Sanjana Kirodiwal

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A Broken Heart – 25

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A Broken Heart
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A Broken Heart – 25

सुबह से दोपहर होने को आयी लेकिन ईशान वैसे ही बिस्तर पर लेटा रहा ना उसे भूख का अहसास हुआ ना ही प्यास का,,,,,,,,,,,,ईशान के पापा ने जो किया उसने ईशान को काफी हर्ट किया साथ ही माया के चले जाने का गम ईशान सह नहीं पा रहा था। फोन की रिंग से ईशान की तंद्रा टूटी। ये रिंग ईशान के फोन की तो बिल्कुल नहीं थी इसलिए ईशान उस फोन को ढूंढने लगा। कुछ देर बाद बिस्तर के पास जमीन पर पड़ा फोन ईशान को दिखाई दिया। उसने फोन उठाया और देखा स्क्रीन पर किसी सोफी का नाम आ रहा था। ईशान फोन उठाता इस से पहले ही फोन कट गया। ईशान फोन की स्क्रीन को देख ही रहा था कि उसका फोन एक बार फिर बजा और उसने फोन उठाकर कान से लगा लिया। ईशान कुछ कहता इस से पहले ही दूसरी तरफ से सोफी ने बोलना शुरू किया,”हे जिया तुम फोन क्यों नहीं उठा रही हो ? अब तुम्हारी तबियत कैसी है ? क्या तुम ठीक हो ? देखो गुस्सा मत होना मुझे बस तुम्हारी परवाह हो रही थी इसलिए मैंने तुम्हे फोन किया,,,,,,,,,,,,तुम चुप क्यों हो ?”
“हाय ! मैं ईशान बात कर रहा हूँ ?”,ईशान ने धीमे स्वर में कहा


“ईशान ? कौन ईशान ? और जिया का फोन तुम्हारे पास कैसे आया ? जिया कहा है ?”,सोफी ने परेशानी भरे स्वर में कहा
“शायद आज सुबह जिया अपना फोन यहाँ भूल गयी थी”,ईशान ने सोचते हुए कहा
“मतलब कल रात जिया तुम्हारे साथ थी,,,,,,,,,,,,,,,,एक मिनिट क्या तुम वही लड़के हो जो हमारे अक्सर हमारे रेस्त्रो से खाना आर्डर करते हो ?”,सोफी ने पूछा
“हाँ,,,,,,,,,,,!!”,ईशान ने कहा
“सच बताओ तुमने जिया के साथ क्या किया है ? आज सुबह जब वो घर आयी तब बहुत परेशान और उदास भी,,,,,,,,,,,,,,,क्या तुमने उस से कुछ कहा है ?”,सोफी ने गुस्से से कहा


“नहीं मैंने उसे कुछ नहीं कहा,,,,,,,,,,,,उसका फोन मैं रेस्त्रो दे जाऊंगा अभी मैं रखता हूँ”,ईशान ने कहा और फोन काट दिया
“हे हेलो मेरी बात सुनो,,,,,,,,,!”,सोफी कहते ही रह गयी लेकिन तब तक ईशान फोन काट चुका था।
ईशान ने फोन की स्क्रीन पर देखा जिस पर जिया की प्यारी सी फोटो थी। उसकी आँखों में चमक थी और चेहरे पर हमेशा की तरह स्माइल,,,,,,,,,,,,,,,सहसा ही ईशान के जहन में सोफी की कही बात कौंधी “मतलब कल रात जिया तुम्हारे साथ थी,,,,,,,,,,,,,,!!”


