A Broken Heart – 51
A Broken Heart – 51
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A Broken Heart – 51
माया फटी आँखों से देवांश को जाते हुए देखती रही। देवांश जिस फॉरेनर क्लाइंट की बात कर रहा था ये वही था और शायद रात भर माया के साथ था। माया की आँखों में आँसू भर आये। उस अनजान आदमी ने माया के पास आकर जैसे ही उसे गले लगाने की कोशिश की माया ने उसे पीछे धकियाते हुए कहा,”दूर रहो मुझसे,,,,,,,,!”
“व्हाट हैपनिंग ? मैंने देवांश को डील के लिए ओके कहा है,,,,,,,,,,लेटस इंजॉय !”,कहते हुए आदमी एक बार फिर माया की तरफ आया तो माया ने खींचकर उसे थप्पड़ मारा जिस से आदमी बिस्तर पर जा गिरा।
गुस्से में दनदनाते हुए माया कमरे से बाहर चली आयी। देवांश हॉल में खिड़की के पास खड़ा बाहर देख रहा था माया उसके पास आयी और उसे अपनी तरफ करके खींचकर एक थप्पड़ देवांश को मारा। थप्पड़ की गूंज पुरे हॉल में सुनाई दे रही थी लेकिन देवांश ने कुछ नहीं कहा बस मुस्कुराते हुए माया को देखता रहा। माया ने तीन चार थप्पड़ खींचकर और मारे लेकिन देवांश ने उफ़ तक नहीं की।
माया की आँखों में आँसू भर आये उसने अपने दोनों हाथो से देवांश की कॉलर पकड़ी और गुस्से से कहा,”मैंने कभी सोचा नहीं था देवांश तुम इतना गिर जाओगी ? आखिर क्या किया है मैंने जो तुम मुझसे इतना बुरा बदला ले रहे हो। तुमने एक अनजान आदमी के साथ सोने के लिए मुझे मजबूर किया,,,,,,,,,,,,,,,तुम इतने घटिया कैसे हो सकते हो ? मैंने तुमसे प्यार किया और तुमने मेरे साथ ये सब किया,,,,,,,,,,,,,इसे मैं क्या समझू ? तुम्हारी मोहब्बत या तुम्हारी नफरत ?”
“माया माया माया , तुम इतनी स्टुपिड कैसे हो सकती हो ? मैंने भी तुमसे प्यार ही किया था लेकिन तुमने मेरी कम्पनी और मेरी दौलत के लिए मुझसे बस प्यार और सगाई का नाटक किया था। इस शहर में लड़कियों की कमी नहीं है माया मेरे एक इशारे पर लड़किया दौड़ी चली आएगी लेकिन मैं तुम पर मर मिटा। मुझे लगा तुम एक अच्छी और कॉन्फिडेंट लड़की हो लेकिन मैं भूल गया था जो लड़की अपने प्यार को छोड़ सकती है वो भला मेरा साथ कहा तक निभाएगी,,,,,,,,,,,,पहले ईशान , फिर मेरा दोस्त , ऑफिस में तुम्हारा जूनियर और फिर मैं
,,,,,,,,,,,,,,,आखिर कितने लड़को की फीलिंग्स से खेलोगी माया ? क्या लड़को के सीने में दिल नहीं होता ? क्या हमारी कोई भावनाये नहीं होती ? तुम एक सेल्फिश और धोखेबाज लड़की हो माया जिसके लिए पैसा ही सब कुछ है और ऐसी लड़कियों को सबक सिखाना मुझे बहुत अच्छे से आता है।”
“और मुझसे बदला लेने के लिए तुमने मुझे अपने एक क्लाइंट के साथ सोने के लिए मजबूर कर दिया,,,,,,,,,,,,,,,तुम्हे ज़रा भी शर्म नहीं आयी देवांश ? क्या हमारा कोई रिश्ता नहीं था ?”,माया ने तड़पकर कहा
