Sanjana Kirodiwal

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A Broken Heart – 50

A Broken Heart – 50

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A Broken Heart
A Broken Heart

A Broken Heart – 50

जिया और सोफी मिस्टर घोष और लिली आंटी के साथ मिलकर डोनट्स का मजा ले रही थी। जिया ने लिली आंटी को अपने हाथ से खिलाया तो सब में एक दूसरे को खिलाने की होड़ सी मच गयी। लिली आंटी ने डिनर में राजमा चावल बनाया था उन्होंने सोफी से अंदर से वो भी ले आने को कहा और चारो ने साथ मिलकर खाना खाया। जिया और सोफी का अपने लिए प्यार देखकर आज लिली आंटी बहुत खुश थी। खाना खाने के बाद सोफी उठी और बर्तन उठाते हुए कहा,”लिली आंटी आप और अंकल बैठिये मैं और जिया ये बर्तन धो देते है,,,,,,,,,,जिया चलो ये सब बर्तन उठाने में मेरी मदद करो।”


“लेकिन तुम इन्हे अकेले भी धो सकती हो ये इतने ज्यादा नहीं है,,,,,,,,,,,,!”,जिया ने उंगलियों पर लगे राजमा चावल को चाटते हुए कहा
जिया की बात सुनकर लिली आंटी ने उसकी तरफ देखा तो जिया झेंपते हुए बर्तन उठाने लगी और कहा,”मैं तो बस मजाक कर रही थी,,,,,,,,,,मैं और सोफी ये धो देंगे।”
सोफी और जिया ने बर्तन उठाये और लेकर किचन में चली आयी। सोफी ने सब बर्तनो को सिंक के साइड में रखते हुए कहा,”जिया तुम इन्हे सोप लगा दो मैं इन्हे धो देती हूँ।”


“तुमने क्यों कहा बर्तन हम धो देंगे,,,,,,,,,,,,ये लिली आंटी भी तो कर सकती थी , उन्होंने मुझसे दो डोनट्स ज्यादा खाये थे।”,जिया ने डिस वाश उठाते हुए
सोफी ने सुना तो जिया के सर पर एक चपत मारी और कहा,”कभी कभी तुम बड़ी अजीब बातें करती हो , लिली आंटी ने हमे डिनर ऑफर किया क्या हम उनके लिए इतना भी नहीं कर सकते ? कल को तुम्हारी शादी हो जाएगी और तुम ससुराल जाओगी वहा तो तुम्हे रोज बर्तन धोने होने तब क्या करोगी तुम ?”


“तो क्या शादी बर्तन धोने के लिए की जाती है,,,,,,,,,,,,,और तुम अभी से मेरी शादी के बारे में बाते मत करो अभी तो मेरी खेलने कूदने की उमर है।”,जिया ने अपने दोनों हाथो को गालो से लगाकर क्यूट बनते हुए कहा।
“चलो अब जल्दी से बर्तन धोने में मेरी मदद करो।”,सोफी ने कहा तो जिया सोफी की मदद करने लगी। बर्तनो पर साबुन लगाते हुए जिया की नजर एकदम से लिली आंटी के किचन में ऊपर रखे कांच के जार पर गयी जिसमे चॉकलेट कुकीज रखी थी। सेम कुकीज जिया ने ईशान के फ्लेट पर भी देखी थी और उन पर हाथ साफ किया था।

उन्हें देखते ही जिया के मुंह से लार टपकने लगी। उसने जब देखा सिंक में बस दो ग्लास बचे है तो उसने सोफी को साइड करते हुए कहा,”अह्ह्ह्ह इन्हे मैं धो देती हूँ तब तक तुम चलकर बाहर बैठो।”
“रहने दो जिया मैं कर दूंगी,,,,,,,,,!”,सोफी ने कहा
“अह्ह्ह्ह अभी थोड़ी देर पहले तुमने ही तो कहा था शादी के बाद मुझे बर्तन धोने होंगे , तो क्यों ना मैं अभी से सब सीख लू ताकि ईशान से शादी होने के बाद मुझे ये सीखना न पड़े,,,,,,,,,,,,,!!”,जिया ने अपने पैर पटकते हुए कहा


