A Broken Heart – 49
A Broken Heart – 49
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A Broken Heart – 49
माया ईशान से मिलने उसके फ्लेट पर आयी थी लेकिन ईशान वहा नहीं था। उदास होकर माया बिल्डिंग से बाहर चली आयी और पैदल ही चल पड़ी। माया को ईशान के साथ बिताये पल याद आने लगे। आज सही मायनों में उसे ईशान की अहमियत समझ आ रही थी। चलते चलते माया ने अपना फोन निकाला और ईशान का नंबर डॉयल किया। रिंग जा रही थी लेकिन ईशान ने माया का कॉल नहीं उठाया।
हताश होकर माया ने एक बार फिर उसे कॉल लगाया लेकिन वह ईशान से बात कर पाती इस से पहले ही एक जानी पहचानी आवाज माया के कानों में पड़ी।
“ए सामने देखकर चलो , अभी तो तुम मेरी साइकिल से टकरा जाती।”,जिया ने माया के सामने अपनी साइकिल का ब्रेक मारते हुए कहा
जिया को देखकर माया का मूड ऑटोमेटिक ख़राब हो गया और उसने चिढ़कर कहा,”इतनी बड़ी रोड है क्या तुम अपनी ये खटारा साइकिल कही और नहीं चला सकती।”
“ओह्ह्ह हेलो ये साइकिल खटारा तो बिल्कुल नहीं है और हाँ तुम से तो बेहतर हालत में है,,,,,,,,,,,,,,,वैसे इस वक्त तुम यहाँ क्या कर रही हो ? वो भी बिना अपनी महंगी कार के ?”,जिया ने माया को छेड़ते हुए कहा।
माया ने कई बार जिया के सामने अपने पैसो का घमंड दिखाया था इसलिए अब जिया उसे परेशान करने का एक मौका नहीं छोड़ती थी।
“मैं ईशान से मिलने आयी थी,,,,,,,,,,,,,,,पर वो शायद अब वहा नहीं रहता।”,माया ने एकदम से उदास होकर बिल्डिंग की तरफ इशारा करके कहा
जिया ने सूना तो उसे एक जलन का अहसास हुआ। उसने अपनी प्यारी प्यारी आँखों को छोटा करके माया को खा जाने वाली नजरो से देखा और उस पर चढ़ते हुए कहा,”तुम उस से क्यों मिलना चाहती थी ?”
“तुम से मतलब ? वैसे भी ईशान मेरा बॉयफ्रेंड है मैं जब चाहे तब उस से मिल सकती हूँ,,,,,,,,,,,,,,समझी तुम !”,माया ने जिया को खुद से दूर करके कहा
“हे ! भगवान क्या लड़की हो तुम ? तुमने खुद उस से ब्रेकअप किया था और इसके बाद भी तुम उसे अपना बॉयफ्रेंड कह रही हो , क्या बकवास है ये ?”,जिया ने हैरानी से कहा
“तुम्हे इतनी तकलीफ हो रही है ? लिस्टन ईशान मेरा बॉयफ्रेंड है और हमेशा रहेगा , ये छोटे मोटे झगडे तो चलते रहते है और वैसे भी ब्रेक अप से पेच अप होने में टाइम ही कितना लगता है।”,माया ने बेशर्मी से कहा तो जिया का गुस्सा बढ़ गया।
जिया ईशान से जब पहली बार मिली तब बात और थी वह सिर्फ उसे पसंद करती थी लेकिन अब जिया ईशान से प्यार करने लगी थी और उसके लिए ईशान सब कुछ था। उसने गुस्से से माया की तरफ बढ़ते हुए कहा,”मैं तुम्हारा मुँह तोड़ दूंगी अगर तुमने एक और बार ईशान का नाम अपने मुँह से लिया और ये कहा कि वो तुम्हारा बॉयफ्रेंड है।”
जिया कुछ करती और माया कुछ कहती इस से पहले ही जिया के कानो में एक जानी पहचानी आवाज पड़ी,”हे जिया ! तुम यहाँ क्या कर रही हो ? तुमने कहा था तुम जरुरी काम से बैंक जा रही हो,,,,,,,,,,,,,,,,,!!”
वो जानी पहचानी आवाज सोफी की थी जिया ने देखा सोफी सड़क के उस पार खड़ी है। जिया ने सोफी को वहा देखा तो मन ही मन खुद से कहा,”ओह्ह्ह ये सोफी की बच्ची को भी अभी आना था,,,,,,,,,,,,,,,!!”
