Sanjana Kirodiwal

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बेपनाह इश्क़ – 4

Bepanah Ishq – 4

Bepanah Ishq

Bepanah Ishq by Sanjana Kirodiwal

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Bepanah Ishq – 4

अगली सुबह आकाश देर तक सोता रहा तो वंदना ने जिया के साथ उसके लिए कॉफी भेजी , जिया कमरे में आयी तो देखा कमरे में जगह जगह बुक्स बिखरी पड़ी है , कपडे अलमारी के बजाय कुर्सी और बेड पर है , एक जूता कही तो दूसरा कही था जिया को लगा जैसे वो किसी तबेले में आ गयी है , उसने कप टेबल पर रखा और आकाश को उठाया , अलसाया सा आकाश उठकर बैठ गया तो जिया ने छेड़ते हुए कहा

– क्यों रात की उतरी नहीं ?

आकाश – तू सुबह सुबह मेरा सर खाने क्यों आ गयी ..

जिया – कोफ़ी देने आयी थी मुझे कोई शौक नहीं है तुम्हारे इस तबेले में आने का , हालत देखो कमरे की

जिया ने कॉफी आकाश की तरफ बढ़ा दी आकाश ने कॉफी पि ली जिया उठकर जाने लगी तो उसने कहा – जिया

“मुझसे अब रूम साफ करने के लिए मत कहना भाई – जिया ने मुंह बनाते हुए कहा

आकाश – बैठ ना तुझसे कुछ बात करनी है

जिया आकर आकाश के सामने बैठ जाती है

आकाश – अच्छा ये बता मैं कैसा लगता हु

जिया – इंसान जैसे ही लगते हो

आकाश – जिया मेरा मतलब तुम्हे कैसा लगता हु

जिया – अच्छे ही लगते हो भाई

आकाश – अरे !! अब कैसे समझाउ ………. मान लो तुम मेरी बहन न होकर कोई खूबसूरत सी लड़की होती तब मैं तुम्हे कैसा लगता

जिया – अच्छे लगते , मेरी तो कितनी ही दोस्त आप पर फ़िदा है बस आप ही उन्हें कोई भाव नहीं देते

आकाश – मैं तेरी दोस्तों की बात नहीं कर रहा ,, छोड़ तुझे नहीं समझ आएगा जा यहाँ से

जिया उठकर बाहर आ जाती है और सोचने लगती है – ये भाई को आज क्या हो गया , इस से पहले तो उन्होंने ऐसी बातें कभी नहीं की पता लगाना पड़ेगा आखिर ये अकेले अकेले कोनसी खिचड़ी पकाने में लगा है ….

आकाश फोन देखता है लेकिन ना भूमि का कोई मेसेज था ना ही कल से वो ऑनलाइन आयी थी ,, 3 दिन ऐसे ही निकल गए भूमि काम में इतना बिजी थी की उसे फोन का ख्याल ही नहीं था ,, आकाश बस परेशान सा हर घडी फोन को ताकता रहता ना उसका काम में मन लगता ना ही कही और ..

एक सुबह बुटीक में कोई काम नहीं था और आरफा भी नहीं आयी थी तो भूमि ने अपना फोन लिया और उसमे विडिओ देखने लगी विडिओ देखते देखते ऊब गयी तो उसने फेसबुक ऑन किया , फेसबुक ऑन करते ही इनबॉक्स में मेसेज की बारिश हो गयी सब मेसेज आकाश के थे , भूमि ने सारे मेसेज पढ़े और मन ही मन झल्ला उठी

“कैसा लड़का है ये इतने मेसेज कोई करता है किसी को , इतनी बार कह दिया फिर भी समझ नहीं आता आज तो इसकी क्लास लगाकर रहूंगी” भूमि सोच ही रही थी की तभी आकाश का मेसेज आया

– hii , कहाँ थी आप , मैं कितना परेशान हो गया था ? आप ठीक तो है

“मैं बिल्कुल ठीक हु , और आप होते कौन है मुझसे सवाल जवाब करने वाले

– वो इतने दिन आपको ऑनलाइन नहीं देखा तो मैंने सोचा ……

“क्या सोचा आपने ये की आ मेरी परवाह करेंगे और मुझे पटा लेंगे

– आप ऐसा क्यों कह रही है ?

