Sanjana Kirodiwal

Story with Sanjana Kirodiwal

Telegram Group Join Now

“सोलमेट्स” aren’t just lovers – 4

Soulmates aren’t just lovers – 4

Soulmates
Soulmates

रवि और चाँदनी को घर से निकले 5 दिन हो चुके थे लेकिन दोनों की अब तक कोई खबर नहीं थी। साँझ का रो रोकर बुरा हाल था तो वही दीपक को अभी भी चाँदनी के लौट आने की उम्मीद थी। चाँदनी और दीपक के घरवाले भी आ चुके थे और ऐसे में दीपक उनसे क्या कहता की चाँदनी कहा है ? दीपक ने सबको बैठने को कहा और खुद किचन में चाय बनाने चला आया। चाय बनाते हुए दीपक के दिमाग में मैनेजर की कही बात घूमने लगी। उसे ध्यान नहीं रहा और पतीले से उफनकर चाय नीचे गिरने लगी।
“दीपक बेटा ध्यान कहा है तुम्हारा ? देखो पूरी चाय गिर गयी,,,,,,,,और तुम ये सब क्यों कर रहे हो ? लाओ मैं बनाती हूँ”,दीपक की माँ ने गैस बंद करते हुए कहा
तो दीपक की तंद्रा टूटी उसे चाँदनी का ख्याल आया और परेशानी के भाव चेहरे पर उभर आये। दीपक की माँ ने दूसरे पतीले में चाय चढ़ाई और दीपक की ओर पलटकर कहा,”दीपक सब ठीक है ना ? मेरा मतलब तुम्हारे और चाँदनी के बीच,,,,,,,,,,शादी के तुरंत बाद ही तुम यहाँ चले आये ऐसे में बहू से ज्यादा बात ही नहीं हो पायी,,,,,,,,,,,,,,तू खुश तो है ना बेटा ?”
“आप ऐसा सवाल क्यों कर रही है ?”,दीपक ने कहा
“माँ हूँ न तेरा चेहरा देखकर पहचान सकती हूँ,,,,,,,,,,,कोई बात है जो तुझे अंदर ही अंदर खाये जा रही है। अपनी माँ को नहीं बताएगा ?”,दीपक की माँ ने दीपक गाल को छूकर प्यार से कहा
माँ की ममता के सामने दीपक का दिल पलभर को पिघला लेकिन इस वक्त चाँदनी के बारे में बताकर वह घर वालो को परेशान करना नहीं चाहता था। उसने अपनी माँ को दोनों हाथो से थामते हुए कहा,”हाँ माँ सब ठीक है वो बस ऑफिस में काम ज्यादा है इन दिनों इसलिए थोड़ी थकान हो रही है”
‘ठीक है तूम बाहर चलकर सबके साथ बैठो , मैं चाय लेकर आती हूँ”,दीपक की माँ ने कहा और चाय बनाने लगी दीपक किचन से बाहर चला आया। हॉल में उसके पापा , सास-ससुर बैठकर हंस मुस्कुरा रहे थे। दीपक भी उनके साथ आ बैठा। शाम के 7 बज रहे थे अन्धेरा भी हो चुका था।
“बेटा इतना समय हो गया बहू कहा रह गयी ? जरा फोन लगना उसे”,दीपक के पापा ने हाथ पर बंधी घडी में समय देखते हुए कहा
दीपक खामोश कहे तो क्या कहे ? तभी उसका फोन बजा जो की डायनिंग टेबल पर ही पड़ा था। दीपक की बहन ने डायनिंग की तरफ जाते हुए कहा,”जरूर भाभी का ही फ़ोन होगा”
कहते हुए उसने जैसे ही फोन उठाया दूसरी तरफ से किसी की आवाज सुनकर दीपक की बहन ने फोन अपने पापा को देते हुए कहा,”पापा पुलिस स्टेशन से फोन है”
पुलिस स्टेशन का नाम सुनकर दीपक का दिल धड़कने लगा। वह कुछ कहता इस से पहले ही उसके पापा ने फोन लिया और बात की। थाने से इंस्पेक्टर का फोन था उन्होंने चाँदनी के थाने में होने की बात कही तो दीपक के पापा के चेहरे पर परेशानी के भाव उभर आये। उन्होंने फोन रखा और दीपक से कहा,”बहू पुलिस स्टेशन में है”
“ये क्या कह रहे है आप ? चाँदनी पुलिस स्टेशन में है , पर क्यों ?”,चाँदनी के पापा ने चिंता करते हुए कहा
“वो तो वही जाकर पता चलेगा”,दीपक के पापा ने उठते हुए कहा
“भाईसाहब हम सब भी चलते है”,चाँदनी की माँ ने कहा
“हम्म्म आईये , और बेटा तुम यही घर में रहो अपनी माँ के साथ”,कहकर दीपक के पापा दीपक और अपने समधी-समधन के साथ वहा से निकल गए।
“ये सब कहा गए ?”,दीपक की माँ ने चाय की ट्रे लेकर आते हुए कहा
“माँ पुलिस स्टेशन से फोन आया था , भाभी पुलिस स्टेशन में है”,दीपक की बहन ने जैसे ही कहा उसकी माँ के हाथ से चाय की ट्रे नीचे आ गिरी। दीपक की बहन ने अपनी माँ को सम्हाला और उन्हें सोफे पर बैठाते हुए कहा,”माँ माँ क्या हुआ माँ ? आप परेशान मत हो पापा और भैया गए है,,,,,,,,,,,,,,हो सकता है भाभी के साथ कोई हादसा हुआ हो”
“मेरा मन बहुत घबरा रहा है बेटा , बहू पुलिस स्टेशन क्यों गयी होगी कही दीपक और उसके बीच कुछ,,,,,,,,,,,,!!”,दीपक की माँ ने कहा
“माँ ऐसा कुछ नहीं हुआ होगा , भाभी दीपक भैया से बहुत प्यार करती है वो ऐसा कुछ नहीं करेगी जिस से भैया को तकलीफ हो,,,,,,,,,,,आप शांत हो जाईये मैं आपके लिए पानी ले आती हूँ”,कहते हुए वह चली गयी

