखों से फिर आँसू बहने लगे। सूरज ढल चुका था और रात होने लगी थी। अर्जुन ने जैसे तैसे करके अक्षत को उठाया और गाड़ी तक लेकर आया ,अक्षत पीछे गाड़ी में आ बैठा और एक बार फिर अमायरा को गोद में ले लिया वह एक पल के लिए भी उसे खुद से दूर करना नहीं चाहता था।  

अक्षत की गाड़ी और बाइक वही थे अर्जुन ने किसी को फोन किया और आकर गाड़ी में बैठ गया। जीजू अक्षत के साथ पीछे ही बैठ गए , रोते रोते अक्षत की तबियत खराब होने लगी थी उसका रोना अब दर्द और तकलीफभरी सिसकियों में बदल चुका था। अक्षत ने अमायरा को अपने सीने से लगा रखा था लेकिन आज पहली बार उसकी धड़कनो का शोर सुन पाने में अमायरा असमर्थ थी। अक्षत की आँखों से आँसू बहते रहे। अर्जुन ने गाड़ी स्टार्ट की और वहा से निकल गया।

वह घर ना जाकर दूसरी जगह जाने लगा तो जीजू ने कहा,”अर्जुन ये तू कहा जा रहा है ?”
“जीजू मीरा की तबियत बहुत खराब है मैं घर पर झूठ बोलकर आया हूँ इस वक्त हम लोग घर नहीं जा सकते , घरवालों को अमु के बारे में पता चला तो उनके लिए बहुत मुश्किल हो जाएगा। हमे रात भर घर से बाहर ही रुकना पडेगा उसके बाद सुबह घर जायेंगे,,,,,,,,,,,,,,,,,,यहाँ से 22 किलोमीटर दूर हॉस्पिटल है रातभर इसे मोर्चरी में रखना होगा”,अर्जुन ने कहा


“अगर हम हॉस्पिटल गए तो मुसीबत हो जाएगी अर्जुन क्या हम लोग रातभर गाड़ी में नहीं बिता सकते ?”,सोमित जीजू ने पूछा
“जीजू आशु के बारे में सोचिये ये रातभर अगर अमु के साथ रहा तो,,,,,,,,,,,,,,,,,मैं समझ सकता हूँ इस वक्त ये सब बहुत मुश्किल है। हम अमायरा को खो चुके है लेकिन आशु और मीरा को नहीं खोना चाहते मेरी बात मानिये जीजू,,,,,,,,,,,,,प्लीज”,अर्जुन ने आँखों में आंसू भरकर कहा तो जीजू ने नम आँखों के साथ हाँ में गर्दन हिला दी।

अक्षत को इस वक्त ना उनकी बातें सुनाई दे रही थी ना ही कुछ समझ आ रहा था बस उसकी आँखों के सामने चल रहा था अमायरा के साथ बिताया वक्त , अमायरा का भोलापन , उसकी शरारतें , उसकी मासूमियत और उसकी बातें,,,,,,,,,,,,,,,,,ये सब याद आने के बाद अक्षत ने अमायरा के पार्थिव शरीर को अपने सीने से और कसकर लगा लिया आँसुओ की बूंदे उसकी आँखों से गालों पर बहने लगी।

Haan Ye Mohabbat Hai – 41Haan Ye Mohabbat Hai – 41Haan Ye Mohabbat Hai – 41Haan Ye Mohabbat Hai – 41Haan Ye Mohabbat Hai – 41Haan Ye Mohabbat Hai – 41Haan Ye Mohabbat Hai – 41Haan Ye Mohabbat Hai – 41Haan Ye Mohabbat Hai – 41Haan Ye Mohabbat Hai – 41Haan Ye Mohabbat Hai – 41Haan Ye Mohabbat Hai – 41Haan Ye Mohabbat Hai – 41Haan Ye Mohabbat Hai – 41Haan Ye Mohabbat Hai – 41Haan Ye Mohabbat Hai – 41Haan Ye Mohabbat Hai – 41Haan Ye Mohabbat Hai – 41

Haan Ye Mohabbat Hai – 41Haan Ye Mohabbat Hai – 41Haan Ye Mohabbat Hai – 41Haan Ye Mohabbat Hai – 41Haan Ye Mohabbat Hai – 41Haan Ye Mohabbat Hai – 41Haan Ye Mohabbat Hai – 41Haan Ye Mohabbat Hai – 41Haan Ye Mohabbat Hai – 41Haan Ye Mohabbat Hai – 41Haan Ye Mohabbat Hai – 41Haan Ye Mohabbat Hai – 41Haan Ye Mohabbat Hai – 41Haan Ye Mohabbat Hai – 41Haan Ye Mohabbat Hai – 41Haan Ye Mohabbat Hai – 41Haan Ye Mohabbat Hai – 41Haan Ye Mohabbat Hai – 41

क्रमश – Haan Ye Mohabbat Hai – 42

Read More – हाँ ये मोहब्बत है” – 40

Follow Me On – facebook

संजना किरोड़ीवाल  

24 Comments

Add a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!