“जिया , जिया तुम सुन रही हो ना ?”,सोफी ने फिर कहा और जिया की तरफ चली आयी।
माया वही खड़ी जिया को घूरे जा रही थी और जिया मन ही मन सोफी को कोस रही थी। सोफी के आते ही माया मुंह बनाकर वहा से चली गयी। सोफी जिया के पास आयी और कहा,”तुम यहाँ क्या कर रही हो ? और वो ऐसे क्यों चली गयी ? क्या ये वही लड़की थी जिस से ईशान प्यार करता था,,,,,,,,,,,,,,,,अह्ह्ह्ह क्या नाम बताया था तुमने अह्ह्ह्ह,,,,,,,,,,,,,!!”
“माया !”,जिया ने रूखे स्वर में कहा
“हाँ माया , पर ये यहाँ क्या कर रही थी ?”,सोफी ने सवाल किया
“कुछ खास नहीं मैं बस उसे समझा रही थी कि ईशान से दूर रहे,,,,,,,,,,,!”,जिया ने कहा
“पर क्यों ? उसका और ईशान का तो ब्रेकअप हो चूका है ना फिर उसे ईशान से क्या मतलब ? और तुम , तुम क्या ईशान के लिए अब इस लड़की से झगड़ा करोगी ?”,सोफी ने पूछा
“अगर उसने मेरी बात नहीं मानी तो हाँ , मैं उस से झगड़ा करुँगी,,,,,,,,,,,,,,,जरूर करुँगी,,,,,,,,,,!!”,जिया ने बच्चो की तरह जिद करते हुए कहा
“एक लड़के के लिए तुम किस किस झगड़ा करोगी जिया ?”,सोफी ने पूछा
“सबसे , जिसने भी ईशान के बारे में बात की या उसके करीब जाने की कोशिश की उन सब से,,,,,,,,,,,!!”,जिया ने चिढ़ते हुए कहा
“अह्ह्ह्ह लगता है उसके प्यार का तुम पर कुछ ज्यादा ही असर हुआ है। खैर चलो घर चलते है,,,,,,,,,,,!!”,सोफी ने कहा
“घर ? क्या आज हमे ओवर टाइम नहीं करना है ?”,जिया ने पूछा
“नहीं मिस्टर दयाल ने कहा है कि आज रात से दो दिन के लिए वे अपना रेस्त्रो बंद रखेंगे उन्हें किसी काम से शहर से बाहर जाना है।”,सोफी ने जिया के साथ चलते हुए कहा
“तब तक हम लोग क्या करेंगे ? मैं तो घर पर बोर हो जाउंगी,,,,,,,,,,,,,,,,,ओह्ह्ह्ह मिस्टर दयाल को ऐसा नहीं करना चाहिए था।”,जिया ने कहा
“कितनी बड़ी नौटंकी हो न तूम जिया , तुम ही तो चाहती थी कि तुम्हे रेस्त्रो से छुट्टी मिले और तुम पूरा दिन घर में सोकर बिताओ , अब तुम आराम से दो दिन सो सकती हो बिना किसी परेशानी के,,,,,,,,,,,,,,,,,,और हाँ साथ में मिस्टर दयाल ने अपने रेस्त्रो के ये चॉकलेट डोनट्स भी दिए है उन्होंने कहा दो दिन में ये ख़राब हो जायेंगे इसलिए इन्हे मैं घर ले जाऊ,,,,,,,,!!”,सोफी ने अपने हाथ में पकडे बैग जिया को दिखाते हुए कहा।
“ओह्ह्ह्ह क्या सच में उन्होंने ऐसा कहा ? मेरी नजर कब से मिस्टर दयाल के रेस्त्रो में रखे इन चॉकलेट डोनट्स पर थी लेकिन मैं इन्हे नहीं खा सकी क्योकि ये काफी महंगे थे लेकिन अब मैं इन्हे खा सकती हूँ वो भी बिल्कुल फ्री में,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,अह्ह्ह्ह कितना मजा आएगा चलो जल्दी घर चलते है।”,जिया ने ख़ुशी से भरकर कहा
“अह्ह्ह्ह खाने के नाम से तुम्हारी आँखे कैसे चमक उठती है ना जिया , तुम सच में एक नंबर की फूडी हो।’,सोफी ने कहा
“हाँ मैं दुनिया का सारा खाना टेस्ट करना चाहती हूँ ऐसा मेरा ड्रीम है,,,,,,,,,,,,!”,जिया ने अपनी आँखे चमकाते हुए कहा
“हाँ बड़ा अजीब ड्रीम है वैसे भी जिया द ग्रेट का ड्रीम नार्मल कैसे हो सकता है ?”,सोफी ने हँसते हुए कहा
“ओह्ह सोफी क्या तुम मेरा मजाक उड़ा रही हो ?”,जिया ने सोफी को घुरते हुए पूछा
“नहीं मैं बस ये कह रही हूँ कि चलकर ये डोनट्स खाते है और अपनी छुट्टी का मजा लेते है।”,सोफी ने जिया से बहस खत्म करते हुए कहा
“ठीक है चलते है,,,,,,,,,,,!”,जिया ने कहा और सोफी के साथ घर जाने के लिए आगे बढ़ गयी। जिया से झगड़ा करने के बाद माया का मूड काफी खराब हो चुका था वह एक बार में चली आयी और काउंटर के पास आकर कहा,”वन बियर प्लीज,,,,,,!”
