“हाँ ये मोहब्बत है” – 4
Haan Ye Mohabbat Hai – 4
अक्षत और मीरा जहा अपनी शादीशुदा जिंदगी की शुरुआत कर चुके थे वही कोई तो था जो मीरा के साथ अपनी दुश्मनी की जड़े मजबूत कर रहा था । अक्षत और मीरा की जिंदगी में शांति थी लेकिन ये शांति आने वाले किसी तूफान का संकेत थी। घर में निधि की सगाई की तैयारियां चल रही थी। अगली सुबह नाश्ते के बाद अर्जुन और विजय जी सगाई के लिए वेन्यू बुक करने चले गए। नीता , मीरा , निधि और राधा मार्किट जाने की तैयारी करने लगे और ड्राइवर की ड्यूटी उन्होंने दी अक्षत को , क्योकि उस वक्त घर में अक्षत ही बचा था बाकि दादा दादी तो सुबह सुबह ही अपने दोस्तों के साथ इंदौर में किसी मंदिर के लिए निकल गये। घर में सिर्फ रघु ही था उसे घर का ध्यान रखने को बोलकर बाकी सब भी चले गए। नीता राधा और निधि पीछे बैठी थी। अक्षत आगे और बगल में मीरा चीकू को अपनी गोद में लेकर बैठी थी। जैसे ही गाड़ी व्यास हॉउस से बाहर निकली सड़क के उस पार झाड़ियों में छिपा एक आदमी बाहर आया उसने काले रंग का बड़ा सा जैकेट पहन रखा था और उसी जैकेट का केप ओढ़े हुए था। हाथो में काले रंग के दस्ताने थे और पैरो में काले रंग के जूते पहने था। वह व्यास हॉउस के मेन गेट की और आया और पारखी नजरो से घर देखने लगा। उसे गेट के बाहर खड़े देखकर रघु आया और कहा,”कौन हो भाई तुम ? और यहाँ क्या कर रहे हो ?”
“मुसाफिर हूँ घर ढूंढ रहा हूँ”,आदमी ने सधी हुई आवाज में कहा
“लेकिन ये घर बिकाऊ नहीं है यहाँ तो लोग रहते है , तुम आगे जाओ शायद कोई घर मिल जाये”,रघु ने कहा
“शुक्रिया”,आदमी ने कहा और चला गया
रघु भी वापस अपने काम में लग गया। अक्षत सबको लेकर मार्किट पहुंचा राधा , निधि मीरा और नीता गाड़ी से उतर गए अक्षत का भीड़ में जाने का मन नहीं था इसलिए वह चीकू के साथ गाड़ी में ही रुक गया। सबके जाने के बाद अक्षत ने म्यूजिक चला लिया और सीट से सर लगाकर सुनने लगा। जबसे मीरा अक्षत की जिंदगी में आयी थी अक्षत को संगीत से प्यार हो चुका था। चीकू वही बगल में बैठा खेल रहा था। निधि ने सगाई में पहनने के लिए डार्क मेहरून रंग का लहंगा लिया। नीता ने भी अपने और राधा के लिए साड़ी पसंद कर ली बस मीरा ही कुछ पसंद नहीं कर पा रही थी ,, 20-25 साडिया देखने के बाद मीरा ने थक कर गर्दन झुका ली और मन ही मन में कहा,”काश अक्षत जी यहा होते तो कितना आसान होता ना ये सब”
सोचकर मीरा ने जैसे ही सामने देखा , चीकू को गोद में उठाये अक्षत चला आ रहा था
अक्षत को अपने सामने देखकर मीरा मुस्कुरा उठी। अक्षत को वहा देखकर नीता ने कहा,”देवर जी अब आप ही मदद कर दीजिये मीरा की उसे तो कुछ पसंद नहीं आ रहा है”
अक्षत ने चीकू को नीचे उतारा और मीरा के बगल में बैठते हुए कहा,”भैया वो ग्रीन वाली दिखाना (सामने रॉ में रखी साड़ी की और इशारा करके कहता है)
दुकानवाला अक्षत की बताई साड़ी निकालकर उसे दिखाता है। अक्षत दो चार साड़िया और देखता है उसके बाद उसे क्रीम कलर की रेड बॉर्डर वाली बनारसी साड़ी पसंद आती है और वह उसे पैक करने के लिए बोल देता है। उसे ऐसा करते देखकर राधा कहती है,”अरे आशु एक बार मीरा से तो पूछ लो उसे पसंद है भी या नहीं ?”
