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“हाँ ये मोहब्बत है” – 13

Haan Ye Mohabbat Hai – 13

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Haan Ye Mohabbat Hai
Haan Ye Mohabbat Hai

Haan Ye Mohabbat Hai – 13

मीरा को अपना सर सहलाते देखकर अक्षत ने कहा,”कही तुम ये तो नहीं सोच रही मैं तुम्हारी वजह से बीमार हूँ”
“आप क्या मन की बातें भी सुन लेते है ?”,मीरा ने हैरानी से पूछा
“सबकी नहीं पर तुम्हारे मन की बात जान लेता हूँ मैं , तुम खामखा परेशान हो रही हो मैं ठीक हूँ”,अक्षत ने मीरा का हाथ थामकर प्यार से कहा और उठकर बैठ गया हालाँकि उसका सर अभी भी दर्द कर रहा था। मीरा ने अक्षत को चाय दी और उठकर ड्रॉवर से दवा लेने चली गयी। अक्षत ने चाय पी और वापस लेटने को हुआ तो मीरा ने कहा,”अक्षत जी ये दवा खा लीजिये आपको आराम मिलेगा”


“हम्म थैंक्यू”,अक्षत ने दवा लेकर खाते हुए कहा
मीरा ने अक्षत को कम्बल ओढ़ाई और वापस नीचे चली आयी। सभी नाश्ते के लिए डायनिंग टेबल के इर्द गिर्द बैठे थे मीरा आयी और नीता के साथ मिलकर सबके लिए नाश्ता परोसने लगी तो विजय जी ने पूछ लिया,”मीरा अक्षत उठा नहीं आज ?”
“उन्हें बुखार है पापा , वो अभी दवा लेकर सोये है”,मीरा ने बुझे मन से कहा


“आशु की तबियत खराब है तुमने बताया क्यों नहीं मीरा ? जरूर कल रात ये लड़का बाहर ठण्ड में घुमा है,,,,,,,,,,,,,,,,मैं उसे देखकर आती हूँ”,राधा ने परेशानी भरे स्वर में कहा और जैसे ही जाने लगी विजय जी ने हाथ पकड़कर उन्हें रोक लिया और कहा,”राधा मीरा ने कहा न वो अभी दवा लेकर सोया है , तुम जाकर देखोगी तो वो जाग जाएगा।”
“हम्म्म ठीक है”,राधा ने कहा लेकिन परेशानी के भाव अभी भी उसके चेहरे पर झिलमिला रहे थे


“मीरा जब वो उठ जाये तो उस से कहना आज कोर्ट ना जाकर घर पर ही आराम करे , मौसम बदल रहा है ना इसलिए उसे शायद वायरल हो गया है। मैं अपने फॅमिली डॉक्टर को फोन कर दूंगा वो आ जायेंगे”,विजय जी ने कहा
सोमित जीजू जो की चुपचाप बैठकर सबकी बातें सुन रहे थे अच्छे से जानते थे की कल रात ठण्ड में बाहर खड़े होकर अक्षत ने बहुत सारी आइसक्रीम खाई थी।

सबने नाश्ता किया। विजय जी , सोमित जीजू और अर्जुन अपने अपने ऑफिस चले गए। आज मीरा चाइल्ड होम नहीं गयी अक्षत घर पर ही था और उसकी तबियत भी ख़राब थी , ऐसे हालातो में मीरा अक्षत को छोड़कर नहीं जाना चाहती थी। दवा के असर से अक्षत को थोड़ा आराम था इसलिए दोपहर में जाकर उसकी आँखे खुली वह नीचे चला आया। उसका बदन दर्द कर रहा था साथ ही नाक भी बंद थी। चीकू काव्या स्कूल गए हुए थे और अमायरा सोफे के पास बैठी अपनी डॉल से खेल रही थी।


“माँ मुझे एक कप चाय चाहिए”,अक्षत ने आकर सोफे पर बैठते हुए कहा। उसके सर में हल्का हल्का दर्द अभी भी था। नाक बंद होने की वजह से साँस लेने में भी प्रॉब्लम हो रही थी , अगले ही पल अक्षत को तेज छींक आयी। अमायरा ने देखा तो आकर अपना छोटा सा रूमाल अक्षत की ओर करके कहा,”पापा नोजी”
“थैंक्यू बेटा”,अक्षत ने कहा और अमायरा के रूमाल से ही अपना नाक पोछ लिया
मीरा अक्षत के लिए चाय ले आयी और कप टेबल पर रखते हुए कहा,”आपने कल आइसक्रीम खाई ?”