काउंटर के दूसरी तरफ खड़े लड़के ने चिल्ड बियर से भरा ग्लास माया के सामने रख दिया और अपने काम में लग गया। माया वही रखी कुर्सी पर आ बैठी और ग्लास को हाथ में उठाकर धीरे धीरे करके बियर पीने लगी। हर घूंठ के साथ माया की आँखों के सामने ईशान का प्यार , देवांश का धोखा , जिया से हुई बहस और अपने पापा की कड़वी बाते किसी फिल्म की तरह चल रही थी। अगले ही पल माया ने गुस्से में आकर पूरा ग्लास खाली किया और लड़के से कहा,”वन मोर लार्ज”
लड़के ने सुना तो हैरानी से माया को देखने लगा। लड़के को अपनी ओर देखते पाकर माया ने थोड़ा गुस्से से कहा,”देख क्या रहे हो ? वन मोर बियर”
“स्योर मेम”,लड़के ने कहा और इस बार बियर से भरा एक बड़ा ग्लास माया के सामने रख दिया। माया ने ग्लास उठाया और उसे पीने लगी। जैसे ही माया ने आधा ग्लास खाली किया उसे थोड़ी थोड़ी चढ़ने लगी। वह एक बार लड़खड़ाई भी तो लड़के ने कहा,”मेम आर यू ओके ? मैं आपके लिए कैब बुला दू ?”
“नो थैंक्यू ! आई ऍम ओके , इतनी सी बियर से मुझे नशा नहीं होगा,,,,,,,,,!”,कहते हुए माया ने अपने पर्स से पैसे निकाले और काउंटर पर रख लड़खड़ाते हुए वहा से दरवाजे की तरफ चली गयी। माया नशे में धुत थी उसे सब धुंधला नजर आ रहा था , ना वो ठीक से चल पा रही थी ना ही बोल पा रही थी। जैसे तैसे करके माया अपना पर्स सम्हाले सड़क किनारे आयी। वह ऑटो का इंतजार करने लगी लेकिन कोई ऑटो नहीं आया। माया सड़क के दूसरी तरफ जाने लगी , अचानक से एक कार माया के सामने आकर रुकी।
एक पल के लिए माया की आंखे फ़टी की फ़टी रह गयी , अगर गाड़ी में बैठे शख्स ने टाइम पर ब्रेक नहीं लगाया होता तो माया के परखच्चे उड़ जाते। माया अब भी हैरान परेशान सी गाड़ी के सामने खड़ी थी ना वो आगे बढ़ी ना पीछे,,,,,,,,,,,,,,,,! गाड़ी में बैठे शख्स ने हॉर्न बजाया लेकिन माया तो जैसे बर्फ हो चुकी थी। लाइट्स की वजह से गाड़ी में बैठा शख्स ठीक से सामने खड़ी माया को देख भी नहीं पाया इसलिए वह गाड़ी से नीचे उतरा और माया की तरफ आकर कहा,”हे हेलो साइड हटो , क्या तुम्हारे बाप की है ?”
माया को वह आवाज जानी पहचानी लगी लेकिन नशे में होने की वजह से वह उसे देख नहीं पायी। वह लड़का कोई और नहीं बल्कि देवांश ही था जो की अपनी गाड़ी से कही जा रहा था। जब देवांश ने देखा उसकी गाड़ी के सामने खड़ी लड़की कोई और नहीं बल्कि माया है तो वह थोड़ा हैरान हुआ और कहा,”माया तुम यहाँ , वो भी इस वक्त ऐसे अकेले,,,,,,,,,,,,,,,,,,!!”
नशे के कारण माया जैसे ही गिरने को हुई देवांश ने उसे सम्हालते हुए कहा,”माया,,,,,,,,,,,,,,,,,अह्ह्ह्ह सम्हलकर , क्या मैं तुम्हे घर छोड़ दू ?”
