Sanjana Kirodiwal

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बेपनाह इश्क़ – 3

Bepanah Ishq – 3

Bepanah Ishq

Bepanah Ishq by Sanjana Kirodiwal

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Bepanah Ishq – 3

सोचते सोचते भूमि को नींद आ गयी सुबह उठी और फोन देखा तो आकाश का मेसेज था

– good morning

भूमि ने बिना कोई जवाब दिए फोन साइड में रखा और रूम से बाहर चली गयी , आकाश ऐसा बिलकुल नहीं था वह हमेशा शांत रहने वाला अपने काम को ही अपना सब कुछ मानने वाला मेहनती इंसान था , लड़किया उसके पीछे पागल थी कुछ उसकी अच्छी दोस्त भी थी पर वह ज्यादा किसी के क्लोज नहीं था , लेकिन भूमि को देखकर ना जाने उसे क्या हो गया जो वह इतने इंकार के बाद भी भूमि की तरफ खिंचा चला जा रहा था ,, उसे खुद भी समझ नहीं आ रहा था ! भूमि की तरफ से कोई जवाब न पाकर उसने फिर एक मेसेज कर दिया

– heloo कोई good morning विश करे तो उसका जवाब भी होता है मिस ना ना

भूमि ने मेसेज पढ़ा तो उसका गुस्सा होना लाजमी थी उसने लिख भेजा

“हम किस ख़ुशी में आपको गुड मॉर्निंग विश करे ?

– ऐसे ही as a अजनबी

“वो तो आप हमेशा रहोगे , और ये मिस ना ना क्या है

– वो आप हर वक्त ना ना बोलती है ना तो मैंने प्यार से आपका नाम रखा है

“देखिये आप कुछ भी बकवास मत कीजिये

और इसके बाद शुरू हो गयी दोनों की कभी ना ख़त्म होने वाली बहस ….

पर वो कहते है ना हर परफेक्ट रिश्ते की शुरुवात झगडे और इंकार से होती है यहाँ भी यही था , अपनी अपनी जिंदगी में मैच्योर होने के बाद भी आकाश और भूमि उस वक्त बच्चो की तरफ लड़ पड़ते जब एक दूसरे से बात करते थे !!

एक सप्ताह हो चूका था लेकिन भूमि ने अभी तक आकाश की दोस्ती मंजूर नहीं की .. और इस एक सप्ताह में आकाश को ये अहसास हो चुका था की भूमि एक बहुत अच्छी लड़की है भले वो पूरा दिन उस से झगड़ा करे ,, युवान के अम्मी अब्बू भी आरफा के घर अपने बेटे का रिश्ता लेकर आ पहुंचे शबनम के तो जैसे ख़ुशी के मारे जमीं पर पैर ही नहीं पड़ रहे थे युवान जैसा लड़का आरफा के लिए पाकर वो बहुत खुश थी , युवान के घरवालों ने रिश्ता पक्का किया और 4 महीने बाद निकाह की तारीख भी तय कर दी !!

अगले दिन युवान अपने घरवालों के साथ वापस इंदौर के लिए निकल गया , आरफा ने भूमि को जब बताया तो पहले तो वो बहुत खुश हो गयी फिर एकदम से उदा होकर बोली – इसका मतलब 4 महीने बाद तुम हमेशा के लिए इंदौर चली जाओगी

आरफा – एक ना एक दिन तो सबको जाना ही पड़ता है ना भूमि , और फिर एक दिन तेरी भी तो शादी होगी ना

भूमि – हमारी जब हो तब हो अब तो हमे बस तुम्हारी शादी की तैयारी करनी है

दोनों खिलखिलाकर हंसने लगी तभी भूमि ने कहा – अरे ! हम तो तुम्हे बताना ही भूल गए आज शाम को हमारे लखनऊ में कवि सम्मलेन है और हमारे पास वहा के पास है तो तुम हमारे साथ वहा चल रही हो

आरफा – लेकिन मैं क्या करुँगी , मुझे नहीं है तुम्हारी गजलों का शौक ..