देवांश ने कुछ नहीं कहा बस मुस्कुराने लगा। उसकी मुस्कराहट देखकर माया की तकलीफ और बढ़ गयी वह एकटक देवांश को देखने लगी और उसकी आँखों से आँसू झर झर बहने लगे। देवांश ने कुछ देर माया को देखा और कहा,”तुम्हारी नजर में मैं घटिया और गिरा हुआ इंसान बेशक हु माया लेकिन अभी तुम जितना नहीं गिरा हूँ।”
देवांश की बात सुनकर माया उसे हैरानी से देखने लगी वह कुछ समझ पाती इस पहले ही वह फॉरेनर क्लाइंट हॉल में चला आया उसे देखकर माया के चेहरे पर डर और परेशानी के भाव उभर आये।
क्लाइंट देवांश के बगल में आकर खड़ा हो गया तो देवांश ने अपने जेब से कुछ रूपये निकालकर उसकी तरफ बढ़ाते हुए कहा,”एक्टिंग अच्छी थी , गुड जॉब”
“थैंक्स मैन,,,,,,,,,,,,,,,,,,,एंड हे सॉरी , अंदर जो हुआ वो सब बस एक ड्रामा था और मुझे उसके लिए पैसे मिले थे।”,उस आदमी ने माया की तरफ देखकर कहा
माया ने सूना तो उसकी हैरानी और बढ़ गयी और देवांश को देखने लगी। वह आदमी वहा से चला गया। उसके जाने के बाद देवांश ने कहा,”तुमने जो सूना वो सच है माया,,,,,,,,,,,ये सब बस एक नाटक था , उसने तुमने छुआ तक नहीं है।”
माया ने सूना तो हैरानी से देवांश को देखने लगी
“ये सब क्या है देवांश ? आखिर तुमने ये सब क्यों किया ? तुम आखिर मुझसे चाहते क्या हो ?”,माया ने तड़पकर कहा
“बस माया आज से और अभी से मैं तुम्हे इन सब से आजाद करता हूँ। ये सब मैंने बस तुम्हे सबक सिखाने के लिए किया था और मुझे लगता है तुम्हे एक अच्छा सबक मिल चुका है। अब तुम यहाँ से जा सकती हो आज के बाद मैं तुम्हे परेशान नहीं करूंगा,,,,,,,!”,देवांश ने कहा
माया ने सूना तो उसे हैरानी के साथ साथ अपनी की पुरानी गलतियों पर पछतावा होने लगा। उसने देवांश से कुछ कहने के लिए जैसे ही बोलना चाहा देवांश ने अपना हाथ आगे कर माया को बोलने से रोक दिया और कहा,”तुम यहाँ से जा सकती हो।”
देवांश अपनी तरफ से सब ख़त्म कर चुका था , माया हताश होकर वहा से जाने लगी तभी देवांश ने कहा,”माया !!”
माया रुक गयी उसे लगा देवांश उसे एक मौका और देगा लेकिन अगले ही पल देवांश ने माया की ये गलतफहमी भी दूर कर दी और कहा,”वहा टेबल पर तुम्हारा रिजाइन लेटर पड़ा है उसे उठाओ।”
“क्या तुम मुझे जॉब से निकाल रहे हो ?”,माया ने हैरानी से कहा क्योकि उसे इसकी बिल्कुल उम्मीद नहीं थी। इस कम्पनी में वह कई सालो से काम कर रही थी और आज देवांश ने एकदम से उसे रिजाइन के लिए कह दिया।
“हाँ बिल्कुल ! मुझे अपने ऑफिस में ऐसे लोगो की जरूरत नहीं है,,,,,,,,,,,,,,नाउ गेट आउट फ्रॉम हियर।”,देवांश ने कहा और वहा से चला गया। माया ने रिजाइन लेटर उठाया और धीमे कदम बढ़ाते हुए वहा से चली गयी।
