Manmarjiyan Season 3 – 83

Manmarjiyan Season 3 – 83

Manmarjiyan - Season 3
Manmarjiyan – Season 3 by Sanjana Kirodiwal

गोलू ने गुड्डू को थूक वाले पोहे तो खिलाये सो खिलाये और अब वह चाहता था गुड्डू उसके प्लान में भी उसका साथ थे। गुड्डू को खामोश देखकर गोलू ने कहा,”अरे गुड्डू भैया एक ठो बार हमरा पिलान तो सुन लो”
“ठीक है बताओ का है तुम्हरा पिलान ?”,गुड्डू ने थक हारकर कहा
गोलू गुड्डू को साइड में लेकर आया और कहा,”गुड्डू भैया फूफा ने आपसे का कहा था ?”
“का मतलब का कहा था ?”,गुड्डू ने उलझन भरे स्वर में कहा


“अरे हमरा मतलब उह्ह रात फूफा ने आपसे का कहा था ? वहा दारू के ठेके के बाहर”,गोलू ने पूछा
“उन्होंने कहा कि पहिले जाकर अपने बाप से इह तो पता कर ल्यो कि तुमहू ओह्ह के बेटे हो भी के नाही”,गुड्डू ने कहा
“और आपके बाप कौन है ?”,गोलू ने कहा
“पुरे कानपूर को पता है हमाये बाप कौन है ?”,गुड्डू ने चिढ़कर कहा
“अरे हाँ मतलब मिश्रा जी , तो पिरोब्लम की जड़ है मिश्रा जी”,गोलू ने कहा


गुड्डू ने गोलू की गुद्दी पकड़ी और उसे हिलाकर कहा,”सुबह सुबह मार खाने वाली बात काहे कर रहे हो गोलू ?”
“अरे गुड्डू भैया छोडो पहिले हमायी पूरी बात तो सुनो”,गोलू ने मरे हुए स्वर में कहा
गुड्डू ने गोलू की गर्दन छोड़ी और कहा,”देखो गोलू अगर तुमको यही सब बकवास करनी है ना तो हम अभी यहाँ से जा रहे है”


“अरे गुड्डू भैया सुनिए तो , मिश्रा जी ही इह मैटर का सेंटर पॉइंट है। आपको अगर याद हो तो जे सब परेशानी कब से शुरू हुई ? मिश्रा जी की अम्मा के गुजर जाने के बाद,,,,,,,उनके गुजरने के बाद ही तो आपके उह्ह चांडाल फूफा घर मा तांडव किये रहय वरना ओह्ह से पहिले कबो उनको या भूआ को मिश्रा जी के खिलाफ बोलते देखा है , नहीं न ! और फूफा साला आपको इह बार ही जे काहे कहा कि मिश्रा जी से जाकर पूछो,,,,,,,,हमरी बात समझो गुड्डू भैया दाल मा कुछो बहुते ज्यादा काला है और ओह्ह्ह का चमचा मिश्रा जी के हाथ मा है”,गोलू ने पहेलियाँ बुझाकर कहा


“तुम का कह रहे हो गोलू हमे कुछो समझ नाही आ रहा,,,,,,,,!!”,गुड्डू ने कहा
“अच्छा हमरी बात ध्यान से सुनो ! मिश्रा जी के सामने आज तक किसी की कुछो बोलने की हिम्मत नाही पड़ी पर चांडाल फूफा सबके सामने ओह्ह की छीछा लेदर कर दी लेकिन मिश्रा जी फिर भी कुछो नाहीं कहे जे का मतलब है कि फूफा मिश्रा जी की कुछो ऐसी बात जानते है जोन अगर सबके सामने आये तो मिश्रा जी को खतरा है,,,,,,,,

अब फूफा इत्ता लबचेड़ आदमी है कि सीधा सीधा तो हमको बताएगा नाही तो हमहू पटाये आपकी भुआ को,,,,,,,,,,,!!”,गोलू ने कहा लेकिन वह आगे कुछ कहता इस से पहले गुड्डू ने भड़क कर कहा,”जे तुम ना अपनी हरकते सुधार लो गोलू , हमरी भुआ का पटाने के लिए है”
“अरे यार गुड्डू भैया ! क्या करे हम आपका ? अरे पटाया मतलब बहलाया फुसलाया अपनी बातो से ताकि हमको उह्ह्ह मिश्रा जी का उह्ह्ह राज बता दे जो फूफा को पता है का है कि आदमी लोग अपनी मेहरारू को सब राज बता कर रखते है”,गोलू ने कहा