भूमि – सही है अभी निकाह हुआ भी नहीं और तुम अभी से परायी हो गयी

आरफा – अच्छा बाबा चलेंगे , तुम ना बस ये नौटंकी मत किया करो

थैंक्यू मेरी जान – कहकर भूमि ने आरफा को गले लगा लिया …….

शाम को आरफा तैयार होकर भूमि के घर पहुंची पूछने पर जया ने बताया की वो अपने कमरे में है , आरफा सीधे भूमि के कमरे में गयी देखा तो भूमि आईने के सामने खड़ी कानो में झुमके पहनने की कोशिश कर रही है आरफा भूमि के पास गयी और कहा – ला मुझे दे मैं पहना देती हु

भूमि ने झूमके आरफा को थमा दिए , आरफा ने उसे झुमके पहनाये और कहा – क्या बात है इतना सज संवर कर किसी की जान लेने का इरादा है क्या

भूमि – जान तो हम तुम्हारी ले लेंगे , इतनी देर क्यों की आने में !!

आरफा – अरे वो युवान जी ………..

भूमि – हां भई अब तो युवान जी ही सब कुछ है , हम लगते भी क्या है किसी के

आरफा – तुम सब कुछ हो हमारी अब ज्यादा बातें न बनाओ और चलो … वरना देर हो जाएगी

भूमि ने बाल सही किये और दुप्पटा गले में डालकर आरफा के साथ बाहर आ गयी , गुलाबी रंग का पटियाला सूट , जिस पर नेट का खूबसूरत दुप्पटा लगा रखा था , बालो को आज उसने खुला छोड़ा हुआ था , हाथो में गुलाबी रंग की खनकती चुडिया और साथ ही कानो में पहने बड़े बड़े झुमको ने आज भूमि की खूबसूरती में चार चाँद लगा दिए थे !! भूमि ने स्कूटी स्टार्ट की और आरफा के साथ तय जगह पर पहुंच गयी ,

शहर के बिचो बीच मैदान में एक बड़ा सा जमघट लगा हुआ था ,, वहा की चकाचौंध देखकर भूमि का मुंह तो खुला ही रह गया , चारो तरफ जगमगाती लाईटे , खुला आसमान , हर तरफ हसंते मुस्कुराते चेहरे ऐसा लग रहा था जैसे वो किसी और दुनिया में है !!

आरफा के साथ भूमि अंदर हॉल में गयी जहा सम्मलेन होना था ,, आरफा आगे चल रही थी भूमि से दुप्पट्टा नहीं सम्हल रहा था उसे जैसे तैसे सम्हालते हुए वह आगे बढ़ने लगी तभी पीछे कही उसका दुपट्टा अटक गया , भूमि को झुंझलाहट तो पहले ही थी अब खुद पे गुस्सा भी आ रहा था की उसने ये सब पहना ही क्यों जैसे ही वो दुप्पटा निकालने के लिए पीछे मुड़ी उसने देखा एक 6 फुट का खूबसूरत ,

लड़का सूट बुट पहने खड़ा था , भूमि ने देखा उसकी आँखे बिलकुल भूरी थी , गोरा रंग , तीखे नाक नक्श , कान में एक तरफ पहनी सोने की बाली , भूमि तो बस देखते ही रह गयी ,, सामने खड़े लड़के ने भूमि के चेहरे के सामने अपना हाथ हिलाया तो भूमि को होश आया , भूमि ने देखा उसका दुपट्टा उसी लड़के की घडी में फंसा है भूमि ने निकालने की कोशिश की लेकिन उससे नहीं निकला तब लड़के ने कहा

– can i

भूमि ने दुप्पटा छोड़ दिया और बस उसकी आवाज में ही खो गयी उसकी आवाज इतनी खूबसूरत थी बस भूमि के कानो में वही गूंजने लगी लड़के ने भूमि का दुपट्टा अपनी घडी से निकाला और भूमि को थमा दिया , भूमि अब भी बस उसकी तरफ देखे जा रही थी तभी पीछे से किसी ने आवाज दी – कार्तिक सर , सब अंदर आपका इंतजार कर रहे है !!

