Sanjana Kirodiwal

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A Broken Heart – 47

A Broken Heart – 47

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A Broken Heart
A Broken Heart

ईशान को भेजकर जिया जैसे ही अंदर आयी हॉल में लिली आंटी , घोष अंकल और सोफी खड़े थे। उन्हें देखते ही जिया का दिल धड़कने लगा।


“अगर ये लोग ईशान के बारे में फिर से सवाल करेंगे तो मैं क्या कहूँगी ? हाँ मैं जानती हूँ मैं झूठ बोलने में ज्यादा अच्छी नहीं हूँ,,,,,,,,,,,,,,मॉम प्लीज हेल्प मी”,जिया ने मन ही मन खुद से कहा और एक गहरी साँस ली उसने सामने देखा लिली आंटी उसे ही देख रही थी। ना चाहते हुए भी जिया के होंठो पर एक बड़ी सी मुस्कान तैर गयी और उसने कहा,”आप सब लोग एक साथ यहाँ क्या कर रहे है ? सोफी तुम यहाँ क्या कर रही हो , क्या आज हमे रेस्त्रो नहीं जाना ?”


“वो सब बाद में जिया पहले ये बताओ कि तुम्हारे और उस लड़के मेरे मतलब सोफी के भाई के बीच क्या चल रहा है ?”,लिली आंटी ने सख्ती से पूछा
“क क कुछ कुछ भी नहीं लिली आंटी,,,,,,,,.”,जिया ने अटकते हुए कहा
“अगर कुछ भी नहीं चल रहा है तो पिछले 2 दिन से वो लड़का यहाँ चक्कर क्यों काट रहा है ?”,लिली आंटी ने फिर कठोरता से कहा


“वो दरअसल,,,,,,,,,,,वो सोफी से मिलने आया था , सोफी उस से नाराज है ना तो उसे मनाने आया था।”,जिया ने फटाक से एक झूठ बोला
सोफी ने सूना तो हैरानी से जिया को देखने लगी और लिली आंटी सोफी को
“सोफी क्या जिया सच कह रही है ? तुम्हारा भाई यहाँ तुम से मिलने आया था ?”,लिली आंटी ने सोफी से पूछा


सोफी ने जैसे ही मना करने को मुँह खोला जिया उस से सटकर खड़ी हो गयी और सोफी की पीठ पर मुक्का जड़ते हुए उसे एक खतरनाक लुक दिया।
“हाँ हाँ आंटी वो मुझसे ही मिलने आया था,,,,,,,,,,!”,सोफी ने मुक्के का दर्द अपने चेहरे पर ना लाते हुए कहा
“क्यों ? क्या उसे अभी तक इस शहर में कोई नौकरी नहीं मिली है ?”,लिली ने आंटी ने इस बार थोड़ा नार्मल होते हुए कहा


“अह्ह्ह्ह हाँ उसे नौकरी नहीं मिली है और यही बताने शायद वो यहाँ आया था।”,जिया के साथ साथ अब सोफी को भी झूठ बोलना पड़ा
“लेकिन वो इस तरह घर के बाहर पड़ी बेंच पर क्यों सो रहा था ?”,घोष अंकल ने पूछा
“बेचारा अंदर कैसे आएगा ? कल लिली आंटी ने ही उसे घर के अंदर आने से मना किया था , इसलिए वो बाहर रुक गया।”,सोफी से पहले ही जिया बोल पड़ी


“तुम्हे कैसे पता मैंने उसे अंदर आने से मना किया था ?”,लिली एंटी ने जिया को घूरते हुए पूछा
“अह्ह्ह्हह वो मुझे , मुझे ये बात सोफी ने बताई ,, हैं ना सोफी ?”,जिया ने फिर सोफी को फंसाते हुए कहा और सोफी को मज़बूरी में हामी भरनी पड़ी।


लिली आंटी को उन दोनों की बातो पर यकीन तो नहीं था लेकिन फिर भी उन्होंने आगे सवाल नहीं किया। मिस्टर घोष ने देखा तो उन्हें लिली का बर्ताव थोड़ा अजीब लगा और उन्होंने कहा,”लिली बस भी करो , तुम्हे जिया और सोफी से इतने सवाल नहीं करने चाहिए वो इतने सालो से हमारे साथ है वो हमसे झूठ तो बिलकुल नहीं बोलेगी,,,,,,,,,,,,,,!!”


