बदलते अहसास – 8

Badalte Ahasas – 8

Badalte Ahasas
Badalte Ahasas

ऋषभ कहानी के कुछ हिस्से के बाद अपना अनुभव सुजैन से बांटता जा रहा था जो की सुजैन को काफी रोमांचक लगा ! ऋषभ की कहानी सुनते हुए सुजैन को भी ऋषभ और माही की बढ़ती नजदीकियां अच्छी लगने लगी थी वह चाहती थी ये कहानी यु ही चलती रहे उसने धीरे से कहा,”उसके बाद क्या हुआ ? ऋषभ !” सुजैन की आवाज सुनकर ऋषभ माही के खयालो से बाहर आया और आगे सुनाने लगा

माही की तस्वीर बनाते हुए ऋषभ की उंगलिया कैनवास पर किसी ब्रश की तरह चल रही थी ! माही की तस्वीर बनाने में वह इतना खोया हुआ था की उसे ये तक अहसास नहीं था की पिछले आधे घंटे से माही उसे ही देख रही है ! जिस तरह से माही खिड़की के पास खड़ी थी ऋषभ ने हूबहू वैसी ही तस्वीर कैनवास पर उतार दी ! बारिश जोरो से बरस रही थी बिजली की चमक से बिच बिच में माही को ऊटी की खूबूसरती दिखाई दे जाती लेकिन अब उसे ठण्ड लगने लगी थी ! जैसे ही माही की तस्वीर तैयार हुयी ऋषभ तो बस उसमे खोकर सा रह गया ! अब तक की बनी उसकी ये सबसे बेस्ट पोर्ट्रेट थी ! माही ने देखा ऋषभ ख़ामोशी से कैनवास को देख रहा है तो वह उसके पास आयी और अपनी कोहनी उसके कंधे पर रखकर कैनवास को देखते हुए कहा,”वाओ , इट्स फैबुलस”
माही के शब्द ऋषभ के कानो में पड़े लेकिन माही के हाथ की छुअन ने उसे अपनी और ज्यादा आकर्षित किया उसने गर्दन घुमाकर माही की और देखा ! उसकी कोहनी अपने कंधे पर पाकर ऋषभ को अच्छा लग रहा था लेकिन अपने भावो को उसने मन में ही रखा और माही से कहा,”तुम्हे पसंद आयी ?”
“हां बहुत , इट्स माय फेवरेट !”,माही ने ऋषभ के बिल्कुल सामने बैठते हुए कहा !
“इसमें तुम हो इसलिए फेवरेट है ?”,ऋषभ ने सवाल किया
“नहीं , बल्कि इसलिए फेवरेट है की इसे तुमने बनाया है !”,माही ने मुस्कुराते हुए ऋषभ की और देखकर कहा
“ये मेरी बनाई पोर्ट्रेर्ट में अब तक की सबसे खूबसूरत तस्वीर है ! “,ऋषभ ने माहि की और देखकर कहा !
“सो यू मीन आई ऍम बयूटीफुल”,माही ने पलके झपकाते हुए कहा !
“यस यू आर !”,ऋषभ ने कहा
माही ऋषभ के सामने थोड़ा झुकी जिसकी उसकी शर्ट के खुले बटनों के बिच से उसके उभार बाहर झांक रहे थे ऋषभ की नजर वहा गयी जिसे देखकर माही ने नजाकत से कहा,”ऍम आई हॉट ? टेल मी !”
ऋषभ ने माही से नजरे चुराते हुए कहा,”यस यू आर !”
“आह्ह तुम इतना कम क्यों बोलते हो ? तुम्हारे पास हर बात का इतना छोटा सा जवाब होता है , व्हाई ?”,माही ने चिहुँक कर कहा
“क्योकि मैं ऐसा ही हु ! अकसर ज्यादा सोचने वाले लोग कम ही बोलते है !”,ऋषभ ने सर्द आवाज में कहा
“लेकिन आपकी आँखे बहुत बाते करती है !”,माही ने ऋषभ की आँखों में देखते हुए कहा ! ऋषभ खामोश था माही को जितना अलहड़ समझ रहा था उतनी वो थी नहीं ! कही कही वह बिल्कुल बेपरवाह थी तो कही कही बहुत ही समझदारी वाली बाते करने लगती ! ऋषभ धीरे धीरे उसे समझने की कोशिश कर रहा था ! बारिश रुक चुकी थी ! ऋषभ ने माही से कहा,”तुम कुछ खाओगी ?”
