Sanjana Kirodiwal

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बेपनाह इश्क़ – 9

Bepanah Ishq – 9

Bepanah Ishq

Bepanah Ishq by Sanjana Kirodiwal

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Bepanah Ishq – 9

उधर लखनऊ में आरफा अपनी मोहब्बत को पाने वाली थी इसलिए खुश थी और भूमि वो कार्तिक के वहा होने से खुश थी , शाम को सभी शादी की रस्मो के लिए जमा हुए , लड़के वाले और लड़की वाले आमने सामने बैठ गए , आरफा और युवान के लिए कोने में दो खास कुर्सियां लगायी गयी , जहा बैठ कर वो दोनों पूरा फंक्शन डेक सके .. आरफा और युवान दोनों ही बहुत खुश थे ,

कुछ कुछ देर में दोनों एक दूसरे को देखकर मुस्कुरा देते ,, भूमि कही दिखाई नहीं दे रही थी , कार्तिक भी ु सबके बिच भूमि को ही तलाश रहा था , कुछ देर बाद हरे रंग की साड़ी में लिपटी भूमि चली आ रही थी , सबकी नजर उसी पर जम गयी , वो उस साड़ी में बहुत प्यारी लग रही थी ,,

कुछ रस्मो के बाद डांस शुरू हुआ , लड़के वाले पूरी तैयारी के साथ आये थे एक के बाद एक अच्छी परफॉर्मेस दे रहे थे , युवान और आरफा का ध्यान डांस में कम एक दूसरे में ज्यादा था , दूसरी और कार्तिक जिसकी नजरे बार बार भूमि पर चली जाती और उसका दिल धड़क उठता , सबसे नजरे बचाकर भूमि भी चोरी छुपे कार्तिक को देख ही लेती , तभी युवान के छोटे भाई ने लड़की वालो को डांस के लिए चेलेंज किया ,

लड़की वाले कहा पीछे रहने वाले थे उन्होंने भी एक्सेप्ट कर लिया पर अब डांस के लिए भेजे किसको फिर सबने खुसर फुसर करके भूमि को भेजा दूसरी तरफ से लड़के वाले भी भूमि की बराबरी का पार्टनर ढूंढने लगे उन्हें ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ी और उन्होंने कार्तिक को अपनी तरफ से आगे कर दिया , कार्तिक के करीब आने का भूमि के पा ये सुनहरा अवसर था , दोनों ने जमकर डांस किया पर आखिर में कार्तिक जानबूझकर हार गया , भूमि और लड़की वाले ख़ुशी से कूदने लगी , हंसी ख़ुशी और खट्टी मीठी नोक झोंक के साथ उस रात का फंक्शन खत्म हुआ सभी खाना खाने गार्डन की तरफ चल पड़े ,, सभी खाना खाकर सोने के लिए चले गए ,

कुछ लोग वही गार्डन में कुर्सियां लगाकर बातो में लगे थे , आरफा और युवान एक दूसरे से बाते करते हुए कुछ ही दूरी पर टहल रहे थे , उनका पेट तो आज की मुलाकात से ही भर गया था उनको खाने की की जरुरत ,, कार्तिक ने किसी से फोन पर बात की और फिर खाने की तरफ बढ़ा उसने प्लेट में कुछ खाना लिया और एक खाली टेबल पर आकर बैठ गया , तभी भूमि उधर से निकली कार्तिक की नजर उस पर पड़ी तो उसने उस रोकते हुए कहा – भूमि जी , .

भूमि ने पलटकर देखा और कार्तिक के पास आकर कहा – जी

कार्तिक – आपने खाना खाया ?