“क्या वो लड़की कल रात यहाँ थी ? पर मुझे ये सब याद क्यों नहीं है ? माया की सगाई से लौटने के बाद मैंने क्या किया मुझे कुछ भी याद नहीं है। वो लड़की फोन पर ये क्यों कह रही थी कि मैंने जिया के साथ गलत किया। मुझसे उस से मिलना चाहिए”,ईशान खुद में बड़बड़ाया।
उसने फोन बिस्तर पर रखा और अपने कपडे लेकर नहाने चला गया। नहाकर ईशान को थोड़ा हल्का महसूस हो रहा था। भूख का अहसास हुआ तो अपने लिए नाश्ता बनाने वह किचन की तरफ चला आया।

उसने देखा बनाने के लिए ज्यादा कुछ सामान नहीं है। उसने फ़्रीज से दूध निकाला और अपने लिए कॉफी बनाने लगा। कॉफी बनाकर ईशान ने उसे कप में छाना और रेंक में रखे डिब्बों को देखा। बिस्किट वाला डिब्बा गायब था। ईशान ने इधर उधर देखा तो प्लेटफॉर्म के कॉर्नर में रखे खाली डिब्बे पर उसकी नजर गयी। उसने डिब्बा उठाया और उसे देखते हुए कहा,”कल सुबह तो ये भरा हुआ था , इसे खाली किसने किया ? लगता है आज सिर्फ कॉफी से काम चलाना पडेगा”
ईशान कॉफी लेकर कमरे की खिड़की के पास चला आया और उसे पीते हुए माया के बारे में सोचने लगा।

माया को भूल पाना इतना भी आसान नहीं था। माया के प्यार और उसकी यादों ने ईशान को जकड रखा था और यही वजह थी कि इतने अपमान और धोखे के बाद भी ईशान को माया की याद आ रही थी। उसने अपनी कॉफी खत्म की और कमरे में बिखरे सामान को समेटने लगा। उसका रिकॉर्डिंग का सारा सामान कबाड़ बन चुका था ईशान ने उसे एक बॉक्स में पैक किया और साइड में रख दिया। ईशान ने अपना पर्स देखा उसमे 100 के बस कुछ ही नोट थे। उसकी जॉब भी जा चुकी थी और उसके पास कोई काम भी नहीं था। ईशान को कुछ समझ नहीं आ रहा था वह क्या करे ? इस वक्त वह खुद को काफी अकेला महसूस कर रहा था।


ईशान ने जिया का फोन अपने जेब में रखा और फ्लेट से बाहर चला आया। ईशान सड़क किनारे आया और बस का इंतजार करने लगा। कुछ देर बाद बस आयी और ईशान उसमे आ बैठा। बस में काफी भीड़ थी इसलिए ईशान को खड़े होकर जाना पड़ा। बस ट्रेफिक मे आकर रुकी तो सहसा ही ईशान को जिया का ख्याल आ गया। एक रोज कैसे जिया ट्रेफिक में उसे अजीबो गरीब नामो से पुकार रही थी। ईशान झुककर खिड़की से बाहर देखने लगा ना जाने क्यों उसे लगा जैसे अभी इस भीड़ से निकलकर जिया आएगी। बस आगे बढ़ गयी ईशान अपने ख्यालो से बाहर आया और सीधा खड़ा हो गया। ईशान रेस्त्रो से कुछ पहले वाले स्टॉप पर उतर गया और वहा से पैदल ही रेस्त्रो की तरफ चल पड़ा। चलते चलते ईशान जिया के बारे में ही सोच रहा था।

वह याद करने की कोशिश कर रहा था कि आखिर बीती रात क्या हुआ था और जिया उसके साथ क्यों थी ? साथ ही उसे अपने पापा का ख्याल आ रहा था कि हो सकता है उन्होंने जिया से कुछ ऐसा कहा हो जिस से जिया हर्ट हो गयी हो। अपनी सोच में उलझा ईशान रेस्त्रो के सामने पहुंचा। उसका दिल धड़क रहा था वह सोफी और जिया को कैसे फेस करे समझ नहीं पा रहा था। ईशान ने एक गहरी साँस ली और दरवाजा खोलकर अंदर चला आया। सोफी उसे सामने काउंटर पर दिखाई दी वह किसी का आर्डर तैयार कर रही थी। ईशान को देखते ही सोफी की भँवे तन गयी। ईशान काउंटर के पास चला आया और जिया का फोन सोफी की तरफ बढाकर कहा,”ये जिया का फोन,,,,,,,,,,,,तुम उसे दे देना”