सोफी ने सूना तो उसे जिया के बचपने पर थोड़ी हैरानी हुई और फिर उसने हाथ में उठाया ग्लास वापस सिंक में रखते हुए कहा,”अच्छा ठीक है लेकिन ध्यान से , मैं बाहर जाती हूँ तुम ये धोकर सिंक साफ कर देना।”
“हाँ मैं ये कर दूंगी।”,जिया ने खुश होकर कहा
सोफी वहा से चली गयी , जिया ने झुककर किचन से बाहर देखा हॉल में कोई नहीं था और सोफी भी वहा नहीं थी।

जिया ख़ुशी ख़ुशी वापस सिंक के पास आयी और गंदे पड़े सिंक को देखकर कहा,”इसे मैं बाद में साफ कर लुंगी , पहले मुझे कुकीज टेस्ट करनी चाहिए,,,,,,,,!!”
जिया उस तरफ आयी जहा जार रखा था उसने जैसे ही उसे उतारने के लिए हाथ बढ़ाया तो पता चला कि जार उसकी पहुँच से बहुत दूर है। जिया ने अपने स्लीपर निकाले और किचन प्लेटफॉर्म पर चढ़ गयी। अब जार आसानी से उसके हाथ में था। जिया ने बड़ी ही सावधानी से उसे नीचे उतारा और वही प्लेटफॉर्म पर बैठकर उसका ढक्कन खोला। चॉकलेट कुकीज की खुशबु उसकी नाक से टकराई।


“आहहह ये काफी ताजा लग रहा है , मुझे एक टेस्ट करना चाहिए,,,,,,,,,,,,,,,अह्ह्ह नहीं जिया तुम्हे लिली आंटी से पूछे बिना इसे नहीं खाना चाहिए , पर लिली आंटी तो अपनी है ना और अपनों से क्या परमिशन लेना और फिर लिली आंटी ने इन्हे यहाँ घर के बच्चो के लिए ही रखा होगा क्योकि वो और घोष अंकल तो कुकीज खाते नहीं है और जैसे कि लिली आंटी के बच्चे यहाँ नहीं है तो इस घर का सबसे क्यूट और प्यारा बच्चा तो मैं ही हूँ और मुझे यकीन है लिली आंटी इतने क्यूट बच्चे को मना नहीं करेगी,,,,,,,,,,,,,,हाँ एक कुकीज के लिए तो बिल्कुल नहीं ,

इसलिए मुझे इसे अब खा लेना चाहिए,,,,,,,,,,,,,,,,,हे चॉकलेट कुकी चलो अब जल्दी से मेरे मुंह में आ जाओ , तुम्हे खाने के लिए मैं बहुत बेताब हूँ,,,,,,,,,,,,,,,,ओह्ह्ह ये कितना सोफ्ट और यम्मी है।”
जिया ने खुद से और कुकीज से बाते करते हुए एक बिस्किट अपने मुंह में रख ही लिया और उसे खाकर उसकी आत्मा जो खुश हुई है ये तो बस जिया ही जानती थी।

अब जैसी जिया थी उस हिसाब से वह एक कुकीज पर कहा रुकने वाली थी। उसने जार से एक और कुकी निकाला और उसे खाते हुए कहा,”अहमम ये इतने टेस्टी है कि मैं ये पूरा जार खा सकती हूँ लेकिन कुछ देर पहले ही मैंने कितना सारा राजमा चावल और डोनट्स खाए थे , अगर मैंने अब और कुकीज खाये तो मेरा पेट फट जाएगा लेकिन ये इतने टेस्टी है कि मैं इन्हे छोड़ भी नहीं सकती , मैं कुछ अपने पास रख लेती हूँ मैं इन्हे कल सुबह खा लुंगी,,,,,,,,,,,,,,,,,हाँ ये ठीक रहेगा।”


जिया ने जार साइड में रखा और प्लेटफॉर्म से नीचे उतर गयी उसने कुछ कुकीज अपनी पेंट की जेब में भर लिए। जार आधा खाली हो चुका था। एक दो जिया ने अपने हाथो में ले लिए और खुश होकर कहा,”बहुत सारी जेब वाली पेंट पहनने का कितना फायदा है , मैं ऐसी पेंट्स और लेकर आउंगी।”
जिया ने ना बचे हुए बर्तन धोये ना ही सिंक साफ किया बल्कि किचन से जाते जाते एक कुकीज उठाकर अपने मुंह में रख लिया और किचन से बाहर निकल गयी लेकिन जिया की बुरी किस्मत सोफी उसे सामने ही मिल गयी।

