Sanjana Kirodiwal

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A Broken Heart – 7

A Broken Heart – 7

A Broken Heart
A Broken Heart

जिया अपनी साइकिल लिए घर पहुंची। अन्धेरा हो चुका था और कही लिली आंटी उस साइकिल को देख ना ले सोचकर जिया ने उसे घर के पार्किंग एरिया में घोष अंकल की गाडी के पीछे छुपा दिया। जिया अंदर चली आयी और सीढिया चढ़कर जैसे ही अपने कमरे में जाने लगी लिली आंटी ने कहा,”आज तुम्हारे साथ सोफी नहीं आयी ?”
“आंटी आज से वो रेस्त्रो में ओवर टाइम करेगी इसलिए उसे आने में देर हो जाएगी , मैं बहुत थक गयी हूँ इसलिए अपने कमरे में जा रही हूँ”,कहते हुए जिया आगे बढ़ गयी। लिली आंटी उसे जाते हुए देखते रही और फिर किचन की तरफ चली आयी। जिया ऊपर कमरे में आयी , उसने गले से बैग निकालकर सोफे पर डाल दिया। अपना जैकेट निकालकर उसे भी बिस्तर पर फेंक दिया और बालो को समेटकर उसमे क्लेचर खोंस लिया। सोफी के बिना आज उसे काफी अकेला महसूस हो रहा था। खाना बनाने का उसका मन नहीं था और सेंडविच खाकर आधा पेट वैसे भी भर चुका था। ठण्ड होने की वजह से उसने अपना हुडी पहन लिया और कमरे में यहाँ वहा घूमने लगी। उसका बिल्कुल नहीं लग रहा था और बाहर वो इस वक्त जा नहीं सकती थी। वह सोफी के बेड की तरफ चली आयी और खिड़की खोल दी। जिया ने खिड़की से बाहर झांककर देखा नीचे गली में कुछ छोटे पिल्ले यहाँ वहा भाग रहे थे उन्हें देखकर जिया को उस पिल्ले की याद आ गयी जो उसे फुटपाथ पर मिला था। जिया उसके बारे में सोचते हुए मुस्कुरा उठी और बड़बड़ाई,”ओह्ह्ह्ह वो कितना मासूम है मुझे उसका कुछ तो नाम रखना चाहिए , उस दिन वो मुझे किस्मत से मिला था क्यों ना मैं उसका नाम “डेस्टनी” रखू ,,आह्ह्ह्ह ये काफी खूबसूरत है। मैं कल फिर उस से मिलने जाउंगी”


जिया अपने ख्यालों में खोई हुयी थी की उसके कानो में लिली आंटी की आवाज पड़ी जिया गिरते गिरते बची उसने खुद को सम्हाला और खिड़की से हटकर नीचे चली आयी।
“आपने मुझे बुलाया ?”,जिया ने नीचे आकर पूछा।
“तुम्हारी रूममेट नहीं है तो जरूर तुमने खाना नहीं बनाया होगा इसलिए ये नूडल्स तुम खा लो , घोष ने अपने दोस्त के घर चला गया है ये उसके हिस्से का है”,लिली आंटी ने बॉउल जिया के सामने करते हुए कहा। नूडल्स देखते ही जिया के मुंह में पानी आ गया। उसने जैसे ही नूडल्स उठाने के लिए हाथ बढ़ाया लिली आंटी ने उसके हाथ पर हलके से मारा और उसे आँखे दिखाते हुए कहा,”पहले जाकर हाथ धोकर आओ”


जिया हाथ धोकर आयी और लिली आंटी के हाथ से बॉउल लेकर वही हॉल में रखे सोफे पर बैठकर नूडल्स खाने लगी। लिली आंटी भी उसके पास पड़े सोफे पर आ बैठी। जिया उन्हें अपने फ़ूड डिलीवरी एक्सपीरियंस के बारे में बताने लगी। बाते करते हुए वह कई बार हैरान होती तो कभी खिलखिलाकर हंस पड़ती। लिली आंटी ने महसूस किया की जिया सच में बहुत प्यारी लड़की थी। नूडल्स खाने के बाद जिया ने किचन में आकर बॉउल और चम्मच धो दिया। बाहर आकर उसने देखा लिली आंटी सोफे पर बैठी स्वेटर बुन रही थी। जिया ने अंगड़ाई ली और उबासी लेते हुए कहा,”गुड नाईट आंटी एंड थैंक्स फॉर डिलिशियस डिनर”


