Love You जिंदगी – 21
Love You Zindagi – 21
सार्थक ने देखा शीतल के चेहरे पर आज कुछ ज्यादा ही चमक थी और आँखों में भी एक अलग ही ख़ुशी दिखाई दे रही थी वह मन ही मन सोचने लगा,”क्या ये सब मैसेज राज के थे ? क्या शीतल अब भी उस से बात करती है ? अगर राज यहाँ है तो शीतल जरूर उस से मिलने जाएगी,,,,,,,,,,,,,,,,नहीं नहीं मुझे शीतल पर इस तरह से शक नहीं करना चाहिए,,,,,,,,,,,,,,,,लेकिन मैं ये सब नजर अंदाज भी नहीं कर सकता। मुझे पता लगाना ही होगा आखिर शीतल के दिमाग में चल क्या रहा है ?”
“सार्थक मैं नाश्ता करने बाहर जा रही हूँ , तुम भी चलो”,शीतल ने अपना दुपट्टा गले में डालते हुए कहा
“हाँ,,,,,,,,,,,,,हाँ मैं थोड़ी देर में आता हूँ”,सार्थक ने होश में आते हुए कहा तो शीतल वहा से चली गयी। सार्थक उठा और फ्रेश होने बाथरूम की तरफ चला आया। फ्रेश होकर सार्थक भी कमरे से बाहर आ गया और नाश्ते के लिए गार्डन एरिया की तरफ जाने लगा तो अवि ने आकर कहा,”सुबह तुम कहा थे ?”
“अपने रूम में सो रहा था क्यों क्या हुआ ?”,सार्थक ने अवि के साथ चलते हुए पूछा
“ये पूछो क्या नहीं हुआ ? नैना के दोस्त मोंटी ने एक बढ़िया कांड कर दिया जिसकी वजह से माहौल थोड़ा चेंज हो गया वो तो शुक्र है नैना ने वक्त पर सब सम्हाल लिया”,अवि ने चलते हुए कहा
“हाँ नैना सच में कमाल है अवि भाई,,,,,,,,,,,,,,,,,,मतलब उस लड़की में कुछ तो बात है , अगर मैं शीतल से पहले ना मिला होता ना तो मुझे भी नैना से प्यार हो जाता,,,,,,,,,,,,,,मुझे क्या किसी को भी उस से प्यार हो जाएगा”,सार्थक ने नैना की तारीफ करते हुए कहा
अवि ने सूना तो सार्थक को घूरने लगा और कहा,”तुम सब को आखिर नैना ही क्यों चाहिए क्या तुम लोग उसे सिर्फ मेरे लिए नहीं छोड़ सकते ?”
“अरे अरे अवि भाई आप तो गुस्सा हो गए मैं तो बस मजाक कर रहा था , नैना आपकी थी , आपकी है और आपकी,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,आपकी,,,,,,,,,,,,,,!!”,कहते हुए सार्थक ने जैसे ही सामने देखा आपकी शब्द पर अटक गया। उसकी नजरे सामने गार्डन की बेंच पर बैठे मोंटी और नैना पर चली गयी। नैना ने मोंटी को दो घुसे मारे थे जिस से उसके होंठ पर जरा सी चोट लग गयी और अभी नैना मोंटी को दवा लगा रही थी
“आपकी क्या ?,,,,,,,,,,,,,,,,तुम चुप क्यों हो गए ?”,अवि ने सार्थक से कहा
“अवि भाई मुझे आपकी शादी खतरे में नजर आ रही है”,सार्थक ने सामने देखते हुए धीमी आवाज मे कहा
“ये क्या बोल रहे हो तुम ?”,अवि ने असमझ की स्तिथि में कहा
“सामने देखिये नैना और मोंटी एक दूसरे के कितना करीब है , माना कि दोनों दोस्त है लेकिन इतना भी करीब,,,,,,,,,,,,,,,मैं ये सब नहीं देख सकता मैं जा रहा हूँ”,सार्थक ने पलटते हुए कहा तो अवि ने उसकी बाँह पकडकर रोका और कहा,”तुम इतनी छोटी सोच कैसे रख सकते हो सार्थक ? मोंटी और नैना बस सिर्फ अच्छे दोस्त है इस से ज्यादा कुछ नहीं,,,,,,,,,,,,,,,,,,,मुझे तुम से तो ये उम्मीद बिल्कुल नहीं थी”
