Sanjana Kirodiwal

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A Broken Heart – 3

A Broken Heart – 3

A Broken Heart
A Broken Heart

A Broken Heart – 3

रात 10 बज रहे थे ईशान रेस्टोरेंट में बैठा माया के आने का इंतजार कर रहा था। वह पिछले दो घंटे से यहाँ बैठा था और अब तक 6-7 कप कॉफी पी चुका था लेकिन माया नहीं आयी। ईशान ने एक दो बार फोन भी किया लेकिन माया ने फोन नहीं उठाया और बदले में मैसेज कर दिया की वह थोड़ी देर में वहा पहुँच रही है। ईशान माया से कुछ ज्यादा ही प्यार करता था इसलिए उसे माया की किसी बात का बुरा नहीं लगता था भले वह उसे घंटो इंतजार करवाए ईशान उतने ही प्यार से उसका इंतजार किया करता था।
“सर आप कुछ और लेंगे ?”,वेटर ने आकर कहा
“नहीं एक्चुअली मैं किसी का वेट कर रहा हूँ , वो आती ही होंगी”,ईशान ने कहा
“ओके सर”,वेटर ने मुस्कुरा कर कहा और चला गया। ईशान वही बैठकर दरवाजे की तरफ देखने लगा। सुबह ही माया ने उस से कहा था की वह उस से शाम में मिलेगी लेकिन माया अभी तक नहीं आयी थी। धीरे धीरे रेस्टोरेंट में आने वाले सभी कस्टमर एक एक करके जाने लगे। 11:30 बज चुके थे लेकिन माया नहीं आयी और अब तक ईशान के सामने पड़े खाली कप भी बढ़ चुके थे। ईशान ने अपना फोन देखा माया का कोई फोन या मैसेज नहीं था। ईशान उदास हो गया उसे बीते पल याद आ गए जब 2 साल पहले माया कैसे उसके देर से आने पर चिढ जाती थी।
“सर रेस्टोरेंट बंद करने का टाइम हो गया है , अगर आपको कुछ आर्डर करना हो तो,,,,,,,,,,!!”,वेटर ने इतना ही कहा की ईशान ने अपनी जेब से अपना पर्स निकाला उसमे से कॉफी के रूपये निकाले और टिप के साथ रखकर वहा से बाहर चला आया। ईशान ने जैकेट पहना हुआ था और ठण्ड से बचने के लिए उसने अपने दोनों हाथो को जैकेट की जेब में डाल लिया और पैदल ही चल पड़ा। माया के ना आने से ईशान काफी उदास था , चलते चलते उसने एक बार फिर माया को फोन लगाया लेकिन इस बार फोन बंद था। ईशान ने फोन जेब में रखा और धीमी चाल से फुटपाथ पर चल पड़ा।  
उसने माया का काफी इंतजार किया लेकिन वो नहीं आयी। उदास सा ईशान फुटपाथ पर चलता रहा ठण्ड का अहसास हुआ तो उसने अपने दोनों हाथो की हथेलियों को आपस में रगड़ते हुए फूंक मारना शुरू कर दिया। चलते चलते उसकी आँखों के सामने बीते पल आ गये

!,,,,,,,,,,,,,,,,,”माया अपने हाथ दो”,ईशान ने एकदम से माया के सामने आकर कहा जब उसने देखा की ठंड की वजह से माया का चेहरा और हाथ ठंडे पड़ चुके है। माया ने अपने हाथ ईशान की तरफ बढ़ा दिए। ईशान ने उसके हाथो को अपने हाथो में लिया और अपने होंठो से उन पर गर्म सांसो की फूंक मारी। माया के चेहरे पर कितना सुकून था उस वक्त।
ईशान ने माया के हाथो को छोड़ा और अपना जैकेट निकालकर माया को ओढ़ा दिया।

ये देखकर माया की आँखों में ख़ुशी झलकने लगी। दोनों साथ साथ चलने लगे। चलते चलते माया ने ईशान की बाँह थाम ली और अपना सर उसकी बाँह से लगा लिया। वो पल इतना खुबसुरत था की ईशान को ठण्ड का अहसास भी नहीं हुआ और वह माया के साथ पैदल ही चल पड़ा , ईशान को याद था वो उनकी पहली डेट थी।,,,,,,,,,,,,,,,,,,!!