“गुड नाईट”,लिली आंटी ने कहा तो जिया सीढ़ियों से होकर ऊपर अपने कमरे में चली आयी। उसने नूडल्स कुछ ज्यादा ही खा लिए थे इसलिए पेट अब भारी भारी लग रहा था। वह बिस्तर पर आकर गिर गयी। बिस्तर पर गिरे गिरे वह अपनी पलकों को बार बार खोलती और बंद करती।  अगले ही पल उसे ईशान का ख्याल आया आज जब उस बिल्डिंग में ईशान ने उसे उन बुरे लड़को से बचाया था। जिया मुस्कुरा उठी और अपनी आँखे मूँद ली। कुछ देर बाद उसे नींद आ गयी।
रात 10 बजे सोफी घर लोटी। ओवरटाइम करने की वजह से डिनर उसे रेस्त्रो में ही मिल गया। सोफी अंदर आयी उसने देखा जिया सो रही है। उसने अपना बैग रखा और चेंज करने चली गयी। कुछ देर बाद वह चेंज करके वापस आयी। उसने जिया को कम्बल ओढ़ाया और खुद भी अपने बिस्तर पर आकर लेट गयी। सोफी काफी थक चुकी थी इसलिए उसे बिस्तर पर लेटते ही नींद आ गयी।

सुबह सोफी की आँख खुली तो उसने देखा जिया अपने बिस्तर पर नहीं है। बाथरूम में होगी सोचकर सोफी उठी और अपने बालों को समेटकर रबड़ डालते हुए बाथरूम की तरफ आयी और कहा,”आज तुम बड़ी जल्दी उठ गयी जिया,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,जिया,,,,,,,,!!”
कहते हुए सोफी ने बाथरूम का दरवाजा खोला लेकिन जिया वहा नहीं थी। सोफी को हैरानी हुयी की हमेशा उसके बाद उठने वाली जिया आज सुबह सुबह कहा चली गयी। सोफी कमरे से निकलकर बाहर आयी। बाहर जिया नहीं थी वह सीढ़ियों से उतरकर नीचे चली आयी।
“गुड मॉर्निंग बेटा”,घोष अंकल ने कहा
“गुड मॉर्निंग अंकल , आपने जिया को कही देखा है क्या ?”,सोफी ने नीचे आकर कहा


“वो शायद बाहर है”,घोष अंकल ने कहा और फिर से अपना ध्यान अख़बार पढ़ने में लगा लिया। सोफी घर से बाहर चली आयी। बाहर का नजारा देखने लायक था। कल जो साइकिल जिया खरीदकर लायी थी और सोफी जिसे कबाड़ कह रही थी , जिया ने उसका हुलिया ही बदल दिया था। जिया ने साइकिल को हल्के गुलाबी और आसमानी रंग से रंगा था। साइकिल के पुरे हेंडल्स पर फूल पत्तियों का प्यारा सा डेकोरेशन था। साइकिल के आगे छोटी बास्केट लगी थी जिसमे फूलो वाले छोटे गमले थे और उनके पत्तों की बेल बाहर लटक रही थी। साइकिल के पहियों को भी साफ करके अच्छे से चमकाया हुआ था। वो साइकिल अब बिल्कुल नयी लग रही थी। जिया ने सोफी को देखा तो कहा,”हे सोफी ये कितना अच्छा लग रहा है ना ?”
“वाओ जिया तुमने तो इसकी शक्ल ही बदल दी”,सोफी ने जिया के पास आते हुए कहा


“देखा मैं कितनी टेलेंटेड हूँ”,जिया ने अपनी तारीफ में कहा
“हाँ बहुत , अब चलो जल्दी से तैयार हो जाओ हमे रेस्त्रो भी जाना है”,सोफी ने कहा
“ओह्ह्ह्ह मिस्टर दयाल उन्हें तो मैं भूल ही गयी , चलो चलते है”,कहते हुए जिया घर के अंदर चली गयी। सोफी जिया की साइकिल देखकर मुस्कुराई और फिर अंदर चली आयी।जिया और सोफी तैयार होकर रेस्त्रो जाने के लिए बाहर चली आयी। जिया ख़ुशी ख़ुशी अपनी साईकिल पर आ बैठी और सोफी को भी अपने पीछे बैठने का इशारा किया। सोफी जिया के पीछे आ बैठी और कहा,”देखो जिया आराम से चलाना और मुझे गिरा मत देना”
“सोफी क्या तुम मुझे इतनी पागल समझती हो,,,,,,,,,,,,,अभी देखना मेरी साईकिल कैसे हवा से बातें करती है”,कहते हुए जिया ने पैदल मारे और साईकिल आगे बढ़ गयी।