सोफी को वहा देखकर जिया ने जल्दी से अपने हाथो को पीछे छुपा लिया और मुंह भी एकदम से बंद कर लिया लेकिन सोफी समझ गयी जिया ने जरूर कुछ गड़बड़ की है। सोफी ने जिया को घूरते हुए कहा,”पीछे क्या छुपाया है ?”
“अह्ह्ह क क कुछ भी नहीं,,,,,,,,!”,जिया ने हकबकाते हुए कहा
“अच्छा तो हाथ आगे करो।”,सोफी ने कहा


“अह्ह्ह्ह मुझे बहुत नींद आ रही है , आह्ह्ह्ह मुझे लगता है मुझे सोने जाना चाहिए।”,कहकर जिया जैसे ही सोफी के बगल से निकलने को हुई सोफी ने उसकी बांह पकड़कर उसे रोक लिया और अपने सामने करके कहा,”तुम कब सुधरेगी जिया ? तुमने फिर लिली आंटी के किचन से कुछ चुराया है ना ?”
“हा ! क्या मैं तुम्हे चोर दिखती हूँ ?”,जिया ने हैरानी से कहा


सोफी ने जिया की बात का कोई जवाब नहीं दिया बस उसका हाथ पकड़कर आगे करके उसे बिस्किट्स दिखाते हुए कहा,”ये सब क्या है ?”
“अच्छा ये ! ये तो मैंने बर्तन धोने के बदले में लिए है। मैंने कही पढ़ा था अगर आप कोई काम करने में सक्षम है तो आपको वह काम फ्री में नहीं करना चाहिए इसलिए मैं बदले में बस ये कुछ कुजीज ले लिए वैसे भी ये इतने ज्यादा अच्छे नहीं है।”,जिया ने बहाना बनाते हुए कहा

सोफी जिया को बहुत अच्छे से जानती थी इसलिए उसने जिया का हाथ पकड़ा और उसे लेकर किचन में आयी। किचन में आकर सोफी ने जब सिंक को गंदा देखा तो समझ गयी जिया बहाने बना रही है। वह जिया को प्लेटफॉर्म की तरफ लेकर आयी
सोफी ने किचन प्लेटफॉर्म पर रखे जार की तरफ देखा और जिया को देखकर हाथ में पकडे बिस्किट उसमे वापस रखने का इशारा किया।

जिया ने अपना निचला होंठ बाहर निकाला और सोफी को देखा तो सोफी ने उसे घुरा,,,,,,,,,,,हताश होकर जिया ने हाथ में पकडे कुकीज वापस जार में रख दिये और जाने लगी तो सोफी ने उसकी टीशर्ट पकडकर उसे वापस पीछे खींचा और कहा,”जो जेब में रखे है उन्हें भी,,,,,,,,,,,,,!!”
जिया ने रोने जैसी शक्ल बनाई और एक एक करके सभी जेबे वापस खाली कर दी। सब कुकीज रखकर जिया जैसे ही जाने लगी सोफी ने फिर उसे रोका और इस बार जिया ने चिढ़ते हुए कहा,”अब क्या है मैंने सब कुकीज रख तो दिए,,,,,,,,,,अब सच में मेरे पास कुछ नहीं बचा है।”


“मैंने तुम्हे कुकीज के लिए नहीं रोका है,,,,,,,!”,सोफी ने सहजता से कहा
“तो फिर क्यों रोका है ? देखो अगर अब तुम इसके लिए मुझे लेक्चर देने वाली हो तो मैं ये बिल्कुल नहीं सुन,,,,,,,,,,!”,जिया ने पलटकर कहा लेकिन वह अपनी बात पूरी करती इस से पहले ही सोफी ने कहा,”मैंने तुम्हे वो सिंक साफ करने के लिए रोका है।”
“ओह्ह्ह्ह क्या अब मुझे ये भी करना पडेगा,,,,,,,,,,,,,?”,जिया ने रोआँसा होकर कहा


“अगर तुमने नहीं किया तो मैं अभी जाकर लिली आंटी को सब सच बता दूंगी उसके बाद तुम्हे ये सिंक भी साफ करना पडेगा और लिली आंटी के लेक्चर भी सुनने पड़ेंगे,,,,,,,,,चॉइस इज योर्स !”,सोफी ने अपने हाथो को बांधकर कहा
जिया ने सोफी को घुरा और अपने पैर पटकते हुए कहा,”अह्ह्ह्ह तुम बहुत बुरी हो,,,,,,,,,,,!”
“जल्दी करो लिली आंटी आती ही होगी,,,,,,,,,!”,सोफी ने प्लेटफॉर्म पर बैठते हुए कहा और जार में रखे कुकीज में से एक उठाकर इत्मीनान से खाने लगी