भूमि – नहीं , बस खाने जा रहे है

कार्तिक – आईये न , मुझे भी कम्पनी मिल जाएगी

भूमि खाने की प्लेट ले आयी और कार्तिक के पास वाली कुर्सी पर बैठ गयी , ये तो साफ था की भूमि को कार्तिक बहुत पसंद था लेकिन कार्तिक को भी भूमि का आस पास रहना अच्छा लगने लगा था , कार्तिक खाना खाते हुए भूमि से नॉर्मली बातें किये जा रहा था ,, भूमि भी मुस्कुराकर उनकी हर बात का जवाब दे रही थी ,, खाते हुए कार्तिक की नजर अचानक भूमि के चेहरे पर गयी , उसके होठो के निचे कुछ खाना लग गया था , कार्तिक को अपनी और देखता पाकर भूमि ने आँखों के इशारे से पूछा तो कार्तिक ने उसे इशारे से ही बताया की उसके मुंह पर कुछ् लगा हुआ है ,

लेकिन भूमि को कुछ समझ नहीं आया , कार्तिक ने अपने हाथ से होठ पर लगा खाना हटाया तो भूमि की आँखे शर्म से बंद हो गयी ,,वो कुछ कह नहीं पायी एक अजीब सी बेचैनी और मीठा सा अहसास उसे अंदर तक भिगो गया भूमि ने कुछ नहीं कहां और खाना खाने के बाद चुपचाप उठकर वहा से चली गयी ,, कार्तिक वही बैठा सोचता रहा ना जाने क्यों उसे भूमि को छूकर एक अलग ही अहसास हुआ , वो मुस्कुरा उठा और वहा से चला गया !!

रात के दस बज रहे थे विक्रम मैरिज गार्डन मे परेशान से इधर उधर टहल रहे थे भूमि की नजर पड़ी तो वो उनके पास आयी और कहा – क्या हुआ पापा ? आप यहाँ इस तरह ? सब ठीक तो है न ?

Iविक्रम – सब ठीक है , थोड़ी घबराहट हो रही थी इसलिए बाहर चला आया

भूमि – आपने खाने के बाद अपनी दवाईया ली ?

विक्रम – नहीं वो सुबह आते वक्त मैं उन्हें घर पर ही भूल आया बेटा , मैं अभी जाकर ले आता हु

भूमि – कोई जरुरत नहीं है आपको जाने की , हम चले जाएंगे आप यही बैठिये , भूमि ने पास पड़ी चेयर पर उन्हें बैठाते हुए कहा और खुद वहा से बाहर आ गयी कार्तिक ने उसे जाते हुए देखा तो उसके पीछे पीछे आ गया , भूमि के पास आकर पूछा – क्या हुआ आप परेशान लग रही है ?

भूमि – हां वो हमे किसी जरुरी काम से घर जाना था पर अकेले …………

कार्तिक – आपको अगर कोई ऐतराज ना हो तो मैं चलू

भूमि – जी आप , आपको कोई काम ………..

कार्तिक – अरे नहीं , अभी मैं बिल्कुल फ्री हु आप यही रुको मैं अभी गाड़ी लेकर आता हु

रुकिए , पैदल चले – भूमि ने कुछ सोचते हुए कहा

कार्तिक – ठीक है , जैसा आपको ठीक लगे …

भूमि कार्तिक के साथ वक्त बिताना चाहती थी और इसलिए उसने कार्तिक से गाड़ी के बजाय पैदल चलने की बात की , भूमि का घर मैरिज गार्डन से कुछ ही दूरी पर था ,, कार्तिक और भूमि दोनों पैदल घर की तरफ निकल गए , हलकी गुलाबी ठण्ड , रात का समय और उसपे हसीं हमसफर साथ हो तो सब अच्छा लगने लगता है ,

भूमि का भी यही हाल था चलते हुए वह बार बार कार्तिक की तरफ देख रही थी , अपने अंदर की हलचल उसने चेहरे पर नहीं आने दी , कार्तिक भी भूमि की तरफ देख लेता था , इस से पहले उसकी बहुत सी लड़किया दोस्त थी पर भूमि जितना अच्छा उसे कोई ना लगा था ,, ख़ामोशी तोड़ने के लिए कार्तिक ने बातचीत शुरू की

– अच्छा भूमि जी , आप प्रॉपर लखनऊ से है

भूमि – आप हमे भूमि जी मत बुलाइये , आप चाहे तो हमे तुम कहकर बुला सकते है ,, हां हम लखनऊ से है मम्मी पापा के साथ यही रहते है और आप ?