“माँ जब पहनकर मुझे दिखाना है तो फिर साड़ी मेरे पसंद की होनी चाहिए ना”,अक्षत ने कहा तो राधा ने कहा,”तू कभी नहीं सुधरेगा तेरा बस चले तो अपनी मीरा को कही ना जाने दे”
अक्षत ने सूना तो शरमा कर अपना सर खुजाने लगा। राधा ने मीरा से पूछा तो उसने कहा,”अच्छी है माँ”
अक्षत ने सबके बिल पे किये और सबको साथ लेकर चल पड़ा चलते चलते उसे कुछ याद आया तो उसने मीरा से कहा,”मीरु तुम चलो मैं अभी आता हूँ”
मीरा सबके साथ चली गयी अक्षत वापस आया कुछ आर्डर किया और उसका बिल भी पे करके बैग अपने साथ लेकर शोरूम से बाहर आ गया। अक्षत सोचते हुए चल ही रहा था की तभी उसकी नजर सड़क पर तेजी से आती गाड़ी की और गयी अक्षत ने देखा गाड़ी के बिल्कुल सीध में मीरा चली जा रही है। किसी अनहोनी के डर से अक्षत का दिल धड़का और वह मीरा की और दौड़ा , गाड़ी जैसे ही मीरा के करीब आयी अक्षत ने मीरा का हाथ पकड़ कर उसे अपनी और खींच लिया। गाड़ी तेजी से वहा से निकल गयी
“आशु,,,,,,,,,,,,!!”,राधा चिल्लाई गनीमत था अक्षत और मीरा को कोई चोट नहीं आयी अक्षत ने मीरा को सम्हाला और कहा,”तुम ठीक हो ना मीरा ?”
“हम ठीक है”,मीरा ने डरे हुए स्वर में कहा
नीता , निधि और राधा उन दोनों के पास आयी और उन्हें सम्हाला।
“कितना बद्तमीज था वो गाड़ी वाला अगर देवर जी नहीं आये होते तो पता नहीं क्या होता ?”,नीता ने गाड़ी वाले को कोसते हुए कहा
“कोई बात नहीं सब ठीक है भाभी आप चीकू को सम्हालो और चलकर सब गाड़ी में बैठो”,अक्षत ने कहा मीरा भी जाने लगी तो अक्षत ने हाथ पकड़कर उसे रोक लिया और कहा,”तुम ठीक हो ना मीरा ? मुझे तुम्हारा ख्याल रखना चाहिए था मैंने तुम्हे अकेले भेज दिया आई ऍम सॉरी”
“अक्षत जी हम बिल्कुल ठीक है और आप इतने परेशान क्यों हो रहे है ? वो बस एक्सीडेंट था जिस से किसी को नुकसान नहीं हुआ। ज्यादा मत सोचिये और चलिए”,मीरा अक्षत को साथ लेकर चल पड़ी ना चाहते हुए अक्षत की नजर सड़के के उस नुक्कड़ पर चली गयी जहा से वो गाड़ी मुड़ी थी। खैर सभी आकर गाड़ी में बैठे। अक्षत ने गाड़ी स्टार्ट की और आगे बढ़ा दी मन को शांत करने के लिए म्यूजिक सिस्टम ऑन कर दिया
“तुम हो पास मेरे साथ मेरे हो तुम यु
जितना महसूस करू तुमको उतना ही पा भी लू
ओह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्हह,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,!!!”