जिया खुन्नस और गुस्से में सिंक साफ करने लगी। सोफी ने एक कुकी खाकर जार बंद कर दिया
सिंक साफ करके जिया सोफी की तरफ आयी और अपने हाथो को झटकते हुए कहा,”ओह्ह्ह्ह अब मैं थक चुकी हूँ मुझे कोई और काम मत बताना।”
“हम्म्म आगे से ध्यान रखना अगर तुमने ऐसा कुछ किया तो इस से भी बड़ी पनिशमेंट मिलेगी तुम्हे”,सोफी ने प्लेटफॉर्म से नीचे उतरकर कहा


जिया ने मुंह बना लिया , दोनों जैसे ही वहा से निकलने को हुई लिली आंटी अंदर आयी और कहा,”अरे जिया सोफी अच्छा हुआ तुम दोनों मुझे यही मिल गयी , बर्तन साफ करने के लिए तुम दोनों का शुक्रिया,,,,,,,,,,!!”
“क्या हुआ लिली आंटी आपको हम से कोई काम था क्या ? अगर है तो आप हमे बता सकती है , जिया अच्छे से वो काम कर देगी,,,,,,,,,,,,,,है ना जिया !”,सोफी ने जिया की तरफ देखकर बड़ी सी स्माइल के साथ कहा


अक्सर जिया सोफी को अजीब सिचुएशन में डालकर परेशान किया करती थी लेकिन आज सोफी को मौका मिला था जिया से बदला लेने का। सोफी की बात सुनकर जिया उसे घूरने लगी क्योकि अभी अभी उसने बर्तन धोये थे , सिंक साफ किया था और अब वो कोई दूसरा काम करना नहीं चाहती थी।

“अरे नहीं ! मुझे कोई काम नहीं करवाना,,,,,,,,!”,लिली आंटी ने दोनों की तरफ आते हुए कहा तो जिया ने राहत की साँस ली
लिली आंटी ने प्लेटफॉर्म पर रखा कुकीज का जार उठाया और जिया को देते हुए कहा,”जिया ये कल ही आया है मेरे बेटे ने अब्रॉड से भेजा है खास तुम दोनों के लिए,,,,,,,,,,,,,अब मैं और घोष तो कुकीज खाते नहीं है इसलिए ये तुम दोनों खा लेना।”


जिया ने सूना तो उसे अपने कानों पर यकीन नहीं हुआ , जिन कुकीज के लिए जिया इतना परेशान हुयी दरअसल वो कुकीज तो उसी के लिए ही थे। सोफी ने सूना तो उसे कुछ देर पहले जिया के हाल के बारे में सोचकर हंसी आ गयी।
”क्या हुआ सोफी तुम हंसी क्यों ? देखो अगर तुम्हे ये नहीं खाने तो रहने देना,,,,,,,,,,,,,,!!”,लिली आंटी ने कहा
“ओह्ह्ह लिली आंटी आप कितनी अच्छी है , क्या ये सच में मेरे लिए है ? मेरी तरफ अपने बेटे से शुक्रिया कहियेगा,,,,,,,,,,,,,मैं इन्हे रख लेती हूँ।”,जिया ने कुछ ज्यादा ही ओवर एक्टिंग करते हुए कहा


“ठीक है अब तुम दोनों अपने कमरे में जाओ।”,लिली आंटी ने कहा और वहा से चली गयी।
“ये तो कमाल ही हो गया जिया , जिन कुकीज को तुमने चुराया वो तो तुम्हारे लिए ही थे अगर तुम थोड़ा इंतजार कर लेती तो तुम्हे इतना परेशान होना नहीं पड़ता। वैसे ये कुकीज सच में काफी अच्छे है,,,,,,,,,,,,,,,,,,,!”,कहते हुए सोफी ने जार की तरफ हाथ बढ़ाया


