A Broken Heart – 21
A Broken Heart – 21
1 दिन , 2 दिन , 1 हफ्ता , 1 महीना भी गुजर गया लेकिन ईशान अभी भी खुद को इन सबसे बाहर निकाल नहीं पाया। एक शाम निर्मल जबरदस्ती उसे एक पब में ले आया ताकि उसका मूड ठीक हो। निर्मल के लिए ईशान ने थोड़ी बात भी की , निर्मल के और दोस्त भी वहा मौजूद थे ईशान को उनसे बात करते देखकर निर्मल को थोड़ा अच्छा लगा। निर्मल बार काउंटर की तरफ चला आया , ईशान ने देखा तो वह भी उसकी बगल में आ बैठा और कहा,”वन बियर प्लीज”
“पर तू कभी नहीं पीता”,निर्मल ने हैरानी से कहा।
“तूने कहा था ना मूव ऑन करने के लिए ये उसी के लिए है , चियर्स”,ईशान ने अपनी बियर का ग्लास निर्मल के ग्लास से टकराते हुए कहा
“हम्म्म सुनकर अच्छा लगा चियर्स”,निर्मल ने भी कहा
एक दो घूंठ पीने के बाद ईशान ने अपनी गर्दन निर्मल की ओर घुमाई और कहा,”क्या कभी ऐसा हो सकता है की हम पास्ट में जाकर सब ठीक कर सके ?”
“नहीं , और तुझे ऐसा करना भी नहीं चाहिए। जो कुछ होता है वो किसी न कसी रीजन से ही होता है , माया और तेरा मिलना इत्तेफाक था लेकिन तुम्हारा ब्रेकअप तुम्हारी किस्मत थी”,निर्मल ने कहा
ईशान की आँखों में नमी उतर आयी , गले में चुभन का अहसास होने लगा और उसने कहा,”उसकी याद आती है यार , बहुत याद आती है,,,,,,,,,,,उसे ऐसे नहीं जाना चाहिए था।”
“हे ईशान अच्छा हुआ तुम यहाँ मिल गए”,माया ने आकर ईशान के कंधे पर हाथ रखते हुए कहा।
माया को वहा देखकर ईशान का दिल धड़क उठा उसे यकीन नहीं हुआ की माया वहा थी उसने अपना ग्लास रखा और माया की तरफ पलटा। माया के साथ में देवांश भी था जिसे देखकर ईशान थोड़ा अपसेट हो गया
“हम दोनों एंगेजमेंट कर रहे है,,,,,,,,,,,,,,,वेट , कल हमारी एंगेजमेंट है तुम जरूर आना”,माया ने अपने पर्स से सगाई का कार्ड निकालकर ईशान के हाथ में रख दिया।
“चले बेबी ?”,देवांश ने कहा तो माया दोनों को बाय बोलकर चली गयी
ईशान कुछ कह ही नहीं पाया बस खाली आँखों से उस कार्ड में छपे नाम को देखता रहा। निर्मल ने उसके कंधे पर हाथ रखा और कहा,”चल घर चलते है”
ईशान ने अपना जैकेट उठाया और बाहर जाने के लिए निकल गया चलते चलते उसने सगाई के उस कार्ड को डस्टबिन में डाल दिया और ये देखकर निर्मल को तसल्ली हुई की अब ये माया को भूल जाएगा।