ईशान अपनी यादों से बाहर आया उसने आज भी वही जैकेट पहन रखा था और ये उसका फेवरेट था क्योकि एक बार इसे माया ने पहना था। ईशान अपने अपार्टमेंट चला आया। लिफ्ट के सामने आकर वह अंदर आया और 7 नम्बर दबा दिया। लिफ्ट के कोने पर जब ईशान की नजर गयी तो उसे फिर माया याद आने लगी , इसी लिफ्ट में उनकी पहली किस हुई थी और उस दिन ईशान को लगा जैसे उसकी धड़कने कुछ देर के लिए रुक गयी हो।

ईशान लिफ्ट की दिवार से पीठ लगाए , हाथ बांधे खड़ा रहा और एकटक उस कोने को देखता रहा। लिफ्ट खुली और ईशान बाहर चला आया अपने फ्लेट के सामने आकर उसने दरवाजा खोला और अंदर चला आया। अंदर आकर उसने लाइट जलाई , नजर घडी पर चली गयी जो की रात का एक बजा रही थी। ईशान ने डायनिंग टेबल पर रखे जग से ग्लास में पानी लिया और उसे पीते हुए कमरे की खिड़की के पास चला आया उसने परदे हटाए और शीशे के पार देखने लगा।

पानी पीते हुए उसने एक बार फिर माया को फोन लगाया लेकिन फोन बंद आ रहा था। ईशान ने फोन बेड पर फेंक दिया और पानी पीते हुए शीशे के पार देखने लगा। उसे माया की बहुत याद आ रही थी और माया उसके साथ नहीं थी , उसने एक नजर कैलेंडर पर डाली , संडे आने में अभी वक्त था। ईशान फिर खिड़की के बाहर देखने लगा। नींद आँखों से कोसो दूर थी।

वह कुछ देर वही खड़ा रहा और फिर अपनी वर्क डेस्क के पास चला आया। उसने लेपटॉप ऑन किया और ट्रेक रेकॉर्ड करने लगा लेकिन दिमाग कही और था इसलिए ईशान अपने काम में ध्यान नहीं लगा पाया उसने हेडफोन निकालकर रखे और बिस्तर पर आकर लेट गया। नजर फिर फोन पर चली गयी इस उम्मीद में की माया उसे एक मेसेज ही कर दे। माया के बारे में सोचते हुए धीरे धीरे वह नींद के आगोश में चला गया।    


सुबह ईशान देर तक सोता रहा , किसी ने बेल बजायी तब जाकर उसकी आँखे खुली और वह आँखे मसलते हुए दरवाजा खोलने आया। ईशान ने दरवाजा खोला सामने अपार्टमेंट के बाहर वाली दुकान से लड़का सामान लेकर आया था जो की ईशान ने कल शाम में ही आर्डर किया था। लड़के ने ईशान को देखा तो सामान का बैग और बिल उसकी ओर बढ़ा दिया। ईशान सामान और बिल लेकर अंदर चला आया। उसने सामान को डायनिंग टेबल पर रखा और बिल को फ्रीज पर चिपका दिया ताकि उसे याद रहे।

ईशान अकेला रहता था इसलिए उसे खाना भी खुद बनाना पड़ता था , हालाँकि उसे इतनी अच्छी कुकिंग नहीं आती थी पर पेट भरने जैसा वह बना लिया करता था। जब जॉब करता तब अक्सर बाहर खाना खाता लेकिन जब जॉबलेस होता तो खुद ही बनाता क्योकि इतने पैसे नहीं होते थे उसके पास और अपने पेरेंट्स से पैसे लेने में उसे अब शर्म महसूस होती।
ईशान ने दरवाजे के बाहर रखी टोकरी से दूध का पैकेट और अख़बार उठाया और अंदर चला आया।

अख़बार के पहले पन्ने पर छपी खबर पर उसकी नजर गयी इस साल का बेस्ट RJ का अवार्ड किसी को मिला था उसने पेपर को डायनिंग पर रख दिया और किचन प्लेटफॉर्म के पास आकर अपने लिए कॉफी बनाने लगा। कॉफी बनाते हुए माया का ख्याल आया , उसने अपना फोन देखा माया का कोई मैसेज या फोन नहीं,,,,,,,,,,,,,,,!!
“आखिर ये है कहा ?”,बड़बड़ाते हुए ईशान अपने फोन में सोशल मिडिया स्क्रॉल करने लगा कुछ देर बाद ही अचानक से एक फोटो उसके सामने आयी।

