“मैं तेरी हीर” – 38
Main Teri Heer – 38
मुन्ना और गौरी के साथ सभी घर पहुंचे। वंश और निशि दोनों ही घर पर नहीं थे और ख़ुशी ख़ुशी में किसी का भी ध्यान इस तरफ नहीं गया। गौरी बहुत खुश थी की उसके और मुन्ना के बीच सारी गलतफहमियां दूर हो गयी। आई , बाबा , अधिराज जी और अम्बिका जी बाबा के कमरे में बैठे मुन्ना और गौरी के बारे में बातें कर रहे थे। काशी , गौरी , ऋतू और प्रिया काशी के कमरे में थी। मुरारी सारिका और अनु को गौरी और मुन्ना के बारे में बता रहा था की उसे पहले से इन दोनों पर कैसे शक था ? अनु तो बहुत खुश थी उसके सीधे साधे मुन्ना के लिए गौरी जैसी लड़की जो मिल गयी थी जो उसे सुधार भी सकती थी और सम्हाल भी सकती थी। मुन्ना को शिवम् ने बाहर बरामदे में ही रोक लिया और कहा,”मुन्ना , आओ तुमसे कुछ बात करनी है”
मुन्ना चुपचाप शिवम् के पास चला आया दोनों घर के बरामदे में खड़े हो गए। शिवम् अपने हाथो को बांधे सामने देखता रहा और फिर कुछ देर बाद कहा,”तुम सोच रहे होंगे की हमने तुम्हारे और गौरी के रिश्ते के लिए हाँ कैसे कह दी ? हम इतने कठोर है , अपने तीनो बच्चो को हमेशा कायदे कानून में रखते है , उन्हें उनका अच्छा बुरा समझाते रहते है लेकिन आज हमने किसी से कुछ क्यों नहीं कहा ?”
“नहीं बड़े पापा ऐसा नहीं है , आपने हमेशा सही फैसला लिया है और हमे आपके किसी भी फैसले पर कभी सोचने की जरूरत नहीं पड़ी”,मुन्ना ने सहजता से कहा तो शिवम् ने एक नजर उसकी ओर देखा और फिर सामने देखते हुए कहने लगा,”पता है मुन्ना पहले हम भी तुम्हारी तरह थे अपनी दुनिया में खुश रहते थे , फिर तुम्हारी बड़ी माँ हमारी जिंदगी में आयी और उसके बाद से हमारी जिंदगी बदल गयी , हमने उनका बहुत इंतजार किया और वो हमारी जिंदगी में भी बहुत उतार चढाव देखने के बाद आयी। आज भी हम बहुत मजबूत इंसान है लेकिन ना जाने क्यों प्यार का नाम सुनते ही हम कमजोर पड़ जाते है शायद इसलिए क्योकि इस प्यार को पाने के लिए हमने बहुत तकलीफ देखी है , बहुत इंतजार किया है , एक ऐसे दर्द से गुजरे है जिसकी आज के नौजवान कल्पना भी नहीं कर सकते। तुम में हमने अक्सर अपना अक्स देखा है मुन्ना,,,,,,,,,,,,,,,,,हम नहीं चाहते तुम्हारे हिस्से में वो दर्द , वो इंतजार , और आँसू आये जो हमने देखे है। जिस दर्द से हम गुजरे है उस दर्द से हम अपने बच्चो को कभी गुजरने नहीं दे सकते। तुमसे भी कुछ गलतिया हुई है मुन्ना , अनजाने में और जानबूझकर तुमने गौरी का बहुत दिल दुखाया है,,,,,,,,,,,,,,,,,,जिस से हम प्यार करते है न मुन्ना वो सिर्फ एक इंसान नहीं होता है बल्कि हमारी जिंदगी का एक अहम हिस्सा बन जाता है , उसे तकलीफ पहुंचाकर हम भी कभी सुकून से नहीं रह सकते। मुझे गौरी बहुत पसंद आयी इसलिए नहीं की वो काशी की दोस्त है या तुम उस से प्यार करते हो बल्कि इसलिए क्योकि उस बच्ची में किसी को माफ़ कर देने का एक बहुत बड़ा गुण है , वो रिश्तो की अहमियत समझती है