माया देवांश के घर से बाहर चली आयी उसने सामने से गुजरते ऑटो को रोका और उसमे आ बैठी। माया की आँखों के सामने कुछ देर पहली घटी सब बातें एक एक करके आ रही थी। ईशान के साथ साथ आज उसने देवांश और अपनी नौकरी को भी खो दिया। देवांश की वो नफरत भरी आँखे अभी भी माया को याद थी। उसे समझ आ चुका था कि देवांश अब उसे दूसरा मौका कभी नहीं देगा।
माया की आँखों में नमी उतर आयी उसने अपनी गर्दन झुका ली और अपनी आँखे मूंद ली। कुछ देर बाद ड्राइवर की आवाज से माया की तंद्रा टूटी। ऑटो उसके घर के सामने खड़ा था। माया नीचे उतरी ऑटोवाले को पैसे दिए और अपने घर की तरफ चली गयी। “जिया , जिया , जिया उठो,,,,,,,,,,,,,,,,,,उफ़ ये लड़की भी न , जिया उठ भी जाओ दोपहर के 2 बज रहे है।”,सोफी ने सोई हुई जिया को जगाते हुए कहा
“उह्ह्ह्हम सोने दो ना सोफी , मैं कितना अच्छा सपना देख रही थी।”,जिया ने अंगड़ाई लेकर वापस सोते हुए कहा
“दोपहर में कौनसे सपने आते है जिया ? चलो उठो और नहाने जाओ,,,,,,,,,,,,,मैंने लंच में राइस और करी बनाई है चलो वो ठंडी हो जाएगी , नाश्ता तो तुम पहले ही स्किप कर चुकी हो। अब उठ भी जाओ।”,सोफी ने पकड़कर जिया को उठाते हुए कहा
जिया उठकर बैठ गयी और अपनी आँखे मसलते हुए कहा,”अह्ह्ह्हह गुड मॉर्निंग।”
“गुड मॉर्निंग नहीं गुड नून , चलो अब उठो और नहा लो , तब तक मैं खाना लगा देती हूँ।”,सोफी ने जिया के बिस्तर पर पड़ी कम्बल को समेटते हुए कहा
“वैसे भी दोपहर हो चुकी है मैं नहाकर क्या करुँगी ? मैं कल नहा लुंगी , अभी चलकर खाना खाते है,,,,,,,,!”,जिया ने उठते हुए कहा
“गन्दी लड़की कम से काम ब्रश तो कर लो , चलो ये अपना टॉवल लो और बाथरूम में जाओ,,,,,,,,,,!”,सोफी ने जबरदस्ती जिया को बाथरूम में धकेलते हुए कहा।
जिया जब तक नहाकर आयी सोफी ने दोनों के लिए खाना लगा दिया। आज जिया को रेस्त्रो नहीं जाना था इसलिए उसने टीशर्ट ट्राउजर पहना और आकर खाना खाने बैठ गयी।
“उम्मम्मम सोफी सच में तुम राइस करी बहुत अच्छा बनाती हो , हावववव वो लड़का कितना लकी होगा जिस से तुम्हारी शादी होगी। उसे तो रोज टेस्टी खाना खाने को मिलेगा।”,जिया ने खाते हुए कहा
“तुम्हारा शुक्रिया , वैसे तुम चाहो तो मैं ये तुम्हे भी बनाना सीखा सकती हूँ।”,सोफी ने कहा
“तुम जानती हो ना सोफी मैं कितनी बड़ी आलसी हूँ और ऐसी करी बनाना तो मैं कभी सीख नहीं पाऊँगी वैसे भी ईशान को सब बनाना आता है मुझे सिखने की जरूरत नहीं है।”,जिया ने खाते हुए बेपरवाही से कहा
“क्या तुम उस से शादी करने वाली हो ?”,सोफी ने पूछा
“शादी उसी से करनी चाहिए जिस से हमे प्यार होता है , ऐसा मुझे लगता है।”,जिया ने कहा
“तुम्हे सही लगता है , वैसे तुमने ईशान से बात की ? क्या उसका ऑडिशन सही गया,,,,,,,,,,,!!”,सोफी ने पूछा
जिया खाते खाते एकदम से रुक गयी और सोफी की तरफ देखकर कहा,”मैं उसे कैसे भूल गयी ? उसने फोन नहीं किया और मैंने भी उसे कॉल नहीं किया,,,,,,,,,,!!”
