“बदलते अहसास” – 14

Badalte Ahasas – 14

Badalte Ahasas
Badalte Ahasas

( अंतिम भाग )

ऋषभ अपनी कहानी सुनाकर खामोश हो गया ! उसने सामने बैठी सुजैन की तरफ देखा जिसकी आँखों में आंसू थे ! सुजैन ख़ामोशी से ऋषभ को देखती रही और फिर तड़पकर कहा,”तुमने ऐसा क्यों किया ऋषभ ? तुम्हे ऐसी हालत में देखकर उस लड़की के दिल पर क्या बीती होगी ? कितना भरोसा कितना प्यार करती थी वो तुमसे और तुमने उसके प्यार का ये सिला दिया , मुझे तुमसे ये उम्मीद नहीं थी ऋषभ !”
सुजैन की बात सुनकर ऋषभ मुस्कुराया और कहा,”सुजैन तुम एक औरत हो ना इसलिए ऐसा कह रही हो , एक पुरुष के मन में इस वक्त क्या चलता है तुम नहीं समझ पाओगी !”
“मैं समझना चाहती भी नहीं ऋषभ की तुम्हारे मन में उस वक्त क्या था ? पर सच तो ये है की तुमने माही का दिल और भरोसा दोनों तोडा है !”,सुजैन ने नम आँखो से ऋषभ की और देखकर कहा !
“सुजैन तुमने भी मुझे गलत समझ लिया ! अकसर हम जो देखते/सुनते है वो सच नहीं होता है !”,ऋषभ ने गंभीरता से कहा !
“मैं कुछ समझी नहीं ऋषभ”,सुजैन ने हैरानी से कहा !
“तुम्हे कुछ बताना है सुजैन !”,ऋषभ ने कहा
“हम्म्म बताओ !”,सुजैन ने धड़कते दिल के साथ कहा
ऋषभ ने एक गहरी साँस ली और कहना शुरू किया,”माही ने जो देखा वो सच था लेकिन उसके नजरिये से ! माही से मुझे प्यार हो जाएगा मैंने कभी सोचा भी नहीं था ! उसका नजरिया , जीने के प्रति उसकी सोच , उसका अल्हड़पन मेरी जिंदगी का हिस्सा बन जाएगा ऐसा ख्याल भी मेरे दिमाग में नहीं आया ! उसके साथ रहते हुए मैं अपना अतीत , अपनी उम्र , अपना स्टेटस और अपने विचार सब भूल चुका था ! वो जिंदगी को खुलकर जीती थी और सही मायनो में इसे ही जिंदगी को जीना कहते है बाकि हम सब तो जिंदगी काट रहे थे ! माही के साथ रहते हुए मुझे अहसास हुआ की जिंदगी में छोटी छोटी खुशिया कितनी जरुरी है ! किसी का साथ , किसी का प्यार , किसी की थोड़ी सी परवाह आपके लिए कितनी जरुरी है ये मैंने माही से सीखा ! वो बहुत समझदार लड़की थी सुजैन उसने कभी मुझसे कुछ नहीं माँगा सिवाय प्यार के ! उसने कभी मुझे ये अहसास नहीं होने दिया की मैं उम्र में उस से बड़ा हु ! लेकिन मैं भूल गया था हमारे समाज के उन नियमो को जिनमे बधकर हमे रहना पड़ता है ! माही के पिता से जब सामना हुआ तो पहली बार अपनी उम्र का अहसास हुआ , वो अपनी जगह सही थे दुनिया का कोई भी पिता ये नहीं देख पायेगा ! मैं नहीं चाहता था मेरी वजह से माही अपने माँ बाप की नजरो में गिर जाए इसलिए उसे बिना बताये मैं वहा से चला आया ! वापस आकर मेरा सामना अपने ही परिवार से हुआ मैंने जो किया उसे परिवार स्वीकार कैसे करता ? भाईयो से मिली नफरत और माँ की आँखों में अपने लिए गुस्सा देखकर मेरा हौसला टूट गया ! परिवार मुझे छोड़कर जा चुका था ! ये शुरुआत थी सुजैन उसके बाद ना जाने कितने ही लोगो के मुंह से अपने और माहि के रिश्ते को लेकर गलत सूना और जब बर्दास्त नहीं हुआ तो खुद लो कैद कर लिया अपने कमरे में माही की यादो के साथ ! एक उसकी यादे ही थी जो मुझे तकलीफ से उबार लेती थी ! बहुत सोच विचार के साथ मैंने एक फैसला किया एक लड़की जो मुझे कुछ रोज पहले किसी सेमिनार में मिली थी उस से मैंने एक छोटी सी मदद मांगी ! मैं जानता था माही वापस जरूर आएगी उस वक्त अगर मैं उसे हमारे रिश्ते के बारे में बताता तो वह नहीं समझती !
