Sanjana Kirodiwal

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A Broken Heart – 35

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A Broken Heart – 35

A Broken Heart
A Broken Heart

जिया ईशान से मिले बिना ही वापस बाहर चली आयी। माया ने ईशान की जो बेइज्जती की वो सुनकर जिया को ईशान के लिए बहुत बुरा लग रहा था। धीमी चाल में चलते हुए जिया अपने स्कूटर के पास आयी और शीशे में खुद को देखकर मन ही मन कहने लगी,”उसे कितना बुरा लगा होगा , वो माया उसका पीछा क्यों नहीं छोड़ देती , वो बार बार उसके सामने आती है और उसे हर्ट करती है। माया ने ईशान के सपने के बारे में गलत बोला तो क्या ईशान का सपना एक वौइस् आर्टिस्ट बनना है

लेकिन उसने तो कभी इस बारे में नहीं बताया,,,,,,,,,,,,,,,,,,ओह्ह्ह कम ऑन जिया तुम उसके लिए इतनी भी खास नहीं हो कि वो तुम्हे अपने सपने के बारे में बताये,,,,,,,,,,,,,,,,,,तो उसका खास बनने के लिए मुझे क्या करना होगा ? क्या मुझे उसका सपना पूरा करने में उसकी मदद करनी चाहिए ? हाँ इस से मुझे उसके बारे में जानने को और मिलेगा और फिर मैं भी उसकी ख़ास हो जाउंगी,,,,,,,,,,,,,,,ओह्ह्ह ये कितना अच्छा होगा।”


खुश होकर जिया ने जैसे ही अपना हाथ घुमाया हाथ सीधा जाकर स्कूटर को लगा और वह नीचे जा गिरा। जिया को होश आया उसने जल्दी से स्कूटर को उठाया और देखा उसका एक साइड का शीशा टूट चुका है जिसे देखते ही जिया का मुँह बन गया। जिया जैसे तैसे करके टूटे हुए शीशे को लेकर रेस्त्रो पहुंची। इसे इत्तेफाक कहे या जिया की बदनसीबी मिस्टर दयाल आज रेस्त्रो के बाहर ही खड़े थे।

जिया का स्कूटर भी आकर बिल्कुल उनके सामने ही रुका। मिस्टर दयाल ने जब देखा कि स्कूटर का एक शीशा गायब है तो उन्होंने जिया को देखा। मिस्टर दयाल कुछ कहते इस से पहले ही जिया ने नीचे उतरते हुए कहा,”मैं आपको सब बताती हूँ मिस्टर दयाल।”


“क्या बताओगी तुम ? क्या सच में कभी ऐसा कोई दिन आएगा जब तुम बिना किसी नुकसान के काम करोगी,,,,,,,,,,,,,,,,,,मुझे लगता है कुछ दिनों में तुम इस स्कूटर को भी कबाड़ बना दोगी और आखिर में ये किसी भंगार में बेचने लायक भी नहीं बचेगा।”,मिस्टर दयाल ने गुस्से से अफ़सोस भरे स्वर में कहा


“ओह्ह्ह मिस्टर दयाल ऐसा नहीं है , ये मुझसे गलती से टूटा है मेरा यकीन कीजिये।”,जिया ने मासूमियत से कहा
“जबसे तुम मेरे रेस्त्रो में आयी हो तब से तुमने कितनी गड़बड़ की है क्या तुम जानती भी हो ? तुम्हे तो इसके लिए अवार्ड मिलना चाहिए।”,मिस्टर दयाल ने कहा


“हाँ क्या सच में ? क्या आप मुझे अवार्ड देने वाले है मिस्टर दयाल,,,,,,,,,,,,,,,,ओह्ह्ह मिस्टर दयाल मुझे यकीन नहीं हो रहा आप मेरे काम से इतना खुश है।”,जिया ने चहकते हुए कहा
मिस्टर दयाल ने सूना तो उन्होंने अपना सर पीट लिया और हल्के हाथ से जिया के सर पर मुक्का मारते हुए कहा,”पागल लड़की मैं तुम्हे कोई अवार्ड नहीं देने वाला , अब जाओ अंदर जाओ।”