दीपक अपने सास-ससुर और पापा के साथ पुलिस स्टेशन पहुंचा। अंदर आते ही दीपक की नजर थाने के कोने में बैठे कुछ लड़के लड़कियों पर गयी जिनसे कॉन्स्टेबल सवाल जवाब कर रहा था। दीपक ने मिसिंग की रिपोर्ट करवाई थी इसलिए इंस्पेक्टर ने उन्हें अपने चेंबर में ही बुला लिया। दीपक जैसे ही चेंबर में आया उसके कदम ठिठके। वहा चाँदनी खड़ी थी वो भी एक लड़के के साथ जो की दीपक का हमउम्र ही था। चाँदनी को उस लड़के के साथ देखते ही दीपक का खून खौल उठा लेकिन उसने खुद को रोक लिया। दीपक के साथ साथ उसके पापा और चाँदनी के माँ बाप भी अंदर चले आये उन्होंने जब अपनी बेटी को इस हालत में देखा उनका दिल बैठ गया। सभी अंदर चले आये तो इंस्पेक्टर ने दीपक से कहा,”मिस्टर दीपक क्या ये आप की पत्नी है ?”
“जी सर”,दीपक ने कहा
“इनके साथ जो खड़े है क्या आप उन्हें जानते है ?”,इंस्पेक्टर ने फिर सवाल किया
“नहीं,,,,,,,,,,,,,,मैं इन्हे पहली बार देख रहा हूँ”,दीपक ने चाँदनी के साथ खड़े रवि को देखकर कहा
इंस्पेकटर ने एक नजर रवि और चाँदनी को देखा और फिर रवि से कहने लगा,”कुछ देर पहले ही इन दोनों को पॉश एरिया के होटल रेड में पकड़ा है , जिस हालात में ये थे उसका जिक्र भी नहीं किया जा सकता है।आपकी पत्नी के इस लड़के के साथ नाजायज संबंध है और बाहर बैठे लड़के लड़कियों के साथ इन पर भी केस बनता है”
इंस्पेक्टर की बात सुनकर दीपक का सर चकराने लगा , चाँदनी ऐसा कुछ करेगी उसने सोचा भी नहीं था वह फटी आँखों से बस चाँदनी को देख रहा था और चाँदनी बिना किसी अफ़सोस के आराम से रवि के बगल में खड़ी थी। चाँदनी की माँ ने सूना तो वह गुस्से से उसकी तरफ आयी और उसे थप्पड़ मारकर कहा,”बेशर्म , बेहया शर्म नहीं आयी तुझे,,,,,,,,शादीशुदा होकर एक पराये मर्द के साथ इस तरह खड़ी है। क्या यही दिन देखने के लिए तुझे पैदा किया था , तू मर क्यों नहीं गयी ? तेरी वजह से आज हम किसी को मुंह दिखाने लायक नहीं रहे,,,,,,,,,,,,,!!!”
कहते कहते चाँदनी की माँ रो पड़ी। इंस्पेक्टर ने देखा तो कहा,”इन्हे बाहर लेकर जाईये”
चाँदनी के पापा ने नफरत से चाँदनी को देखा और अपनी पत्नी को सम्हालते हुए कहा,”तुझ जैसी बेटी से तो बेऔलाद होना अच्छा है”
चाँदनी के पापा शर्म से सर झुकाये अपनी पत्नी को लेकर वहा से बाहर निकल गए। दीपक के पापा ने ये सब सूना तो उन्हें गहरा धक्का सा लगा दीपक ने उन्हें पास पड़ी कुर्सी पर बैठाया। उसे कुछ समझ ही नहीं आ रहा था की ये अचानक से क्या हुआ ? उसे यकीन नहीं हो रहा था की चाँदनी उसके साथ इतना बड़ा धोखा कर सकती है। वह इंपेक्टर के पास आया और कहा,”सर हो सकता है आपको कोई ग़लतफ़हमी हुई हो , चाँदनी ऐसी लड़की नहीं है”