इसलिए उसकी नजरो में खुद को गिराना बेहतर समझा ! माही जब फ्लेट पर आयी तब वह लड़की मेरे साथ थी और मैंने जान बूझकर माही को वो सब दिखाया जो मैं किसी और लड़की के साथ करने की सोच भी नहीं सकता ! माही ने देखा और वह वहा से चली गयी ! उस वक्त उसका जाना मेरे लिए बहुत दर्दनाक था पर मुझे करना पड़ा ! मैं नहीं चाहता था ये समाज उस पर ऊँगली उठाये , लोग उसे नफरत की नजरो से देखे ! अपने जीवन का आधे से ज्यादा वक्त मैं गुजार चुका था बस कुछ साल और बचे थे लेकिन माही , उसके सामने उसकी पूरी जिंदगी पड़ी थी ! मैं नहीं चाहता था वो जिंदगी मुझ जैसे इंसान पर बर्बाद करे ! अगर मैं समाज को वजह बताकर दूर जाता तो वो कभी मुझे भूल नहीं पाती इसलिए मैंने वो सब किया जिस से माही मुझसे नफरत करने लगे और हमेशा हमेशा के लिए मुझसे दूर चली जाये ! प्यार करना बहुत आसान होता है सुजैन पर अपने प्यार को दुनिया की बुरी नजर से बचाये रखना बहुत मुश्किल है ! प्यार हमेशा क़ुरबानी मांगता है और मुझे ये कुर्बानी देनी पड़ी ताकि माही खुश रह सके !”

ऋषभ की आँखों से आंसू बहने लगे ! सुजैन अपना चेहरा अपने हाथो में छुपाकर फुट फुट कर रो पड़ी और कहने लगी,”इसमें तुम दोनों का कोई दोष नहीं था ऋषभ ! तुम दोनों ने सिर्फ प्यार किया था और उसकी सजा तुम्हे एक दूसरे का दिल तोड़कर मिली ! ऐसा क्यों होता है की ये समाज हमारी खुशियों को बर्दास्त नहीं कर पाते ! तुम बहुत दर्द से गुजरे थे ऋषभ और बिना ये जाने मैंने तुम्हे कुछ भी कह दिया ! मुझे माफ़ कर दो , मुझे माफ़ कर दो ! “
“माफ़ी मत मांगो सुजैन , मैंने कहा ना हर इंसान का अपना अपना नजरिया होता है ! अपने नजरिये से तुम ठीक थी , माही भी ठीक थी , ये समाज भी और शायद मैं भी !”,ऋषभ ने कहा !
सुजैन ने अपने आंसू पोछे और कहा,”उसके बाद तुमने माही को ढूंढने की कोशिश नहीं की !”
“माही उस रोज गयी तो फिर कभी नहीं आयी ! कुछ वक्त बाद उसके पिता आये और उन्होंने बताया की वो बिना बताये हमेशा के लिए कही चली गयी है ! उस वक्त मैं टूट चुका था ! सब से दूर रहने लगा था ! सोसायटी के लोगो ने अपने मन में मेरे लिए एक अलग ही सोच बना ली ! सब मुझसे कटे कटे रहने लगे थे रचना भी ! एक शाम तुम्हारी लायी चिट्ठी से पता चला की माँ नहीं रही तो लगा जैसे सब खो दिया ! कितने सालो बाद अपने शहर गया लेकिन भाईयो की नफरत कभी कम नहीं हुई और आखिर में मैं हमेशा हमेशा के लिए अपना शहर छोड़ आया था ! वह रहकर मैं उनकी आँखों की किरकिरी नहीं बनना चाहता था ! लेकिन मेरी किस्मत यहाँ आने के बाद भी मुझे सबसे नफरत ही मिली सोसायटी के लोगो का मानना था मेरे वहा रहने से उनके बच्चो पर गलत असर पडेगा इसलिए मुझसे वो घर छोड़ने को कहा गया ! एक दोस्त से मदद मांगने जब मैं उसके घर गया तो दरवाजा उसकी बेटी ने खोला उसने मुझे अंदर बैठने को कहा लेकिन मेरा दिल उस वक्त टूट गया जब वही दोस्त अपनी बेटी को मेरे सामने जाने से मना करते हुए डांट रहा था ! मैं वहा से निकल गया ! ये घर ढूंढा एकांत में जिससे किसी को मुझसे परेशानी ना हो ! मैं सब कुछ अपने पीछे छोड़ आया था लेकिन माही की यादें मेरे साथ चली आयी ! उसका अहसास मुझे कभी अकेले नहीं रहने देता !”,ऋषभ कहते कहते रुक गया ! सुजैन उदास आँखों से ऋषभ के चेहरे पर आये भावो को पढ़ने की कोशिश कर रही थी ! ऋषभ ने आगे कहना शुरू किया,” “मरने का फैसला मैंने जज्बातो में आकर नहीं लिया है , ना ही जिंदगी से हारकर ! ये फैसला मैंने बहुत सोच समझकर लिया है ! वो दर्द जिस से मैंने हमेशा भागने की कोशिश की है वो दर्द अब मेरे हिस्से में आ चुका है या यु कहो मेरी आदत बन चुका है ! उस दर्द के साथ मैं जिंदगी काट तो सकता हु पर जी नहीं सकता ! क्या है मेरे पास जिंदगी जीने के लिए ? माँ छोड़कर चली गयी , भाईयो ने पराया कर दिया , दोस्त नजरे चुराने लगे है , और ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,और माही नहीं है !”,कहते हुए ऋषभ की आँखे भर आयी ! उसने रुंधे हुए गले से आगे कहना शुरू किया,”क्या करूंगा मैं ऐसी जिंदगी जीकर जिसमे सिवाय मेरे और कोई नहीं है ! उसकी यादो ने मुझे जिंदगी का मोहताज बना दिया है ! उसका अहसास मुझे हर वक्त अपने होने का यकीं दिलाता है , एक पल के लिए भी मैं उसके ख्यालो से दूर नहीं होता !! एक बड़ी उम्र का आदमी एक कम उम्र की लड़की की और आकर्षित होता है , उसके साथ वक्त बिताना चाहता है इसका एकमात्र मतलब सिर्फ लड़की का जिस्म नहीं होता है बल्कि बढ़ती उम्र के अकेलेपन के डर से वह उस और आकर्षित होता है ! माही के लिए मेरी भावनाओ को किसी रिश्ते में नहीं बांधना चाहता था मैं बस अपनी आखरी साँस तक उस अहसास को महसूस करना चाहता था ! हां ये सच है मैं उस से बहुत प्यार करता था और आज भी करता हु ! आज माही मेरे साथ नहीं है लेकिन मैं कुछ दिन और जीना चाहता हु उन अहसासों के साथ जो सिर्फ मेरे थे ! इस से ज्यादा मैं कुछ नहीं कहना चाहता !! आई ऍम सॉरी”,कहते हुए सर पीछे कुर्सी से लगा लिया आंसुओ की बुँदे आँखों से निकलकर गालो पर बह गयी ! ऋषभ आज भी उस दर्द से गुजर रहा था ! वह सिसकता रहा उसकी सांसो में भी एक अजीब सा दर्द था जो सुजैन को साफ सुनाई दे रहा था ! वह वही बैठी नम आँखो से ऋषभ को देखती रही ! बारिश रुक चुकी थी ठंडी हवाएं चल रही थी ! सुजैन ने घडी देखी जिसमे रात के 3 बज रहे थे ! ऋषभ की कहानी सुनते हुए उसे पता ही नहीं चला कब इतना वक्त निकल गया !
“क्या मैं माही की तस्वीर देख सकती हु !”,सुजैन ने कहा !
“हम्म !”,ऋषभ ने अपनी आँखो के किनारे पोछकर कहा ! वह अपनी जगह से उठा और अंदर चला आया सुजैन भी उसके पीछे पीछे अंदर आयी ! ऋषभ ने कमरे के कोने में रखी माही की उस पेंटिंग को उठाया और सुजैन को दिखाते हुए कहा,”ये है माही की तस्वीर !”
सुजैन ने देखा तो एक पल के लिए उसकी आँखों चुंधिया गयी ! वह एकटक उस तस्वीर को देखती रही और फिर ऋषभ की और देखकर कहा,”ये बहुत खूबसूरत है !”
“जानता हु , पर इस से भी ज्यादा खूबसूरत इसकी आवाज थी !”,कहते हुए ऋषभ ने तस्वीर को वापस उसकी जगह रखा और सुजैन से कहा,”जानती हो वो अंग्रेजी शब्दों का इस्तेमाल बहुत करती थी ! और हर बात पर वो “टेक इट ईजी’ कहा करती थी ! पागल थी वो सच में उसका मानना था की किसी को आप कहकर बुलाने से अजनबी महसूस होता है और इसलिए वो मुझे हमेशा तुम कहकर बुलाया करती थी ! वह कहती थी “री ऐज इज जस्ट अ नंबर इन लव !”
“वह सही कहती थी ऋषभ , ऐज इज जस्ट अ नंबर ! तुम ही उसकी बात को समझ नहीं पाए !”,सुजैन ने ऋषभ की आँखों में देखते हुए कहा ! एक बार फिर ऋषभ की आँखों में नमी तैर गयी उसने बात को टालते हुए कहा,”रात बहुत हो चुकी है , मैं तुम्हे घर तक छोड़ देता !”
“डोंट वरी अहमद से मेरी बात हुई थी मैंने उसे कहा है मैं सुबह तक आ जाउंगी !”,सुजैन ने कहा
“ठीक है फिर मैं तुम्हारे लिए कुछ खाने का इंतजाम कर देता हु !”,ऋषभ ने कहा
“ऋषभ , इस वक्त रहने दो , हां तुम चाहो तो एक कप चाय पिला सकते हो”,सुजैन इस बार हल्का सा मुस्कुरायी !
“तुम बैठो मैं बनाता हु !”,कहकर ऋषभ वहा से चला गया ! सुजैन बाहर बरामदे में आकर खड़ी हो गयी ठण्ड के कारण उसने अपने दोनों हाथो को कोट की जेबो में डाल लिया ! सामने दूर दूर तक कोहरा फैला हुआ था ! रूह जमा देने वाली ठण्ड में भी सुजैन बिना किसी परेशानी के वहा खड़ी ठंडी हवाओ को अपने चेहरे पर महसूस कर रही थी ! ऋषभ के आवाज लगाने पर सुजैन अंदर चली आयी ! दोनों चाय पिने लगे सुजैन से बात करने के बाद ऋषभ काफी हल्का महसूस कर रहा था ! सुजैन ने चाय ख़त्म कर कप टेबल पर रखा और ऋषभ की मुखातिब होकर कहा,”जो हुआ वो सब भूलना तुम्हारे लिए आसान नहीं है शायद लेकिन मैं चाहती हु तुम इस तरह अकेले ना रहो , अकेले रहने से तुम कभी उन यादो से बाहर नहीं निकल पाओगे ऋषभ ! ऑफिस में अब भी तुम्हारी जगह खाली है वो मैंने किसी को नहीं दी तुम चाहो तो फिर से नयी जिंदगी शुरू कर सकते हो !”
