Sanjana Kirodiwal

Telegram Group Join Now

“सोलमेट्स” aren’t just lovers – 10

Soulmates aren’t just lovers – 10

Soulmates
Soulmates

बारिश की वजह से साँझ को दीपक के घर आना पड़ा। दीपक ने साँझ को बदलने के लिए कपडे दे दिए जैसे ही साँझ साड़ी पहनकर बाहर आयी दीपक उसे देखते ही रह गया। कुछ देर बाद उसे अहसास हुआ की उसे साँझ को इस तरह नहीं देखना चाहिए इसलिए उसने नजरे घुमाते हुए कहा,”आप बैठिये मैं थोड़ी देर में आता हु”
साँझ आकर वही हॉल में पड़े सोफे पर बैठ गयी। घर का गेट खुला था और बाहर तेज मूसलाधार बारिश भी हो रही थी। साँझ सोफे पर बैठी दीपक के घर के जायजा लेने लगी। घर थोड़ा अस्त-व्यस्त था लेकिन अच्छा था वैसे भी बिना औरत के एक घर , घर कम मकान ज्यादा लगता है। साँझ ने देखा दिवार पर दीपक और चाँदनी की कुछ तस्वीरें लगी हुयी थी। साँझ के बाल अभी भी गीले थे इसलिए उसने उन खोल लिया और सुखाने लगी। कुछ देर बाद उसने अधसूखे बालो को समेट कर जुड़ा बना लिया। कुछ देर बाद ही दीपक दो कप चाय लेकर आया और एक कप साँझ की तरफ बढाकर कहा,”चाय !!”
“जी शुक्रिया”,साँझ ने चाय का कप लेकर कहा।
दीपक भी अपना कप सम्हाले साँझ के सामने पड़े सोफे पर आ बैठा और चाय का घूंठ भरते हुए कहा,”लगता है आज ये बारिश नहीं रुकने वाली”
“हाँ ऐसा खराब मौसम पहली बार देख रही हूँ”,साँझ ने कहा
“आप बुरा न माने तो आपसे कुछ पूछ सकता हूँ ?”,दीपक ने साँझ की तरफ देखकर कहा
“हाँ पूछिए”,साँझ ने कहा
“आपकी लव मैरिज थी ?”,दीपक ने अचानक से पूछ लिया
साँझ कुछ देर खामोश रही और फिर कहा,”नहीं ये रिश्ता मेरे घरवालों ने तय किया था , मैं आगे पढ़ना चाहती थी मैंने कम्प्यूटर में डिग्री की है लेकिन रवि और उसके घरवालों को ये पसंद नहीं था इसलिए शादी के बाद मैंने आगे पढ़ने का ख्याल छोड़ दिया। शादी से पहले लड़कियों को अपने माँ बाप के हिसाब से जीना पड़ता है और शादी के बाद पति के हिसाब से,,,,,,,,,,, कभी कभी तो लगता है जैसे हम लड़कियों की अपनी कोई जिंदगी ही नहीं होती है”
“ऐसा नहीं है,,,,,,,,,,,,,,,!!”,दीपक ने शून्य में तांकते हुए कहा
“हाँ,,,,,,,,,!!”,उसकी बात सुनकर साँझ चौंकी
“ऐसा नहीं है की सिर्फ लड़कियों के साथ ये सब होता है , हम लड़को की जिंदगी भी उतनी ही मुश्किल होती है बस किसी को दिखाई नहीं देती है। अपनी जिंदगी के कुछ फैसले लेने का हक़ हम लड़को को आज भी नहीं है जिस में एक फैसला शादी भी है। चाँदनी और मेरा रिश्ता कभी सफल नहीं बन पाया हम दोनों एक छत के नीचे रहते जरूर थे लेकिन अजनबी बनकर। मैं मिडिल क्लास फॅमिली में बड़ा हुआ हूँ इसलिए मुझे एक नार्मल लाइफ जीने की आदत थी , ना मेरे सपने बड़े थे ना ही मेरी ख्वाहिशे लेकिन चाँदनी को ऐसी जिंदगी नहीं जीनी थी , उसे एक रॉयल लाइफ चाहिए थी जो की मैं नहीं दे पाया,,,,,,,,,,,,,वो एक अच्छी जिंदगी डिजर्व करती है और वो ही क्यों बल्कि हर लड़की एक अच्छी लाइफ डिजर्व करती है”,दीपक जज्बातो में बहकर बोलते ही चला गया। साँझ ने पहली बार महसूस किया दीपक के मन में कितना दर्द भरा था
“आपने अपनी पत्नी को जाने से रोका क्यों नहीं ?”,साँझ ने बेचैनी से पूछा
दीपक पहली बार फीका सा मुस्कुराया लेकिन इस मुस्कराहट में जो दर्द था वो साँझ ने देख लिया। दीपक ने एक नजर साँझ को देखा और नजरें झुकाकर कहा,”कुछ रिश्ते ऐसे होते है जिन्हे बांधकर नहीं रखा जा सकता , जब रिश्ते दिल दुखाने लगे , आज रिश्ते चोट पहुँचाने लगे , जब रिश्ते आपके बस में ना रहे तो उन्हें जाने देने चाहिए,,,,,,,,,,,ऐसा करने से बेशक एक इंसान टूटे लेकिन जाने वाला अपनी जिंदगी में खुश रहता है”
“और अगर उनके जाने का फैसला गलत हो तो क्या करना चाहिए ? क्या उन्हें माफ़ कर देना चाहिए ?”,साँझ ने दीपक की तरफ देखकर पूछा
दीपक ने साँझ की तरफ देखा , साँझ की आँखो में उसे बेचैनी साफ़ दिखाई दे रही थी। दीपक कुछ देर खामोश रहा और फिर कहने लगा,”हाँ माफ़ कर देना चाहिए , कुछ गलतिया इंसान जान बूझकर करता है तो कुछ गलतिया अनजाने में हो जाती है , अगर अपनी गलती स्वीकार कर दोनों में से कोई एक लौट आये तो उसे माफ़ कर देना चाहिए। मैं नहीं जानता मैं सही कह रहा हूँ या गलत लेकिन अगर कभी आपके पति को अपनी गलतियों का अहसास हो और वो लौट आये तो कोशिश करना की आप उन्हें माफ़ कर पाए,,,,,,,,,,,,,,,क्योकि कुछ रिश्तो को बचाना हमारे बस में होता है”
दीपक की बात सुनकर साँझ कुछ देर के लिए खामोश हो गयी। इतना सब होने के बाद भी दीपक ने कितनी आसानी से ये कह दिया। दीपक को अहसास हुआ की बातो बातो में शायद उसने कुछ ज्यादा बोल दिया इसलिए उसने उठते हुए कहा,”आपको शायद भूख लगी होगी मैं आपके खाने के लिए कुछ बना देता हूँ”
“आप रुकिए मैं बना लेती हूँ”,कहते हुए साँझ उठी