कार्तिक – मैं मुंबई से , मम्मी पापा के साथ वही रहता हु बस प्रोग्राम्स के कारण यहाँ वहा घूमता रहता हु ,, वैसे करती क्या हो तुम ?

भूमि – पढ़ाई हो चुकी , अभी एक साल से फैशन डिजायनिंग सिख रही हु , हमारा और अरफ़ा का एक बुटीक भी है

कार्तिक – गुड , मुझे ऐसे लोग बहुत पसंद है जो सेल्फ डेपेंडेड होते है ,, (कार्तिक अपने दिल की बात कह गया)

भूमि – थैंक्यू

कार्तिक – और क्या पसंद है तुम्हे ?

भूमि – लिखना , घूमना , गाने सुनंना और

कार्तिक – और ?

– और आपकी कविताये , वो भी हमे बहुत पसंद है – भूमि ने कार्तिक की तरफ देखते हुए कहा

कुछ पल के लिए कार्तिक भूमि की आँखों में खो गया ,,,

भूमि – आपसे एक बात पूछे ?

कार्तिक – पूछो ?

भूमि – आप इतने अच्छे डांसर है फिर आज आप हमसे क्यों हारे ?

कार्तिक – क्योकि मैं तुम्हे जीतते हुए देखना चाहता था

भूमि – और इसलिए आप हार गए ?

कार्तिक – मुझे अपने हारने का दुःख नहीं है बल्कि तुम्हारे जितने की ख़ुशी है

भूमि – आपने अभी तक शादी नही की ?

कार्तिक – अभी तक कोई पसंद नहीं आयी , पर लगता है अब आ जाएगी

भूमि मुस्कुराने लगी बातो बातो में दोनों को पता ही नहीं चला की घर आ गया है ,, कार्तिक बाहर रुक गया भूमि अंदर जाकर विक्रम की दवाईया ले आयी ,दोनों वापस उसी रास्ते मुड गए , ठण्ड अब थोड़ी बढ़ चुकी थी भूमि अपने हाथो को एक दूसरे में समेटे हुए चल रही थी ,, कार्तिक ने अपना जैकेट उतारा और भूमि की तरफ बढ़ा दिया , भूमि ने जैकेट पहन लिया ,, दोनों एक बार फिर खामोश थे ,, पर इस बार ये ख़ामोशी चुभने के बजाय मीठा अहसास करा रही थी ,,

दोनों वापस मैरिज गार्डन पहुंचे भूमि ने कार्तिक को थैंक्यू कहा और जैकेट देकर अपने पापा के पास चली गयी उन्हें दवा देकर भूमि अरफ़ा के पास उसके कमरे में चली गयी ,, आरफा फोन पर युवान से बात करने में बिजी थी ,, भूमि को नींद नहीं आ रही थी वो खिड़की के पास गयी और खिड़की खोलकर बाहर देखने लगी चारो तरफ रौशनी और लाईटो की जगमगाहट थी , तभी भूमि की नजर सामने गयी कुछ ही दूरी पर उसकी खिड़की के सामने किसी और कमरे की खिड़की खुलती है जहा कार्तिक खड़ा बड़े प्यार से भूमि की तरफ देख रहा था ,, भूमि की उस से नजर मिली तो दोनों मुस्कुरा उठे ,,

भूमि आकर बिस्तर पर लेट गयी पर नींद उसकी आँखों से गायब थी , सारी रात उसने कार्तिक के बारे में सोचने में गुजार दी ..