“आराम से मिस्टर दयाल आपका हाथ बहुत भारी है मेरा दिमाग कमजोर हो जायेगा।”,जिया ने अपना सर सहलाते हुए कहा
“मुझे नहीं लगता तुम्हारे पास दिमाग है , अब जाओ और अंदर जाकर सोफी की मदद करो।”,मिस्टर दयाल ने कहा तो जिया बड़बड़ाते हुए वहा से चली गयी। जिया बड़बड़ाते हुए चली जा रही थी वो इतना कन्फ्यूजन में थी कि उसे सामने शीशे का दरवाजा भी नहीं दिखा और वह उस से जा टकराई।

मिस्टर दयाल ने देखा तो अफ़सोस से मुंह बनाते हुए वहा से चले गए।
जिया अपना सर सहलाते हुए अंदर आयी और आकर काउंटर के पास कुर्सी पर आ बैठी। उसे अपना सर सहलाते देखकर सोफी ने कहा,”क्या हुआ जिया तुम्हारे में दर्द है क्या ?”
“नहीं मेरा सर उस दरवाजे से टकरा गया था।”,जिया ने अपना सर सहलाते हुए कहा


“तुम्हे देखकर चलना चाहिए , क्या तुम कुछ पीना चाहोगी ?”,सोफी ने कहा
“हाँ मुझे एक गरम कॉफी चाहिए।”,जिया ने काउंटर पर पसरते हुए कहा
सोफी वहा से चली गयी और काउंटर पर पसरी जिया अपना सर अपनी बाँह पर रखे ईशान के बारे में सोचने लगी। ईशान के बारे में सोचते हुए जिया को कुछ दिन पहले की घटना याद आ गयी जब ईशान का सामान पैक करते हुए उसने फ्लेट में कुछ टूटा सामान देखा था।

जिया खुद में बड़बड़ाई,”हाँ मैंने उस दिन उसके कमरे में कुछ टुटा हुआ सामान देखा था , लेकिन उसे किसने तोडा होगा ? इस से भी ज्यादा जरुरी मेरे लिए ये जानना है कि वो सामान मैं उसके लिए वापस कैसे लेकर आ सकती हूँ ? मेरे पास कुछ पैसे है और कुछ मैं मिस्टर दयाल से एडवांस ले लुंगी ,, हाँ ये सही रहेगा मिस्टर दयाल मुझे मना भी नहीं करेंगे,,,,,,,,,,,,,,,,वो मुझसे इतना प्यार जो करते है तभी तो इतनी गड़बड़ करने के बाद भी उन्होंने मुझे कभी रेस्त्रो से नहीं निकाला,,,,,,,,,,,,,,,ओह्ह्ह आपका शुक्रिया मिस्टर दयाल आप बहुत अच्छे इंसान है , ईश्वर आपको हमेशा खुश रखे।”


“ये अकेले में तुम किस से बातें कर रही हो ? मैंने सूना तुम मिस्टर दयाल के लिए कुछ कह रही थी , क्या आज तुमने फिर कोई गड़बड़ की ?”,सोफी ने कॉफी के का कप जिया के सामने रखते हुए कहा और दुसरा कप खुद लेकर काउंटर के दूसरी तरफ पड़ी कुर्सी पर बैठ गयी। जिया काउंटर से उठी और अपना कप उठाकर एक घूंठ भरते हुए कहा,”कुछ खास नहीं मैं बस उन्हें दुआ दे रही थी।”


“ओह्ह्ह्ह ये काफी स्ट्रेंज है लेकिन तुम ऐसा क्यों कर रही थी ? क्या मिस्टर दयाल बीमार है या उन्हें दुआ की जरूरत है ?”,सोफी ने बहुत ही बेवकूफाना सवाल किया जिसे सुनकर जिया का मुंह बन गया और उसने कहा,”कभी कभी तुम काफी बेवकूफ नजर आती हो जब मुझसे ऐसे सवाल करती हो ,, मैं मिस्टर दयाल को दुआ दे रही हूँ क्योकि मैं खुश हूँ और मैं एक अच्छी लड़की हूँ जो सबकी ख़ुशी के लिए दुआ करती है।”