पब से बाहर आकर निर्मल ने ईशान से अपने घर जाने को कहा और खुद अपनी बाइक लेकर चला गया। ईशान पैदल ही चल पड़ा। ईशान ने बहुत मुश्किल से खुद को सम्हाला था और आज माया से हुई उस चंद पलों की मुलाकात ने उसके दर्द को वापस बढ़ा दिया। चलते चलते ईशान की आँखों के सामने माया के साथ बिताये पल आने लगे और अगले ही पल उसकी आँखों में नमी उतर आयी जब उसे माया की इंगेजमेंट का ख्याल आया। ईशान बीती यादो में खो गया
“हमारी इंगेजमेंट पर मुझे तुमसे डायमंड रिंग चाहिए , तभी मैं तुमसे सगाई करुँगी”,माया ने चहकते हुए कहा
“एक रिंग क्या तुम कहोगी तो मैं तुम्हारे हाथ की पूरी उंगलियों के लिए रिंग ले आऊंगा,,,,,,,,,,,,,,बस तुम हाँ तो कहो”,ईशान ने कहा
चलते चलते ईशान नम आँखों के साथ भी मुस्कुरा उठा। वह चायनीज रेस्रो के बाहर बने फुटपाथ से गुजरा तो सहसा ही उसकी नजर गमले के पास बैठे उस छोटे पिल्ले पर पड़ी। ईशान ने आखरी बार उस शाम इस पिल्ले को उस लड़की के साथ देखा था।
वह आकर डिवाइडर पर बैठ गया और पिल्ले का सर सहलाते हुए कहा,”कैसे हो प्यारे पिल्ले ? आहह मुझे माफ़ करना उस दिन के बाद मैं तुमसे मिलने ही नहीं आया,,,,,,,,,,,,,मेरी लाइफ में काफी प्रॉब्लमस थी और इसी वजह से मैं इधर नहीं आ पाया,,,,,,,,,,,,,उम्मीद है तुम मुझसे नाराज नहीं होंगे।”
ईशान ने पिल्ले का सर सहलाते हुए कहा और उसकी तरफ देखने लगा तो पिल्ला भी अपनी आँखे मिचमिचाने लगा।
ईशान मुस्कुराया और कहा,”क्या तुमने कुछ खाया ? रुको मैं तुम्हारे लिए कुछ लेकर आता हूँ”
ईशान उठा और बगल में बने दुकान से एक बिस्किट का पैकेट ले आया। उसने बिस्किट निकाले और पिल्ले के सामने रखकर कहा,”अभी के लिए मेरे पास सिर्फ यही है पर मैं जल्दी ही तुम्हे एक बढ़िया ट्रीट दूंगा,,,,,,,,,,,,,,,,क्या तुम जानना चाहोगे क्यों ? दो हफ्ते बाद मेरे ऑडिशन है और मुझे यकीन है इस बार मैं ये कर लूंगा,,,,,,,,,,!!”
पिल्ला बिस्किट खाने में बिजी था लेकिन उसके सामने अपने दिल की बातें करके ईशान को काफी अच्छा लग रहा था। उसके जहन में अब माया का ख्याल नहीं था लेकिन उसका मन अब भी भारी था और ऐसा क्यों था ये वह खुद नहीं जानता था। पिल्ले ने कुछ बिस्किट खाये और वही बैठकर ऊँघने लगा। ईशान ने घडी में वक्त देखा रात के 10 बज रहे थे इसलिए वह उठा और आगे बढ़ गया।
उसी रात जिया और सोफी अपना ओवरटाइम खत्म करके घर जा रही थी। जिया और सोफी को ओवरटाइम से अच्छे पैसे मिल रहे थे। जैसे ही दोनों रेस्त्रो से बाहर आयी जिया ने कहा,”क्यों ना आज बाहर खाना खाया जाये ?”
