Sanjana Kirodiwal

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“हाँ ये मोहब्बत है” – 29

Haan Ye Mohabbat Hai – 29

Haan Ye Mohabbat Hai
Haan Ye Mohabbat Hai

Haan Ye Mohabbat Hai – 29

इंदौर शहर में ये खबर आग की तरह फ़ैल गयी। एक लड़की का ऐसी हालत में मिलना सनसनी खेज था। ना पुलिस इस बारे में कुछ जानती थी ना ही मिडिया वाले बस सब अपनी अपनी तरफ से अनुमान लगा रहे थे की आखिर वो लड़की है कौन ? लड़की की हालत गंभीर थी और वह हॉस्पिटल में थी।
सुबह की गयी छवि जब घर नहीं लौटी तो माधवी जी को चिंता होने लगी , उन्होंने छवि को ढूंढा लेकिन उसका कुछ अता पता नहीं था। देर रात तक जब छवि घर नहीं लौटी तो माधवी का मन घबराने लगा। इंदौर में वे किसी को ज्यादा जानती भी नहीं थी बस छवि के साथ अकेले रहती थी ऐसे में छवि को बाहर ढूंढने कहा जाये। उन्होंने अपने भाई को फोन किया और सब बात बताई। सुबह माधवी जी का छोटा भाई कमल उनके पहुंचा उन्हें देखते ही माधवी फफक कर रो पड़ी। कमल की पत्नी ने उन्हें सम्हाला। कमल अपनी बहन को साथ लेकर पुलिस स्टेशन पहुंचा। कमल ने देखा पुलिस स्टेशन में काफी तनाव का माहौल है और सब व्यस्त है उन्होंने अंदर आकर सामने बैठे कॉन्स्टेबल से कहा,”नमस्ते सर दरअसल मेरी भांजी कल सुबह से घर नहीं आयी है , वो घर से बाहर पास ही के मेडिकल स्टोर गयी थी लेकिन उसके बाद से वो लापता है , मैंने उसका फोन भी ट्राय किया लेकिन कल रात से ही बंद आ रहा है। सर मेरी बहन बहुत परेशान है प्लीज आप कुछ मदद कीजिये”
“लड़की का नाम , फोटो और पता वहा दो नंबर टेबल पर लिखवा दो जैसे ही मिलेगी फोन कर देंगे”,कॉन्स्टेबल ने कहा
कमल माधवी जी को लेकर 2 नंबर टेबल के पास आया और छवि की जानकारी उसे देने लगा। माधवी जी का रो रोकर बुरा हाल था। बुरे बुरे ख्याल उनके मन में आ रहे थे और उन्हें छवि की चिंता हो रही थी। कमल जब छवि की कंप्लेंट लिखवा रहा था उसी वक्त इंस्पेक्टर बाहर आया और अपने साथ चल रहे साथ पुलिस वाले से गुस्से से कहा,”आखिर तुम लोग क्या कर रहे हो ? सुबह से मिडिया वालो ने परेशान कर रखा है उस पर वो रेप विक्टिम कौन है ये नहीं पता चल पा रहा ? इंदौर में कही ना कही तो उसकी मिसिंग रिपोर्ट दर्ज हुई होगी पता लगाओ ?”