कुछ देर बाद दोनों रेस्त्रो पहुंची लेकिन जैसी जिया थी उसके साथ कुछ ठीक हो जाये ऐसा कुछ हो ही नहीं सकता था। रेस्त्रो के सामने मिस्टर दयाल खड़े थे वे शायद अभी अभी आये थे और रेस्त्रो की तरफ जा ही रहे थे कि जिया ने साईकिल से उनको टक्कर मार दी और सोफी के साथ साथ खुद भी नीचे आ गिरी
मिस्टर दयाल ने सफ़ेद पेण्ट पहनी थी और साईकिल पर लगा कीचड़ उनके कपड़ो पर भी लग गया। उन्होंने देखा तो गुस्से से आग बबूला हो गए जिया पर चिल्लाते हुए कहा,”पागल लड़की ये तुमने क्या किया ? तुमने मेरे सारे कपडे खराब कर दिए,,,,,,,,,,,,,,,तुम्हे दिखाई नहीं देता”
“ओह्ह्ह आई ऍम सो सॉरी मिस्टर दयाल वो एक्चुली मेरी साईकिल का ब्रेक नहीं लगा और मैंने,,,,,,,,,,,,,,,आपके कपडे,,,,,,,,,,मैं इन्हे साफ कर दूंगी”,कहते हुए जिया ने अपने गंदे हाथ अपने कपड़ो पर रखकर उन्हें भी गन्दा कर लिया और ये देखकर मिस्टर दयाल ने अपना सर पीट लिया।

सोफी ने मिस्टर दयाल को गुस्से में देखा तो उनके पास चली आयी और कहा,”मिस्टर दयाल मैं जिया की तरफ से आपसे माफ़ी चाहती हूँ।”
“सोफी तुम्हारे माफ़ी मांगने से इसकी हरकतों में सुधार नहीं होगा,,,,,,,,,,,,,मैं पूछता हूँ ये लड़की अपनी जिंदगी को सीरियस क्यों नहीं लेती ? अब दोनों अंदर जाओ और अपना काम करो”,मिस्टर दयाल ने कहा और वहा से चले गए
सोफी ने जिया की तरफ देखा तो जिया ने अपना निचला होंठ बाहर निकाल लिया। सोफी ने अपना सर झटका और अंदर चली गई। जिया ने अपनी नीचे गिरी साईकिल को देखा और उसे उठाते हुए कहा,”मैं सब सही करने जाती हूँ पता नहीं हर बार मेरे साथ गड़बड़ क्यों हो जाती है ? मिस्टर दयाल फिर मुझसे नाराज है,,,,,,,,,,,,,आई हॉप वो मुझे रेस्त्रो से ना निकाले”


जिया ने अपनी साईकिल को रेस्त्रो की साइड में खड़ा किया और अंदर चली आयी। उसने देखा सोफी काम में लगी है तो वह चुपचाप वाशबेसिन की तरफ चली आयी। उसने अपने कपडे साफ किये और शीशे में खुद को देखा। अपना उतरा हुआ चेहरा जिया को अच्छा नहीं लगा तो वह अगले ही पल मुस्कुरायी और अपने दोनों हाथो को अपने गालों से लगाकर खुद से कहा,”तुम्हे सेड नहीं होना चाहिए , महान लोगो के साथ अक्सर ऐसा होता ही रहता है,,,,,,,,,,,,,,,अब मुस्कुराओ और अपने काम पर लग जाओ,,,,,,,,,,,,,आज रोजाना से ज्यादा डिलीवरी करके तुम्हे मिस्टर दयाल को चौंका देना है।”

अपना मूड ठीक करके जिया सोफी की तरफ आयी और कहा,”क्या आज के लिए कोई आर्डर है ?”
“हाँ ये 3 आर्डर है। इनमे से दो एक ही रूट पर है और तीसरा अलग रूट पर,,,,,,,,,,,!!”,सोफी ने एक स्लिप काउंटर पर रखते हुए कहा
“मैं ये तीनो कर लुंगी,,,,,,,,,,,!”,जिया ने स्लिप को अपनी जेब में रखते हुए कहा
“जिया तुम्हे सिर्फ दो लेकर जाने चाहिए। तीसरा आर्डर मैं किसी और के हाथो भिजवा दूंगी,,,,,,,,,,,!!”,सोफी ने उसकी तरफ देखकर कहा