और ये भी जानती है की उन्हें कैसे सम्हालना है ? तुम्हे गौरी से माफ़ी मांगनी चाहिए मुन्ना ना सिर्फ इसलिए की तुम गलत हो बल्कि इसलिए भी क्योकि तुम एक मर्द हो और एक सच्चा मर्द वही होता है जो एक औरत की माफ़ी का सम्मान करे , उनकी भावनाओ को समझे”
मुन्ना ने सूना तो उसे अहसास हुआ की वाकई उसने गौरी को बहुत हर्ट किया है। वह शिवम् की तरफ पलटा और कहने लगा,”हम शर्मिन्दा है बड़े पापा , हम चाहकर भी आप जैसे नहीं बन सकते , हमने कुछ गलत फैसले लिए है और उनकी वजह से हमने आप सबको हर्ट किया लेकिन हमारे इरादे साफ थे बड़े पापा ,, आप सब हमारी फॅमिली है और हम कभी भी अपनी फॅमिली को परेशानी में नहीं डाल सकते”
“हां भले खुद को परेशानी में डाल लो,,,,,,,,,!”,पीछे से सारिका ने आते हुए कहा तो शिवम् और मुन्ना दोनों ने पलटकर देखा।
“बड़ी माँ,,,,,,,,,,,,,!!”,मुन्ना ने इतना ही कहा की सारिका ने प्यार से कहा,”तुम्हे गौरी से जाकर बात करनी चाहिए , यहाँ अपने बड़े पापा के साथ रहोगे तो इनकी तरह कठोर हो जाओगे”
शिवम् ने सूना तो मुस्कुरा उठा और मुन्ना से जाने का इशारा किया। मुन्ना वहा से चला गया तो शिवम् एक बार फिर अपने हाथो को बांधकर खड़ा हो गया। सारिका भी उसके बगल में आकर हाथ बांधकर खड़ी हो गयी। कुछ देर बाद शिवम् ने कहा,”तो अभी आप क्या कह रही थी की हम कठोर हो गए है”
“हाँ,,,,,,,,,,,,,,,,पर आज आपने जो किया वो देखकर हमे आप पर थोड़ा प्यार भी आ रहा है”,सारिका ने शिवम् की तरफ देखकर शरारत से कहा
“हम नहीं चाहते सरु फिर से कोई रांझणा अपनी हीर के लिए तरसे”,शिवम् ने सारिका के चेहरे की तरफ देखकर कहा तो सारिका शिवम् की तरफ पलटी और कहा,”ये बनारस है शिवम् जी देर सवेर हर हीर को अपना रांझणा मिल ही जाता है”
“आज हमारा मन बहुत खुश है सरु हम हमेशा सोचते थे की मुन्ना की जिंदगी में ऐसी कोई लड़की आये जो उसे समझ सके , उसे सम्हाल सके , उसकी भावनाओ को और मजबूत बना सके और हमे लगता है वो लड़की गौरी है”,शिवम ने सारिका के हाथो को थामते हुए कहा
“हाँ मुन्ना बहुत किस्मतवाला है की गौरी उसकी जिंदगी में आयी। काशी को भी एक अच्छा जीवनसाथी मिल चुका अब बस हमे हमारे लाड़ले की चिंता है , उसकी किस्मत में कौन लिखी है ? महादेव जाने”,सारिका ने कहा
“सरु वंश को देखकर नहीं लगता वो कभी किसी के प्यार में पडेगा , उसकी तो अरेंज मैरिज ही होगी और शायद वंश बाबा का सपना भी पूरा कर दे”,शिवम् ने मुस्कुराते हुए कहा
