Sanjana Kirodiwal

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A Broken Heart – 24

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A Broken Heart
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A Broken Heart – 24

ईशान के पापा को सामने देखकर जिया हक्की बक्की रह गयी। जिया को खामोश देखकर ईशान के पापा ने कहा,”तुम कौन हो और इतनी सुबह यहाँ क्या कर रही हो ?”
“मैं,,,,,,,,,,,,,,मैं वो,,,,,,,,,,,,,मैं एक फ़ूड डिलीवरी गर्ल हूँ , कल रात मैं यहाँ,,,,,,,,,,,,,,,!!”,जिया ने अपनी बात भी पूरी नहीं की इस से पहले ही ईशान के पापा ने ईशान की मम्मी की तरफ पलटकर कहा,”सुन रही हो तुम , दिल्ली में आकर तुम्हारा बेटा ये सब कर रहा है। सुबह सुबह उसके फ्लेट से लड़किया निकल रही है। मैंने तुमसे पहले ही आने को मना किया था लेकिन नहीं तुम्हे लगा तुम्हारा बेटा परेशान होगा जबकि वो यहाँ अय्याशी कर रहा है।”
“अरे नहीईई आप लोग मुझे गलत समझ रहे है,,,,,,,,,,दरअसल मैं,,,,,,,,मैं आपको समझाती हूँ”,जिया ने उन्हें बीच में टोकते हुए कहा


“तुम चुप रहो पता नहीं कैसी बेशर्म लड़की हो , शर्म नहीं आयी तुम्हे मेरे बेटे के साथ यहाँ रात गुजारते हुए,,,,,,,,,ना जाने कैसी परवरिश की होगी तुम्हारे माँ बाप ने तुम्हारी,,,,,,,,,,,,,!!”,ईशान की मम्मी ने कहा जिया को वहा देखकर वो भी काफी गुस्से में थी।
“अब आप बदतमीजी कर रहे है,,,,,,,,,,,,,मैं यहाँ सिर्फ गलती से,,,,,,,,,,,!!”,जिया ने अपनी सफाई में फिर कहना चाहा लेकिन ईशान के मम्मी पापा बस उसे सुनाने पर लगे हुए थे। जिया रोआँसा हो गयी और उसकी आँखों में लगभग आँसू भर आये।


“तुम वही लड़की हो ना जिसके पीछे मेरा बेटा पागल बना घूम रहा है,,,,,,,,,,,,,,,बताओ कितने पैसे चाहिए तुम्हे मेरे बेटे की जिंदगी से जाने के लिए,,,,,,,,,,,,,तुम जैसी लड़कियों को बहुत अच्छे से जानता हूँ मैं,,,,,,,,,बोलो चुप क्यों हो ?”,ईशान के पापा ने चिल्लाकर कहा तो जिया की आँखों में भरे आँसू गालों पर लुढ़क आये। अपने कमरे में सो रहे ईशान ने आवाज सुनी तो वह उठा और बाहर आया। अपने मम्मी पापा को वहा देखकर ईशान हैरान था और उस से भी ज्यादा हैरान था वो जिया को देखकर की सुबह सुबह जिया यहाँ क्या कर रही है ?
“मॉम-डेड आप दोनों यहाँ,,,,,,,!!”,कहते हुए ईशान उनके पास आया


“ये सब क्या है इशू , ये लड़की यहाँ क्या कर रही है वो भी तुम्हारे फ्लेट में,,,,,,,,,,,,,,,तुम्हारे घर वापस ना आने की वजह क्या यही लड़की है ? तुमने मुझे और अपने डेड को कही मुंह दिखाने लायक नहीं छोड़ा”,ईशान की मम्मी ने रोते हुए कहा
“मुझे तो इसे अपनी औलाद कहने में शर्म आ रही है , कितना बेशर्म है तुम्हारा बेटा इस लड़की के साथ यहाँ कितने आराम से खड़ा है इसे अपने माँ बाप की जरा भी शर्म नहीं है ना ही लिहाज है,,,,,,,,,,,,,!!”,ईशान के डेड ने कहा
ईशान ने जिया की तरफ देखा उसे रोते देखकर ईशान ने कुछ नहीं पूछा और अपने पापा की तरफ पलटकर कहा,”आप लोग गलत समझ रहे है डेड , आपको जरूर कोई ग़लतफ़हमी हुई है,,,,,,,,,,,,,,!!”