मीरा ने सूना तो अक्षत की और देखने लगी। अक्षत के चेहरे पर परेशानी के भाव देखकर मीरा ने अपना हाथ अक्षत के हाथ पर रख दिया अक्षत ने उसकी और देखा तो मीरा ने अपनी पलके झपकाकर उसे आस्वस्त किया। राधा ने अक्षत को सुनार के पास चलने को कहा। इस बार अक्षत भी सबके साथ शॉप पर चला आया। राधा ने निधि के लिए और हनी के लिए सगाई की अंगूठी खरीदी। खरीदारी करते हुए दोपहर के 3 बज चुके थे सबने बाहर ही खाना खाया और फिर घर के लिए निकल गए।
अक्षत ने सबको घर छोड़ा और खुद गाड़ी लेकर किसी काम से बाहर चला गया। राधा और सभी अंदर आये देखा विजय जी और अर्जुन भी आ चुके है। अर्जुन ने नीता से सबको चाय पिलाने को कहा तो मीरा ने कहा,”हम ले आते है”
“मीरा तुम बैठो मैं ले आती हूँ चीकू के लिए दूध भी लाना है”,कहकर नीता किचन की और चली गयी। राधा और निधि सभी हॉल में ही आकर बैठ गयी दादा-दादी अभी आये नहीं थी उन्होंने शाम की आरती के बाद घर आने का कहा था। चाय पिने के बाद सभी अपने अपने कमरों में चले गए निधि मीरा के कमरे में चली आयी और कहा,”यार मीरा मुझे तो बहुत बेचैनी हो रही है”
मीरा ने निधि के दोनों हाथो को अपने हाथो में लेकर उसे सोफे पर बैठाते हुए कहा,”कैसी बेचैनी ?”
“सगाई को लेकर सब कितनी जल्दी हो रहा है ना , एक अजीब सी फीलिंग आ रही है”,निधि ने कहा तो मीरा मुस्कुरा उठी और कहा,”पागल हो तुम सच में निधि ,, ये पल एक लड़की की जिंदगी में सबसे खूबसूरत पल होते है तुम्हे इन पलो को खुलकर जीना चाहिए। हनी बहुत अच्छा लड़का है”
“थैंक्यू मीरा तुमने तो मेरी टेंशन ही दूर कर दी , यू आर द बेस्ट भाभी इन दिस वर्ल्ड,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,!!”,निधि ने मीरा को हग करते हुए कहा
“एंड यू आर द बेस्ट फ्रेंड इन दिस वर्ल्ड,,,,,,,,,,,,!!”,मीरा ने भी उसे हग करते हुए कहा
मीरा-अक्षत की शादी के बाद निधि और मीरा के बीच रिश्ता और भी गहरा हो गया था। मीरा जितनी अच्छी दोस्त थी उतनी ही अच्छी निधि की भाभी भी थी। दोनों साथ बैठकर बाते करती रही और फिर थकान के कारण निधि वही सो गयी मीरा उसके बालो में उंगलिया घुमाती रही कुछ देर बाद मीरा उठी और कमरे से बाहर चली आयी। नीचे आकर मीरा राधा के साथ मिलकर रात के खाने की तैयारियां करने लगी। रात के खाने पर सब मौजूद थे बस अक्षत नहीं था
“राधा आशु कहा है ?”,विजय जी ने पूछा
“वो तो दोपहर से ही बाहर है , मैं फोन करती हूँ”,राधा ने कहा और लेडलाइन से अक्षत को फोन लगाया लेकिन फोन बिजी जा रहा था
“उसका फोन बिजी आ रहा है , आप सब खाइये ना वो आ जाएगा शायद किसी काम में फंसा हो”,राधा ने कहा तो बाकि सब खाना खाने लगे
