Sanjana Kirodiwal

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A Broken Heart – 52

A Broken Heart – 52

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A Broken Heart
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A Broken Heart – 52

जिया अपना फोन हाथ में लिए उदास सी बेंच पर बैठी थी सोफी ने देखा तो कहा,”क्या हुआ फोन करो उसे ?”
“उसका नंबर नॉट रिचेबल आ रहा है।”,जिया ने उदासी भरे स्वर में कहा
“तुम एक बार फिर ट्राय करो , हो सकता है उसका फोन नेटवर्क से बाहर हो।”,सोफी ने कहा
“हम्म्म मैं फिर कोशिश करती हु।”,जिया ने कहा और एक बार फिर ईशान का नंबर डॉयल किया लेकिन इस बार भी फोन नॉट रिचेबल ही आ रहा था।

जिया का चेहरा उदासी से घिर गया। मुश्किल से उसे ईशान का नंबर मिला और वो भी नॉट रिचेबल आ रहा था। जिया ने फोन साइड में रख दिया और एक गहरी साँस ली जिसके साथ ही उसकी आँखों में नमी उतर आयी। सोफी ने देखा तो उसके हाथ पर अपना हाथ रखा और धीरे से कहा,”हो सकता है वो नेटवर्क एरिया में ना हो तुम कल सुबह उसे कॉल करके देखना , बाहर बहुत ठण्ड है चलो अंदर चलते है।”


“मैं थोड़ी देर यहाँ रुकना चाहती हूँ तुम अंदर जाओ मैं थोड़ी देर में आ जाउंगी।”,जिया ने उदासी भरे स्वर में कहा
“हम्म्म्म ठीक है , जल्दी आ जाना वरना बाहर रहोगी तो तुम बीमार हो जाओगी।”,सोफी ने कहा और वहा से चली गयी।
सोफी के जाने के बाद जिया आँखों में उदासी लिए सामने खड़ी पड़ी सड़क को देखते रही , ईशान के साथ बिताये पल उसकी आँखों के सामने घूम रहे थे। जिया ने एक बार और ईशान का नंबर डॉयल किया लेकिन जवाब वही था।


जिया उठी और धीमे कदमो से अंदर चली आयी। कुछ देर पहले जो जिया ख़ुशी से उछल कूद रही थी अब वह बेहद उदास थी। जिया ऊपर कमरे में चली आयी उसने देखा सोफी सो चुकी थी। जिया अपने बिस्तर पर चली आयी और फोन साइड टेबल पर रखकर सो गयी। नींद जिया की आँखों से कोसो दूर थी।

अगली सुबह जिया जल्दी उठ गयी। उसने उठते ही सबसे पहले ईशान का नंबर डॉयल किया लेकिन वह नंबर अभी भी नॉट रिचेबल आ रहा था। जिया ने फोन रख दिया अब उसे ईशान को लेकर चिंता होने लगी थी। ईशान को गए इतने दिन हो चुके थे लेकिन ना तो उसका कॉल आया और ना ही जिया की उस से बात हो पायी। ईशान किस हाल में होगा जिया बैठकर ये सोच ही रही थी कि तभी उसका फोन बजा। ईशान का फोन होगा सोचकर जिया ने जल्दी से फोन उठाया और कान से लगाकर कहा,”हेलो ईशान,,,,,,!”


“हेलो मैं मोहम्मद बोल रहा हूँ , तुमने एक महीने का बोलकर मुझसे कर्ज लिया था बताओ वो कब लौटाओगी ?”,दूसरी तरफ से एक भारी आवाज आयी
“ओह्ह्ह मोहम्मद भाई आप हो , मैं जल्दी ही आपके पैसे लौटा दूंगी।”,जिया ने कहा
“देखो तुमने कहा था एक महीने में तुम वापस कर दोगी और एक महीना होने वाला है। उम्मीद है तुम ये तय वक्त पर लौटा दोगी।”,मोहम्मद भाई ने कहा


“हाँ मैं कर दूंगी आप फ़िक्र ना करे।”,जिया ने कहा
“ठीक है,,,,,,,,,,!”,कहकर मोहम्मद भाई ने फोन रख दिया।
जिया ने फोन अपने होंठो से लगा लिया। वह अपने कबर्ड के पास चली आयी और उसे खोलकर उसमे कुछ ढूंढने लगी।
“ये तो बहुत थोड़े रूपये है और सेलेरी आने में भी अभी वक्त है , मैने मोहम्मद भाई को कह तो दिया कि मैं पैसे लौटा दूंगी पर पैसो का इंतजाम होगा कहा से ?