“अवि भाई आई ऍम,,,,,,,,,,,,,,,,!”,सार्थक ने कहना चाहा तो अवि ने उसके सामने हाथ करके उसे रोक दिया और कहा,”रहने दो सार्थक , ऐसा लग रहा है शादी के बाद मैं एक नए सार्थक से मिल रहा हूँ”
“मेरा वो मतलब,,,,,,,,,,,,,!!”,सार्थक बस इतना ही कह पाया कि अवि वहा से चला गया वह सार्थक से आगे कोई बहस करना नहीं चाहता था।
सार्थक को अवि से कही अपनी बातो के बारे में सोचकर बहुत बुरा लगा। वह बिना नाश्ता किये ही वहा से चला गया।
“नैना-मोंटी नाश्ता तैयार है चलो चलते है”,अवि ने नैना और मोंटी के पास आकर कहा
“हाँ चलो”,मोंटी ने उठते हुए कहा
“नाश्ते के नाम से कैसे तुम्हारे अंदर जान आ गयी,,,,,,,,,,,,,,तुम हमेशा भुक्कड़ ही रहोगे”,नैना ने भी मोंटी के साथ उठते हुए कहा
“तुम भी कम भुक्कड़ नहीं हो,,,,,,,,,,,वजन देखो अपना”,मोंटी ने नैना की बांह पर हलके हाथ से मुक्का मारते हुए कहा
“तुम इनडायरेक्टली मुझे मोटी कह रहे हो ?”,नैना ने मोंटी को घूरते हुए कहा
“नहीं मैं डायरेक्टली तुम्हे मोटी कह रहा हूँ”,मोंटी ने नैना की नाक खींचते हुए कहा और भाग गया। नैना ने सुना तो वह भी उसके पीछे भागने लगी
दोनों बच्चो की तरह झगड़ रहे थे और फिर मोंटी ने एकदम से नैना को अपनी पीठ पर उठाया और नाश्ते की टेबल की तरफ बढ़ गया। अवि ख़ामोशी से ये सब देख रहा था उसे नैना और मोंटी की दोस्ती से कोई ऐतराज नहीं था लेकिन आज मोंटी का नैना के इस तरह करीब आना ना जाने क्यों उसे अच्छा नहीं लग रहा था। साथ ही सार्थक का बोया शक का बीज अवि के दिमाग में पनपने लगा था जिस से अवि अभी अनजान था। मोंटी की पीठ पर चढ़ी नैना ने पलटकर अवि को देखा और कहा,”पडोसी ! आ जाओ नाश्ता करते है”
नैना की आवाज से अवि की तन्द्रा टूटी और वह नाश्ते के लिए चला आया। अवि नैना के बगल में बैठने ही वाला था कि इस से पहले मोंटी आकर बैठ गया और अवि को उनके सामने पड़ी कुर्सी पर बैठना पड़ा। कुछ देर बाद रुचिका और शीतल भी चली आयी बस सार्थक वहा नहीं था।
“सार्थक कहा है वो अभी तक सो रहा है क्या ? शीतल शादी के बाद तेरा लड़का आलसी हो गया है”,नैना ने अपनी प्लेट ने नाश्ता परोसते हुए कहा।
“नहीं वो तो बहुत पहले उठ गया था,,,,,,,,,,,,मैं उसे देखकर आती हूँ”,शीतल ने जैसे ही उठने की कोशिश की रुचिका ने उसका हाथ पकडकर उसे वापस बैठाते हुए कहा,”तुम्हे तो बस सार्थक के पास जाने का बहाना चाहिए , बैठो यही मैं उसे फोन कर देती हूँ”
रुचिका की बात सुनकर शीतल मुस्कुराने लगी। रुचिका ने सार्थक का नंबर डॉयल किया और कुछ देर बाद कहा,”जनाब नाश्ता करने के लिए बाहर आएंगे या नयी नवेली दुल्हन की तरह अंदर कमरे में ही रहना है”
“मेरा मन नहीं है तुम सब खा लो”,सार्थक ने बुझे स्वर में कहा