“हम्म्म्म ! मुझे ऑमलेट खाना है !”,माही ने अपने सर को कुर्सी से लगाते हुए कहा !
“ठीक है मैं बनाता हु !”,कहकर ऋषभ किचन में आ गया ! उसने माही के लिए ऑमलेट बनाई और डायनिंग टेबल पर ले आया जहा माही पहले से ही उसका इंतजार कर रही थी ! ऋषभ ने एक प्लेट उसके सामने रखा और दूसरा अपने सामने रखकर माही के सामने बैठ गया ! माही खाने लगी उसे वह बहुत अच्छा लगा ! ऋषभ ने खाते हुए कहा,”तुम इस तरह यहाँ मेरे साथ हो , तुम्हे डर नहीं लगता ?”
“किस बात का डर ?’,माही ने बेपरवाही से कहा
“मेरा मतलब किसी अनजान सख्स पर तुम इतना भरोसा कैसे कर सकती हो ?”,ऋषभ ने कहा
“तुम्हे मेरे साथ कुछ गलत करना होता तो अब तक कर चुके होते , यहाँ मेरे सामने बैठकर ऑमलेट नहीं खा रहे होते”,माही ने शरारत से मुस्कुराते हुए कहा ! माही के इस जवाब पर ऋषभ भी मुस्कुराये बिना नहीं रह सका !
ऋषभ चुपचाप खाता रहा उसे समझ आ गया माही से इस वक्त कुछ पूछना सामने से सवालों का आना है ! खाते हुए ऋषभ के होंठो के साइड में सॉस लग गया माही ने देखा तो उसने टेबल पर झुककर ऋषभ की और अपना हाथ बढ़ाया और उसके होंठो के पास लगा सॉस अपनी ऊँगली से हटा दिया ! माही का इस तरह छूना ऋषभ को अंदर तक छू गया वह उसकी नीली आँखों में देखने लगा ! माही भी उसकी आँखो में देखे जा रही थी कुछ देर बाद वह ऋषभ के सामने से हटी और कहा,”तुम बहुत हार्ड हो !”
“मतलब ?”,ऋषभ ने चौंककर कहा
“मतलब ये की तुम्हारे अंदर बहुत सारी फीलिंग्स है लेकिन तुम्हे उन्हें बाहर आने नहीं देते ! व्हाई आर यू स्टॉप योर सेल्फ”,माही ने कहा !
“इंसान की अपनी कुछ हदे होती है जिनमे वह खुद को सिमित रखता है ! कुछ दायरे जो सिर्फ हम इंसानो के लिए बने होते है ! अपनी हदो में रहना बेहतरी है अगर उस से बाहर निकलेंगे तो लोगो की नजर में सही नहीं होंगे , समाज में रहने के लिए कुछ नियम कायदे बने है अक्सर उन नियमो का पालन करना जरुरी हो जाता है”,ऋषभ ने कहा !
“आई डोंट केयर लोग मेरे बारे में क्या सोचते है ? मुझे जो पसंद है वो मैं किसी के लिए नहीं बदलती !”,माही ने कहा
“तुम अभी नयी लड़की हो माही , तुम्हारे नियम कायदे कुछ और है , आज जो तुम देखती हो उसे स्वीकार करना तुम्हारे नियमो के खिलाफ है लेकिन , जैसे जैसे उम्र बढ़ेगी , वक्त गुजरेगा तुम इस समाज का हिस्सा बनती जाओगी !”,ऋषभ ने कहा !
“व्हाट एवर ! आई डोंट केयर !”,माही ने कहा !
खाना खाकर ऋषभ ने देखा काफी वक्त हो चुका है उसने माही से कहा,”आई थिंक तुम्हे अब जाना चाहिए !”
“तुम मुझे भगाना चाहते हो !”,माही ने आँखे दिखाते हुए कहा !
