Sanjana Kirodiwal

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A Broken Heart – 2

A Broken Heart – 2

शाम 5 बजे
“इसमें 200 रूपये कम है”,लड़की ने रेस्टोरेंट के मालिक से कहा
“आज तुमने 2 डिलीवरी में देरी की इसलिए ये पेलेंटी है और अगली बार ऐसा हुआ तो तुम्हारी पूरी सेलेरी काट ली जाएगी”,आदमी ने कहा
“लेकिन मिस्टर दयाल,,,,,,,,,,,,,,,,!!”,लड़की ने कहा
“दरवाजा उस तरफ है,,,,,,,,,,,,तुम जा सकती हो”,आदमी ने कहा तो लड़की ने रोने जैसा मुंह बना लिया और वही खड़ी रही।
दयाल ने कुछ देर ध्यान नहीं दिया और फिर लड़की की तरफ देखकर कहा,”अब क्या चाहिए तुम्हे ?”
“प्लीज मेरी आज की पगार पूरी दे दीजिये ना , अगली बार से ऐसा बिल्कुल नहीं होगा,,,,,,,,,,,,प्लीज”,लड़की ने मासूम सी शक्ल बनाकर कहा
“ये आखरी बार है,,,,,,,,,,,,,!!”,कहते हुए दयाल उसके काटे हुए पैसे वापस दे दिए
“ओह्ह्ह मिस्टर दयाल थैंक्यू सो मच , आप बहुत अच्छे है”,लड़की ने खिलखिलाकर खुश होते हुए कहा और चली गयी
“पागल लड़की,,,,,,,,,,,!!”,कहते हुए मिस्टर दयाल मुस्कुराये और वापस अपने काम में लग गए।


लड़की चेंजिंग रूम की तरफ आयी उसने अपने बॉक्स में अपना जैकेट और कैप रखा और रेस्त्रो से बाहर चली आयी। बाहर खड़ी लड़की ने उसे देखा तो कहा,”हे जिया कहा रह गयी थी तुम चलो चलते है ?”
“वही हमेशा की तरह लेट डिलीवरी करने पर मेरी पगार काट ली सर ने उसी में थोड़ा सा लेट हो गया”,जिया ने अपने बालो को समेटकर बन बनाते हुए कहा। बन बनाने की वजह से उसके छोटे बालो की कुछ लटें उसके गालों पर झूलने लगी।


“ओहके अब चले वरना देर हो जाएगी”,लड़की ने कहा जिसका नाम सोफी था और वह इसी रेस्त्रो में जिया के साथ काम करती थी और दोनों साथ साथ ही रहती थी। आज उन्हें सेलेरी मिली थी और इसलिए दोनों ने डिसाइड किया की दोनों शॉपिंग पर जाएगी। दोनों वहा से पैदल ही चल पड़ी शाम का वक्त था और मौसम भी काफी अच्छा था। फुटपाथ पर चलते हुए जिया चमकती आँखों से सब देखते जा रही थी। उसके बांये कंधे से लगकर दांयी ओर उसका बैग लटक रहा था और वह अपने दोनों हाथो को अपनी पेंट के जेब में डाले चल रही थी। मुस्कराहट हमेशा उसके चेहरे पर बनी रहती थी।

चलते चलते वह बहुत ही स्टुपिड चीजे किया करती थी जैसे ही चलते चलते पटल जाना , सड़क पर जाती बस में बैठे लोगो को देखकर बाय करना , चलते चलते खाना-पीना , या फिर म्यूजिक सुनते हुए थिरकना।
आज जिया कुछ ज्यादा ही खुश थी और आज भी चलते चलते वह अचानक से पटलकर घूम गयी और उल्टे कदम चलने लगी ये देखकर सोफी ने कहा,”अच्छा वैसे आज तुम्हारे डिलीवरी लेट होने की वजह क्या थी ?”
जिया ने जैसे ही सूना मुस्कुरा उठी और उसकी आँखों में एक अलग ही चमक उभर आयी और उसने उलटे कदम चलते चलते कहा,”अगर मैं तुम्हे कुछ बताऊ तो यकीन करोगी क्या ?”