क्या मुझे सोफी से उधार लेना चाहिए ? नहीं अगर सोफी को इस बारे में पता चला तो वह मुझसे नाराज हो जाएगी। मिस्टर दयाल से भी मैं और उधार नहीं मांग सकती उन्होंने पहले ही मुझे काफी पैसे दे रखे है। इतने पैसे कहा से आएंगे ? अगर ईशान यहाँ होता तो वो मेरी मदद जरूर करता,,,,,,,,,,,,,,लेकिन वो ना जाने किस हाल में होगा ? वो ठीक तो होगा ना ? हे भगवान वो जहा भी हो बस ठीक हो , मम्मा प्लीज प्लीज वो किसी परेशानी में तो बिल्कुल ना हो।”


“जिया तुम सुबह सुबह वहा क्या कर रही हो ?”,सोफी ने नींद से उठते हुए कहा
“अह्ह्ह वो मैं नहाने के लिए कपडे ले रही थी।”,जिया ने हाथ में पकडे कुछ नोटों को अपने कपड़ो के नीचे दबाते हुए कहा
“जिया क्या तुम कही जा रही हो ?”,सोफी ने पूछा
“अह्ह्ह्ह नहीं मैं बस जल्दी उठ गयी तो सोचा नहा लेती हूँ।”,जिया ने कपडे लेकर कबर्ड बंद करते हुए कहा
“लेकिन सुबह सुबह ठण्ड ज्यादा होती है तुम बाद में नहा लेना।”,सोफी ने उठते हुए कहा


“नहीं इतनी ज्यादा भी नहीं है वैसे मैंने गीजर ऑन कर दिया है मैं नहाकर आती हूँ।”,जिया ने बाथरूम की तरफ जाते हुए कहा
“अच्छा ठीक है मैं अपने लिए कॉफी बना रही हूँ क्या तुम भी थोड़ी लेना चाहोगी।”,सोफी ने पूछा
“हाँ जरूर !”,कहते हुए जिया ने दरवाजा बंद कर लिया। बाथरूम में आकर उसने अपने कपडे रेंक पर रखे और खुद कमोड पर आ बैठी और अपना सर पकड़ लिया। एक तरफ वह ईशान को लेकर परेशानी में थी और दूसरी परेशानी मोहम्मद भाई के रूप में उसके सामने थी।

जिया को जल्द से जल्द कुछ पैसो का इंतजाम करना था लेकिन कैसे वो नहीं समझ पा रही थी ? पहली बार जिया इतना परेशान थी और वह इसमें सोफी को शामिल बिल्कुल नहीं करना चाहती थी क्योकि जिया ने सबसे छुपकर मोहम्मद भाई से पैसे उधार लिए थे।
“जिया कॉफी तैयार है , तुम्हे और कितना वक्त लगेगा ?”,सोफी की आवाज से जिया की तंद्रा टूटी वह उठी और जल्दी से नहाकर बाहर चली आयी।

जिया के बाल छोटे थे जिन्हे वह रोज धोया करती थी। जिया अपने बालो को पोछते हुए बाहर आयी सोफी ने देखा तो कहा,”तुम सच में पागल हो इतनी सुबह सुबह तुमने बाल क्यों धोये है ? तुम्हे ठंड लग जाएगी,,,,,,,,,,,,,,लो तुम ये कॉफी पकड़ो और ये टॉवल मुझे दो मैं तुम्हारे बाल सूखा देती हूँ।”
जिया ने अपने दोनों हाथो में कप थाम लिया।