“मुझे तुम से शादी नहीं करनी है देवांश,,,,,,,,,,,,,,मुझे कोई शादी नहीं करनी है।”,माया नशे में बड़बड़ाई
देवांश समझ गया माया इस वक्त बात करने या कुछ भी कहने की कंडीशन में नहीं है उसने माया को सम्हाला और गाड़ी की तरफ ले आया। देवांश ने गाड़ी का दरवाजा खोला और माया को सीट पर बैठाकर खुद ड्राइवर सीट पर आ बैठा।
“बेबी ये लड़की कौन है ? लगता है इसने बहुत ज्यादा शराब पी रखी है और ये बिल्कुल होश में नहीं है।”,देवांश के बगल में फ्रंट सीट पर बैठी लड़की ने पूछा
देवांश ने पलटकर बेसुध पड़ी माया को देखा और कहा,”ये मेरी दूर की कजिन है जान , पता नहीं यहाँ अकेले कैसे आयी ? इसे अकेले देखा तो मैंने सोचा मैं इसे घर छोड़ देता हूँ , इतनी रात में ये अकेले कैसे जाएगी ?”
“ओह्ह्ह्ह बेबी तुम कितने अच्छे हो , तुमने सही किया ,, एक काम करो पहले तुम मुझे हॉस्टल छोड़ दो फिर अपनी कजिन के साथ घर चले जाना।”,लड़की ने देवांश से चिपकते हुए कहा
देवांश ने लड़की को साइड हग किया और गाड़ी आगे बढ़ा दी। लड़की को हॉस्टल के सामने उतार कर देवांश माया को लेकर अपने घर चला आया।
देवांश अपने घर में अकेले रहता था इसलिए माया को घर लाने में उसे कोई परेशानी नहीं हुई। देवांश ने माया को गोद में उठाया और उसे लेकर अपने बैडरूम में चला आया। उसने माया को अपने बिस्तर पर लेटा दिया और कमरे से जाने लगा। चलते चलते देवांश रुका और पलटकर माया को देखा सोई हुई वह कितनी प्यारी और मासूम लग रही थी , एक पल के लिए देवांश का मन भी पिघल गया लेकिन अगले ही पल उसके चेहरे पर गुस्से और नफरत के भाव झलकने लगे।
देवांश ने माया को देखा और मन ही मन कहा,”उस शाम जब मैं तुम्हे पहली बार इस घर में लेकर आया था , तब कितना खुश था मैं तुम्हे पाकर लेकिन तुमने क्या किया माया ? तुमने मेरी ही पीठ पीछे ना जाने कितनी बार मेरे ही दोस्त के साथ,,,,,,,,,,,,,,,,,अरे प्यार करने लगा था तुम से लेकिन तुम मेरे प्यार के लायक ही नहीं थी माया,,,,,,,तुम किसी के प्यार के लायक नहीं हो,,,,,,,,,,,,,,इसलिए मैंने तुम्हारे साथ वो सब किया , तुम्हे बर्बाद करने के लिए , तुम्हे सबक सिखाने के लिए ताकि तुम जिंदगी में कभी किसी और लड़के के दिल से ना खेलो। तुम्हारी औकात यही है माया ये मखमली बिस्तर,,,,,,,,,,,,,!!”
कहकर देवांश कमरे से बाहर निकल गया और दरवाजा भी जोर से बंद कर दिया।
सोफी और जिया घर पहुंची। सोफी डोनट्स और केक्स वाले बैग लेकर जैसे ही सीढ़ियों की तरफ जाने लगी जिया ने उसे रोकते हुए कहा,”सोफी क्या हम ये डोनट्स और केक्स लिली आंटी और घोष अंकल के साथ बैठकर खाये ?”
“क्या तुम पक्का इन्हे शेयर करना चाहती हो ? देखो ये बहुत टेस्टी है कही तुम्हे बाद में इनके लिए पछतावा न हो,,,,,,,,,,,,!”,सोफी ने कहा
“अह्ह्ह्ह ऐसा कुछ भी नहीं है , तुम शेयर कर सकती हो। तुम इतनी सेल्फिश कब से हो गयी सोफी ? क्या तुम भूल गयी लिली आंटी ने हमे कितनी बार खाना खिलाया है और हमारी मदद भी की है क्या उसके बदले में हम उनके साथ ये मामूली से डोनट्स शेयर नहीं सकते,,,,,,,,,,,,,,हाँ !”,जिया ने सोफी को डांट लगाते हुए कहा
“मैं बस मजाक कर रही थी , लिली आंटी और घोष अंकल के साथ खाने में हमे और ज्यादा मजा आएगा।”,सोफी ने डायनिंग टेबल की तरफ आते हुए कहा
“लिली आंटी,,,,,,,,,,,,,,,घोष अंकल,,,,,,,,,,,,आप दोनों कहा है ?”,जिया ने अपने दोनों हाथो को मुँह से लगाकर लिली आंटी और मिस्टर घोष को आवाज दी। कुछ देर बाद दोनों आये उन्होंने जिया और सोफी को साथ साथ देखा तो लिली आंटी ने कहा,”आज तुम दोनों घर जल्दी आ गयी , तुम्हारे हाथ में क्या है सोफी ? क्या तुम दोनों ने फिर कोई शॉपिंग की है,,,,,,,,,,,,,,,,देखो सोफी जिया तुम्हे अपने पैसे बचाने चाहिए,,,,,,,,,,,,!!”
