Sanjana Kirodiwal

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A Broken Heart – 10

A Broken Heart – 10

A Broken Heart
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A Broken Heart – 10

ईशान कुछ देर खिड़की के पास खड़े रहा और फिर बिस्तर पर आकर लेट गया। नींद आँखों से कोसो दूर थी। उसके जहन में एक साथ कई ख्याल चलने लगे। अपने पापा से हुई बहस , माया से हुई बहस , जॉब ना मिलने का ख्याल , अपने प्रोजेक्ट की टेंशन और साथ ही निर्मल की नसीहते,,,,,,,,,,,,सब एक साथ ईशान के जहन में चल रहे थे। ईशान इन सब को अपने दिमाग से बाहर निकालना चाहता था। वह बार बार करवट बदल रहा था और आखिर में उलटा लेट कर तकिये में अपना मुंह छुपा लिया। थोड़ी जद्दोजहद के बाद उसे नींद आ गयी।
अगली सुबह ईशान देर से उठा। आज ईशान ने फैसला कर लिया कि वह अब बस अपने प्रोजेक्ट पर ध्यान देगा। फ्रेश होने के बाद ईशान किचन एरिया की तरफ आया और कॉफी बनाते हुए माया का नंबर डॉयल किया लेकिन माया ने फोन काट दिया। ईशान ने मैसेज किया तो माया ने उसका भी जवाब नहीं दिया। ईशान थोड़ा हैरान परेशान हुआ और फिर फोन साइड में रखकर कॉफी बनाने लगा। उसने कॉफी को अपने फेवरेट कप में छाना और लेकर कमरे में चला आया। ईशान अपनी वर्क डेस्क पर आ बैठा और कॉफी पीते हुए काम करने लगा। आज ईशान पूरी तरह से अपने काम पर फोकस करने की कोशिश कर रहा था और आज रोजाना के बजाय उसके काम में इम्प्रूवमेंट भी था। ईशान खुश था उसे 2 महीने बाद होने वाले ऑडिशन को क्लियर करना ही था।

उसी शाम रेस्त्रो में
“जिया ये ऐड कम्पनी का आर्डर है क्या तुम ये लेकर जाओगी ?”,सोफी ने काउंटर के पास बैठी जिया से कहा
सोफी के मुंह से ऐड कम्पनी का नाम सुनकर जिया एकदम से चौंकी और कहा,”सोफी मुझे तुम्हे कुछ बताना है,,,,,,,,,,,,,,,,कल जब मैं कम्पनी में आर्डर देने गयी तो वहा मैंने एक लड़का-लड़की को देखा वो दोनों एक दूसरे के पास थे,,,,,,,,,,,,,इतना पास”
कहते हुए जिया ने अपना चेहरा एकदम से सोफी के करीब कर दिया।

सोफी पीछे हटी और कहा,”तुम ये क्या कर रही हो ? और तुम उस ऐड कम्पनी में ये सब देखने जाती हो , तुम्हे लोगो की पर्सनल लाइफ में दखल नहीं देना चाहिए,,,,,,,,,,!!”
“तो क्या मैंने गलत किया ?”,जिया ने अपनी आँखे मिचमिचाते हुए पूछा
“बिल्कुल तुम्हे जाकर उनसे माफ़ी मांगनी चाहिए। एक काम करो तुम आज का ये आर्डर लेकर जाओ और उनसे माफ़ी भी मांग लेना”,सोफी ने कहा


“हाँ ये ठीक रहेगा,,,,,,,,,,,,,,मैं अभी जाती हूँ”,जिया ने पार्सल बैग में रखते हुए कहा और वहा से चली गयी  
बाहर आकर जिया ने बैग स्कूटर पर रखा और हेलमेट लगाकर स्कूटर पर आ बैठी और आगे बढ़ गयी। ट्रेफिक में आकर जिया का स्कूटर रुका। ट्रेफिक काफी ज्यादा था और जिया को वक्त से पहुंचना था वह बार बार अपनी घडी देखे जा रही थी। स्कूटर पर बैठे बैठे जिया की नजर स्कूटर से कुछ ही दूर खड़ी बस में खड़े ईशान पर पड़ी उसके चेहरे पर बड़ी सी स्माइल आ गयी। ईशान ने जैसे ही उसे देखा जिया ने खुश होकर अपना हाथ हिला दिया लेकिन ईशान ने नजरे घुमा ली वह शायद जिया को इग्नोर कर रहा था।