“नहीं सुजैन एक बार फिर जिंदगी शुरू करने का हौसला मुझमे नहीं है ! बाहर की दुनिया का सामना अब मैं नहीं कर पाऊंगा ! मैं कुछ यही रहना चाहता हु अपनी यादो के साथ !”,ऋषभ ने गंभीरता से कहा
“मैं तुम्हे फोर्स नहीं करुँगी , पर जब भी तुम्हारा मन हो तुम आ सकते हो !”,सुजैन ने अपनेपन से कहा !
“हम्म्म !”,ऋषभ ने कहा !
“ऋषभ एक बात कहु , मानोगे !”,सुजैन ने कहा
“हां कहो !”,ऋषभ ने कहा !
“आज के बाद सुसाइड का ख्याल अपने दिमाग में मत लाना ऋषभ , अगर ऐसा हुआ तो तुम कायर कहलाओगे ! और तब तुम्हारे अहसासों का कोई महत्व नहीं रह जाएगा !”,सुजैन ने कहा !
“हम्म्म , आज के बाद ऐसा नहीं होगा ! मैं माही को इम्मैच्योर कहता था और आज मैं खुद ही बचकानी हरकत करने जा रहा था !”,ऋषभ ने कहा
“खुद को कभी अकेला मत समझना ऋषभ , तुम्हारी एक शुभचिंतक आज भी तुम्हारे साथ है जो जानती है की तुम गलत नहीं हो !”,सुजैन ने ऋषभ के हाथ पर अपना हाथ रखकर कहा !
ऋषभ ने आँखों ही आँखों में सुजैन का शुक्रिया अदा किया ! अगली सुबह सुजैन वहा से निकल गयी !

दिन बीतते गए और ऋषभ माही की यादो से जुड़ा वही रहने लगा ! कभी कभी सुजैन आकर उस से मिल जाया करती पर ऋषभ वह उस जगह से कभी बाहर ही नहीं निकलता ! बढ़ती उम्र के साथ अब वह कमजोर होंने लगा था शरीर पहले से काफी कमजोर हो चुका था ! आँखे धसने लगी थी न सोने की वजह से आँखों के निचे काले घेरो ने जगह बना ली थी ! दाढ़ी मुछे भी बढ़ चुकी थी पर ऋषभ को कोई फर्क नहीं पड़ा वह बस हर वक्त माही और उसके साथ बिताये पलो के बारे में सोचते रहता था ! दिन महीने साल निकल गए लेकिन माही लौटकर नहीं आयी और ना ही ऋषभ उसे भुला ! 3 साल बाद ऋषभ ऋषभ एक सुबह टहलने निकला ! चाय के बागानों से होते हुए वह आगे बढ़ता जा रहा था ! उसकी आँखों के सामने माही के साथ बिताये पल आने लगे !! चलते चलते ऋषभ लड़खड़ा कर गिर गया उसने गर्दन उठायी तो किसी ने उसकी और अपना हाथ बढ़ाया ऋषभ ने गर्दन उठाकर ऊपर देखा तो उसका दिल धड़क उठा सामने माही खड़ी थी अपना हाथ उसकी और बढ़ाये ! ऋषभ की आँखो में नमी उतर आयी इतने सालो बाद माही उसके सामने खड़ी थी कुछ नहीं बदला था वही चेहरा , वही आँखे बस कपडे अब थोड़े अलग पहनने लगी थी ! ऋषभ ख़ामोशी से माही की और देखता रहा तो माही ने कहा,”री अपना हाथ दो मुझे”
माही की आवाज ऋषभ के कानो में पड़ी तो उसने महसूस किया की उसकी आवाज आज भी वैसी ही सर्द थी ! ऋषभ ने अपना कांपता हुआ हाथ माही के हाथ में दे दिया ! माही ने जब ऋषभ के हाथ को मजबूती से पकड़ा तो ऋषभ को वही पुराना अहसास हुआ जो कभी माही का हाथ थामकर हुआ करता था ! माही ने ऋषभ को उठाया और कहा,”यहा अकेले क्या कर रहे हो ? चाय के बागानों में”
“तुम यहाँ ?”,ऋषभ ने सामने से सवाल किया !
“घर चलकर बात करे !”,माही ने ऋषभ को घूरते हुए कहा !
ऋषभ माही के साथ अपने नए घर आ गया ! माही अंदर आयी और एक नजर घर को देखकर कहा,”हम्म्म नाइस प्लेस ! लेकिन तुम यहाँ ऊटी से इतना दूर रहने लगे हो ! ऐसा क्यों ?”
“लोगो की मौजूदगी अब डराने लगी है”,ऋषभ ने कहा !
माही ने ऋषभ को देखा कितना कमजोर हो गया था वह उसका दिल किया जाकर ऋषभ के गले लग जाये लेकिन खुद को रोक लिया और कहा,”एक ग्लास पानी मिलेगा !”