“अच्छा फिर मेरे लिए क्या दुआ करोगी तुम ?”,सोफी ने पूछा
“अह्ह्ह्हह मैं दुआ करुँगी तुम्हे एक बहुत ही हेंडसम और अमीर लड़के से प्यार हो जाये और तुम दोनों शादी करके ख़ुशी ख़ुशी अपनी जिंदगी बिताओ।”,जिया ने खुश होकर कहा
“तुम्हारा शुक्रिया वो हेंडसम लड़का भले अमीर न हो बस मेरे साथ लॉयल हो।”,सोफी ने आँखों में चमक भरते हुए कहा


“खुश हो जाओ तुम्हे ऐसा लड़का जरूर मिलेगा।”,जिया ने चहकते हुए कहा
जिया और सोफी कॉफी पीते हुए बातें कर रही थी। काम खत्म करके दोनों घर जाने के लिए निकल गयी। आज मौसम काफी अच्छा था और आसमान में बड़ा सा चाँद चमक रहा था। जिया और सोफी पैदल ही चल पड़ी। सोफी ने पीठ पर अपना छोटा बैग टाँग रखा था और जिया अपनी साइकिल के हेंडल को थामे चल रही थी। आसमान में चमकते चाँद को देखकर जिया को बीती रात याद आ गयी जब वो ईशान के साथ थी।

जिया मुस्कुरा उठी उसे मुस्कुराते देखकर सोफी ने कहा,”क्या हुआ जिया ? तुम किस बात पर इतना मुस्कुरा रही हो ?”
जिया को लगा अगर उसने सोफी को सच बताया तो सोफी उसे फिर सुबह की तरह सूना देगी और जिया ईशान का जिक्र करके सोफी को सुबह वाली बात याद दिलाना नहीं चाहती थी। चलते चलते उसने साइकिल रोकी और सोफी की तरफ गर्दन घुमाकर कहा,”तुमने ध्यान नहीं दिया पैदल चलने के चक्कर में हम दोनों डेस्टिनी के घर तक चले आये है।”


सोफी ने देखा वह जिया के साथ फुटपाथ के किनारे सड़क पर खड़ी है , उसने जैसे ही सामने देखा उसे डेस्टिनी दिखाई दिया वह जिया को देखकर पूंछ हिला रहा था। जिया अपनी साइकिल स्टेण्ड पर लगाकर आगे बढ़ गयी।
“तो क्या तुम इस पिल्ले से मिलने के लिए इस रास्ते पर आयी थी ?”,सोफी ने ऊँची आवाज में कहा
जिया ने पलटकर सोफी को घुरा तो उसे याद आया कि उसे डेस्टिनी को पिल्ला कहकर नहीं बुलाना था इसलिए उसने तुरंत अपनी बात बदलते हुए कहा,”आई मीन क्या तुम डेस्टिनी से मिलने यहाँ आयी हो ?”


“हाँ मुझे इसकी बहुत याद आ रही थी।”,कहते हुए जिया घुटनो के बल फुटपाथ पर बैठ गयी और अपने हाथो को फैलाते हुए कहा,”हे प्यारे डेस्टिनी देखो मैं यहाँ सिर्फ तुमसे मिलने आयी हूँ मैं जानती हूँ तुमने मुझे बहुत मिस किया। आ जाओ मेरे गले लग जाओ”
डेस्टिनी ने जिया को देखा तो ख़ुशी से उसके पास दौड़ा चला आया। जिया उसे प्यार करने लगी उसने ध्यान भी नहीं दिया कि फुटपाथ पर कितनी धूल थी और वह धूल आप उसकी पेंट से चिपक चुकी थी।