“अगर तुम्हे बाहर ही खाना था तो मिस्टर दयाल के रेस्त्रो से क्यों नहीं खाया ? यहाँ काफी कुछ अच्छा मिल जाता तुम्हे और ज्यादा चार्ज भी नहीं लगता”,सोफी ने कहा
“ओह्ह्ह्ह तुम्हे लगता है मिस्टर दयाल के रेस्त्रो में सेंडविच और डोनट्स के अलावा कुछ अच्छा होगा ? वैसे भी मैं ये दोनों बहुत बार खा चुकी हूँ,,,,,,,,,,,,और आज मुझे कुछ अच्छा खाना है।”,जिया ने अपने गले में पड़े बैग को घुमाते हुए कहा
“जिया तुम्हे अपने ही रेस्त्रो के बारे में ऐसी बातें नहीं करनी चाहिए,,,,,,,,,मिस्टर दयाल ने सूना तो उन्हें बुरा लगेगा”,सोफी ने जिया की बाँह खींचते हुए धीमी आवाज में कहा
“हाह अपना रेस्त्रो तो तुम ऐसे कह रही हो जैसे मिस्टर दयाल मरने के बाद ये रेस्त्रो हमारे नाम कर देंगे,,,,,,,,,,,,तुम्हे पता है न इस रेस्त्रो का मेनू कितना महंगा है , मुझे यहाँ अपने पैसे बिल्कुल खर्च नहीं करने,,,,,,,,,,,,,,ऐसी जगह तो बिल्कुल भी नहीं”,जिया ने चिढ़ते हुए कहा
“इतनी रात में तुम्हे समझाने का कोई फायदा नहीं,,,,,,,,,,,,बताओ कहा जाना है ?”,सोफी ने जिया के साथ आगे बढ़ते हुए कहा
“विंग चायनीज रेस्त्रो,,,,,,,,,,,,,वहा का चोप सूप और नूडल्स काफी टेस्टी है।”,जिया ने अपनी साइकिल पर बैठते हुए कहा और सोफी उसके पीछे आ बैठी।
जिया के साथ होने से सोफी को अब अकेले आने जाने से डर नहीं लगता था। जिया सोफी से बातें करते हुए अपनी साइकिल चला रही थी। दुकाने और बड़े शोरूम खुले थे और उनकी लाईटो से सड़क जगमगा रही थी। ठण्ड भी काफी थी लेकिन जिया और सोफी ने गर्म स्वेटर के साथ लम्बे कोट पहन रखे थे। जिया सोफी से बातें करने में बिजी थी कि सोफी ने एकदम से कहा,”अच्छा जिया उस लड़के का क्या हुआ ?”
“तुम किस लड़के की बात कर रही हो ?”,जिया ने अनजान बनते हुए कहा
“वही जिसे तुम पसंद करती हो और जिस से बार बार टकराती हो,,,,,,,,,,,,,,,,मैं देख रही हूँ पिछले काफी वक्त से तुमने उसका जिक्र तक नहीं किया , कुछ हुआ है क्या ?”,सोफी ने पूछा
जिया समझ गयी सोफी ईशान के बारे में पूछ रही है सोफी की बात सुनकर जिया का की आँखों के सामने रात आ गयी जब ईशान ने अपने दिल टूटने की बात कही थी और उसे खुद से दूर रहने को कहा। जिया को ध्यान नहीं रहा और उसकी साईकिल आगे चल रहे आदमी से टकराते टकराते बची।
“जिया सम्हलकर”,सोफी चिल्लाई तो जिया की तंद्रा टूटी और उसने अपनी साईकिल रोक दी। सोफी नीचे उतर गयी साथ ही जिया भी नीचे आ उतरी और कहा,”माफ़ करना मैंने देखा नहीं,,,,,,,,,,,!!”
“अच्छा हुआ तुमने वक्त पर ब्रेक मार दिया,,,,,,,,,,,वैसे तुम्हारा ध्यान कहा है ? कुछ देर पहले तुम इस रेस्त्रो आने के लिए काफी एक्साइटेड थी और अब एकदम से परेशान हो गयी,,,,,,,,,,,उस लड़के का जिक्र करके शायद मैंने तुम्हे परेशान कर दिया,,,,,,,,,,!”,सोफी ने जिया के कंधे पर हाथ रखते हुए कहा
“नहीं ऐसा नहीं है,,,,,,,,,,अगर मैं तुम्हे कुछ बताऊ तो क्या तुम यकीन नहीं करोगी ?”,जिया ने सोफी की तरफ देखकर हैरानी से कहा
“हाँ तुम मुझे बता सकती हो”,सोफी ने कहा
जब मैं उस लड़के से आखरी बार मिली थी तब उसने कहा था कि उसका दिल टुटा है और मैं उसका दर्द कभी नहीं समझ सकती,,,,,,,,,,,,क्या मैं सच में इतनी बेवकूफ दिखती हूँ ?”,जिया ने मासूमियत से पूछा
जिया की मासूमियत देखकर सोफी का दिल भी पिघल गया और उसने कहा,”ओह्ह्ह जिया तुम सच में बहुत मासूम हो। क्या तुमने ऐसा कुछ किया जिस से उसे तकलीफ पहुंची हो ?”