ऋषभ माही के लिए पानी का ग्लास ले आया माही ने पानी पीकर ग्लास रखा और ऋषभ की और पलटी तो ऋषभ ने बेचैनी से कहा,”तुम यहाँ क्यों आयी हो माही ?”
माही ने ऋषभ से बैठने का इशारा किया और खुद उसके सामने पड़ी कुर्सी पर बैठ गयी ! माही ने ऋषभ की और देखा और कहने लगी,”सालो पहले जिसे लोगो ने मेरा बचपना और पागलपन समझा था वो आज भी है ! वो प्यार ही था जो मुझे यहाँ खींच लाया री ! मेरे घर से तुम्हारे जाने के बाद पापा ने जो शर्त रखी वो मैंने मान ली लेकिन ना तुम आये ना तुम्हारी कोई खबर ! जब तुम नहीं आये तो मैं खुद ऊटी चली आयी ! जब मैं तुम्हारे फ्लेट पर आयी तब तुम्हे जिस हालत में मैंने तुम्हे देखा था दिल तो किया था उसी वक्त तुम्हारा खून कर दू ! (मुस्कुराते हुए ) पर अपने ही हाथो अपने प्यार को नुकसान भला कैसे पहुंचा सकती थी ? “
ऋषभ बिना कीसी भाव के माही को देख रहा था माही ने आगे बोलना शुरू किया,”कितने बेवकूफ हो न तुम , तुम्हे लगा माही जो देखेगी उस पर भरोसा कर लेगी ! हाउ क्यूट ! तुम्हारे साथ रहकर तुम्हे इतना तो जानने लगी थी री , जिस इंसान ने कभी मुझे गलत इरादों से नहीं छुआ वो किसी लड़की के साथ ऐसे , मैं नहीं मान सकती री ! पर उस वक्त मेरा वहा से जाना बहुत जरुरी था वरना वो कैसे होता जो तुमने सोचा था ! तुम चाहते थे मैं तुम्हे गलत समझू और तुम्हारी जिंदगी से चली जाऊ मैं कुछ वक्त के लिए तुमसे दूर चली गयी ! उस वक्त तुम्हे कुछ भी समझाना पॉसिबल नहीं था क्योकि तुम समाज के खोखले नियमो में बंधे थे !! तुमसे प्यार किया है री भरोसा भी तो करुँगी ना तुमने कैसे सोच लिया की तुम्हारे ये सब करने से मैं तुम्हे भूल जाउंगी या नफरत करने लगूंगी ! मैं तो चली गयी पर क्या तुम खुद को उन अहसासों से दूर कर पाए ? क्या भुला पाए मुझे ? नहीं तुम नहीं भूल पाए वो सब क्योकि तुम्हे भी मुझसे प्यार था और शायद आज भी है !”
माही की बात सुनकर ऋषभ की आँखों में आंसू भर आये उसने अपनी गर्दन झुका ली ! माही उसे थोड़ा करीब आयी और उसके दोनों हाथो को अपने नाजुक हाथो में थामकर कहने लगी,”मैं तुम्हे लेने आयी हु री ! हम दोनों यहा बहुत दूर चले जायेंगे , एक नयी जिंदगी शुरू करेंगे !”
“ये मुमकिन नहीं है माही !”,ऋषभ ने रुंधे हुए गले से कहा !
“क्यों ? क्यों पॉसिबल नहीं है ? क्या अब भी तुम्हे अपनी हदो में रहना है , समाज के लोगो की परवाह करनी हैं !”,माही ने गुस्से से कहा
“माही हम उसी समाज का हिस्सा है !”,ऋषभ ने भारी मन से कहा !
“ओह्ह रियली ! तो फिर उस समाज को छोड़कर यहाँ क्या कर रहे हो जंगलो में ? टेल मी ,, री मेरे जाने के बाद ना तुम्हारे परिवार ने तुम्हे अपनाया , ना दोस्तों ने और ना इस समाज ने ! जब उन लोगो ने तुम्हारी परवाह नहीं की तो तुम क्यों कर रहे हो ? क्या तुम्हे हक़ नहीं है खुश रहने का , अपनी जिंदगी जीने का !! ये लोग तुमसे तब भी खफा थे और अब भी रहेंगे ! जब वो नहीं बदल रहे तो तुम क्यों खुद को बदलने में लगे हो ? ! तुमने मुझसे प्यार किया है कोई गुनाह नहीं और इसकी सफाई देने की जरूरत तुम्हे नहीं है ! देट्स इट”,माही ने तड़पकर अपनी जगह से उठते हुए कहा !
ऋषभ ने अपनी गर्दन ऊपर उठायी माही की आँखों में अपने लिए प्यार उसे आज भी दिखाई दे रहा था ! वह उठा और माही को गले लगा लिया ! 4 सालो का इंतजार आँखों से आंसू बनकर बह गया ! माही की आँखो में आंसू आ गए आखिर वह ऋषभ को समझाने में सफल रही की उनका प्यार गलत नहीं था !
