“हाँ ये मोहब्बत है” – 24
Haan Ye Mohabbat Hai – 24
Haan Ye Mohabbat Hai – 24
अक्षत की सूझ-बुझ से अर्जुन ने USA जाने के ख्याल छोड़ दिया। बीते कुछ दिनों में अर्जुन ने ऑफिस में काफी बदलाव किये थे और अब वह अपने काम और ऑफिस के लोगो से खुश था। नीता को सबके साथ घर में रहना अच्छा लगता था इसलिए उसने कभी जॉब या फिर बाहर जाने के बारे में नहीं सोचा। सोमित जीजू और विजय जी अपनी डायमंड कम्पनी में बिजी थे।
कोर्ट में अचानक हुए हादसे की वजह से कोर्ट को 2 दिन के लिए बंद कर दिया गया। अक्षत सुबह देर तक सोता रहा। विजय जी , अर्जुन और सोमित जी नाश्ता करके ऑफिस के लिए निकल गए और बच्चे भी स्कूल चले गए। अक्षत घर में था इसलिए मीरा आज चाइल्ड होम ना जाकर घर में ही रुक गयी। 11 बजे के बाद भी जब अक्षत नीचे नहीं आया तो राधा ने दादी माँ से कहा,”ये लड़का कब बड़ा होगा ? सबने नाश्ता कर लिया है यहाँ तक के अमायरा ने भी लेकिन आशु अभी तक सो रहा है। ऐसी ही आदतें रही तो कैसे चलेगा माँ ?”
“दादी माँ पापा डूड बॉय है , वो इतना सारा काम करते है न इसलिए सोते है”,अमायरा ने अपने नन्हे हाथो को हवा में फैलाकर अटकते हुए कहा
“ये देखो एक मीरा इस घर में कम थी जो अब ये छोटी मीरा भी आशु की साइड लेने लगी”,राधा ने अमायरा को देखकर कहा तो सुरेखा जी हंस पड़ी। अमायरा ने सूना तो अपना सर पीटते हुए कहा,”ओफ्फो दादी माँ , मीरा को तुछ नहीं पता”
“बदमाश लड़की,,,,,,,,,,,,,,अपनी माँ को नाम से कौन बुलाता है ?”,मीरा ने सूना तो हॉल की तरफ आते हुए कहा
“पक्का आशु ने ही इसे ये सब सिखाया होगा,,,,,,,,,,,,,,पूरी की पूरी अपने बाप पर गयी है ये लड़की”,राधा ने झूठ मुठ का गुस्सा करते हुए कहा
“अमायरा बेटा अपनी माँ को ऐसे नाम से नहीं बुलाते,,,,,,,,,,,चलो अपनी मम्मा को सॉरी बोलो”,दादी माँ ने बड़े प्यार से कहा तो अमायरा मीरा की तरफ चली आयी और अपने दोनों कान पकड़कर कहा,”माफ़ कर दीजिये मम्मा”
“हमने आपको माफ़ किया , वो टेबल पर आपके लिए दूध रखा है चलो जाकर पीओ उसे”,मीरा ने अमायरा से कहा तो अमायरा डायनिंग की तरफ चली गयी। मीरा भी वहा से चली गयी तो दादी माँ ने कहा,”देखा राधा अमायरा बिल्कुल आशु पर गयी हो लेकिन संस्कार उसमे सब मीरा वाले ही है”
“हाँ माँ उन दोनों से मिलकर ही तो बनी है हमारी राजकुमारी,,,,,,,,,,,,मैं जरा रघु को धोबी से कपडे ले आने को कहकर आती हूँ”,कहते हुए राधा उठी और चली गयी। दादी माँ अपने ईश्वर को याद करते हुए हाथ में पकड़ी माला फेरने लगी।
अक्षत मस्त अपने बिस्तर पर उलटे लेटे सो रहा था की तभी उसका फोन बजा। अक्षत ने नींद में ही फोन का साइड बटन दबाया और इग्नोर कर दिया। अगले ही पल फोन फिर बजा। अक्षत की नींद में खलल पड़ चुका था इसलिए उसने फोन उठाया और कान से लगाकर कहा,”हेलो कौन है सुबह सुबह ?”
