Sanjana Kirodiwal

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A Broken Heart – 62

A Broken Heart – 62

A Broken Heart
A Broken Heart

A Broken Heart – 62

जिया ईशान के कहने पर अवार्ड फंक्शन में आयी थी और वहा उसकी मुलाकात माया से हो गयी। माया ने ईशान को कॉल किया और जब ईशान ने कहा कि माया उसकी जिंदगी में वापस आ सकती है तो जिया का दिल टूट गया। उसे एक घुटन सी महसूस होने लगी। वह एक पल के लिए भी वहा रुकना नहीं चाहती थी इसलिए तुरंत वहा से निकल गयी।

जिया तेजी से कदम बढ़ाते हुए बाहर आयी उसकी आँखो में आँसू भरे हुए थे और वह खुद को ठगा हुआ सा महसूस कर रही थी। बाहर आकर जिया ने एक गहरी साँस ली उसने अपने आँसुओ को अपनी आँखों में ही रोक लिया जिस से उसे बहुत तकलीफ हो रही थी। शाम हो चुकी थी और धीरे धीरे सूरज ढलने लगा था। जिया के कानो में ईशान और माया की बातें गूंजने लगी। उसने सामने से गुजरते ऑटो को रोका और उसमे आ बैठी।
“कहा जाना है मैडम ?”,ऑटो वाले ने पूछा


“कही भी,,,,,,,,,,,,बस चलो यहाँ से !”,जिया ने कहा तो ऑटो वाले ने ऑटो आगे बढ़ा दिया।
आधे घंटे तक ऑटो वाला जिया को लेकर दिल्ली की सड़को पर घूमता रहा लेकिन जिया खामोश थी। ऑटोवाला भी परेशान था कि आखिर वह जिया को कहा लेकर जाये इसलिए कहा,”मैडम आपको कहा जाना है प्लीज बताईये , मैं तब से बस घूम ही रहा हूँ।”
“यही रोक दो !”,जिया ने अपनी ख़ामोशी तोड़ते हुए कहा


ऑटोवाले ने ऑटो साइड में लाकर रोक दिया। जिया नीचे उतरी और ऑटो का किराया चुकाकर पैदल ही फुटपाथ पर चल पड़ी। सूरज अब ढल चुका था और हल्का अन्धेरा हो चुका था। सड़क और दुकानों की लाइट्स जल चुकी थी। जिया ख़ामोशी से सर झुकाये चले जा रही थी। चलते चलते वह विंग रेस्त्रो के फुटपाथ पर पहुंची जहा डेस्टिनी रहता था। काफी दिनों से जिया डेस्टिनी से नहीं मिली थी। जिया अपने ख्यालो में खोयी चल रही थी इसलिए उसे ध्यान नहीं रहा कि वह डेस्टिनी के बगल से निकली है।


डेस्टिनी ने देखा आज जिया बिना कुछ कहे बिना उस से मिले चली गयी तो वह भागकर जिया के पास आया और उसकी पेंट पकड़ ली।
जिया को महसूस हुआ तो वह रुक गयी। उसने देखा नीचे डेस्टिनी उसके पैरो में खड़ा है और उसे ही देख रहा है। डेस्टिनी को देखते ही जिया को लगा जैसा उसका कोई अपना खड़ा है वह घुटनो को बल बैठी और डेस्टिनी को गले लगा लिया। जिया ने कुछ नहीं कहा बस ख़ामोशी से आँखे मूंदे डेस्टिनी की मौजूदगी को महसूस करते रही।

 कुछ देर बाद जिया डेस्टिनी से दूर हटी और मायूस होकर डिवाइडर पर आकर बैठ गयी। डेस्टिनी जिया के पास आया और भोंका जैसे पूछ रहा हो कि जिया को क्या हुआ है ? जिया एकटक सामने सड़क पर गुजरती गाड़ियों को देखते रही। डेस्टिनी ने देखा जिया आज बहुत उदास है तो वह भी उसके बगल में आकर बैठ गया। जिया का हाथ डेस्टिनी की पीठ पर चला आया वह धीरे धीरे उसके मुलायम बालों को सहलाने लगी।

जिया का स्पर्श डेस्टिनी को अच्छा लग रहा था। जिया को एकदम से ईशान की याद आ गयी और वह धीमे स्वर में डेस्टिनी से कहने लगी,”ईशान लौट आया है डेस्टिनी , वो अपने शहर में वापस आ गया है इतने वक्त बाद जब उस शाम उसे देखा तो दिल किया दौड़कर उसके गले लग जाऊ लेकिन मैं उस से नाराज थी इसलिए मैंने ऐसा नहीं किया।