“जरूर मैं इसे गलतफहमी ही मानता लेकिन तुम्हे देखकर लगता नहीं है ये गलतफहमी है”,ईशान के पापा ने ईशान को घूरकर देखते हुए कहा। ईशान ने खुद को देखा तो पाया की वह बिना शर्ट के वहा खड़ा है। दरअसल जिया जब कमरे से बाहर चली गयी थी तो ईशान ने अपना शर्ट निकाल दिया और बिस्तर पर सो गया और अपने डेड की आवाज सुनकर वह सीधा ही चला आया। ईशान जल्दी से अंदर चला गया।
“तुम यहाँ खड़ी खड़ी क्या कर रही हो ? निकलो यहाँ से और दोबारा यहा आना मत,,,,,,,,,,,!”,ईशान के पापा ने जिया की बाँह पकड़ी और उसने फ्लेट से बाहर निकालते हुए कहा।


जिया रोने लगी और कहा,”आप लोग मुझे गलत समझ रहे है प्लीज एक बार मेरी बात तो सुन लीजिये,,,,,,,,,,,,,मैं,,,,,,,!!”
जिया आगे कुछ कहती इस से पहले ही ईशान के पापा ने गुस्से से कहा,”तुम यहाँ से जाती हो या मैं पुलिस बुलाऊ,,,,,,,,,,,,,,,देखो तुम जैसी घटिया लड़कियों को मैं अच्छे से जानता हूँ , जो अमीर घरो के लड़को को फंसाती है और उनके पैसो पर जिंदगी बिताती है लेकिन मैं तुम्हे अपने बेटे की जिंदगी बर्बाद करने नहीं दूंगा,,,,,,,,,,,,,अब जाओ यहाँ से !!”


ईशान के पापा का गुस्सा देखकर जिया सहम गयी। ईशान के पापा ने जिया के मुंह पर दरवाजा बंद किया और अंदर चले गए। शोर शराबे की वजह से आस पास फ्लेट के दरवाजो से लोग झाँकने लगे और कानाफुसी करने लगे । जिया ने उन्हें देखा तो घबरा गयी और असहज महसूस करने लगी और वहा से लिफ्ट की तरफ बढ़ गयी।

लिफ्ट जैसे जैसे नीचे जा रही थी जिया की आँखों से आँसू बहे जा रहे थे। ईशान के पापा ने जो उसके लिए कहा सोचकर ही जिया को बहुत बुरा लग रहा था। लिफ्ट नीचे आकर रुकी जिया भागते हुए बिल्डिंग से बाहर चली आयी और अपना स्कूटर स्टार्ट कर वहा से चली गयी। उसकी आँखों में अभी भी आँसू भरे हुए थे।

ईशान टीशर्ट पहनकर बाहर आया उसने देखा जिया वहा नहीं है तो उसने कहा,”जिया कहा है ?”
“तुम्हे उस लड़की से मिलने की कोई जरूरत नहीं है ईशान,,,,,,,,,,,,उस लड़की के पीछे तुम अपना बहुत वक्त बर्बाद कर चुके अब अपना सामान पैक करो और हमारे साथ वापस घर चलो”,ईशान के पापा ने गुस्से से कहा
“तुम्हारे पापा ठीक कह रहे है बेटा , तुम घर चलो उस लड़की का चक्कर छोड़ दो,,,,,,,,,,,,!!”,ईशान की मम्मी ने ईशान को समझाते हुए कहा


“मॉम-डेड आप लोग गलत समझ रहे है वो लड़की माया नहीं है , वो तो,,,,,,,,,,!!”,ईशान ने कहना चाहा लेकिन उसके पापा ने उसकी एक बात नहीं सुनी और उसकी बांह पकड़कर गुस्से से कहा,”कोई भी लड़की सुबह सुबह तुम्हारे फ्लेट में मिलेगी तो उसका क्या मतलब होगा जानते हो ना तुम,,,,,,,,,,,,,,तुम्हारी इस हरकत की वजह से मुझे कितनी शर्मिंदगी हो रही है ये जानते भी हो तुम ? चुपचाप मेरी बात मानो और चलो यहाँ से मैं तुम्हे उस लड़की के पीछे अपनी जिंदगी बर्बाद करने नहीं दे सकता,,,,,,,,,,,,,,,!”


