Love You जिंदगी – 76
Love You Zindagi – 76
नैना मोंटी का रिश्ता लेकर आयी तो मोंटी उस से नाराज होकर चला गया। नैना वापस शर्मा जी के पास आयी और कहा,”अंकल मोंटी को क्या हुआ है ?”
“पता नहीं बेटा जबसे आया है बस अपने कमरे में बंद है , इस लड़के का भी कुछ समझ नहीं आता”,शर्मा जी ने लिफाफा खोलते हुए कहा
“डोंट वरी अंकल मैं आ गयी हूँ ना , अब सबकी सुनेगा वो”,नैना ने कहा
“नैना तुम बैठो मैं तुम्हारे लिए चाय नाश्ता ले आती हूँ”,मोंटी की मम्मी उषा ने कहा
“हां आंटी बहुत भूख लगी है , मेरा नाश्ता आप मोंटी के कमरे में ही भिजवा देना”,कहते हुए नैना उठी और अपना बैग लेकर मोंटी के कमरे की और चली गयी
उषा जाने लगी तो शर्मा जी ने कहा,”अरे उषा सुनो ! देखो लड़की तो अच्छी है और पढाई भी अच्छी की है इसने”
“दिखाईये जरा,,,,,,,,,,,,,,,हम्म्म लड़की तो बहुत प्यारी है बस थोड़ी भारी लग रही है”,उषा ने फोटो देखते हुए कहा
“अरे तो क्या हुआ ? तुम भी तो शादी के वक्त ख़ुशी ख़ुशी में फूलकर कुप्पा हो गयी थी,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,मैं इनसे बात कर लेता हूँ फिर देखने चलते है लड़की,,,,,,,,,,,,,,,मोंटी भी आया हुआ है उसका भी जवाब मिल जाएगा !”,शर्मा जी ने कहा
“हां आप कीजिये बात मैं तब तक नैना को नाश्ता देकर आती हूँ”,कहते हुए उषा वहा से चली गयी। उधर नैना मोंटी के कमरे में आयी और मोंटी से कहा,”क्या हुआ तेरे को ?
“क्या जरूरत थी रिश्ता लेके आने की ?”,मोंटी ने नाराज होकर कहा
“क्यों सड़ रहा है ? डेड के पास लिफाफा आया हुआ था और मुझे यहाँ आना था तो उन्होंने दे दिया ,,,, तू तो जानता ही है डेड लोगो की बात नहीं टालती मैं”,नैना ने बेड पर बैठते हुए कहा
“हां पूरी दुनिया की फ़िक्र है तुझे बस मेरी परवाह नहीं है”,मोंटी ने उदास होकर कहा
“अच्छा इधर आ”,नैना ने कहा तो मोंटी उसके सामने आकर बैठ गया और कहा,”बोलो !”
“बता ना क्या हुआ ? इतना परेशान क्यों है ? नहीं करनी है शादी तो मना कर दे शर्मा जी को ? लेकिन क्यों नहीं करनी एटलीस्ट मुझे तो बता ही सकता है”,नैना ने प्यार से मोंटी का हाथ अपने हाथो में लेकर कहा
“नैना आई डोंट नो ये सब कब हुआ लेकिन मुझे प्यार हो गया है”,मोंटी ने नैना की आँखों में देखते हुए कहा
“व्हाट ?”,नैना चौंकी और मन ही मन खुद से कहा,”ये तो मेरे प्लान के “L” लगा देगा , नहीं नहीं नहीं नैना रोक इसे”
“मैं जानता था तुम्हारा यही रिएक्शन होगा , इसलिए बताने से डर रहा था पर मैं क्या करू यार उस से मिलने के बाद आई फील की मैं उसके साथ पूरी लाइफ बिता सकता हूँ , और वो बहुत क्यूट है !”,मोंटी ने कहा
“हम्म्म्म तो ये बात है , तो शर्मा जी से क्यों नहीं कहा सीधे सीधे ?”,नैना ने अपनी भवें चढ़ाकर पूछा