उसने मेरे लिए नए कपडे खरीदे , मुझे एक अच्छा मजेदार लंच करवाया , उसने मेरे साथ बहुत सारा टाइम भी स्पेंड किया जो कि मेरे लिए प्राइसलेस था। वो पल मैं कभी नहीं भूल सकती डेस्टिनी जब वो मेरे करीब था। जब वो यहाँ नहीं था तब मैंने अपने दिल को समझा लिया था कि ये अहसास एकतरफा है लेकिन नहीं डेस्टिनी ईशान से दोबारा मिलने के बाद लगने लगा जैसे उसके दिल में भी मेरे लिए कुछ है,,,,,,,,,,,,,,ईशान अच्छा लड़का है डेस्टिनी ना उसने मुझे कभी ज्यादा दिया ना कभी कम वह हमेशा एक जैसा रहा 

एक अच्छा दोस्त बनकर,,,,,,,,,,,,,,,,पर क्या ये रिश्ता सिर्फ दोस्ती तक सिमित था डेस्टिनी , कभी कभी लगता है हाँ और कभी कभी लगता है नहीं। ईशान मुझे बहुत पसंद है , मैंने खुद के बाद पहली बार ईशान को इतना ज्यादा पसंद किया है। जब वो साथ होता है तो मुझे सब सही लगता है , हर मुश्किल आसान लगती है। उसके साथ मैं बुरी से बुरी परिस्तिथि में भी मुस्कुरा सकती हूँ। उसकी बातें मैं घंटो सुन सकती हूँ बिना बोर हुए।

उसके साथ मुझे हर मौसम अच्छा लगता है। जब वो स्माइल करता है तो लगता है सब सही है और उसकी एक स्माइल के लिए सब करने को तैयार हूँ,,,,,,,,,,,,,,,हाँ क्योकि मैं उस से प्यार करती हूँ,,,,,,,,,,,,,,,,,बहुत ज्यादा प्यार करती हूँ लेकिन मैं उस से ये कभी कह नहीं सकती , अगर मैंने कहा तो मेरा मजाक बन जाएगा। क्या तुम जानते हो डेस्टिनी ईशान दिल्ली वापस क्यों आया है ? सालों से वह जो सपना देखते आ रहा था एक बेस्ट आर जे बनने का आज वो पूरा होने जा रहा है डेस्टिनी,,,,,,,,,,

हाँ उसे बेस्ट आर जे का अवार्ड मिलने वाला है उसी शहर मे जहा से उसने अपने सपने के लिए शुरुआत की थी,,,,,,,,,,,,और यकीन मानो डेस्टिनी उसके लिए मुझसे ज्यादा खुश और कोई नहीं है। ईशान ने मुझसे अवार्ड फंक्शन में आने को कहा था मैं वहा गयी भी थी लेकिन,,,,,,,,,,,,,,,,,लेकिन वहा माया आ गयी। वो लड़की मुझे बुरी नहीं लगती है डेस्टिनी ,

मुझे कोई भी बुरा नहीं लगता लेकिन उसकी बातें बहुत कड़वी और दिल दुखाने वाली होती है। आज भी उसने अपनी बातो से मेरा दिल दुखाने की कोशिश की पर मुझे बुरा नहीं लगा पर जब ईशान ने “हाँ” कहा तो मेरा दिल टूट गया।
आज पूरा दिन वो मेरे साथ था , मुझे बहुत स्पेशल फील करवाया और शाम होते होते मुझे लगने लगा जैसे वो भी मुझसे उतना,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

ओह्ह्ह्ह डेस्टिनी मैं कितनी बड़ी बेवकूफ हूँ , मैंने ये कैसे मान लिया कि ईशान भी मुझसे प्यार करता है। अगर वो मुझसे प्यार करता तो माया से कभी हाँ नहीं कहता , उसने जो डायमंड रिंग ली और वो शायद माया के लिए ही थी। ईशान माया से प्यार करता है और शायद मैं ही उन दोनों के बीच आ गयी। ओह्ह्ह डेस्टिनी मैं सच में बहुत शर्मिन्दा हूँ


मैं दुखी हूँ मुझे रोना आ रहा है लेकिन मैं कहा जाऊ ? लिली आंटी , घोष अंकल और सोफी सबको लगता है ईशान मेरे लिए वापस आया और मुझे उस अपने दिल की बात कह देनी चाहिए। अगर मैंने उन्हें बताया तो उनका दिल टूट जाएगा , उन्हें बहुत दुःख होगा,,,,,,,,,,,,,,,,,इस हाल में मैं घर भी नहीं जा सकती डेस्टिनी , घर पर सोफी होगी , लिली आंटी होंगी अगर उन्होंने पूछा तो मैं उनसे क्या कहूँगी ? मैं सोच रही हूँ मुझे ये शहर छोड़कर यहाँ से चले जाना चाहिए ,