“साले साहब सुबह नहीं है दोपहर होने वाली है , उठ जाईये”,दूसरी तरफ से जीजू ने कहा
“क्या यार जीजू घर में सब साथ ही तो होते है फिर फोन क्यों कर रहे है आप ?”,अक्षत उठकर बैठ गया और ऊंघते हुए कहा
“अरे मेरे प्यारे साले मुझे मालूम है लेकिन मैंने तुम्हे ये बताने के लिए फोन किया है की आज काव्या और चीकू के स्कूल में मीटिंग है तो क्या तुम चले जाओगे ?”,जीजू ने अक्षत को मक्खन लगाते हुए कहा
“लेकिन वो तो पिछले फ्राइडे को थी न ?”,अक्षत उठकर खिड़की के पास चला आया , उसने पर्दा हटाया तो पाया की सच में सुबह हो चुकी है और आसमान में सूरज चमक रहा है।
“हाँ लेकिन पिछले फ्राइडे छुट्टी थी इसलिए वो आज है , अब तुम ज्यादा सवाल मत करो और वक्त से पहुँच जाना”,कहते हुए जीजू ने फोन काट दिया
“हेलो जीजू”,अक्षत ने कहा लेकिन तब तक फोन कट चुका था
अक्षत ने फोन टेबल पर रखा और अपना टॉवल उठाकर बाथरूम की तरफ बढ़ गया।
नहाकर अक्षत ने जींस पहना , आज काफी दिनों बाद उसने जींस पर टीशर्ट डाल ली और साथ में अपना पसदीदा ब्लेजर पहन लिया। अक्षत शीशे के सामने आया उसने खुद को शीशे में देखा , बाल बनाये और अपनी मुछो को सेट करते हुए शीशे में खुद को निहारता रहा।
“इतना मत निहारो खुद को नजर लग जाएगी”,दरवाजे पर खड़ी तनु ने कहा तो अक्षत की तंद्रा टूटी और उसने दरवाजे की तरफ देखकर कहा,”अरे दी आप , आईये ना”
“वो धोबी के यहाँ से कपडे आये थे तो सोचा सबके कमरों में रख दू , वैसे शादी से पहले तेरे इस कमरे में किसी का आना अलाउड नहीं था और अब तू किसी को मना नहीं करता ऐसा क्यों ?”,तनु ने हाथो में पकडे कपडे बिस्तर पर रखते हुए कहा
“वो क्या है ना पहले मैं अपनी मर्जी का मालिक था , अपनी मर्जी से उठना , सोना , खाना , घूमना , फिरना। मेरी लाइफ इस कमरे तक ही सिमित थी और अब आप सबके आ जाने से मेरी लाइफ काफी बदल गयी है बस इसलिए,,,,,,,,,,,,,,,,,,अच्छा मैं काव्या के स्कूल जा रहा हूँ मीटिंग में आप भी चलेंगी ना ?”,अक्षत ने अपना फोन और पर्स जेब में रखते हुए पूछा
“हाँ हाँ बिल्कुल , पता तो चले आखिर बच्चे स्कूल में कर क्या रहे है ? तू नीचे आजा मैं तुझे तैयार मिलूंगी”,कहते हुए तनु चली गयी
अक्षत नीचे चला आया। अमायरा रघु के साथ खेल रही थी साथ ही हॉल के सोफे पर बैठे दादू उसका ख्याल भी रख रहे थे। अक्षत डायनिंग की तरफ आया और कहा,”मीरा मेरी चा,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,!!”
“आपकी चाय”,मीरा ने अक्षत की बात पूरी होने से पहले ही चाय का कप टेबल पर रखते हुए कहा
“मेरा नाश,,,,,,,,,,,,,,,!!”,अक्षत ने जैसे ही कहा
“आपका नाश्ता”,मीरा ने एक बार फिर अक्षत की बात पूरी होने से पहले ही नाश्ते की प्लेट अक्षत के सामने रखते हुए कहा
“क्या बात है मीरा मेरे बोलने से पहले ही तुम्हे सब पता चल जाता है , अच्छा तो फिर मेरा किस्स्स्स,,,,,,,,,,,,,!!”,अक्षत ने अपनी गर्दन बगल में घुमाते हुए शरारत से कहा लेकिन अगले ही पल झेंप गया बगल में मीरा नहीं नीता खड़ी थी , मीरा प्लेट रखकर जा चुकी थी
“भाभी वो मैं किसान केचअप माँग रहा था , थोड़ा सा मिलेगा क्या ?”,अक्षत ने झेंपकर अपनी गर्दन खुजाते हुए कहा
“अभी लेकर आती हूँ”,नीता ने मुस्कुराते हुए कहा और किचन में चली गयी। अक्षत ने अपनी बेवकूफी पर अपना हाथ अपने ललाट पर मारा और दूसरी तरफ देखा तो अमायरा ने भी अपना हाथ अपने ललाट पर मारकर अफ़सोस जताया। अक्षत मुस्कुरा उठा और अमायरा को अपने पास आने का इशारा किया। अमायरा अपने खिलोने छोड़कर अक्षत की तरफ चली आयी। अक्षत ने उसे उठाया और अपने बगल वाली कुर्सी पर बैठाकर कहा,”तुमने दूध पीया ?”