“नहीं ऐसा है , लेकिन रात बहुत हो गयी है और इस तरह तुम्हारा यहाँ रुकना सही नहीं है ! लोग,,,,,,,,,, “,ऋषभ ने अपनी बात अधूरी छोड़ दी !
“ओह्ह तो तुम्हे उन सो काल्ड लोगो की परवाह है जिन्हे तुमसे कोई मतलब नहीं जो इस वक्त अपने अपने घरो में चैन की नींद सो रहे है ! बाय द वे री नाइस टाइम विथ यू , आई थिंक आई शुड लिव नाउ”,माही ने मुस्कुराकर कहा ! ऋषभ माही को दरवाजे तक छोड़ने आया माही ने उसे गुड़ नाईट कहा और जाने लगी ! उसे जाते देखकर ऋषभ ने कहा,”माही !
“हां “,माही ने पलटकर कहा
“कम हियर !”,ऋषभ ने कहा !
माही आकर ऋषभ के सामने खड़ी हो गयी तो ऋषभ ने उसकी खुली शर्ट के ऊपर के दो बटन बंद करते हुए कहा,”लड़की तब और ज्यादा खूबसूरत लगती है जब वह अपनी हद में रहे ! कुछ हदे इसलिए बनायीं गयी है , तुम्हारा मन बहुत साफ है ना इसलिए तुम हर बात कह देती हो बस अपना मन कभी गन्दा होने मत देना !” ऋषभ की बात पर माही मुस्कुराई और कहा,”टुडे आई रियलाइज्ड , इस अनजान शहर में मैं तुम पर भरोसा कर सकती हु !”
ऋषभ माही को देखता रहा तो माही ने आगे बढकर उसे हग किया और अपने फ्लेट में चली गयी ! ऋषभ बूत बना वही खड़ा रहा कोई लड़की उस पर इतना भरोसा करेगी उसने कभी सोचा नहीं था ! पर माही का अहसास , उसकी खुशबु और उसकी आवाज ऋषभ की हर सोच पर भारी पड़ रही थी ! उसने दरवाजा बंद किया और अंदर आ गया ! धीमे धीमे कदम बढ़ाते हुए वह डायनिंग के पास आया जहा कुछ देर पहले माही बैठकर उस से उलझ रही थी ! माही की कमी ऋषभ को खल रहा था ! ऋषभ ने बेमन से प्लेटो को उठाया और किचन की और बढ़ गया ! बर्तन सिंक में रखे और धोने लगा ! दिमाग में बस माही का ख्याल था ! उसका ऋषभ के साथ इतना खुलकर पेश आना , ऋषभ पर भरोसा करना , माही का अनजाने में बार बार ऋषभ को छूना , ऋषभ की पुरानी सोच पर माही का बहस करना सब ऋषभ को एक अलग ही दुनिया में ले जा रहा था ऋषभ एक एक करके बर्तन धोते धोते जा रहा था पर माही की यादे उसका पीछा ही नहीं छोड़ रही थी ! माही की कही बाते बार बार उसके कानो में गूंजते जा रही थी ! माही की आवाज जब उसके कानो को छूकर गुजरी तो ऋषभ के हाथ प्लेट पर ही रुक गए ! नल से बहता पानी उसके हाथो को भीगा रहा था ! माही के कहे शब्द गूंजने लगे – इसलिए फेवरेट है की इसे तुमने बनाया है !”
“ऍम आई हॉट ? टेल मी !”
“आह्ह तुम इतना कम क्यों बोलते हो ?
“तुम्हे मेरे साथ कुछ गलत करना होता तो अब तक कर चुके होते , यहाँ मेरे सामने बैठकर ऑमलेट नहीं खा रहे होते”
तुम्हारे अंदर बहुत सारी फीलिंग्स है लेकिन तुम्हे उन्हें बाहर आने नहीं देते ! व्हाई आर यू स्टॉप योर सेल्फ”
“आई डोंट केयर लोग मेरे बारे में क्या सोचते है ? मुझे जो पसंद है वो मैं किसी के लिए नहीं बदलती !”
“टुडे आई रियलाइज्ड , इस अनजान शहर में मैं तुम पर भरोसा कर सकती हु !”