कार्तिक मुस्कुराता हुआ आगे बढ़ गया और भूमि अपना दुप्पटा पकडे बुत बनी वही खड़े रही ,, आरफा ने उसे कंधे से हिलाते हुए पूछा – कहा खो गयी चल शो शुरू हो जाएगा …

दोनों आकर अपनी अपनी जगह पर बैठ गयी … पर भूमि की नजरे अब भी किसी को ढूंढ रही थी .. सम्मेलन शुरू हो चुका था लेकिन आज पहली बार भूमि का मन कही और ही था बार बार उसकी आँखों के सामने वो अजनबी चेहरा आ रहा था जो उसने अभी कुछ समय पहले देखा था ,, उसके बदन में एक सिहरन सी दौड़ गयी .. कुछ शायर स्टेज पर आये और चले भी गए ,, तभी एक अनाउंसमेंट ने भूमि का ध्यान अपनी तरफ खींचा

“लेडीज एंड जेंटलमेंट , अब बारी है आज के हमारे सबसे खास मेहमान की जिन्होंने इस साल बेस्ट शायर का अवार्ड जीता है और आज हमारे बिच वे अपनी कुछ खास नज्मे पेश करेंगे तो स्वागत कीजिये , मुंबई से कार्तिक शर्मा का !! पूरा हॉल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा , तभी स्टेज पर एक पच्चीस साल का नौजवान माइक हाथ में लिए वहा आया ,, शुरुआत उसने खूसबसुरत गाने से की ,,

भूमि ने अपना सर कुर्सी से लगाया और एक टक उन्हें देखते हुए सुनने लगी , कार्तिक की आवाज उसके कानो में जैसे कोई मधु रस उड़ेल रही थी , अब तक भूमि कार्तिक की दीवानी हो चुकी थी , और उसकी शायरी की तो बहुत बड़ी फैन !! भूमि को मुस्कुराते देख आरफा ने उसे छेड़ते हुए कहा – क्या हुआ भूमि मैडम अब क्या खा जाओगी उनको ,, आँखे तो झपका लो

आरफा की बात सुनकर भूमि झेंप गयी .. सम्मेलन ख़त्म होते होते रात के 10 बज चुके थे !! दोनों हॉल से बाहर आ गयी तभी कार्तिक वहा से गुजरा तो भूमि दौड़कर उनके पास गयी और कहा – सर ऑटोग्राफ प्लीज़

कार्तिक ने मुस्कुरा कर उसे ऑटोग्राफ दिया तो भूमि ने कहा – थैंक्यू सर , आप बहुत अच्छा गाते है , और आपकी शायरी भी बहुत अच्छी थी , हम तो आपके फैन हो गए .. मुस्कुराकर कार्तिक तेजी से वहा से निकल गया … भूमि वही खड़ी उसे जाते हुए देखती रही आरफा उसके पास आयी तो उसने आरफा से कहा – उन्होंने हमसे थैंक्यू भी नहीं कहा , बस चले गए

आरफा – भूमि मैडम वो सामने भीड़ देख रही हो , वो सारी भीड़ न उनके लिए है अब तुम ही बताओ वो भला सिर्फ तुम पर ध्यान क्यों देंगे ,, अब चलो

उदास सी भूमि आरफा के साथ चल पड़ी , पार्किंग में आकर भूमि ने स्कूटी निकाली , रात का वक्त था इसलिए ठण्ड थोड़ी बढ़ चली थी ,, भूमि ने जो सूट पाह था उसका बैक का गला बहुत बड़ा था उसे ठण्ड लग रही थी , उसने स्कूटी स्टार्ट की और आरफा से बैठने को कहा और फिर स्कूटी घर की तरफ दौड़ा दी ,, अभी कुछ ही दूर चली थी की स्कूटी बंद हो गयी भूमि परेशान हो गयी , उसने बहुत कोशिश की लेकिन स्टार्ट नहीं हुई थककर दोनों सड़क किनारे खड़ी हो गयी ,