“पागल है क्या उनको बोलूंगा तो भूचाल नहीं आ जाएगा घर में , शर्मा जी सुनते कहा है मेरी ?”,मोंटी ने कहा
“कोई नहीं कल लड़की देखने चलते है”,नैना ने सहजता से कहा
“मैं मजाक के मूड में नहीं हूँ नैना , मैंने अभी तो बताया की मैं किसी को पसंद करता हूँ और तू बोल रही है लड़की देखने चल”,मोंटी ने कहा
“अरे मेरे बच्चे , लड़की देखने जाएगा तभी तो लड़की को रिजेक्ट करेगा। अगर बिना कोई नौटंकी किये जाएगा तो शर्मा जी भी खुश , तू भी खुश और तेरा रास्ता क्लियर”,नैना ने कहा
“ओह्ह्ह्ह नैना तू सच में जहर है”,कहते हुए मोंटी ने उसे गले लगा लिया तभी उषा चाय नाश्ता लेकर आयी और खांसने का नाटक किया तो मोंटी नैना से दूर हुआ और कहा,”अरे माँ आप , आईये ना”
“देखा नैना तेरे आते ही कैसे खुश हो गया ये ? वरना सुबह से लाड़ साहब का मुंह बना हुआ था”,उषा ने प्लेट सामने टेबल पर रखते हुए कहा
“अरे आंटी इसे दो मिनिट में सुधार सकती हूँ मैं , वैसे इसकी शक्ल ही ऐसी है सड़ी हुई”,नैना ने कहा
“अच्छा सड़ी हुई शक्ल ? अपनी शक्ल देखी है , गुस्सा तो हमेशा नाक पर रहता है”,मोंटी ने कहा
“चल चल चल निकल”,कहते हुए नैना ने चाय उठा ली और पीने लगी। उन्हें झगड़ता देखता उषा ने कहा,”इतने दिनों बाद मिले हो अभी तक नहीं सुधरे ना तुम दोनों , नाश्ता करके बाहर आ जाओ , तुम्हारे पापा ने बुलाया है” कहकर उषा चली गई उषा के जाने के बाद मोंटी आकर नैना के सामने आ बैठा और कहा,”तुमने पूछा नहीं वो लड़की कौन है ?”
“हम्म्म कौन है ?”,नैना ने चाय का बड़ा सा घूंठ भरते हुए कहा
“देखो तुम नाराज मत होना , तुम्हारी दोस्त रुचिका”,मोंटी ने धीरे से कहा तो नैना के मुंह में भरी चाय सीधा मोंटी के मुंह पर आयी
“हां पता था मुझे ये सुनकर तेरा थूकने का मन करेगा”,मोंटी ने मुंह पर फैली चाय पोछते हुए कहा
” सो सॉरी मेरा मतलब है तूने पहले क्यों नहीं बताया ?”,नैना ने कहा
“मुझे खुद अब जाकर फील हुआ है , एंड कैसे बोलता यार वो तेरी दोस्त है एंड चीप लगता इसलिए नहीं बताया”,मोंटी ने कहा
“तुम लौंडो की यही प्रॉब्लम है , सीधी सिपंल बात को इतना उलझा लेते हो ,,,, तू सीधा मुझसे बोलता यार मैं करवा देती ना सेट,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,सारी मेहनत बेकार”,नैना ने कहा
“अब क्या करे ?”,मोंटी ने कहा
“तू कुछ मत कर , पहले कल चलके लड़की देखते है , उसे रिजेक्ट करते है देन सोचते है क्या करना है ?”,नैना ने चाय खत्म करते हुए कहा
“हम्म्म्म ओके”,मोंटी ने भी नैना की बात मान ली
“वैसे पांडा में तूने ऐसा क्या देख लिया बे जो प्यार कर बैठा ?”,नैना ने कहा
“वो बहुत इंटेलिजेंट है , क्यूट है और सबसे अच्छी बात उसे देखने के बाद कोई और पसंद ही नहीं आया अब तक , मतलब वो मेरे लिए परफेक्ट है”,मोंटी ने कहा
“तुझे पता है कितना खाती है वो ?”,नैना ने मोंटी को चिढ़ाने के लिए कहा
