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कितनी मोहब्बत है – 63

Kitni mohabbat hai – 63

“कितनी मोहब्बत है”

By Sanjana Kirodiwal

कितनी मोहब्बत है – 63

इशिका ने समझदारी वाला कदम उठाया और अक्षत मीरा का सच जानने के बाद वह पीछे हट गयी ! इशिका एक बहुत समझदार लड़की है और वह रिश्तो को निभाना काफी अच्छे से जानती थी , अक्षत का त्याग देखकर उसने अक्षत और मीरा की मदद करने की सोची और अगले ही दिन वह अक्षत को लेकर अपने घर चली आयी ! इशिका के बड़े पापा शहर के जाने माने वकीलों में से एक थे , अक्षत की लगन देखकर उन्होंने अक्षत को प्रेक्टिस करने के लिए अपने पास रख लिया ! कॉलेज का एक साल बाकि था इसलिए अक्षत अब कॉलेज सिर्फ अटेंडेंस के लिए जाता था , बाकि वक्त वह इशिका के बड़े पापा के साथ बिताता था , उनके साथ रहते हुए वह हर छोटी छोटी चीज को नोटिस करता था , बड़े पापा भी उसके काम से खुश थे वे अक्षत को पर्सनली अदालत के दांव पेच सीखा रहे थे और अक्षत बखूबी सिख भी रहा था ! साथ ही दोपहर से लेकर रात तक राघव के ऑफिस में भी अक्षत अब काम करने लगा था ! पहले से अक्षत को अच्छी सेलेरी या यु कहो 4 गुना ज्यादा सेलेरी मिलने लगी थी !! उसने उन पैसो में से कुछ जीजू को चुकाए बाकि को अपने पास रखा , वह खुद पर बहुत कम खर्च किया करता था ! पैसे और एक्सपीरियंस तो अक्षत खूब कमा रहा था लेकिन अब उसे पहले जितना वक्त नहीं मिल पाता था ! कई बार तो किसी केस की स्टडी करते करते वह बड़े पापा के ऑफिस में ही सो जाया करता था और इस वजह से वह तनु और जीजू से भी बहुत कम मिल पाता था ! कुछ करने का एक जूनून उसकी आँखों में साफ दिखाई देने लगा था ! इस एक साल में अक्षत पहले से ज्यादा समझदार और गंभीर रहने लगा था , मीरा से दूर होने के बाद मुस्कुराना तो जैसे भूल ही चुका था वो बस हर वक्त काम में लगा रहता था और इसी वजह से डॉक्टर ने उसे चश्मा लगाने की सलाह तक दे दी !!
फाइनल ईयर के एग्जाम्स शुरू होने वाले थे लेकिन अक्षत की तैयारी काफी अच्छी थी , और इसी के बिच उसे खबर मिली की नीता को बेटा हुआ है , अक्षत बहुत खुश हुआ लेकिन काम में इतना फंसा हुआ था की चाहकर भी ना जा पाया , अर्जुन उसकी परेशानी समझता था इसलिए उसने उसे अब डिग्री के साथ ही घर आने को कहा ! अक्षत इतना अच्छा भाई और परिवार पाकर बहुत खुश था ! दूसरी और मीरा इस इंतजार में एक एक दिन काट रही थी की अक्षत जल्दी ही लौट आएगा , इंदौर का ऐसा कोई मंदिर नहीं छोड़ा उसने जहा उसने अक्षत के लिए दुआ ना मांगी हो ! उसे भरोसा था अक्षत पर और इसी भरोसे के चलते आज मीरा इंदौर का जानी मानी हस्ती थी , उसने अनाथालय में पल रहे बच्चो को अच्छी शिक्षा दिलवाई , उनकी जिंदगी बदल दी और ये सब किया उसने की दी हुई हिम्मत से इन तीन सालो में मीरा में सिर्फ एक बदलाव आया और वो था साहस , बेबाकी और फैसले लेने का तजुर्बा !! अपने पिता के साथ रहते हुए उसने इन सब चीजों को बहुत बारीकी से जाना ,, मीरा को अब अमर से कोई शिकायत नहीं थी , वह हमेशा उनके लिए सुबह का नाश्ता और रात का खाना खुद अपने हाथ से बनाती थी , उनके सभी कामो में मौजूद रहती थी अमर को बहुत ख़ुशी होती थी बस इन तीन सालो में मीरा ने उन्हें कभी “पापा” कहकर नहीं पुकारा और अमर बस इसी आस में थे की कभी तो मीरा उन्हें पिता होने का हक़ देगी ! अक्षत के कॉलेज के एग्जाम हुए और जब रिजल्ट आया तो एक बार फिर सब हैरान थे अक्षत ने अपने कॉलेज में टॉप किया था , जब लॉ की डिग्री लेने के लिए उसे पर बुलाया गया तो चारो और से तालियों का शोर उसके कानो में गूंज रहा था ! अक्षत का सपना पूरा हो चुका था पर ये अभी शुरुआत थी आगे उसे बहुत कुछ करना था ! उसने सभी का शुक्रिया अदा किया और स्ट्रांग स्पीच दी जिसे सुनकर हर कोई अक्षत से प्रभावित था ! अक्षत अपनी डिग्री लेकर जैसे ही वहा से बाहर आया सामने इशिका खड़ी थी अक्षत मुस्कुराते हुए उसके पास आया और कहा,”थैंक्यू !”