“मैं सब जानती हु आप जैसे लड़को के बारे में , लड़कियों को मेसेज कर कर के परेशान करेंगे और फिर जब वो मान जाये तो उनका फायदा उठाते है

– देखिये मैं ऐसा लड़का नहीं हु , वो तो बस आप ऑनलाइन नहीं दिखी सिर्फ इसलिए इतने मेसेज …….. आई ऍम सॉरी फॉर देट … (आकाश अपसेट हो गया)

“देखो हमारे लिए ज्यादा परवाह दिखाने की जरुरत नहीं है , or हम आपसे कोई दोस्ती नहीं करनी , हमारा पीछा छोड़िये प्लीज़

आकाश – ठीक है , आज के बाद में कभी आपको परेशान नहीं करूँगा , सॉरी मेरी कोई बात बुरी लगी हो तो … bye

आकाश ऑफलाइन हो गया ,, उसने आँखे मुंद ली और सर कुर्सी पर टिका दिया , ना चाहते हुए भी उसकी आँखे नम हो गयी ये क्या हो गया था उसे क्यों वो एक लड़की को अपने जीवन में इतनी अहमियत देने लगा था वो खुद नहीं जान पा रहा था , कितनी ही लड़किया उसके पीछे पागल थी लेकिन उसने हमेशा अपनी किताबो और काम को तवज्जोह दी , फिर आज क्यों एक लड़की की दोस्ती के लिए वो इतना सब कर रहा था ,

क्या रिश्ता था उस से वो नहीं जानता था पर उसका एक ख्याल उसके दिलो दिमाग पर हावी हो जाता था ,, सुबह से शाम हो गयी आकाश वैसे ही ऑफीस में बैठा रहा ,, तभी फोन बजा उसने फोन उठाया दूसरी तरफ जिया थी , जो की अपने दोस्तों के साथ मॉल में आकाश का इंतजार कर रही थी ,,

आकाश ने 10 मिनिट में आने का कहकर फोन काट दिया और बाथरूम में जाकर मुंह धोया और आईने में खुद को देखने लगा भूमि जितनी खूबसूरत थी आकाश उतना ही आकर्षक दीखता था , आकाश ने फोन निकाला और भूमि की तस्वीर निकाल कर देखने लगा , और फिर एक प्यारी सी मुस्कान उसके चेहरे पर आ गयी

उसने फोन जेब में रखा और ऑफिस से बाहर निकल गया कुछ ही देर में मॉल पंहुचा जिया की दोस्तो ने देखा तो सब उसके पास चली आयी और आकाश को घेर लिया और दूर खड़ी जिया पैर पटकती रही , कुछ देर बाद सबने मूवी देखी आकाश आज अच्छे मूड में था इसलिए उसने सबको खाना भी बाहर ही खिलाया ,, सब जिया और आकाश को थैंक्स बोलकर अपने अपने घर चली गयी ,

आकाश ने बाइक स्टार्ट की और जिया को लेकर घर की तरफ निकल गया ,, रात का मौसम था उसपर सर्दी जिया की तो कुल्फी बन जाती अगर उसने जैकेट न पहना होता ,, कुछ दूर जाकर आकाश ने बाइक रोक दी सामने आइसक्रीम वाला खड़ा था दोनों ने पहले एक दूसरे को देखा और फिर आईसक्रीम वाले की तरफ दौड़ लगा दी , दोनों एक साथ वहा पहुंचे और कहा – बटर स्कॉच

और फिर दोनों हसने लगे तो जिया ने कहा – याद है भाई जब हम लोग छोटे थे तब हमेशा ऐसा करते थे

आकाश – हम्म्म याद है , और मॉम के मना करने के बाद भी हम सर्दियों में आईस्क्रीम खाते थे

जिया ने आईस्क्रीम का कोन आकाश की तरफ बढ़ाते हुए कहा – वैसे आज ये किस ख़ुशी में ?