“हाँ लिली आंटी घोष अंकल सही कह रहे है।”,जिया ने फिर कहा तो सोफी ने उसे पीछे खींच लिया और लिली आंटी से कहा,”अपने भाई के लिए मैं आपसे माफ़ी चाहती हूँ लिली आंटी मैं उसे समझा दूंगी। दोबारा ऐसा नहीं होगा।”
“इट्स ओके बेटा तुम और जिया अपने कमरे में जाओ,,,,,,,,,,,,,,,लिली तुम भी चलो चलकर मुझे नाश्ता दो बहुत भूख लगी है।”,घोष अंकल ने डायनिंग की तरफ जाते हुए कहा


“आज नाश्ते में क्या है लिली आंटी ?”,जिया ने एकदम से पूछा
“वही जो कुछ देर पहले तुमने सोफी को खिलाया,,,,,,,,,,,,,,,क्या तुम वो खाना चाहोगी ?”,लिली आंटी ने बड़ी सी स्माइल के साथ कहा क्योकि लिली आंटी जिया की हरकते जानती थी।
“अह्ह्ह्ह नहीं मैं तो बस मजाक कर रही थी , मैं अपने कमरे में जाती हूँ।”,कहते हुए जिया जल्दी जल्दी सीढिया चढ़कर ऊपर अपने कमरे में चली गयी।

“घोष ! ये लो तुम्हारा नाश्ता”,लिली आंटी टेबल पर नाश्ते की प्लेट मिस्टर घोष के सामने रखते हुए कहा और खुद भी उनके सामने पड़ी कुर्सी पर आ बैठी।
मिस्टर घोष ने नाश्ता शुरू किया और एक दो निवाले खाने के बाद कहा,”लिली इन दिनों तुम जिया के साथ काफी सख्त पेश आ रही हो , क्या सही है ?”


“घोष तुम जिया को नहीं जानते , उस लड़के के चक्कर में जिया आजकल कुछ ज्यादा ही बदल गयी है , और तो और वो हम से झूठ भी बोलने लगी है।”,लिली आंटी ने कहा
“लिली मुझे लगता है शायद जिया उस लड़के को पसंद करती है और वो लड़का भी हमारी जिया को पसंद करता है। वैसे वो लड़का इतना बुरा भी नहीं है वो और जिया साथ में वैसे ही लगते है जैसे 40 साल पहले मैं और तुम लगते थे।”,मिस्टर घोष ने कहा


“ओह्ह्ह घोष उन्हें हमारी लव स्टोरी से कम्पेयर मत करो , हमारे टाइम की लव स्टोरी में पीस होता था , फीलिंग्स होती थी , केयर होती थी और आज कल के रिलेशनशिप शुरू होने से पहले ही खत्म हो जाते है , ना इनमे पेसेंस होता है ना ही कोई फीलिंग्स बस सबने इसे टाइम पास बना रखा है।”,लिली आंटी ने कहा


“ऐसा नहीं है लिली कुछ लव स्टोरी आज भी सच्ची होती है। खैर तुम्हे जिया के साथ थोड़ा नरमी से पेश आना चाहिए। वो बहुत मासूम है कही तुम्हारी किसी बात से उसका दिल ना दुखे।”,मिस्टर घोष ने जिया की परवाह जताते हुए कहा


“मैं जानती हूँ घोष कि वो मासूम है इसलिए तो मुझे उसकी परवाह होती है , अपनी मासूमियत और अच्छेपन की वजह से कही वो किसी मुसीबत में ना पड़ जाये। तुम फ़िक्र मत करो मेरी डांट में उसके लिए परवाह है गुस्सा नहीं।”,लिली ने अपना हाथ मिस्टर घोष के हाथ पर रखते हुए प्यार से कहा
“हम्म्म्म , आज का नाश्ता काफी लजीज है , तुम्हारा शुक्रिया,,,,,,,,,,!”,मिस्टर घोष ने प्यार से लिली आंटी को देखते हुए कहा।