ख़ामोशी से बिना किसी से कुछ कहे , बिना किसी को सफाई दिए और बिना किसी का दिल दुखाये।
आज की शाम कितनी खूबसूरत है डेस्टिनी , बाकि दिनों के बजाय ईशान आज सबसे ज्यादा खुश है। उसका सपना पूरा हो चुका है और मैं उसके लिए दिल से खुश हूँ पर मैं उसे बहुत मिस कर रही हूँ , काश मैं देख पाती इस वक्त स्टेज पर वो कैसा लग रहा है ? सब उसकी कितनी तारीफ कर रहे होंगे उसके लिए तालिया बजा रहे होंगे

और उसके बाद वो मुस्कुराते हुए कितना अच्छा लग रहा होगा,,,,,,,,,,,,,काश मैं ये देखपाती डेस्टिनी , लेकिन मैं ऐसा नहीं कर सकती अगर मैं वहा गयी तो मुझे फिर से अपना टुटा दिल याद आएगा और हो सकता है इसके बाद मुझसे ईशान से नफरत होने लगे,,,,,,,,,,,,,,नहीं मैं , उस से नफरत नहीं कर सकती इस जिंदगी में तो कभी नहीं,,,,,,,,,,,,,,,,,मैं दुआ करुँगी कि वो जहा भी रहे बस खुश रहे इस से ज्यादा मुझे कुछ नहीं चाहिए,,,,,,,,,,,,,,,,,कुछ भी नहीं !”

जिया ने बोलना शुरू किया तो बस बोलते ही चली गयी और डेस्टिनी चुपचाप बैठा उसकी बाते सुनता रहा। ये सब कहते कहते जिया का गला रुंध गया और आँखों में आँसू भर आये। उसके आँसू बता रहे थे कि वह इस वक्त ईशान को बहुत मिस कर रही थी। जिया ने अपनी हड्डी के बाजु से अपनी नम आँखों को पोछा और मुस्कुराते हुए कहा,”मैंने कभी सोचा नहीं था डेस्टिनी , मेरा भी दिल टूटेगा पर शायद लोग सच ही कहते है पहला प्यार किसी का पूरा नहीं होता,,,,,,,,,,,,,

मेरा भी पहला प्यार अधूरा रह गया डेस्टिनी,,,,,,,,,,,और सच बताऊ तो ये बहुत तकलीफ देह है खासकर तब जब आपको पता हो कि आपका दिल टूट चुका है।”


कहते कहते जिया रो पड़ी। डेस्टिनी ने जिया को रोते देखा तो अपने पैर से उसके हाथ को सहलाने लगा , जिया का दर्द डेस्टिनी से ज्यादा भला कौन समझ सकता था आखिर डेस्टिनी ने अपना बहुत सा वक्त जिया के साथ ही तो बिताया था। जिया ने डेस्टिनी को अपनी परवाह करते देखा तो अपना गाल उसकी पीठ से लगा दिया और सुबकने लगी।

डेस्टिनी से वो सब कहकर जिया का मन हल्का होने के बजाय आज पहली बार भारी हो गया। वह उठी और डेस्टिनी के चेहरे को अपने हाथो में लेकर कहने लगी,”मैं ये शहर छोड़कर जा रही हूँ डेस्टिनी , हमेशा के लिए,,,,,,,,,,,,,,मुझमे अब इतनी हिम्मत नहीं है कि मैं वापस जाकर सोफी और बाकि लोगो का सामना कर सकू। अब मैं तुमसे कभी नहीं मिल सकुंगी डेस्टिनी , तुम्हे अब अकेले रहने की आदत डाल लेनी चाहिए और हाँ अपना ख्याल रखना मैं जहा भी रहूंगी तुम्हे बहुत मिस करुँगी

, सोफी को भी , मिस्टर दयाल और मिस्टर घोष को भी , लिली आंटी की डांट तो मुझे हमेशा याद आएगी और ईशान,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,ईशान को भी , क्योकि मैं उसे नहीं भूल सकती डेस्टिनी , मैं उसे कभी नहीं भूल सकती। मैं चलती हूँ हम अब कभी नहीं मिलेंगे,,,,,,,,,,,,,,अलविदा डेस्टिनी तुम बहुत प्यारे हो और बहुत मासूम भी,,,,,,,,,,,,,,,अपना ख्याल रखना।”