सोफी ने सूना तो उसने फोन लिया और काउंटर से निकलकर ईशान के सामने आयी। आसपास काफी लोग थे इसलिए सोफी ने ईशान का हाथ पकड़ा और उसे लेकर साइड में आयी। साइड में आकर सोफी ने ईशान का हाथ छोड़ा और कहा,”मुझे बताओ ये सब क्या चल रहा है ? कल रात जिया तुम्हारे साथ थी और आज सुबह जब वो घर आयी तो काफी अपसेट थी और परेशान भी,,,,,,,,,,,,,,,,मुझे बताओ तुमने उसके साथ क्या किया है ?”
“तुम गलत समझ रही हो,,,,,,,,,!!”,ईशान ने कहना चाहा।
“मैं बिल्कुल सही समझ रही हूँ , देखो जिया एक मासूम लड़की है वो बहुत जल्दी किसी पर भी भरोसा कर लेती है। क्या तुम उसका फायदा उठाने की सोच रहे हो  ?”,सोफी ने कहा


“व्हाट ? मैं ऐसा कुछ नहीं सोचता मैं तो उसे ठीक से जानता तक नहीं और मैं उसका फायदा क्यों उठाऊंगा ?”,ईशान ने हैरानी से कहा
“क्योकि वो तुम्हे पसंद,,,,,,,,,,,,!”,सोफी इतना ही बोल पायी कि तभी ईशान और उसके कानों में जिया की आवाज पड़ी,”क्या तुम दोनों मुझे मारने की प्लानिंग कर रहे हो ? वो भी इस तरह कोने में खड़े होकर लेकिन फॉर योर काइंड इन्फॉर्मेशन मैं इतनी जल्दी मरने वाली नहीं हूँ मेरे पास लोगो की बहुत सी अच्छी दुआए है।”


ईशान और सोफी ने जिया को देखा तो जिया उन दोनों की तरफ चली आयी। जिया को पहले जैसे हँसते मुस्कुराते देखकर सोफी का गुस्सा गायब हो गया और उसने कहा,”तुम्हे यहाँ देखकर ख़ुशी हुई !! तुम पहले से काफी ठीक लग रही हो”
“हाँ मैं बिल्कुल ठीक हूँ”,जिया ने अपने कंधे पर पड़े बैग को झुलाते हुए कहा
ईशान ने जिया को नार्मल देखा तो उसे थोड़ा अच्छा लगा और उसने कहा,”क्या तुम सच में ठीक हो ?”
ईशान की बात सुनकर जिया एकटक उसे देखने लगी और फिर कहा,”हाँ अब ठीक हूँ !!”


“जिया ईशान तुम्हारा फोन लौटाने आया था , तुम्हारा फोन इसके पास कैसे आया क्या तुम मुझे बताओगी ?”,सोफी ने अपने हाथो को बांधकर जिया को घूरते हुए कहा तो जिया पहले तो मुस्कुराई और फिर सोफी के हाथो को नीचे करते हुए कहा,”ओह्ह्ह्ह ऐसा करते हुए तुम बिल्कुल मेरी मॉम जैसे लग रही हो। तुम जैसा सोच रही हो वैसा कुछ भी नहीं है। मैंने ही अपना फोन आर्डर के साथ जान बूझकर इसके यहाँ छोड़ा था ताकि फोन देने के बहाने ये मुझसे मिलने आ सके,,,,,,!!”
जिया की बात सुनकर ईशान मन ही मन थोड़ा हैरान था कि जिया झूठ क्यों बोल रही है ? लेकिन वह खामोश रहा
“क्या तुम सच कह रही हो ?”,सोफी को जिया कि बात पर अभी भी यकीन नहीं था