वो किसी पार्टी की फोटो थी जिसमे माया भी थी अपने ऑफिस वालो के साथ। ये देखते ही ईशान को एक अजीब सी जलन और घुटन का अहसास हुआ। उसने फोन वापस रख दिया। उसे बुरा लग रहा था की उसके इतने इंतजार के बाद भी माया नहीं आयी और दूसरे लोगो के साथ वो पार्टी कर रही थी। ईशान का मूड ऑफ हो गया उसने गैस बंद किया और अपने रूम की तरफ चला आया। उसने अपनी टीशर्ट निकाल दी , वह सिर्फ जींस में था। वह बिस्तर पर आ बैठा और माया को फोन लगाया।

एक दो रिंग के बाद माया ने फोन उठाया और धीमी आवाज में कहा,”ईशान मैं तुम्हे थोड़ी देर में कॉल करती हूँ , अभी मीटिंग में हूँ”
“माया,,,,,,,,,,,,,,!!”,ईशान ने कहा
“बेबी मैं करती हूँ थोड़ी देर में”,माया ने कहा और फोन काट दिया।

ईशान फिर अपसेट हो गया उसने फोन साइड में रख दिया और बिस्तर के पास पड़ी साइड टेबल से पानी का ग्लास उठाया और उसे हाथ में लेकर सोचने लगा,”क्या सच में माया इतनी बिजी हो गयी है की उसके पास मेरे लिए दो मिनिट भी नहीं,,,,,,,,शायद मैं ही ज्यादा सोच रहा हूँ। वो कल मुझसे मिलने भी नहीं आई , आना तो दूर उसने एक मेसेज तक नहीं किया और मैं पागलो की तरह उसका इंतजार करता रहा,,,,,,,,,,,,,माया बदल गयी है क्या ,,,,,,,,,,,,,,ये सब मैं क्यों सोच रहा हूँ वो मेरी माया है वो कभी नहीं बदल सकती,,,,,,,,,,,,,,,शायद सच में बिजी होगी , मैं तो वैसे भी जॉबलेस हूँ मेरे पास कोई काम नहीं है लेकिन माया को तो दिनभर ऑफिस में काम होता है”


खुद से बात करते हुए ईशान खुद को तसल्ली देने लगा जबकि सच वो भी जानता था। ईशान ये सब सोच ही रहा था की तभी उसका फोन बजा उसने फोन देखा उसके पापा का था। ईशान ने फोन उठाया तो दूसरी तरफ से आवाज आयी,”कल रातभर कहा थे तुम ?”
“फ्लैट पर ही था पापा”,ईशान सफ़ेद झूठ बोल गया
“जरा अपना फोन देखो कितने कॉल किये होंगे तुम्हारी माँ ने और मैंने,,,,,,,,,,,,,,,,तुम्हे परवाह है या नहीं ईशान,,,,,,,,,,मुझे पता चला तुमने इस बार भी अपनी जॉब छोड़ दी,,,,,,,,,,,,मुझे समझ नहीं आ रहा आखिर तुम करना क्या चाहते हो ? अपना वक्त बर्बाद करना बंद करो। तुम वापस घर आ जाओ , मेहता अंकल से बात हुयी है उन्होने कहा है तुम्हे यहाँ अच्छी जॉब मिल जाएगी”,ईशान के पापा ने कठोरता से कहा


“पापा मैं घर वापस नहीं आ सकता 2 महीने बाद बैंगलोर में ऑडिशन है और मुझे इस बार ये करना है”,ईशान ने कहा
“तुम पागल हो गए हो क्या ईशान ? तुम एक अच्छे सॉफ्टवेयर इंजिनियर हो और ये सब करोगे ,, आखिर उस RJ की नौकरी से कितना कमा लोगे तुम और क्या भविष्य है उसमे कुछ भी तो नहीं,,,,,,,,,,,,,,,,,,ये सब पागलपन छोडो और घर वापस आ जाओ”,ईशान के पापा ने कहा
“मैं आपसे इस बारे में कोई बहस नहीं करना चाहता पापा , मैं फोन रखता हूँ”,ईशान ने कहा और अपने पापा की बात सुने बिना ही फोन काट दिया। उसका मूड पहले से खराब था , अपने पापा के फोन से और ज्यादा हो गया।