“जी सर”,लड़के ने कहा और वहा से चला गया
  कमल ने जब इंस्पेक्टर की बात सुनी तो उसका मन घबराने लगा और उसने मन ही मन छवि के ठीक होने की दुआ की। छवि की मिसिंग कंप्लेंट लिखवा कर कमल माधवी जी के साथ पुलिस स्टेशन से बाहर चला आया। दोनों घर चले आये। माधवी जी का मन बहुत घबरा रहा था किसी अनहोनी के डर से वे काफी परेशान नजर आ रही थी।
दोपहर में इंपेक्टर जैसे ही हॉस्पिटल जाने के लिए केबिन से निकल रहा था कॉन्स्टेबल आया और कहा,”सर कल शाम से अब तक 4 मिसिंग रिपोर्ट्स दर्ज हुई है तीन बाहर थानों में और एक आज सुबह अपने यहाँ , लड़की का नाम छवि दीक्षित है , उम्र 24 साल , कल सुबह वो घर से किसी काम से निकली थी और उसके बाद वापस घर नहीं आयी। आज सुबह ही उसकी मिसिंग कंप्लेंट दर्ज हुयी है सर , ये रही उसकी तस्वीर”
इंस्पेक्टर ने जैसे ही तस्वीर देखी उसकी आँखे सिकुड़ गयी और चेहरे पर गंभीर भाव उभरे उसने कॉन्स्टेबल की तरफ देखा और कहा,”ये वही लड़की है जो आज सुबह हाई-वे के पास मिली थी , तुम इसके घरवालों को फोन करो और तुरंत सिटी हॉस्पिटल आने को बोलो मैं हॉस्पिटल ही जा रहा हूँ”
“ओके सर”,कॉन्स्टेबल ने कहा और वहा से चला गया। इंस्पेक्टर अपने कुछ पुलिसवालों के साथ हॉस्पिटल के लिए निकल गया।

अक्षत आज कोर्ट जल्दी आ गया था उसे किसी मर्डर केस को लेकर स्टडी करनी थी। वह अपने केबिन में क़ानूनी किताबो से घिरा बैठा था की कुछ देर बाद ही अखिल उसके केबिन में आया और कहा,”ए अक्षत तुझे पता है आज क्या हुआ है ?”
“क्या हुआ ?”,अक्षत ने पूछा
“आज सुबह पुलिस को हाई-वे के पास एक लड़की मिली , मिडिया का कहना है की उस लड़की का रेप हुआ है। पुरे शहर में इस बात को लेकर सनसनी फ़ैल चुकी है। ये एक बहुत बड़ी खबर है यार तेरा इस बारे में क्या कहना है ? क्या वो लड़की किसी के गलत इरादों का शिकार हुई है या उसके साथ कुछ और घटना घटी है ?”,अखिल ने कहा
“मीडिआ का काम है किसी भी छोटी सी घटना को बढ़ाचढ़ाकर बताना इसलिए वो अपना काम कर रहे है। इंदौर में ऐसी घटना पहली बार घटी है ये वाकई में एक सोचने वाली बात है। अगर सच में उस लड़की के साथ कुछ गलत हुआ है तो इस वक्त उस पर क्या बीत रही होगी मुझे बस ये सोचकर बुरा लग रहा है।”,अक्षत ने कहा
“अभी तक पता नहीं चला है वो लड़की कौन है ? ना ही उस लड़की का कोई बयान आया है,,,,,,,,,,,,,,,,,,उसके साथ जो भी हुआ अच्छा नहीं हुआ”,अखिल ने भी अफ़सोस जताते हुए कहा। अक्षत सोच में पड़ गया उसे सालों पहले घटी घटना याद आ गयी जब ऐसे ही उसने मीरा को ऐसे एक हादसे से बचाया था।

कमल जी के पास पुलिस स्टेशन से फोन गया और उन्हें तुरंत सिटी हॉस्पिटल आने को कहा गया। कमल ने जैसे ही फोन रखा माधवी जी ने परेशानी भरे स्वर पूछा,”क्या हुआ कमल किसका फोन था ?”