“अरे वाह मेहनत तुमने की और थैंक्यू मुझे”,इशिका ने कहा
“इस मेहनत में तुम्हारा भी हाथ है इशिका , मुझे समझने के लिए , मेरा साथ देने के लिए तुमने बहुत सेक्रिफाइज किये है सो थैंक्यू तो बनता है !”,अक्षत ने कहा
“दोस्ती में नो सॉरी नो थैंक्यू , ओनली हग , कम ऑन गिव मी अ हग !”,इशिका ने कहा
अक्षत ने इशिका को गले लगाया और कहा,”और क्या कर सकता हु तुम्हारे लिए ?”
“कॉफी पीला सकते हो , वैसे भी आज शाम की फ्लाइट से मैं लंदन जा रही हु , अपनी आगे की पढाई के लिए !”,इशिका ने कहा
“कॉन्ग्रैचुलेशन ! चलो फिर मेरी कामयाबी और तुम्हारे जाने की ख़ुशी को सेलेब्रेट करते है”,अक्षत ने छेड़ते हुए कहा इशिका ने उसे घूरते हुए कहा,”मुझसे पीछा छुड़ाना चाहते हो ना ?”
अक्षत ने प्यार से कहा,”मजाक कर रहा हु , पता है इशिका गलत कहते है लोग की एक लड़का और लड़की अच्छे दोस्त नहीं बन सकते , लेकिन अगर मोहब्बत और नफरत से ऊपर उठकर देखा जाये तो औरत से बेहतर दोस्त हो ही नहीं सकती ! तुमने मेरे मुश्किल वक्त में मेरा साथ दिया है मैं तुम्हे कभी नहीं भूलूंगा !”
“ओह ओह ओह सेंटी मास्टर बस करो हां , अब चलो शाम को निकलना भी है मुझे !”,इशिका ने कहा और उसकी बांह पकड़ कर उसे खींचते हुए कैफे की और चली गयी ! दोनों अंदर आकर बैठे और इशिका ने दोनों के लिए कॉफी आर्डर की ! वेटर चला गया तो इशिका ने अक्षत की और देखकर कहा,”सो !”
“सो व्हाट ?”,अक्षत ने पूछा
“मतलब कब मिल रहे हो अपनी मीरा से ? मिलना तो मैं भी चाहती थी पर नहीं मिल पाऊँगी , तुम बताओ कब जा रहे हो वापस ?”,इशिका ने कहा
“अभी नहीं इशिका सिर्फ डिग्र्री लेकर मैं उनके सामने नहीं जा सकता , मुझे कुछ बड़ा करना है जिसके बाद मैं मीरा के पापा से पुरे हक़ से मीरा का हाथ मांग सकता हु !”,अक्षत ने कहा
“तुम जरूर करोगे ! अच्छा तुम बड़े पापा जैसे कामयाब बनना चाहते हो , आई मीन उन्हें अपना रोल मॉडल मानकर !”,इशिका ने कहा
“नहीं इशिका मैं किसी के जैसा नहीं बनना चाहता , मेरी अपनी पहचान होगी और लोग मुझे मेरे नाम से जानेंगे !”,अक्षत ने विश्वास भरे शब्दों में कहा एक जूनून इशिका को उसकी आँखों में साफ़ दिखाई दे रहा था !