“क्यों नहीं करोगी ? तुम मेरी दोस्त हो मुझे तुम्हारी बात पर यकीन है बताओ”,सोफी ने मुस्कुरा कर कहा जिया मुस्कुराई और कहा,”आज जब मैं ऐड कम्पनी का ऑर्डर देने गयी तो मैंने वहा एक लड़के को देखा , वो बहुत हेंडसम था। उसकी आँखे , उसके बाल , उसके होंठ , उसकी बॉडी,,,,,,,,,,,,,,!
जिया आगे कहती इस से पहले ही वह अपने उलटे कदम चलने की वजह से लड़खड़ाई और जैसे ही गिरने को हुई सोफी ने उसका हाथ पकड़कर उसे गिरने से बचा लिया और कहा,”हे सम्हलकर”


लेकिन उस लड़के यानि ईशान के बारे में बातें करते हुए वह उसमे खो सी गयी थी और इस वक्त उसे सोफी का हाथ ईशान का हाथ लग रहा था। उसने सोफी को देख खोये हुए स्वर में कहा,”ओह्ह्ह्ह वो कितना हेंडसम था , मैं खुद को उसे देखने से रोक नहीं पाई”
“मुझे लगता है तुम बीमार हो”,सोफी ने जिया को खींचकर कहा तो उसकी तंद्रा टूटी और वह अपने ख्वाबों की दुनिया से बाहर आयी। उसने देखा वहा कोई लड़का नहीं था बल्कि हैरान परेशान सी सोफी खड़ी थी। जिया ने उसका हाथ पकड़का और उसे ले जाते हुए कहा,”तुम यहाँ क्यों खड़ी हो चलो सेल खत्म हो जाएगा”


“पागल लड़की,,,,,,,,,,,,,,!”,कहते हुए सोफी उसके पीछे पीछे चल पड़ी। दोनों एक शोरूम में आयी जहा सेल लगा हुआ था , दोनों ने ढेर सारी शॉपिंग की और वहा से निकल आयी। बाहर आते ही जिया की नजर बगल की दुकान पर गयी उसने अपने बैग सोफी को थमाए और कहा,”मैं अभी आयी”
जिया दुकान के सामने आयी और एक 100 का नोट उसकी तरफ बढाकर कहा,”दो बन सेंडविच प्लीज”
दुकानवाले ने दो बड़े वाले बन में सेंडविच बनाकर जिया को दे दिए। जिया ने अपने वाले का एक टुकड़ा खाया और खाते खाते सोफी की तरफ चली आयी। उसने दूसरे वाला सोफी की तरफ बढ़ा दिया तो सोफी ने उसे आधे बैग देते हुए कहा,”तुम सेंडविच अपने रेस्त्रो से भी खरीद सकती थी”


“हाँ लेकिन वहा बन सेंडविच नहीं मिलता पुरे दिल्ली में ये बस यही मिलता है”,जिया ने खाते हुए कहा जिस से सोफी को उसकी आधी बात ही समझ आयी और उसने अपने सेंडविच का एक टुकड़ा खाकर कहा,”हम्म्म ये अच्छा है”
“है ना,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,ये बहुत चीजी है और इसमें ढेर सारा ब्रेड है,,,,,,,,,,,,,और ये सस्ता भी है”,जिया ने खुश होकर कहा।
दोनों सड़क किनारे आयी और ऑटो में बैठकर घर के लिए निकल गयी। शॉपिंग में उन्हें काफी टाइम लग गया , घर पहुँचते पहुँचते रात के 9 बज चुके थे। सोफी और जिया एक बुजर्ग दम्पति के घर में पेयिंग गेस्ट रहती थी। बुजुर्ग आंटी जिनका नाम लिली था और उनके हस्बेंड जिनका नाम सुजॉय घोष था।

उनके दोनों बच्चे दूसरी कंट्री में रहते थे और लिली आंटी अपने पति के साथ यहाँ अपने दिल्ली वाले घर में रहती थी। लिली आंटी के घर में ऊपर एक रूम था जो काफी दिनों से खाली था , इसलिए उन्होंने इसे सोफी और जिया को किराये पर दे दिया। पिछले 1 साल से दोनों यही रह थी और उन्हें अब तक लिली आंटी से हर हफ्ते में एक दो बार डांट खाने की आदत हो चुकी थी। दोनों कभी कभार लेट हो जाती थी और लिली आंटी के रूल के हिसाब से उन्हें 8 बजे से पहले घर आना होता था।