सोफी टॉवल लेकर जिया के पीछे चली आयी और उसके बालो को पोछने लगी।
“सोफी कितनी अच्छी है , इसे मेरी कितनी परवाह है। मुझे सोफी से पैसो वाली बात छुपानी नहीं चाहिए। क्या मुझे इसे सब बता देना चाहिए ?”,जिया ने मन ही मन खुद से कहा
“क्या हुआ ? पिओ ना कॉफी ठंडी हो जाएगी।”,सोफी ने कहा तो जिया की तंद्रा टूटी
“हाँ हाँ मैं पी रही हूँ। कॉफी के लिए तुम्हारा शुक्रिया।”,जिया ने कॉफी का एक घूंठ भरकर कहा


“इसमें शुक्रिया कैसा जिया ? वैसे आज तुम कुछ बदली बदली नजर आ रही हो। क्या तुम किसी बात को लेकर परेशान हो जिया ? देखो अगर ऐसा है तो तुम मुझे बता सकती हो।”,सोफी ने जिया के सामने आकर अपनेपन से कहा
“नहीं नहीं ऐसी कोई बात नहीं है , क्या मैं तुम्हे परेशान लग रही हूँ ? देखो ऐसा बिल्कुल नहीं है,,,,,,,,,,,,!”,जिया ने जबरदस्ती अपने होंठो पर बड़ी सी मुस्कान लाकर कहा।


“अब लग रही हो तुम जिया , अच्छा सुनो मैं कमरे की सफाई कर देती हूँ तब तक तुम जाकर दूध और ब्रेड्स ले आओगी , सब खत्म हो चुका है।”,सोफी ने कुछ पैसे जिया की तरफ बढ़ाकर कहा

“बाहर जाउंगी तो हो सकता है मुझे कोई सोलुशन मिले,,,,,,,,,,,,,हाँ ये ठीक रहेगा।”,जिया ने मन ही मन खुद से कहा और फिर सोफी से पैसे लेकर कहा,”हाँ मैं ये कर लुंगी।”
“ठीक है ध्यान से जाना और ब्रेड्स अच्छे से देखकर लाना , ध्यान ना देने पर दुकान वाले पुराना ब्रेड भी दे देते है।”,सोफी ने अपने बालों को बांधते हुए कहा


जिया ने अपने गले में बैग डाला और वहा से चली गयी। ठण्ड से बचने के लिए उसने अपना हुडी पहन लिया।
नीचे आकर जिया ने अपनी साईकल उठायी और वहा से चली गयी।

सोफी ने जिया को दूध और ब्रेड लाने भेजा था लेकिन वह वहा ना जाकर लिली आंटी के पुराने घर के सामने चली आयी जहा ईशान रहता था। जिया साइकिल से नीचे उतरी और दरवाजे के पास आकर उस घर को देखने लगी जहा ईशान रहता था लेकिन उस घर पर अब ताला लगा हुआ था। जिया को ईशान का ख्याल आने लगा। जिया के चेहरे पर उदासी उभर आयी और आँखों में नमी तैरने लगी। जिया कुछ देर वहा खड़े रही और फिर अपनी साइकिल लेकर आगे बढ़ गयी।

जिया को बाहर घूमते हुए काफी वक्त हो चुका था लेकिन उसे अपनी प्रॉब्लम का सोलुशन नहीं मिला। जब उसे सोफी की बात याद आयी तो वह दूध और ब्रेड लेने दुकान की तरफ चली गयी।
जिया अभी कुछ दूर ही चली थी कि उसे सामने से आती माया दिखाई दी। माया सुबह सुबह मॉर्निंग वाक करके आ रही थी। उसे देखते ही जिया ने साइकिल को रोका और कहा,”हे माया !”