आकाश – आज एक लड़की ने मुझे रिजेक्ट किया

जिया – व्हाट , और आप उसकी ट्रीट दे रहे हो सीरियसली ,,

आकाश – हां , दिल टूटने पर सब रोते है मैंने सोचा थोड़ा अलग करते है सो

जिया – भाई मीन्स आपको कोई पसंद है , कौन है वो ? बताओ ना भाई कौन है वो ? कहा से है ? कैसी दिखती है ? नाम क्या है ?

आकाश मुस्कुराने लगता है तो जिया कहती है – भाई आपके चेहरे का ग्लो बता रहा है अब आप भी बता दो कुछ

आकाश – भूमि नाम है उसका

जिया – भूमि ……… भूमि और आप आकाश मतलब आप दोनों का मिलना इम्पॉसिबल

आकाश – चुप कर पनौती तू बहन है या दुश्मन , अभी वो दोस्त भी नहीं बनी और तू ऐसी बाते कर रही है

जिया – अच्छा अच्छा सॉरी आगे बताओ

आकाश – चल जा नहीं बताता अब मैं कुछ

जिया – सॉरी ना , बताओ ना प्लीज़ पहली बार आपको कोई इतना पसंद आया है प्लीज़ प्लीज़ प्लीज़

आकाश – अच्छा सुनो , लखनऊ से है और इंटीरियर डिज़ाइनर है , बुटीक है उसका , बस गुस्सा थोड़ा ज्यादा आता है और नहीं पता कुछ

जिया – बस इतना ही पता है ,, और उसने तो आपको रिजेक्ट भी कर दिया अब क्या होगा भूल जाओगे उसे

आकाश – नहीं , इन्तजार करूँगा उसकी हां का ,,

जिया – फ़िलहाल तो मम्मा हम दोनों का इन्तजार कर रही है गालिया नहीं सुननी हो तो जल्दी चलो …

आकाश और जिया दोनों घर आ गए कुछ देर दोनों आकाश के कमरे में बैठकर बातें करते रहे आकाश ने जिया को भूमि की फोटो दिखाई तो जिया ने कुछ नहीं कहा और मुंह बना लिया आकाश को कुछ समझ नहीं आया , कुछ देर बाद जिया उठाकर जाने लगी आकाश उसके जवाब का इन्तजार कर रहा था पर जिया चुप थी , दरवाजे पर जाकर रुक गयी और पलटकर आकाश से कहा – भाई ,, भाभी अच्छी है

आकाश – तो फिर मुंह क्यों बनाया

भूमि – वो इसलिए क्योकि मुझसे भी ज्यादा सुन्दर है

भूमि का जवाब सुनकर आकाश हंसने लगा ,, जिया गुड नाईट बोलकर चली गयी और आकाश आँखे बंद करके लेट गया !!!

उधर भूमि ने आकाश को डांट तो दिया पर उसे बाद मे खुद पर ही गुस्सा आ रहा था , वो पूरा दिन फोन को देखती रही पर आकाश का कोई मेसेज नहीं आया ,, दिन , सप्ताह , महीना निकल गया भूमि आकाश को भूल चुकी थी और आकाश के पास ऐसा कोई पल नहीं था जब उसने भूमि को याद ना किया हो !! दिन में ना जाने कितनी ही बार भूमि की प्रोफाइल के चक्कर लगा आता था ,

भूमि कभी खुद की , कभी आरफा के साथ तो कभी अपनी फॅमिली के साथ फोटो पोस्ट किया करती थी , और आकाश उन सब तस्वीरों को अपने फोन में बड़े जतन से सहेज कर रखता था , खाली वक्त में यही तो था जो उसे भूमि की कमी महसूस नहीं होने देता था ,, आजकल वो एक काम और करने लगा था सबसे छुपकर अकेले में डायरी के पन्नो पर ना जाने क्या लिखा करता था ,, जिया ने जानने की कोशिश की पर वो डायरी कभी उसक हाथ नहीं लग पायी !!