“तो भुआ ने बताया तुमको उह्ह राज ?”,गुड्डू ने पूछा
“राज तो उनको भी नाही पता पर हमको कुछो और ही जानने को मिला”,गोलू ने कहा
“का ?”,गुड्डू ने पूछा
“भुआ ने हमको बताया कि एक समय मा मिश्रा जी , गज्जू गुप्ता , पिंकिया के पिताजी और बृजेश यादव गहरे दोस्त रहे है”,गोलू ने बहुत ही सस्पेंस के साथ कहा


“भक्क साला ! हमहू मान ही नाही सकते तुम्हरे , हमरे और पिंकिया के बाप आपस मा दोस्त रहे होंगे। अरे शर्मा जी पिताजी के सामने जबान नाही खोलते , तुम्हरे पिताजी और शर्मा जी एक दूसरे को फूटी आँख नाही सुहाते , रही बात हमरे पिताजी और तुम्हरे पिताजी की तो उह्ह दोनों की जान पहिचान तो हम दोनों की वजह से है,,,,,,,,,इह तीनो आपस मा दोस्त कैसे हुए बे ? और जे बृजेश यादव कौन है ?”,गुड्डू ने उलझनभरे स्वर में कहा


”इह मिश्रा जी , शर्मा जी और हमाये बाप जानते है,,,,,,,,,,,,,वही बता सकते है कि बृजेश कौन है ?”,गोलू ने कहा
“और इन तीनो से जाकर बात करेगा कौन ? पिताजी के सामने तो इह सब पूछने की हिम्मत हमाये अंदर नाही है,,,,,,,,,,!!”,गुड्डू ने कहा
“56 भोग खाने के बाद तो उह हिम्मत हमाये अंदर भी नाही बची गुड्डू भैया,,,,,,,,!!”,गोलू ने अफ़सोस भरे स्वर में कहा


“अब बचे शर्मा जी और तुम्हरे पिताजी तो तुम्हरे पिताजी तो तुम से भी बड़े बकैत है , उनसे कुछो पूछा तो उह्ह्ह बताएँगे बाद मा पहिले हम दोनों को ही पेल देंगे और डेमो कल देख चुके है हम,,,,,,,,!!”,गुड्डू ने कहा
“तो ?”,गोलू ने चौंककर कहा
“तो बचे अब शर्मा जी वही बता सकते है कि इह बृजेश कौन है ? वैसे भी शर्मा जी थोड़े समझदार लगते है हमको”,गुड्डू ने कहा


गोलू के सामने कोई शर्मा जी की तारीफ करे और वह चुप रहे ऐसा भला कैसे हो सकता है ? गुड्डू की बात सुनकर गोलू भड़क गया और कहा,”हाँ बहुते समझदार है तबही ना हमहू पागलखाने पहुँच गए पर का करे मज़बूरी मा गधे को भी बाप बनाना पड़ता है”
“तो अब का पिलान है तुम्हरा ?”,गुड्डू ने हताश होकर कहा


गोलू ने एक नजर गुड्डू को देखा और जोश में आकर चुटकी बजाकर कहा,”जायेंगे शर्मा के घर और कहेंगे कि ए शर्मा जी हमरे पास इत्ता बख्त नाही है कि हिया ससुराल मा बैठकर आपके साथ जलपान करे , फटाफट बताईये जे बृजेश यादव कौन है और मिश्रा जी , आपसे और हमरे पिताजी से ओह्ह का का संबंध है ? का है कि आप तीनो की जवानी का चर्चा हमहू राजकुमारी भुआ से सुनकर आये रहय है इहलीये हमरे सामने जियादा होशियार बनने की कोशिश तो बिल्कुल नाही करना”


गुड्डू ने सुना तो उसका मुंह खुला का खुला रह गया उसने गोलू की तरफ देखा और हैरानी से कहा,”अबे का पगला गए हो ? अपने ससुर से ऐसे बात करोगे ?”
“अरे ससुर नाही गुड्डू भैया असुर है उह्ह आपकी वजह से हमहू ओह्ह्ह से इत्ती तमीज मा बात कर रहे है ओह्ह ही काफी है अब चलिए , अभी गोलू गुप्ता का पावर जानते नाही है आप”,गोलू ने सायकिल को स्टेण्ड से हटाकर कहा
गुड्डू आगे आ बैठा और गोलू पीछे और दोनों निकल पड़े शर्मा जी के घर की तरफ  

मिश्रा जी का घर , कानपूर
लवली से मार खाकर फूफा भुआ के कमरे में चले आये , फूफा को फ़टेहाल देखकर भुआ ने कहा,”ए ए तुम्हरी इतनी हिम्मत , भीख मांगने घर के अंदर तक चले आये,,,,,,,अरे निकलो बाहर”
फूफा ने सुना तो अपनी जुल्फों को ऊपर उठाया और रोते हुए कहा,”अरे राजकुमारी जे हम है , तुम का हमका भिखारी समझ ली हो”