“हां तो क्या हुआ ? मैं खिला दूंगा उसे इन्फेक्ट मैं भी शुरू कर दूंगा उसके साथ खाना”,मोंटी ने कहा
“तो तुझे कोई प्रॉब्लम नहीं है उसके वजन से ?’,नैना ने कहा
“नैना,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,तुझे लगता है मैं किसी लड़की को उसकी बॉडी या फिर उसके चेहरे से जज करूंगा , ऐसा नहीं है रुचिका की कुछ बाते मुझे बहुत सही लगी ,, उसमे सिर्फ कॉन्फिडेंस की कमी है बाकि वो बहुत खूबसूरत है , स्मार्ट है”,मोंटी ने कहा
“अगर ऐसा है तो करते है जुगाड़,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,फ़िलहाल तो चलकर शर्मा जी मिलते है देखते है वो क्या बम फोड़ते है अब”,नैना ने उठते हुए कहा और मोंटी साथ बाहर चली आयी। शर्मा जी तब तक लड़की वालो से बात कर चुके थे। उन्होंने जैसे ही कहना चाहा मोंटी बोल पड़ा,”मैं तैयार हूँ”
“अरे वाह इतनी जल्दी मान गए , अच्छा ये लो फोटो देख लो लड़की की”,शर्मा जी ने लिफाफा मोंटी की और बढाकर कहा तो नैना ने बिच में ही लिफाफा लेते हुए कहा,”अरे अरे फोटो देखकर क्या करेगा , कल डायरेक्ट मिल रहे है ना उनसे ,,, है ना अंकल”
“हां अगर इसकी हां हो तो मिलने में कोई हर्ज नहीं है , और अगर इसे टाइम चाहिए तो ले सकता है”,शर्मा जी ने कहा
“टाइम ? और कितना टाइम लेगा आधी जवानी तो गुजर गयी इसकी ,,,,,,,,,,,,,,कोई टाइम नहीं चाहिए कल चलेंगे बस डन डन डन”,नैना ने मोंटी को बोलने ही नहीं दिया और ना ही फोटो देखने दी !
“ठीक है फिर मैं उन्हें फोन करके बता देता हूँ”,कहते हुए शर्मा जी वहा से चले गए। उषा भी किचन में चली गयी उनके जाने के बाद मोंटी ने कहा,”फोटो क्यों नहीं देखने दी ?”
“बाबू जब रिजेक्ट ही करना है तो देखकर क्या करोगे ?”,नैना ने कहा
“हम पॉइंट है !”,मोंटी ने कहा और दोनों एक दूसरे को देखकर मुस्कुरा दिये।।
जयपुर , रुचिका का घर
“आशा मेरी बात हो चुकी है वो लोग कल शाम हमारे घर आ रहे है रूचि को देखने , फोटो में तो रूचि को उन्होंने पसंद कर लिया है अब बस लड़का मिलना चाहता है”,रुचिका के पापा आलोक ने कहा
“ये तो बहुत ख़ुशी की बात है , मैं अभी सब तैयारियां कर देती हूँ कोई कमी नहीं रहनी चाहिए”,आशा ने ख़ुशी से कहा
“हां और रूचि से बात कर लेना , उस से कहना सिर्फ लड़का देखने आ रहा है अभी शादी नहीं कर रहे है”,आलोक जी ने कहा और चले गए। आशा ने रूचि को बताया तो वह थोड़ा उदास हो गई लेकिन कुकू (रुचिका की छोटी बहन) और आशा बहुत खुश थे। रुचिका अपना फोन लेकर ऊपर छत पर चली आयी और सोचने लगी,”नैना को फोन करू या नहीं”
कुछ देर बाद रुचिका ने नैना का नंबर डॉयल कर ही दिया लेकिन नैना का फोन बंद आ रहा था। रुचिका और अपसेट हो गयी शीतल का फोन लगाया लेकिन शीतल ने फोन नहीं उठाया था। रुचिका उदास सी वही दिवार से पीठ लगाकर खड़ी हो गयी , उसे कुछ समझ में नहीं आ रहा था मन उदास और दिल बैचैन था। “लड़के से मिलकर उसे कह दूंगी की मुझे अभी शादी नहीं करनी है और वो खुद ही मुझे रिजेक्ट कर दे।”,रुचिका ने सोचते हुए खुद से कहा