माही ने ऋषभ का हाथ पकड़ा और उसे लेकर वहा से कुछ दूर खड़ी अपनी गाड़ी के पास आयी ! उसने ऋषभ के लिए दरवाजा खोला और अंदर बैठने को कहा ! ऋषभ अंदर बैठ माही उसकी बगल वाली सीट पर आ बैठी और ड्राइवर से चलने को कहा ! 3 घंटे के लम्बे सफर के बाद माही ऋषभ को लेकर एक जगह पहुंची ! गाड़ी से उतरकर माही ने ऋषभ का हाथ पकड़ा और उसे लेकर आगे बढ़ गयी कुछ ही दूरी पर सामने एक छोटा सा लेकिन खूबसूरत घर नजर आया ! माही ऋषभ को साथ लेकर चलते रही ! ऋषभ ने देखा चारो और फूलो की क्यारियाँ लगी हुई है ! एक तरफ चाय के बागान है और उसमे से गुजरती पगड़डिया ! माही ऋषभ को लेकर घर के सामने आयी और कहा,”आज से हम यहाँ रहेंगे ! साथ साथ , यहाँ सिर्फ तुम , मैं और हमारे अहसास रहेंगे ! कोई समाज नहीं होगा , कोई सोसायटी नहीं होगी , किसी को हमारी उम्र , हमारा स्टेटस बताने की जरूरत नहीं होगी री !”
ऋषभ ने माही की और देखा और कहा,”तुमने ये सब !”
“तुम्हारे लिए किया है री “,माही ने ऋषभ के बोलने से पहले ही कहा !
“मैंने तुम्हे बहुत तकलीफ दी है माही उसके बाद भी तुम मेरे लिए ये सब , मैं इन सबके लायक नहीं हु !”,ऋषभ ने उदास होकर कहा !
“री मेरा ख्याल रखने वाले इस दुनिया में बहुत लोग है , पर तुम्हारा क्या ? इसलिए मैं वापस आयी हु उम्र के उस दौर में जब तुम्हारे जिस्म में जान नहीं होगी तब मैं तुम्हारा सहारा बनूँगी ! तुम्हारी परवाह करुँगी ,, ऐसे हालात में अगर मैं तुम्हे छोड़कर जाउंगी तो मेरा प्यार तो झूठा हुआ ना !”,माही ने बड़े प्यार से कहा
ऋषभ माही को देखने लगा और कहा,”यकीन नहीं होता तुम्हारी तरह मॉर्डन सोच रखने वाली लड़की ऎसी बाते कर सकती है !”

“इन चारो सालो में यही तो किया है , खुद को तुम्हारे लायक बनाया ! जिसे तुम समाज कहते हो उसे बहुत करीब से देखा मैंने और समझा भी तुम अपनी जगह सही थे री कैसे ये समाज के लोग अपनी बातो और अपने नजरिये से लोगो का जीना दुस्वार कर देते है !”
ऋषभ ने कुछ नहीं किया बस माही को गले लगा लिया और कहा,”मुझे माफ़ कर दो ! मैं तुम्हे समझ नहीं पाया !”
माही मुस्कुराई और कहा,”इट्स ओके री समझने के लिए पूरी जिंदगी पड़ी है !”

बहुत दिनों बाद दोनों साथ साथ खुश थे माही ने अपने हाथो से ऋषभ के लिए खाना और उसे प्यार से खिलाया भी ! दिनभर वह ऋषभ की गोद में सर रखे उसे बीते वक्त की बाते बताती रही ! ऋषभ इत्मीनान से उस सर्द आवाज को अपने कानो पर महसूस करता रहा ! ऋषभ माही के साथ ही रहने लगा माही के साथ और उसके प्यार ने ऋषभ के मन में जो हीनता थी उसे मिटा दिया साथ ही माही की केयर से ऋषभ की तबियत भी सुधर गयी ! देखते देखते एक महीना गुजर गया ! एक शाम माही ने ऋषभ को एक जैकेट दिया और पहनकर बाहर आने को कहा ! माही ने एक ब्लेक रंग का गाउन पहना हुआ था आज वह बहुत सुंदर लग रही थी ! गेट पर खड़ी वह बार बार घडी में समय देख रही थी ! कुछ देर बाद ऋषभ आया ब्लेक जैकेट में वह बहुत ही प्यारा लग रहा था ! माही तो बस उसे देखते ही रह गयी ! ऋषभ उसके पास आया और कहा,”हम कही जा रहे है !”
“हां , आज बहुत ही खास दिन है !”,कहते हुए माही ने ऋषभ का हाथ पकड़ा और उसे लेकर गाड़ी की और बढ़ गयी
कुछ घंटो बाद गाड़ी एक जगह आकर रुकी ! ऋषभ माही के साथ गाड़ी से उतरा ! ऋषभ ने देखा वो एक बड़ा स्टूडियो था जहा फंक्शन्स होते है ! माही उसे पीछे के दरवाजे से अंदर लेकर आयी ! मेकअप रूम में आकर उसने एक लड़की से कहा,”शीना सभी तैयारी हो गयी ?”
“यस मेम ! कुछ देर बाद हमारी मॉडल्स की एंट्री है !”,शीना ने कहा !
माही ऋषभ की और पलटी और कहा,”री टुडे इज माय फर्स्ट शो , विश मी बेस्ट ऑफ़ लक !”
“बेस्ट ऑफ लक माही !”,ऋषभ ने माही के चेहरे को थामकर कहा !