भूमि ने अपना दुप्पट्टा अपने चारो तरफ लपेट लिया पर उसे अब भी सर्दी लग रही थी .. दोनों मदद के लिए इंतजार करने लगी ,, कुछ गाड़िया आयी और तेजी से निकल गयी , कुछ देर बाद काले रंग की एक बड़ी सी गाड़ी आयी गाड़ी में बैठे सख्स ने भूमि और आरफा को परेशान देखकर गाड़ी रोक दी .. गाड़ी की लाइट से दोनों को कुछ नजर नहीं आ रहा था

गाड़ी में बैठा सख्स निचे उतरा और चलकर दोनों के पास आया भूमि ने देखा तो चौंक गयी सामने कार्तिक खड़ा था

कार्तिक ने देने को परेशान देखकर पूछा – क्या हुआ ? कोई प्रॉब्लम है ?

भूमि का कहा होश था वो तो बस एकटक कार्तिक को देखे जा रही थी फिर उसे कुछ याद आया और वो मुंह फेरकर खड़ी हो गयी , आरफा ने कार्तिक को बताया की स्कूटी बंद हो गयी है कार्तिक ने आरफा से चाबी ली और स्कूटी स्टार्ट करने लगा लेकिन स्कूटी स्टार्ट नहीं हुई इस बार कार्तिक ने लड़को वाली तरकीब अपनायी और जमकर किक लगाई 2 4 किक लगाने के बाद स्कूटी स्टार्ट हो गयी ,,

आरफा ने उन्हें थैंक्यू कहा कार्तिक पलटकर जाने लगा तो उसकी नजर यकायक ही भूमि पर पड़ी वह दोनों हाथो को एक दूसरे में बंाधे खड़ी थी ठण्ड से कांप रही थी , न जाने कार्तिक को क्या सुझा उसने अपना जैकेट उतारकर भूमि की तरफ बढ़ा दिया और कहा – ठण्ड बहुत है ये रख लो ,,

लेकिन … मैं … ये – भूमि ने हकलाते हुए कहा

मेरी तरफ से एक फैन को गिफ्ट समझ लो – कहकर कार्तिक गाड़ी की तरफ बढ़ गया , भूमि के होंठो पर मुस्कान तैर गयी उसने जैकेट पहना और आरफा के पीछे बैठ गयी आरफा ने स्कूटी घर के रास्ते की तरफ मोड़ दी , कार्तिक भी अपनी गाड़ी लिए विपरीत दिशा में चला गए , इस वक्त दोनों के रास्ते बेशक अलग अलग थे पर जल्द ही एक होने वाले थे ..

गाड़ी चलाते हुए अचनाक कार्तिक का ध्यान अपने हाथ पर गया उसकी घडी में कुछ अटका हुआ था उसने निकालकर देखा तो उसे याद आया ये उसी लड़की का था जिसका दुपट्टा उसकी घडी में अटका हुआ था ,, वह कुछ देर हाथ में लिए उसे देखता रहा और फिर मुस्कुराकर अपनी जेब में रख लिया ,, कही न कही दिल का तार जुड़ चुका था जो दोनों की मुस्कुराहट से बयां हो रहा था !!