जिया को देखते ही माया का अच्छा खासा मूड एकदम से खराब हो गया और उसने अपना ललाट सहलाते हुए कहा,”ओह्ह्ह तुम फिर आ गयी , तुम क्या हमेशा मेरा पीछा करती रहती हो ?”
“अह्ह्ह तुम्हे ये क्यों लगता है मैं तुम्हारा पीछा कर रही हूँ ? तुम इतनी भी सुन्दर नहीं हो।”,जिया ने मुंह बनाकर कहा
“स्टुपिड गर्ल,,,,,,,,,,,तुमसे बहस करके सुबह सुबह मुझे अपना मूड खराब नहीं करना।”,कहकर माया आगे बढ़ जाती है।


माया को जाते देखकर जिया ने ने जल्दी से अपनी साइकिल को स्टेण्ड पर लगाया और दौड़कर माया के पीछे आयी। जिया माया के सामने चली आयी और उसे रोकते हुए कहा,”अह्ह्ह सुनो मुझे तुमसे कुछ बात करनी है,,,,,,,,,,,,,,,!”
“लेकिन मुझे तुम से कोई बात नहीं करनी।”,माया ने बेरुखी से कहा
“ओह्ह्ह प्लीज दो मिनिट मेरी बात सुन लो,,,,,,,,,प्लीज प्लीज प्लीज फिर मैं तुम्हे कभी परेशान नहीं करुँगी।”,जिया ने रिक्वेस्ट करते हुए कहा


“ओहके , जल्दी बोलो क्या बात है ?”,माया ने ऐटिटूड भरे स्वर में कहा
“क्या तुम जानती हो ईशान कैसा है ?”,जिया ने एकदम से पूछा
“व्हाट ? मुझे कैसे पता होगा वो कैसा है ? हम दोनों अब साथ नहीं है ये जानती हो तुम और मेरी उस से कोई बात भी नहीं हुई है।”,माया ने हैरानी से कहा
“हाँ मैं जानती हूँ,,,,,,,,,,ये छोडो क्या तुम मुझे उसका नंबर दे सकती हो ?”,जिया ने पूछा


“मेरे पास उसका नंबर भी नहीं है !”,माया ने कहा
“ऐसा कैसे हो सकता है ? तुम उसके इतना करीब रही हो तुम्हे उसके बारे में कुछ तो पता होगा ना,,,,,,,,,,,,,नंबर तक नहीं है उसका।”,जिया ने हैरानी से कहा
“मेरे पास उसका सिर्फ एक ही नंबर था वो अब काफी टाइम से बंद है और मैंने कल शाम ही उसे डिलीट भी कर दिया।”,माया ने कहा


“हाव्व तुम कितनी सेल्फिश हो , ईशान से रिश्ता नहीं रहा तो तुमने उसका नंबर भी डिलीट कर दिया , कल को तुम उसे भूल भी जाओगी।”,जिया ने लगभग माया पर चढ़ते हुए कहा
“अह्ह्ह तुम कितनी अजीब हो , ईशान ने तुम्हे दोस्त चुना सोचकर ही मुझे अफ़सोस हो रहा है।”,माया ने जिया को खुद से दूर करके कहा

“हाँ तुम अफ़सोस कर सकती हो,,,,,,,,,,,,ना जाने वो किस हाल में है। उसका सपना पूरा होने वाला था जिसके लिए वो बैंगलोर चला गया लेकिन वहा जाने के बाद उसने ना मुझसे बात की और ना ही उसका कोई मैसेज आया। मैंने उसे फोन किया लेकिन उसका नंबर नॉट रिचेबल था। मुझे लगा तुम्हारे पास उसका कोई दूसरा नंबर होगा या जानकारी होगी पर तुम भी नहीं जानती वो कहा है ?”,जिया ने खोये हुए स्वर में कहा


माया ने सूना तो उसे जिया का मजाक उड़ाने का मौका मिल गया और उसने हँसते हुए कहा,”ओह्ह्ह तो ये बात है , मुझे तो पहले ही पता था कि ईशान एक वक्त बाद तुम्हारे साथ यही करेगा। उसका फोन बंद नहीं है बल्कि उसने जान बूझकर बंद किया होगा तुमसे बचने के लिए,,,,,,,,,,,,वो तुम्हे बेवकूफ बनाकर तुमसे दूर जा चुका है।”
“ऐसा कुछ नहीं है ईशान ऐसा लड़का नहीं है।”,जिया ने कहा


“हा हा हा ये तुम कह रही हो , तुम ईशान के साथ 6 महीने रही हो और मैं 6 साल , मैं तुम्हे उस से ज्यादा ही जानती हूँ ,, जब उसे किसी की जरूरत थी तो उसने तुम्हारा सहारा लिया और जब उसे लगा कि उसका सपना पूरा होने जा रहा है तो वो तुमसे दूर चला गया। ईशान एक सेल्फिश लड़का है जो अपनी ख़ुशी के लिए कुछ भी कर सकता है। तुम्हे क्या लगता है मैंने उस से ब्रेकअप क्यों किया होगा ?