अगले दिन सभी जल्दी तैयार हो गए शबनम की अम्मी ने बताया की निकाह से पहले युवान और अरफ़ा को दरगाह लेकर जाना जरुरी है , आरफा के कहने पर भूमि भी तैयार हो गयी ,,कुछ मेहमान भी साथ जाने के लिए तैयार थे भूमि ने कार्तिक से भी साथ चलने को कहा ,, सभी दरगाह पहुंचे , भूमि ने मन्नत का धागा कार्तिक को देते हुए कहा – ये लीजिये आप भी कुछ मन्नत मांग लीजिये

कार्तिक – क्या एक धागा बांधने से जो मांगो वो मिल जाता है ?

भूमि – बिल्कुल अगर आप सच्चे दिल से कुछ मानगो तो आपकी मन्नत जरूर पूरी होती है …

कार्तिक – वैसे मैं ये सब में विश्वास नहीं करता पर तुम कह रही हो तो बांध देता हु

कार्तिक आगे बढ़कर मन्नत का धागा बांधने लगा तभी भूमि को वो एक साल पुरानी बात याद आ गयी जब वो मन्नत का धागा बांध रही थी और उसकी उंगलिया किसी की उंगलियों से छू गयी थी , वो सिहरन वो अहसास वो अब तक नहीं भूली थी वो सोचन लगी “हो सकता है जिसे मैंने छुआ था वो कार्तिक जी हो ,

तभी तो आज ये मेरे साथ है ,, और मुझे इन्ही से प्यार क्यों हुआ ? कुछ न कुछ तो है जो हमे एक दूसरे से जोड़े हुए है , आज कार्तिक जी भी यही है क्यों ना एक बार इन्हे छूकर देख लू अगर कार्तिक जी मेरा सच्चा प्यार है तो अहसास मुझे जरूर महसूस होगा”

ये सब सोचकर भूमि कार्तिक की तरफ बढ़ी और उसके पास जाकर उसकी उंगलियों को छुआ कोई फीलिंग नहीं आयी ,, भूमि का मन बैचैन हो गया और एक बार फिर सोचने लगी “कार्तिक जी को छूकर मुझे कुछ भी महसूस नहीं हुआ , फिर वो कौन था जिसे एक बार छूने से मेरा मन बैचैन हो उठा , जिसे आज भी सोचु तो एक सिहरन सी उठती है , तो क्या कार्तिक जी मेरा प्यार नहीं है” भूमि अभी अपने विचारो में उलझी हुयी थी की तभी कार्तिक ने आकर कहा – चले

सभी वापस मैरिज गार्डन आ गए लेकिन भूमि अभी भी परेशान सी घूम रही थी , अरफ़ा ने देखा तो उसे अपने पास बुलाकर उस परेशानी का कारण पूछा भूमि ने आरफा को सारी बात बता दी तो आरफा ने उसे समझते हुए कहा – देख भूमि ये सच है की तू कार्तिक को बहुत चाहती है और एक सच ये भी है की वो भी तुझे पसंद करने लगे है , इसलिए बेहतर होगा तू वो दरगाह वाली बात को ज्यादा अहमियत न दे , और वैसे भी अगर वो सख्स तुझसे या तेरे भविष्य से जुड़ा होता तो अब तक तेरी जिंदगी में आ चूका होता , इसलिए तू ज्याद मत सोच और मेरी शादी में एन्जॉय करने पर ध्यान दे

भूमि ने हाँ में सर हिलाया और फिर दोनों तैयार होने पार्लर चली गयी …

हॉल में निकाह की सारी तैयारी हो चुकी थी , आरफा भी दुल्हन बनकर आ चुकी थी ,, हॉल में एक तरफ लड़की वाले दूसरी तरफ लड़के वाले जमा थे ,, आरफा और युवान के बिच एक झीना सा पर्दा लगा था जिसमे से युवान आरफा को देखने की नाकाम सी कोशिश कर रह था , लेकिन युवान से भी ज्यादा कोई बैचेन था तो वो था कार्तिक उसे तो बस भूमि को देखना था मौलवी साहब ने सभी रस्मे पूरी की और आरफा और युवान के तीन बार कुबूल है कहने पर उनका निकाह हो गया ,,