“हम्म्म्म”,अमायरा ने मुंह बनाते हुए कहा क्योकि उसे दूध पीना बिल्कुल पसंद नहीं था
“और नाश्ता किया ?”,अक्षत ने फिर सवाल पूछा
“हम्म्म्म भाई के साथ”,अमायरा ने कहा वह चीकू को भाई बुलाया करती थी।
“देट्स गुड ! अच्छा ये बताओ अभी तुमने अपना हाथ अपने सर पर क्यों मारा ?”,अक्षत ने पूछा
“आपने भी तो किया”,अमायरा ने कहा
“अच्छा तो तुम मेरी नक़ल कर रही हो ?”,अक्षत ने अमायरा को प्यार से घूरते हुए कहा
अमायरा ने अक्षत की बाँह थामी और अपना ललाट अक्षत की बाँह से लगाते हुए कहा,”नहीं”
“फिर क्यों किया ?”,अक्षत ने प्यार से पूछा
“क्योंकि मुझे आपके जैसा बनना है”,अमायरा ने अक्षत की बाँह से ठुड्डी लगाते हुए कहा अक्षत ने सूना तो उसकी आँखों में नमी तैर गयी।
उसकी बेटी उस से इतना प्यार करती है की उसके जैसा बनना चाहती है जानकर अक्षत का दिल भर आया अक्षत ने अपने होंठो को अमायरा के ललाट पर रख दिया और कहा,”तुम मुझसे भी बेहतर बनोगी प्रिंसेज”
अमायरा ने कुछ नहीं कहा बस अक्षत की बाँह थामे अपना सर बाँह पर टिका लिया। उसके ऐसा करने से अक्षत को मीरा का ख्याल आया वह भी जब बहुत ज्यादा खुश होती थी या फिर उदास होती थी तब ऐसा ही किया करती थी। नीता ने केचअप रखा और साथ ही दूसरी चीजे रखकर चली गयी।
अक्षत ने अपनी चाय पी और नाश्ता किया। बीच बीच में वह एक दो निवाले अमायरा को भी खिला देता। नाश्ता करने के बाद अक्षत उठा और वाशबेसिन की तरफ चला आया। अपने साथ साथ उसने अमायरा का भी मुंह धोया और उसे लेकर हॉल में चला आया। तनु अपने कमरे से बाहर आयी और कहा,”आशु चले ?”