माही की कही बाते उसके कानो में घूमती रही अहसास तब हुआ जब पानी सिंक के बाहर गिरने लगा ! ऋषभ ने नल बंद किया और किचन से बाहर आ गया ! बार बार उसकी नजर घर के उन कोनो पर चली जाती जहा कुछ देर माही थी ! ये बदलते अहसास ऋषभ समझ रहा था ! वह कमरे में चला आया उसने माही का पोर्ट्रेट उठाया और अपने कमरे को कोने में रखी टेबल पर रख दिया ! ये कोना उसके बिस्तर से लगकर था ! ऋषभ ने कपडे चेंज किये और ट्राउजर पहन लिया ! ऊपर गर्म स्वेटर पहन कर वह सीधा बिस्तर पर लेट गया और गले तक कम्बल ओढ़ ली ! ऋषभ करवटे बदलता रहा लेकिन नींद उसकी आँखों से कोसो दूर थी ! ऋषभ उठकर बैठ गया और गर्दन झुका ली माही की यादे अब भी उसके जहन में थी और उसका पीछा नहीं छोड़ रही थी ! ऋषभ ने कोने में रखी माही की तस्वीर को देखा और देखता रहा ! कुछ पल बाद उठा और कबर्ड खोलकर माही का दिया जैकेट निकाला और उसे पहनकर शीशे के सामने खड़ा हो गया ! ऋषभ ने देखा उसकी आँखों में आज एक अलग ही चमक थी चेहरे पर लालिमा थी , उसके होंठ बार बार मुस्कुराना चाह रहे थे ! उसने अपने बालो को सहेजा एक बार , दो बार और ना जाने कितनी बार ! ऋषभ आईने के सामने खड़ा वैसे ही बर्ताव कर रहा था जैसे एक 18 साल का लड़का करता है जब वो प्यार में होता है ! ऋषभ का भी यही हाल था माही के आने से वह अपनी उम्र , अपना स्टेटस , अपनी जिंदगी सब भूल चुका था कुछ याद था तो बस एक नाम – माही !
ऋषभ ने म्यूजिक सिस्टम पर गाना चलाया और गाने गुनगुनाने लगा,”इक अजनबी हसीना से यु मुलाकात हो गयी !”
गाते हुए वह साथ साथ झूमने लगा ! आज ऋषभ बहुत खुश था उस अनजाने अहसास के साथ जो उसे कुछ देर पहले छूकर गुजरा था ! गाते हुए वह जैसे ही शीशे के सामने आया उसने देखा उसकी आँखों में नजर आने वाला आकर्षण कुछ और नहीं बल्कि प्यार था ! हां उसे प्यार हो गया था माही से , उसकी बातो से , उसके अल्हड़पन से और उसकी सोच से ! ऋषभ हसने लगा और फिर हँसता ही गया आज कितने सालो बाद वह इतना खुलकर हंसा था ! उसने हसना बंद कर शीशे पर अपनी हथेली टिकाई और शीशे में खुद को देखते हुए कहा,”मैं खुद को उस से प्यार करने से नही रोक पाया ! वो किसी पुरानी शराब की तरह है जो जहन में उतरती जाती है ! “माही” मेरी आने वाली जिंदगी का खूबसूरत कल !”
ऋषभ इतना कहकर फिर मुस्कुरा उठा ! उसने वह जैकेट पहने रखा ताकी माही के अहसास को जी सके हां वो जैकेट उतना ही कोमल था जितनी कोमल माही की छुअन ! वह जैकेट ऋषभ को वैसी ही गर्माहट दे रहा था जैसी कभी माही की सांसो से उसने महसूस की थी ! ठण्ड अब बढ़ने लगी थी ऋषभ ने टेबल पर रखी सिगरेट और लाइटर उठाया और सिगरेट जला ली ! सिगरेट के कश लगाते हुए वह माही के बारे में , उसके साथ बिताये पलो के बारे में सोचने लगा ! देर रात वह खिड़की के पास ही खड़ा रहा ! जब नींद आँखों पर हावी होने लगी तो ऋषभ जैकेट पहने ही आकर बिस्तर पर लेट गया ! दूसरी और माही की आँखों से भी नींद दूर थी ! ऋषभ की बातो ने उसके दिल और दिमाग दोनों पर कब्जा जमाया हुआ था ! उसने पास पड़ा तकिया उठाया और उसे अपनी बांहो में लेकर आँखे मूंदते हुए कहा,”आई ऍम इन लव विथ ऋषभ !”