जिया सोफी के पीछे पीछे अपने कमरे में आयी। कमरे में आकर जिया ने देखा सोफी बहुत गुस्से में है तो वह चुपचाप बाथरूम की तरफ जाने लगी। सोफी ने पीछे से उसकी टीशर्ट पकड़कर उसे रोका और अपने सामने करते हुए कहा,”जिया मुझे एक बात बताओ तुम्हारे और ईशान के लिए मुझे और कितने झूठ बोलने पड़ेंगे ? कभी तुम उसे मेरा भाई बना देती हो ,

कभी अपनी गलतियों को मेरे सर पर डाल देती हो तो कभी लिली आंटी के सामने कुछ ऐसा बोल देती हो कि मैं समझ ही नहीं पाती उन्हें क्या जवाब दू,,,,,,,,,,,,,,आखिर ये सब कब तक चलेगा ? तुम लिली आंटी और घोष अंकल से साफ साफ कह क्यों नहीं देती कि वो तुम्हारा दोस्त है और मेरा उस से कोई रिश्ता नहीं है।”
“ओह्ह्ह्ह सोफी इतने हेंडसम लड़के की बहन बनने में तुम्हे क्या परेशानी है ? वैसे भी तुम्हारा भाई मेरा मतलब ईशान जा रहा है अब वो यहाँ नहीं आएगा।”,जिया ने बेपरवाही से कहा


“क्या कहा वो जा रहा है ? लेकिन कहा ?”,सोफी ने एकदम से पूछा
“हहहहह तुम्हे ये क्यों जानना है ?”,जिया ने सोफी को घूरते हुए पूछा
सोफी ने जिया के सर पर मुक्का मारा और कहा,”पागल लड़की मैं इसलिए पूछ रही हूँ कि क्या तुमने उसे अपने दिल की बात बताई ? क्या तुमने उसे बताया तुम उसे पसंद करती हो ?”
“नहीं,,,,,,,,,,,,,,,मैं उसे नहीं बता सकती।”,जिया ने कहा


“पर क्यों ? अगर तुम उसे बताओगी तो तुम्हे भी एक क्लियरटी मिल जाएगी कि उसके दिल में क्या है ?”,सोफी ने कहा
“हाह ऐसा है क्या ? फिर तो मैं उस से जरूर पूछूँगी,,,,,,,,,,,,,,,,,,,ओह्ह्ह्ह मुझे जल्दी से नहाने जाना होगा , 2 घंटे बाद उसकी फ्लाइट है और मैंने उस से कहा था कि मैं उसे सी ऑफ कहने आउंगी।”,कहते हुए जिया अपना टॉवल लेकर बाथरूम की तरफ भागी।
सोफी भी अपने बालों को बांधकर किचन की तरफ चली आयी उसे अपने और जिया के लिए नाश्ता जो बनाना था।
उसी सुबह देवांश अपनी गाड़ी लेकर माया के घर के बाहर आया।

गाड़ी में बैठे बैठे उसने माया को फोन लगाया लेकिन माया ने फोन नहीं उठाया। देवांश ने एक बार और टट्राय किया लेकिन इस बार भी माया ने देवांश का फोन नहीं उठाया जिस से देवांश झल्ला उठा और अपना फोन बगल वाली सीट पर फेंकते हुए कहा,”हाह इतना ऐटिटूड आखिर ये लड़की खुद को समझती क्या है ?”
देवांश कुछ देर गाड़ी में बैठा रहा और फिर गाड़ी से नीचे उतरकर घर के अंदर चला आया।

माया के मम्मी पापा शायद कुछ देर पहले ही अपने वेकेशन टूर से वापस घर आये थे। वे देवांश को बाहर लॉन में ही चाय पीते हुए मिल गए। माया के पापा ने देवांश को देखा तो कहा,”अरे देवांश बेटा सुबह सुबह यहाँ ? आओ बैठो चाय पीते है।”
“अह्ह्ह्ह थैंक्यू अंकल , दरअसल मुझे माया से काम था वो मेरा फोन रिसीव नहीं कर रही है। कहा है वो ?”,देवांश ने कहा