“अगर ऐसी लड़की नहीं है तो फिर इस आदमी के साथ वो एक होटल रूम में अधनंगी हालत में कर क्या रही थी ?”,इस बार इसंपेक्टर ने थोड़ा गुस्से से कहा
दीपक चाँदनी के पास आया और उसकी बाँहे पकड़कर कहने लगा,”ये सब मैं क्या सुन रहा हूँ चाँदनी , तुम तुम इस आदमी के साथ क्यों हो ? तुम तो ऑफिस की मीटिंग के लिए शहर से बाहर गयी थी फिर ऐसी हालत में यहाँ,,,,,,,,,,,,,,,चाँदनी जवाब दो कौन है ये आदमी ?”
“मैं रवि से प्यार करती हूँ दीपक”,चाँदनी ने बिना किसी भाव के कहा
दीपक ने सूना तो उसका दिल टूट गया उसने चाँदनी की तरफ देखा और कहा,”ये तुम क्या कह रही हो चाँदनी ? तुम मेरी पत्नी हो हमने एक दूसरे से शादी की है , मेरे साथ ऐसा भद्दा मजाक मत करो”
“ये कोई मजाक नहीं है बल्कि यही सच है , मैं रवि से प्यार करती हूँ और इस से शादी करना चाहती हूँ”,चाँदनी ने दीपक के हाथो को झटककर कहा
“तुम्हारा दिमाग खराब हो गया है क्या ? शादीशुदा होकर तुम किसी और से शादी करने की बात कर रही हो”,दीपक ने थोड़ा गुस्से में कहा
“मैं भी चाँदनी से प्यार करता हूँ और मुझे इसकी पहली शादी से कोई प्रॉब्लम नहीं है”,रवि ने घमंड और बेशर्मी के साथ कहा
“मैं तेरी जबान खींच लूंगा,,,,,,,,,,,!!”,कहते हुए दीपक ने रवि की कोलर पकड़ ली और एक घुसा भी उसके मुंह पर दे मारा जिस से उसके होंठ से खून निकल आया। माहौल गर्माते देखकर वहा मौजूद कॉन्स्टेबल ने उन्हें अलग किया और इंस्पेक्टर ने दीपक को अपनी हद में रहने को कहा। दीपक बेबस सा खड़ा चाँदनी को देखता रहा , चाँदनी ने उसे इतना बड़ा धोखा दिया ये सोचकर ही उसका दिल रो रहा रहा था।
दीपक के पापा ने जब सब सूना तो चाँदनी की तरफ देखकर कहा,”अगर ऐसा ही था तो तुमने शादी क्यों की ? क्यों अपनी और दीपक की जिंदगी बर्बाद की,,,,,,,,,,तुम बहुत बड़ी गलती कर रही हो बेटा , अपनी शादीशुदा जिंदगी को इस तरह से बर्बाद मत करो,,,,,,,,,,मैं तुम्हारे आगे हाथ जोड़ता हूँ बेटा,,,,,,,,,,ऐसा मत करो वापस घर चलो”
“मैं कही नहीं जाउंगी , मैंने फैसला कर लिया है मैं दीपक को तलाख दे दूंगी और उसके बाद रवि के साथ रहूंगी,,,,,,,,,,,,,,आई हॉप इस के बाद तो आप सबको कोई परेशानी नहीं होगी”,चाँदनी ने बेशर्मी से कहा
“ये सब कहते हुए शर्म नहीं आयी तुम्हे”,दीपक ने अपने पापा को सम्हालते हुए कहा
“शर्म तो मुझे तुम्हे अपना पति बुलाने में आती है,,,,,,,,,,,,!!”,चाँदनी ने नफरत भरे स्वर में कहा
“चाँदनी,,,,,,,,,,,!!”,दीपक के पापा ने कहा तो दीपक ने उन्हें रोक दिया। चाँदनी की बातो से दीपक को अहसास हो चुका था की चाँदनी ने कभी उस से प्यार किया ही नहीं था , अगर करती तो शायद आज वो दोनों यहाँ ना खड़े होते। दीपक की आँखों में नमी तैर गयी।