अब ठहरी जिया इसलिए उसने जोर से कहा,”हेलो मिस्टर स्ट्रेंजर,,,,,,,,,,,,,,हाँ मैं तुम्हे ही बोल रही हूँ , हेलो क्या तुम तक मेरी आवाज पहुँच रही है ? हेलो ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,!!!”
जिया को ऐसे चिल्लाते देखकर आस पास के लोग उसे देखने वह झेंप गई और अपना स्कूटर लेकर आगे खिसकाते हुए थोड़ा बस के पास ले आयी और एक बार फिर ईशान की तरफ देखकर थोड़ा धीमी आवाज में कहा,”ओह्ह्ह हेलो मैं तुम से बात कर रही हूँ , लड़कियों की तरह भाव खाना बंद करो प्लीज,,,,,,,,,,,,,,,,,,वो मुझे तुम्हे थैंक्यू,,,,,,,,,,,,,,,,,!!!”


जिया अपनी बात पूरी कर पाती इस से पहले ही ट्रेफिक क्लियर हुआ और बस आगे बढ़ गयी। बेचारी जिया मुंह लटका कर आगे बढ़ गयी। वह ऐड कम्पनी के सामने आयी और पार्सल लेकर अंदर चली आयी। वह पुरे 10 मिनिट लेट थी इसलिए मिस्टर दयाल की डांट के बारे में सोचकर डर भी रही थी। वह जल्दी से लिफ्ट की तरफ आयी और अंदर चली आयी। लिफ्ट ऊपर आकर रुकी जिया जल्दी जल्दी मीटिंग रूम में आयी और बॉक्स टेबल पर रखते हुए कहा,”माफ़ करना ट्रेफिक के कारण मैं पुरे 10 मिनिट लेट हूँ मुझे उम्मीद है आप इसकी शिकायत फीडबैक में नहीं करेंग,,,,,,,,,,,,,,,,,आप अभी अपना फूड एन्जॉय कर सकते है,,,,,,,,,,और फीडबैक देना मत,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,भूलियेगा”


कहते हुए जिया ने जैसे ही सामने देखा आगे के शब्द उसके गले में ही अटक गए। मीटिंग रूम बैठे सब लोग हैरानी से उसे ही देख रहे थे।  
और माया तो स्पेशली उसे घूरकर देख रही थी क्योकि उस वक्त रूम में नए ऐड को लेकर एक जरुरी मीटिंग चल रही थी और माया ही उसे प्रेजेंट कर रही थी। जिया ने जैसे ही माया को वहा देखा हैरानी और ख़ुशी मिश्रित भाव उसके चेहरे पर आये और उसने कहा,”ओह्ह्ह्ह अच्छा हुआ आप मुझे मिल गयी। मुझे माफ़ कर दीजिये मुझे कल आपकी निजी जिंदगी में दखल देना नहीं चाहिए था , जब आप” कहते हुए जिया ने मीटिंग रूम में बैठे देवांश को देखा और उसकी तरफ हाथ करके कहा,”जब आप उनके इतना करीब थी,,,,,,,,,,,,,,,,मेरी दोस्त ने कहा कि मुझे वो सब नहीं देखना चाहिए था इसलिए मुझे माफ़ कर दीजिये,,,,,,,,,,,,,,मैं जानती हूँ आप बहुत अच्छी है इसलिए मुझे माफ़ कर देंगी”


जिया ने जो कहा वो सुनकर वहा बैठे लोग माया और देवांश की ओर देखने लगे और जिया मुस्कुराते हुए माया को देख रही थी जिसे देखकर माया का गुस्सा और बढ़ गया। वह जिया के पास आयी और उसे घूरते हुए कहा,”आर यू मेड ? ये सबके सामने क्या बके जा रही हो,,,,,,,,,,,,,तुम , तुम यहाँ से अभी बाहर जाओ जस्ट गेट आउट,,,,,,,,,,,,,,,!!”
“हाहहहह क्या आपको मेरा माफ़ी मांगना पसंद नहीं आया ? मैं फिर से कोशिस कर सकती हूँ,,,,,,,,,,,,मेम मुझे माफ़,,,,,,,,,,!!”,जिया ने कहा लेकिन माया ने उसकी बात पूरी ही नहीं होने दी और गुस्से से चिल्लाकर कहा,”ओह्ह जस्ट शट अप एंड गेट आउट”