पर्दा हटते ही युवान और आरफा एक दूसरे को देख मुस्कुराने लगे लेकिन कार्तिक वो तो भूमि को देखकर पलके झपकाना ही भूल गया , भूमि ने कार्तिक की तरफ देखा तो कार्तिक ने उसे इशारे सुंदर लग रही हो का इशारा किया , भूमि ने शर्मा कर अपनी पलके झुका ली ,, पर कार्तिक की नजरे आज उसे कुछ ज्यादा ही देख रही थी भूमि को उन दो आँखों में प्यार बेहद प्यार नजर आ रहा था ,,

सभी वहा बैठे हंसी मजाक में लगे हुए ही थे की तभी भूमि की नजर दायी तरफ गयी , आरफा के अब्बू फोन पर बात करते हुए परेशानी में वहा से निकल गए , भूमि भी न जाने क्या सोचकर उनके पीछे गयी और कुछ दूर जाकर रुक गयी तभी भूमि ने सूना आरफा के अब्बू किसी से फोन पर बात कर रहे थे

“भाईसाहब आपको खुदा का वास्ता , ऐसा मत कहिये मैं अब तक आपके भरोसे था अगर आप अब ऐसा कहेंगे तो मेरी बहुत बदनामी होगी ,, मेरी मदद कीजिये – उन्होंने गिड़गिड़ाते हुए कहा

भूमि सब सुन रही थी कुछ देर बाद उन्होंने फोन को फेंक दिया और वही सर पकड़कर दिवार के सहारे बैठ गए ,, भूमि उनके पास गयी तो वो भूमि को देखकर जबरदस्ती मुस्कुराते हुए कहा – अरे बिटिया तुम यहां क्या कर रही हो ? जाओ वहा आरफा के साथ रहो

“वो सब छोड़िये अंकल और हमे ये बताईये फोन पर आप किस से मदद मांग रहे थे और क्यों ? – भूमि ने उन्हें घूरते हुए कहा

उन्होंने बहुत कोशिश की के भूमि को कुछ न बताये लेकिन उसकी जिद के आगे उन्हें सब बताना पड़ा .. भूमि ने उन्हें वहा रुकने को कहा और खुद बिना किसी को बताये वहा से निकल गयी और सीधा घर आयी , उसने अपनी अलमारी में देखा और जितने भी पैसे थे उन्हें एक बैग में रखा ,, फिर किसी को फोन किया और कहा – सर वो उस दिन आप उस बुटीक के लिए कह रहे थे , क्या हम वो डील अभी कर सकते है

– जी बिल्कुल , मैं तो कबसे आपसे कह रहा था , लेकिन रेट जो मैंने तय की थी वही रहेगी

भूमि – सर फ़िलहाल मुझे रुपयों की सख्त जरुरत है , सो अगर आप जल्दी दे सके तो

– आप बताईये कब चाहिए पैसा तैयार है

भूमि – अभी

– ठीक है आप एडरेस मेसेज कीजिये मैं अभी पेमेंट भिजवा देता हु

भूमि – थैंक्यू सर , थैंक्यू सो मच ,,,

– थैंक्यू तो मुझे कहना चाहिए , मैं अभी अपने लड़के को भेजता हु

इसके बाद भूमि ने फ़ोन काटा और उसे मेसेज करके एड्रेस सेंड किया , वो वह सोफे पर बैठ गयी वो नही जानती थी इस वक्त सही कर रही है या गलत बस उसकी आँखो के सामने बार बार आरफा के अब्बू की बेबसी और दुखी चेहरा नजर आ रहा था भूमि ने अपनी आँखे बंद की और सर सोफे पर टिका दिया तभी उसका फोन बज उठा भूमि ने देखा फोन आरफा का था भूमि के फोन उठाते ही आरफा ने कहा – कहा है तू ? यहाँ सब तेरे बारे में पूछ रहे है ?