ईशान ने सूना तो उसने अपनी बाँह छुड़ाते हुए कहा,”मैं कही नहीं जाऊंगा डेड,,,,,,,,,,,,,,और न ही मुझे कही जाना है।”
“तो क्या तुम यहाँ रहकर अपनी जिंदगी बर्बाद करना चाहते हो ? समझाओ अपने बेटे को,,,,,,,!”,ईशान के पापा ने ईशान की मम्मी से कहा तो वे ईशान के पास चली आयी और उसका चेहरा अपने हाथो में थामकर कहने लगी,”इशू इशू बेटा इनकी बात मान लो , वहा जयपुर में हर कोई तुम्हारे बारे में बात कर रहा है। एक लड़की के लिए तुम अपना घर अपना परिवार सब छोड़कर बैठे हो,,,,,,,,,,,,,,प्लीज घर चलो बेटा , यहाँ से चलो”


“मॉम आप तो मेरी बात समझने की कोशिश कीजिये,,,,,,,,,,,,,,मैं ऐसे सब छोड़कर यहाँ से नहीं जा सकता , माया वजह नहीं है मॉम बल्कि अगले महीने मेरे ऑडिशंस है और मुझे इस बार ये करना है इसमें मेरी बहुत मेहनत लगी है मॉम,,,,,,,,,,,,,,,आप डेड को समझाइये प्लीज”,ईशान ने धीमी आवाज में कहा

ईशान के पापा ने जैसे ही ईशान के मुंह से ऑडिशन का नाम सुना उनका गुस्सा और बढ़ गया वे ईशान की कमरे की तरफ गए। उन्होंने टेबल पर रखा ईशान का लेपटॉप उठाया और जमीन पर फेंक दिया। लेपटॉप टूट गया और उसके कुछ टुकड़े कमरे के बाहर तक चले आये ईशान ने देखा तो चिल्लाते हुए कमरे की तरफ भागा,”डेअअअअअअड !!”
ईशान अंदर आया तब तक ईशान के पापा ने लेपटॉप के साथ साथ उसका रिकॉर्डिंग माईक सिस्टम और कीबोर्ड्स भी फेंक दिए और टेबल पर रखा सब सामान भी,,,,,,,,,,,,,,ईशान के पापा ने जैसे ही टेबल के ऊपर रॉ में रखा ईशान का स्कूल अवार्ड उठाया और फेंकने लगे ईशान ने उनका हाथ पकड़कर रोकते हुए कहा,”डेड प्लीज”
ईशान ने जब अपने डेड का हाथ पकड़ा तो उनका गुस्सा और बढ़ गया।

उन्होंने अपना हाथ नीचे किया और खींचकर एक थप्पड़ ईशान के गाल पर रसीद करते हुए कहा,”तुम्हारी इतनी हिम्मत कि तुम मेरा हाथ पकड़ो”
ईशान को जैसे ही थप्पड़ पड़ा ईशान की मम्मी ने हैरान और खौफजदा होकर अपना हाथ अपने मुंह पर रख लिया। आज तक उन्होंने कभी ईशान पर हाथ उठाना तो दूर उसे एक ऊँगली भी टच नहीं की थी। ईशान ने कुछ नहीं कहा बस ख़ामोशी से अपने पापा को देखता रहा और फिर उनके हाथ से अपना अवार्ड लेकर कहा,”आप मुझसे मेरे सपने नहीं छीन सकते डेड,,,,,,,,,,!!”


“तुम्हे अभी और इसी वक्त फैसला करना होगा अपने पेरेंट्स या फिर अपने सपने,,,,,,,,,,,!!”,ईशान के पापा ने ईशान को घुरते हुए पूछा
“ये कैसी बातें कर रहे है आप ? मैं इसे समझाउंगी,,,,,,,,,!!”,ईशान की मम्मी ने कहा
“तुम चुप रहो,,,,,,,,,,,,,आज फैसला हो जाने दो इसके लिए इसके सपने इम्पोर्टेन्ट है या इसके माँ-बाप”,ईशान के पापा ने अपना हाथ आगे कर ईशान की मम्मी को रोकते हुए कहा।
“डेड आप ऐसा क्यों कर रहे है ? आप मुझे बस थोड़ा टाइम दीजिये मैं सब ठीक कर दूंगा,,,,,,,,,,,,प्लीज”,ईशान ने रिक्वेस्ट करते हुए कहा