“वो शायद अपने कमरे में सो रही होगी,,,,,,,,,,,,,,,एंड देवांश बेटा अंकल नहीं पापा , मैं माया का ही फादर नहीं हूँ बल्कि तुम्हारा भी हूँ।”,माया के पापा ने कहा
“या अंकल,,,,,,,,,,,,,अह्ह्ह मेरा मतलब पापा , मैं ज़रा माया से मिल लेता हूँ।”,कहकर देवांश अंदर चला गया
देवांश माया के कमरे में आया उसने देखा अपने कमरे की खिड़की के पास खड़ी खोयी हुई सी बाहर देख रही है।
“तुम मेरा फोन क्यों नहीं उठा रही हो ?”,देवांश ने माया की तरफ आकर गुस्से से कहा


“क्योकि मेरा मन नहीं था।”,माया ने अब भी खिड़की से बाहर देखते हुए कहा जिस से देवांश का गुस्सा और बढ़ गया। उसने माया की बाँह पकड़ी और उसे अपनी तरफ करके कहा,”मेरी ऐड कम्पनी तुम्हारे मूड के हिसाब से नहीं चलती है माया। मैंने तुम्हे फोन नए ऐड प्रोजेक्ट के शूट के लिए किया था , समझी तुम !”
“हाँ समझ गयी , मैं सिर्फ तुम्हारे लिए तुम्हारी ऐड कम्पनी को चलाने वाली एक मशीन हु बस”,माया ने नफरत से देवांश को घूरते हुए कहा


“तुम्हे क्या लगता है माया , मैं यहाँ तुम्हारी ये बकवास सुनने आया हूँ ? तुम्हारे पास सिर्फ 10 मिनिट है जल्दी से रेडी हो जाओ और मेरे साथ चलो आज एक फॉरेन कम्पनी के साथ हमारी मीटिंग है और ये प्रेजेंटेशन देनी है , सो जल्दी करो वो लोग हमारा इंतजार कर रहे है।”,देवांश ने माया की बाँह छोड़कर बिस्तर पर बैठते हुए कहा
“तुम ये क्यों नहीं कहते कि प्रेजेंटेशन के नाम पर मुझे उनके साथ सोना है,,,,,,,,,,,,!”,माया ने नफरत से कहा


“और तुम अब तक क्या करती आयी हो ? पैसो के लिए पहले तुम ईशान के साथ सोई , फिर प्रमोशन्स के लिए मेरे साथ और भी ना जाने कितनो के साथ सोई होगी किसे पता ? अब अगर मेरे फायदे के लिए तुम्हे मेरे फॉरेन क्लाइंट के साथ सोना पड़ रहा है तो कौनसी बड़ी बात हो गयी ?”,देवांश ने सिगरेट जलाकर मुंह में रख ली


माया ने सूना तो गुस्से से देवांश को देखकर कहा,”अपने हद में रहो देवांश , हमारी शादी होने वाली है क्या तुम्हे इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि तुम्हारी होने वाली वाइफ को तुम अपने क्लाइंट के साथ सोने को कह रहे हो ?”
“मुझे इस से कोई फर्क नहीं पड़ता माया और हमारी शादी अभी हुई नहीं है,,,,,,,,,,,,,,,,अब जल्दी करो हमे देर हो रही है।”,देवांश ने उठते हुए कहा और खिड़की के पास चला आया माया बस फ़टी आँखों से उसे देख रही थी।

जिया तैयार होकर अपनी साइकिल लेकर जल्दी जल्दी एयरपोर्ट के बाहर पहुंची। ईशान वहा पहले से मौजूद था उसने जिया को घडी दिखाते हुए कहा,”तुम पुरे 7 मिनिट लेट हो।”
“हाँ मैं जानती हूँ पर मैं ये लेने के लिए रुक गयी थी।”,जिया ने बन सेंडविच ईशान की तरफ बढ़ाते हुए कहा
ईशान ने सेंडविच देखा तो मुस्कुराया और कहा,”इसकी क्या जरूरत थी जिया , तुम ऐसे भी आ सकती थी।”


“मुझे लगा बैंगलोर जाने के बाद तुम इसे मिस करोगे इसलिए मैं इसे ले आयी , रोजाना के बजाय इसमें आज चीज ज्यादा है।”,जिया ने खुश होकर कहा
“हम्म्म्म पर बैंगलोर जाकर तो मैं तुम्हे भी मिस करूंगा , तो क्या मुझे तुम्हे भी पैक करके अपने साथ ले जाना चाहिए ?”,ईशान ने जिया को देखकर प्यार से कहा जिसे सुनकर जिया का दिल धड़क उठा और उसने ईशान से नजरे चुराते हुए कहा,”मैं तुम्हारे साथ नहीं जा सकती क्योकि मेरे पास पासपोर्ट नहीं है,,,,,,,,,,,,,,!!”