“पुलिस स्टेशन से फोन था दीदी , हमे तुरंत सिटी हॉस्पिटल आने को कहा है”,कमल ने घबराये हुए स्वर में कहा
हॉस्पिटल का नाम सुनकर माधवी जी का दिल धड़क उठा। छवि का एक्सीडेंट हुआ है या उसके साथ कोई दुर्घटना घटी है सोचकर माधवी जी की आँखों से आँसू बहने लगे और उन्होंने रोते हुए कहा,”क्या हुआ मेरी छवि को ? वो वो ठीक तो है ना कमल , तू कुछ बोल क्यों नहीं रहा ? बता क्या हुआ उसे ? मुझे अभी हॉस्पिटल जाना है,,,,,,,,,,,मुझे मेरी छवि के पास जाना है”
माधवी जी को रोते देखकर कमल ने उन्हें जैसे तैसे शांत किया और फिर साथ लेकर हॉस्पिटल के लिए निकल गए। हॉस्पिटल में आते ही माधवी जी और कमल ने जब मिडिया वालो को वहा देखा तो उनका मन किसी अनहोनी के डर से घबरा उठा। मिडिया वालो को भी जब पता चला की वे लोग पीड़िता के घरवाले है तो उन्होंने कमल और माधवी को घेर लिया। जैसे तैसे करके पुलिस वाले उन्हें लेकर अंदर आये। अंदर आकर कमल इंस्पेकटर से मिला जैसे ही इंस्पेक्टर ने कहा की छवि के साथ किसी ने ज्यादती की है तो माधवी जी को एक गहरा सदमा लगा उन्होंने अपना हाथ अपने मुंह पर रख लिया और फफक कर रो पडी । कमल की आँखों से भी आँसू बहने लगे उसने इन्स्पेक्टर से कहा,”ये सब कैसे हुआ ? किसने किया ये सब ? आखिर हमारी बच्ची ने उस दरिंदे का क्या बिगड़ा था ?”
“देखिये जब तक छवि को होश नहीं आ जाता तब तक ये बता पाना मुश्किल है की उसके साथ ये दुर्घटना कैसे हुयी ? एक बार उसे होश आ जाये उसके बाद वही बता सकती है की ये सब किसने किया ?”,इंस्पेक्टर ने कहा
“जिसने भी ये किया है उसे छोड़ना मत सर , उसने हमारी मासूम सी बेटी की जिंदगी बर्बाद कर दी वो जो कोई भी हो उसे सजा जरूर मिलनी चाहिए”,कमल ने लगभग रोते हुए कहा तो इंस्पेक्टर ने उनके कंधे पर हाथ रखकर हमदर्दी जताते हुए कहा,”हिम्मत रखिये पुलिस अपना काम कर रही है , वो जो कोई भी है कानून के हाथो से नहीं बच पायेगा”
कमल ने सूना तो हामी में अपनी गर्दन हिला दी और माधवी जी की तरफ चला आया उसने माधवी को सम्हाला तो माधवी रोते हुए कहने लगी,”आखिर मेरी बेटी ने किसी का क्या बिगड़ा था उसके साथ ये सब क्यों हुआ ? मैं एक बार उस से मिलना चाहती हूँ कमल , मुझे देखना है वो कैसी है ? इन लोगो से कहो ना मुझे मेरी बेटी से मिलने दे,,,,,,,,,,,,,,इन्हे बोलो ना कमल एक बार मुझे उस से मिलने दे”
कहते हुए माधवी कमल की कॉलर पकड़ कर रोने लगी। एक माँ के लिए उस वक्त ये सुनना की उसकी बेटी के साथ किसी ने ज्यादती की है असहनीय था। उसे रोते देखकर कमल ने डॉक्टर से रिक्वेस्ट की तो डॉक्टर ने 5 मिनिट के लिए उन्हें छवि से मिलने की इजाजत दे दी। माधवी का रो रोकर बुरा हाल था कमल ने उन्हें सम्हाला और अंदर ले आये। मशीनों से घिरी छवि बेहोश थी। उसके चेहरे पर चोट के कई निशान थे और मुंह और ऑक्सीजन मास्क लगा हुआ था। छवि की हालत देखकर माधवी ने अपनी साड़ी का पल्लू मुंह में दबा लिया जिस से उसके रोने की आवाज बाहर ना आये और आँखों से आँसू बहने लगे। उन्होंने रोते हुए छवि के हाथ को छुआ तो छवि की कही बात उनके जहन में घूमने लगी “चिंता मत करो माँ मैं अभी आपके लिए दवा लेकर आती हूँ”