एक सुबह भूमि जब बुटीक जाने के लिए निकलने लगी तो विक्रम ने कहा – भूमि मैं और जया अगले सप्ताह अमृतसर जा रहे है गुरूद्वारे दर्शन करने तुम भी चलो

भूमि – पापा हम जरूर चलते लेकिन काम बहुत ज्यादा है और फिर आरफा की शादी है न तो उसके लिए डिजाइनर ड्रेस भी तैयार करना है

विक्रम – सिर्फ कुछ दिन की ही तो बात है बेटा , तुम भी घूम लेती …

भूमि – पापा अब हम बच्चे नहीं रहे और वैसे भी आप दोनों के साथ जाकर हम कबाब में हड्डी नहीं बनना चाहते , आप दोनों जाईये और 10-15 दिन तक आराम से घूम कर आईये

Iविक्रम – धत्त बेशर्म ,, अच्छा पर तू अकेले कैसे रहेगी यहाँ ?

भूमि – आरफा और शबनम बाजी है ना हम उनके पास रुक जायेंगे , और शादी से पहले हमे आरफा के साथ वक्त बिताने को भी मिल जायेगा

Iविक्रम – ठीक है हम लोग जल्दी आने की कोशिश करेंगे !!

ठीक है पापा अभ हम चलते है – कहकर भूमि चली गयी ,, बुटीक पहुंची तो आरफा पहले से वहा मौजूद थी दोनों काम में लग गयी , भूमि काम कर ही रही थी की उसकी आँखों के सामने अचानक कार्तिक का मुस्कुराता चेहरा आ गया और भूमि पेन को होंठो के बिच दबाये उसमे खो गयी , आरफा ने देखा तो उसके पास आयी और मुस्कुराते हुए देखती रही , कुछ देर बार उसने भूमि को हिलाकर पूछा – क्या हो गया क्यों मुस्कुरा रही हो इतना ?

भूमि चौंक गयी और झेंपते हुए कहा – कुछ भी तो नहीं , ऐंवे ही

आरफा – वो तो दिख रहा है भूमि मैडम शादी हमारी होने वाली है और ग्लो आपके चेहरे पर आ रहा है क्या बात है हमे भी बताओ जरा ?

भूमि ने नजरे बचाते हुये कहा – कोई बात नहीं है तू भी ना खामखा .. .

आरफा – आपके चेहरे का नूर बता रहा है कोई बात तो जरूर है

आरफा के जिद करने के कारण भूमि उसे वो सब बता देती है जो वह कार्तिक को लेकर महसूस करती है , भूमि की बात सुनने के बाद आरफा कहती है

“इसका मतलब तुम्हे उस से पहली नजर में प्यार हो गया है सही है

भूमि – क्या सही है यार उनके नाम के अलावा हम उनके बारे में कुछ नहीं जानते , और प्यार तो दूर की बात है पता नहीं उनसे दोबारा कभी मिल पाएंगे या नहीं (उदास होकर कहा)

आरफा – चिंता ना करो खुदा ने चाहा न तो तुम दोनों की मुलाकात जरूर होगी !!

आरफा की बात सुन भूमि मुस्कुरा उठी और फिर दोनों वापस काम में लग गयी ………………….

एक सप्ताह गुजर गया लेकिन भूमि के दिल को चैन नहीं था रह रह कर उसे बस कार्तिक का ख्याल आ रहा था , प्यार का मीठा सा अहसास हो रहा था जो कभी उसे मुस्कुराने पर मजबूत कर देता तो कभी उदास कर जाता ये सोचकर की कभी उस से अपने दिल की बात कह पायेगी या नहीं ,, दूसरी तरफ कार्तिक मुंबई का रहने वाला अपने माँ पापा का इकलौता बेटा था ,

लड़कियों की फैन फॉलोइंग इतनी जबरदस्त थी की कितनी ही लड़किया उस पर मर मिटने को तैयार थी ,, कार्तिक फ्रेंक्ली सबसे बात करता था लेकिन उसके दिल में अभी तक किसी लड़की ने एंट्री नही की थी ,, वो बहुत ज्यादा खुले विचारो वाला लड़का था जिसे अपनी आजादी और लग्जरी लाइफ से बहुत प्यार था ,,