“एन्जॉय योर फ़ूड एंड फीडबैक,,,,,,,,,,!!”,जिया ने धीरे से कहा और इस माया ने उसकी बाँह पकड़ी और उसे मीटिंग रूम के दरवाजे से बाहर कर दिया। उसने एक गहरी साँस ली और खुद को नार्मल कर अंदर आते हुए कहा,”आई ऍम सो सॉरी गाईज,,,,,,,,,मीटिंग कन्टीन्यूए करते है”
जिया ने जो कुछ भी वहा कहा उस से देवांश असहज हो गया। वह उठा और बिना कुछ कहे वहा से चला गया। वहा बैठे सब लोग आपस में खुसर फुसर करने लगे तो माया ने थोड़ा गुस्से से कहा,”अगर तुम सबको भी जाना है तो उठकर जा सकते हो”
माया उनकी सीनियर थी इसलिए सबने चुपचाप अपना ध्यान सामने स्क्रीन पर लगा लिया। जिया की वजह से माया का मूड ऑफ हो चुका था लेकिन फिर भी उसने वो सब इग्नोर किया और मीटिंग जारी रखी।

जिया आर्डर देने के साथ साथ माया से माफ़ी मांगने आयी थी लेकिन यहाँ आकर उसने फिर गड़बड़ कर दी। वह नीचे आयी और जैसे ही बाहर जाने लगी उसे याद आया वह आर्डर का बिल देना तो भूल ही चुकी है। जिया वापस लिफ्ट के सामने चली आयी। लिफ्ट खुली और जिया परेशान सी अंदर चली आयी। उसने 4 नंबर दबाया और अपने नाख़ून चबाते हुए बड़बड़ाने लगी,”पता नहीं मैंने ऐसा क्या कह दिया जिस से वो इतना भड़क गयी,,,,,,,,,,,,,,,,एक तो मैंने उस से माफ़ी माँगी और वो मुझ पर ही गुस्सा कर रही थी,,,,,,,,,,,,,,,,,आह्ह्ह्ह मुझे उस सोफी की बात माननी ही नहीं चाहिए थी,,,,,,,,,,,,गधी , उल्लू की पत्ती पट्ठी , पता नहीं हमेशा मेरे साथ ही ऐसा क्यों होता है ? एक तो वो गुस्से में है और लगता है अब वो फीडबैक भी नहीं देंगी,,,,,,,,,,अगर उसने मिस्टर दयाल से मेरी शिकायत कर दी तो फिर वो मेरी सैलरी काट लेंगे,,,,,,,,,,,,,,,,,,,आह्ह्ह्हह ये मैंने क्या किया , मैं इतनी बड़ी बेवकूफ क्यों हूँ ?”


कहते हुए जिया ने अपना सर लिफ्ट की दिवार से लगा लिया और अपने पैर पटकने लगी। उसने ध्यान ही नहीं दिया कि उसी लिफ्ट में ईशान भी था जो माया से मिलने आया था।        
जिया को रोते और पैर पटकते देखकर ईशान ने सहजता से कहा,”ये नौटंकी करना बंद करो”
जिया ने सूना तो कहते हुए पलटी,”मैं यहाँ दुखी हूँ और तुम्हे ये सब नो,,,,,,,,,,,,,,टंकी लगता है। तुम,,,,,,,,,,,,,,,,,,हाहहहह नहीं नहीं नहीं तुम यहाँ कैसे हो सकते हो ?  शायद मैं कोई सपना देख रही हूँ”
कहते हुए जिया वापस पलट गयी।

ईशान को वहा देखकर उसे यकीन नहीं हो रहा था। लिफ्ट के दरवाजे को देखते हुए वह वापस बड़बड़ाने लगी,”अब मिस्टर दयाल मेरी सैलरी काट लेंगे,,,,,,,,,,,,,,हो सकता है वो मुझे नौकरी से निकाल दे,,,,,,,,,,,,,,,आह्ह्ह्हह नहीं अगर ऐसा हुआ तो फिर मैं लिली आंटी के घर का रेंट कैसे दूंगी ? और फिर मैं अपना फेवरेट चीज बन सेंडविच भी नहीं खा पाऊँगी और तो और मैंने डेस्टिनी से भी प्रॉमिस किया है कि मैं रोज उस से मिलने आउंगी और उसके लिए खाना लाऊंगी,,,,,,,,,,,,,,,कही डेस्टिनी ने मुझे बद्दुआ दे दी तो मेरा क्या होगा ? मैंने ये क्या किया,,,,,,,,,,,,,!!”
जिया को लगातार बोलते देखकर वहा खड़े ईशान को गुस्सा आया वह जिया के पास आया अपना हाथ उसके मुँह पर रखा और उसकी पीठ लिफ्ट की दिवार से लगाकर बिल्कुल उसके सामने आ खड़ा हुआ।

