Sanjana Kirodiwal

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A Broken Heart – 13

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A Broken Heart
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A Broken Heart – 13

माया जिया का नुकसान करके जा चुकी थी। जिया ने अपना स्कूटर लेकर वापस रेस्त्रो चली आयी। आर्डर अपने तय समय पर नहीं पहुंचा तो मिस्टर दयाल काफी गुस्सा हो गए। जैसे ही जिया रेस्त्रो पहुंची मिस्टर दयाल ने उसे अपने केबिन में आने को कहा। जिया सर झुकाये आयी तो मिस्टर दयाल ने गुस्से से कहा,”ये आज का पहला आर्डर था और तुमने इसे बर्बाद कर दिया , तुम्हे पता भी है तुमने कितनी बड़ी गलती की है। ये आर्डर ट्राय के लिए मंगवाया गया था और इसके बाद हमे एक बड़ा आर्डर मिलने वाला था लेकिन तुमने उसे बर्बाद कर दिया।”
“मुझे माफ़ कर दीजिये मिस्टर दयाल ! मैं जा ही रही थी लेकिन रास्ते में ही मेरे स्कूटर की टक्कर हो गयी और सब बर्बाद हो गया। आप चिंता मत कीजिये मैं ये फिर से लेकर जाउंगी”,जिया ने धीमे स्वर में कहा
“हाँ मेरे रेस्त्रो में कुबेर का खजाना भरा हुआ है ना,,,,,,,,,,,,,,मुझे ये बताओ कि इस नुकसान की भरपाई कौन करेगा ?”,मिस्टर दयाल ने गुस्से से कहा
“लेकिन इसमें मेरी कोई गलती नहीं है वो उस गाड़ी वाली लड़की ने जान बूझकर,,,,,,,,,,,,,!!”,जिया ने अपनी सफाई में कहना चाहा लेकिन मिस्टर दयाल ने उसकी बात बीच में काटते हुए कहा,”मुझे कुछ नहीं सुनना तुम्हारी वजह से इतना बड़ा आर्डर हमारे हाथ से निकल गया और तुम्हारी सजा ये है कि आज पूरा दिन तुम्हे रेस्त्रो के बर्तन धोने होंगे,,,,,,,,,,,,,,!!”
“लेकिन मिस्टर दयाल,,,,,,,,,,!”,जिया ने रोआँसा होकर कहा
“तुम्हारे पास दो चॉइस है या तो सब बर्तन धोओ वरना अभी ये रेस्त्रो छोड़कर चली जाओ”,मिस्टर दयाल ने कहा
“मैं बर्तन धो दूंगी”,जिया ने सर झुकाते हुए कहा और वहा से चली गयी क्योकि वह ये जॉब नहीं छोड़ सकती थी।
जिया की वजह से मिस्टर दयाल को नुकसान हुआ था और इसलिए वे जिया से नाराज थे। जिया के हिस्से के आर्डर रेस्त्रो में काम करने वाले दूसरे लड़के को दे दिए गए। जिया मुंह लटकाये किचन में चली आयी और बर्तन धोने लगी। इतने सारे बर्तन उसने आज से पहले कभी नहीं धोये थे। दोपहर होते होते वह काफी थक चुकी थी और थकान के कारण वही किचन में बैठकर आराम करने लगी। सोफी ने जिया को देखा तो उदास हो गयी उसे जिया के लिए हमदर्दी होने लगे।

दोपहर में ईशान तैयार होकर माया के घर पहुंचा। ईशान ने दरवाजे के सामने आकर बेल बजायी। दरवाजा माया ने खोला। ईशान को देखते ही माया का मुंह खुला का खुला रह गया। वह काफी हेंडसम लग रहा था। माया ने आगे बढ़कर ईशान के गाल पर किस किया और कहा,”यू आर लुकिंग सो हेंडसम,,,,,,,!!”
“थैंक्यू , में आई कम इन ?”,ईशान ने मुस्कुराकर कहा    
“या प्लीज , मेरे बाकी फ्रेंड्स भी आने वाले ही है”,माया ने कहा और ईशान को लेकर अंदर चली आयी। माया ने ईशान को अपने मॉम डेड से मिलवाया और उसके बाद ईशान माया के डेड के साथ सोफे पर आकर बैठ गया। माया अंदर चली गयी। माया के पापा ने ईशान को देखा और कुछ देर बाद कहा,”तुम पहली बार घर आये हो शायद ?”