“पर ये लड़का है कहा ?”,सारिका ने कहा
“रुको हम उसे फोन करते है , आप अंदर चलिए हम आते है”,शिवम् ने कहा तो सारिका वहा से चली गई। शिवम् ने वंश का नंबर डॉयल किया लेकिन वंश का फोन बंद आ रहा था। कुछ देर बाद शिवम् अंदर चला आया।
वंश निशि को लेकर अपनी बाइक के पास पहुचा। निशि नीचे उतरी तो वंश ने अपनी कमर पकड़कर मुंह बना लिया जैसे दिखाना चाह रहा हो की निशि को उठाने से उसकी कमर अकड़ गयी है लेकिन निशि ने इस पर ध्यान नहीं दिया। उसने इधर उधर देखा सामने कुछ दूर उसे एक छोटी दुकान दिखाई दी। निशि ने ख़ुशी से वंश का हाथ पकड़ा और उसे दुकान की ओर ले आयी। उस दुकान पर कचौड़ी और आलू का भरता था निशि ने वो सब पहले कभी नहीं खाया था लेकिन भूख लगी थी तो उसने वंश से कहा। वंश ने एक प्लेट देने को कहा
“तुम नहीं खाओगे ?”,निशि ने पूछा
“नहीं मेरा मन नहीं है तुम खाओ”,वंश कहा और जेब से अपना फोन निकाला तो उसने देखा पानी में गिरने की वजह से फोन के बारह बज चुके है। वंश ने फोन वापस जेब में रख लिया। दुकानवाले ने निशि की तरफ प्लेट बढ़ा दी और वापस अपने काम में लग गया। निशि ने देखा प्लेट में चार गोल छोटी कचौड़ी थी , साथ में आलू का भरता , एक तरफ हरी चटनी , कुछ प्याज के टुकड़े और दो हरी मिर्च के टुकड़े,,,,,,,,,,,,,,,उन्हें देखकर निशि के मुंह में पानी भर आया उसने खाने के लिए कचौड़ी उठायी और खाया तो पता चला की वो खस्ता पूरी जैसी थी। निशि को वो कुछ फीकी लगी , लेकिन बेचारी क्या करती उसे खाना पड़ा , आलू के कुछ टुकड़े उठाकर भी सीधे खा लिए जो की थोड़े तीखे थे और उसका मुंह जलने लगा। वंश ने देखा तो उसके हाथ से प्लेट लेकर कहा,”इसे ऐसे नहीं खाते है , ऐसे खाओगी तो तुम्हे टेस्ट का पता नहीं चलेगा”
कहकर वंश ने कचौड़ी के बीच के आलू रखे , थोड़ा प्याज और ऊपर से हरी चटनी रखी। उसने कचौड़ी को उठाया और निशि की तरफ बढाकर कहा,”हम्म्म लो खाओ”
निशि एकटक वंश को देखने लगी , वंश अपने हाथ से उसे खिला रहा था और ऐसा करते हुए वह बहुत प्यारा भी लग रहा था। निशि को अपनी ओर देखता पाकर वंश ने कहा,”क्या हुआ खाओ ना ? पक्का ये अच्छा लगेगा”
निशि ने वंश के हाथ से खाया , हां इस बार वो सच में टेस्टी था निशि ने अपने दोनों हाथो से ओके का साइन दिया तो वंश ने उसे कचौड़ी का एक निवाला और खिलाया बाकि बचा आखरी टुकड़ा जैसे ही खुद खाने लगा निशि ने कहा,”अरे ये जूठा है”
“हाँ तो तुम्हारा जूठा खाने से मैं मर थोड़े जाऊंगा,,,,,,,,,,,,,,,,चलो अब ये सब जल्दी से खत्म करो”,वंश ने प्लेट वापस निशि को देते हुए कहा तो उसकी नजर निशि के होंठो पर चली गयी जहा नीचे थोड़ा सा खाना लगा था। वंश ने ऊँगली से इशारा करके कहा,”वो,,,,,,,,,!!