“अरे ये क्या बात हुई , यहाँ सब तुम्हारे लिए ही इंतजार कर रहे है और तुम हो के भाव खा रहे हो,,,,,,,,,,,,चलो जल्दी आओ , टेस्टी नाश्ता मेरे सामने रखा है और मुझसे अब ज्यादा कंट्रोल नहीं हो रहा”,रुचिका ने कहा और फोन काट दिया
“क्या कहा उसने ?”,मोंटी ने पूछा
“वो आ जाएगा हम लोग शुरू करते है”,इस बार नैना ने कहा और सबसे पहले खाना भी शुरू कर दिया।
रुचिका , मोंटी और अवि भी खाने लगे लेकिन शीतल के गले से निवाला नीचे उतरने का नाम नहीं ले रहा था। उसे बार बार सार्थक का ख्याल आ रहा था जिस वजह से उसने एक दो बार पलटकर पीछे भी देखा लेकिन बाकी लोगो ने इस पर ध्यान नहीं दिया। नैना और मोंटी बातें करते हुए साथ खा रहे थे। ना चाहते हुए भी सामने बैठे अवि की नजर उन दोनों पर बार बार चली जा रही थी। मोंटी का नैना के साथ हसना मुस्कुराना अवि को जलन का अहसास करवा रहा था। रुचिका इन सब से बेफिक्र अपने नाश्ते को इंजॉय कर रही थी। नैना बातें करते हुए खा रही थी और फिर एकदम से खाना उसके गले में उलझ गया। अवि ने देखा तो पानी का ग्लास उठाकर नैना की तरफ बढ़ाया लेकिन उस से पहले ही मोंटी ने अपने हाथ में पकडे ग्लास से
नैना को पानी पिलाते हुए कहा,”क्या कर रही है नैना ? आराम से खा ना कितनी बार कहा है खाते वक्त बातें मत किया कर पर तू कहा किसी की सुनती है,,,,,,,,,,,,,,,अभी ठीक है तू ?”
अवि ने मोंटी को नैना की परवाह करते हुए देखा तो अंदर ही अंदर जल उठा उसने ग्लास वापस रख दिया। नैना ने मोंटी के हाथ में पकडे ग्लास को साइड किया और कहा,”
मोंटी मैं ठीक हूँ , वैसे तू कब से मेरी इतनी फ़िक्र करने लगा ?”
“हमेशा से बस तुझे कभी मेरी परवाह और मेरा प्यार दिखाई नहीं दिया”,मोंटी ने शरारत भरे लहजे में कहा जिसे सुनना अवि के लिए थोड़ा मुश्किल ही था पर वह फिर भी खामोश रहा।
“हाँ क्योकि मेरी दोनों आँखे खराब है,,,,,,,,,,,,,थोड़ी तो शरम करो शर्मा जी अपनी वाइफ और मेरे हस्बेंड के सामने तुम मुझसे फ्लर्ट कर रहे हो”,नैना ने भी मोंटी की आँखों में देखते हुए कहा
“एक मिनिट,,,,,,,,,,,,,,,,,ए रुचिका अगर मैं नैना से थोड़ा फ्लर्ट करू तो तुम्हे कोई प्रॉब्लम है ?”,मोंटी ने अपने फोन में खोयी रुचिका से कहा
“केरी ऑन गाईज,,,,,,,,,,!!”,रुचिका ने अपने फोन की स्क्रीन को देखते हुए कहा
“देखा मेरी वाइफ कितनी अच्छी है हाँ तुम्हारे पडोसी को जरूर बुरा लग सकता है जिस तरह से वो हमे देख रहा है”,मोंटी ने धीमी आवाज में अवि की तरफ देखते हुए कहा जो की अवि को लगभग सुन चुका था।
“अरे बिल्कुल नहीं पडोसी को इन सब से कोई फर्क नहीं पड़ता”,नैना ने बेपरवाही से कहा और जैसे ही अगला निवाला खाने लगी मोंटी ने उसके हाथ से आधा निवाला छीनकर खाते हुए कहा,”फिर तो तुम्हारे पडोसी को तुमसे प्यार नहीं है,,,,,,,,,,!”
मोंटी की ये हरकत अवि को नागवार गुजरी वह नाश्ता पूराकिये बिना ही उठा और जैसे ही जाने लगा मोंटी ने कहा,”हे अवि तुम कहा जा रहे हो ?”