भूमि – अरे वो तुम्हारी शादी है ना तो तुम्हारे लिए गिफ्ट खरीदने आयी हु

आरफा – तू भी न , ये कोई वक्त है गिफ्ट खरीदने का ,, तेरा यहा होना ही मेरे लिए सबसे बड़ा गिफ्ट है ,, तू बस जल्दी से आ जा , सब कितने परेशान है

भूमि – सब कोन ? कंही युवान जी तो तुमको परेशान नही कर रहे – भूमि ने शरारत से कहा

अरफ़ा – तूझे इस वक्त मजाक सूझ रहा है ना , ठहर जा बाबू तेरी शादी होगी न तब सारा बदला ले लुंगी मैं ,, अच्छा सुन यहाँ कोई और भी है जो तुम्हे यहाँ ना पाकर बहुत परेशान है

भूमि – कौन

आरफा – तुम्हारे कार्तिक जी ,, 10 बार पूछ चूके है , मेरे लिए ना सही उनके लिए ही आ जाओ

भूमि – ठीक है हम थोड़ी देर में आते है , और मम्मी पापा पूछे तो कहना हम यही है ठीक है

कहकर भूमि ने फ़ोन काट दिया , और बैठकर इन्तजार करने लगी ,,, लगभग आधे घंटे बाद एक लड़का आया उसने भूमि की तरफ एक पार्सल और एक फाइल बढ़ा दी , भूमि ने फाइल में लगे पेपर पर साइन किया और फिर चाबी उस लड़के को थमा दी ,, उसके चेहरे पर सुकून के भाव थे , वो घर से निकली और कुछ ही देर में मैरिज गार्डन पहुंची और सीधा अरफ़ा के अब्बू के पास जाकर पैकेट उन्हें थमाते हुए कहा – अगर आपने हमे कभी अपनी बेटी माना है तो इसे लेने से इंकार नहीं करेंगे

भूमि की बात सुनकर उनकी आँखे भर आयी उन्होंने भूमि के सर पर प्यार से हाथ रखते हुए कहा – बेटा इतना बड़ा अहसान हम कैसे चूका पाएंगे …

“चूका सकते हो , आरफा को ख़ुशी ख़ुशी विदा करके – भूमि ने मुस्कुराते हुए कहा

– विक्रम और तुम्हारी माँ बहुत किस्मत वाले है जिन्हे तुम्हारे जैसी औलाद मिली – उन्होंने एक बार फिर भूमि के सर पर अपना हाथ रखते हुए कहा …

भूमि वहा से चली गयी ,, सब रस्मे हो चुकी थी ,, सभी दावत का मजा लेने में लगे थे लड़के वालो की सभी फरमाईशें पूरी की जा रही थी भूमि भी सबको खाना परोसने में लगी थी ,, तभी भूमि मिठाई की पलेट लिए युवान की तरफ गयी वहा युवान के साथ आरफा , युवान के कुछ दोस्त भाई और कार्तिक भी था , भूमि ने सबकी प्लेट में मिठाई मिठाई रखी और सबसे आखिर में कार्तिक की तरफ गयी ,, भूमि ने मिठाई रखी तो कार्तिक ने उसकी आँखों में देखते हुए कहा – एक और

भूमि ने देखा कार्तिक बड़े प्यार से उसकी तरफ देख रहा था भूमि ने भी उसकी आँखों में देखते हुए मिठाई का एक और पीस थाली में रख दिया कार्तिक ने फिर कहा – एक और

भूमि ने फिर एक टुकड़ा रखा दोनों एक दूसरे की आँखों में पूरी तरह डूब चुके थे ,, और फिर ये सिलसिला शुरू हुआ तो बस चलता ही गया कार्तिक कहता “एक और” और भूमि मिठाई रखती जाती , दोनों एक दूसरे की आँखों मे खुद का वजूद ढूंढ़ने की कोशिश कर रहे थे , वहा मौजूद सभी लोग खाना छोड़ उन दोनों को देखने में लग गए ,,, इस बिच भूमि को ख्याल ही नहीं रहा की प्लेट मिठाई से पूरी भर चुकी है कार्तिक ने उठते हुए कहा – भूमि , अब ये मिठाई तुम ही खाना !!