मीरा की बात सुनकर अक्षत उसकी ओर देखने लगा वह मीरा से झूठ बोल नहीं सकता था और ना ही सच बता सकता था। अक्षत की ख़ामोशी से मीरा समझ गई की अक्षत ने कल रात आइसक्रीम खाई थी और इसी वजह से आज वो तकलीफ में है। मीरा चुपचाप जाने लगी तो अक्षत ने कहा,”वो मैंने बस थोड़ी सी खाई तुम सजा दे सकती हो”


“अक्षत जी आप अच्छे से जानते है की आपको आइसक्रीम और ठंडी चीजे खाने से जुखाम बहुत जल्दी होता है और फिर वो हफ्तों तक ठीक नहीं होता इसके बाद भी आपने,,,,,,,,,,,,,,,,,,हम ये नहीं कह रहे की कभी मत खाइये पर मौसम का ध्यान तो रख सकते है ना आप,,,,,,,,,,,,और अब सजा आपके लिए ये है की आप अपने फॅमिली डॉक्टर के पास जायेंगे,,,,,,,,,,,पापा का फोन आया था की अंकल आज बिजी है तो आपको ही जाना होगा”,मीरा ने कहा


“आशु क्या हुआ तुम्हे ? तुम ठीक हो न बेटा,,,,,,,,,,,,,,आजकल तू अपना बिल्कुल ख्याल नहीं रखता जब देखो तब बस काम , चल आ बैठ यहाँ तेरे सर में थोड़ा तेल लगा देती हूँ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,जब तू छोटा था तब ठंड के मौसम में हमेशा ऐसे ही बीमार पड़ जाता था”,राधा ने तेल की कटोरी लेकर अक्षत की तरफ आते हुए कहा। मीरा ने सूना तो मुस्कुराते हुए वहा से चली गयी।  


राधा सोफे पर आ बैठी और अक्षत मुड्ढा लेकर राधा के पास उसपे आ बैठा। राधा ने अक्षत के बालों में तेल लगाना शुरू किया साथ ही दोनों माँ बेटे बातें करने लगे। बातें कम और राधा अक्षत को नसीहतें ज्यादा दे रही थी। अमायरा ने राधा को अक्षत के बालों में तेल लगाते देखा तो उन दोनों की तरफ चली आयी।
“दादी माँ ये क्या है ?”,अमायरा ने तेल की और इशारा करके पूछा


“गुड़िया ये मीठा तेल है , देखो तुम्हारे पापा के बाल कितने रूखे हो गए है इसलिए मैं इसके बालो में ये तेल लगा रही हूँ ताकि ये अच्छे हो जाये”,राधा ने प्यार से कहा तो अमायरा ने अपने बालों को पकड़कर कहा,”मेरे बाल भी लुखे है”
राधा ने सूना तो मुस्कुरा उठी और कहा,”ठीक है पहले मैं आशु के बालो में तेल लगा दू फिर तुम्हारे बालो में लगा दूंगी”


“अमु यहाँ आकर बैठो”,अक्षत ने अमायरा से अपने आगे बैठने का इशारा किया। अमायरा अपनी डॉल का हाथ पकडे कालीन पर अक्षत के आगे बैठ गयी। अक्षत ने थोड़ा सा तेल अपने हाथो पर लिया और अमायरा के बालो में लगाने लगा। अमायरा भी चुपचाप बैठकर उस से अपने बालों में तेल लगवाती रही। तनु अपने कमरे से आयी जब राधा , अक्षत और अमायरा को साथ देखा तो खुश होकर उनके पास चली आयी।


“आशु ये तेरी बेटी तो बिल्कुल तुझ पर गयी है , देख कितने आराम से तुझसे अपने बालों में तेल लगवा रही है वरना घर में ये किसी को अपने बाल छुने तक नहीं देती”,तनु ने सोफे पर बैठते हुए कहा
अक्षत मुस्कुरा उठा और कहा,”अच्छा दी फ्राइडे को काव्या और चीकू के स्कूल में पेरेंट्स मीटिंग है तो आप चलना मेरे साथ”
“हाँ मुझे भी काव्या की टीचर से मिलना है काव्या की पढाई को लेकर”,तनु ने कहा