“जी अंकल , मैंने माया से पहले कई बार कहा लेकिन आप लोगो से मिलना नहीं हुआ”,ईशान ने कहा
“तुम्हारे मॉम डेड क्या करते है ?”,माया के पापा ने पूछा
“वे दोनों ही जॉब करते है और जयपुर रहते है”,ईशान ने कहा
“और तुम यहाँ अकेले रहते हो ? मैनेज कैसे करते हो ?”,माया के पापा ने अजीब सा सवाल किया
“मैं यहा अपने फ्लेट में रहता हूँ और सब मैनेज कर लेता हूँ,,,,,,,,,,,,,,मुझे घर के काम करने की आदत है”,ईशान ने कहा


“आज के टाइम में लड़का लड़की दोनों को घर सम्हालना आना चाहिए। माया ने बताया तुम तुम एक बेकार सी नौकरी के पीछे पड़े हो ,,,,,,,,,,,,,, आह्ह्ह्हह वो क्या कहते है उसे,,,,,,,,,हाँ तुम एक RJ बनना चाहते हो ?”,माया के पापा ने कहा
ईशान ने सुना तो उसे बहुत बुरा लगा। ईशान अपनी पर्सनल बाते ज्यादा किसी से शेयर नहीं किया करता था। अपने ड्रीम्स के बारे में भी उसने सिर्फ माया को ही बताया था और माया ने ये बात अपने डेड को बता दी। ईशान कुछ देर खामोश रहा और फिर कहा,”हाँ वो मेरा पैशन है और मैं उसके लिए बहुत सीरियस हूँ,,,,,,,,,,,और वो एक बेकार नौकरी तो बिल्कुल नहीं है”


आखरी शब्द ईशान ने माया के पापा को देखते हुए कहा जिस से माया के पापा को थोड़ी चिढ हुई और उन्होंने उठते हुए कहा,”तुम बैठो मै जरा लंच का देखकर आता हूँ”
ईशान हल्का सा मुस्कुरा दिया तो माया के पापा वहा से चले गए। ईशान को माया से बात करनी थी इसलिए जैसे ही माया उसके लिए जूस लेकर आयी ईशान ने जूस का ग्लास रखा और माया का हाथ पकड़कर उसे साइड में लाकर कहा,”तुमने अपने डेड को मेरे ड्रीम्स के बारे में क्यों बताया ?”


“रिलेक्स बेबी,,,,,,,,,,,,,,,,मैंने बस नॉर्मली कहा , तुम इतना टेंश क्यों हो रहे हो ?”,माया ने सहजता से कहा
“टेंश , माया मेरी लाइफ में कुछ चीजे ऐसी है जिनके बारे में गलत सुनना मैं कभी बर्दास्त नहीं करूँगा,,,,,,,,,,,,,,,,,तुम्हारे डेड ने कहा कि वो एक बेकार सी नौकरी है,,,,,,,,,,,!”,ईशान ने गुस्से से लेकिन दबी आवाज में कहा
माया कुछ कहती इस से पहले ही डोरबेल बजी और माया ने कहा,”मैं जरा देखकर आती हूँ”


माया ने आकर दरवाजा खोला सामने उसके कुछ फ्रेंड्स थे। माया उनसे मिली और बातें करते हुए अंदर चली आयी। ईशान माया के सब दोस्तों को पहले से जानता था इसलिए सब आकर उस से हाय हेलो करने लगे। माया अपनी मॉम के साथ डायनिंग पर खाना लगाने में उनकी मदद करने लगी। कुछ देर बाद माया के पापा ने सबको डायनिंग की तरफ बुला लिया। सभी आकर कुर्सियों पर बैठ गए। माया की मॉम ने सबको खाना परोसना चाहा तो माया की एक दोस्त ने कहा,”अरे आंटी आप भी हमे ज्वाइन कीजिये”


“हाँ मॉम आ जाईये , ये सब हम खुद सर्व कर लेंगे”,माया ने कहा और दरवाजे की तरफ देखने लगी।
“माया कोई और भी आने वाला है क्या ?”,माया को दरवाजे की तरफ देखते पाकर उसके डेड ने पूछा
लेकिन माया कहती इस से पहले ही उसकी दोस्त बोल पड़ी,”हाँ अंकल एक बहुत खास मेहमान है जिस से आपको जरुर मिलना चाहिए”
माया की दोस्त के मुंह से ख़ास शब्द सुनकर ईशान ने एक नजर सामने बैठी माया को देखा
“श्श्श्श क्या कह रही हो तुम ? एक्चुली डेड वो मेरे,,,,,,,,,,,,,,,!!”,माया ने जैसे ही कहना चाहा डोरबेल फिर बजी और माया ने उठते हुए कहा,”मैं खोल देती हूँ”  