“हाहहहह क्या तुम्हे मुझे पर यकीन नहीं है , तुम्हारे हाथो से बने चीज सेंडविच की कसम मैं सच कह रही हूँ,,,,,,,,,,!!”,जिया ने अपनी आँखों को बड़ा करते हुए कहा। सोफी के पास जिया की बात मानने के अलावा कोई ऑप्शन नहीं था इसलिए वह वहा से चली गयी। जिया ईशान की तरफ पलटी और कहा,”सोफी ने तुम्हे जो कुछ कहा उसके लिए मैं माफ़ी चाहती हूँ”
“तुमने अपने दोस्त से झूठ क्यों कहा ? तुम कल रात शायद मेरे साथ थी और तुम्हारा फोन भी तब ही वहा छूट गया।”,ईशान ने कहा


“क्योकि मैं नहीं चाहती सोफी तुम्हे गलत समझे,,,,,,,,,,,,,,!!”,जिया ने ईशान के चेहरे की ओर देखते हुए कहा
ईशान ने सूना तो जिया की तरफ देखने लगा आज से पहले किसी ने उसके लिए ऐसी बात नहीं की थी। ईशान को खामोश देखकर जिया ने कहा,”तुम ठीक हो ना ?”
“हाँ,,,,,,,,,,,,,,,,हाँ मैं ठीक हूँ।”,ईशान ने नींद से जागते हुए कहा
रेस्त्रो में काफी भीड़ थी जिया ईशान के साथ वहा खड़े होकर लोगो के मनोरंजन की वजह नहीं बनना चाहती थी इसलिए ईशान से कहा,”क्या हम बाहर चलकर बात करे ?”


“हम्म्म !”,ईशान ने कहा और दरवाजे की तरफ बढ़ गया। जिया भी उसके पीछे पीछे बाहर चली आयी। बाहर आकर जिया कुछ कहती इस से पहले ही ईशान बोल पड़ा,”तुम आज सुबह घर से इसलिए चली आयी क्योकि डेड ने तुम्हारे साथ बदतमीजी की , मैं बहुत शर्मिन्दा हूँ और उनके बुरे बर्ताव के लिए तुमसे माफ़ी चाहता हूँ,,,,,,,,,,,,,,!!
“इट्स ओके उनकी जगह कोई भी होता तो उस वक्त गलत ही समझता , तुम्हे माफ़ी मांगने की जरूरत नहीं है।”,जिया ने सहजता से कहा
“तुम्हारा दिल बहुत बड़ा है,,,,,,,,,,,,,,क्या तुम मुझे बताओगी कल रात तुम मेरे फ्लेट क्यों आयी थी ? देखो मुझे कुछ भी याद नहीं है और मैं बस जानना चाहता हूँ कि तुम वहा क्यों थी ?”,ईशान ने कहा 


“कल रात तुम काफी नशे में थे और मुझे सड़क पर मिले थे। तुम अकेले थे तुम्हारे साथ कोई नहीं था इसलिए मैं तुम्हे तुम्हारे फ्लेट तक छोड़ने चली आयी। तुम काफी तकलीफ में थे और इमोशनल भी,,,,,,,,,,,,,,,मैंने वहा से जाना चाहा तो तुमने मेरा हाथ पकड़कर मुझे रोक लिया और कहा कि मैं ना जाऊ,,,,,,!!”,जिया ने अपनी आँखों को बड़ा करते हुए कहा
“क्या सच में मैंने तुम्हे रोका,,,,,,,,,,,,?”,ईशान ने जिया को देखकर कहा क्योकि जिस जिया से ईशान दूर भागता था भला उसे वह रुकने को क्यों कहेगा ?