भूमि पूरे रास्ते बस कार्तिक के बारे में सोचती रही आरफा क्या कह रही थी उसे कुछ सुनाई नहीं दे रहा था , वो किसी अलग ही दुनिया में थी ,

इन सब के अलावा एक शख्स और था जो बहुत बैचेन था और वो था आकाश ! सुबह से भूमि ऑनलाइन नहीं आयी थी और अब तक न जाने कितनी बार वो फोन को देख चुका था , जेब से फोन निकालता देखता और वापस जेब में रख लेता , आकाश के दोस्त मोंटी और जय उसे जबरदस्ती बाहर ले आये ,

तीनो अपनी फेवरेट जगह लखवीर सिंह के ढाबे पर पहुंचे , जय ने तीन बियर का आर्डर दिया और फिर आकाश को देखकर पूछा – ओये वीरे की होया तेनु इन्ना सैड तो तेनु कदो नी वेख्या (ओह्ह भाई क्या हुआ तुझे इतना sad तो तुझे कभी नहीं देखा)

आकाश ना जाने किस सोच में डूबा था उसे जय की बात सुनाई नहीं दी ! मोंटी ने उसके चेहरे के आगे हाथ हिलाकर पूछा – क्या हुआ तुझे ?

कुछ नहीं यार – आकाश ने कहा

जय – कुछ तो हुआ है वरना तू इतना शांत नहीं बैठने वाला

मोंटी – हा वीरे मुझे भी कुछ गड़बड़ लग रही है , जबसे आया है चुप चुप है और हर दो मिनिट में फोन निकलकर देखता है जैसे कोई कटरीना कैफ निकल के आनी है इसमें से

जय – मोंटी मजाक ना कर , तू बता आकाश क्या हुआ इतना परेशान क्यों है ?

आकाश – कुछ नहीं यार आज ऑफिस में काम बहुत था न तो थोड़ा थक गया

मोंटी – बस इतनी सी बात अभी देख कैसे तेरी थकान छू मंतर करते है

वेटर बियर की तीन बोतल ले आया तीनो बैठकर पिने लगे ,

मोंटी , जय और आकाश तीनो 4 साल से दोस्त थे और इनकी दोस्ती अब तक कायम थी , आकाश अपने पापा का बिजनेस सम्हाल रहा था और जय और मोंटी दोनों ही govt. जॉब की तैयारी कर रहे थे , तीनो दोस्त कम भाई ज्यादा थे , हमेशा साथ साथ रहते थे , आकाश के ऑफिस ज्वाइन करने के बाद तीनो को बहुत कम वक्त मिल पाता था लेकिन संडे के दिन जय और मोंटी सुबह सुबह ही आकाश के घर आ टपकते थे ,

मोंटी एक नंबर का भुक्कड़ था उसे बस खाना दिख जाता तो वह सब भूल जाता था , जय पढ़ने में तेज था साथ ही वह स्केच भी बहुत अच्छी बनाता था बेचारा आकाश टेलेंट के नाम पर उसके पास सिर्फ एक चीज थी वो थी किसी का भी दिल जित लेना !! बाकि उसे पढ़ने का बहुत शौक था उसके कमरे में किताबे हर वक्त यहाँ वहा बिखरी रहती थी !!

बियर पिने और कुछ वक्त वहा बिताने के बाद तीनो अपने अपने घर चले गए … आकाश ने बेल बजायी रात के 11 बज रहे थे आकाश की छोटी बहन जिया ने दरवाजा खोला आकाश का रास्ता रोककर खड़ी हो गयी और आकाश से इशारो इशारो में पूछा कहा थे अब तक !! आकाश जानता था अगर उसने मुंह खोला तो जिया को सच पता चल जायेगा …

जिया आकाश से 4 साल छोटी थी और अभी बी.ए फर्स्ट ईयर में थी लेकिन घर में सबसे छोटी होने के कारण आकाश के मम्मी पापा की लाड़ली थी और आकाश की भी , दोनों भाई बहन में छोटी छोटी बातो को लेकर खूब झगड़ा होता लेकिन प्यार भी बेशुमार था , आकाश को जितना अच्छे से जिया समझती थी उतना कोई नहीं जानता था , आकाश को चुप देखकर जिया ने कहा

– कुछ बोलोगे या यही जागरण करना है

आकाश मन ही मन मोंटी और जय को कोस रहा था उनकी वजह से ही फस चूका था …उसने धीरे से कहा – दोस्तों के साथ था …

जिया – वो दो कमीने ……… वैसे उनके साथ थे तो कुछ ना कुछ गड़बड़ भी की होगी कोई ना सुबह मम्मा को बताएंगे अच्छा वाला प्रवचन सुनेंगे ..