माया ने दरवाजा खोला सबको छोड़कर बस ईशान की नजर उस तरफ थी वह जानना चाहता था आखिर वह ख़ास इंसान कौन है जिसका माया इतनी बेसब्री से इंतजार कर रही है ? कुछ देर बाद माया देवांश के साथ डायनिंग की तरफ आयी। देवांश माया का सीनियर था और आज का ख़ास मेहमान भी वही था। ईशान को देवांश बिल्कुल पसंद नहीं था लेकिन वह माया के घर लंच पर आया था इसलिए किसी तरह का ड्रामा क्रिएट करना नहीं चाहता था।


“हेलो अंकल , हेलो आंटी ,, अंकल ये आपके लिए,,,,,,,!!”,देवांश ने अपने हाथ में पकड़ा वाइन का बॉटल माया के डेड की तरफ बढ़ा दिया।
“अरे बेटा इसकी क्या जरूरत थी ?”,माया के डेड ने कहा
“मॉम कहती है किसी के घर खाली हाथ नहीं जाना चाहिए इसलिए मैं ये ले आया। उम्मीद है आपको ये पसंद आया होगा , आपको ये पसंद है ये भी मुझे माया ने ही बताया था”,देवांश ने मुस्कुरा कर कहा  
देवांश की बात सुनकर माया के डेड काफी इम्प्रेस हुए और कहा,”अरे बेटा तुम खड़े क्यों हो बैठो ना”


“थैंक्यू अंकल”,देवांश ने कहा और माया के बगल वाली कुर्सी पर आ बैठा।
सब देवांश को हाय हेलो कर रहे थे लेकिन ईशान खामोश बैठा अपनी प्लेट में खाना परोस रहा था। माया के पापा ने वाइन की बॉटल को साइड में रखा और ईशान को सुनाते हुए कहा,”इसे कहते है मैनर्स”
ईशान ने सुना और मन ही मन अपमानित महसूस किया लेकिन इस वक्त ईशान की कंडीशन इतनी अच्छी नहीं थी कि वह कोई तोहफा लेकर आ सके ना उसे याद आया।
“माया ने बताया तुम इसके साथ ही काम करते हो ?”,माया के पापा ने सलाद की प्लेट देवांश की तरफ बढ़ाते हुए पूछा


“जी अंकल , एक्चुली वो कम्पनी मेरे डेड की ही है और मैं उस कम्पनी में एज ए एम्प्लॉय काम करता हूँ”,देवांश ने कहा तो माया हैरानी से उसकी तरफ देखने लगी क्योकि आज से पहले माया को ये सब नहीं पता था और माया क्या उस कम्पनी में किसी को भी इस बात की भनक तक नहीं थी।
“लेकिन खुद की कम्पनी में एक एम्प्लॉय क्यों ?”,माया के पापा ने पूछा
“मैं अपने डेड को हमेशा अपनी इंस्पिरेशन मानता हूँ अंकल और मैं चाहता हूँ कि मैं अपनी मेहनत से उनकी कम्पनी को और आगे लेकर जाऊ इसलिए मैं बाकि इम्प्लॉय के साथ मिलकर नए नए एक्सपीरियंस लेता हूँ”,देवांश ने कहा


“वाह बहुत ही अच्छी बात है बेटा वरना कुछ लोग तो बस अपने बेकार सपनो के पीछे अपना वक्त बर्बाद करते है। अरे ! तुम तो कुछ खा ही नहीं रहे”,माया के पापा ने कहा तो देवांश खाना खाने लगा
ईशान खाते खाते रुक गया। माया के पापा के शब्दों में अपने लिए ताना वह साफ महसूस कर पा रहा था। उसने एक नजर सामने बैठी माया को देखा तो पाया वह भी देवांश से बात करने में बिजी है। ईशान को वहा बैठकर असहज महसूस होने लगा। वहा बैठे सब लोग आपस में बात कर रहे थे और ईशान को नजरअंदाज,,,,,,,,,,,,,लेकिन माया के लिए ईशान ख़ामोशी से वहा बैठा रहा।