“तुम्हारे सपने या तुम्हारे माँ बाप , फैसला तुम्हारा है ईशान”,ईशान के पापा ने कठोरता से कहा
ईशान ने एक नजर अपनी मम्मी को देखा और धीरे से कहा,”मुझे माफ़ करना मॉम” ईशान की बात सुनते ही उसकी माँ की आँखों में आँसू भर आये वे ईशान की जिद जानती थी। ईशान अपने पापा की तरफ पलटा और उनसे आँखे मिलाकर कहा,”मैं अपने सपने चुनता हूँ डेड और मुझे यकीन है एक दिन आप मुझ पर गर्व करेंगे,,,,,,,,,,,,,,!!”
“चलो यहाँ से,,,,,,,,,!!”,ईशान के पापा ने अपनी पत्नी की बाँह पकड़ी और उसे वहा से ले जाते हुए कहा।

उनकी आँखों में भरे आँसू गालो पर लुढ़क आये और वे वहा से चली गयी। ईशान ने एक बहुत बड़ा फैसला किया था वह बिस्तर पर आ बैठा और अपना सर पकड़ लिया। माया उसकी जिंदगी से जा चुकी थी , अपने मॉम-डेड को वह खुद से दूर कर चुका था , उसकी नौकरी जा चुकी थी और उसके पास अब बहुत थोड़े पैसे बचे थे। ईशान ने सामने बिखरे अपने टूटे हुए सामान को देखा वह उठा और उन्हें उठाकर देखा उसका लेपटॉप , माईक और किबर्ड इस हालत में नहीं थे कि उन्हें ठीक किया जा सके।

ईशान की आंखो में आँसू भर आये जिस सपने के लिए वह इतनी मेहनत कर रहा था वह धीरे धीरे टूट रहा था। ईशान आकर बिस्कर पर गिर गया उसकी आँखों के सामने माया की सगाई , अपने पापा का गुस्सा और अपना सपना सब एक साथ घूमने लगे। ईशान को जिया का ख्याल तक नहीं आया।

जिया सीधा घर पहुंची उसने लिली आंटी के घर के सामने आकर बेल बजायी। दरवाजा घोष अंकल ने खोला सुबह सुबह जिया को बाहर देखकर थोड़ा हैरान हुए और कहा,”अरे जिया बेटा सुबह सुबह कहा से आ रही हो ?”
“माफ़ करना घोष अंकल मैं इस वक्त आपके सवालों के जवाब नहीं दे सकती,,,,,,,,,मैं आप से बाद में मिलती हूँ”,कहते हुए जिया अंदर चली गयी। घोष अंकल ने दरवाजा बंद किया और अंदर चले आये
“गुड मॉर्निंग जिया , मैंने नाश्ते में गर्मागर्म मुंगलेट बनाया है क्या तुम टेस्ट करना चाहोगी ?”,लिली आंटी ने डायनिंग पर अपने और मिस्टर घोष के लिए नाश्ता लगाते हुए कहा


“नहीं शुक्रिया मुझे भूख नहीं है”,जिया ने बुझे मन से कहा और सीढ़ियों से ऊपर चली गयी। ऊपर आकर जिया ने दरवाजा खटखटाया कुछ देर बाद सोफी ने दरवाजा खोला। जिया को देखकर सोफी खुश हो गयी और कहाँ,”थैंक गॉड तुम घर आ गयी , अंदर आओ”
जिया अंदर चली आयी उसकी आँखे रोने से लाल हो चुकी थी और चेहरा भी मुरझा चुका था। वह आकर बाथरूम की तरफ चली आयी और मुँह धोने लगी
“कल रात तुम कहा थी ? मैंने कितनी बार तुम्हारा फोन ट्राय किया लेकिन नेटवर्क से बाहर था,,,,,,,,,,,मैं और मिस्टर दयाल कितना परेशान हो गए थे।”