“हाँ दी चलते है,,,,,,,,,,,,,,अमु चीकू भैया के स्कूल चलोगी ?”,अक्षत ने अमायरा से पूछा तो अमायरा भी उन सबके साथ चल पड़ी। अक्षत ने गाड़ी निकाली , तनु उसके बगल में आ बैठी और अमायरा तनु की गोद में। तीनो घर से निकल गए।
सुबह से छवि कम्पयुटर के सामने बैठकर नयी कम्पनीज में अपना रिज्यूम मेल कर रही थी ताकि जल्द से जल्द उसे कोई नौकरी मिल जाये। छवि ने अपनी जानकारी में कुछ जगह फोन भी किये लेकिन सब सब से बस ना सुनने को ही मिला। छवि ने अपना हाथ सर से लगा लिया। परेशानी के भाव उसके चेहरे पर झलकने लगे। माधवी जी कमरे में आयी तो छवि को परेशान देखकर उसके पास चली आयी और उसके कंधे पर हाथ रखते हुए कहा,”छवि इतना परेशान मत हो बेटा , आज नहीं तो कल तुम्हे एक अच्छी नौकरी मिल ही जाएगी”
“हाँ माँ लेकिन हमे घर का रेंट भरना है , घर में राशन भी खत्म होने वाला है और फिर आपकी दवाईया भी,,,,,,,,,,,,,!!”,छवि ने परेशानी भरे स्वर में बस इतना ही कहा की माधवी जी ने उसकी बात काटते हुए कहा,”दवाईया ? मुझे दवाईयों की फिलहाल जरूरत नहीं है देखो मैं बिल्कुल ठीक हूँ”
“माँ मैंने आपके रिपोर्ट्स देखे है , आप चिंता मत कीजिये मैं जल्दी ही कोई नया काम ढूंढ लुंगी”,छवि ने माधवी जी का हाथ अपने हाथो में लेकर कहा।
माधवी जी ने उसका सर सहलाया तो छवि ने भावुक होकर अपनी बाँहो को उनकी कमर से जकड लिया और अपना सर उनके पेट से लगा दिया। माधवी जी उसका सर सहलाने लगी। छवि को थोड़ा अच्छा लगा वह इस वक्त कमजोर नहीं पड़ना चाहती थी इसलिए उनसे दूर होकर कहा,”नाश्ते में क्या बना है ? मुझे भूख लगी है”
“चलो नाश्ता तैयार है”,माधवी जी ने कहा और छवि के साथ कमरे से बाहर चली आयी। नाश्ता करने के बाद छवि कुछ देर हॉल में बैठकर टीवी देखते रही। दोपहर बाद छवि की दोस्त उस से मिलने घर आयी।
छवि ने जब अपनी दोस्त को सब बताया तो उसे विक्की और सिंघानिया जी पर बहुत गुस्सा आया और उसने खीजते हुए कहा,”ये बड़ी बड़ी कम्पनियो के मालिक ऐसे ही होते है। हम लोगो को अपने हाथ की कठपुतलिया समझते है। तूने बहुत सही किया छवि ऐसे लोगो के खिलाफ तो तुझे पुलिस कंप्लेंट करनी चाहिए दो मिनिट में उनके होश ठिकाने आ जाते”
“नहीं यार मैं ऐसा नहीं कर सकती पहले से घर में इतनी टेंशन है। मैंने वो जॉब छोड़ दी है मैं यही आस पास कोई नया काम देख लुंगी”,छवि ने बुझे स्वर में कहा
“तू चिंता मत कर मैं अपनी जान पहचान में कोई जॉब देखती हूँ”,छवि की दोस्त ने उसके हाथ पर अपना हाथ रखते हुए कहा
“थैंक्स यार”,छवि ने कहा
“थैंक्स मत बोल शाम को मार्किट चलकर गोलगप्पे खिला देना समझी”,छवि की दोस्त ने कहा तो छवि हंस पड़ी और फिर दोनों दोस्त बातो में लग गयी। छवि को हँसते मुस्कुराते देखकर माधवी जी को अच्छा लगा और वे दोनों के लिए चाय बनाने किचन की ओर चली गयी।
अक्षत तनु के साथ काव्या और चीकू के स्कूल पहुंचा। अमायरा ने तनु की ऊँगली पकड़ी हुई थी और दूसरे हाथ में अपनी गुड़िया का हाथ। अक्षत तनु के साथ स्टाफ रूम की तरफ आया और तनु से कहा,”दी आप और अमु यही रुकिए मैं काव्या की टीचर से मिलकर आता हूँ”
“ठीक है”,तनु ने कहा और अमायरा के साथ स्टाफ रूम के बाहर रखी बेंच पर आ बैठी। पास ही क्लास के बाहर चीकू हाथ ऊपर किये खड़ा था। अमायरा की नजर उस पर पड़ी तो वह उस तरफ जाने लगी।
“नहीं अमु कही नहीं जाना यही बैठो”,तनु ने अमायरा को रोकते हुए कहा उसने शायद चीकू को नहीं देखा था
“भुआ,,,,,,,,,,,,भाई”,अमायरा ने चीकू की तरफ इशारा करके कहा
तनु ने देखा तो थोड़ी हैरान हुई और फिर खुद में ही बड़बड़ाई,”ये चीकू क्लास के बाहर क्या कर रहा है ?”