“कितनी अजीब हो ना तुम , जब वो यहाँ था तब तुम उसके आगे पीछे घूमती रहती थी और अब जब वो तुमसे दूर है तो तुमने उसे फोन तक नहीं किया।”,सोफी ने कहा
“हाँ मैं सच में अजीब हूँ। मैं उसे अभी कॉल करती हूँ।”,कहते हुए जिया जैसे ही उठने को हुई सोफी ने उसका हाथ पकड़कर उसे वापस बैठा लिया और कहा,”पहले आराम से खाना खा लो कॉल बाद में करना , और सबसे पहले उसे कॉल ना करने के लिए सॉरी बोलना।”
“हम्म्म ये ठीक रहेगा , ओह्ह्ह मैं उसे फोन करना कैसे भूल सकती हूँ ?”,जिया ने खुद से खीजते हुए कहा
“इट्स ओके अब खाना खाओ।”,सोफी ने कहा
खाना खाने के बाद जिया ने सभी बर्तन धो दिए क्योकि खाना सोफी ने बनाया था। बर्तन धोकर जिया अपने बिस्तर के पास आयी जिया ने अपना फोन उठाया और ईशान को फोन लगाने लगी लेकिन अगले ही पल उसने देखा कि उसके फोन में ईशान का नंबर है ही नहीं,,,,,,,,,,,जिया को याद आया उसने ईशान के फोन में अपना नंबर सेव किया था लेकिन उसका नंबर कभी लिया ही नहीं। जिया ने रोनी सी सूरत बनाकर फोन को अपने सर पर मारा
“क्या हुआ तुम अपना ही सर क्यों फोड़ रही हो ?”,सोफी ने जिया के सामने अपने बिस्तर पर बैठते हुए पूछा
“मेरे पास ईशान का नंबर नहीं है।”,जिया ने मायूस होकर कहा
सोफी ने सूना तो उसे भी हैरानी हुई और उसने कहा,”तुम एक लड़के की दोस्त हो और उस से प्यार करने का दावा करती हो लेकिन तुम्हारे पास उसका नंबर तक नहीं है,,,,,,,,,,,,,,ये कितनी अजीब बात है न जिया।”,सोफी ने अफ़सोस जताते हुए कहा
“हाँ अजीब तो है पर उसके साथ रहते हुए मुझे कभी उसके नंबर लेने की जरूरत ही नहीं पड़ी।”,जिया ने मासूमियत से कहा
“पर अब जरूरत है ना जिया और तुम्हारे पास उसका नंबर भी नहीं है , कभी कभी सोचती हूँ क्या सच में तुम इस रिश्ते को लेकर सीरियस हो भी या नहीं ?”,सोफी ने कहा
“मैं सीरियस हूँ,,,,,,,,,,,,,,अब मैं क्या करू ? क्या मुझे माया से उसका नंबर मांगना चाहिए ?”,जिया ने सोचते हुए कहा
“और तुम्हे लगता है माया तुम्हे ख़ुशी ख़ुशी उसका नंबर दे देगी,,,,,,,,,,,,,वो तुम से नफरत करती है और वो कभी नहीं चाहेगी तुम ईशान के करीब आओ।”,सोफी ने कहा
“वो इतनी बुरी भी नहीं है,,,,,,,,,,,,वैसे भी मैंने उसके बॉयफ्रेंड से प्यार किया है उसे गुस्सा तो आएगा न।”,जिया ने कहा
“ओह्ह्ह जिया , तुम सच में भोली हो। तुम्हे हर इंसान अच्छा लगता है , इस दुनिया में सब अच्छे नहीं है इस बात को समझो तुम,,,,,,,,,,!”,सोफी ने जिया को समझाते हुए कहा
“वो सब छोडो मुझे ईशान का नंबर कैसे मिलेगा ?”,जिया ने कहा
“एक मिनिट जिया , तुम्हारे पास ईशान का नंबर नहीं है इसलिए तुम उसे फोन नहीं कर पायी लेकिन ईशान के पास तो तुम्हारा नंबर होगा ना , उसने तुम्हे फोन क्यों नहीं किया ?”,सोफी ने कहा
सोफी की बात सुनकर जिया भी सोच में पड़ गयी। ईशान को गए 2 दिन हो चुके थे लेकिन ना ईशान का कोई कॉल आया न ही मैसेज,,,,,,,,,,,जिया को खोया हुआ देखकर सोफी ने कहा,”क्या हुआ तुम किस सोच में पड़ गयी ?”