राधा ने अक्षत के बालों में अच्छे से तेल लगाया और फिर उसे साइड में बैठने को कहा। अक्षत अमायरा के साथ सोफे पर आ बैठा। तनु को अपनी ओर देखता पाकर राधा उसकी भावना समझ गयी और कहा,”आओ बैठो तुम्हारे सर में तेल लगा देती हूँ”
“अरे मौसी नेकी और पूछ पूछ”,कहते हुए तनु राधा के आगे आ बैठी। राधा उतने ही प्यार से उसके बालो में भी तेल लगाने लगी। कुछ देर बाद दादू-दादी भी चले आये और सब बैठकर बातें करने लगे।

अक्षत की तबियत फिर खराब होने लगी उसे आराम की जरूरत थी इसलिए वह नीचे ही राधा के कमरे में जाकर लेट गया। अक्षत आज घर पर था इसलिए अमायरा उसके साथ साथ ही घूम रही थी जब थक गयी तो आकर अक्षत के बगल में लेट गयी और कुछ देर बाद उसे भी नींद आ गयी।
आज मीरा भी घर में ही थी इसलिए दोपहर के खाने के बाद नीता , तनु और मीरा तनु के कमरे में आ बैठी। यू तो किचन में काम करते हुए तीनो में बातें हो जाती थी

लेकिन आज तीनो को अच्छा टाइम मिला था साथ में बातो बातो में नीता ने कहा,”पता है अगले हफ्ते वेलेंटाइन डे और उस दिन मेरी एक दोस्त अपने हस्बेंड के साथ मालद्वीप रही है। कुछ दिन पहले ही उनकी शादी हुई थी तो ये पहले वेलेंटाइन डे के साथ साथ उनका पहला हनीमून भी है”
“कितने लकी है दोनों वैसे वेलेंटाइन का नाम लेकर तुमने पुरानी यादें ताजा कर दी नीता , पता है तुम्हारे जीजू ने कॉलेज में सबके सामने मुझे घुटनो पर बैठकर प्रपोज किया था”,तनु ने अपने बीते दिनों को याद करते हुए कहा
“तब क्या जीजू घुटनो पर बैठ पाए थे ?”,नीता ने शरारत से पूछा


“अरे तब वो भी पतले हुआ करते थे”,तनु ने कहा तो मीरा और नीता हंस पड़ी , उनके साथ साथ तनु भी हॅसने लगी
“मैंने तो अपना पहला वेलेंटाइन अर्जुन के साथ ही मनाया था , घरवालों को झूठ बोलकर , कॉलेज से बंक मारकर दोनों पहली बार फिल्म देखने गए थे और वही अर्जुन ने मुझे पहली बार किस किया था”,नीता ने शरमाते हुए कहा।
“अरे देखो तो कैसे शरमा रही है ? तुम बताओ मीरा तुम्हारा पहला वेलेटाईन कैसा था ?”,नीता ने मीरा की तरफ पलटकर कहा


मीरा ने सूना तो उसे वो दिन याद आ गया जब अक्षत बार उसके कॉलेज आया था और मीरा उस से टकराई थी। उस दिन विनीत के बदतमीजी करने पर अक्षत ने विनीत को मारा भी था। उसके बाद कई वेलेंटाइन आये पर ना अक्षत ने कभी कुछ कहा ना मीरा ने
मीरा को खोया देखकर नीता ने उसके सामने चुटकी बजाकर कहा,”कहा खोयी हो ? तनु दी कुछ पूछ रही है”


“माफ़ करना वो हमने ध्यान नहीं दिया , तो आप क्या कह रही थी दी ?”,मीरा ने तनु की तरफ देखकर कहा
“मैं ये कह रही हूँ की क्यों ना इस बार हम सब भी अपने अपने हस्बेंड के साथ वैलेंटाइन डे मनाये कैसा रहेगा ? वैसे भी वो लोग इतने बिजी रहते है की उन्हें कहा ये सब याद रहता होगा इसलिए क्यों ना हम सब मिलकर उन्हें सरप्राइज दे”,तनु दी ने खुश होकर कहा
“आईडिया तो अच्छा है भाभी लेकिन क्या वो लोग मानेंगे ?”,नीता ने कहा