मुंह बंध रखने का क्या लोगी – आकाश ने मिमियाते हुए कहा

जिया – ज्यादा नहीं बस कल मुझे और मेरी दोस्तों को मूवी दिखानी है और एक अच्छी सी ड्रेस

आकाश – बिल्कुल नहीं , मेरे पास पैसे नहीं है तेरी उन लफंडर दोस्तों पर खर्च करने के लिए

जिया – अपने उन भुक्कड़ दोस्तों पे कर सकते हो , अपनी बहन पर नहीं ,, और लफंडर तुम तुम्हारे वो कंजर दोस्त जो जब देखो तब यही पड़े रहते है

दोनों बहस कर ही रहे थे की तभी आकाश की मम्मी वंदना ने कमरे से बाहर आते हुए आवाज दी – जिया कौन है इतनी रात को ? और वहा क्या कर रही हो तुम दरवाजे पर ? आकाश आया के नहीं ? जिया सुन रही है क्या ?

वंदना की आवाज सुनकर तो आकाश का गला सुख गया , आकाश ने बियर पिने की बात वंदना को कभी नहीं बताई थी अपनी माँ की नजर में वह हमेशा सीधा साधा बेटा बनकर रहता था ,, जिया को उसकी हालत पर हंसी आ गयी तो उसने कहा – अभी भी मौका है बोलो मानते हो मेरी बात या अभी जाकर मम्मा को बता दू ?

आकाश – ठीक है बाबा , अब तो अंदर आने दो !!

जिया ने आकाश को अंदर आने दिया दबे पाँव वंदना से नजरे बचाता आकाश सीधा अपने कमरे में चला गया .. जिया ने वंदना से कहा – वो आकाश भैया आये थे ना तो उनके लिए दरवाजा खोला था …

गेट बंद कर दोनों अपने अपने कमरों में चली गयी .. उधर आकाश ने कपडे चेंज किये और सोने चला गया ,, नींद ने उसे अपने आगोश में ले लिया

दूसरी तरफ लखनऊ में भूमि और आरफा घर पहुंची , घर पहुंचकर भूमि जैसे ही अंदर दाखिल हुयी उसने देखा विक्रम सोफे पर बैठे थे , भूमि ने उनके पास जाकर पूछा – पापा आप अभी तक सोये नहीं ?

विक्रम – बेटा तुम्हारे बाहर रहते मुझे नींद कैसे आती

भूमि – सॉरी पापा , हमे आने में थोड़ा वक्त लग गया

विक्रम ने भूमि से बैठने को कहा और फिर पूछा – अच्छा ये बताओ प्रोग्राम कैसा लगा ?

भूमि – बहुत अच्छा था पापा , थैंक्यू सो मच

विक्रम – कॉफ़ी पिओगी ?

भूमि – आप बैठिये हम बनाकर लाते है

विक्रम – तुम बैठो मैं बनाकर लाता हु” कहकर विक्रम किचन की तरफ बढ़ गए

जया सो चुकी थी , बचपन से ही भूमि विक्रम के ज्यादा नजदीक रही है और यही वजह थी की विक्रम हमेशा भूमि को पिता के साथ साथ एक दोस्त का प्यार भी देते थे , भूमि जो जया से नहीं कह पाती वो सब विक्रम से बेझिझक बाँट लिया करती थी अपने पापा को वो हमेशा खुद से भी ज्यादा अहमियत दिया करती थी ,, और यही वजह थी की विक्रम से दूर जाने के ख्याल मात्र से ही वह सहम जाती थी !!