“नहीं नहीं मैं बना लूंगा , मुझे सब आता है”,दीपक ने कहा
“फिर तो आप रोज अपने हाथ से बना खाना खाकर बोर हो गए होंगे ?”,साँझ ने कहा
“हाँ थोड़ा सा,,,,,,,,,,,,!!,”दीपक ने झेंपते हुए कहा
“ठीक है फिर मुझे बनाने दीजिये , किचन कहा है ?”,साँझ ने उठते हुए कहा
“वो उस तरफ , क्या आप ये सच में करने वाली है ?”,दीपक को थोड़ा अजीब लग रहा था
“हाँ,,,,,,,,,,,,,,वैसे इतना भरोसा तो कर सकती हूँ आप पर”,साँझ ने कहा तो दीपक खामोश हो गया। उसके लिए इतना काफी था की साँझ उस पर भरोसा करती थी। साँझ किचन में चली आयी उसने देखा किचन में बनाने के लिए कुछ नहीं बस डिब्बे में कुछ चावल और दूसरे डिब्बे में थोड़ी दाल बची थी। साँझ ने उन्हें ही गैस पर चढ़ा दिया। किचन में खड़े खड़े उसकी नजर बाहर हॉल की खिड़की के पास खड़े दीपक पर चली गयी जो की बारिश के पानी को अंदर आने से रोकने के लिए खिड़की को बंद करने की कोशिश कर रहा था लेकिन तेज हवा के कारण संभव नहीं था। दीपक को देखते हुए साँझ मन ही मन खुद से कहने लगी,”तुमने कहा की अगर रवि अपनी गलती मानकर मुझसे माफ़ी मांगे तो मुझे उसे माफ़ कर देना चाहिए,,,,,,,,,,,,,,,,तुमने ऐसा इसलिए कहा क्योकि तुम एक मर्द हो और शायद तुम इस बात को अच्छे से समझते हो की रवि ने जो कुछ भी किया वो गलत किया , पर तुम चाँदनी को कभी माफ़ मत करना , वो तुम जैसे इंसान को कैसे नहीं समझ पाई ? रवि जैसे पत्थर के लिए तुमने एक ऐसा कीमती इंसान ठुकरा दिया जिसका दिल सोने सा है”
कुकर की सीटी से साँझ अपने ख्यालो से बाहर आयी और अपना ध्यान खाना बनाने में लगा लिया। खिड़की को बंद करते हुए अचानक दीपक की नजर किचन में खड़ी साँझ पर चली गयी। उसे देखते हुए दीपक मन ही मन खुद से कहने लगा,”मैंने तुमसे कहा की रवि को माफ़ कर दो पर अगर मैं तुम्हारी जगह होता तो उस इंसान को कभी माफ़ नहीं कर पाता जिसने मुझे धोखा दिया। तुम्हारा मन बहुत नाजुक है , तुम्हारे पति के इतने बुरे बर्ताव के बाद भी तुम्हारी आँखों में उस वक्त आँसू थे जब तुम तलाकनामे पर साइन कर रही थी। मेरी माँ हमेशा कहती थी की एक औरत जितना समर्पण कोई नहीं कर सकता,,,,,आज तुम्हे देखता हूँ तो लगता है की वो सच कहती थी”
दीपक ने खिड़की बंद की और वापस सोफे की तरफ चला आया। कुछ देर बाद साँझ दो थाली में खाना लेकर आयी और दीपक की तरफ बढाकर कहा,”पता नहीं कैसा बना होगा ? तुम्हारे किचन में सिर्फ यही था”
“अच्छा ही बना होगा , अभी जॉब लेस हूँ इसलिए यही खाकर गुजारा करना पड़ता है”,दीपक ने थाली लेते हुए कहा
“क्या ? आपके पास नौकरी नहीं है,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,तो क्या वो आपकी नौकरी थी ?”,साँझ ने नीचे जमीन पर दीपक से कुछ दूरी बनाकर बैठते हुए कहा। उसे अब समझ आया की क्यों उसे इतनी जल्दी नौकरी मिली।
दीपक पहला निवाला खाने ही जा रहा था उस ने सूना तो हाथ रुक गया। उसने साँझ की तरफ देखा और कहा,”अरे आप खाइये ना , मैंने दूसरी नौकरी के लिए अप्लाई किया है , कल सुबह उसका इंटरव्यू भी है”
“आपको ऐसा नहीं करना चाहिए था , आपके लिए वो नौकरी बहुत जरुरी थी”,साँझ ने भारी मन से कहा
“मुझे लगता है उस से भी ज्यादा जरुरी था आपका खुद को सम्हालना , उस नौकरी के साथ आप खुद को और मजबूत बना सकती है।”,दीपक ने बिना साँझ की तरफ देखे खाते हुए कहा
“लेकिन आपने ऐसा क्यों किया ?”,साँझ ने दुःख भरे स्वर में कहा
इस बार फिर दीपक का हाथ का रुक गया और उसने अपनी उंगलिया खाली थाली में झाड़कर साँझ की तरफ देखकर कहा,”क्योकि मैं नहीं चाहता आपके साथ जो कुछ भी हुआ उसके लिए आप खुद को दोष दे। मैंने आप पर कोई अहसान नहीं किया है चाँदनी ने जो ठेस आपके मन को पहुंचाई है बस उसी तकलीफ को कम करने के लिए मैंने ऐसा किया। इसके अलावा मेरा और इरादा नहीं था”
“इस अनजान शहर में मैं आप पर भरोसा कर सकती हूँ”,साँझ ने दीपक की तरफ देखकर कहा तो दीपक उसे देखने लगा। दीपक को अपनी ओर देखता पाकर साँझ ने कहा,”चाँदनी को नहीं पता उसने क्या खोया है ?”
“मतलब ?”,दीपक ने पूछा
“कुछ नहीं खाना खाइये”,साँझ ने कहा और अपना खाना खाने लगी। दीपक ने साँझ को देखा और फीका सा मुस्कुरा दिया। खाना खाकर दोनों ने अपनी अपनी थाली खुद धोयी। बारिश अब कम हो चुकी थी लेकिन रात के 11 बज रहे थे और बाहर पानी ही पानी था। साँझ को इस वक्त जाना सही नहीं लगा उसने दीपक के घर में रुकने का ही सोचा और हॉल में चली आयी। वह सोफे पर आकर बैठ गयी और दीपक भी दूसरे सोफे पर बैठ गया। कुछ ही वक्त गुजरा के लाइट चली गयी। दीपक ने एक बड़ी सी टोर्च जलाकर टेबल पर रख दी। दोनों सुबह होने का इंतजार करने लगे। साँझ को वही सोफे पर नींद आ गयी , दीपक ने देखा तो अंदर से चददर लाकर साँझ को ओढ़ा दी और खुद अपने कमरे में जाकर सो गया।