मोंटी को वह पसंद करती थी लेकिन इस बार भी उसकी पसंद सिर्फ पसंद थी या प्यार वो तय नहीं कर पा रही थी। नैना भी उसके साथ नहीं थी ! ना ही शीतल उसके साथ थी। ऐसे मामलों में अक्सर दोस्तों की राय ही काम आती है रुचिका अकेली पड़ चुकी थी और ऐसे में उसने लड़के से मिलने का फैसला किया। अगले दिन दिनभर आलोक और आशा घर में उन लोगो के आने का इंतजाम करने लगे जिस से उन्हें किसी भी तरह की कोई तकलीफ नहीं हो। ऊपर कमरे में कुकू रूचि को शाम को क्या पहनना है कैसे तैयार होना है बता रही थी और रूचि बस उदास सी जबरदस्ती मुस्कुराने की कोशिश करते हुए सब देख सुन रही थी। वह हर 5 मिनिट में अपना फोन चेक करती की काश नैना का फोन या मेसेज आ जाये लेकिन नैना का कोई रिस्पॉन्स नहीं था।
दूसरी तरफ नैना , मोंटी , उसके मम्मी-पापा और साथ ही मोंटी के मामाजी लड़की देखने चित्रकूट से निकल पड़े। रात भर के लम्बे सफर के बाद सभी अगले दिन होटल में रुके और शाम को लड़की देखने निकल पड़े। गाड़ी में सबसे पीछे नैना और मोंटी बैठे थे नैना ने मोंटी से कहा,”बेस्ट ऑफ़ लक , आई नो थोड़ा ओड लग रहा है लेकिन अपना काम बनता भाड़ में जाये जनता”
“थैंक्स यार तू नहीं होती तो पता नहीं मेरा क्या होता ?”,मोंटी ने कहा
“थैंक्स की जरूरत नहीं है 2000 की एक जींस पसंद की है ऑनलाइन उसका बिल चुका देना”,नैना ने बेशर्मी से कहा
“ओके डन !”,मोंटी ने कहा और दोनों मन ही मन मुस्कुराने लगे। मोंटी खुश था की इस रिश्ते को ना कहने के बाद वह नैना के जरिये रुचिका को अपने दिल की बात कह देगा और नैना मुस्कुरा रही थी क्योकि थोड़ी देर बाद कुछ तो धमाका होने वाला था।
शाम 5 बजे सभी लड़की के घर पहुंचे , मामाजी ने बेल बजायी मोंटी ने देखा सामने नेम प्लेट पर मिस्टर आलोक शर्मा / आशा शर्मा लिखा हुआ था। दरवाजा खुला सामने मिस्टर शर्मा और मिसेज शर्मा हाथ जोड़ मुस्कुराते हुए खड़े थे ! मोंटी के मम्मी पापा ने उन्हें नमस्ते किया और सभी अंदर चले आये। आलोक जी ने उन्हें बैठने को कहा और खुद उनकी आव भगत में लग गए। मोंटी सोफे की सिंगल कुर्सी पर बैठा था और नैना उसी सोफे के हत्थे पर उसने ऑरेंज कुर्ता और निचे सफ़ेद प्लाजो पहना हुआ था। मोंटी तो पहली मुलाकात में ही आलोक और आशा को पसंद आ गया। चाय नाश्ते के बाद मामाजी ने कहा,”आलोक साहब आप लोगो से तो मिल लिए ज़रा बिटिया से भी मिल लेते तो बच्चे आपस में एक दूसरे को देख लेते”
“हां हां भाईसाहब क्यों नहीं (आशा की और पलटकर) बिटिया को बुलाईये”,आलोक जी ने कहा