एक सुबह वह कबर्ड से धोने के लिए कपड़े निकाल रहा था तभी एक शर्ट की जेब में उसे कुछ महसूस हुआ उसने निकलकर देखा ये भूमि के दुप्पट्टे से टूटा हुआ चैन था , कार्तिक उसे देखने लगा और फिर उसके चैहरे पर एक बड़ी सी स्माइल आ गयी , ये वही टुकड़ा था जो उस रात उसी घडी में उलझ कर टूट गया था , कार्तिक ने बड़े प्यार से उसे सम्हाल कर रख दिया और सोचने लगा

“इतनी लड़किया आयी जिंदगी में , और कितनी ही मेरे आगे पीछे घूमती है फिर इस लड़की में ऐसा क्या है जो मेरे दिमाग से इसका ख्याल नहीं जा रहा , एक बार तो इस से मिलना ही पड़ेगा पर मैने तो उस से उसका नाम तक नहीं पूछा ,, धत्त … !! अब कहा ढूँढू उसे . कार्तिक सोचता रहा और फिर किसी का फोन आने पर उठकर बाहर चला गया …

इश्क़ की शुरुआत हो चुकी थी , आकाश , भूमि , कार्तिक , युवान , आरफा हर कोई प्रेम रंग में डूबा था पर ये इश्क़ किसकी क़िस्मत में था कोई नहीं जानता था बस सब एक दूसरे की चाह में डूबे थे , इश्क़ हुआ था पर इसके अंजाम अभी बाकि थे जिनसे सब अनजान थे , पर वो इश्क़ ही क्या जो आसानी से मिल जाये …

एक सप्ताह बाद विक्रम जया के साथ गुरूद्वारे के लिए निकल जाता है और भूमि आरफा के घर रहने चली जाती है , भूमि को अपने घर पाकर आरफा और शबनम बहुत खुश होती है , आरफा भूमि के साथ मिलकर शादी की शॉपिंग की लिस्ट बनाने लगती है , कौन क्या पहनेगा , शादी में क्या क्या होगा सब तय किया जा रहा था ,

भूमि विक्रम और जया को बहुत मिस कर रही थी और इसलिए शबनम उसे बिलकुल अपनी बेटी की तरह प्यार दे रही थी !! उधर विक्रम और जया घूमते हुए अमृतसर पहुंचे गुरूद्वारे जाकर उन्हें बहुत अच्छा लगा , विक्रम सबसे ज्यादा भूमि को मिस कर रहे थे !!

उस दिन उन्होंने वही रुकने का प्लान बनाया लेकिन एक छोटी सी दुर्घटना हो गयी , किसी ने उनका सारा सामान चुरा लिया , गुरूद्वारे जाने से पहले उन्होंने सारा सामान बाहर गाड़ी में ही छोड़ दिया था ,, विक्रम परेशान हो गया अब क्या करे अजनबी शहर में किस से मदद ले दोनों वापस गुरूद्वारे के अंदर आ गए ,

जया की तो आँखे नम हो गयी थी ,, सुबह से शाम तक दोनों वही बैठे रहे इस उम्मीद में की शायद वह गाड़ी वाला वापस आ जाये पर वह नहीं आया ,, विक्रम आँखे बंद कर हाथ जोड़कर भगवान से प्राथना करने लगा …

ये इत्तेफाक था या विक्रम की अच्छी किस्मत की उसी शाम मोंटी और जय आकाश को जबरदस्ती गुरूद्वारे ले आये ,, वापस आते हुए अचनाक ही आकाश की नजर विक्रम पर पड़ी , उसे चेहरा जाना पहचाना सा लगा तो वह उनके पास चला आया ,, आकाश को वहा देखकर विक्रम असमझ की स्तिथि में आ गया तभी आकाश ने कहा – क्या हुआ सर आप बड़े परेशान दिखाई दे रहे है ?