वह बिस्तर पर लेट गया , इंतजार करता रहा लेकिन माया का कोई फोन नहीं। ईशान ने अपनी एक अलग ही दुनिया बना रखी थी जिसमे सिर्फ माया थी , उसके साथ बिताया खूबसूरत वक्त था और ईशान के छोटे छोटे सपने थे। इस दुनिया से वह कभी बाहर निकलना ही नहीं चाहता था , दोस्त के नाम पर इस शहर में बस एक निर्मल था। ना ईशान कभी अपने अपार्टमेंट के लोगो से मिलता जुलता ना ही बाहर किसी से ज्यादा मतलब रखता ,, उसे जयपुर वापस जाना था लेकिन माया के साथ और अब तक दिल्ली वह बस उसी के लिए रुका हुआ था

सोचते सोचते उसकी आँखे फिर मूंदने लगी और वह सो गया। दोपहर होने को आयी ईशान की नींद खुली वह उठा बाथरूम में आकर मुंह धोया और बाहर चला आया। उसे भूख लगने लगी थी , वह किचन एरिया की तरफ चला आया लेकिन उसका कुछ बनाने का मन नहीं हुआ उसने कॉफी बनाई और कप में लेकर अपने फोन से ऑनलाइन फ़ूड आर्डर करने लगा।
इसे इत्तेफाक कहे या किस्मत ईशान ने उसी रेस्टोरेंट से सेंडविच और नूडल्स आर्डर किये जिसमे डिलीवरी का काम जिया किया करती थी।

ईशान ने खाना आर्डर किया और फोन रखकर कॉफी पीते हुए घर में घूमने लगा। उसने देखा घर काफी गंदा पड़ा है पिछले दो दिन से उसने घर की सफाई तक नहीं की थी। बाथरूम में उसके धुलने वाले कपडे पड़े थे , सिंक में कुछ बर्तन जो की गंदे थे , ईशान ने पुरे घर का जायजा लिया खाना आने में अभी टाइम था इसलिए उसने कॉफी पीने के बाद घर की सफाई और बाकि काम करने का सोचा। कॉफी पीने के बाद ईशान ने सबसे पहले कपड़ो को वाशिंग मशीन में धुलने के लिए डाला , फिर घर की डस्टिंग की और सबसे आखिर में वह सिंक के पास चला आया।

ईशान बर्तन धोते हुए काफी अच्छा लग रहा था। उसने सब बर्तन धोये और एक नजर घर को देखा तो मुस्कुरा उठा। सब करके वह डायनिंग के पास आया , बैग से सामान निकालकर बाहर रखा , चिप्स का एक बॉक्स था उसे देखते ही उसकी भूख फिर जग गयी उसने जैसे ही उसे खोलने के लिए ढक्क्न खींचा डोरबेल बजी। ईशान ने उसी वक्त दरवाजे की तरफ देखा , डिब्बे का किनारा धारदार होने की वजह से उसकी हथेली में हल्का सा कट लग गया और खून निकल आया। ईशान ने डिब्बा रख दिया वह अपने हाथ की चोट देखता इस से पहले ही डोरबेल फिर बजी और अगले ही पल दरवाजे पर ठक ठक हुयी। ईशान दरवाजे की तरफ चला आया।


“ओफ्फो ये कस्टमर दरवाजा खोलने में कितना वक्त लगा रहा है”,ईशान के फ्लेट के दरवाजे के बाहर खड़ी जिया ने दरवाजा नॉक करते हुए कहा। अचानक उसे कुछ शोर सूना तो वह पीछे देखने लगी लेकिन दरवाजे को नॉक करना जारी था। उसे ध्यान नहीं रहा और उसी वक्त ईशान ने दरवाजा खोला , जिया का हाथ जाकर उसके माथे पर लगा। जिया को दरवाजा अजीब महसूस हुआ तो उसने पीछे देखते हुए अपना हाथ ईशान के चेहरे पर घुमाया , उसे महसूस हुआ की ये कुछ अजीब था।

उसने अपनी गर्दन घुमाकर देखा घबराकर जिया पीछे हट गयी उसने देखा सामने वही लड़का था जिसे जिया ने ऐड कम्पनी में देखा था। जिया का दिल धड़कने लगा , वह एकटक ईशान के चेहरे की तरफ देखने लगी। ईशान के चेहरे पर कोई भाव नहीं थे उलटा वह जिया को गुस्से से देख रहा था। जिया के मन में तितलियाँ सी उड़ने लगी बीती रात ही उसने विश मांगी और वो इतनी जल्दी पूरी भी हो गयी। ईशान कुछ देर जिया को देखता रहा पॉकेट वाली पेंट , टीशर्ट , रेस्त्रो के लोगो की जैकेट , कैप और पैरो में स्पोर्ट्स शूज।