“देटस गुड़ , वैसे बड़े पापा के साथ रहकर तुमने जो प्रेक्टिस की है उस से तुम्हे बहुत फायदा होने वाला है ,, पापा कह रहे थे वो जल्दी ही दिल्ली कोर्ट में कमिठी से तुम्हारे लिए चेंबर के बारे में बात करेंगे ! फिर तो तुम वकील साहब बन जाओगे ना !”,इशिका ने कहा
“उन्होंने मेरे लिए जो किया है वो मैं कभी नहीं भूलूंगा वो मेरे गुरु है और मैं हमेशा उनका सम्मान करूंगा , उनका अच्छा स्टूडेंट बनकर दिखाऊंगा और उन्हें प्राउड फील होगा !”,अक्षत ने कहा
“आई आल्सो प्राउड ऑफ़ यू मिस्टर , तुम्हारे जैसे लोग बहुत कम देखने को मिलते है अक्षत जो कभी अपने बारे में नहीं सोचते !”,इशिका ने कहा
“पता नहीं क्यों पर जब कोई लड़की मेरी तारीफ करती है तो मुझे बहुत गुस्सा आता है !”,अक्षत ने कहा
“वो क्यों ?”,इशिका ने कहा
“क्योकि ये हक़ मैंने सिर्फ मीरा को दिया है , कोई और तारीफ करे तो जलन होती है मुझे !”,अक्षत ने कहा
“हाउ रोमांटिक , तुम्हारे जैसा मेड लवर पहली बार देख रही हु , कोई किसी को इस हद तक चाह सकता है की हर वक्त उसके होंठो पर एक ही नाम रहता है , सच्ची अब तो मुझे तुमसे कम मीरा से जलन होने लगी है की तुम उसे मिले !! पर इन सब चीजों को साइड रखकर सोचती हु तो पाती हु की तुम दोनों का प्यार सबसे अलग है !”,इशिका ने कहा
“नहीं इशिका अलग नहीं है , प्यार सब एक जैसा ही करते है बस निभाने का तरिका अलग होता है ,, आजकल के प्यार में अगर लड़का लड़की का फोन ना उठाये तो ब्रेकअप हो जाता है , लड़की लड़के के कहने पर मिलने ना आये तो ब्रेकअप हो जाता है , लड़के ने जरा सा गुस्सा किया तो ब्रेकअप और तो और दो महीने में ही दोनों को कोई और पसंद आ जाता है और फिर अलग ,, जबकि मीरा और मेरे बिच कभी ऐसा कुछ नहीं हुआ , मैं उसपर ना जाने कितनी ही बार चिल्लाया होगा , उसे परेशान किया होगा , उसे डांटा होगा पर मैंने कभी उसके चेहरे पर शिकायत के भाव नहीं देखे ,, वो हमेशा पॉजिटिव सोच रखने वालो में है !!”,अक्षत ने कहां
“तुम्हारे कहने का मतलब है , अगर मैं तुम्हारे साथ यहाँ बैठी हु तो उसे कोई परेशानी नहीं होगी !”,इशिका ने सवाल किया
“नहीं !”,अक्षत ने कहा
“इतना भरोसा है उसे तुम पर !”,इशिका ने कहा
“हां !”,अक्षत ने कहा इशिका आगे कुछ बोलती इस से पहले वेटर कॉफी रखकर चला गया ! दोनों कॉफी पिने लगे और बातो का सिलसिला कुछ कम हो गया ! दोनों ने कुछ वक्त साथ बिताया और फिर अपने अपने घर चले गए ! अक्षत घर आया तनु ने जब अक्षत को देखा तो खुश हो गयी काव्या भी उसकी गोद में चढ़ गयी ! अक्षत तनु को अपनी डिग्री के बारे में बताया तनु ने उसका मुंह मीठा करवाया , अक्षत ने घर पर सबसे बात की सभी बहुत खुश थे लेकिन मीरा को इसकी कोई खबर नहीं थी वह बस अपने कामो में बिजी थी !! तनु ने जीजू को भी जल्दी बुला लिया जीजू ने अक्षत को गले लगा लिया अक्षत की इस कामयाबी में सबसे ज्यादा मेहनत आखिर उनकी ही थी !! उस शाम सब खाना खाने बाहर गए अक्षत जीजू और तनु बहुत खुश थे !!