माधवी की आँखों से आँसू बहते रहे अगर उन्हें पता होता की छवि के साथ ऐसा होगा तो वे उसे कभी बाहर जाने नहीं देती। कमल ने माधवी को सम्हाला और उसे बाहर ले आये। रोने की वजह से माधवी की हालत बिगड़ने लगी थी। माधवी के कुछ रिश्तेदारों को जब पता चला तो वे तुरंत हॉस्पिटल चले आये।  कमल ने माधवी को अपनी पत्नी के साथ घर जाने को कहा लेकिन माधवी ने जाने से मना कर दिया वे इमेंजेंसी के बाहर पड़ी बेंच पर बैठी छवि के होश में आने का इंतजार करने लगी।  

शाम तक मिडिया में ये बात आग की तरह फ़ैल गयी और वे सब अपने अपने हिसाब से न्यूज बनाने लगे।
सिंघानिया जी क्लाइंट्स के साथ अपने मीटिंग रूम में बैठे थे तभी उनका असिस्टेंट उनके पास आया और उनके कान में धीरे से कुछ कहा जिसे सुनकर सिंघानिया जी के चेहरे पर परेशानी के भाव उभर आये उन्होंने उस मीटिंग को उसी वक्त खत्म किया और मीटिंग रूम से बाहर निकल आये। सिंघानिया जी का असिस्टेंट और मैनेजर उनके साथ साथ चलते हुए लिफ्ट के सामने आये। लिफ्ट खुली और सिंघानिया जी ने अंदर जाते हुए कहा,”ये सब कैसे हुआ मुझे इसकी पूरी जानकरी चाहिए। उस लड़की के चक्कर में मेरी कम्पनी का नाम नहीं उछलना चाहिए और मिडिआ में ये बात बिल्कुल नहीं जानी चाहिए की वो यहाँ काम करती थी,,,,,,,,,,,,,,,,अंडरस्टेंड देट”
“ओके सर”,मैनेजर ने कहा तो लिफ्टमेंन ने लिफ्ट का बटन दबाया और लिफ्ट बंद हो गयी। सिंघानिया जी ऑफिस से बाहर निकले और आकर गाड़ी में बैठ गए उन्होंने ड्राइवर से सीधे घर चलने को कहा। गाडी की पिछली सीट पर बैठे सिंघानिया जी ने किसी को फोन लगाया और कुछ देर बाद कहा,”हेलो शर्मा विक्की का पासपोर्ट और टिकट्स तैयार है ?”
दूसरी तरफ से कोई जवाब मिला जिस से सिंघनिया जी कुछ असंतुष्ट नजर आये और फिर कहा,”ठीक है , कल शाम की फ्लाइट से विक्की मुंबई के लिए निकल जाएगा और वहा से लंदन के लिए”
सिंघानिया जी ने फोन साइड में डाला और सोच में पड़ गए बार बार छवि का चेहरा उनकी आँखों के सामने आ रहा था। छवि के साथ जो कुछ भी हुआ उसके लिए सिंघानिया जी को थोड़ा बुरा लग रहा था पर साथ ही परेशान भी थे कही इन सब में विक्की तो शामिल नहीं है और यही बात उन्हें परेशान कर रही थी। गाड़ी घर पहुंची सिंघानिया जी गाड़ी से उतर कर अंदर आये और विक्की को आवाज दी लेकिन विक्की घर में नहीं था। सिंघानिया जी की आवाज सुनकर रॉबिन बाहर आया। रॉबिन को देखकर सिंघानिया जी ने पूछा,”रॉबिन विक्की कहा है ?”