“मेम चले !”,शीना ने माही को एक झीनी जैकेट पहनाते हुए कहा !
“री कुछ देर के लिए तुम यही रुकोगे !”,माही ने ऋषभ से कहा
“स्योर !”,ऋषभ पास रखे सोफे पर बैठ गया और वहा पड़ी मैगजीन उठाकर पढ़ने लगा !
माही शीना के साथ बाहर निकल गयी ! दरवाजे के उस पार रेम्प शो हो रहा था ! माही की बनाई डिजाईन्स पहनकर मॉडल्स ने जब वाक की तो हाल तालियों से गूंज उठा ! माही का दिल तेजी से धड़क रहा था कही कोई गड़बड़ ना हो जाये ! लेकिन सब सही हुआ ! माही के डिजाईन्स को बेस्ट डिजाइन के लिए सेलेक्ट किया गया था ! माही ख़ुशी से उछल पड़ी ! उसे स्टेज पर बुलाया गया माही का दिल तेजी से धड़क रहा था उसने कांपते हाथो से माइक पकड़ा और कहने लगी,”थैंक्यू एवरीवन ! आज मैं बहुत खुश हु ! आपने जो डिजाईन्स देखे वो सभी अपने आप में बेस्ट होगी , पर आज की सबसे बेस्ट डिजाइन मैं आप लोगो के सामने प्रेजेंट करना चाहूंगी ! “
कहकर माही अंदर गयी कुछ देर बाद जब माही बाहर आयी तो उसके साथ ऋषभ था ! ऋषभ को देखते ही सभी हैरानी में पड़ गए ! सामने बैठी ऑडियंस में आहूजा जी , शर्मा जी , अग्रवाल जी , उनकी पत्निया , ऋषभ के दोनों भाई और उनकी पत्निया , रचना , श्रेयस , अल्का जी और माही के मम्मी पापा शामिल थे ! माही ने इन्हे जान बूझकर इन्विटेशन दिलवाया था ! जब इन लोगो ने ऋषभ और माही को साथ देखा तो सब के सब भौचक्के रह गए ! माही ऋषभ का हाथ पकड़कर उसे लेकर माइक के सामने आयी और कहने लगी,”गुड़ इवनिंग गाइज ! जैसा की मैंने कहा मेरी बनाई बेस्ट डिजाईन तो वो ये जैकेट है जो मैंने खुद अपने हाथो से बनाया है किसी के अहसासों को लेकर ! आपके सामने खड़ा ये शख्स “ऋषभ बहल उर्फ़ री” ही इस जैकेट के बनाये जाने की वजह है !
हाल तालियों से गूंज उठा ! ऋषभ ने माही की और देखकर कहा,”ये सब क्या है माही ?”
माही मुस्कुरायी और कहा,”दुनिया के सामने तुम्हे अपना जा रही हु री !” ऋषभ का दिल तेजी से धड़कने लगा उसे लगा ना जाने माही अब क्या करने वाली है माही ने माइक एक बार फिर अपने हाथ में ले लिया और कहने लगी,”आज इस ख़ुशी के मोके पर मैं आप सब लोगो से एक बात शेयर करना चाहती हु ! बहुत जल्द मैं शादी करने जा रही हु री के साथ (ऋषभ की और पलटकर कहती है ऋषभ फ़टी आँखों से बस माही को देखता रहता है)
हॉल में एकदम से शांति छा जाती है और लोग आपस में कानाफूसी करने लगते है ! माही उन्हें शांत करते हुए कहती है,”क्या हुआ कुछ गलत कहा मैंने ? अच्छा अच्छा आप लोग सोच रहे हो कहा री और कहा मैं कम उम्र की लड़की ! मामला कुछ जमा नहीं है ना , बट आई डोंट केयर की आप लोग क्या सोचते है ! मैं इनसे प्यार करती हु और बहुत जल्दी इसने शादी करने वाली हु ! ! पर जब ये ख़ुशी मैंने आपके साथ बाटने की कोशिश की तो आप सबको बुरा लग गया है ना ! लोग क्या कहेंगे ? रिश्तेदार क्या कहेंगे ? समाज क्या कहेगा ? जब एक छोटी लड़की को दहेज़ से बचने के लिए एक 50 साल के आदमी के साथ भी ब्याह दिया जाता है तब कहा जाते है ये लोग ? किसी बिल में छुप जाते है या इन्हे दिखाई नहीं देता ! समाज क्या कहेगा ? प्यार करना क्या गलत है इसके लिए कोई उम्र कोई रंग कोई जात पात नहीं बना है फिर भी इनके नाम पर दो प्यार करने वालो को अलग कर दिया जाता है ! , मार दिया जाता है उनके अहसासों को , रोंध दिया जाता है उनकी ख्वाहिशो को समाज नाम के पेरो तले ! और फिर वही प्यार किसी कोने में पड़ा आखरी साँस ले रहा होता है ! आखिर ऐसा क्यों है हमारा समाज ? क्यों दो लोगो के जज्बातो को उम्र के तराजू में तौला जाता है ! 20 साल का हो या 50 का भावनाये तो सबमे होती है ना ! एक 20 साल के लड़के का दिल टूटे तब भी दर्द होता है !