“भुआ चलो”,अमायरा ने तनु का हाथ खींचते हुए कहा तो तनु उठकर अमायरा के साथ चीकू की तरफ चली आयी।
अमायरा ने तनु से हाथ छुड़ाया और चीकू के गले लगते हुए कहा,”भाई,,,,,,,,,,,देखो मैं भी इसुल आ गई और मेरी डॉल भी”
अमायरा ने चहकते हुए कहा तो चीकू भी खुश हो गया और कहा,”अरे वाह अब तुम भी स्कूल आओगी”
“ये स्कूल बाद में आएगी पहले तुम बताओ तुम क्लास के बाहर क्या कर रहे हो ? क्या तुम्हे पनिशमेंट मिली है ?”,तनु ने चीकू से पूछा
“वो भुआ एक्चुअली मैं क्लास में बोर हो गया था इसलिए टीचर ने कहा मैं बाहर रहू”,चीकू ने बहाने बनाते हुए कहा
चीकू की बात सुनकर तनु हैरानी से उसे देखने लगी कुछ देर बाद उसी कमरे से एक लड़की आयी जिसके हाथ में कुछ बॉक्स थे। उसने तनु को चीकू के साथ देखा तो कहा,”हेलो आप शायद इसकी मम्मी है , मैडम आप अपने बच्चे पर बिल्कुल ध्यान नहीं देती है। चैतन्य ( चीकू ) क्लास में बहुत शैतानी करता है।
क्लास की लड़कियों के बाल खींचना , हर पीरियड में टॉयलेट और वॉटर के लिए बोलकर पुरे पीरियड क्लास से बाहर रहेगा , लंच टाइम से पहले लंच खाता है , होमवर्क पूरा नहीं करता और अगर टीचर इसे पनिश करने के लिए क्लास से बाहर खड़ा करे तो ये ख़ुशी ख़ुशी क्लास के बाहर जाकर खड़ा हो जाएगा”
“माफ़ करना मैंने इन दिनों इस पर ध्यान नहीं दिया मैं आज ही इसकी अच्छे से क्लास लेती हूँ”,तनु ने जबरदस्ती मुस्कुराते हुए कहा तो लड़की वहा से चली गयी। तनु ने चीकू की तरफ देखा तो उसने मासूम सा चेहरा बनाकर गर्दन झुका ली। चीकू के बारे में इतनी सारी शिकायते सुनकर तनु का तो सर चकराने लगा था , साथ ही काव्या की चिंता होने लगी की अब उसके बारे में कितनी शिकायते सुनने को मिलेगी।
तनु अभी सोच में डूबी हुयी थी की तभी अक्षत ने आकर कहा,”दी मेरी काव्या की टीचर से बात हो गयी है , हमे एक बार जाकर प्रिंसिपल मेम से मिलना होगा”
“हम्म्म चलो”,तनु ने कहा तो चीकू और अमायरा के साथ अक्षत तनु के आगे आगे चल पड़ा अभी तो बेचारे चीकू को डांट का कोटा पूरा जो करना था।
अक्षत और तनु उन दोनों के साथ प्रिंसिपल मेम के ऑफिस में आये। कुछ देर बाद काव्या भी चली आयी। प्रिंसिपल मेम ने काव्या को चीकू के साथ साइड में खड़े होने का इशारा किया और अक्षत तनु से सामने पड़ी कुर्सियों पर बैठने को कहा।
“मिस्टर व्यास काव्या शर्मा और चैतन्य व्यास की स्टडी रिपोर्ट्स तो आपको इनके क्लास टीचर्स से मिल ही चुकी होंगी। मिस्टर व्यास केन यू बिलीव दिस ? इस महीने चैतन्य व्यास के लिए 20 कंप्लेंट है। हर टीचर के पास इसके लिए 5-6 कंप्लेंट मिल ही जाएगी। कभी भी इसका होमवर्क कम्प्लीट नहीं मिलेगा , प्लीज आप इस पर थोड़ा ध्यान दीजिये”,प्रिंसिपल मेम ने बहुत ही सहजता से कहा तो अक्षत ने हल्की सी गर्दन घुमाकर चीकू को देखा तो चीकू ने सर झुका लिया।
अक्षत ने प्रिंसिपल की तरफ देखा और कहा,”चैतन्य के लिए मैं आपसे माफ़ी चाहता हूँ , आगे से इसकी शिकायते नहीं आएगी”