“विक्की बाबा तो कल शाम से ही घर नहीं आये है सर”,रॉबिन ने कहा
“व्हाट ? और तुम मुझे ये अब बता रहे हो ? रॉबिन मैंने तुम्हे कहा था की उसे घर से बाहर जाने मत देना फिर तुमने,,,,,,,,,,,,,,,विक्की कल रात घर नहीं आया इस बारे में तुमने मुझे बताया क्यों नहीं ?”,सिंघानिया जी गुस्से में चिल्ला उठे
“आई ऍम सॉरी सर,,,,,,,,,,,,,मैंने आपको फोन किया था सर लेकिन कल शाम आप क्लाइंट के साथ पार्टी में बिजी थे। मैंने विक्की बाबा को भी फोन किया लेकिन उनका फोन कल रात के बाद से बंद है,,,,,,,,,,,,,,,,,!!”,रॉबिन ने सर झुकाकर कहा  
सिंघानिया जी ने सूना तो उनका सर घूमने लगा। जिस बात का उन्हें डर था वही हुआ छवि के साथ ये सब घटना और विक्की का घर में ना होना,,,,,,,,,सिंघानिया जी अपना सर पकड़कर सोफे पर बैठ गए। कुछ देर बाद उन्होंने रॉबिन से कहा,”गार्ड्स से कहो की विक्की को ढूढ़कर लाये और उसके फोन की लास्ट लोकेशन पता करो,,,,,,,,,,,,,वो किसी मुसीबत में फंसे इस से पहले उसका पता लगाओ”
“ओके सर”,रॉबिन ने कहा और वहा से चला गया उसने घर में रहने वाले गार्ड्स को विक्की को ढूंढने भेज दिया। सिंघानिया जी भी अपनी तरफ से विक्की को ढूंढने की कोशिश करने लगे।  

अपने फार्म हॉउस के कमरे में विक्की सो रहा था कुछ देर बाद वह उठा और अपना सर पकड़ कर बैठ गया। उसका सर बहुत दर्द कर रहा था। विक्की को कुछ याद नहीं था उसने खिड़की के बाहर देखा तो पाया अन्धेरा हो चुका है। विक्की ने अपनी जेब टटोली और अपना फोन निकाला उसका फोन बंद था। विक्की उठा और कमरे से बाहर आया उसे कुछ याद नहीं आ रहा था की आखिर वह यहाँ कैसे आया ? विक्की घर से बाहर चला आया और पैदल ही सड़क किनारे चला आया। चलते हुए वह याद करने की कोशिश कर रहा था की आखिर वह यहाँ क्यों था लेकिन उसे कुछ याद नहीं आ रहा था ऊपर से उसका सर भयंकर दर्द कर रहा था। परेशानी में विक्की ये भी भूल गया की छवि को उसने फार्म हॉउस के कमरे में रखा था। उसने टेक्सी रोकी और उसमे आ बैठा विक्की ने उसे अपने घर का पता बताया और चलने को कहा।
देर रात विक्की घर पहुंचा जैसे ही वह अंदर आया रॉबिन ने हॉल में बैठे सिंघानिया जी से कहा,”सर विक्की बाबा आ गए है”
सिंघानिया जी ने विक्की को देखा और उसके पास आकर कहा,”कहा थे तुम ? तुम्हारा फोन बंद है और रॉबिन ने बताया की तुम कल शाम से घर नहीं आये हो,,,,,,,,,,,आखिर तुम थे कहा ?”
“मुझे,,,,,,,,,,,,,,,मुझे कुछ याद नहीं है पापा मैं अपने दोस्तों के साथ बाहर गया था शायद , उसके बाद अभी घर आ रहा हूँ”,विक्की ने उलझन भरे स्वर में कहा
“तुमने फिर नशा किया है ?”,सिंघानिया जी ने पूछा
“नहीं डेड मैंने कोई नशा नहीं किया , मुझे बहुत नींद आ रही है मैं सोने जा रहा हूँ”,कहते हुए विक्की जाने लगा तो सिंघानिया जी ने उसका हाथ पकड़कर उसे रोकते हुए कहा,”विक्की कल रात तुम कहा थे ?”