जिया ने सूना तो लिली आंटी के कंधो को पकड़ा और उन्हें डायनिंग के पास पड़ी कुर्सी पर बैठाते हुए कहा,”ओह्ह्ह लिली आंटी ना हमने कोई शॉपिंग की है ना ही बेवजह पैसे खर्च किये है।”
लिली आंटी ने सूना तो हैरानी से जिया को देखने लगी। अगले ही पल सोफी ने प्लेट में एक बड़ा सा डोनट निकालकर लिली आंटी के सामने रखते हुए कहा,”रेस्त्रो अब दो दिन के लिए बंद है और हमे ये मिस्टर दयाल से मिला तो सोचा क्यों ना मैं और जिया इसे आपके और अंकल के साथ शेयर करके खाये।”
लिली आंटी ने सूना तो जिया और सोफी का प्यार देखकर उनकी आँखे नम हो गयी। मिस्टर घोष भी मुस्कुराते हुए कुर्सी पर आ बैठे। सोफी ने उनके सामने भी एक प्लेट रखा। लिली आंटी को इमोशनल देखकर जिया ने उनकी प्लेट में रखा डोनट उठाया और उन्हें अपने हाथो से खिलाते हुए कहा,”ओह्ह्ह्ह मिसेज घोष आप उदास बिल्कुल अच्छी नहीं लगती,,,,,,,,,,,,,!!”
और इसके बाद सब हँसते मुस्कुराते एक दूसरे को डोनट्स खिलाने लगे।
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क्रमश A Broken Heart – 50
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संजना किरोड़ीवाल
माया ईशान से मिलने उसके फ्लेट पर आयी थी लेकिन ईशान वहा नहीं था। उदास होकर माया बिल्डिंग से बाहर चली आयी और पैदल ही चल पड़ी। माया को ईशान के साथ बिताये पल याद आने लगे। आज सही मायनों में उसे ईशान की अहमियत समझ आ रही थी। चलते चलते माया ने अपना फोन निकाला और ईशान का नंबर डॉयल किया। रिंग जा रही थी लेकिन ईशान ने माया का कॉल नहीं उठाया।
देवांश माया से प्यार करने लगा था । लेकिन माया उसके दोस्त के साथ वह सब करनी लगी। देवांश इसको सबक सिखाना के लिए यह सब कर दिया। एक बात तो देवांश ने सही कहा है यह किसी लड़के के प्यार के लिए नहीं बनी है। जिया ने बहुत अच्छा किया माया से लर कर । ईशान पर हक जिया का ना की इस घटिया लड़की का।♥️❤️💗❤️❤️♥️
Bhaut he accha part hai Maya tho devansh ko bhi nhi chora uska saath bhi yeh ki jo ishaan ka saath Likhne devansh ishaan nhi wo tho isko sabke bhi sikha diye . Likhne yeh ladki ab ishaan ka beech par jayegi. Beautiful part 💗💗💗💗💗💗💗💗
Bhaut he accha part hai Maya tho devansh ko bhi nhi chori uska saath bhi yeh ki jo ishaan ka saath karti thi . Likhne devansh ishaan nhi wo tho isko sabke bhi sikha diye . Likhne yeh ladki ab ishaan ka beech par jayegi. Beautiful part 💗💗💗💗💗💗💗💗
Maya to devansh k sath loyal nhi rah pai kam kam uske sath yo loyal rahti magar devansh Ishan nhi h Jo maya k liye gidgidayega vo to usko sabak Shikha rha h
Bhut hi khoobsurat part tha ma’am
Maya ko sudharne k liye jo Devansh ne kiya i think wo sahi tha….Par Maya ne Devansh ko bhi dhoka diya….ye toh galat baat thi…..par Ishaan kab wapash aa rha hai…or Jiya or Ishaan ki love story mein aage kya hoga…?