विक्रम ने आकाश को गौर से देखा और फिर सारी बात उसे बता दी ,, विक्रम की बात सुनकर जय आकाश की बांह पकड़कर उसे साइड में लेकर गया और कहा – वीरे तू कहा इन लोगो के चक्कर में पड़ रहा है , आजकल लोगो ने बेवकूफ बनाकर पैसे लूटने का अच्छा खासा प्लान बनाया हुआ है , मैं तो कहता हु चल यहाँ से और ये मदद करने का चक्कर छोड़ दे

“कैसी बात कर रहा है तू देखा नहीं वो कितने परेशान है , और पता नहीं क्यों उन्हें देख के लग रहा है जैसे मैंने उन्हे पहले भी कही देखा है – आकाश ने उसे डांटते हुए कहा

जय – सोच ले वीरे कही मदद के चक्कर में उल्टा हम ल ही ना फस जाये

आकाश अपने दिमाग पर जोर डालकर कुछ सोचने लगा और फिर उसे कुछ याद आया और वो विक्रम के सामने आकर खड़ा हो गया जया और विक्रम को गौर से देखने के बाद आकाश ने कहा – सर आप लोग भूमि के मम्मी पापा है ना ?

आकाश के मुंह से भूमि का नाम सुनकर विक्रम की आँखे फ़ैल गयी और फिर उसने पूछा – बेटा आप भूमि को कैसे जानते है ? और हम लोग उसके पेरेंट्स है ये आपको कैसे पता चला ?

विक्रम को परेशान देख आकाश ने कहा – परेशान मत होईये सर भूमि मेरी फेसबुक फ्रेंड है , और उसने कई बार आप दोनों के साथ फोटो अपलोड की है …. आकाश सफ़ेद झूठ बोल गया जय और मोंटी आकाश को घूरे जा रहे थे और मन ही मन सोच रहे थे “वाह बेटा भूमि , फ्रेंड , फेसबुक हमे तो कभी नहीं बताया इस बारे में … पर दोनों ने खुद पर काबू रखा और चुपचाप आकाश की बात सुनते रहे ,,

“सर आप लोग मेरे घर चलिए , सुबह तक मैं उस टेक्सी वाले का पता लगा लूंगा – आकाश ने कहा

विक्रम सोच में पड गया लेकिन उसके पास दुसरा कोई रास्ता भी नहीं था इसलिए वह दोनों आकाश के साथ आकर गाड़ी में बैठ गए , आकाश गाड़ी से बाहर खड़े फोन पर किसी से बात कर रहा था और फिर मोंटी और जय से क कहकर उन्हें भेज दिया ,, खुद आकर ड्राइवर सीट पर बैठ गया और गाड़ी स्टार्ट कर दी

आकाश उन्हें अपने घर ले आया , हिचकिचाते हुए जया और विक्रम आकाश के घर में दाखिल हुए वंदना ने दरवाजा खोला और मुस्कुराते हुए उन्हें अंदर आने को कहा .. उन्हें गेस्ट रूम में बैठाकर वंदना बाहर चली गयी आकाश ने उन्हें सहज होने को कहा और खुद भी वंदना के पीछे पीछे बाहर चला गया , आकाश ने वंदना को बताया की वे लोग जय के रिश्तेदार है और जय के शहर में ना होने के कारण वह उन्हें अपने घर ले आया आज रात ये लोग यही रहेंगे !!

आकाश एक बार फिर झूठ बोल गया , कुछ देर बाद वंदना चाय की ट्रे लेकर गेस्ट रूम में आयी और उनके पास बैठकर बातें करने लगी , वंदना के सरल स्वभाव और अपनेपन के भाव देखकर जया और विक्रम खुद को सहज महसूस करने लगे .. आकाश भी वही खड़ा था , विक्रम को आकाश और वंदना बहुत भले लोग लगे ,, कुछ देर बात करने के बाद वंदना ने उन्हें कुछ देर आराम करने के लिए कहा और किचन में जाकर खाने की तैयारी करने लगी !! आकाश भी बाहर आ गया …

दूसरी तरफ भूमि फोन कर कर के परेशान हो गयी थी लेकिन दोनों का फोन आउट और नेटवर्क आ रहा था .. किसी अनहोनी के डर से घबराकर वह रोने लगी , शबनम ने उसे दिलासा दिया की सब ठीक हो जाएगा ,, भूमि की आँखों से आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे थे , कुछ देर बाद उसका फोन बजा अनजान नंबर देखकर भूमि ने जल्दी से फोन उठाया दूसरी तरफ विक्रम की आवाज सुनकर उसकी जान में जान आयी उसने अपने आंसुओ पर काबू पाते हुए कहा – पापा , पापा आप लोग ठीक तो हो ना ? और आपका फोन भी नहीं लग रहा , और ये किसका नंबर है ?