पिछले 5 मिनिट से सोफी और जिया दोनों घर के बाहर खड़ी थी। कभी एक दूसरे को देखती तो कभी घर के बंद दरवाजे को। दोनों में से कौन जाकर बेल बजाये  दोनों एक दूसरे का मुंह ताकते रही और अंत में सोफी ने जाकर बेल बजा दी।  
कुछ देर बाद ही लिली आंटी ने दरवाजा खोला। सोफी और जिया को देखते ही उनकी भँवे तन गयी और उन्होंने एक अच्छा ख़ासा लेक्चर दोनों को सूना दिया। बेचारी सोफी और जिया दोनों ख़ामोशी से उनकी डांट सुनते रही। कुछ देर बाद मिस्टर घोष दरवाजे पर आये और कहा,”बस करो लिली बच्चियों को अंदर आने दो  , बाहर ठण्ड है”
जिया ने सूना तो ख़ुशी से मुस्कुराई लेकिन अगले ही पल उसकी मुस्कराहट गायब हो गयी क्योकि लिली आंटी उसे ही घूरकर देख रही थी। लिली आंटी ने अपने पति की तरफ देखा और अंदर चली गयी।


“चलो चलो जल्दी से अंदर आ जाओ ,  बाहर बहुत ठण्ड है”,घोष अंकल ने कहा तो जिया और सोफी अपने अपने बैग लिए अंदर चली आयी। घोष अंकल ने दरवाजा बंद किया और वे भी अंदर चले आये। अंदर आकर जिया ने एक बैग लिली आंटी की तरफ बढाकर कहा,”मिसेज घोष ये आपके और अंकल के लिए”
लिली आंटी ने बैग लिया और देखा उसमे दो गर्म स्कार्फ थे , एक लेडीज और दुसरा जेंट्स ,, उन्हें देखते ही लिली आंटी की ख़ुशी से चमक उठी और उन्होंने जिया की तरफ देखकर कहा,”ओह्ह माय गुडनेस , ये तुम्हे कहा से मिला ? मैं कबसे अपने और सुजॉय के लिए ये ढूंढ रही थी”


“ढूढो तो भगवान भी मिल जाते है , है ना मिसेज घोष ?”,जिया ने मुस्कुराते हुए कहा
“आई ऍम सॉरी मैंने तुम दोनों को कितनी डाँट लगा दी,,,,,,,,,,,,,!”,लिली आंटी ने जिया और सोफी के पास आकर कहा
“इट्स ओके आंटी , इस शहर में आपके और अंकल के अलावा हमारा है ही कौन ? और वैसे भी जब तक आपकी प्यार भरी डांट ना सुन ले हमारा दिन अच्छा नहीं जाता , है ना जिया ?”,सोफी ने जिया की तरफ देखते हुए कहा
“बिल्कुल,,,,,,,,,,,,,लिली आंटी आप और अंकल इन्हे पहनकर दिखाईये ना”,कहते हुए जिया ने लिली आंटी के हाथ से वो स्कार्फ लिए और लिली आंटी के साथ साथ घोष अंकल को भी पहना दिया। दोनों को बराबर में खड़ा करके जिया ने अपने दोनों हाथो को अपने गालों से लगाया और उन्हें देखते हुए कहा,”ओह्ह्ह आप दोनों साथ में कितने क्यूट लग रहे है”


“जिया कम एक अंकल आंटी के साथ एक सेल्फी लेते है”,कहते हुए सोफी ने अपने फोन का कैमेरा चालू किया और चारो की सेल्फी लेने लगी लेकिन मजाल है जिया एक भी फोटो में सीधी खड़ी रहे। वह कभी ब्लिंक करती , तो कभी अपनी दो उंगलियो के साथ पाउट बनाती , कभी अपने हाथो से बड़ा सा दिल बनाती तो कभी अपने मुंह बना लेती।
“ओके आंटी अब हम दोनों को जाना चाहिए , गुड नाईट”,सोफी ने अपने बैग उठाते हुए कहा
“गुड़ नाईट बेटा”,घोष अंकल ने कहा तो जिया भी अपने बैग उठाये सीढ़ियों की तरफ बढ़ गयी। अपने कमरे में आकर जिया ने बैग रखे और पेट के बल बिस्तर पर आ गिरी। उसने सुकून भरी साँस ली और बेड पर इधर उधर लोटते हुए कहा,”आह्ह दिनभर के बाद अपने बिस्तर पर सोना कितना आरामदायक होता है”