“ह्म्मम्म्म्”,निशि ने अपनी भँवे उचकाई क्योकि उसके मुंह में खाना भरा था। वंश थोड़ा उसके पास आया और अपने हाथ से उसके होंठो के नीचे लगे खाने को हटा दिया। वंश की छुअन से निशि का दिल धड़क उठा , वह अपनी बड़ी बड़ी आँखों को और बड़ा करके वंश को देखने लगी
निशि वंश को एकटक देखते रही तो वंश ने उसके सामने हाथ हिलाते हुए कहा,”हेलो , इसे जल्दी खत्म करो फिर घर भी जाना है”
वंश की आवाज से निशि की तंद्रा टूटी तो उसने नजरे घुमा ली और प्लेट में रखी कचौड़िया खत्म करने लगी। पानी में गिरने की वजह से वंश का पर्स भी भीग गया था और उसमे रखे पैसे भी,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,हालाँकि दुकानवाला उसे जानता था इसलिए वंश ने अगले दिन देने की बात कही और निशि को अपने साथ लेकर वहा से निकल गया। वंश निशि को लेकर घर के पीछे वाली साइड पहुंचा।
“हम लोग घर के पीछे क्यों आये है ?”,निशि ने बाइक से उतरते हुए पूछा
“हे भगवान,,,,,,,,,,,,,,,जितनी बकवास तुम करती हो काश तुम उतनी स्मार्ट भी होती,,,,,,,,,,,,,,अगर दोनों साथ सामने से गए और घरवालों ने पूछा तो क्या जवाब देंगे ? इसलिए तुम जाओगी बालकनी से ऊपर और मैं जाऊंगा सामने से घर,,,,,,,,,,,,,अब सब क्लियर है ?”,वंश ने पूछा
“हम्म्म्म”,निशि ने कहा तो वंश ने उसकी बालकनी में जाने में मदद की और फिर खुद बाइक लेकर घर के मेन गेट से अंदर चला आया। शिवम् उस वक्त बरामदे में ही था वंश को देखकर उसने फोन वापस जेब में रख लिया। वंश बाइक साइड में लगाकर बरामदे की तरफ आया तो शिवम् को देखकर उसका दिल धड़कने लगा। शिवम् के सामने झूठ बोलने पर वंश अक्सर पकड़ा जो जाता था।
“तुम कहा रह गए थे वंश ? हमने फोन किया तुम्हारा फोन भी बंद आ रहा है”,शिवम् ने उसकी तरफ आकर कहा
“वो पापा मैं,,,,,,,,,,,,,,,,,,!”,वंश ने इतना ही कहा की सारिका फिर बाहर आयी और कहा,”अरे वंश आ गए तुम , कहा रह गए थे बेटा ? और निशि कहा है ? वो तुम्हारे साथ थी क्या ?”
“नहीं माँ वो मेरे साथ कैसे होगी ? आपने अंदर ठीक से देखा वो शायद घर में ही होनी चाहिए”,वंश ने कहा तो सारिका ने वंश और शिवम् को अंदर आने को कहा और खुद भी अंदर चली आयी। नीचे किसी कमरे में निशि नहीं थी , इसलिए सारिका ऊपर जाने लगी।
बालकनी से निशि कमरे में आयी और कमरा देखते ही कहा,”अह्हह्ह मैं फिर उस चिरकुट के कमरे में आ गयी”
निशि बिस्तर की तरफ आयी तभी उसे किसी के ऊपर आने की आहट सुनाई दी निशि जल्दी से बिस्तर में जा घुसी और गले तक चद्दर ओढ़ ली ताकि किसी को पता न चले , उसने आँखे मूंद ली और ऐसे दिखाया जैसे वो बहुत गहरी नींद में सो रही है। कुछ देर बाद कमरे का दरवाजा खुला सारिका अंदर आयी और मुस्कुराते हुए खुद से कहा,”ओह्ह्ह हम तो भूल ही गए थे , निशि तो यहा है शायद यही सो गयी होगी”