सुबह मीरा किसी मीटिंग में जाने की तैयारी से बाहर निकल रही थी की तभी अमर अपने हाथ में कोई लिफाफा लिए आये और मीरा की और बढ़ा दिया !
“ये क्या है ?”,मीरा ने सवाल किया
“खुद ही देख लीजिये !”,अमर ने कहा
मीरा ने लिफाफा खोलकर देखा उसका दिल धड़क उठा उसमे अक्षत की तस्वीरें थी किसी लड़की को गले लगाते हुए जिसे मीरा नहीं जानती थी ! लेकिन मीरा की नजरे तो बस अपने अक्षत पर थी , वह एक एक करके उन तस्वीरों को देखते जा रही थी , पुरे तीन साल बाद वो अक्षत को देख रही थी कुछ भी तो नहीं बदला था सब वैसा ही था ! मीरा ने सारी तस्वीरो को लिफाफे में डाला और टेबल पर रखकर अमर से कहा,”ये सब हमे क्यों दिखा रहे है आप ?”
“क्या ये सब देखकर भी आपको समझ नहीं आ रहा है , आप पिछले तीन सालो से उसके आने का इंतजार कर रही है और वो वहा किसी और लड़की के साथ खुश है , हम जानते थे वो अपनी शर्त पूरी नहीं कर पाएंगे “,अमर ने कहा
मीरा मुस्कुराने लगी और कहा,”आप अब भी उन्हें नहीं जान पाए है , इन तस्वीरों के जरिये आप उनके प्रति हमारा भरोसा और प्यार कम नहीं कर सकते !! हम उन्हें अच्छी तरह जानते है वो ऐसा कुछ नहीं करेंगे जिस से हमारा रिश्ता शक में आये !”,मीरा ने कहा
“आपकी आँखों पर अब भी उसके प्यार का पर्दा पड़ा हुआ है मीरा , जिस दिन ये पर्दा हटेगा आप जानेगी कौन सही था और कौन गलत ?”,अमर ने कहा
“सारी दुनिया भी उनके खिलाफ हो जाये तो इकलौते हम उनके साथ खड़े रहेंगे , हम जानते है वो थोड़े अलग है पर गलत नहीं ,, अब आप इसे हमारा भरोसा समझे या फिर हमारी मोहब्बत दोनों एक ही है !”,मीरा ने कहा और दरवाजे की और बढ़ गयी !
मीरा मुस्कुराते हुए चली जा रही थी आज इतने दिनों बाद अक्षत की तस्वीर को देखकर उसका मन ख़ुशी से भर उठा था ! मीरा आकर गाड़ी में बैठी और ड्राइवर को चलने को कहा ! मीरा मीटिंग के लिए निकल गयी , अमर की लायी अक्षत की तस्वीरें भी उसके विश्वास को डिगा नहीं सकी !! मीरा मीटिंग वाली जगह पहुंची जहा उसके जैसे कई सारे समाज सेवी मौजूद थे , मीरा को बेस्ट सोशल वर्कर का अवार्ड मिला था , उसने सबका शुक्रिया अदा किया और एक अच्छी स्पीच दी जिसमे उसने लोगो की मदद करने और उनके बिगड़े हालात सुधारने की बात कही , सभी बहुत प्रभावित थे !! वहा बैठे लोगो में एक 27-28 साल का लड़का काफी देर से मीरा को देखे जा रहा था ! उसे मीरा बहुत अच्छी लगी , मीरा की सादगी , उसकी प्यारी सी मुस्कुराहट और उसके अच्छे विचारो ने लड़के को खासा प्रभावित किया ! समारोह के बाद वहा कुछ जरूरतमंद बच्चो को उसी लड़के द्वारा उनकी जरूरत का सामान बांटा जाना था , उसने अपने साथ मीरा और कुछ लोगो को भी इन्वाइट किया ! सभी उन बच्चो को सामान देने लगे , उस पुरे वक्त में उस लड़के ने देखा की मीरा के चेहरे पर वो सब करते हुए एक अलग ही ख़ुशी और चमक थी , मुस्कराहट उसके चेहरे से एक पल के लिए भी दूर नहीं हुई थी !! सभी सामान बांटे जाने के बाद मीरा पर्सनली उन सभी बच्चो से मिली , उनके साथ कुछ वक्त बिताया , उनकी तस्वीरें ली उसने किसी को ये अहसास नहीं होने दिया की वो किसी बड़े घर से है बल्कि वह सबके साथ अपना बर्ताव अच्छा रखती ! जब जाने का वक्त हुआ तो मीरा ने सबसे इजाजत ली और जाने लगी !