तुम सच में एक बेवकूफ लड़की हो जिया जो ईशान जैसे लड़के के पीछे अपना वक्त बर्बाद कर रही है। वो इस शहर में अब बिल्कुल नहीं आएगा और अगर आया भी तो तुम जैसी लड़कियों को वो मुंह भी नहीं लगाएगा।”,माया ने जहर उगलते हुए कहा
“बस करो माया,,,,,,,,,,,!!”,जिया ने गुस्से और तकलीफ भरे भावो के साथ कहा


“सच सुनने में तकलीफ हो रही होगी ना जिया , पर सच यही है कि तुम एक निहायती बेवकूफ लड़की हो और धीरे धीरे ये तुम्हे खुद समझ आ जाएगा।”,कहते हुए माया ने जिया को साइड में किया और वहा से चली गयी

ईशान का फोन ना लगने की वजह से जिया पहले ही उदास थी अब माया की बातो ने उसे और परेशान कर दिया। जिया अब पहले से ज्यादा उदास हो गयी। माया की कही बाते उसके कानो में गूंजने लगी और कही ना कही वो बाते जिया को इफ़ेक्ट भी कर रही थी। अंदर ही अंदर जिया को एक दर्द महसूस हो रहा था और ये क्या था जिया खुद भी नहीं समझ पा रही थी।

वह अपनी साइकिल के पास चली आयी और उसे लेकर दुकान की तरफ चल पड़ी। साइकिल चलाते हुए जिया के कानो में अभी भी माया की बातें चल रही थी। जिया ने ध्यान नहीं दिया और साइकिल सामने से आती बाइक से जा टकराई। जिया अपनी साइकिल समेत नीचे आ गिरी। उसका हाथ थोड़ा सा छील गया और खून आने लगा। बाइक वाला तेजी से वहा से निकल गया।

दर्द की वजह से जिया की आँखों में आँसू भर आये वह वही सड़क पर बैठी उस बाइक वाले को जाते हुए देखते रही। सुबह सुबह उस जगह ज्यादा भीड़ नहीं थी बस इक्का दुक्का लोग ही थे लेकिन किसी ने भी जिया पर ध्यान नहीं दिया।
जिया रोआँसा हो गयी तभी एक लड़का अपनी गाड़ी से नीचे उतरा और जिया के पास आकर कहा,”हे तुम ठीक हो न ? तुम्हारे हाथ से तो खून निकल रहा है , क्या मैं तुम्हे हॉस्पिटल तक छोड़ दू ?”


जिया ने देखा वह लड़का कोई और नहीं बल्कि देवांश था। जिया ने जैसे ही देवांश की तरफ देखा देवांश ने कहा,”अरे तुम ! तुम तो वही हो न जो ऐड कम्पनी में फ़ूड डिलीवरी करने आती हो ?”
“हाँ पर अब वहा से आर्डर आने बंद हो गए है !”,जिया ने अपनी चोट को भूलकर कहा तो देवांश मुस्कुराने लगा और कहा,”कोई बात नहीं मैं आज ही आर्डर कर दूंगा , पर उस से पहले तुम्हे हॉस्पिटल जाने की जरूरत है। चलो उठो,,,,,,,,,,,,,,!!”