“अरे मानेंगे क्यों नहीं ? सोमित दिखता फनी है लेकिन उसे रोमांटिक चीजे बहुत पसंद है और सरप्राइज भी,,,,,,,,,,,,,,,,,,,अब तुम अर्जुन और अपने आप को ही देख लो जबसे चीकू पैदा हुआ है तुम दोनों का रोमांस ही गायब हो गया है , कम से कम इस सरप्राइज के चलते अर्जुन को ये अहसास तो होगा की उसकी नीता उसे कितना प्यार करती है ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,, फिर तो समझो यही इंदौर में मालद्वीप हो जाएगा”,तनु ने कहा तो नीता खुश हो गयी
“और मीरा तुम,,,,,,,,,,,तुम्हे भी आशु के लिए कुछ सरप्राइज प्लान करना चाहिए”,नीता ने मीरा की तरफ पलटकर कहा


“हम क्या करे भाभी ?”,मीरा ने से मासूमियत से पूछा
“ओह्ह्ह्ह तुम कितनी मासूम हो मीरा , देवर जी तो तुम्हारी ये मासूमियत देखकर ही पिघल जायेंगे,,,,,,,,वैसे उस दिन अगर तुम घर से बाहर नहीं जाना चाहो तो घर में रहकर भी उसके लिए कुछ स्पेशल कर सकती हो”,नीता ने प्यार से कहा
“हम्म्म्म”,मीरा ने कुछ सोचते हुए कहा इस बार तो उसे अपने सडु के लिए कुछ स्पेशल करना ही था। तीनो बातो में लगी थी साथ ही तीनो ने इसे सीक्रेट रखा ताकि किसी को पता ना चले।

शाम में अक्षत उठा और हॉल में चला आया। हॉल में रखा फोन बजा तो अक्षत ने फोन उठाया दूसरी तरफ विजय जी थे  अक्षत की आवाज सुनकर उन्होंने कहा,”बेटा तुम्हारा फोन कहा है ?”
“शायद मेरे कमरे में होगा पापा , आप बताईये”,अक्षत ने उदासीभरे स्वर में कहा क्योकि तबियत अब ज्यादा खराब थी।


“मैं ये कह रहा था की तिवारी जी के क्लिनिक में तुम्हारा शाम का अपोंटमेंट था , जाओ जाकर चेकअप करवा लो। अगर तबियत ज्यादा ख़राब है तो मैं अर्जुन को कह देता हूँ वो तुम्हे लेने आ जायेगा”,विजय जी ने कहा
“नहीं पापा भाई को परेशान मत कीजिये मैं चला जाऊंगा,,,,,,,,,,,!!”,अक्षत ने कहा
“हम्म्म ठीक है शाम में मिलता हूँ”,कहकर विजय जी ने फोन काट दिया।


अक्षत ने फोन रखा और अपने कमरे में चला आया। हाथ मुंह धोकर उसने कपडे बदले और अपना फोन लेकर वापस नीचे चला आया। अमायरा भी उठ चुकी थी पर चीकू के साथ बैठकर कुछ खा रही थी। अक्षत गाड़ी की चाबी लेकर बाहर चला आया उसने बाहर लॉन में बैठी राधा को हॉस्पिटल जाने के बारे में बताया और वहा से चला गया।
अक्षत डॉक्टर से मिला , उसके कुछ टेस्ट हुए ,, बुखार तेज होने के कारण डॉक्टर ने उसे ज्यादा से ज्यादा रेस्ट करने को कहा और कुछ दवाईया लिख दी।

अक्षत घर चला आया। घर आकर उसने देखा सोमित जीजू और अर्जुन भी ऑफिस से आ चुके है। अक्षत उनकी तरफ चला आया और सोफे पर आकर बैठ गया सोमित जीजू ने अक्षत का उतरा हुआ चेहरा देखा तो कहा,”तुम्हारी तबियत ज्यादा खराब लग रही है तुम्हे जाकर आराम करना चाहिए”
“हम्म्म्म डॉक्टर ने कहा है की वायरल बुखार है ठीक हो जायेगा”,अक्षत ने कहा।