रात के 10 बजने को आये लेकिन अक्षत घर नहीं आया अब तो मीरा को चिंता होने लगी थी। वह बार बार गेट के पास जाकर देखती लेकिन अक्षत नहीं आया। अर्जुन नीता और चीकू सोने जा चुके थे। निधि भी खाना खाने के बाद अपने कमरे में चली गयी। मीरा बाहर कॉरिडोर में अक्षत का इंतजार कर ही रही थी की तभी अक्षत की गाडी की आवाज आयी , रघु ने गेट खोला अक्षत गाड़ी लेकर अंदर आया जैसे ही गाड़ी से उतरा उसकी नजर सामने खड़ी मीरा पर पड़ी और वह समझ गया की मीरा नाराज है। अक्षत मीरा से कुछ कहता इस से पहले ही मीरा वहा से चली गयी। अक्षत उसके पीछे पीछे आया। अंदर आकर हाथ मुंह धोया और फ्रेश होकर ऊपर जाने लगा।
“खाना नहीं खाएंगे आप ?”,मीरा ने पूछा
अक्षत को याद आया की वह तो खाना आज बाहर से ही खाकर आया है वह पलटा और मीरा से कहा,”वो एक मीटिंग थी तो खाना मैंने बाहर ही खा लिया”
“हम्म”,मीरा ने धीरे से कहा और वापस किचन की और चली गयी। अक्षत भी ऊपर कमरे में चला आया और अपना लेपटॉप खोलकर उसमे कुछ काम करने लगा , आधे घंटे बाद उसे याद आया की मीरा हमेशा उसके बाद खाना खाती है। उसने लेपटॉप साइड में रखा और नीचे आया देखा मीरा के सामने खाना रखा है और वह खामोश कुर्सी पर बैठी कही खोयी हुई है। अक्षत उसके पास आया और पास पड़ी कुर्सी पर बैठ गया। उसने मीरा के हाथ को अपने दोनों हाथो में लिया और कहने लगा,”सॉरी मीरा”
मीरा अपने ख्यालो से बाहर आयी और अक्षत की और देखकर कहा,”आप क्यों सॉरी बोल रहे है ? हमारी कमी है की हमने ऐसे रूल्स बना रखे है जिनका पालन सब करे ऐसा जरुरी तो नहीं है”
अक्षत ने सूना तो उसे अपनी गलती का अहसास हुआ और उसने एक निवाला तोड़कर मीरा की और बढाकर कहा,”तुम और तुम्हारे रूल्स अपनी जगह सही है मीरा बस आज किसी जरुरी मीटिंग की वजह से बाहर ही खाना पड़ा , उन्होंने इतना कहा की मैं ना नहीं कह पाया। छोडो ना गुस्सा और खाना खाओ”
मीरा अक्षत से कितना भी गुस्सा हो जाये लेकिन उसका मासूम चेहरा देखकर अक्सर पिघल जाती थी। वह मुस्कुरायी और अक्षत के हाथ से निवाला खा लिया। उसके बाद जब तक मीरा ने खाना खाया अक्षत वही उसके पास बैठा रहा। खाना खाने के बाद अक्षत और मीरा उपर चले आये
मीरा कमरे की और जाने लगी तो अक्षत ने कहा,”मीरा चलो ना थोड़ी देर के लिए छत पर चलते है”
“अक्षत जी ठण्ड है आपको सर्दी हो जाएगी”,मीरा ने कहा
“प्लीज मीरा थोड़ी देर के लिए”,अक्षत ने रिक्वेस्ट की तो मीरा ने रुकने का इशारा किया और कमरे से अपना शॉल ले आयी। अक्षत के पास आकर मीरा ने उसे शॉल ओढ़ाया। अक्षत मीरा के थोड़ा करीब आया और कहा,”ऐसा हमेशा किया करो ना मीरा अच्छा लगता है”
जवाब में मीरा मुस्कुरा दी दोनों छत पर चले आये सर्दियों का मौसम था छत पर आकर बरामदे में आग जलाई और मीरा के साथ वहा आ बैठा। दोनों हाथ सेकने लगे मीरा ने स्वेटर पहना था। जलती हुई आग में मीरा का चेहरा दमक रहा था अक्षत उसे प्यार से देखता रहा और फिर कहने लगा,”पता है मीरा मेरा सबसे बड़ा सपना है “अमायरा” आज उसी के लिए मीटिंग थी। एक बार मैं वो काम शुरू कर दू उसके बाद हमेशा तुम्हारे पास रहूंगा , तुम्हारा ख्याल रखूंगा , तुम्हे खुश रखूंगा।”