भुआ ने फूफा की ये हालत देखी तो घबरा कर उनके पास आयी और कहा,”अरे जे का हुआ और किसने किया इह सब ? हे राम ! आपको तो बहुते बुरी तरह से पंचर किया है”
फूफा ने सुना तो गुस्से से भुआ को देखा और चिढ़े हुए स्वर में कहा,”हमहू का साइकिल है जो पंचर हो गए है , अरे कैसी पत्नी हो तुम हमको इत्ता मार पड़ा है और तुमहू हमरी मरहम पट्टी करने के बजाय हमरा मजाक उड़ाय रही हो”


“अरे सारी सारी , हिया आओ हिया बइठो और पहिले तो हमका जे बताओ कि इह सब किया किसने ? अरे हमहू ओह्ह्ह की खाल उधेड़ देंगे , मुँह मा भूंसा भर देंगे , अरे सर फोड़ देंगे ओह्ह का जोन हमरे पति परमेश्वर का जे किये है,,,,,,,,अरे नाम बताओ”,भुआ ने जोश में आकर कहा
“गुड्डू ने,,,,,,,,हमहू उसको समझाने गए रहय और उह्ह हमका कुत्ते की तरह धोया है,,,,,,,,,,हाये ! सच कह रहे है राजकुमारी तुम्हरे भइआ को इत्ता सब सुनाये रहय पर इत्ता बुरा तो कबो ओह्ह्ह भी नाही मारे है हमका , अपनी अम्मा की तेहरवी की तेहरवी के लड्डू तुमहू खाय लेना हमहू अपने गाँव जायेंगे”,फूफा ने दर्द भरी आहे भरकर कहा


भुआ ने सुना तो गुस्से से उठी और कहा,”गुडडुआ की जे हिम्मत कि आपके ऊपर हाथ उठाये , अरे हम ओह्ह का हाथ काट दिहिस। अभी जाकर ओह्ह की खबर लेते है , अरे फूफा है तो का ऐसे कुत्तो की तरह धोओगे , अरे इह घर के इकलौते दामाद है”
“हाँ हाँ जाओ राजकुमारी , तुमहू भी परसादी लेइ ल्यो,,,,,,,,अरे उह्ह पगला गवा है , हमे नाही बक्शे तुमको का बख्शेंगे”,फूफा ने कहा


“अरे आपसे तो खुन्नस खाकर बैठा रहा उह्ह पर हमहू तो ओह्ह्ह की भुआ है हम से थोड़ी ना बदतमीजी करेगा ? हमहू अभी जाकर क्लास लगाते है ओह्ह की”,भुआ ने कहा और वहा से चली गयी
 भुआ कमरे से निकली और दनदनाते हुए सीधा ऊपर गुड्डू के कमरे में चली आयी लेकिन गुड्डू तो कमरे में था ही नहीं। भुआ बाहर आयी देखा गुड्डू बाहर भी कही नहीं है तो वह सीढिया चढ़कर ऊपर छत पर चली आयी। ऊपर आकर उन्होंने देखा गुड्डू यानि लवली छत पर पुशअप्स कर रहा है।

भुआ उसके पास आयी और कहा,”का रे गुड्डू ? अपने देवता जइसन फूफा पर हाथ उठाते तोह का शर्म नाही आयी और हिया दंड पेल रहे हो , ए गुड्डू हम तुम से बात कर रहे है सुनाई नाही देता”
लवली कोई थोड़ी था जो सबकी सुने वह उठा और भुआ का हाथ पकड़कर मरोड़ते हुए कहा,”का रे मोटकी ? का जे दिनभर ए गुड्डू ए गुड्डू का गीत जाती रहती हो ? कबो स्कूल ना गयी ए के बाद बी आता है सी आता है , हैं बुद्धि बट रही थी तब तो भगवान् के घर मा चाट पकोड़ी की लाइन मा खड़ी थी,,,,,,,,,!!”