सोफी उसके पास आयी और कहा,”तुम अपने पिल्ले मेरा मतलब अपने डेस्टिनी को प्यार करो इस से शायद तुम दोनों का पेट भी भर जाएगा , मैं जरा विंग रेस्त्रो जाकर कुछ खा लेती हूँ क्योकि मुझे बहुत भूख लगी है। अगर तुम्हे मेरे साथ आना है तो तुम्हे इसे यही छोड़ना होगा , बोलो क्या बोलती हो ? क्योकि आज का बिल भी मैं चुकाने वाली हूँ।”


जिया ने खाने का नाम सूना तो एक बारगी उसने उठकर सोफी के साथ जाना चाहा लेकिन अगले ही पल उसकी नजर मासूम डेस्टिनी पर पड़ी तो उसने कहा,”हाह तुम्हे क्या लगता है तुम्हारे एक प्लेट नूडल्स के लिए मैं बिक जाउंगी और डेस्टिनी को यहाँ छोड़ दूंगी,,,,,,,,,,,,,,,,,कभी नहीं , तुम जा सकती हो हम एक दूसरे के लिए काफी है , ओह्ह मुझे लगता है तुम रूककर हमारी प्रायवेसी खराब कर रही हो।”
“गॉड,,,,,,,,,,,,,,,कितनी बड़ी नौटंकी हो तुम। मैं जाती हूँ।”,सोफी ने कहा और रेस्त्रो की तरफ बढ़ गयी।

रेस्त्रो में आकर सोफी ने अपने लिए नूडल्स और गार्लिक ब्रेड्स आर्डर किये और अपना फोन चेक करने लगी। कुछ देर बाद खाना आया और सोफी खाने लगी। अभी सोफी ने एक निवाला ही खाया था की उसकी नजर शीशे से चिपके डेस्टिनी और जिया पर चली गयी। सोफी ने अपना सर झटका और उठकर दरवाजे पर चली आयी। जिया ने सोफी को देखा तो खिसियाकर मुस्कुराने लगी। सोफी समझ गयी जिया उस से क्या चाहती है इसलिए कहा,”अंदर आ जाओ।”


जिया बेशर्मो की तरह ख़ुशी ख़ुशी चली आयी और उसके पीछे पीछे डेस्टिनी भी लेकिन जैसे ही डेस्टिनी उनके पीछे आया दरवाजे पर खड़े आदमी ने कहा,”ये कुत्ता अंदर नहीं जा सकता , रेस्त्रो में डॉग्स अलाउड नहीं है।”
“तुम्हारी हिम्मत कैसे हुयी इसे कुत्ता बोलने की,,,,,,,,,,,,इसका नाम डेस्टिनी है समझे तुम ?”,जिया ने आदमी पर चढ़ते हुए कहा


सोफी ने आदमी से रिक्वेस्ट की लेकिन वह मानने को तैयार नहीं था और जिया डेस्टिनी के बिना अंदर जाने को तैयार नहीं थी।
 10 मिनिट की बहस के बाद जिया , सोफी और वो पिल्ला डेस्टिनी रेस्त्रो से बाहर थे वो भी सोफी के आर्डर किये गए खाने के साथ। तीनो खाने के प्लेटो के साथ उसी फुटपाथ के डिवाइडर पर बैठे थे।
“तुम्हारे इस पिल्ले के कारण हमे भिखारियों की तरह यहाँ बैठकर खाना पड़ रहा है।”,सोफी ने नूडल्स खाते हुए कहा

जिया ईशान से मिले बिना ही वापस बाहर चली आयी। माया ने ईशान की जो बेइज्जती की वो सुनकर जिया को ईशान के लिए बहुत बुरा लग रहा था। धीमी चाल में चलते हुए जिया अपने स्कूटर के पास आयी और शीशे में खुद को देखकर मन ही मन कहने लगी,”उसे कितना बुरा लगा होगा , वो माया उसका पीछा क्यों नहीं छोड़ देती , वो बार बार उसके सामने आती है और उसे हर्ट करती है। माया ने ईशान के सपने के बारे में गलत बोला तो क्या ईशान का सपना एक वौइस् आर्टिस्ट बनना है