“लेकिन ये अचानक तुम्हे क्या हुआ ? कल शाम तक तो तुम बिल्कुल ठीक थे”,अर्जुन ने पूछा
अर्जुन की बात सुनकर जीजू और अक्षत एक दूसरे की तरफ देखने लगे और फिर अक्षत ने उठते हुए कहा,”मैं सोने जा रहा हूँ”
“हाँ हाँ तुम्हे अपने कमरे में जाकर आराम करना चाहिए और बच्चो से दूर रहो तुम , खासकर अमायरा से वो काफी छोटी है तुम्हारे साथ रहेगी तो उसे भी इफेक्ट होगा”,जीजू ने कहा तो अक्षत अमायरा को देखते हुए वहां से चला गया  

अक्षत अपने कमरे में आकर फिर सो गया। रात के खाने पर भी वह निचे नहीं आया। राधा उसके कमरे में आयी उसने देखा अक्षत सो रहा है उन्होंने अक्षत का सर छूकर देखा जो की तप रहा था। हालाँकि बुखार कम होने में थोड़ा टाइम लगता है लेकिन राधा ठहरी माँ और एक माँ का मन हमेशा अपने बच्चो के लिए परेशान रहता है। वे कमरे से बाहर निकली और कुछ देर बाद वापस आयी उनके हाथ में कटोरा था और साथ में सफ़ेद रूमाल। उन्होंने कटोरे को बिस्तर के पास पड़ी टेबल पर रखा , कपडे को उसमे डुबोया और निचोड़कर उसकी पट्टी अक्षत के माथे पर रख दी।

राधा ने दो तीन बार ऐसा ही किया , जब सर की तपन कम हुयी तो राधा ने एक बार फिर पट्टी भिगोई और अक्षत के सर पर रखकर उसका सर सहलाकर वहा से जाने लगी। राधा ने देखा कमरे के दरवाजे पर अमायरा खड़ी थी। उसका उदास चेहरा देखकर राधा समझ गयी की उसे अक्षत के पास जाना है। राधा ने उसे अंदर आने दिया और कहा,”अमु बेटा पापा सो रहे है तो उनको परेशान मत करना और उनसे दूर रहना मैं अभी आती हूँ”


“हम्म्म्म”;अमायरा ने हाँ में गर्दन हिला दी। वह बिस्तर पर ना जाकर अक्षत के बगल में पड़ी कुर्सी पर बैठ गयी और एकटक उसे देखने लगी। राधा किसी काम नीचे चली गयी। नीचे आकर उन्होंने जब सबको अक्षत के बारे में बताया तो सभी उदास हो गए।  मुश्किल से सबने खाना खाया , मीरा को भी अक्षत की परवाह हो रही थी लेकिन सबके होते हुए वह ऐसे जाना नहीं चाहती थी।


खाना खाने के बाद सोमित जीजू और अर्जुन अक्षत से मिलने ऊपर जाने लगे। अक्षत ने सुबह से कुछ खाया नहीं था इसलिए मीरा उसके लिए सूप बनाने लगी।

अमायरा ख़ामोशी से कुर्सी पर बैठी अक्षत को देख रही थी। कुछ देर बाद अक्षत ने नींद में सर हिलाया तो उसके माथे पर रखी पट्टी नीचे गिर गयी। अमायरा ने राधा को वो पट्टी अक्षत के सर पर रखते देखा था इसलिए वह कुर्सी से नीचे उतरी और नीचे गिरी रुमाल को उठाकर अक्षत के माथे पर लगाने लगी। ऐसा करते हुए वह बिल्कुल मीरा की परछाई लग रही थी। उसने पट्टी को माथे पर रखा और धीरे धीरे अक्षत के सर को थपथपाने लगी।

दरवाजे पर खड़े अर्जुन और सोमित जीजू ने अमायरा को ऐसा करते देखा तो दोनों के कदम दरवाजे पर ही रुक गए , दोनों ने एक दूसरे की तरफ देखा और मुस्कुरा उठे।
“इसलिए कहते है की बेटीयो से ज्यादा प्यार एक पिता को कोई नहीं कर सकता शायद इसलिए ये बेटिया अपने पापा के इतना करीब होती है”,सोमित जीजू ने नम आँखों के साथ कहा
“हाँ जीजू सच कह रहे है आप”,अर्जुन ने कहा और दोनों वही खड़े ख़ामोशी से अक्षत और अमायरा को देखते रहे

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