देर रात रवि और चाँदनी किसी पार्टी से घर लौटे। दोनों के चेहरे से पता चल रहा था की पार्टी में जरूर कुछ हुआ है। रवि और चाँदनी अंदर आये। अंदर आकर रवि ने अपना कोट निकालकर गुस्से में फेंका और चाँदनी से कहा,”हाह क्या जरूरत थी तुम्हे पार्टी में उस लड़के के साथ डांस करने की ?”
“ओह्ह्ह कम ऑन रवि बस एक डांस ही तो था”,चाँदनी ने अपने हिल्स उतारते हुए कहा
“सिर्फ डांस ? और वो जो तुम उसके गले में अपनी बाँहे डालकर उसके जो करीब जा रही थी,,,,,,,,,,,,,,वो सब क्या था ?”,रवि ने गुस्से से कहा
“सो व्हाट ? तुम तो ऐसे बात कर रहे हो जैसे इस से पहले मैं कभी किसी के करीब नहीं थी , तुम भी तो अपने बॉस की वाइफ को घूर रहे थे मैंने कुछ कहा तुमसे ,,,,,,,,,,,,अब ये बहस करना बंद करो मेरा सर दर्द कर रहा है”,कहकर चाँदनी जैसे ही जाने लगी रवि ने उसका हाथ पकड़कर उसे रोक लिया और अपनी तरफ करके कहा,”साफ साफ क्यों नहीं कहती की अब तुम्हे मेरी जरूरत नहीं है , तुम्हारा मन भर गया है और तुम्हे अपने बिस्तर पर अब नया मर्द चाहिए”
“रवि,,,,,,,,,,,,,,!!”,चाँदनी गुस्से से चिल्लाई
“चिल्लाओ मत , तुम जैसी लड़कियों को मैं अच्छे से जानता हूँ , अपने शौक पुरे करने के लिए तुम किसी के भी साथ घूम सकती हो , खा सकती हो और सो भी सकती हो”,रवि ने गुस्से में आकर चाँदनी के लिए बहुत ही गलत शब्दों का इस्तेमाल किया। चाँदनी ने सूना तो उसे गुस्सा आ गया उसने रवि से अपना हाथ छुड़ाया और एक थप्पड़ उसके गाल पर रसीद करते हुए कहा,”जबान सम्हाल के , अगर एक शब्द और कहा तो मुझसे बुरा कोई नहीं होगा”
“साली दो कौड़ी की लड़की मुझपे हाथ उठाती है , तेरी इतनी हिम्मत”,कहते हुए रवि ने भी खींचकर एक थप्पड़ चाँदनी के गाल रसीद किया। गुस्से से चाँदनी बोखला उठी और कहा,”तुम जैसे घटिया आदमी के लिए मैंने अपने पति को छोड़ दिया , अपना घर छोड़ दिया यहाँ तक के अपना करियर सब बर्बाद कर दिया और तुम मुझे घटिया कह रहे हो,,,,,,,,,,,,,,,मैं तुमसे प्यार करती थी और तुमने बदले में ये सब किया , मैं दो कौड़ी की हूँ तो तुम्हारी क्या औकात है हाँ,,,,,,,,,,,,,,,तुम जैसे घटिया आदमी से प्यार करना मेरी जिंदगी की सबसे बड़ी भूल थी,,,,,,,,,,,,,,,आई जस्ट हेट यू,,,,,,,,,,,यू ब्लडी बास्टर्ड”
रवि ने सूना तो गुस्से से चाँदनी को देखने लगा। जिस चाँदनी के गुण गाते रवि थकता नहीं था आज उसी चाँदनी को वह नफरत की निगाहों से देख रहा था।
रवि ने गुस्से से अपना कोट उठाया और वहा से निकल गया