“हाहहहह क्या तुम्हे मेरी बात पर भरोसा नहीं है,,,,,,,,,,,,,तुमने सच में मुझे रोका था और तुम बहुत रो रहे थे और इस वजह से मेरा कंधा अब तक दर्द कर रहा है।”,जिया ने अपना कन्धा दबाते हुए कहा
हालाँकि ईशान को जिया की बात पर यकीन तो नहीं हो रहा था लेकिन यकींन करने के अलावा उसके पास दुसरा कोई चारा भी नहीं था। ईशान को खामोश देखकर जिया आगे कहने लगी,”तुम्हारे कहने पर मुझे रुकना पड़ा और फिर बारिश होने लगी,,,,,,,,,,,पूरी रात तुम मेरे कंधे पर सर रखकर सोते रहे और मैं जाग रही थी। सुबह जैसे ही मैं घर जाने लगी तुम्हारे मॉम-डेड वहा आ गए और उन्होंने मुझे बुरी लड़की समझ लिया।  


उन्होंने मुझसे जाने को कहा , मेरी बात तक नहीं सुनी,,,,,,,,,,,,,,,,,!!”
“तुम्हे वहा देखकर उन्हें गलतफहमी हो गयी , इसके लिए मैं माफ़ी चाहता हूँ”,ईशान ने कहा
ईशान के मुंह से बार बार माफ़ी सुनकर जिया ने कहा,”मैंने तुम्हे माफ़ किया लेकिन एक शर्त पर,,,,,,,,,,!!”
“क्या ?”,ईशान ने पूछा
“क्या माफ़ी के बदले तुम मेरे लिए चीज बन सेंडविच खरीद सकते हो ?”,जिया ने अपनी आँखे टिमटिमाते हुए कहा। ऐसा नहीं था कि जिया अपने लिए सेंडविच नहीं खरीद सकती बस वो ईशान के साथ कुछ वक्त बिताना चाहती थी ताकि उसकी उदासी को कम कर सके।

ऐसी बातो की वजह से ही ईशान को जिया अजीब लगती थी लेकिन उसके लिए जिया की माफ़ी जरुरी थी इसलिए उसने कहा,”ठीक है मैं तुम्हारे लिए खरीदूंगा,,,,,,,,,,,,,,क्या मुझे ये अभी करना होगा ?”
“मैंने आज रेस्त्रो से छुट्टी ली है तो मैं बिल्कुल फ्री हूँ तुम चाहो तो हम अभी चल सकते है।”,जिया ने अपने हाथो को पेंट की जेब में डाल दांये बांये घूमते हुए कहा।
ईशान ने एक नजर जिया को देखा और सड़क किनारे चला गया। जिया का मुँह लटक गया। कुछ देर बाद ईशान पलटा और जिया को देखकर कहा,”आओ चलते है।”


“हम इस से चलते है तुम्हारे ऑटो के पैसे बच जायेंगे,,,,,,,,!”,जिया ने अपनी साईकिल ईशान के सामने रोकते हुए कहा
ईशान ने देखा तो उसे फिर अजीब लगा वह कुछ कहता इस से पहले ही जिया ने पिछली सीट की तरफ इशारा करके कहा,”तुम इस पर बैठ सकते हो।”
झिझकते हुए ईशान पिछली सीट पर आ बैठा और जिया ने अपनी साइकिल आगे बढ़ाते हुए कहा,”आह्ह तुम काफी भारी हो।”
 जिया ईशान को लेकर सेंडविच शॉप पहुंची। ईशान ने उसे रुकने को कहा और खुद ही सेंडविच लेने चला गया।