“तुमने और मिस्टर दयाल ने क्या मुझे नकारा समझ रखा है ? मैं ये तीनो डिलीवरी कर सकती हूँ”,जिया ने थोड़ी ऊँची आवाज में कहा ताकि अपने केबिन में बैठे मिस्टर दयाल को भी सुना सके।
“ओके,,,,,,,,,तुम जा सकती हो”,सोफी ने तीनो ऑर्डर्स काउंटर पर रखते हुए कहा।
 जिया ने सब अपने बैग में रखा। स्कूटर की चाबी उठायी और रेस्त्रो के लोगो का कि पहनकर वहा से निकल गयी। जिया ने पहले दोनों आर्डर दिए और उसके बाद तीसरा आर्डर लेकर आगे बढ़ गयी। जिया ऐड कम्पनी के सामने आकर रुकी आज भी ये आर्डर इसी कम्पनी से आया था लेकिन माया के नाम से,,,,,,,,,,,,,,,,,,!!


जिया ने स्कूटर साइड में लगाया और बैग से सामान लेकर अंदर चली आयी। अंदर आकर उसने रिसेप्शन पर बैठी लड़की से पूछा,”हेलो मेम ! मिस माया के नाम से आर्डर है , क्या आप उन्हें बुला देंगी ?”
लड़की ने फोन पर किसी से कुछ बात की और फिर जिया से कहा,”माया मैडम आपको 4rd फ्लोर पर मिलेगी”
“थैंक्यू,,,,,,,,,,,,,!!”,जिया ने मुस्कुरा कर कहा और लिफ्ट की तरफ बढ़ गयी। चलते चलते उसने वेटिंग एरिया की तरफ देखा जहा उसने पहली बार ईशान को देखा था। जिया गुनगुनाते हुए आगे बढ़ गयी। वह लिफ्ट में चली आयी और 4 नंबर दबा दिया। जिया खुश थी और गुनगुना रही थी आज उसने पहले तीन आर्डर टाइम पर पहुंचा दिए। लिफ्ट 4th फ्लोर पर आकर रुकी।

जिया बाहर आयी उसने देखा उस फ्लोर पर कई चेंबर बने थे वह कन्फ्यूज थी किधर जाए। तभी उसके कानों में कुछ आवाज पड़ी और वह उस दिशा में बढ़ गयी। जिया फ्लोर के कोने में बनी सीढ़ियों की तरफ चली आयी। वहा आकर उसने जो नजारा देखा उसकी आँखे फ़टी की फ़टी रह गयी और मुंह खुला रह गया।
सीढ़ियों के पास कोने में खड़ी एक लड़की और उसका हम उम्र लड़का एक दूसरे के बहुत करीब थे। लड़की ने जैसे ही जिया को वहा देखा जिया ने जल्दी से पलटते हुए कहा,”मैंने कुछ नहीं देखा,,,,,,,,,,,,,!!”
“स्टुपिड गर्ल तुम यहाँ कर रही हो ?”,लड़की ने गुस्से से कहा


“माया मैं बाद में मिलता हूँ”,कहकर लड़का वहा से चला गया। जिया ने माया का नाम सूना तो वापस पलटी और आर्डर माया की तरफ बढाकर अटकते हुए  कहा,”ये आपका आर्डर,,,,,,,,,,,,,,गुड डे , रिव्यू देना मत भूलियेगा प्लीज”

A Broken Heart – 7 A Broken Heart – 7 A Broken Heart – 7 A Broken Heart – 7 A Broken Heart – 7 A Broken Heart – 7 A Broken Heart – 7 A Broken Heart – 7 A Broken Heart – 7 A Broken Heart – 7 A Broken Heart – 7 A Broken Heart – 7 A Broken Heart – 7 A Broken Heart – 7 A Broken Heart – 7 A Broken Heart – 7 A Broken Heart – 7 A Broken Heart – 7 A Broken Heart – 7 A Broken Heart – 7 A Broken Heart – 7 A Broken Heart – 7 A Broken Heart – 7 A Broken Heart – 7 A Broken Heart – 7 A Broken Heart – 7 A Broken Heart – 7 A Broken Heart – 7