“हो सकता है वो बिजी हो , तुम कुछ ज्यादा ही सोच रही हो।”,जिया ने एकदम से मुस्कुरा कर कहा
“ईशान ने मिस्टर दयाल के बार में काम किया है हो सकता है मिस्टर दयाल के पास ईशान का नंबर हो,,,,,,,,,,,,,,,,क्या मैं उनसे ईशान का नंबर लू ?”,सोफी ने पूछा
जिया सोफी के गले आ लगी और कहा,”ओह्ह्ह सोफी तुम कितनी अच्छी हो , मेरी और ईशान की लव स्टोरी में तुम्हारा सबसे बड़ा रोल होगा,,,,,,,,,,,,,,,इसके लिए तुम्हारा शुक्रिया।”
“अह्ह्ह्ह ये नौटंकी बंद करो और साइड हटो मैं मिस्टर दयाल को मैसेज करती हूँ।”,कहते हुए सोफी ने अपना फोन उठाया और उन्हें मैसेज कर दिया।
जिया ख़ुशी ख़ुशी अपने बिस्तर पर आ बैठी। मैसेज भेजे अभी एक मिनिट भी नहीं हुआ होगा कि जिया ने पूछा,”मिस्टर दयाल का जवाब आया क्या ?”
“नहीं जिया मिस्टर दयाल अभी ऑफलाइन है , उन्होंने अभी मैसेज नहीं देखा है।”,सोफी ने कहा
“हम्म्म्म बस वो जल्दी से मैसेज देख ले,,,,,,,,,,,,,,!!”,जिया ने अपनी उंगलियों को क्रॉस करते हुए कहा
अब जिया ठहरी बेसब्र इंसान उनसे मुश्किल से दो मिनिट इंतजार किया और फिर पूछा,”सोफी क्या मिस्टर दयाल ने मैसेज देखा ?”
“नहीं जिया जब वो मैसेज देखेंगे तब जवाब दे देंगे तुम्हे थोड़ा इंतजार करना चाहिए।”,सोफी उठी और कमरे से बाहर जाते हुए कहा
जिया वही बिस्तर पर बैठी रही और मैसेज का इंतजार करते रही लेकिन कोई मैसेज नहीं आया। कुछ देर बाद जिया ने फोन उठाया और हाथ में लेकर उसकी स्क्रीन को देखने लगी लेकिन मैसेज फिर भी नहीं आया।
दोपहर से शाम हो गयी और शाम से रात लेकिन मिस्टर दयाल का मैसेज नहीं आया शायद वो कही बिजी थे। रात का खाना भी जिया ने बेमन से खाया और उदास होकर घर के बाहर रखी बेंच पर आ बैठी। जिया ईशान को बहुत मिस कर रही थी , ईशान के साथ बिताये पल एक एक करके उसकी आँखों के सामने आ रहे थे। वह उदास सी बैठी उसी के बारे में सोच रही थी। कुछ देर बाद सोफी आयी और जिया के बगल में बैठते हुए कहा,”तुम यहाँ क्यों बैठी हो ?”