मीरा ने अक्षत के हाथ को थामा और कहा,”हम खुश है अक्षत जी , आपके और हमारे सपने अलग नहीं है”
“तुम्हारी इन्ही बातो से मुझे हिम्मत मिलती है मीरा , तुम्हारे भरोसे और प्यार के साथ मैं हर परेशानी से लड़ सकता हूँ ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,सीधे शब्दों में कहू तो तुम मेरी ताकत हो मीरा”,अक्षत ने मीरा की आँखों में देखते हुए कहा
“आज इतनी तारीफ कुछ स्पेशल है ?”,मीरा ने पूछा तो अक्षत ने शॉल खोला और मीरा को अपने पास आने का इशारा किया। मीरा अक्षत के पास उसकी बांहो में चली आयी तो अक्षत वह शॉल दोनों के चारो और लपेट ली और मीरा के सर को चूमते हुए कहा,”नाउ आई ऍम स्ट्रांग पर्सन इन दिस वर्ल्ड क्योकि तुम मेरे साथ हो”
“और हमारे लिए ये जगह दुनिया की सबसे महफूज जगह है”,कहते हुए मीरा ने आँखे मुंदी और अपना सर अक्षत के सीने से लगा लिया। अक्षत जलती हुई आग को देखता रहा और फिर धीरे से कहा,”मीरु”
“हम्म्म”,मीरा ने अक्षत की बांहो में सिमटे हुए कहा
“क्या तुम हमेशा मुझे इतना ही प्यार करोगी ?”,अक्षत ने सवाल किया
“हम इस दुनिया में सबसे ज्यादा प्यार सिर्फ आपसे करते है , हमारे जीने की एक वजह है आप। जिंदगी में भले कैसा भी मोड़ आये हम कभी आपका साथ नहीं छोड़ेंगे अक्षत जी”,मीरा ने आँखे मूंदे हुए कहा
“तुम हो तो सब है मीरा”,अक्षत ने कहा और एक बार फिर अपने होंठो को मीरा के सर से छू दिया। एक दूसरे के आगोश में बैठे अक्षत और मीरा उन अहसासों को महसूस कर रहे थे। कुछ देर बाद अक्षत ने महसूस किया की मीरा को नींद आ चुकी है अक्षत मुस्कुराया और सोई हुई मीरा को गोद में उठा लिया। जब गोद में उठाया तो अक्षत को अहसास हुआ की शादी के बाद मीरा का वजन थोड़ा बढ़ गया है।
“शादी के बाद भारी हो गयी हो मीरा,,,,,,,,,,,,,,,,खैर फिर भी तुम्हे तो उठा लूंगा”,कहकर अक्षत उसे नीचे ले आया। रूम का दरवाजा पैर से धकेला और उसे लेकर अंदर आया बिस्तर के एक साइड आराम से सुलाकर अक्षत ने मीरा को कम्बल ओढ़ा दी। उसके बालो को सही करते हुए सर पर हाथ फेरा और फिर उसके ललाट पर किस करके उसकी और की लाइट बंद कर दी। अक्षत अपनी साइड आया टेबल पर रखा अपना लेपटॉप खोलकर उसमे कुछ काम करने लगा। रात के 2 बजने को आये अक्षत को अब नींद आने लगी थी उसने लेपटॉप साइड में रखा और आकर मीरा के बगल में लेट गया। मीरा को नींद में अक्षत के अपने पास होने का अहसास हुआ तो उसने अपना सर अक्षत के सीने पर रख दिया और उसकी धड़कनो की आवाज कानो से होकर उसके दिल में उतर रही थी।