Soulmates aren’t just lovers – 10 Soulmates aren’t just lovers – 10 Soulmates aren’t just lovers – 10 Soulmates aren’t just lovers – 10 Soulmates aren’t just lovers – 10 Soulmates aren’t just lovers – 10 Soulmates aren’t just lovers – 10 Soulmates aren’t just lovers – 10 Soulmates aren’t just lovers – 10 Soulmates aren’t just lovers – 10 Soulmates aren’t just lovers – 10 Soulmates aren’t just lovers – 10 Soulmates aren’t just lovers – 10 Soulmates aren’t just lovers – 10 Soulmates aren’t just lovers – 10 Soulmates aren’t just lovers – 10 Soulmates aren’t just lovers – 10 Soulmates aren’t just lovers – 10 Soulmates aren’t just lovers – 10 Soulmates aren’t just lovers – 10 Soulmates aren’t just lovers – 10 Soulmates aren’t just lovers – 10 Soulmates aren’t just lovers – 10 Soulmates aren’t just lovers – 10 Soulmates aren’t just lovers – 10

क्रमश – Soulmates aren’t just lovers – 11

Read more – सोलमेट्स aren’t just lovers – 9

Follow me on – youtube

संजना किरोड़ीवाल

Soulmates
Soulmates

5 Comments

Add a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!