“इंस्पेक्टर साहब मेरे पति कहा है ?”,कहते हुए साँझ चेंबर में आयी। जैसे ही उसकी नजर साइड में खड़े रवि पर गयी वह सीधा उसकी तरफ आयी और आँखों में आँसू भरकर उसकी परवाह करते हुए कहा,”कहा चले गए थे आप ? आप जानते है मैंने कितनी बार फोन किया आपको , मैं आपके ऑफिस भी गयी थी लेकिन उन्होंने कहा की आप किसी मीटिंग में नहीं गए है। आप कहा थे इतने दिन ?,,,,,,,,,,,,,,,,,,और ये चोट,,,,,,,,,ये चोट कैसे लगी आपको ?”
“आपके पति इनके साथ होटल रूम में पकड़े गए है मैडम”,इंस्पेक्टर ने अपनी सीट से उठते हुए कहा
इंस्पेक्टर की बात सुनकर साँझ उसकी तरफ आयी और गुस्से से कहा,”आप होश में तो है ये क्या बकवास कर रहे है आप , मेरे पति ऐसे नहीं है,,,,,,,,,,,,!!!”
“ये बात तो इन भाईसाहब ने भी कही थी की इनकी पत्नी ऐसी नहीं है,,,,,,,,,,,;लेकिन मोहतरमा आपके पति इन्ही की पत्नी के साथ पकडे गए है”,इंस्पेक्टर ने कहा तो साँझ ने पलटकर देखा , वहा दीपक खड़ा था। दीपक को देखकर साँझ बैचैन हो गयी उसने रवि को देखा तो इस बार नजर उसके बगल में खड़ी लड़की पर भी गयी जो की काफी आराम से खड़ी उसे ही देख रही थी। वह रवि की तरफ आयी और कहने लगी,”ये सब क्या है रवि ? आप सुन रहे है ना इंस्पेक्टर सर क्या कह रहे है ? ये लड़की कौन है ? आप इसके साथ क्यों हो ? रवि कुछ तो बोलो ये सब क्या है ?”
कहते हुए साँझ की आँखों में आँसू आ गए। रवि ने साँझ की तरफ देखा और कहा,”आई ऍम सॉरी साँझ पर ये सच है मैं और चाँदनी एक दूसरे से प्यार करते है और पिछले 6 महीनो से हम दोनों साथ है,,,,,,,,,,हम दोनों एक दूसरे बहुत करीब है,,,,,,,,,,,,,,!!”
साँझ ने जैसे ही सूना उसका दिल बैठ गया , जिस रवि से वह इतना प्यार करती थी उस रवि ने उसे इतना बड़ा धोखा दिया। उसकी आँखों से आँसू झर झर बहने लगे। उसका गला रुंध गया और वह रोते हुए कहने लगी,”तुम ये क्या कह रहे हो रवि ? अगर मुझसे कोई शिकायत है तो मुझे कहो मैं उसे दूर करुँगी , तुम जैसा चाहोगे मैं वैसी बनने के लिए तैयार हु , मुझमे क्या कमी है तुम बताओ मैं दूर करुँगी लेकिन ऐसी बातें मत करो। मैं तुम्हे नहीं छोड़ सकती मैं तुमसे बहुत प्यार करती हूँ ,, ऐसा मत करो”
कहते हुए वह रोते हुए घुटनो के बल जमींन पर बैठ गयी। उसे रोता देखकर दीपक को कोई खास फर्क नहीं पड़ा लेकिन दीपक ने जब साँझ को ऐसे रोते देखा तो रवि से गुस्से से कहा,”वो रो रही है और तुम बेशर्मो की तरह खड़े होकर देख रहे हो , क्या तुम्हे तकलीफ नहीं हो रही ?”
“मुझसे ज्यादा तो तुम्हे तकलीफ हो रही है , कही तुम्हारा भी मेरी बीवी के साथ,,,,,,,,,,,,!!”,रवि ने दीपक को देखकर बेशर्मी के साथ कहा तो दीपक को गुस्सा आया और रवि की तरफ लपका इस बार कॉन्स्टेबल भी उसे नहीं रोक पाए और उसने रवि को अच्छा खासा पीट दिया। तीन चार घुसे मारने के बाद दीपक ने जैसे ही एक बार फिर उसे मारने को हाथ उठाया साँझ रवि के सामने आ खड़ी हुई। साँझ को देखकर दीपक ने अपना हाथ हवा में ही रोक लिया।