“क्या हुआ तुम्हे ? तुम ऐसे बीच में क्यों जा रहे हो ?”,नैना ने भी हैरानी से पूछा
“मुझे फर्क नहीं पड़ता नैना , तुम खाओ”,अवि ने बहुत ही रुड तरीके से कहा और वहा से चला गया
“इसे क्या हो गया ? मैं आती हूँ”,नैना ने जैसे ही उठना चाहा मोंटी ने उसे वापस बैठाते हुए कहा,”तुम अवि को लेकर कुछ ज्यादा ही परेशान हो रही हो नैना , वैसे भी मैं बस उसे चिढ़ाने के लिए तुम से मजाक कर रहा था और उसने मजाक को सीरियस ले लिया”
शीतल जो काफी देर से खामोश बैठी सब देख सुन रही थी उसने मोंटी से कहा,”मोंटी तुम्हे ऐसा मजाक नहीं करना चाहिए , अवि क्या किसी को भी बुरा लगेगा अगर कोई उसके सामने उसकी वाइफ से इस तरह बात करेगा”
“हे शीतल नैना और मैं सिर्फ दोस्त है देट्स इट,,,,,,,,,,,,,,,,मैं ऐसा कुछ नहीं सोचता एंड प्लीज अगर तुम्हे हमारे रिश्ते के बारे में कुछ नहीं पता है तो तुम इस बारे में बात भी मत करो”,मोंटी ने उखड़े स्वर में कहा
“फिर तो मेरा यहाँ बैठना शायद तुम्हे अच्छा न लगे,,,,,,,,,,,,,,मेरा हो गया”,कहते हुए शीतल उठी और चली गयी उसे मोंटी का इस तरह से बात करना अच्छा नहीं लगा।
“शीतल,,,,,,,,,,,शीतल,,,,,,,,,,,,,शीतल”,रुचिका ने शीतल को आवाज दी लेकिन वह चली गयी तो रुचिका ने मोंटी से कहा,”मोंटी ये कैसा तरिका है बात करने का ? शीतल मेरी दोस्त है एंड आई थिंक मेरे साथ साथ वो तुम्हारी भी अच्छी दोस्त है”
“रूचि तुम अपनी दोस्तों को अपने तक ही सिमित रखो तो बेहतर है”,मोंटी ने कहा और वहा से चला गया ये एकदम से बदले माहौल ने उसका भी मूड ख़राब कर दिया था।
नाश्ते की टेबल पर सिर्फ नैना और रुचिका बचे थे। रुचिका मोंटी के इस बर्ताव से हैरान थी और नैना अवि की ख़ामोशी से मन ही मन परेशान,,,,,,,,,,,!
नैना सोच में डूबी हाथ में पकडे चम्मच को प्लेट में घुमाये जा रही थी। नैना को खामोश देखकर रुचिका ने कहा,”आज ये सबको हो क्या गया है ? सब अच्छा चल रहा था और अब एकदम से सब,,,,,,,,,,,,!!”
“लगता है हम सबके “L” लगने का वक्त आ गया है”,नैना बड़बड़ाई जो की रुचिका को ठीक से सुनाई नहीं दिया और उसने कहा,”मतलब ?”
“मतलब कि मेरा नाश्ता हो गया ये बचा हुआ तुम खा लो , तुम्हे बहुत सारी एनर्जी और हिम्मत की जरूरत है ताकि तुम आगे सरवाइव कर पाओ”,नैना ने उठते हुए कहा और कपकेक्स की प्लेट रुचिका की तरफ बढ़ा दी। नैना की बात रुचिका के सर के ऊपर से गयी और फिर उसने पलट से एक कपकेक उठाकर खाते हुए खुद से कहा,”कैसे अजीब लोग है ? कोई इतना टेस्टी नाश्ता छोड़कर कैसे जा सकता है ?”
नैना वहा से निकलकर सीधा अपने कमरे में आयी देखा अवि कमरे की बालकनी में खड़ा है। नैना अवि के पास चली आयी तो पाया कि अवि फोन पर किसी से बात कर रहा है उसके हाव-भाव देखकर नैना समझ गयी कि ये जरूर कोई इम्पोर्टेन्ट कॉल है इसलिए वह हाथ बांधकर ख़ामोशी से उस फोन कॉल के खत्म होने का इंतजार करने लगी। कुछ देर बाद अवि ने फोन काटा और जाने के लिए पलटा तो नैना को अपने सामने पाया। अवि नैना से नाराज था ये उसे देखकर ही पता चल रहा था। उसने साइड से जाने की कोशिश की तो नैना फिर उसके सामने आ गयी। दूसरी साइड से जाने की कोशिश की तो नैना फिर दूसरी बार उसके सामने आ गयी अवि को रुकना पड़ा। वह थोड़ा पीछे हट गया और साइड में देखने लगा। नैना समझ नहीं पा रही थी अवि इस तरह बिहेव क्यों कर रहा है ? वह कुछ देर हाथ बांधे खड़े खड़े उसे देखते रही और फिर अपने हाथो को नीचे करते हुए कहा,”क्या मैं जान सकती हूँ ये सब क्या है ?”