“थैंक्यू मिस्टर व्यास फॉर सच अ नाइस बिहेवियर”,प्रिंसिपल मेंम ने कहा
“और मेरी काव्या ? क्या वो भी स्कूल में शैतानी,,,,,,,,,,,,,!!”,तनु ने परेशानी भरे स्वर में कहा
“नो नो मिसेज शर्मा , काव्या शर्मा इज अ ब्रिलियंट स्टूडेंट , वो स्पोर्ट्स और स्टडी में बहुत अच्छी है। अगले महीने से हमारे स्कूल में स्पोर्टस केम्प लगेगा एंड मैं चाहती हूँ काव्या भी उस में हिस्सा ले। वो बहुत अच्छा फुटबाल खेलती है”,प्रिंसिपल ने काव्या की तारीफ करते हुए कहा। काव्या अपने दोनों हाथ बांधे सभ्य तरीके से खड़ी थी लेकिन चीकू वो यहाँ भी सीधा नहीं खड़ा था।
अमायरा अपनी डॉल का हाथ पकडे प्रिंसिपल मेंम के पास आयी और कहा,”मेरी डॉल को भी स्कूल आना है”
“ओह्ह्ह सो क्यूट,,,,,,,,,,,ये आपकी डॉटर है मिस्टर व्यास ?”,प्रिंसिपल मेंम ने पूछा
“जी मेम , अमायरा व्यास”,अक्षत ने मुस्कुरा कर कहा
“बहुत प्यारी है। सो मिस्टर व्यास आप चीकू और काव्या के रिपोर्ट कार्ड्स पर साइन कर दीजिये उसके बाद आप लोग जा सकते है”,प्रिंसिपल मेम ने कहा।
अक्षत तनु और बच्चो के साथ बाहर चला आया। काव्या तनु को अपनी क्लास टीचर से मिलवाने ले गयी। अक्षत चीकू के सामने अपने दोनों हाथ बांधे खामोश खड़ा था और चीकू चुपचाप अपनी गर्दन झुकाये उसके सामने,,,,,,,,,,,,,,,,,,कुछ देर बाद अक्षत ने कहा,”चीकू इतनी शिकायते सुनकर भी तुम चुपचाप मेरे सामने खड़े हो ,
तुम स्कूल पढ़ने आते हो या मस्ती करने,,,,,,,,,,,,,तुम्हे अच्छे बच्चे की तरह पेश आना चाहिए लेकिन तुम,,,,,,,,,,,,,,,,क्या मैं ये सब तुम्हारे पापा को बता दू,,,,,,,,,,,,,,!!!”
“सॉरी चाचू आज के बाद मैं ऐसा नहीं करूँगा”,चीकू ने लगभग रोआँसा होकर कहा
“चलो ठीक है मैं घर पर किसी से कुछ नहीं कहूंगा , लेकिन आज के बाद तुम अपना होमवर्क कम्प्लीट करोगे और किसी को स्कूल में बेवजह परेशान नहीं करोगे ,, अब चलो चलते है,,,,,,,,,,,,,,चलो अमु,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,!”कहते हुए अक्षत ने जैसे ही देखा अमायरा वहा नहीं थी। अमायरा को वहा ना पाकर अक्षत का दिल किसी अनहोनी के डर से धड़क उठा।
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संजना किरोड़ीवाल
Mam aapne Broken heart ko phir se stop kar Diya hum sab kab se is unmad main hai ki aapki story the broken heart jaldi post ho isliye mam hum aapse Dil se request karte hai please aap The broken heart story ka next part jald se jald Post kare 🙏🏻♥️♥️
Oh bhai Amayara khatre mein toh nhi hai…
Very nice part 👌
Amayra kha chali gai
Bhut hi khoobsurat part tha
Ab Suddenly Amu kaha chale kahi kahi Akshat ka anjana dar sahi toh nahi…Chiku ki kahi saari complaints mili Akshat ko usne kaha ki agle baar aisa nahi hoga..
Anu gayab h ab to dar lag rha h kahi shubh ne to kuch na kr diya ho… chiku ko itna pyar milta h to badmashi to lazmi h dar nhi usko
Father daughter bonding is so cute 🥰