“उठो और कपडे बदल लो,,,,,,,,,,और हां अपने ये बैग्स उठाकर अपने कबर्ड में रखो,,,,,,,,,,,,ओह्ह जिया तुम कितनी आलसी हो”,सोफी ने अपना सामान अपनी अलमारी में रखते हुए कहा।
“मुझे यहाँ बहुत अच्छा लग रहा है मुझे सोने दो सोफी”,जिया ने कहा तभी किसी ने उनके कमरे का दरवाजा खटखटाया। जिया से सोफी को उम्मीद नहीं थी इसलिए उसने खुद ही दरवाजा खोला। सामने चीनी मिटटी से बना एक पतीला लिए लिली आंटी खड़ी थी उन्होंने उसे सोफी की तरफ बढाकर कहा,”ये आज में मैंने राजमा चावल बनाया था , थोड़ा तुम दोनों के लिए भी रख दिया खाकर देखो कैसा बना है ?”


“थैंक्यू आंटी”,सोफी ने मुस्कुरा कह कहा और दरवाजा बंद कर दिया। सोफी ने पतीला लेकर कमरे में पड़ी छोटी टेबल पर रखा और कहा,”जिया लिली आंटी ने राजमा चावल दिया है”
“हाहहह क्या सच में ?,,,,,,,,,,,,,!!”,कहते हुए जिया टेबल के पास आयी और पतीले का ढक्कन हटाकर देखा , राजमा चावल देखते ही उसके मुंह में पानी भर आया और उसने कहा,”ओह्ह्ह ये कितना टेस्टी दिख रहा है , चलो इसे खाते है”
“हाँ बिल्कुल लेकिन पहले जाकर तुम हाथ धोकर आओ”,सोफी ने जिया को घूरते हुए कहा तो जिया रूम से जुड़े अटैच बाथरूम की तरफ चली गयी।

वह जल्दी से हाथ धोकर आयी तब तक सोफी टेबल पर अपने और उसके लिए प्लेट लगा चुकी थी और उसमे राजमा चावल भी परोस चुकी थी। जिया आकर बैठी और एक निवाला खाकर कहा,”ओह्ह ये बहुत ही टेस्टी है”
सोफी मुस्कुरा उठी और कहा,”अच्छा जिया मिस्टर दयाल कह रहे थे की आने वाले दिनों में कुकिंग और डिलीवरी का काम बढ़ जाएगा , तो क्या तुम ओवर टाइम करना चाहोगी ?”
 “मुझे ओवर टाइम की क्या जरूरत है ?  जितना मिलता है उसमे मेरा खर्च निकल जाता है”,जिया ने खाते खाते कहा


“हम्म्म , कोई बात नहीं”,कहकर सोफी खाने लगी लेकिन मन ही मन किसी बात को लेकर शायद परेशान थी और जिया ने इस बात पर ध्यान नहीं दिया। खाने के बाद बर्तन जिया ने धोये और आकर एक बार फिर अपने बिस्तर पर गिर गयी। जिया के बगल में ही सोफी का बिस्तर था। दोनों के अलग-अलग बिस्तर , कबर्ड और छोटे ड्रावर भी थे। उस बड़े से कमरे को उन्होंने अपना घर जैसे सजा रखा था। कमरे के एक कोने में अटैच बाथरूम था और उसी से लगकर बालकनी भी। कमरे में एक तरफ एक सोफा था जो की लिली आंटी ने ही ऊपर भिजवाया था क्योकि नीचे नए सोफे आ चुके थे। सोफी ने पुराने सोफे को ही नया बना दिया और अच्छे से सजा लिया।

सोफी के बिस्तर के बगल में बड़ी सी खिड़की थी जिसके कोने पर एक बेल वाला पौधा लगा हुआ था और जैसे जैसे वो बढ़ती गयी सोफी ने उसे खिड़की के आस पास सजाना शुरू कर दिया और सुबह सुबह ये काफी आकर्षक भी लगती थी। सोफी अपने बिस्तर पर आकर लेट गयी। जिया उलटे लेटे लेटे दिवार की तरफ मुंह करके कुछ सोच रही थी और फिर एकदम से अपने गर्दन को सोफी की तरफ घुमाकर कहा,”अगर वो मुझे फिर मिला तो क्या मुझे उसका नाम पूछना चाहिए ?”
“तुम किसकी बात कर रही हो ?”,सोफी ने नींद में अलसाते हुए कहा