Haan Ye Mohabbat Hai – 4 Haan Ye Mohabbat Hai – 4 Haan Ye Mohabbat Hai – 4 Haan Ye Mohabbat Hai – 4 Haan Ye Mohabbat Hai – 4 Haan Ye Mohabbat Hai – 4 Haan Ye Mohabbat Hai – 4 Haan Ye Mohabbat Hai – 4 Haan Ye Mohabbat Hai – 4 Haan Ye Mohabbat Hai – 4 Haan Ye Mohabbat Hai – 4 Haan Ye Mohabbat Hai – 4 Haan Ye Mohabbat Hai – 4 Haan Ye Mohabbat Hai – 4 Haan Ye Mohabbat Hai – 4 Haan Ye Mohabbat Hai – 4 Haan Ye Mohabbat Hai – 4 Haan Ye Mohabbat Hai – 4 Haan Ye Mohabbat Hai – 4 Haan Ye Mohabbat Hai – 4 Haan Ye Mohabbat Hai – 4 Haan Ye Mohabbat Hai – 4 Haan Ye Mohabbat Hai – 4 Haan Ye Mohabbat Hai – 4 Haan Ye Mohabbat Hai – 4
क्रमश – हां ये मोहब्बत है – 5
Read More – “हाँ ये मोहब्बत है” – 3
Follow Me On – facebook | instagram | youtube
Buy This book Here – archanapublication
संजना किरोड़ीवाल
🤗🤗🤗🤗
Bohat accha likha hai di…. Next part ke liye wait krungi mai💓💓💓💓
How romantic…♥️♥️Par yaar yeh akshat ko bahar jana hai ya khana bahar se khakar aana hai toh ek phone karke bata nahi sakta…huh 😏hai hee complicated boy… toh kya sochna…par jo bhi ho …Meera bahut caring aur understanding hai…⭐️⭐️⭐️⭐️⭐️
Ye apne रियलिटी बताई है शादी k bad sch me लडकियां भारी हो जाती है😁🤣😅😂
Lovely part💕💕
Pata nhi ye kahani apni si lagti pr ek Meera ki kami hai bus 😑 aaj ka part osm 👌
It’s lovely and romantic part 😍 💕
आज तो मौसम बहुत रोमांटिक हो गया…मीरा अक्षत को जितना चाहती है उतना अक्षत भी चाहता है….इनकी चाहत सुकून भरी होती है…प्रेम की पवित्रता का अहसास कराती है…आजकल जो प्यार की परिभाषा लोगों ने दी है पूरे इनके उलट है…ये एक कहानी के पात्र है लेकिन हमारे लिए ये जीवंत है …हम महसूस करते है इनको अपने विचारों में , कल्पनाओं में ..अपने मन में जो छवि है जो इन किरदारों की हमेशा ही रहेगी ….
Fabulous Part
Bhut hi shaandaar part tha maam
Lovely part.
Superb
Love unconditional❤️❤️
सर्दी के मौसम रोमेंस ही रोमेंस हो रहा है प्यारा सा♥️♥️♥️♥️
What a lovely couple 😘😘😘😘😘😘😘😘😘😘😘😘😘😘
Very nice story 😊😊😊
Pure love dikhaya h apne akshat or meera ka jaha bin kahe dono ek dusre ko samajh jate hai.
Ma’am part 5 upload kijiye please
Bahot hii 💖💖💖💖💖💖💖💖💖💖💖💖💖💖💖💖💖💖💖💖💖💖💖💖💖💖💖💖💖💖💖💖💖💖💖💖💖💖💖💖💖💖💖💖💖💖💖💖💖💖💖💖💖💖💖💖💖💖💖💖💖💖 hai
Superb part… akshat babu ne apni pasand ki saari le li kyunki wo janta h meera uske bina kuch pasand nhi kregi… wapas ja k wo kuch or shayad ek or sari le aaya…wo accident mona ne hi krwane ki kohshish ki hogi…. Wo black coat wala aadmi mona ka hi hoga… akshat or meera dono ek duje se beintaha mohabbat krte h… lekin aaj akshat bahar gya or usne inform nhi Kiya jabki wo janta h meera uske bina khana nhi khati…ye akshat k sapne anayara ki wajah se ya akshat us car ka pata lagane gya tha jo meera ki taraf badh rhi thi… waiting eagerly for next part
Bht hi khubsoorat h mam part