भूमि को इतना परेशान देखकर विक्रम ने उसे उस वक्त कुछ बताना जरुरी नहीं समझा और हँसते हुए कहा – अरे ! अरे थोड़ा ब्रेक लगाओ बेटा , मैं और जया बिल्कुल ठीक है , घूमने फिरंने में हम लोग इतना बिजी हो गए की तुम्हे फोन ही नहीं कर पाए और फिर फोन की बैटरी भी डिस हो चुकी थी , तुम घबराओ नहीं और परेशान तो बिल्कुल मत होना !! कल शाम तक हम लोग वापस आ जायेंगे ठीक है

“जी पापा , अपना और मम्मी का ख्याल रखना और जल्दी आ जाना हम आप दोनों को बहु मिस कर रहे है – भूमि ने अपने आंसू पोछते हुए कहा

ठीक है बेटा अपना ख्याल रखना हम लोग जल्दी आ जायेंगे – कहकर विक्रम ने फोन काट दिया !!

“अच्छा हुआ आपने भूमि से कुछ नहीं कहा, वरना वो और ज्यादा परेशान हो जाती – जया ने कहा

विक्रम – हां जया , भूमि मुझसे कभी कोई बात नहीं छुपाती फिर उसने आकाश के बारे में कभी कुछ क्यों नहीं बताया ?

जया – विक्रम आप ख़ामख़ा परेशान हो रहे है , दोनों दोस्त है हो सकता है भूमि बताना भूल गयी हो और फिर सोशल साइट पर तो उसके कितने ही सारे दोस्त है , उनमे से ही आकाश होगा शायद अगर कोई बात होती तो भूमि हमसे जरूर शेयर करती

विक्रम – हम्म्म , पर कुछ भी कहो भला लड़का है वरना आज के टाइम में कौन किसी की इतनी मदद करता है …

रात में आकाश उन दोनों को खाना खाने के लिए बुलाने आया , डाइनिंग टेबल पर आकाश के पापा मानवेन्द्र थे , वंदना ने मानवेन्द्र का परिचय विक्रम और जया से करवाया , मानवेन्द्र ने मुस्कुराकर उनका अभिवादन किया और उन्हें खाना खाने के लिए अपने साथ बैठने को कहा आकाश और जिया भी उनके सामने वाली कुर्सियों पर बैठ गए , वंदना ने सबको खाना परोसा , सभी खाना खाने लगे विक्रम ने जैसे ही निवाला मुंह में रखा वंदना की तारीफ करने से खुद को रोक नहीं पाए और कहा – वंदना जी बहुत ही लजीज खाना बनाया है आपने ,,

प्रत्युत्तर में वंदना मुस्कुरा दी तो मानवेन्द्र ने हँसते हुए कहा – बिल्कुल जब पहली बार हम इन्हे देखने गए थे तब इन्होने हमारे लिए प्याज के पकोड़े बनाये थे , आप यकींन नहीं मानेंगे हमने तो पकोड़े खाकर ही इनसे शादी के लिए हाँ कर दी थी .

मानवेन्द्र की बात सुनकर सभी हंसने लगे और वंदना का चेहरा शर्म से लाल हो गया , सभी बातें करते हुए खाना खा रहे थे तो जया ने वंदना से भी अपने साथ बैठने को कहा वंदना भी उन सब में शामिल हो गयी ..

तभी जिया ने फुसफुसाते हुए आकाश से कहा – क्या बात है भाई , लड़की ने फ्रेंड रेकवेस्ट तक एक्सेप्ट नहीं की और आप माँ बाप को घर भी ले आये ..

“चुपचाप खाना खा बाद में बताता हु सब – आकाश ने जिया को आँखे दिखाते हुए कहा ..