सोफी कुकीज ले पाती इस से पहले ही जिया ने जार साइड में किया और कहा,”ये तुम्हारे लिए तो बिल्कुल नहीं है,,,,,,,,,,!!”
“हे जिया , मुझे माफ़ कर दो मैं बस मजाक कर रही थी,,,,,,,,,,,,,,अरे सुनो तो !”,कहते हुए सोफी जिया के पीछे आयी लेकिन तब तक जिया वहा से जा चुकी थी।

सुबह माया की आँख खुली। उसका सर दर्द कर रहा था और काफी थकान भी महसूस हो रही थी। अगले ही पल माया ने महसूस कीया की वह अपने घर में नहीं है। माया ने इधर उधर देखा वह खुद को देवांश के बैडरूम में देखकर हैरान थी। माया ने जैसे ही बिस्तर से उठना चाहा उसने खुद को बिना कपड़ो के चद्दर से ढका पाया। ये देखकर माया और ज्यादा हैरान थी , उसने अपना सर पकड़ लिया और याद करने कि कोशिश करने लगी कि वह यहाँ कैसे आयी ?


माया ने खुद को चद्दर में समेटा , जमीन और बिस्तर पर बिखरे अपने कपडे उठाये और घबराई हुई सी बाथरूम में चली गयी। माया ने बाथरूम का दरवाजा बंद किया और जल्दी जल्दी कपडे पहने। कपडे पहनकर माया वाशबेसिन के सामने चली आयी। उसने शीशे में खुद को देखा तो एक पल के लिए डर गयी। आँखों के नीचे फैले हुए काजल के निशान थे। गर्दन और गाल पर खरोंच के निशान थे। आँखे सूजी हुई थी। उसने नल चालू किया और जल्दी जल्दी अपना मुंह धोने लगी। माया का मन बहुत घबरा रहा था बीती रात क्या हुआ उसे कुछ याद नहीं था और यही बात उसे परेशान कर रही थी।


माया ने खुद की हालत सुधारी , अपना चेहरा साफ किया , कपडे सही किये और बाथरूम से बाहर चली आयी।
बाहर आकर माया ने देखा देवांश हाथ में कॉफी का कप थामे कमरे में ही है तो माया गुस्से में उसके पास आयी और देवांश की कॉलर पकड़ते हुए कहा,”मैं यहाँ कैसे आयी ? क्या किया है तुमने मेरे साथ ? बोलो जवाब क्यो नही देते ?”


देवांश कुछ कहता इस से पहले ही एक फॉरेनर बालकनी से निकलकर कमरे में आया और कहा,”हे मिस्टर देवांश लास्ट नाईट वाज अमेजिंग , आई एम सो हैप्पी !!”
माया ने सुना तो हक्की बक्की सी देवांश को देखने लगी और देवांश कॉफी के घूंट भरते हुए कमरे से चला गया ।

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संजना किरोड़ीवाल

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माया ने खुद को चद्दर में समेटा , जमीन और बिस्तर पर बिखरे अपने कपडे उठाये और घबराई हुई सी बाथरूम में चली गयी। माया ने बाथरूम का दरवाजा बंद किया और जल्दी जल्दी कपडे पहने। कपडे पहनकर माया वाशबेसिन के सामने चली आयी। उसने शीशे में खुद को देखा तो एक पल के लिए डर गयी। आँखों के नीचे फैले हुए काजल के निशान थे। गर्दन और गाल पर खरोंच के निशान थे। आँखे सूजी हुई थी। उसने नल चालू किया और जल्दी जल्दी अपना मुंह धोने लगी। माया का मन बहुत घबरा रहा था बीती रात क्या हुआ उसे कुछ याद नहीं था और यही बात उसे परेशान कर रही थी।

माया ने खुद को चद्दर में समेटा , जमीन और बिस्तर पर बिखरे अपने कपडे उठाये और घबराई हुई सी बाथरूम में चली गयी। माया ने बाथरूम का दरवाजा बंद किया और जल्दी जल्दी कपडे पहने। कपडे पहनकर माया वाशबेसिन के सामने चली आयी। उसने शीशे में खुद को देखा तो एक पल के लिए डर गयी। आँखों के नीचे फैले हुए काजल के निशान थे। गर्दन और गाल पर खरोंच के निशान थे। आँखे सूजी हुई थी। उसने नल चालू किया और जल्दी जल्दी अपना मुंह धोने लगी। माया का मन बहुत घबरा रहा था बीती रात क्या हुआ उसे कुछ याद नहीं था और यही बात उसे परेशान कर रही थी।

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