“डेड मैंने बताया न मैं कल रात अपने दोस्तों के साथ था”,विक्की ने चिढ़ते हुए कहा
“ओके फाइन क्या तुम कल किसी लड़की से मिले थे ?”,सिंघानिया जी ने अपना शक दूर करने के लिए पूछा
“डेड मैं कल किसी लड़की से नहीं मिला , मेरा सर बहुत दर्द कर रहा है रॉबिन मेरे कमरे में एक कप कॉफी और सरदर्द की दवा भेजो प्लीज”,विक्की ने जाते हुए कहा। रॉबिन सिंघानिया जी के पास आया और कहा,”सर आप विक्की बाबा को लेकर खामखा परेशान हो रहे है”
“हम्म्म जाओ जाकर उसे दवा दे दो”,सिंघानिया जी ने कहा और अपने कमरे की तरफ बढ़ गए

अगले दिन छवि को होश आया लेकिन वह किसी से बात करने की स्तिथि में नहीं थी। उसका ट्रीटमेंट जारी था और इस वक्त वह काफी तकलीफ में थी। कमल माधवी और कुछ रिश्तेदारों के साथ हॉस्पिटल में ही थे। माधवी की आँखे रोने से लाल हो चुकी थी अपनी इकलौती बेटी के साथ हुए हादसे ने उन्हें अंदर तक तोड़कर रख दिया। सुबह जब डॉक्टर अपनी टीम के साथ आये तो माधवी जी ने उनसे कहा,”अब मेरी बेटी कैसी है ?  उसे होश आया की नहीं ?
डॉक्टर क्या मैं उस से मिल सकती हूँ ?”
“देखिये जब तक इंस्पेक्टर पेशेंट का बयान नहीं ले लेते तब तक आप लोग उस से नहीं मिल सकते सो प्लीज को-ऑपरेट कीजिये”,कहते हुए डॉक्टर अपनी नर्स की तरफ पलटी और कहा,”तुमने पुलिस स्टेशन फोन किया ?”
“यस मेम मैंने उन्हें इन्फॉर्म कर दिया है वे बस आते ही होंगे”,नर्स ने कहा तो डॉक्टर ने छवि की माँ के कंधे पर हाथ रखा और कहा,”बस कुछ फॉर्मेलिटीज उसके बाद आप उस से मिल सकती है”
माधवी की आँखों में आंसू भर आये कुछ देर बाद इंस्पेक्टर आया उसके साथ दो कॉन्स्टेबल भी थे जिनमे से एक के हाथ में फाइल थी। तीनो सीधा कमरे में चले आये। छवि बिस्तर पर लेटे हुए थी उसकी देखभाल के लिए नर्स वही मौजूद थी। इंस्पेक्टर छवि के पास पड़ी कुर्सी पर आकर बैठा और छवि की तरफ देखकर कहा,”हेलो मिस छवि मैं इंस्पेक्टर कदम्ब सेन , अब तुम्हारी तबियत कैसी है ?”
“मैं ठीक हूँ इंस्पेक्टर”,छवि ने मुश्किल से कहा
“मिस छवि आपके साथ क्या हुआ क्या आप कुछ बता सकती है ?”,कदम्ब ने कहा
छवि ने सूना तो उसकी आँखों के सामने वो मनहूस सुबह आ गयी जब वह दवा लेने घर से बाहर जा रही थी। उसकी आँखों में आँसू भर आये और चेहरे पर दर्द उभर आया कदम्ब ने देखा तो उसने छवि को दिलासा देते हुए कहा,”हिम्मत रखो छवि मैं वादा करता हूँ जिसने भी ये सब किया है मैं उसे छोडूंगा नहीं लेकिन उसके लिए मुझे सबसे पहले तुम्हारे बयान की जरूरत है। कानून पर भरोसा रखो और बताओ ये सब किसने किया ?”