जिया ने सोफी की बात का कोई जवाब नहीं दिया और बाथरूम से बाहर आकर अपना मुँह पोछने लगी
“जिया क्या हुआ है तुम्हे ? तुम इतना अपसेट क्यों हो ? ये सब छोडो ये बताओ कल तुम थी कहा ?”,सोफी ने कहा
“मैं डेस्टिनी के साथ थी,,,,,,,,,,,,मैं घर आने ही वाली थी लेकिन उसके बाद बारिश होने लगी और मुझे वही उसके साथ रुकना पड़ा”,जिया ने एक झूठी कहानी सोफी को सूना दी जिस पर सोफी को यकीन भी हो गया और उसने जिया को डाटते हुए कहा,”ओह्ह्ह जिया तुम कितनी पागल हो , उस एक पिल्ले के लिए रातभर परेशान रही,,,,,,,,,,तुम्हे ऐसा नहीं करना चाहिए था !!”


“वो पिल्ला नहीं है,,,,,,,उसे मेरी जरूरत थी इसलिए मैं उसके साथ थी समझी तुम”,पहली बार जिया सोफी पर चिल्लाई जिसे सुनकर सोफी सहम गयी और धीमी आवाज में कहा,”माफ़ करना मेरा वो मतलब नहीं था”
जिया को खुद पर ही गुस्सा आ रहा था और वह उसे सोफी पर तो बिल्कुल उतारना नहीं चाहती थी इसलिए अपने बिस्तर की तरफ आयी और पेट के बल गिरकर तकिया अपने सर पर रख लिया। सोफी ने देखा तो कहा,”क्या तुम आज रेस्त्रो नहीं जाओगी ?”


“नहीं मैं काफी थक चुकी हूँ , मिस्टर दयाल को मेरा मैसेज दे देना कि मैं लिव पर हूँ”,जिया ने आँखे मूँदे कहा
“ठीक है वैसे भी तुम काफी परेशान लग रही हो तुम्हे आराम करना चाहिए,,,,,,,,,,,,,,क्या मैं तुम्हारे लिए दोपहर का खाना बना दू ?”,सोफी ने फिर पूछा
“नहीं शुक्रिया मैं मैनेज कर लुंगी , तुम्हे रेस्त्रो जाना चाहिए वरना देर हो जाएगी”,जिया ने कहा
“ठीक है मैं चलती हूँ”,सोफी ने अपना बैग उठाते हुए कहा


“हम्म्म्म,,,,,,,,,,,,,,,अपना ख्याल रखना”,जिया ने कहा
सोफी वहा से चली गयी। सोफी के जाने के बाद जिया उठी और बिस्तर पर आलथी पालथी मारकर बैठ गयी उसकी आँखों के सामने एक बार फिर ईशान और उसके माँ-पापा का चेहरा आने लगा और साथ ही कानो में गूंजने लगे उनके कहे कड़वे शब्द

A Broken Heart – 25A Broken Heart – 25A Broken Heart – 25A Broken Heart – 25A Broken Heart – 25A Broken Heart – 25A Broken Heart – 25A Broken Heart – 25A Broken Heart – 25A Broken Heart – 25A Broken Heart – 25A Broken Heart – 25A Broken Heart – 25A Broken Heart – 25A Broken Heart – 25A Broken Heart – 25A Broken Heart – 25A Broken Heart – 25A Broken Heart – 25A Broken Heart – 25A Broken Heart – 25A Broken Heart – 25A Broken Heart – 25A Broken Heart – 25A Broken Heart – 25A Broken Heart – 25A Broken Heart – 25A Broken Heart – 25A Broken Heart – 25A Broken Heart – 25A Broken Heart – 25A Broken Heart – 25A Broken Heart – 25A Broken Heart – 25A Broken Heart – 25A Broken Heart – 25A Broken Heart – 25A Broken Heart – 25A Broken Heart – 25A Broken Heart – 25