कुछ देर बाद वह एक बन सेंडविच लेकर आया और जिया की तरफ बढ़ा दिया।
“क्या तुम सिर्फ एक लेकर आये हो ? तुमने अपने लिए क्यों नहीं लिया ?”,जिया ने सेंडविच लेते हुए पूछा
“मुझे भूख नहीं है तुम खा लो,,,,,,,,,,!!”,ईशान ने सहजता से कहा
जिया ने अपने बन सेंडविच से आधा तोड़कर ईशान की तरफ बढ़ाते हुए कहा,”हम दोनों इसे बाँट सकते है , मेरी मॉम कहती है कुछ चीजे बाँटी जा सकती है वैसे ही जैसे हम किसी से अपना दर्द बाँट सकते है।”
ईशान ने सूना तो एकटक जिया को देखने लगा पहली बार उसे जिया में समझदारी दिखाई दे रही थी।

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संजना किरोड़ीवाल  

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सुबह से दोपहर होने को आयी लेकिन ईशान वैसे ही बिस्तर पर लेटा रहा ना उसे भूख का अहसास हुआ ना ही प्यास का,,,,,,,,,,,,ईशान के पापा ने जो किया उसने ईशान को काफी हर्ट किया साथ ही माया के चले जाने का गम ईशान सह नहीं पा रहा था। फोन की रिंग से ईशान की तंद्रा टूटी। ये रिंग ईशान के फोन की तो बिल्कुल नहीं थी इसलिए ईशान उस फोन को ढूंढने लगा। कुछ देर बाद बिस्तर के पास जमीन पर पड़ा फोन ईशान को दिखाई दिया। उसने फोन उठाया और देखा स्क्रीन पर किसी सोफी का नाम आ रहा था। ईशान फोन उठाता इस से पहले ही फोन कट गया। ईशान फोन की स्क्रीन को देख ही रहा था कि उसका फोन एक बार फिर बजा और उसने फोन उठाकर कान से लगा लिया। ईशान कुछ कहता इस से पहले ही दूसरी तरफ से सोफी ने बोलना शुरू किया,”हे जिया तुम फोन क्यों नहीं उठा रही हो ? अब तुम्हारी तबियत कैसी है ? क्या तुम ठीक हो ? देखो गुस्सा मत होना मुझे बस तुम्हारी परवाह हो रही थी इसलिए मैंने तुम्हे फोन किया,,,,,,,,,,,,तुम चुप क्यों हो ?”
“हाय ! मैं ईशान बात कर रहा हूँ ?”,ईशान ने धीमे स्वर में कहासुबह से दोपहर होने को आयी लेकिन ईशान वैसे ही बिस्तर पर लेटा रहा ना उसे भूख का अहसास हुआ ना ही प्यास का,,,,,,,,,,,,ईशान के पापा ने जो किया उसने ईशान को काफी हर्ट किया साथ ही माया के चले जाने का गम ईशान सह नहीं पा रहा था। फोन की रिंग से ईशान की तंद्रा टूटी। ये रिंग ईशान के फोन की तो बिल्कुल नहीं थी इसलिए ईशान उस फोन को ढूंढने लगा। कुछ देर बाद बिस्तर के पास जमीन पर पड़ा फोन ईशान को दिखाई दिया। उसने फोन उठाया और देखा स्क्रीन पर किसी सोफी का नाम आ रहा था। ईशान फोन उठाता इस से पहले ही फोन कट गया। ईशान फोन की स्क्रीन को देख ही रहा था कि उसका फोन एक बार फिर बजा और उसने फोन उठाकर कान से लगा लिया। ईशान कुछ कहता इस से पहले ही दूसरी तरफ से सोफी ने बोलना शुरू किया,”हे जिया तुम फोन क्यों नहीं उठा रही हो ? अब तुम्हारी तबियत कैसी है ? क्या तुम ठीक हो ? देखो गुस्सा मत होना मुझे बस तुम्हारी परवाह हो रही थी इसलिए मैंने तुम्हे फोन किया,,,,,,,,,,,,तुम चुप क्यों हो ?”
“हाय ! मैं ईशान बात कर रहा हूँ ?”,ईशान ने धीमे स्वर में कहा

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