इंस्पेक्टर की बातो से छवि को थोड़ी हिम्मत मिली और वह कहने लगी,”मैं माँ की दवा लेने घर से बाहर गयी थी। उस दिन होली थी और सभी दुकाने बंद थी बस मेडिकल शॉप खुले थे मैं जब वहा से दवा लेकर निकली तो एक गाड़ी आकर मेरे सामने रुकी। किसी ने मुझे गाडी में खींचा और लेकर चले गए। मुझे कुछ नहीं पता था की वो लोग कौन थे और मुझे कहा लेकर जा रहे थे। कुछ वक्त बाद उन्होंने मेरे हाथ में एक इंजेक्शन लगाया और मैं बेहोश हो गयी,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,जब मुझे होश आया तो मैंने खुद को एक कमरे में बंधा पाया। मेरे हाथ पैर बंधे हुए थे और मुँह भी,,,,,,,,,,,,,, कुछ घंटो बाद विक्की उस कमरे में आया”
“विक्की ? ये विक्की कौन है ?”,इंपेक्टर कदम्ब ने सवाल किया
“विक्की सिंघानिया VS कम्पनी के मालिक का बेटा,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,उसी ने मुझे किडनैप किया था सर”,छवि ने मुश्किल से कहा
“पर वो तुम्हे किडनैप क्यों करेगा ? क्या तुम उसे पहले से जानती थी ?”,इंपेक्टर ने फिर सवाल किया
छवि ने इंस्पेक्टर को VS कम्पनी में काम करने से लेकर फार्म हॉउस में घटी सब बातें बता दी। इंस्पेक्टर ने पास खड़े कॉस्टेबल से छवि का बयान नोट करने को इशारा किया। छवि की बात सुनने के बाद इंस्पेकटर ने कहा,”विक्की सिंघानिया के खिलाफ एक बहुत ही मजबूत केस बनेगा। उसे उसके किये की सजा जरूर मिलेगी”
इंस्पेक्टर की बात सुनकर छवि रोने लगी और कहा,”उसे सजा मिलनी चाहिए सर उसने मेरे साथ जो किया उसके लिए उसे कड़ी से कड़ी सजा मिले”
“प्लीज हिम्मत रखो”,कहते हुए कदम्ब ने अपनी जेब से रूमाल निकालकर छवि की तरफ बढ़ा दिया। छवि ने अपने आँसू पोछे। बयान लिखे जाने के बाद इंपेक्टर ने छवि से साइन करवाए और कॉन्स्टेबल के साथ वहा से चला गया।
इंस्पेक्टर के जाने के बाद डॉक्टर ने माधवी जी और कमल को छवि से मिलने की परमिशन दे दी। माधवी जी अंदर आयी छवि की हालत देखकर और उसके साथ हुए हादसे के बारे में सोचकर उनकी आँखे एक बार फिर भर आयी। वे आकर छवि के पास पड़ी कुर्सी पर बैठी थी छवि ने अपना चेहरा दूसरी तरफ घुमा लिया और आँखे मीच ली उसकी आँखों में भरे आँसू तकिये पर आ गिरे।  माधवी जी ने छवि का सर सहलाते हुए कहा,”छवि”
“मुझे माफ़ कर दीजिये माँ , मुझे माफ़ कर दीजिये”,छवि ने दूसरी तरफ मुंह किये रोते हुए कहा
“तुम क्यों माफ़ी मांग रही हो बेटा ? जिसने भी ये सब किया है मैं उसे छोडूंगी नहीं,,,,,,,,,,,,,,,,उसने तुम्हे तकलीफ दी है मैं उसे कभी माफ़ नहीं करुँगी बेटा। तुम्हे मुंह छुपाने की जरूरत नहीं है , मेरी तरफ देखो,,,,,,,,,,,,,,,मेरी बेटी इतनी कमजोर नहीं है , मैं उसे सजा दिलवाकर रहूंगी”,माधवी जी ने आँखों में आँसू  भरकर कहा तो छवि ने अपने होंठ भींच लिए , दर्द और पीड़ा उसके चेहरे से साफ झलक रही थी। उसने अपना चेहरा माधवी की तरफ घुमाया और सीने में छुपाकर रोने लगी। नर्स उन्हें अकेले छोड़कर बाहर चली गयी। कमल ने देखा तो उसकी भी आँखों से आँसू बहने लगे। छवि देर तक माधवी के सीने से लगी रोते रही। माधवी जी ख़ामोशी से बस सब सुनते जा रही थी। उनकी आँखों के आँसू सुख चुके थे और अब उनमे उस इंसान के लिए गुस्सा और नफरत भरने लगी थी जिसने छवि के साथ ऐसा घिनोना काम किया था।  

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संजना किरोड़ीवाल 

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