सबने खाना खाया और फिर माया के पापा ने कहा,”माया देवांश को अपना घर दिखाओ”
“जी डेड”,कहते हुए माया ने एक नजर ईशान को देखा वह समझ गयी कि ईशान को ये सब अच्छा नहीं लग रहा लेकिन उस वक्त वह कुछ कह नहीं सकती थी इसलिए वह देवांश को घर दिखाने लगी। माया की बाकि दोस्त हॉल में पड़े सोफों पर आ बैठी और आपस में बाते करने लगी। ईशान वहा रुकना नहीं चाहता था इसलिए घर से बाहर चला आया और लॉन में टहलने लगा। ईशान को माया के डेड से मिलकर अच्छा नहीं लगा वह बस जल्द से जल्द यहाँ से जाना चाहता था इसलिए वह बाहर ही घूमने लगा। घूमते हुए ईशान जैसे ही पलटा देखा कि माया के डेड उसी के पास चले आ रहे है।


उन्हें वहा देखकर ईशान रुक गया तो वे उसके सामने चले आये और कहा,”तुम बाहर क्यों चले आये ? ओह्ह शायद तुम्हे अपने स्टेटस का ख्याल आ गया”
“ऐसी कोई बात नहीं है , मैं अच्छे घर का लड़का हूँ आप मेरे बारे में गलत राय बनाना बंद करे”,ईशान ने चेहरे पर कठोर भाव लाकर कहा
“आओ बैठकर बात करते है”,माया के पापा ने ईशान के कंधो पर हाथ रख कर आगे बढ़ते हुए कहा।
वे ईशान को को लेकर लॉन में पड़ी कुर्सियों की तरफ ले आये और कहा और बैठने का इशारा किया। ईशान सामने पड़ी कुर्सी पर आ बैठा। माया के पापा वही खड़े कुछ देर उसे देखते रहे और फिर एकदम से गुस्सा होकर कहा,”उठो यहा से , तुम्हारी औकात है यहाँ मेरे सामने बैठने की,,,,,,,,,,,,मैंने कहा उठो”

A Broken Heart – 13A Broken Heart – 13A Broken Heart – 13A Broken Heart – 13A Broken Heart – 13A Broken Heart – 13A Broken Heart – 13A Broken Heart – 13A Broken Heart – 13A Broken Heart – 13A Broken Heart – 13A Broken Heart – 13A Broken Heart – 13A Broken Heart – 13A Broken Heart – 13A Broken Heart – 13A Broken Heart – 13A Broken Heart – 13A Broken Heart – 13A Broken Heart – 13A Broken Heart – 13A Broken Heart – 13A Broken Heart – 13A Broken Heart – 13A Broken Heart – 13A Broken Heart – 13A Broken Heart – 13A Broken Heart – 13A Broken Heart – 13A Broken Heart – 13