“नहीं मैंने ऐसा कुछ नहीं किया,,,,,,,,,,,बल्कि वो तो उस,,,,,,,,,,,,,,,,,!”,कहते कहते जिया रुक गयी और मन ही मन खुद से कहा,”नहीं मुझे ऐसे किसी को बदनाम नहीं करना चाहिए,,,!!”
“जिया क्या हुआ ? तुम ठीक हो न ?”,सोफी ने जिया के कंधे को छूकर पूछा
“हाँ मैं ठीक हूँ,,,,,,,,,,,,,,,मुझे लगता है अनजाने में शायद मैंने ही उसे हर्ट कर दिया हो बहुत ज्यादा परेशान करके,,,,,,,,,,,,,खैर उस रात के बाद से मैंने उसे नहीं देखा,,,,,,,,,,,,!!”,जिया ने अफ़सोस भरे स्वर में कहा
“क्या तुम उस से फिर मिलना चाहोगी ?”,सोफी ने सवाल किया
“अह्ह्ह्ह नहीं,,,,,,,,,,,,,मैं उस से ना ही मिलू तो अच्छा है। मैं उसे अब और परेशान करना नहीं चाहती,,,,,,,,,,,,!!”,जिया ने उदासी भरे स्वर में कहा तो सोफी उसके चेहरे की तरफ देखने लगी।
ऐसा कहते हुए जिया के चेहरे पर एक अलग ही दर्द और तकलीफ के भाव थे। सोफी जानती थी जिया उस लड़के को कितना पसंद करती है और आज जिया के मुंह से ऐसी बाते सुनकर सोफी को भी दुःख हो रहा था।
सोफी को खामोश देखकर जिया ने कहा,”अब चलो मुझे बहुत भूख लगी है।”
सोफी की तंद्रा टूटी तो वह जिया के साथ चल पड़ी। रेस्त्रो कुछ ही दूर था इसलिए दोनों पैदल ही चलने लगी। जिया ने अपनी साईकिल को थाम रखा था और गुनगुनाते हुए चली जा रही थी।
कुछ देर बाद दोनों विंग रेस्त्रो पहुंची और अंदर चली आयी। जिया ने अपने और सोफी के लिए नूडल्स और सूप के साथ फ्राइड राइस भी आर्डर कर दिया। कुछ देर पहले जिया के चेहरे पर जो उदासी थी वह अब हट चुकी थी और वह अपनी आँखों में चमक भरे रेस्त्रो में बैठे बाकि लोगो को देख रही थी।
“आज तुमने नूडल्स और सूप के साथ राइस आर्डर क्यों किया ?”,सोफी ने पूछा
“क्योकि आज मैं खुश हूँ,,,,,,,,,,,आज मिस्टर दयाल से हमे ओवरटाइम के पैसे जो मिले है।”,जिया ने ख़ुशी से चहकते हुए कहा
“इसलिए तुम बाहर खाना चाहती थी ?”,सोफी ने हैरानी से कहा।
“हाँ,,,,,,,,,,,,,मेरे पास तुम्हारे लिए कुछ है।”,कहते हुए जिया ने अपना बैग खोला और उसमे से एक लिफाफा निकालकर सोफी की तरफ खिसका दिया
सोफी ने लिफाफे को खोलकर देखा तो उसमे कुछ रूपये थे। ये वही रूपये थे जो आज शाम मिस्टर दयाल से उसे और जिया को मिले थे। सोफी ने जिया की तरफ देखा और उलझनभरे स्वर में पूछा,”ये तो तुम्हारे पैसे है ना , तुम मुझे क्यों दे रही हो ?”