ईशान ख़ामोशी से जिया की आँखों में देखता रहा। ईशान वहा सच में है जब जिया को इस बात का अहसास हुआ तो उसका दिल धड़क उठा। वह एकटक ईशान के चेहरे को देखती रही। लिफ्ट 4th फ्लोर पर आकर रुकी , दरवाजे खुले लेकिन दोनों ही बाहर नहीं गए और दरवाजे एक बार फिर बंद हो गए और लिफ्ट नीचे जाने लगी। ईशान को होश आया वह जल्दी से पीछे हटा और देखा लिफ्ट नीचे जा रही है। उसने जिया को घुरा और एक तरफ खड़ा हो गया। जिया ने धीरे से अपनी गर्दन घुमाकर ईशान को देखा और मन ही मन खुश होकर खुद से कहा,”आज का दिन कितना अच्छा है , कुछ देर पहले मैंने इसे ट्रेफिक में देखा और अब ये मेरे साथ है आह्ह्ह्ह मैं कितनी लकी हूँ।”


ईशान को चुप देखकर जिया ने कहा,”हे अभी जो तुमने किया वो क्या था ? क्या तुम मुझे किडनेप करना चाहते हो ताकि मिस्टर दयाल से फिरौती के बदले में नूडल्स और सेंडविच मांग सको”
कहते हुए जिया वापस पलट गयी और आगे कहने लगी,”वैसे तुम चाहो तो कुछ दिनों के लिए मुझे किडनेप कर सकते हो बस तुम्हे मिस्टर दयाल से फिरौती में कुछ बाउल नूडल्स एक्स्ट्रा मांगने होंगे,,,,,,,,,,,,,,मेरे लिए , उस रेस्त्रो के नूडल्स बहुत टेस्टी है और,,,,,,,,,,,,,,,,,!!”

बेचारी जिया आगे कुछ कहती इस से पहले ही ईशान ने एक बार फिर अपना हाथ बढ़ाकर उसका मुंह बंद कर अपनी तरफ पीछे खींच लिया जिस से जिया की पीठ ईशान के सीने से आ लगी। वह बिल्कुल उसके पीछे खड़ा था खामोश और जिया खुश होकर मन ही मन खुद से कहने लगी,”ओह्ह्ह्ह कितना अच्छा होगा अगर इसने सच में मुझे किडनेप कर लिया,,,,,,,,,,,,,,,,ये दुनिया का सबसे हेंडसम किडनेपर होगा”