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संजना किरोड़ीवाल 

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माया जिया का नुकसान करके जा चुकी थी। जिया ने अपना स्कूटर लेकर वापस रेस्त्रो चली आयी। आर्डर अपने तय समय पर नहीं पहुंचा तो मिस्टर दयाल काफी गुस्सा हो गए। जैसे ही जिया रेस्त्रो पहुंची मिस्टर दयाल ने उसे अपने केबिन में आने को कहा। जिया सर झुकाये आयी तो मिस्टर दयाल ने गुस्से से कहा,”ये आज का पहला आर्डर था और तुमने इसे बर्बाद कर दिया , तुम्हे पता भी है तुमने कितनी बड़ी गलती की है। ये आर्डर ट्राय के लिए मंगवाया गया था और इसके बाद हमे एक बड़ा आर्डर मिलने वाला था लेकिन तुमने उसे बर्बाद कर दिया।”
“मुझे माफ़ कर दीजिये मिस्टर दयाल ! मैं जा ही रही थी लेकिन रास्ते में ही मेरे स्कूटर की टक्कर हो गयी और सब बर्बाद हो गया। आप चिंता मत कीजिये मैं ये फिर से लेकर जाउंगी”,जिया ने धीमे स्वर में कहा
“हाँ मेरे रेस्त्रो में कुबेर का खजाना भरा हुआ है ना,,,,,,,,,,,,,,मुझे ये बताओ कि इस नुकसान की भरपाई कौन करेगा ?”,मिस्टर दयाल ने गुस्से से कहा
“लेकिन इसमें मेरी कोई गलती नहीं है वो उस गाड़ी वाली लड़की ने जान बूझकर,,,,,,,,,,,,,!!”,जिया ने अपनी सफाई में कहना चाहा लेकिन मिस्टर दयाल ने उसकी बात बीच में काटते हुए कहा,”मुझे कुछ नहीं सुनना तुम्हारी वजह से इतना बड़ा आर्डर हमारे हाथ से निकल गया और तुम्हारी सजा ये है कि आज पूरा दिन तुम्हे रेस्त्रो के बर्तन धोने होंगे,,,,,,,,,,,,,,!!”
“लेकिन मिस्टर दयाल,,,,,,,,,,!”,जिया ने रोआँसा होकर कहा
“तुम्हारे पास दो चॉइस है या तो सब बर्तन धोओ वरना अभी ये रेस्त्रो छोड़कर चली जाओ”,मिस्टर दयाल ने कहा
“मैं बर्तन धो दूंगी”,जिया ने सर झुकाते हुए कहा और वहा से चली गयी क्योकि वह ये जॉब नहीं छोड़ सकती थी।
जिया की वजह से मिस्टर दयाल को नुकसान हुआ था और इसलिए वे जिया से नाराज थे। जिया के हिस्से के आर्डर रेस्त्रो में काम करने वाले दूसरे लड़के को दे दिए गए। जिया मुंह लटकाये किचन में चली आयी और बर्तन धोने लगी। इतने सारे बर्तन उसने आज से पहले कभी नहीं धोये थे। दोपहर होते होते वह काफी थक चुकी थी और थकान के कारण वही किचन में बैठकर आराम करने लगी। सोफी ने जिया को देखा तो उदास हो गयी उसे जिया के लिए हमदर्दी होने लगे।माया जिया का नुकसान करके जा चुकी थी। जिया ने अपना स्कूटर लेकर वापस रेस्त्रो चली आयी। आर्डर अपने तय समय पर नहीं पहुंचा तो मिस्टर दयाल काफी गुस्सा हो गए। जैसे ही जिया रेस्त्रो पहुंची मिस्टर दयाल ने उसे अपने केबिन में आने को कहा। जिया सर झुकाये आयी तो मिस्टर दयाल ने गुस्से से कहा,”ये आज का पहला आर्डर था और तुमने इसे बर्बाद कर दिया , तुम्हे पता भी है तुमने कितनी बड़ी गलती की है। ये आर्डर ट्राय के लिए मंगवाया गया था और इसके बाद हमे एक बड़ा आर्डर मिलने वाला था लेकिन तुमने उसे बर्बाद कर दिया।”
“मुझे माफ़ कर दीजिये मिस्टर दयाल ! मैं जा ही रही थी लेकिन रास्ते में ही मेरे स्कूटर की टक्कर हो गयी और सब बर्बाद हो गया। आप चिंता मत कीजिये मैं ये फिर से लेकर जाउंगी”,जिया ने धीमे स्वर में कहा
“हाँ मेरे रेस्त्रो में कुबेर का खजाना भरा हुआ है ना,,,,,,,,,,,,,,मुझे ये बताओ कि इस नुकसान की भरपाई कौन करेगा ?”,मिस्टर दयाल ने गुस्से से कहा
“लेकिन इसमें मेरी कोई गलती नहीं है वो उस गाड़ी वाली लड़की ने जान बूझकर,,,,,,,,,,,,,!!”,जिया ने अपनी सफाई में कहना चाहा लेकिन मिस्टर दयाल ने उसकी बात बीच में काटते हुए कहा,”मुझे कुछ नहीं सुनना तुम्हारी वजह से इतना बड़ा आर्डर हमारे हाथ से निकल गया और तुम्हारी सजा ये है कि आज पूरा दिन तुम्हे रेस्त्रो के बर्तन धोने होंगे,,,,,,,,,,,,,,!!”
“लेकिन मिस्टर दयाल,,,,,,,,,,!”,जिया ने रोआँसा होकर कहा
“तुम्हारे पास दो चॉइस है या तो सब बर्तन धोओ वरना अभी ये रेस्त्रो छोड़कर चली जाओ”,मिस्टर दयाल ने कहा
“मैं बर्तन धो दूंगी”,जिया ने सर झुकाते हुए कहा और वहा से चली गयी क्योकि वह ये जॉब नहीं छोड़ सकती थी।
जिया की वजह से मिस्टर दयाल को नुकसान हुआ था और इसलिए वे जिया से नाराज थे। जिया के हिस्से के आर्डर रेस्त्रो में काम करने वाले दूसरे लड़के को दे दिए गए। जिया मुंह लटकाये किचन में चली आयी और बर्तन धोने लगी। इतने सारे बर्तन उसने आज से पहले कभी नहीं धोये थे। दोपहर होते होते वह काफी थक चुकी थी और थकान के कारण वही किचन में बैठकर आराम करने लगी। सोफी ने जिया को देखा तो उदास हो गयी उसे जिया के लिए हमदर्दी होने लगे।

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