“क्योकि तुम्हे इनकी ज्यादा जरूरत है,,,,,,,,,,,तुम्हारी मॉम के इलाज के लिए , मुझे उम्मीद है वो जल्दी ठीक हो जाएगी”,जिया ने शीशे के बाहर देखते हुए कहा
जिया की बात सुनकर सोफी की आँखों में नमी उतर आयी। पिछले कुछ वक्त से सोफी की माँ बीमार थी और इलाज के लिए पैसे की जरूरत थी। इसलिए सोफी को ओवरटाइम करना पड़ रहा था। सोफी ने सोचा नहीं था जिया को ये बात पता होगी और वह सिर्फ उसके लिए ओवरटाइम करेगी।
“क्या तुम्हे इस बारे में पता था ?”,सोफी ने नम आँखों के साथ कहा।
“हाँ ! तुम सिर्फ मेरी रूम पार्टनर नहीं बल्कि दोस्त भी हो,,,,,,,,,,,,,,और एक अच्छे दोस्त का फर्ज है बुरे वक्त में अपने दोस्त की मदद करना। अब तुम ज्यादा भावुक मत होना और शुक्रिया तो बिल्कुल मत कहना,,,,,,,,जब तुम्हारी मॉम ठीक हो जाये तो उनके हाथ से बने लड्डू मेरे लिए ले आना बस,,,,,,,,,,,!!”,जिया ने सोफी की तरफ देखते हुए कहा
“नहीं मैं तुम्हे शुक्रिया नहीं कहूँगी,,,,,,,,,,,,,तुम बहुत अच्छी हो जिया , सच में”,सोफी ने नम आँखों के साथ मुस्कुराते हुए कहा
वेटर खाना रखकर चला गया। जिया और सोफी बातें करते हुए खाना खाने लगी। खाना खाकर दोनों रेस्त्रो से बाहर चली आयी और हमेशा की तरह आज भी जिया ने पिल्ले के लिए दो बिस्किट ले लिए। पिछले कुछ दिनों से जिया उस से मिल ही नहीं पाई थी इसलिए जानबूझकर सोफी को इस रेस्त्रो में लेकर आयी ताकि उस पिल्ले से भी मिल चुके। जिया सोफी के साथ फुटपाथ पर चली आयी और चहकते हुए कहा,”हे प्यारे डेस्टिनी देखो मेरे पास तुम्हारे लिए क्या है ? टनटना,,,,,,,,,,,,,,,,,विंग रेस्त्रो के दो यम्मी बिस्किट,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,!!”
जिया की आवाज सुनते ही पिल्ला उसके सामने चला आया अब तक इस शहर में वह दो लोगो को अच्छे से जानने लगा था पहली जिया और दूसरा ईशान,,,,,,,,,,,,!!
जिया ने गमले के पास पहले से पड़े कुछ बिस्किट देखे तो हैरान हुई और पिल्ले के पास बैठते हुए कहा,”हाहहहह क्या तुमसे मिलने कोई और भी यहाँ आया था ? अहसान फरामोश तुम मेरे साथ ऐसा कैसे कर सकते हो ? तुम्हे किसी अजनबी पर ऐसे भरोसा नहीं करना चाहिए और उसके दिए बिस्किट तो तुम्हे हरगिज नहीं खाने चाहिए,,,,,,,,,,,,,,,मैं कुछ दिन यहाँ नहीं आयी तो क्या तुम अब किसी और के चहेते बन जाओगे,,,,,,,,,,,हरगिज नहीं , तुम्हे उस अजनबी के बिस्किट नहीं खाने है , क्या हो अगर वो तुम्हे बेहोश करके यहाँ से ले जाये और कही फेंक दे,,,,,,,,,,,,तुम बहुत लापरवाह हो !!”
जिया की डांट सुनकर पिल्ला वही दुबक कर बैठ गया और अपना सर झुका लिया। ये देखकर सोफी हसने लगी और कहा,”शुक्र है जिया इस शहर में कोई तो है जो तुम से डरता है , फिर चाहे वो एक पिल्ला ही क्यों न हो ?”
“तुम डेस्टिनी का मजाक नहीं उड़ा सकती,,,,,,,,,,!!”,जिया ने चिढ़ते हुए कहा तो पिल्ला आकर जिया के पैरो में लौटने लगा और जिया का गुस्सा गायब हो गया।
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संजना किरोड़ीवाल
वेटर खाना रखकर चला गया। जिया और सोफी बातें करते हुए खाना खाने लगी। खाना खाकर दोनों रेस्त्रो से बाहर चली आयी और हमेशा की तरह आज भी जिया ने पिल्ले के लिए दो बिस्किट ले लिए। पिछले कुछ दिनों से जिया उस से मिल ही नहीं पाई थी इसलिए जानबूझकर सोफी को इस रेस्त्रो में लेकर आयी ताकि उस पिल्ले से भी मिल चुके। जिया सोफी के साथ फुटपाथ पर चली आयी और चहकते हुए कहा,”हे प्यारे डेस्टिनी देखो मेरे पास तुम्हारे लिए क्या है ? टनटना,,,,,,,,,,,,,,,,,विंग रेस्त्रो के दो यम्मी बिस्किट,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,!!”