“क्या ?”,अवि ने नैना की तरफ देखकर कहा
“यही के तुम मुझे इग्नोर क्यों कर रहे हो ? तुम नाश्ते की टेबल से भी ऐसे अचानक चले आये”,नैना ने परेशानी भरे स्वर में कहा
“सीरियसली नैना ? तुम कह रही हो मैं तुम्हे इग्नोर कर रहा हूँ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,और वो क्या था जो तुम कर रही थी ?”,अवि ने कुढ़ते हुए कहा
“क्या ? क्या कर रही थी मैं ? सब साथ बैठकर नाश्ता कर थे , बातें कर रहे थे तो मैं भी चिल कर रही थी और क्या कर रही थी ?”,नैना ने भी चिढ़ते हुए कहा क्योकि आज से पहले अवि ने ऐसा बर्ताव बिल्कुल नहीं किया था
अवि ने सूना तो वह नैना के थोड़ा करीब आया और कहा,”एक काम करो तुम रहो अपने दोस्तों के साथ”
अवि नैना से झगड़ा करना नहीं चाहता था इसलिए ये कहकर वह तुरंत वहा से चला गया,,,,,,,,,,,नैना ने उसे रोका भी नहीं उलटा वह परेशान हो गयी कि आखिर अवि को ये एकदम से क्या हो गया ? कुछ देर बाद जब उसे अवि की कही बात समझ आयी तो उसने अपना सर पीटते हुए कहा,”एक दिन मर जाना है मैंने इस आदमी को समझते समझते,,,,,,,,,,!!
कहते हुए नैना ने जैसे ही अपना पैर सामने हवा में किया वो जाकर सीधा गमले से लगा और नैना के मुंह से निकला,”माँ की आँख,,,,,,,,,,,,,!!”
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संजना किरोड़ीवाल
Yh sarthak n kya kr diya
I hate Monti and naina too.. in jese logo ko kisi relationship m jana hi nhi chahiye jb kisi ki feelings na smjh skte ho to…
अवि का गुस्सा होना जायज है…हर बात की एक लिमिट होती है और मोंटी उस लिमिट को क्रास कर रहा है…नैना को तो पहले इतना कुछ समझ में नहीं आता है लेकिन मोंटी को समझना चाहिए… शादी के बाद लाइफ में काफी बदलाव आते है…. खुद माला की खूबसूरती पर फिदा हो गया है और चला है दूसरों को ज्ञान देने…और ये सार्थक मतलब अगर शीतल हंस रही है, खुश है तो राज के मैसेज से…गजब सोच है इस सार्थक की…शादी से पहले शीतल राज तुम्हारा पास्ट है और उससे मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता है और अब उसकी खुशी के वजह भी राज को बना रहा है…घटिया सोच का हो गया है सार्थक
Sarthak phir shital par shak Kar rha h
Naina se Avi ka naraz hona sahi hai kyoki Naina aur monti dost hai iska matlab yeah nahi hai ki monti aapni haade par sakta hai usse bi samajna chahiye ki Naina ab uski dost hi nahi kissiki wife bi hai aur uske husband ke samne uski wife aise treat karega toh obviously bura lagega… Shitaal ka monti ko samjana bi sahi hai per usse shitaal se aise baat nahi karna chahiyeta aur sarthak phir se aapni wife per sakh kar raha hai nice part maam
Very beautiful
Ye sab Kya hai. Mana ki Naina or monti best friend hai per ye sab shadi ke pahle hi aacha lagta tha. Shadi ke bad kuch to badlega hi na or ye Monti aias kaisai ho gaya hai.akhir Avi ka bhi koi hak hai Naina per wo usaka husband hai aaj first time Muche first time sharthak or Monti per guess aa Raha hai or vo bhi bhoot jyada.
Hi
Many comments are stating that Monti and naina ne galat kiya
But I think mentality ho rakhi h ki ladka aur ladki ko itna close nahi hona chaiye but agar wo dono apna rishta saji mange h to y koi galat baat nahi h
But sarthak ko gussa nahi karna chahiye tha he should be cool just like naina
And Im not blaming anybody……
Sahi*
Mante*
Nice story
Nice