“आज मैं थोड़ा अपसेट हूँ सोफी,,,,,,,,,,,कभी कभी मुझे लगता है मैं बहुत बड़ी ढक्कन हूँ। मैंने एक ऐसे इंसान का नंबर अपने पास नहीं रखा जिस से मैं प्यार करती हूँ। जिसके साथ जिंदगी जीने के सपने देखती हूँ।”,जिया ने उदासी भरे स्वर में कहा
“ऐसा नहीं है जिया बस तुम कभी कभी थोड़ी बेपरवाह हो जाती हो इसलिए तुम से ये सब गलतिया हो जाती है। अब चलो मुस्कुरा दो , तुम ऐसे बिल्कुल अच्छी नहीं लगती,,,,,,,,,,,,!”,सोफी ने जिया को तसल्ली देते हुए कहा
सोफी की बाते सुनते हुए जिया की नजर एकदम से अपने कमरे की खिड़की की तरफ चली गयी। उसे वो पल याद आ गया जब ईशान उस से मिलने खिड़की चढ़कर आया था। वो पल याद आते ही जिया मुस्कुरा उठी और कहा,”पता है सोफी ईशान इतना क्यूट है कि मुझसे मिलने वो एक बार आधी रात में खिड़की तक चला आया , वो यहाँ , यहाँ खड़ी थी और मैं ऊपर थी,,,,,,,,,,,,,,उसने मेरे लिए गाना भी गया था , वो बहुत अच्छा गाता है सच में बहुत प्यारा,,,,,,,,,,,,,पर अब वो यहाँ नहीं है।”
सोफी को बताते हुए जिया उस जगह जाकर खड़ी हो गयी जहा ईशान खड़ा था , और फिर एकदम से उदास हो गयी।
“वैसे तुम्हे अब खुश हो जाना चाहिए,,,,,,,,,,,,,तुम चाहो तो ख़ुशी से चिल्ला भी सकती हो और चाहो तो उछल भी सकती हो,,,,,,,,,!”,सोफी ने मुस्कुराते हुए कहा
“ऐसा क्या है ?”,जिया ने हैरानी से सोफी के पास आकर कहा
“टाडा,,,,,,,,!”,सोफी ने अपना फोन हाथ में हिलाकर जिया की तरह कहा
“क्या मिस्टर दयाल का जवाब आ गया ? ओह्ह्ह्ह सोफी तुम सच में बहुत बहुत बहुत अच्छी हो,,,,,,,,,,!!”,जिया ने ख़ुशी से सोफी को गले लगाते हुए कहा
“ये लो ईशान का नंबर और बात करो उस से , दोपहर से तुमने कैसे अपनी शक्ल बना रखी है , लो जल्दी अपने फोन से नंबर डॉयल करो। “,सोफी ने कहा
जिया सोफी के बगल में आ बैठी और धड़कते दिल के साथ ईशान का नंबर डॉयल किया।
जिया ने फोन कान से लगा लिया उसका दिल अभी भी तेज तेज धड़क रहा था और अगले ही पल उसकी धड़कने कुछ क्षण के लिए रुक गयी जब दूसरी तरफ से आवाज आयी
“द नंबर यू आर डायल इज करन्टली नॉट रिचेबल , प्लीज ट्राय अगेन लेटर,,,,,,,,,,,,,आपके द्वारा डायल किया गया नंबर अभी उपलब्ध नहीं है कृपया फिर से प्रयास करे।”
जिया का दिल तोड़ने के लिए ये लफ्ज काफी थे।
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क्रमश – A Broken Heart – 52
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संजना किरोड़ीवाल
Kya ishaan ziya ko bhool gya h
Ishan ne ab tak jiya ko phone nhi kiya kya uska phone kho gya h
Bechari Jiya….🙁 Ishaan ko kya hua hai usne abhi tak Jiya ko call kyuu nhi kiyaa ….🤔🤔🤔
Devansh ne Maya ko sabak Shikaya kyu ki voh sabko was apne matlab ke liye usse karti thi aur usse job se bi nikal diya…Jiya Udaas hai kyu ki Ishaan ne usse ph nahi kiya aur usne jab number mr.Dayal ke pass lekar milaya toh not reachable aya..