विक्रम को जब भी भूमि से अपने मन की बातें शेयर करनी होती थी तो वो इसी तरह भूमि के साथ बैठकर कॉफी पीया करता था ,, आज भी भूमि को समझते देर नहीं लगी की विक्रम को उस से जरूर कोई ना कोई बात करनी है ,,, कुछ ही देर में विक्रम हाथ में दो कप लिए हॉल में आ गए उन्होंने एक कप भूमि को दिया और दुसरा खुद लेकर भूमि के सामने निचे कालीन पर बैठ गए ऐसा वो अक्सर किया करते थे कॉफ़ी पीते हुए विक्रम ने कहा

– बेटा आपको कुछ बताना चाहता था …

भूमि – हाँ पापा बताईये ना

विक्रम – बेटा आप मेरी और जया की इकलौती संतान हो , हर माँ बाप की तरह जया और मेरे भी तुम्हे लेकर बहुत अरमान है वक्त रेत की तरह मुट्ठी से फिसलता जाता है कब क्या हो जाये कोई नहीं जानता ,,

भूमि – आज आप ऐसी बातें क्यों कर रहे है पापा ?

विक्रम – बेटा मेरे कहने का मतलब है क्या तुम्हे कोई पसंद है ?

भूमि – नहीं पापा , ऐसा कुछ भी नहीं है

विक्रम – फिर उस दिन प्रणय ने तुम्हे नापसंद कैसे कर दिया ,

भूमि – पापा !! प्रणय बहुत अच्छा लड़का है पर हमे उनमे हमारा हमसफर नजर नहीं आता …

विक्रम – बेटा जब तक आप किसी से बात नहीं करोगे उन्हें जानोगे नहीं तब तक कैसे पता चलेगा उनके बारे में

भूमि – पापा आप ये कहना चाहते है ना की हम शादी कर ले ?

विक्रम – जी बेटा

भूमि – ठीक है पापा हम शादी कर लेंगे पर एक साल बाद , अभी हमने नया काम शुरू किया है बस वो थोड़ा जम जाये ताकि हम आपके कंधो का बोझ थोड़ा कम कर सके

विक्रम – नहीं बेटा वो सब तो तुम्हारी मेहनत है उन्हें लेने की मैं सोच भी नहीं सकता …

भूमि – क्यों पापा ? क्या हम आपके कुछ नहीं है और फिर आप ही तो कहते हो न की हम आपके बेटे है बेटी नहीं

विक्रम – वो तो तुम हमेशा रहोगी ,,,, अच्छा ये तो बताओ तुम्हे कैसा लड़का चाहिए ?

भूमि – हमे ……….. हमे बिल्कुल आपके जैसा लड़का चाहिए ,, जैसे आप हमे प्यार करते है , हमारी हर बात समझते है , हमे हमेशा खुश रखते है हर मुसीबत और बुरे वक्त में हमारे साथ खड़े रहते है बस ऐसा ही कोई चाहिए पापा …

विक्रम – देखना तुम्हारी जिंदगी में एक बहुत अच्छा लड़का आएगा जो तुम्हारे बेहद प्यार करेगा और तुम्हे हमेशा खुश रखेगा

भूमि – वो तो कबका आ चुका ( भूमि ने धीरे से कहा की भूमि को अचानक कार्तिक का चेहरा याद आ गया तो उसके फेस पर बड़ी सी स्माइल आ गयी )

“कौन आ चुका – विक्रम ने चौंकते हुए पूछा

“हम आ चुके , रात के 12 बज रहे है पर आप दोनों बाप बेटी को कोई चैन नहीं है , आधी रात को कौनसा ज्ञान बांटा जा रहा है – जया ने आते हुए कहा …

जया भी उनके पास आकर बैठ गयी कुछ देर बाद सभी सोने चले गए , लेकिन भूमि की आँखों से नींद कोसो दूर थी उसने जैकेट उतारा और कबर्ड की हुक पर टांग दिया ,, कार्तिक का चेहरा बार बार उसकी आँखो के सामने घूम जाता ,, नींद कब आयी उसे याद भी नहीं था …

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