“मीरा जी !”,लड़के ने मीरा एक पीछे आते हुए कहा
मीरा पलटी तो लड़का उसके पास आया और अपना हाथ बढाकर कहा,”मेरा नाम कौशल कुमार है , आज आपको पहली बार यहाँ देखा और देखकर महसूस किया की आप जमीन से जुडी इंसान है , आपकी सादगी और आपका व्यवहार मुझे बहुत पसंद आया !”
“थैंक्यू।”,मीरा ने भी उसका अभिवादन करते हुए हाथ मिलाकर कहा !
“थैंक्यू तो मुझे कहना चाहिए की आप अपना कीमती समय निकालकर यहाँ आयी , आपसे मिलकर बहुत अच्छा लगा”,लड़के ने कहा
“हमे भी जानकर ख़ुशी हुई की आप इतनी कम उम्र में इतना बड़ा केम्पेन चला रहे है !”,मीरा ने कहा
“थैंक्यू , क्या आज रात हम डिनर पर मिल सकते है ? इफ यू डोंट माइंड !”,लड़के ने सकुंचाते हुए कहा
मीरा हल्का सा मुस्कुराई और कहा,”सॉरी आई हेव अ हस्बैंड !”
लड़के का ये सुनकर दिल टूट गया लेकिन फिर भी उसने खुद को सम्हालते हुए कहा,”वो जो भी है बहुत लकी है जिन्हे आप जैसी वाइफ मिली है , आपसे मिलकर बहुत अच्छा लगा !”
“हम चलते है ! नमस्ते”,मीरा ने कहा और वहा से चली गयी लड़का उसे जाते हुए देखता रहा !!

दो दिन निकल गए और ये दो दिन अक्षत ने जीजू और तनु के साथ बिताये साथ ही अपने काम में भी लगा रहा ! उसी शाम अक्षत के पास इशिका के बड़े पापा का फोन आया और उन्होंने अक्षत को अपने ऑफिस में बुलाया ! अक्षत उनके ऑफिस चला आया और उनके सामने आकर कहा,”जी सर , कहिये !
“सबसे पहले तो वकील बनने के लिए आपको बहुत बहुत बधाई !”,उन्होंने मुस्कुरा कर कहा
“थैंक्यू सर !”,अक्षत भी मुस्कुरा दिया !
“बैठो !”,उन्होंने कहा तो अक्षत उनके सामने पड़ी कुर्सी पर आ बैठा , वे अपनी कुर्सी पर आकर बैठे और एक फाइल अक्षत की और बढाकर कहा,”आप नए नए वकील बने है और आजकल बहुत आराम कर रहे है तो सोचा आपको काम में थोड़ा व्यस्त कर दू !”
“मैं कुछ समझा नहीं”,अक्षत ने कहा
“तुम्हारे लिए एक केस है जो की तुम्हारी जिंदगी का पहला केस होगा , मेरे एक दोस्त का कोई जमीन का मसला है वह वहा पर एक फैक्ट्री बनाना चाहता है लेकिन वो जगह वहा किसी के कब्जे में है ! मैंने केस फाइल कर दिया है बस लड़ना आपको है ,, आपकी प्रेक्टिस काफी अच्छी है अब इसे कोर्ट में आजमाने का मौका आया है तो मुझे विश्वास है आप ये कर सकते है !”,उन्होंने अक्षत को कहा
“मैं जरूर करूंगा और इसे जीतूंगा भी !”,अक्षत ने विश्वास से भरकर कहा
“केस की आगे की स्टडी के लिए तुम्हे वहा जाना होगा और मेरे दोस्त से मिलना होगा , सारी बाते वही आपको समझायेंगे !!”,उन्होंने कहा
“वैसे जाना कहा है ?”,अक्षत ने कहा
“बनारस , उत्तर-प्रदेश”,उन्होंने कहा
बनारस नाम सुनते ही अक्षत को मीरा की कही बात याद आ गयी,”हमारी पसंदीदा जगह तो बनारस है , आप एक बार वहा जायेंगे ना तो वही के होकर रह जायेंगे !” अक्षत को सोच में डूबा देखकर उन्होंने कहा,”क्या हुआ ? तो आप जा रहे है ना ?”