“अगर मैं हॉस्पिटल गयी तो मुझे वहा इलाज के लिए पैसे भरने होंगे और अभी मेरे पास पैसे नहीं है।”,जिया ने मन ही मन खुद से कहा
“क्या हुआ क्या सोचने लगी ? चलो उठो,,,,,,,,,,,,!!”,देवांश ने कहा
“अह्ह्ह नहीं तुम्हारा शुक्रिया , ये बस मामूली सी चोट है ठीक हो जाएगा इसके लिए हॉस्पिटल जाने की जरूरत नहीं है।”,जिया ने अपनी साइकिल उठाते हुए कहा


“आर यू स्योर ?”,देवांश ने पूछा
“हां मैं ठीक हूँ और मैं घर जा सकती हूँ,,,,,,,,,,!”,जिया ने कहा
“ओके देन बाय और हाँ जरा ध्यान से,,,,,,,,,!”,देवांश ने कहा और अपनी गाड़ी की तरफ चला गया। गाड़ी जिया के सामने से निकली और आगे बढ़ गयी।

देवांश को जाते देखकर जिया बड़बड़ाई,”ये माया का फियोंसी कितना अच्छा है एक फ़ूड डिलीवरी गर्ल के लिए भी ये कितना पोलाइट है और वो चुड़ैल माया जब देखो तब काटने को दौड़ती है,,,,,,,,,,,,,,,,हुंह वो बहुत बुरी है , बहुत ज्यादा बुरी है। कितना अच्छा हो अगर सोफी की जिंदगी में भी ऐसा ही लड़का आये,,,,,,,,,,,,,तो सोफी कितनी लकी होगी ना !!”
किसी गाड़ी के हॉर्न से जिया की तंद्रा टूटी और वह वहा से चली गयी

जिया बिना दूध और ब्रेड लिए घर चली आयी। सोफी ने जिया को खाली हाथ देखा तो कहा,”जिया क्या तुम दूध और ब्रेड लेकर नहीं आयी ? और ये तुम्हारे हाथ को क्या हुआ ?”
“अह्ह्ह मेरा एक छोटा सा एक्सीडेंट हो गया था इसी वजह से मैं दूध और ब्रेड के बारे में भूल गयी।”,जिया ने बैठते हुए कहा


“मैं इसकी ड्रेसिंग कर देती हूँ।”,सोफी ने दवाई का डिब्बा उठाकर जिया की तरफ आते हुए कहा और उसके बगल में आ बैठी। सोफी ने दवा निकाली और घाव को साफ करते हुए कहा,”अच्छा जिया क्या तुम्हारी ईशान से बात हुई ?”
“अगर मैंने सोफी को सच बताया तो सोफी परेशान हो जाएगी , बीती रात वो मेरे और ईशान के रिश्ते को लेकर कितनी खुश थी। नहीं नहीं मुझे सोफी को सच नहीं बताना चाहिए। मुझे माफ़ करना मॉम मुझे सोफी से झूठ बोलना पड़ेगा।”,जिया ने मन ही मन खुद से कहा


“जिया कहा खो गयी बताओ न तुम्हारी ईशान से बात हुई या नहीं ?”,सोफी ने जिया के कंधे को हिलाकर कहा
“अह्ह्ह हा कुछ देर पहले ही उसका फोन आया था , मेरी उस से बात हुयी,,,,,,,,,,,,,,पता है मैंने उसे बहुत डांट लगायी और कहा कि उसने मुझे फोन क्यों नहीं किया ? बेचारा सॉरी बोल रहा था और उसने बताया कि उसके पास वहा बहुत सारा काम होता है तो उसे टाइम नहीं मिला। उसने ये भी कहा कि वो जल्दी ही हम सब से मिलने दिल्ली आएगा।”,जिया ने अपने दिल पर पत्थर रखकर सोफी से झूठ बोला


सोफी ने सुना तो मुस्कुरा उठी और कहा”चलो अच्छा है ईशान का फोन आ गया और तुम्हारी उस से बात हो गयी। एक पल को तो मुझे लगा जैसे वहा जाकर कही वो तुम्हे भूल तो नहीं गया,,,,,,,,,,पर अब मैं खुश हूँ बस इस बार ईशान आये तो उसे अपने दिल की बात बता देना ताकि तुम दोनों हमेशा हमेशा के लिए एक दूसरे के साथ रह जाओ।”


सोफी की बात सुनकर जिया की आँखों में नमी तैर गयी और आँख में ठहरी आंसू की एक बूँद नीचे आ गिरी लेकिन सोफी ने जिया के आंसुओ को नहीं देखा उसका ध्यान जिया के हाथ की पट्टी करने में था।

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