खाना खाने के बाद मानवेन्द्र विक्रम के साथ आकर हॉल में बैठ गए और जया वंदना की किचन में हेल्प करने लगी तो वंदना ने उस रोकते हुए कहा – अरे ये क्या कर रही है आप , आप मेहमान है ..

मेहमान जरूर है पर आपने ये महसूस ही नहीं होने दिया , ऐसा लगा जैसे हम लोग अपने ही घर में है … जया ने मुस्कुराते हुए कहा ..

दोनों कुछ देर बातें करती रही ,, फिर सभी सोने चले गए लेकिन आकाश देर रात तक जाग रहा था , उसने झूठ बोलकर सही किया या गलत उसे समझ नहीं आ रहा था , जब भूमि को इन सब के बारे में पता चलेगा तो उसक क्या रिएक्शन होगा यही सोचकर आकाश परेशान था , खयालो के जाल में उलझता ही गया और फिर नींद की बांहो में समां गया ….

सुबह सुबह फोन की रिंग ने उसे जगा दिया फ़ोन जय का था उसने बताया की जिस टेक्सी में विक्रम का सामान था वो ड्राइवर और टेक्सी उन्हें मिल गयी है थोड़ी देर में घर लेकर आ रहे है ,, आकाश उठा और फ्रेश होकर हॉल में चला आया , विक्रम जया , मानवेन्द्र और वंदना सभी हॉल में ही थे , आकाश ने आकर उनको सारी बात बता दी ,, थोड़ी देर बाद ही जय और मोंटी उस ड्राइवर के साथ आ चुके थे ,

सभी बाहर आ गए ड्राइवर हाथ बंाधे नजरे झुकाये खड़ा था आकाश को उसे देखकर बहुत गुस्सा आया वह जैसे ही आगे बढ़ा विक्रम ने रोकते हुए कहा – रुको बेटा , पहले जान तो ले इसने ऐसा क्यों किया और फिर ड्राइवर की तरफ मुखातिब हो कहा – बताईये भैया ऐसे बिना बताये आप वहा से क्यों चले गए ?

“साहब जी मैंने चोरी नहीं की , भगवान की कसम मैं वही रुककर आपका इन्तजार कर रहा था की मेरे पास फोन आया की बीवी की तबियत बहुत ख़राब है और वह हॉस्पिटल में है , मैं घबरा गया था साहब जी और जल्दी जल्दी में वहा से चला गया था , हॉस्पिटल में मुझे वक्त लग गया और जब रात में मैं वहा पहुंचा तो आप लोग वहा नहीं थे

, और फिर ये भैया जी मुझे पकड़कर अपने साथ ले गए थे ,, साहब जी मुझे पुलिस के हवाले मत करना मै बहुत गरीब आदमी हु ,, मेरा भरोसा कीजिये मैंने आपके किसी सामान को छुआ तक नहीं है – ड्राइवर ने रोते हुए कहा

उसकी हालत देखकर विक्रम को लगा की वह सच कह रहा है इसलिए उसने उसे दिलासा देते हुए कहा – चिंता मत करो हम लोग ऐसा कुछ नहीं करेंगे , और तुम्हारी पत्नी जल्दी ही ठीक हो जाएगी …

विक्रम का ऐसा व्यवहार देखकर आकाश स्तब्ध रह गया अब तक कोई और होता तो ड्राइवर से सीधा लात घुसो से बात करता पर विक्रम ने ऐसा कुछ नहीं किया .. कुछ देर बाद विक्रम और जया ने सबको नमस्ते करते हुए कहा – अच्छा अब हम लोगो को जाने की इजाजत दीजिये , और आप सभी एक बार लखनऊ जरूर आईयेगा

मानवेन्द्र ने मुस्कुराते हुए कहा – जी जरूर

वंदना ने एक डिब्बा जया को देते हुए कहा – इसमें रास्ते में खाने के लिए थोड़ा सा नाश्ता रखा है आप लोग खा लीजियेगा ..

सभी ने मुस्कुराते हुए दोनों को वहा से विदा किया ,,

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