सुबह के 3 बजे ऋषभ गहरी नींद में सोया हुआ था ! उसने नींद में देखा ऋषभ लोगो की भीड़ से घिरा है , लोग उस पर छींटाकशी कर रहे है , हंस रहे है , उसे ताने दे रहे है , उसका मजाक उड़ा रहे है सिर्फ इसलिए क्योकि उसने अपने से कम उम्र की लड़की से प्यार किया ! वो प्यार जो उसने अपनी हदो से बाहर जाकर किया था ! अचानक वह देखता है की भीड़ में से किसी ने माही को पीटना , जलील करना शुरू कर दिया है ! वह अपनी जगह से हिल भी नहीं पा रहा बस कानो में पड़ रही है तो उस भीड़ की आवाजे – शर्म नहीं आयी इन लोगो को , प्यार को मजाक बना रखा है ! “अरे कम से कम अपनी उम्र का तो लिहाज किया होता” “बूढ़े को अय्याशी सूझी है इस उम्र में” “लड़की बिगड़ी हुई है , माँ बाप ने कोई संस्कार नहीं दिए” “समाज में नाम ख़राब किया है , इन्हे तो फांसी पर लटका देना चाहिए” “मारो इन्हे” और इतने में ऋषभ देखता है भीड़ में से कुछ लोग माही की और बढ़ते है और उसे मारने पीटने लगते है ! भीड़ की आवाज में माही की चीखे दब चुकी है और कुछ पल बाद ही ऋषभ के कदमो में आ गिरता है एक बेजान जिस्म ऋषभ घुटनो के बल निचे गिरता है और अपने कांपते हाथो से उसके चेहरे को ऊपर उठाकर देखता है वह माही ही थी ! ऋषभ चीखना चाहता था पर उसकी आवाज जैसे उसके हलक में ही कही अटकी रही !

ऋषभ नींद से जाग उठा ! सर्द रात में भी वह पसीने से तर बतर था ! उसने पानी पीया और गर्दन घुमाकर कोने में देखा माही का पोर्ट्रेट अभी भी वही रखा था ! ऋषभ की सांसे बहुत तेज थी उसने महसूस किया की वह सिर्फ एक डरावना सपना था , लेकिन वह जानता था ये सिर्फ एक सपना नहीं था बल्कि कही ना कही हकीकत को बयां करता लम्हा था ! ऋषभ उठा और आईने के सामने आकर खड़ा हो गया उसने खुद को शीशे में देखा ! जिन आँखों में कुछ देर पहले आकर्षण था अब उन आँखों में डर था ऋषभ काफी देर तक वही खड़ा खुद को शीशे में देखता रहा ! उसे लगा जैसे उसका अक्स उस पर हंस रहा है जिसे देखकर ऋषभ और ज्यादा भयभीत हो उठा ऋषभ को डरता देखकर अक्स ने मुस्कुराना बंद कर दिया ! ( अक्स और कुछ नहीं बल्कि हमारे मन की आवाज होती है जो कई बार हमारे सामने आती है , हमारे अक्स के रूप में ) ऋषभ ने एक बार फिर आईने में खुद को देखा तो अक्स की आवाज आयी,”क्या हुआ ? अपने आने वाले कल का सच देखकर हैरान हो ! पर तुम्हारा कल बिल्कुल वैसा ही होगा या हो सकता है इस से भी बुरा हो ! अपने से कम उम्र की लड़की से प्यार करने का जो फैसला तुमने किया है , उस फैसले के बाद तुम्हारी जिंदगी क्या इतनी ही आसान रहेगी ?”