सारिका ने कमरे की लाइट बंद की और दरवाजा बंद करके वहा से चली गयी। सारिका के जाने के बाद निशि ने चैन की साँस , वह उठकर बैठ गयी , खिड़की से आती चाँद की रौशनी से कमरे में थोड़ा उजाला था। निशि के कपडे अभी भी कुछ कुछ नम थे , वह उठी लेकिन कमरा वंश का था और निशि अपने कपडे लेने नीचे नहीं जा सकती थी इसलिए उसने वंश का कबर्ड खोला और उसमे रखा टीशर्ट ट्राउजर उठाकर बाथरूम की ओर बढ़ गयी। निशि ने शॉवर लिया और कपडे बदलकर बाहर चली आयी। वंश की टीशर्ट उसे बहुत लूज थी पर उस पर अच्छी लग रही थी। निशि शीशे के सामने आकर ड्रायर से अपने बालो को सुखाने लगी उसकी नजर शीशे पर लिख उन शब्दों पर गयी जो आज सुबह उसने लिखे थे “आई थिंक यू आर क्यूट चिरकुट” निशि उन शब्दों को देखकर मुस्कुरा उठी। उसकी आँखों के सामने घाट वाला सीन आने लगा जब वंश उसे बचाने के लिए पानी में कूद गया , उसे अपनी पीठ पर उठाकर सड़क पर चलना , उसे अपने हाथ से खिलाना और फिर अपने हाथ से उसके होंठो पर लगे खाने को साफ करना,,,,,,,,,,,,ये सब किसी खूबसूरत फिल्म की तरफ वंश की आँखों के सामने चलने लगा। निशि ने वंश की पहनी टीशर्ट को गर्दन से उठाकर नाक से लगाया और मुस्कुरा उठी,,,,,,,,,,,,,,,,वो खुद नहीं समझ पा रही थी की वो ऐसा क्यों कर रही है लेकिन उसे ये करना अच्छा लग रहा था। कुछ देर बाद निशि आकर बिस्तर पर लेट गयी।
वंश अंदर आया देखा सब घर में ही थे और बहुत खुश थे उन्हें खुश देखकर वंश को बहुत अच्छा लगा आज उसे खुद पर ही गर्व महसूस हो रहा था। वंश आकर कुछ देर अपने नाना नानी के पास बैठ गया , आई बाबा भी वही थी। वंश को देखकर अधिराज जी ने कहा,”क्यों वंश काशी और मुन्ना ने तो अपने अपने जीवनसाथी खुद चुन लिए अब तुम्हारा क्या ख्याल है ?”
“क्यों नानू मैं आपसे मेरी ख़ुशी देखी नहीं जा रही क्या ?”,वंश ने कहा तो सभी हंस पड़े
“अरे वंश बिटवा एक ना एक दिन तो सबको शादी करनी ही पड़ती है,,,,,,,,,,,,,,,,और तुम्हरे लिए तो लड़की हम देखेंगे बस तुम जे प्यार व्यार के चक्कर में ना पड़ना”,आई ने कहा तो वंश आकर आई के बगल में बैठा और कहा,”मैं काशी और मुन्ना की तरह पागल नहीं हूँ , अभी तो मुझे अपनी लाइफ में बहुत कुछ करना है आई”
“हाँ बेटा बिल्कुल , सारिका बता रही थी तुम वापस मुंबई जाने वाले हो”,अम्बिका जी ने कहा
“हाँ नानी माँ जल्दी ही , शूटिंग शुरू होने वाली है ना इसलिए जाना होगा,,,,,,,,,,,,,,एक बार वहा सेटल हो जाऊ उसके बाद आप सबको मुंबई घुमने बुलाऊंगा , आई बाबा आप लोग आएंगे ना ?”,वंश ने खुश होकर कहा
“अरे बिल्कुल , हमको तो बहुते शोक है घूमने का,,,,,,,,,,,,,!!”,आई ने चहकते हुए कहा। कुछ देर बाद वंश उठा और अपने कमरे में जाने के लिए जैसे ही सीढिया चढ़ने लगा सारिका ने कहा,”वंश,,,,,,,,,,,,!”