“हां मैं अभी आयी”, कहकर आशा वहा से चली गयी। कुछ देर बाद अपनी बेटी के साथ वापस आयी। उसे देखकर उषा जी मुस्कुराने लगी उन्होंने उसे अपने पास बैठने का इशारा किया वह आकर उनकी बगल में बैठी , उसकी पलके झुकी हुई थी उसने एक बार भी अपनी पलके उठाकर नहीं देखा मोंटी ने जैसे ही सामने देखा हक्का बक्का रह गया , उसका दिल धड़क उठा , सामने बैठी लड़की कोई और नहीं बल्कि रुचिका ही थी उसने हैरानी से नैना की और देखा तो नैना ने आँख मार दी ! मोंटी का दिल कर रहा था अभी सबके सामने नाचने का लेकिन उसने अपने जज्बातो को काबू में रखा। मोंटी और नैना चुप रहे और कुछ सवाल जवाब के बाद उषा ने कहा,”अगर आप लोगो को कोई ऐतराज ना हो तो लड़का लड़की आपस में बात कर ले ?”
“हां हां बिल्कुल !”,आशा ने कहा और मोंटी रुचिका को लेकर बालकनी की और चली गयी। बालकनी में मोंटी और रुचिका ही थे रुचिका की पलके अभी भी झुकी हुई थी और वह अपनी उंगलियों को तोड़ मरोड़ रही थी। मोंटी तो खुश था जिस लड़की को वह पसंद करता था उसी लड़की के घर उसके पापा रिश्ता करने आये है उसने रुचिका कहा,”हेलो मिस रूचि !”
जानी पहचानी आवाज जब रुचिका के कानो में पड़ी तो उसने नजरे उठाकर देखा सामने मोंटी खड़ा था। रुचिका कुछ बोलती इस से पहले ही नैना वहा आयी और मोंटी से कहा,”हे मोंटी तो मैं कह दू अंकल से की तुझे ये रिश्ता पसंद नहीं है”
कहकर नैना जैसे ही जाने लगी मोंटी ने उसका हाथ पकड़कर उसे अपनी और खिंचा और गले लगाकर कहा,”आई लव यू , आई लव यू सो मच,,,,,,,,,,,,,,,,,,,तुझे सब पता था इसलिए तू मुझे यहाँ लेकर आयी थी !”
“बाबू ये सब मेरा ही प्लान था !”,नैना ने मोंटी से दूर होकर कहा और मुस्कुराने लगी रुचिका ने नैना को वहा देखा तो आकर उसके गले लगी और कहा,”थेंक्यू नैना ,, लेकिन तुम्हे ये सब कैसे पता ?
“क्या पांडा , पहले दिन से पता है मुझे सब वरना आज तक हमे किसी ने फ्रेंडशिप बेंड नहीं बांधा”,कहते हुए नैना मोंटी की और देखकर मुस्कुरा दी और मोंटी शरमा कर अपना सर खुजाने लगा !”
क्रमश – Love You जिंदगी – 77
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संजना किरोड़ीवाल !
Aajke part ka kya plan hai likha ho to thik nhi to wait kr lenge kal tk
Mam there is any problem at ur side….Daily notification we r not getting…As it was b4…And we cannot wait…..True fact no one can ur story lover….Waiting for 77 part….
No one can.. really ?? Itne reader’s apko bevkoof lagte h kya jo wait krte h ya problem h kuch to btate h but aisa kbhi nhi kahte..
Didu aj 77 no part n show kr r hai
Chalo set ho gyi ek Jodi to..
Nice part
nice one
Mam aajka part fir ni aaya
Superrb
gjv part naina cha gyi yha bhi settlini krdi phle bend.baja di.monti ki phr kam kar hi dia maja agya part.me.to