ईशान ने सूना तो हसने लगा और जिया के सर पर चपत मारते हुए कहा,”पागल लड़की पासपोर्ट इंडिया से बाहर जाने के लिए लगता है।”
जिया ने सूना तो झेंपते हुए मुस्कुरा दी। दोनों कुछ देर वही रुके जिया ने बहुत कोशिश की लेकिन वह ईशान को अपने दिल की बात नहीं कह पायी और फिर ईशान उसे बाय बोलकर वहा से चला गया। जिया उदास होकर जाने के लिए पलट गयी तभी ईशान की आवाज उसके कानो में पड़ी,”जिया !”


जिया पलटी तो ईशान उसके पास आया और मुस्कुराते हुए उसके सामने आ खड़ा हुआ। जिया ने आँखो के इशारे से पूछा तो ईशान ने कुछ नहीं कहा वह बस थोड़ा सा जिया के बांयी तरफ झुका और उसके गाल को अपने होंठो से छूकर कहा,”अपना ख्याल रखना , हम जल्दी मिलेंगे।”

इसके बाद भला जिया क्या कहती , उसके दिल की धड़कने सामान्य से तेज थी और वह बस बुत बनी ख़ामोशी से ईशान को जाते हुए देखते रही

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संजना किरोड़ीवाल

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“मुझे लगा बैंगलोर जाने के बाद तुम इसे मिस करोगे इसलिए मैं इसे ले आयी , रोजाना के बजाय इसमें आज चीज ज्यादा है।”,जिया ने खुश होकर कहा
“हम्म्म्म पर बैंगलोर जाकर तो मैं तुम्हे भी मिस करूंगा , तो क्या मुझे तुम्हे भी पैक करके अपने साथ ले जाना चाहिए ?”,ईशान ने जिया को देखकर प्यार से कहा जिसे सुनकर जिया का दिल धड़क उठा और उसने ईशान से नजरे चुराते हुए कहा,”मैं तुम्हारे साथ नहीं जा सकती क्योकि मेरे पास पासपोर्ट नहीं है,,,,,,,,,,,,,,!!”

“मुझे लगा बैंगलोर जाने के बाद तुम इसे मिस करोगे इसलिए मैं इसे ले आयी , रोजाना के बजाय इसमें आज चीज ज्यादा है।”,जिया ने खुश होकर कहा
“हम्म्म्म पर बैंगलोर जाकर तो मैं तुम्हे भी मिस करूंगा , तो क्या मुझे तुम्हे भी पैक करके अपने साथ ले जाना चाहिए ?”,ईशान ने जिया को देखकर प्यार से कहा जिसे सुनकर जिया का दिल धड़क उठा और उसने ईशान से नजरे चुराते हुए कहा,”मैं तुम्हारे साथ नहीं जा सकती क्योकि मेरे पास पासपोर्ट नहीं है,,,,,,,,,,,,,,!!”

“मुझे लगा बैंगलोर जाने के बाद तुम इसे मिस करोगे इसलिए मैं इसे ले आयी , रोजाना के बजाय इसमें आज चीज ज्यादा है।”,जिया ने खुश होकर कहा
“हम्म्म्म पर बैंगलोर जाकर तो मैं तुम्हे भी मिस करूंगा , तो क्या मुझे तुम्हे भी पैक करके अपने साथ ले जाना चाहिए ?”,ईशान ने जिया को देखकर प्यार से कहा जिसे सुनकर जिया का दिल धड़क उठा और उसने ईशान से नजरे चुराते हुए कहा,”मैं तुम्हारे साथ नहीं जा सकती क्योकि मेरे पास पासपोर्ट नहीं है,,,,,,,,,,,,,,!!”

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