Soulmates aren’t just lovers – 4 Soulmates aren’t just lovers – 4 Soulmates aren’t just lovers – 4 Soulmates aren’t just lovers – 4 Soulmates aren’t just lovers – 4 Soulmates aren’t just lovers – 4 Soulmates aren’t just lovers – 4 Soulmates aren’t just lovers – 4 Soulmates aren’t just lovers – 4 Soulmates aren’t just lovers – 4 Soulmates aren’t just lovers – 4 Soulmates aren’t just lovers – 4 Soulmates aren’t just lovers – 4 Soulmates aren’t just lovers – 4 Soulmates aren’t just lovers – 4 Soulmates aren’t just lovers – 4 Soulmates aren’t just lovers – 4 Soulmates aren’t just lovers – 4 Soulmates aren’t just lovers – 4 Soulmates aren’t just lovers – 4 Soulmates aren’t just lovers – 4 Soulmates aren’t just lovers – 4 Soulmates aren’t just lovers – 4 Soulmates aren’t just lovers – 4 Soulmates aren’t just lovers – 4 Soulmates aren’t just lovers – 4

क्रमश – “सोलमेट्स” aren’t just lovers – 5

Read More – “सोलमेट्स” aren’t just lovers – 3

Follow Me On – facebook

संजना किरोड़ीवाल

One Comment

Add a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!