“जी , जी सर , कब जाना है ?”,अक्षत ने चौंकते हुए कहा
“कल सुबह निकल जाओ !”,उन्होंने कहा और फिर अक्षत से देर तक उस केस को लेकर बात करते रहे ! अक्षत घर आया और पैकिंग करने लगा ! उसे पैकिंग करते देखकर जीजू ने कहा,”तुम कही जा रहे हो आशु ?”
”हा जीजू एक केस के सिलसिले में बनारस जा रहा हु !”,अक्षत ने बैग जमाते हुए कहा
“इतनी दूर ? बनारस दिल्ली से 800-900 किलोमीटर होगा !”,जीजू ने बैठते हुए कहा
“हां तो क्या हुआ ? काम के सिलसिले में तो जाना ही पडेगा ना , वैसे भी ये मेरा पहला केस है और मैं किसी भी हाल में इसे जितना चाहता हु , इसलिए मेरा वहा जाना बहुत जरुरी है !”,अक्षत ने पैकिंग पूरी कर जीजू के पास बैठते हुए कहा
“हम्म्म , अपना ख्याल रखना और खाना टाइम से खा लेना कही काम के चक्कर में वो भूल ही जाए , कैसे जाएगा ?”,जीजू ने कहा
“बस या ट्रेन से”,अक्षत ने कहा
“इतना बड़ा आदमी हो गया है लेकिन अभी भी तेरी ट्रेन और बस वाली आदत नहीं गयी ! तू मेरी गाड़ी लेकर जाएगा समझा”,जीजू ने कहा
“अरे जीजू बस और ट्रेन में खिड़की वाली सीट होती हैं , आप क्या जानो खिड़की वाली सीट का मजा !”,अक्षत ने कहा
“मुझे कुछ नहीं सुनना तू मेरी गाड़ी लेकर जाएगा समझा !”,जीजू ने कहा
“अच्छा ठीक है !”,अब मैं सोने जा रहा हु सुबह जल्दी निकलना है !
“गुड़ नाईट !”,जीजू ने कहा और उसके कमरे से बाहर चले गए !! अक्षत सो गया सुबह जल्दी उठा और तैयार होकर जीजू की गाड़ी लेकर घर से निकला !!
अक्षत दिल्ली से बाहर निकला और चल पड़ा अपनी नयी मंजिल की और , रास्तेभर वह गाने सुनता रहा और मीरा के बारे में सोचता रहा , वह कैसी होगी ? जब अक्षत उसके सामने जाएगा तो उसका रिएक्शन क्या होगा ? , क्या वो भी इसी तरह इंतजार कर रही होगी सोचकर अक्षत को एक अलग ही ख़ुशी का अहसास हो रहा था !! दोपहर तक गाड़ी आगरा पहुंची अक्षत वहा रुका फ्रेश हुआ खाना खाया और कुछ देर वही बैठकर सुस्ताने लगा !! मंजिल अभी दूर थी और अक्षत को बहुत लंबा रास्ता तय करना था ! वह उठा और गाड़ी लेकर आगे बढ़ गया ! अक्षत जब तक कानपूर पहुंचा तब तक अन्धेरा हो चुका था और वह गाड़ी चलाकर काफी थक भी चुका था , उसने रातभर वही रुकने का प्लान बनाया और एक होटल में रुक गया , खाना खाकर सुबह जल्दी का अलार्म लगाया और सो गया , सुबह 4 बजे अक्षत उठा नहाया और होटल से निकल गया कानपूर से सीधा उसे वाराणसी जाना था और वही थी उसकी मंजिल बनारस !!