“हाँ माँ,,,,!”,वंश ने कहा
“वो तुम्हारे कमरे में निशि सो रही है तुम नीचे वाले रूम में सो जाओ”,सारिका ने कहा तो वंश वापस नीचे चला आया और गेस्ट रूम की तरफ जाने लगा। चलते चलते वंश की नजर काशी के कमरे की तरफ चली गयी। वंश ने देखा काशी अपने दोस्तों के साथ बाते कर रही है तो वह भी अंदर चला आया और गौरी से कहा,”वैसे इनके साथ तो तुम हमेशा रहती हो , इस वक्त तुम्हे मुन्ना के होना चाहिए,,,,,,,,,,,,,,वैसे वो छत पर तुम्हारा इंतजार कर रहा है”
“क्या सच में ?”,गौरी ने चमकती आँखों से वंश को देखकर कहा
“हाँ मुझे तो ऐसा ही लगता है , चलो जाओ यहाँ से तब तक मैं इनसे बातें कर लेता हूँ तुम्हारे चक्कर में मैंने इन्हे बहुत इग्नोर किया है”,वंश ने ऋतू प्रिया के बीच आकर बैठते हुए कहा
“आई हेव बॉयफ्रेंड”,ऋतू ने बड़े ही प्यार से कहा तो वंश ने मुंह बना लिया , उसने उम्मीदभरी नजरो से प्रिया को देखा तो उसने भी कहा,”मेरा भी है”
वंश उठा और कमरे से बाहर जाते हुए ऊँची आवाज में कहा,”हम शरीफ क्या हुए सब लड़कियों के बॉयफ्रेंड पैदा हो गए”
ऋतू , प्रिया , गौरी और काशी ने सूना तो ठहाका लगाकर हंस पड़ी।
Main Teri Heer – 38 Main Teri Heer – 38 Main Teri Heer – 38 Main Teri Heer – 38 Main Teri Heer – 38 Main Teri Heer – 38 Main Teri Heer – 38 Main Teri Heer – 38 Main Teri Heer – 38 Main Teri Heer – 38 Main Teri Heer – 38 Main Teri Heer – 38 Main Teri Heer – 38 Main Teri Heer – 38 Main Teri Heer – 38 Main Teri Heer – 38 Main Teri Heer – 38 Main Teri Heer – 38 Main Teri Heer – 38 Main Teri Heer – 38 Main Teri Heer – 38 Main Teri Heer – 38 Main Teri Heer – 38 Main Teri Heer – 38 Main Teri Heer – 38 Main Teri Heer – 38 Main Teri Heer – 38 Main Teri Heer – 38 Main Teri Heer – 38 Main Teri Heer – 38 Main Teri Heer – 38 Main Teri Heer – 38 Main Teri Heer – 38 Main Teri Heer – 38 Main Teri Heer – 38
क्रमश – Main Teri Heer – 39
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संजना किरोड़ीवाल
गजब 😍😍😍😍
As always superb superb superb superb superb superb superb superb superb superb superb superb superb mind blowing fantastic fabolous ossssssmmmm blosssssmmmm part of the day 👌👌👌👌👌👌👌 eagrly waiting for the next 👌👌👌👌👌👌👌 soooooooooo beautiful story 👌👌👌👌👌👌👌👌
Majedar h vansh b
Dil ko sukun mil jata h usko padakar
Very interesting and beautiful ❤️❤️❤️❤️
Vansh ki last wali line badi mazedaar thi, bhut acha laga aaj ka part
Vansh is super duper cute😘😘😘😘😘,last vali line to kmaal hi thi
पार्ट ये वाला हैप्पी एंडिंड की ओळ बढ़ रहा है….लगता है कि जल्दी कहानी खत्म होगी😣😥😖
Bhut hi shaandaar part tha maam
Very nice part 👌
Lovely and beautiful part ❤ 😍 💕 ♥ 💖 💗 ❤
Superb part… finally munna or Gauri ko green signal mil gya… vansh or Nishi dono ko hi kuch alag feel ho Raha h but wo samjh nhi pa rhe.. dono ko ek duje ka sath accha lagta h…nok jhook k bina to khana nhi pachta…ab to inki bhi batti jalwa do ki inhe bhi pyar ho gya ek duje se… Vansh ki last wali line superb thi… waiting eagerly for next part
Very beautiful
next part mam
Sanjana ji… next part upload kijiye please… we are waiting…
Nice story
Sb kuch line se tik ho ra hh… Or sb tik to khani khatam😝😝😝
Next part kha se pde🤔🤔