लेकिन उसने तो कभी इस बारे में नहीं बताया,,,,,,,,,,,,,,,,,,ओह्ह्ह कम ऑन जिया तुम उसके लिए इतनी भी खास नहीं हो कि वो तुम्हे अपने सपने के बारे में बताये,,,,,,,,,,,,,,,,,,तो उसका खास बनने के लिए मुझे क्या करना होगा ? क्या मुझे उसका सपना पूरा करने में उसकी मदद करनी चाहिए ? हाँ इस से मुझे उसके बारे में जानने को और मिलेगा और फिर मैं भी उसकी ख़ास हो जाउंगी,,,,,,,,,,,,,,,ओह्ह्ह ये कितना अच्छा होगा।”

जिया ईशान से मिले बिना ही वापस बाहर चली आयी। माया ने ईशान की जो बेइज्जती की वो सुनकर जिया को ईशान के लिए बहुत बुरा लग रहा था। धीमी चाल में चलते हुए जिया अपने स्कूटर के पास आयी और शीशे में खुद को देखकर मन ही मन कहने लगी,”उसे कितना बुरा लगा होगा , वो माया उसका पीछा क्यों नहीं छोड़ देती , वो बार बार उसके सामने आती है और उसे हर्ट करती है। माया ने ईशान के सपने के बारे में गलत बोला तो क्या ईशान का सपना एक वौइस् आर्टिस्ट बनना है

लेकिन उसने तो कभी इस बारे में नहीं बताया,,,,,,,,,,,,,,,,,,ओह्ह्ह कम ऑन जिया तुम उसके लिए इतनी भी खास नहीं हो कि वो तुम्हे अपने सपने के बारे में बताये,,,,,,,,,,,,,,,,,,तो उसका खास बनने के लिए मुझे क्या करना होगा ? क्या मुझे उसका सपना पूरा करने में उसकी मदद करनी चाहिए ? हाँ इस से मुझे उसके बारे में जानने को और मिलेगा और फिर मैं भी उसकी ख़ास हो जाउंगी,,,,,,,,,,,,,,,ओह्ह्ह ये कितना अच्छा होगा।”


“तुम डेस्टिनी के घर में बैठकर ऐसी बातें नहीं कर सकती , चुपचाप खाना खाओ।”,जिया ने ब्रेड तोड़कर डेस्टिनी के सामने रखते हुए कहा
सोफी ने सूना तो मुँह फाडे जिया को देखने लगी , जिया ने डेस्टिनी का सर सहलाते हुए कहा,”तुम्हारा शुक्रिया डेस्टिनी तुम बहुत प्यारे हो।”
सोफी ने सूना तो उसने हैरानी से कहा,“हाह यकीन नहीं होता,,,,,,,,,,,,,,,,ये लड़की सच में पागल हो गयी है।”

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संजना किरोड़ीवाल

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लेकिन उसने तो कभी इस बारे में नहीं बताया,,,,,,,,,,,,,,,,,,ओह्ह्ह कम ऑन जिया तुम उसके लिए इतनी भी खास नहीं हो कि वो तुम्हे अपने सपने के बारे में बताये,,,,,,,,,,,,,,,,,,तो उसका खास बनने के लिए मुझे क्या करना होगा ? क्या मुझे उसका सपना पूरा करने में उसकी मदद करनी चाहिए ? हाँ इस से मुझे उसके बारे में जानने को और मिलेगा और फिर मैं भी उसकी ख़ास हो जाउंगी,,,,,,,,,,,,,,,ओह्ह्ह ये कितना अच्छा होगा।”

जिया ईशान से मिले बिना ही वापस बाहर चली आयी। माया ने ईशान की जो बेइज्जती की वो सुनकर जिया को ईशान के लिए बहुत बुरा लग रहा था। धीमी चाल में चलते हुए जिया अपने स्कूटर के पास आयी और शीशे में खुद को देखकर मन ही मन कहने लगी,”उसे कितना बुरा लगा होगा , वो माया उसका पीछा क्यों नहीं छोड़ देती , वो बार बार उसके सामने आती है और उसे हर्ट करती है। माया ने ईशान के सपने के बारे में गलत बोला तो क्या ईशान का सपना एक वौइस् आर्टिस्ट बनना है

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