और हँसता हुआ वहा से चला गया ,,, भूमि ने देखा सब उसे देखकर मुस्कुरा रहे थे , भूमि भी झेप कर वहा से चली गयी ,, वक्त कब निकल गया किसी को पता ही नहीं चला ,, और फिर शाम होते ही अरफ़ा को उसके राजकुमार के साथ विदा कर दिया , आरफा सबसे ज्यादा भूमि से गले लगकर रोई , भूमि भी अपने पर काबू नहीं रख पायी और फूटफूटकर रोने लगी . उन दोनों का प्यार देखकर सबकी आँखे नम हो गयी …

कार्तिक अपनी गाड़ी के पास खड़ा इस इन्तजार में था की जाने से पहले भूमि से आखरी बार मिल ले , इन दो दिनों में वो भूमि के बहुत करीब आ चुका था , तभी सामने से उसे भूमि आती दिखाई दी ,, भूमि ने पास आकर कहा – जा रहे है ?

“हां , पर लगता है जल्दी ही वापस आना पडेगा – कार्तिक ने शरारत से भूमि की आँखों में झांकते हुए कहा

कार्तिक का इस तरह देखना भूमि के दिल में कार्तिक के लिए प्यार और बढ़ा गया ,, कुछ देर की ख़ामोशी के बाद भूमि वहा से जाने लगी तो कार्तिक ने उसका हाथ पकड़ लिया एक हल्की ठण्ड का अहसास भूमि को हुआ उसका दिल तेजी से धड़कने लगा कार्तिक ने कहा – तुमने मेरी बात का जवाब नहीं दिया

“हम आपका इन्तजार करेंगे – कहकर भूमि हाथ छुड़ाकर वहा से चली गयी उसकी आँखे बता रही थी कार्तिक उसके दिल में एक खास जगह बना चूका था , कार्तिक मुस्कुराते हुए जाती हुयी भूमि को देखता रहा और फिर गाड़ी में आ बैठा , कुछ देर गाड़ी में बैठने के बाद उसने गाड़ी स्टार्ट की और वहा से निकल गया !!

आधे से ज्यादा मेहमान जा चुके थे , भूमि भी मम्मी पापा के साथ घर आ गयी , उसे बिलकुल अच्छा नहीं लग रहा था कार्तिक के साथ बिताया एक एक पल उसकी आँखों के सामने आ रहा था … उसे याद आया की वो तो कार्तिक से नंबर लेना भी भूल गयी अब उस से कैसे बात हो ,, उसके खयालो में उलझी भूमि को नींद आ गयी ,,

दूसरी तरफ आकाश भूमि से बात न हो पाने से परेशान था उसने भूमि को फोन करने की सोची और फिर देखा रात बहुत हो चुकी है तो उसने कोई फोन नहीं किया … इधर नेहा आकाश की तरफ बस खींची जा रही थी कब आकाश दोस्त से उसके सपनो का राजकुमार बन गया वो भी नहीं समझ पायी और ये दोस्ती प्यार में बदल गयी पर नेहा जानती थी की उसका प्यार एकतरफा है , आकाश आज भी उसे अपनी दोस्त ही मानता है , पर कम्बखत दिल को कौन समझाए वो तो वही करता है जो वो चाहता है और नेहा का दिल भी आकाश को चाहने लगा था , और आकाश इस से बेखबर था ….

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