एक लम्बी दुरी तय करने के बाद अक्षत बनारस पहुचा , उसने अपनी गाड़ी साइड लगाई और निचे उतरा ! उसने इधर उधर देखा लोग अपने अपने कामो में लगे थे कुछ लोग अपने परिवार के साथ मंदिर जा रहे थे , अक्षत ने नजर घुमाई वहा चारो और मंदिर थे , वह कुछ दूर चला और सामने से आते एक आदमी से पूछा,”भाईसाहब अस्सी घाट जाना है , आप वहा जाने का रास्ता बता सकते है !”
“इह लो बबुआ , मंदिर में आके भगवान का पता पूछे रहत हो , इह तो है अस्सी घाट !”,आदमी ने अपनी प्यारी सी मुस्कराहट के साथ कहा
अक्षत ने सामने नजर दोड़ाई तो बोर्ड लगा था जिस पर लिखा था – अस्सी घाट !
“आओ बाबू हम बताते है , अब इति दूर आ ही गए हो तो भोलेनाथ के दर्शन भी कर ल्यो”,आदमी ने कहा तो अक्षत उसके साथ आगे बढ़ गया ! आदमी उसे घाट पर लेकर आया अक्षत ने देखा तो बस देखता ही रह गया , इतनी खूबसूरत जगह आज से पहले उसने शायद ही देखी हो , घाट की वो सीढिया जहा कितने ही भक्त खड़े अपने लिए मनोकामना मांग रहे थे , एक और ऊपर सीढ़ियों पर भोलेनाथ का मंदिर था ! अक्षत बस एक टक वो सब नज़ारे देखता रहा , आदमी ने उसे मंदिर में दर्शन करवाए और फिर वहा से चला गया अक्षत आकर कुछ देर के लिए वही सीढ़ियों पर बैठ गया और पानी को देखने लगा , एक सुकून का अहसास हो रहा था उसे , मन को शांति देने वाली पानी की कल कल करती आवाजे , दूर मंदिर में बजती घंटियों की आवाज , अक्षत बहुत खुश था ये सब देखकर , उसे मीरा का कहा याद आ गया तो मुस्कुरा उठा !! अभी अक्षत बैठकर घाट को निहार रहा था की तभी उसका फोन बज उठा और दूसरी तरफ से इशिका के बड़े पापा ने कहा,”अक्षत आप मिले वहा के वकील से , एक हफ्ते बाद ही केस की सुनवाई है !”
“जी सर मैं अभी पहुंचा हु जल्दी ही उनसे मिलता हु !”,अक्षत ने कहा
“बेस्ट ऑफ़ लक”,उन्होंने कहा और फोन काट दिया ! अक्षत उठा और सीढिया चढ़कर घाट से बाहर निकल आया , उसे जिस जगह जाना था उसके बारे में उसे कोई आईडिया नहीं था क्योकि वो जगह उसके लिए बिलकुल नयी थी ! अक्षत एक पान वाले के पास आया और उसे पता दिखाते हुए कहा,”सुनिए भाईसाहब ये जगह यहाँ कहा है ?”
दुकानवाले ने पान लगाते हुए कहा,”इह तो मणिकर्णिका घाट से आधा किलोमीटर दूर होगी साहब जी”
“थैंक्यू , मुझे इस जगह के बारे में कुछ जानकारी चाहिए थी , आप कुछ बता सकते है इस बारे में ?”,अक्षत ने कहा
पान वाले ने एक नजर अक्षत को देखा और फिर कहा,” बनारस में एक्को आदमी है जो आपकी मदद कर सकी है !”
“कौन ?”,अक्षत ने कहा
पान वाले ने अपना लगाया पान खुद ही खाते हुए कहा,”मुरारी कुमार मिसरा (मिश्रा)”
“ये कौन है ?”,अक्षत ने कहा
“अरे विधायक है हमरे बनारस के , ऐसी कोनो जगहा नाही जो हमारे मुरारी बबुआ को ना पता हो ,,(पान की पीक थूकते हुए) उह का है की कहने को उह विधायक जरूर है पर दिल उनका सोने सा खरा है ,, सबकी मदद करते है !”,पान वाले ने कहा
“कहा मिलेंगे आपके ये विधायक जी ?”,अक्षत ने कहा
“अरे बनारस का बच्चा बच्चा जानता है उनके घर का पता , का है ना विधायक जो ठहरे”,पान वाले ने कहा और अक्षत को मुरारी कुमार मिश्रा का घर पता बताने लगा !!

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संजना किरोड़ीवाल

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