क्रमश – A Broken Heart – 25

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संजना किरोड़ीवाल  

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जिया सीधा घर पहुंची उसने लिली आंटी के घर के सामने आकर बेल बजायी। दरवाजा घोष अंकल ने खोला सुबह सुबह जिया को बाहर देखकर थोड़ा हैरान हुए और कहा,”अरे जिया बेटा सुबह सुबह कहा से आ रही हो ?”
“माफ़ करना घोष अंकल मैं इस वक्त आपके सवालों के जवाब नहीं दे सकती,,,,,,,,,मैं आप से बाद में मिलती हूँ”,कहते हुए जिया अंदर चली गयी। घोष अंकल ने दरवाजा बंद किया और अंदर चले आये
“गुड मॉर्निंग जिया , मैंने नाश्ते में गर्मागर्म मुंगलेट बनाया है क्या तुम टेस्ट करना चाहोगी ?”,लिली आंटी ने डायनिंग पर अपने और मिस्टर घोष के लिए नाश्ता लगाते हुए कहा
“नहीं शुक्रिया मुझे भूख नहीं है”,जिया ने बुझे मन से कहा और सीढ़ियों से ऊपर चली गयी। ऊपर आकर जिया ने दरवाजा खटखटाया कुछ देर बाद सोफी ने दरवाजा खोला। जिया को देखकर सोफी खुश हो गयी और कहाँ,”थैंक गॉड तुम घर आ गयी , अंदर आओ”
जिया अंदर चली आयी उसकी आँखे रोने से लाल हो चुकी थी और चेहरा भी मुरझा चुका था। वह आकर बाथरूम की तरफ चली आयी और मुँह धोने लगी
“कल रात तुम कहा थी ? मैंने कितनी बार तुम्हारा फोन ट्राय किया लेकिन नेटवर्क से बाहर था,,,,,,,,,,,मैं और मिस्टर दयाल कितना परेशान हो गए थे।”
जिया ने सोफी की बात का कोई जवाब नहीं दिया और बाथरूम से बाहर आकर अपना मुँह पोछने लगी
“जिया क्या हुआ है तुम्हे ? तुम इतना अपसेट क्यों हो ? ये सब छोडो ये बताओ कल तुम थी कहा ?”,सोफी ने कहा
“मैं डेस्टिनी के साथ थी,,,,,,,,,,,,मैं घर आने ही वाली थी लेकिन उसके बाद बारिश होने लगी और मुझे वही उसके साथ रुकना पड़ा”,जिया ने एक झूठी कहानी सोफी को सूना दी जिस पर सोफी को यकीन भी हो गया और उसने जिया को डाटते हुए कहा,”ओह्ह्ह जिया तुम कितनी पागल हो , उस एक पिल्ले के लिए रातभर परेशान रही,,,,,,,,,,तुम्हे ऐसा नहीं करना चाहिए था !!”
“वो पिल्ला नहीं है,,,,,,,उसे मेरी जरूरत थी इसलिए मैं उसके साथ थी समझी तुम”,पहली बार जिया सोफी पर चिल्लाई जिसे सुनकर सोफी सहम गयी और धीमी आवाज में कहा,”माफ़ करना मेरा वो मतलब नहीं था”
जिया को खुद पर ही गुस्सा आ रहा था और वह उसे सोफी पर तो बिल्कुल उतारना नहीं चाहती थी इसलिए अपने बिस्तर की तरफ आयी और पेट के बल गिरकर तकिया अपने सर पर रख लिया। सोफी ने देखा तो कहा,”क्या तुम आज रेस्त्रो नहीं जाओगी ?”
“नहीं मैं काफी थक चुकी हूँ , मिस्टर दयाल को मेरा मैसेज दे देना कि मैं लिव पर हूँ”,जिया ने आँखे मूँदे कहा
“ठीक है वैसे भी तुम काफी परेशान लग रही हो तुम्हे आराम करना चाहिए,,,,,,,,,,,,,,क्या मैं तुम्हारे लिए दोपहर का खाना बना दू ?”,सोफी ने फिर पूछा
“नहीं शुक्रिया मैं मैनेज कर लुंगी , तुम्हे रेस्त्रो जाना चाहिए वरना देर हो जाएगी”,जिया ने कहा
“ठीक है मैं चलती हूँ”,सोफी ने अपना बैग उठाते हुए कहा
“हम्म्म्म,,,,,,,,,,,,,,,अपना ख्याल रखना”,जिया ने कहा
सोफी वहा से चली गयी। सोफी के जाने के बाद जिया उठी और बिस्तर पर आलथी पालथी मारकर बैठ गयी उसकी आँखों के सामने एक बार फिर ईशान और उसके माँ-पापा का चेहरा आने लगा और साथ ही कानो में गूंजने लगे उनके कहे कड़वे शब्द

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