एक 50 साल के आदमी को भी उतना ही दर्द होता है ! पर ये समाज उसे नहीं समझता है ! देश में आये दिन रेप होते है , किडनेपिंग होती है , बम ब्लास्ट होते है , धर्म के नाम पर लोगो को मारा पीटा जाता है , औरतो के साथ गलत व्यवहार होता है , बुजुर्गो को घर से निकाल देते है वो सब छोड़कर हमारा समाज देखता भी है तो क्या उन दो लोगो को जिन्हे एक दूसरे से प्यार होता है ! और फिर अपनी पूरी ताकत लगाकर उन दो लोगो को या तो अलग कर देंगे या फिर उनका जीना हराम कर देंगे ! क्या मिल जाएगा ऐसा करके ? किसी को ताने मारना , उसे निचा दिखाना , उसे सबकी नजरो में गुनहगार बना देना सिर्फ इसलिए क्योकि उसने अपने से कम उम्र की लड़की से प्यार कर लिया ! महान सोच है ऐसे लोगो की जो खुद भले कितना भी गिर जाये लेकिन सामने वाले को खुश रहने नहीं देंगे ! ! आज मैं आप सबके सामने , समाज के सामने , अपने परिवार के सामने ये कहती हु की हां मैं ऋषभ से प्यार करती हु और दुनिया की कोई भी ताकत मुझे उस से अलग नहीं कर सकती है ! जब वो मेरे साथ नहीं होंगे तब भी मुझे प्यार होगा उनके अहसास से ! अहसासों पर किसी का जोर नहीं है ये कभी भी बदल सकते है ! और समाज के खोखले नियम इन अहसास को दबा सकते है लेकिन ख़त्म नहीं कर सकते है !! ऐज इज जस्ट अ नंबर इन लव , मैं नहीं मानती किसी नियम को मैं बस एक ही नियम जानती हु वो है प्यार , अगर किसी से है तो छुपाओ मत , दबाओ मत उसे पनपने दो वो आपकी जिंदगी को बेहतर और सिर्फ बेहतर बनाएगा ! “
माही की सांसे फूलने लगी थी वह कुछ देर के लिए रुकी और फिर कहा,”आप लोग हमारे रिश्ते को स्वीकार करे ना करे मुझे फर्क नहीं पड़ता है ! मैंने प्यार किया है कोई गलती नहीं की और इसके लिए कानून में कोई सजा नहीं बनी है ! थैंक्यू !”
भीड़ खामोश बैठी थी लेकिन रचना उठी उसने माही के लिए तालिया बजायी जिसे माही देखकर मुस्कुरा दी ! उसने एक नजर आगे बैठे सभी लोगो पर डाली और कहा,”वैसे लोगो को मुझपर गॉसिप करने की आदत है , पर आज किस बात पर करेंगे ! जस्ट अ मिनिट अभी रीजन दे देती हु !”
कहकर माही ऋषभ के सामने आयी और ऋषभ के चेहरे को अपने हाथो में लेकर उसके होंठो को चुम लिया ! समाज , परिवार , दोस्त सब मुंह फाडे माही को देखते रह गए ! प्यार जीत चुका था ! भीड़ में मौजूद यूथ ने माही और ऋषभ के लिए तालिया बजा दी ! जिसे सुनने के बाद आहूजा , शर्मा और अग्रवाल परिवार का वहा बैठना मुश्किल हो गया ! माही ने मजबूती से ऋषभ का हाथ पकड़ा और भीड़ के बीचो बिच से अपनी ट्रॉफी के साथ निकल गयी ! ये उन लोगो के मुंह पर तमाचा था जिन्होंने उनकी भावनाओ को गलत समझा था !
कुछ दिन बाद माही ने ऋषभ से कोर्ट में शादी कर ली ! शादी वाली शाम बागानों के सामने बने घर के बरामदे में बैठे ऋषभ और माही चाय पीते हुए कोहरे को देख रहे थे ! माही ने अपना सर ऋषभ के कंधे पर टिका दिया और कहा,”अगर मैं वापस नहीं आती तो तुम कभी मुझे ढूंढने की कोशिश
नहीं करते ना री ?”
“तुम्हे ढूंढने कहा जाऊंगा माही , खुद में बसे इंसान को भी भला कभी ढूंढने की जरूरत पड़ती है !”,ऋषभ ने माही के बालो को सहलाते हुए कहा ! माही मुस्कुरा दी आख़िरकार उसने समाज के खोखले नियम को अपने प्यार से मात दे दी थी ! उसने अपनी आँखे मूंद ली ऋषभ ने भी आँखे मूंद कर अपना सर माही के सर से लगा लिया ! आँखे मूंदे हुए ऋषभ ने माही से कहा,”तुमने कैसे पता लगा लिया ये इश्क़ ही था माही ?”
माही ने अपने हाथ को ऋषभ के हाथ में कसते हुए सर्द आवाज में कहा ,”बढ़ती उम्र में इश्क़ हो तो समझ जाना चाहिए , जिंदगी फिर से मुस्कुराना चाहती है !”
चाय के बागानों से आती खुशबू उनके चारो और महक रही थी और उसी में महक रहा था उनका प्यार ! !

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समाप्त 🙂

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संजना किरोड़ीवाल

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