“वो लड़का जिसे मैंने ऐड कम्पनी में देखा था,,,,,,,,,,,,क्या मुझे उस से बात करनी चाहिए ?”,जिया एकदम से उठकर बैठ गयी
“बिल्कुल नहीं तुम्हे अपने काम पर ध्यान देना चाहिए ताकि तुम फिर से फ़ूड डिलीवरी करने में लेट ना हो , अब सो जाओ और मुझे भी सोने दो”,कहते हुए सोफी ने फिर उबासी ली
“कितना अच्छा हो अगर कल वो हमारे रेस्त्रो से कुछ आर्डर करे और मुझे उस से फिर मिलने का मौका मिले,,,,,,,,,,,,,,,ओह्ह्ह्ह कितना अच्छा होगा ना ?”,कहते हुए जिया ने खुश होकर अपने दोनों हाथो को अपने गालों से लगाया और मुस्कुराने लगी।

सोफी ने सूना तो अपनी बगल में पड़ा छोटा कुशन जिया की तरफ फेंका और नींद से त्रस्त होकर कहा,”सो जाओ जिया”
कुशन आकर सीधा जिया के प्यारे से चेहरे पर लगा और उसके सामने के बाल ललाट पर बिखर गए , जिया ने अपने होंठो से ऊपर की तरफ फूंक मारी तो कुछ बाल हवा में लहराए और वापस ललाट पर आ गए।

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क्रमश – A Broken Heart – 3

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संजना किरोड़ीवाल  

A Broken Heart
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“वो लड़का जिसे मैंने ऐड कम्पनी में देखा था,,,,,,,,,,,,क्या मुझे उस से बात करनी चाहिए ?”,जिया एकदम से उठकर बैठ गयी
“बिल्कुल नहीं तुम्हे अपने काम पर ध्यान देना चाहिए ताकि तुम फिर से फ़ूड डिलीवरी करने में लेट ना हो , अब सो जाओ और मुझे भी सोने दो”,कहते हुए सोफी ने फिर उबासी ली
“कितना अच्छा हो अगर कल वो हमारे रेस्त्रो से कुछ आर्डर करे और मुझे उस से फिर मिलने का मौका मिले,,,,,,,,,,,,,,,ओह्ह्ह्ह कितना अच्छा होगा ना ?”,कहते हुए जिया ने खुश होकर अपने दोनों हाथो को अपने गालों से लगाया और मुस्कुराने लगी।

सोफी ने सूना तो अपनी बगल में पड़ा छोटा कुशन जिया की तरफ फेंका और नींद से त्रस्त होकर कहा,”सो जाओ जिया”
कुशन आकर सीधा जिया के प्यारे से चेहरे पर लगा और उसके सामने के बाल ललाट पर बिखर गए , जिया ने अपने होंठो से ऊपर की तरफ फूंक मारी तो कुछ बाल हवा में लहराए और वापस ललाट पर आ गए।

“वो लड़का जिसे मैंने ऐड कम्पनी में देखा था,,,,,,,,,,,,क्या मुझे उस से बात करनी चाहिए ?”,जिया एकदम से उठकर बैठ गयी
“बिल्कुल नहीं तुम्हे अपने काम पर ध्यान देना चाहिए ताकि तुम फिर से फ़ूड डिलीवरी करने में लेट ना हो , अब सो जाओ और मुझे भी सोने दो”,कहते हुए सोफी ने फिर उबासी ली
“कितना अच्छा हो अगर कल वो हमारे रेस्त्रो से कुछ आर्डर करे और मुझे उस से फिर मिलने का मौका मिले,,,,,,,,,,,,,,,ओह्ह्ह्ह कितना अच्छा होगा ना ?”,कहते हुए जिया ने खुश होकर अपने दोनों हाथो को अपने गालों से लगाया और मुस्कुराने लगी।

सोफी ने सूना तो अपनी बगल में पड़ा छोटा कुशन जिया की तरफ फेंका और नींद से त्रस्त होकर कहा,”सो जाओ जिया”
कुशन आकर सीधा जिया के प्यारे से चेहरे पर लगा और उसके सामने के बाल ललाट पर बिखर गए , जिया ने अपने होंठो से ऊपर की तरफ फूंक मारी तो कुछ बाल हवा में लहराए और वापस ललाट पर आ गए।

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