कहकर जिया ने डेस्टिनी का सर सहलाया और वहा से चली गयी।
“सर आप किसका इंतजार कर रहे है ? क्या कोई आने वाला है ?”,इवेंट मैनेजर ने आकर ईशान से कहा जो कि पिछले काफी वक्त से हॉल की दरवाजे पर नजरे टिकाये हुए था।
“अह्ह्ह्ह हाँ वो मेरी एक दोस्त आने वाली थी क्या वो आ चुकी है ?”,ईशान ने पलटकर कहा


“सर फंक्शन में जो जो लोग आने वाले थे वो सब आ चुके है , मुझे नहीं लगता अब कोई बचा है।”,मैनेजर ने कहा
ईशान एक बार फिर दरवाजे की तरफ देखने लगा और ऐसा करते हुए उसका हाथ अपने जैकेट की जेब पर चला गया जिसमे एक छोटा डिब्बा रखा था।
“सर फंक्शन शुरू होने वाला है , क्या हम चले ?”,मैनेजर ने कहा तो ईशान की तंद्रा टूटी और वह उनके साथ चल पड़ा।


फंक्शन काफी अच्छा रहा। हर तरफ बस ईशान की तारीफ हो रही थी और हर कोई ईशान से इम्प्रेस था। स्टेज पर खड़े ईशान की नजर जब क्राउड के बगल में खड़ी सोफी पर पड़ी तो ईशान ने इशारे में उसे जिया के बारे में पूछा। सोफी ने ना में गर्दन हिलाकर कहा कि वह कुछ नहीं जानती। ईशान का दिल किया इसी वक्त जाकर सोफी से जिया के बारे में पता करे लेकिन वह जैसे ही जाने को हुआ इवेंट मैनेजर ने उसे फिर किसी वजह से वही रोक लिया। जिया को वहा ना देखकर ईशान का मन उदास हो गया वह बस जबरदस्ती मुस्कुराने की कोशिश कर रहा था।

माया भी अपनी कुछ दोस्तों के साथ वहा मौजूद थी और ईशान को लेकर काफी इतरा भी रही थी। इतना सब होने के बाद भी माया की हरकतों में कोई सुधार नहीं था। ईशान को इस साल बेस्ट आर जे का अवार्ड मिला था और उस से स्टेज पर कुछ बोलने को कहा गया। ईशान ने माइक अपने हाथ में लिया और स्टेज पर चला आया। ईशान ने बोलना शुरू किया जो कि लाइव रिकॉर्ड भी हो रहा था।

ईशान ने काफी कुछ कहा जिसे सुनकर माया के चेहरे का रंग उड़ गया और वह गुस्से में पैर पटकते हुए वहा से चली गयी। ईशान अपना अवार्ड लेकर स्टेज से नीचे उतरकर सीधा सोफी के पास चला आया।
“जिया कहा है ? उसने कहा था वो आज के अवार्ड फंक्शन में आएगी लेकिन वो यहाँ नहीं है।”,ईशान ने सोफी से पूछा


“जिया अब कभी वापस नहीं आएगी वो हमेशा हमेशा के लिए जा चुकी है।||”,एक जानी पहचानी आवाज सोफी और ईशान के कानों में पड़ी तो दोनों ने एक साथ पलटकर देखा। कुछ ही दूर देवांश खड़ा था। देवांश को वहा देखकर ईशान की भँवे तन गयी वह उसके पास आया और कहा,”जिया कहा है ?”
“मुझे नहीं पता वो कहा है ? मैंने तो बस शाम में आर्डर के लिए रेस्त्रो फोन किया तो पता चला कि अब से वो कोई डिलीवरी नहीं करेगी और वो इस शहर से जा रही है।”,देवांश ने सहजता से कहा


“ये क्या कह रहे हो तुम ? पर वो कहा जा सकती है ? सोफी क्या तुम्हारे पास उसके घर का कोई अड्रेस होगा ?”,ईशान ने सोफी की तरफ पलटकर कहा
“अह्ह्ह नहीं उसने मुझे कभी अपने घर का एड्रेस नहीं दिया और मैंने भी कभी उस से इस बारे में नहीं पूछा।”,सोफी ने हताश होकर कहा


“ओह्ह्ह्ह जिया तुम्हे ऐसे नहीं जाना चाहिए था।”,ईशान ने अपने बालो में से हाथ घुमाते हुए आसमान की तरफ देखते हुए कहा।

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संजना किरोड़ीवाल 

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