“तुम्हे कुछ चाहिए ? तुम शायद मेरा आर्डर देने आयी हो ?”,ईशान ने जिया को खोये हुए देखा तो कहा  
 “हाँ,,,,,,,,,,,हाँ ये ये रहा आपका आर्डर”,जिया जैसे नींद से जगी और ईशान का पार्सल उसी तरफ बढाकर कहा। ईशान ने पार्सल लिया और जाने लगा तो जिया ने जल्दी जल्दी से अपनी पेंट की जेब से एक बिल और रेस्त्रो का कार्ड निकालकर ईशान की तरफ बढ़ाकर कहा,”ये आपका बिल और  रेस्त्रो कार्ड आप चाहे तो यहाँ आकर भी अपना पसंदीदा फ़ूड एन्जॉय कर सकते है”


ईशान ने दोनों लिया और जाने लगा। उसे जिया से बात करने या वहा रुकने में जरा भी दिलचस्पी नहीं थी लेकिन जिया उसे ईशान से बात करनी थी उसने कहा,”आपको फ़ूड कैसा लगा प्लीज इसका रिव्यू जरूर देना”
ईशान ने पलटकर थोड़ा गुस्से से जिया को देखा तो वह बेचारी थोड़ा सहम गयी और धीरे से कहा,”अगर आप नहीं देना चाहे तो इट्स ओके , हेव अ गुड डे,,,,,,,एन्जॉय योर,,,,,,,,,,,,,!!”
बेचारी जिया कहते कहते ही रह गयी और ईशान ने उसके मुंह पर ही दरवाजा बंद कर दिया।

जिया वही खड़ी उस बंद दरवाजे को देखते रही इस उम्मीद में की ईशान एक बार फिर दरवाजा खोलेगा और वह उसे देख पायेगी लेकिन ऐसा नहीं हुआ। जिया को याद आया की उसे दूसरी डिलीवरी भी करनी है इसलिए वह होश में आयी और जल्दी से वहा से भागी। ईशान अपना पार्सल लेकर अंदर आया और उसे डायनिंग पर रखा। उसने बिल देखा तो पता चला की जिया जल्दी जल्दी में उसे किसी और का बिल देकर चली गयी है , वह वापस दरवाजे की तरफ आया और दरवाजा खोला लेकिन तब तक जिया जा चुकी थी।

ईशान जाने के लिए वापस मुड़ा तो नजर जमीन पर गिरे कार्ड पर चली गयी। ईशान ने उसे उठाया उसमे रेस्ट्रोरेंट का नाम लिखा था और साथ में एक तस्वीर भी थी , वो तस्वीर जिया की थी और आगे उसका नाम भी लिखा था “जिया यादव” ,, वो जिया का आइडेंटी कार्ड था। ईशान बालकनी की तरफ आया और नीचे देखा उसे जिया अपने स्कूटर की तरफ जाती दिखी। ईशान उसे रोकता इस से पहले ही जिया वहा से चली गयी।  

ईशान भी वापस चला आया और उस आई डी कार्ड को फ्रीज से लगा दिया और डायनिंग के पास आकर अपना खाना खाने लगा। खाना खाते हुए उसे कुछ देर पहले वाला पल याद आया जब जिया उसके सर को नॉक कर रही थी और फिर उसे देखकर घबरा गयी। खाते खाते ईशान मुस्कुरा उठा और कहा,”पागल लड़की”

A Broken Heart – 3A Broken Heart – 3A Broken Heart – 3A Broken Heart – 3A Broken Heart – 3A Broken Heart – 3A Broken Heart – 3A Broken Heart – 3A Broken Heart – 3A Broken Heart – 3A Broken Heart – 3A Broken Heart – 3A Broken Heart – 3A Broken Heart – 3A Broken Heart – 3A Broken Heart – 3A Broken Heart – 3A Broken Heart – 3A Broken Heart – 3A Broken Heart – 3A Broken Heart – 3A Broken Heart – 3A Broken Heart – 3A Broken Heart – 3A Broken Heart – 3A Broken Heart – 3A Broken Heart – 3A Broken Heart – 3A Broken Heart – 3A Broken Heart – 3A Broken Heart – 3A Broken Heart – 3A Broken Heart – 3

क्रमश – A Broken Heart – 4

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