जिया की आवाज सुनते ही पिल्ला उसके सामने चला आया अब तक इस शहर में वह दो लोगो को अच्छे से जानने लगा था पहली जिया और दूसरा ईशान,,,,,,,,,,,,!!
जिया ने गमले के पास पहले से पड़े कुछ बिस्किट देखे तो हैरान हुई और पिल्ले के पास बैठते हुए कहा,”हाहहहह क्या तुमसे मिलने कोई और भी यहाँ आया था ? अहसान फरामोश तुम मेरे साथ ऐसा कैसे कर सकते हो ? तुम्हे किसी अजनबी पर ऐसे भरोसा नहीं करना चाहिए और उसके दिए बिस्किट तो तुम्हे हरगिज नहीं खाने चाहिए,,,,,,,,,,,,,,,मैं कुछ दिन यहाँ नहीं आयी तो क्या तुम अब किसी और के चहेते बन जाओगे,,,,,,,,,,,हरगिज नहीं , तुम्हे उस अजनबी के बिस्किट नहीं खाने है , क्या हो अगर वो तुम्हे बेहोश करके यहाँ से ले जाये और कही फेंक दे,,,,,,,,,,,,तुम बहुत लापरवाह हो !!”
जिया की डांट सुनकर पिल्ला वही दुबक कर बैठ गया और अपना सर झुका लिया। ये देखकर सोफी हसने लगी और कहा,”शुक्र है जिया इस शहर में कोई तो है जो तुम से डरता है , फिर चाहे वो एक पिल्ला ही क्यों न हो ?”
“तुम डेस्टिनी का मजाक नहीं उड़ा सकती,,,,,,,,,,!!”,जिया ने चिढ़ते हुए कहा तो पिल्ला आकर जिया के पैरो में लौटने लगा और जिया का गुस्सा गायब हो गया।
वेटर खाना रखकर चला गया। जिया और सोफी बातें करते हुए खाना खाने लगी। खाना खाकर दोनों रेस्त्रो से बाहर चली आयी और हमेशा की तरह आज भी जिया ने पिल्ले के लिए दो बिस्किट ले लिए। पिछले कुछ दिनों से जिया उस से मिल ही नहीं पाई थी इसलिए जानबूझकर सोफी को इस रेस्त्रो में लेकर आयी ताकि उस पिल्ले से भी मिल चुके। जिया सोफी के साथ फुटपाथ पर चली आयी और चहकते हुए कहा,”हे प्यारे डेस्टिनी देखो मेरे पास तुम्हारे लिए क्या है ? टनटना,,,,,,,,,,,,,,,,,विंग रेस्त्रो के दो यम्मी बिस्किट,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,!!”
जिया की आवाज सुनते ही पिल्ला उसके सामने चला आया अब तक इस शहर में वह दो लोगो को अच्छे से जानने लगा था पहली जिया और दूसरा ईशान,,,,,,,,,,,,!!
जिया ने गमले के पास पहले से पड़े कुछ बिस्किट देखे तो हैरान हुई और पिल्ले के पास बैठते हुए कहा,”हाहहहह क्या तुमसे मिलने कोई और भी यहाँ आया था ? अहसान फरामोश तुम मेरे साथ ऐसा कैसे कर सकते हो ? तुम्हे किसी अजनबी पर ऐसे भरोसा नहीं करना चाहिए और उसके दिए बिस्किट तो तुम्हे हरगिज नहीं खाने चाहिए,,,,,,,,,,,,,,,मैं कुछ दिन यहाँ नहीं आयी तो क्या तुम अब किसी और के चहेते बन जाओगे,,,,,,,,,,,हरगिज नहीं , तुम्हे उस अजनबी के बिस्किट नहीं खाने है , क्या हो अगर वो तुम्हे बेहोश करके यहाँ से ले जाये और कही फेंक दे,,,,,,,,,,,,तुम बहुत लापरवाह हो !!”