“मैं नहीं चाहता माही के साथ कुछ गलत हो !”,ऋषभ ने कांपते होठो से कहा
“तुम्हारे बस में कुछ नहीं है , ना तुम्हारी भावनाये , ना तुम्हारे विचार , ना तुम्हारा वक्त , इन सब पर अब माही का कब्जा हो चुका है ! एक ऐसे समंदर में गिरे हो तुम जिसमे तुम डूबते जाओगे और तुम्हारी मदद करने वाला कोई नहीं होगा !”,अक्स की आवाज उभरी
“हां सही कहा तुमने कब मैं माही की आँखों में डूबता चला गया मैं खुद नहीं जान पाया ,कब उसकी बाते मेरे विचारो पर हावी होने लगी मैं नहीं समझ पाया ! उसकी हंसी , उसकी आवाज , उसका वो बेपरवाह अंदाज , उसकी सटीक सोच , उसके देखने का नजरिया इतनी जल्दी उसके प्रति मेरे विचार बदल देगा मैंने सोचा नहीं था ! जिस मन को मैंने पत्थर की तरह मजबूत कर लिया था वह मन माही को लेकर मोम हो जाएगा मैंने सोचा नहीं था ! मैं नहीं रोक पाया खुद को और मुझे उस से प्यार हो गया !”,ऋषभ ने दर्द भरे स्वर में कहा
“पर ये समाज इसे स्वीकार नहीं करेगा ! नकार दिए जाओगे तुम दोनों समाज के खोखले नियमो से , अस्वीकार कर दी जाएगी तुम्हारी सोच , कुचल दिया जाएगा तुम्हारे अहसासों को ! क्योकि ये समाज , इस समाज के लोग कभी बर्दास्त नहीं करेंगे इस रिश्ते को ना ही परवाह करेंगे तुम्हारी भावनाओ की ! एक वक्त के बाद तुम तो शायद चले जाओ लेकिन माही का क्या जिंदगी भर उसे इस दर्द के साथ जीना पड़ेगा , लोगो के ताने , उनके गंदे इल्जाम , उनकी छींटाकशी में घुटकर रह जाएगी वो लड़की और उसी में दम तोड़ देगा तुम्हारा ये प्यार !”,अक्स ने ऋषभ को आने वाले कल की सच्चाई से अवगत कराते हुए कहा !
ऋषभ का मन व्यथित हो उठा वह आईने के सामने से हट गया और बैचैन सा कमरे में यहाँ से वहा घूमने लगा
जब मन शांत नहीं हुआ तो उसने सिगरेट जला ली और खिड़की के सामने आकर खड़ा हो गया ! सिगरेट पीते हुए ऋषभ के जहन में अपने अक्स की कही बाते घूमने लगी ! ऋषभ कश पर कश लगाता रहा ! सोच में डूबे हुए उसने डिब्बे की सारी सिगरेट फूंक दी ! कमरे में बस धुँआ था और उसके बिच घुटता वह इंसान जो कुछ देर पहले किसी के प्यार में डूबकर आने वाली जिंदगी के हसीं सपने देख रहा था पर उसके आज ने दो चंद वक्त में उसे उसकी औकात दिखाकर उसे सच से रूबरू करवा दिया ! उम्रदराज लोगो की यही आदत है की वे हर बात को बहुत गहराई से सोचते है ! सुबह तक ऋषभ सो नहीं पाया उसने मन ही मन एक फैसला किया और सुबह 5 बजे वह अपनी रोजाना की एक्सरसाइज करने टेरेस पर चला आया ! 1 घंटा कसरत करने के बाद ऋषभ थककर वही बैठ गया ! माही उसके दिमाग में घूमने लगी लेकिन वह नहीं चाहता था की माही का ख्याल उसके दिमाग को कंट्रोल करे वह उठा और जाने लगा की तभी माही उसके सामने आई और चहकते हुए कहा,”गुड़ मॉर्निंग !”
ऋषभ ने कोई जवाब नहीं दिया और जाने लगा तो माही ने रोककर कहा,”व्हाट हेपन ? आर यू ओके ?”
“लेट मी गो”,ऋषभ ने बिना माही की और देखे कहा
“वेट ! मुझे तुमसे कुछ बात करनी है “,माही ने प्यार से कहा
“हम्म्म्म कहो !”,ऋषभ ने कहा
“आई लव यू !”,माही ने अपनी सर्द आवाज में कहा !
“व्हाट ?”,ऋषभ ने माही की और देखकर कहा !