क्रमश – A Broken Heart – 11

Read More – A Broken Heart – 9

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संजना किरोड़ीवाल  

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ईशान कुछ देर खिड़की के पास खड़े रहा और फिर बिस्तर पर आकर लेट गया। नींद आँखों से कोसो दूर थी। उसके जहन में एक साथ कई ख्याल चलने लगे। अपने पापा से हुई बहस , माया से हुई बहस , जॉब ना मिलने का ख्याल , अपने प्रोजेक्ट की टेंशन और साथ ही निर्मल की नसीहते,,,,,,,,,,,,सब एक साथ ईशान के जहन में चल रहे थे। ईशान इन सब को अपने दिमाग से बाहर निकालना चाहता था। वह बार बार करवट बदल रहा था और आखिर में उलटा लेट कर तकिये में अपना मुंह छुपा लिया। थोड़ी जद्दोजहद के बाद उसे नींद आ गयी।
अगली सुबह ईशान देर से उठा। आज ईशान ने फैसला कर लिया कि वह अब बस अपने प्रोजेक्ट पर ध्यान देगा। फ्रेश होने के बाद ईशान किचन एरिया की तरफ आया और कॉफी बनाते हुए माया का नंबर डॉयल किया लेकिन माया ने फोन काट दिया। ईशान ने मैसेज किया तो माया ने उसका भी जवाब नहीं दिया। ईशान थोड़ा हैरान परेशान हुआ और फिर फोन साइड में रखकर कॉफी बनाने लगा। उसने कॉफी को अपने फेवरेट कप में छाना और लेकर कमरे में चला आया। ईशान अपनी वर्क डेस्क पर आ बैठा और कॉफी पीते हुए काम करने लगा। आज ईशान पूरी तरह से अपने काम पर फोकस करने की कोशिश कर रहा था और आज रोजाना के बजाय उसके काम में इम्प्रूवमेंट भी था। ईशान खुश था उसे 2 महीने बाद होने वाले ऑडिशन को क्लियर करना ही था।ईशान कुछ देर खिड़की के पास खड़े रहा और फिर बिस्तर पर आकर लेट गया। नींद आँखों से कोसो दूर थी। उसके जहन में एक साथ कई ख्याल चलने लगे। अपने पापा से हुई बहस , माया से हुई बहस , जॉब ना मिलने का ख्याल , अपने प्रोजेक्ट की टेंशन और साथ ही निर्मल की नसीहते,,,,,,,,,,,,सब एक साथ ईशान के जहन में चल रहे थे। ईशान इन सब को अपने दिमाग से बाहर निकालना चाहता था। वह बार बार करवट बदल रहा था और आखिर में उलटा लेट कर तकिये में अपना मुंह छुपा लिया। थोड़ी जद्दोजहद के बाद उसे नींद आ गयी।
अगली सुबह ईशान देर से उठा। आज ईशान ने फैसला कर लिया कि वह अब बस अपने प्रोजेक्ट पर ध्यान देगा। फ्रेश होने के बाद ईशान किचन एरिया की तरफ आया और कॉफी बनाते हुए माया का नंबर डॉयल किया लेकिन माया ने फोन काट दिया। ईशान ने मैसेज किया तो माया ने उसका भी जवाब नहीं दिया। ईशान थोड़ा हैरान परेशान हुआ और फिर फोन साइड में रखकर कॉफी बनाने लगा। उसने कॉफी को अपने फेवरेट कप में छाना और लेकर कमरे में चला आया। ईशान अपनी वर्क डेस्क पर आ बैठा और कॉफी पीते हुए काम करने लगा। आज ईशान पूरी तरह से अपने काम पर फोकस करने की कोशिश कर रहा था और आज रोजाना के बजाय उसके काम में इम्प्रूवमेंट भी था। ईशान खुश था उसे 2 महीने बाद होने वाले ऑडिशन को क्लियर करना ही था।ईशान कुछ देर खिड़की के पास खड़े रहा और फिर बिस्तर पर आकर लेट गया। नींद आँखों से कोसो दूर थी। उसके जहन में एक साथ कई ख्याल चलने लगे। अपने पापा से हुई बहस , माया से हुई बहस , जॉब ना मिलने का ख्याल , अपने प्रोजेक्ट की टेंशन और साथ ही निर्मल की नसीहते,,,,,,,,,,,,सब एक साथ ईशान के जहन में चल रहे थे। ईशान इन सब को अपने दिमाग से बाहर निकालना चाहता था। वह बार बार करवट बदल रहा था और आखिर में उलटा लेट कर तकिये में अपना मुंह छुपा लिया। थोड़ी जद्दोजहद के बाद उसे नींद आ गयी।
अगली सुबह ईशान देर से उठा। आज ईशान ने फैसला कर लिया कि वह अब बस अपने प्रोजेक्ट पर ध्यान देगा। फ्रेश होने के बाद ईशान किचन एरिया की तरफ आया और कॉफी बनाते हुए माया का नंबर डॉयल किया लेकिन माया ने फोन काट दिया। ईशान ने मैसेज किया तो माया ने उसका भी जवाब नहीं दिया। ईशान थोड़ा हैरान परेशान हुआ और फिर फोन साइड में रखकर कॉफी बनाने लगा। उसने कॉफी को अपने फेवरेट कप में छाना और लेकर कमरे में चला आया। ईशान अपनी वर्क डेस्क पर आ बैठा और कॉफी पीते हुए काम करने लगा। आज ईशान पूरी तरह से अपने काम पर फोकस करने की कोशिश कर रहा था और आज रोजाना के बजाय उसके काम में इम्प्रूवमेंट भी था। ईशान खुश था उसे 2 महीने बाद होने वाले ऑडिशन को क्लियर करना ही था।

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