जिया की डांट सुनकर पिल्ला वही दुबक कर बैठ गया और अपना सर झुका लिया। ये देखकर सोफी हसने लगी और कहा,”शुक्र है जिया इस शहर में कोई तो है जो तुम से डरता है , फिर चाहे वो एक पिल्ला ही क्यों न हो ?”
“तुम डेस्टिनी का मजाक नहीं उड़ा सकती,,,,,,,,,,!!”,जिया ने चिढ़ते हुए कहा तो पिल्ला आकर जिया के पैरो में लौटने लगा और जिया का गुस्सा गायब हो गया।
वेटर खाना रखकर चला गया। जिया और सोफी बातें करते हुए खाना खाने लगी। खाना खाकर दोनों रेस्त्रो से बाहर चली आयी और हमेशा की तरह आज भी जिया ने पिल्ले के लिए दो बिस्किट ले लिए। पिछले कुछ दिनों से जिया उस से मिल ही नहीं पाई थी इसलिए जानबूझकर सोफी को इस रेस्त्रो में लेकर आयी ताकि उस पिल्ले से भी मिल चुके। जिया सोफी के साथ फुटपाथ पर चली आयी और चहकते हुए कहा,”हे प्यारे डेस्टिनी देखो मेरे पास तुम्हारे लिए क्या है ? टनटना,,,,,,,,,,,,,,,,,विंग रेस्त्रो के दो यम्मी बिस्किट,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,!!”
जिया की आवाज सुनते ही पिल्ला उसके सामने चला आया अब तक इस शहर में वह दो लोगो को अच्छे से जानने लगा था पहली जिया और दूसरा ईशान,,,,,,,,,,,,!!
जिया ने गमले के पास पहले से पड़े कुछ बिस्किट देखे तो हैरान हुई और पिल्ले के पास बैठते हुए कहा,”हाहहहह क्या तुमसे मिलने कोई और भी यहाँ आया था ? अहसान फरामोश तुम मेरे साथ ऐसा कैसे कर सकते हो ? तुम्हे किसी अजनबी पर ऐसे भरोसा नहीं करना चाहिए और उसके दिए बिस्किट तो तुम्हे हरगिज नहीं खाने चाहिए,,,,,,,,,,,,,,,मैं कुछ दिन यहाँ नहीं आयी तो क्या तुम अब किसी और के चहेते बन जाओगे,,,,,,,,,,,हरगिज नहीं , तुम्हे उस अजनबी के बिस्किट नहीं खाने है , क्या हो अगर वो तुम्हे बेहोश करके यहाँ से ले जाये और कही फेंक दे,,,,,,,,,,,,तुम बहुत लापरवाह हो !!”
जिया की डांट सुनकर पिल्ला वही दुबक कर बैठ गया और अपना सर झुका लिया। ये देखकर सोफी हसने लगी और कहा,”शुक्र है जिया इस शहर में कोई तो है जो तुम से डरता है , फिर चाहे वो एक पिल्ला ही क्यों न हो ?”
“तुम डेस्टिनी का मजाक नहीं उड़ा सकती,,,,,,,,,,!!”,जिया ने चिढ़ते हुए कहा तो पिल्ला आकर जिया के पैरो में लौटने लगा और जिया का गुस्सा गायब हो गया।
Kya jiya aur ishan ki dobara mulakat hogi
Bahut hi interesting part tha ma’am
Ishaan Maya ko nahi bul paraha tha usne badi muskil se move on karne ka faisla liya ussi din firse Maya se mulakat hue au usne ishaan ko apni sagai ke liye invite kiya toh Ishaan ko bahut bura laga..Ishaan ne apna dukh Destiny se share kiya..Jiya Overtime Sofy ke liye kar rahi thi..Jiya ke jab Destiny ke pass pehle se biscuit dekhe toh usse gussa ho gayi ki kisi per aisa barosa nahi karna chahiye..Sach Jiya mast hai kisi ko dukh ne dekhkar khud dukhi ho jati hai..