“यस आई ऍम इन लव विथ यू !”,माही ने प्यार से ऋषभ की और देखते हुए कहा !
“माही तुम उम्र में मुझसे बहुत छोटी हो !”,ऋषभ ने कठोरता से कहा
“उम्र का ऐतराज मुझे होना चाहिए आपको नहीं , आई लव यू”,माही ने कहा
“तुम्हारा दिमाग ख़राब हो गया है , जिसे तुम प्यार कह रही हो वो महज एक आकर्षण है जो इस उम्र में अक्सर हो जाता है !”,ऋषभ ने गुस्से से कहा !
“हां मेरा दिमाग ख़राब हो गया है , आई हेव लोस्टेड लेकिन इसके बाद भी मैं यही कहूँगी देन आई लव यू , एंड यू आल्सो लव मी”,माही ने विश्वास के साथ ऋषभ की आँखों में देखते हुए कहा ! माही की आँखों में देखते हुए ऋषभ का भरोसा एक पल के लिए डगमगाया लेकिन अगले ही पल वह सम्हल गया और कहा,”बकवास है ये सब माही ! बेहतर होगा इन सब बातो में ना पढ़कर तुम अपनी पढाई पर ध्यान दो !”
कहते हुए ऋषभ जाने लगा तो माही ने उसका हाथ पकड़ लिया और उसे रोकते हुए कहा,”लेकिन तुम्हे मुझसे प्यार क्यों नहीं कर सकते ?”
ऋषभ गुस्से से पलटा और कहा,”बिकॉज आई ऍम 47 एंड यू आर 24″
“सो व्हाट ? ऐज डज नॉट मैटर इन लव ( प्यार में उम्र मायने नहीं रखती है )”,माही ने आँखों में आंसू भरकर कहा !
“एवरीथिंग इज मैटर इन लव ! उम्र , जात-पात , रंग , कद , समाज , परिवार , डिग्री , बैंक बेलेंस एवरीथिंग इज मैटर इन लव”,ऋषभ ने तेज आवाज में कहा तो माही कांप गयी उसकी आँखों में आंसुओ की बुँदे भर आई ! वह भीगी आँखों से ऋषभ को देखती रही माही की आँखों में आंसू देखकर ऋषभ ने उसका हाथ छोड़ा और वहा से चला गया !

Badalte Ahasas – 8 Badalte Ahasas – 8 Badalte Ahasas – 8 Badalte Ahasas – 8 Badalte Ahasas – 8 Badalte Ahasas – 8 Badalte Ahasas – 8 Badalte Ahasas – 8 Badalte Ahasas – 8 Badalte Ahasas – 8 Badalte Ahasas – 8 Badalte Ahasas – 8 Badalte Ahasas – 8 Badalte Ahasas – 8 Badalte Ahasas – 8 Badalte Ahasas – 8 Badalte Ahasas – 8 Badalte Ahasas – 8 Badalte Ahasas – 8 Badalte Ahasas – 8 Badalte Ahasas – 8 Badalte Ahasas – 8 Badalte Ahasas – 8 Badalte Ahasas – 8 Badalte Ahasas – 8 Badalte Ahasas – 8 Badalte Ahasas – 8 Badalte Ahasas – 8 Badalte Ahasas – 8 Badalte Ahasas – 8 Badalte Ahasas – 8 Badalte Ahasas – 8 Badalte Ahasas – 8 Badalte Ahasas – 8 Badalte Ahasas – 8 Badalte Ahasas – 8 Badalte Ahasas – 8 Badalte Ahasas – 8 Badalte Ahasas – 8 Badalte Ahasas – 8 Badalte Ahasas – 8 Badalte Ahasas – 8 Badalte Ahasas – 8 Badalte Ahasas – 8 Badalte Ahasas – 8 Badalte Ahasas – 8 Badalte Ahasas – 8 Badalte Ahasas – 8 Badalte Ahasas – 8 Badalte Ahasas – 8 Badalte Ahasas – 8 Badalte Ahasas – 8 Badalte Ahasas – 8 Badalte Ahasas – 8

क्रमश – Badalte Ahasas – 9

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संजना किरोड़ीवाल

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