क्रमश – A Broken Heart – 8

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संजना किरोड़ीवाल

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जिया अपनी साइकिल लिए घर पहुंची। अन्धेरा हो चुका था और कही लिली आंटी उस साइकिल को देख ना ले सोचकर जिया ने उसे घर के पार्किंग एरिया में घोष अंकल की गाडी के पीछे छुपा दिया। जिया अंदर चली आयी और सीढिया चढ़कर जैसे ही अपने कमरे में जाने लगी लिली आंटी ने कहा,”आज तुम्हारे साथ सोफी नहीं आयी ?”
“आंटी आज से वो रेस्त्रो में ओवर टाइम करेगी इसलिए उसे आने में देर हो जाएगी , मैं बहुत थक गयी हूँ इसलिए अपने कमरे में जा रही हूँ”,कहते हुए जिया आगे बढ़ गयी। लिली आंटी उसे जाते हुए देखते रही और फिर किचन की तरफ चली आयी। जिया ऊपर कमरे में आयी , उसने गले से बैग निकालकर सोफे पर डाल दिया। अपना जैकेट निकालकर उसे भी बिस्तर पर फेंक दिया और बालो को समेटकर उसमे क्लेचर खोंस लिया। सोफी के बिना आज उसे काफी अकेला महसूस हो रहा था। खाना बनाने का उसका मन नहीं था और सेंडविच खाकर आधा पेट वैसे भी भर चुका था। ठण्ड होने की वजह से उसने अपना हुडी पहन लिया और कमरे में यहाँ वहा घूमने लगी। उसका बिल्कुल नहीं लग रहा था और बाहर वो इस वक्त जा नहीं सकती थी। वह सोफी के बेड की तरफ चली आयी और खिड़की खोल दी। जिया ने खिड़की से बाहर झांककर देखा नीचे गली में कुछ छोटे पिल्ले यहाँ वहा भाग रहे थे उन्हें देखकर जिया को उस पिल्ले की याद आ गयी जो उसे फुटपाथ पर मिला था। जिया उसके बारे में सोचते हुए मुस्कुरा उठी और बड़बड़ाई,”ओह्ह्ह्ह वो कितना मासूम है मुझे उसका कुछ तो नाम रखना चाहिए , उस दिन वो मुझे किस्मत से मिला था क्यों ना मैं उसका नाम “डेस्टनी” रखू ,,आह्ह्ह्ह ये काफी खूबसूरत है। मैं कल फिर उस से मिलने जाउंगी”जिया अपनी साइकिल लिए घर पहुंची। अन्धेरा हो चुका था और कही लिली आंटी उस साइकिल को देख ना ले सोचकर जिया ने उसे घर के पार्किंग एरिया में घोष अंकल की गाडी के पीछे छुपा दिया। जिया अंदर चली आयी और सीढिया चढ़कर जैसे ही अपने कमरे में जाने लगी लिली आंटी ने कहा,”आज तुम्हारे साथ सोफी नहीं आयी ?”
“आंटी आज से वो रेस्त्रो में ओवर टाइम करेगी इसलिए उसे आने में देर हो जाएगी , मैं बहुत थक गयी हूँ इसलिए अपने कमरे में जा रही हूँ”,कहते हुए जिया आगे बढ़ गयी। लिली आंटी उसे जाते हुए देखते रही और फिर किचन की तरफ चली आयी। जिया ऊपर कमरे में आयी , उसने गले से बैग निकालकर सोफे पर डाल दिया। अपना जैकेट निकालकर उसे भी बिस्तर पर फेंक दिया और बालो को समेटकर उसमे क्लेचर खोंस लिया। सोफी के बिना आज उसे काफी अकेला महसूस हो रहा था। खाना बनाने का उसका मन नहीं था और सेंडविच खाकर आधा पेट वैसे भी भर चुका था। ठण्ड होने की वजह से उसने अपना हुडी पहन लिया और कमरे में यहाँ वहा घूमने लगी। उसका बिल्कुल नहीं लग रहा था और बाहर वो इस वक्त जा नहीं सकती थी। वह सोफी के बेड की तरफ चली आयी और खिड़की खोल दी। जिया ने खिड़की से बाहर झांककर देखा नीचे गली में कुछ छोटे पिल्ले यहाँ वहा भाग रहे थे उन्हें देखकर जिया को उस पिल्ले की याद आ गयी जो उसे फुटपाथ पर मिला था। जिया उसके बारे में सोचते हुए मुस्कुरा उठी और बड़बड़ाई,”ओह्ह्ह्ह वो कितना मासूम है मुझे उसका कुछ तो नाम रखना चाहिए , उस दिन वो मुझे किस्मत से मिला था क्यों ना मैं उसका नाम “डेस्टनी” रखू ,,आह्ह्ह्ह ये काफी खूबसूरत है। मैं कल फिर उस से मिलने जाउंगी”

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