गुड्डू का ये नया रूप देखकर तो भुआ को यकीन ही नहीं हुआ। उन्होंने घबराये हुए स्वर में कहा,”अरे जे का गुड्डू , अरे हम तुम्हरी भुआ है जे का कर रहे हो छोडो हमाओ हाथो”
लवली ये भुआ फूफा के ड्रामे से तंग आ चुका था इसलिए भुआ की बाँह छोड़ी और जैसे ही भुआ भागने के लिए आगे बढ़ी उनकी चोटी लवली के हाथ में आ गयी और लवली ने भुआ की चोटी पकड़ कर उन्हें जो घुमाया है भुआ लवली से 20 फुट दूर जाकर धरती पर गिरी।

भुआ गाल से हाथ लगाए उठी क्योकि गिरने की वजह से उनके गाल पर लगी और एक तरफ का मुंह सूज गया। लवली उनके पास आया और कहा,”यहाँ जो भी हुआ नीचे जाकर अगर इसका ढिंढोरा पीटने का सोचा भी तो दुसरा गाल भी सुजा देंगे फिर कानपूर की चायनीज भुआ लगोगी , समझी,,,,,,,,,,,,!!”
भुआ तो पहले ही गुड्डू से डरी हुई थी ये सुनकर और घबरा गयी उन्होंने घबराकर हामी में सर हिलाया और वहा से नीचे चली गयी।

भुआ को जाते देखकर लवली बड़बड़ाया,”जे भुआ फूफा की जोड़ी का कुछो करना होगा,,,,,,,,,,सबसे पहिले इनको जे घर से निकालना होगा तबही ना मिश्रवा के नाक मा दम कर पाएंगे”
“ए गुड्डू ! हिया का कर रहे हो ?”,मिश्राइन कपड़ो की बाल्टी लेकर ऊपर आयी और लवली को छत पर बड़बड़ाते देखकर कहा


मिश्राइन को देख्नते ही लवली का गुस्सा और चिढ पल भर में गायब हो गया। मिश्राइन के हाथो में कपड़ो से भरी बाल्टी देखकर लवली उनके पास आया और कहा,”अरे अम्मा ! इत्ती भारी बाल्टी उठाने की का जरूरत थी हमे आवाज दे दी होती”
मिश्राइन गुड्डू से नाराज थी आज जो उसने मिश्रा जी के साथ किया उस से मिश्राइन के दिल को बहुत ठेस पहुंची। उन्होंने लवली की बात पर ध्यान नहीं दिया और आगे बढ़ गयी तो लवली ने उनके पीछे आते हुए कहा,”लाओ हमे दो हम सूखा देते है”


मिश्राइन ने लवली का हाथ झटक दिया और कहा,”हम पर इत्ती दया दिखाने की जरूरत नाही है गुड्डू , जब तुमहू सबके सामने अपने पिताजी का हाथ पकड़ सकते हो तो हमहू तो तुम्हायी लगती ही का है ? कुछ भी कहो गुड्डू आज तुम्हरी जे हरकत ने बहुते ठेस पहुँचाई है हमाये मन को”
लवली ने देखा ये कहते कहते मिश्राइन भावुक हो गयी है तो उसका दिल भर आया और उसने रोआँसा होकर कहा,”हमरा कोनो इरादा नाही था आपको ठेस पहुंचाने का ,

उह्ह बख्त पिताजी सबके सामने हम पर हाथ उठा दिए तो हमहू कुछो सोच नाही पाए और अनजाने मा ओह्ह का हाथ थाम लिए , ए अम्मा तुमहू चाहो तो जे गलती के लिए हमका 100 जूते मार ल्यो हमहू कुछो नाही कहेंगे पर पर हमसे ऐसे नाराज ना हो , तुम्हरे अलावा हमरा कोनो नाही है,,,,,,,,,,,!!”
लवली की आँखों में आँसू देखकर मिश्राइन का दिल पिघल गया और उन्होंने कहा,”माफ़ी मांगनी ही है तो जाकर अपने पिताजी से मांगो गुड्डू , जब उह्ह तुमका माफ़ कर देंगे तो समझना हम भी कर देंगे,,,,,,,,,,,,!!”


कहकर मिश्राइन तार की तरफ चली गयी और कपडे सुखाने लगी। लवली उलझन में पड़ गया जिस मिश्रा को वह बर्बाद करने का ख्वाब देख रहा था अब उसे जाकर उसी से माफ़ी मांगनी थी।

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संजना किरोड़ीवाल

Manmarjiyan – Season 3 by Sanjana Kirodiwal
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संजना किरोड़ीवाल

“अरे गुड्डू भैया सुनिए तो , मिश्रा जी ही इह मैटर का सेंटर पॉइंट है। आपको अगर याद हो तो जे सब परेशानी कब से शुरू हुई ? मिश्रा जी की अम्मा के गुजर जाने के बाद,,,,,,,,उनके गुजरने के बाद ही तो आपके उह्ह चांडाल फूफा घर मा तांडव किये रहय वरना ओह्ह से पहिले कबो उनको या भूआ को मिश्रा जी के खिलाफ बोलते देखा है , नहीं न ! और फूफा साला आपको इह बार ही जे काहे कहा कि मिश्रा जी से जाकर पूछो,,,,,,,,हमरी बात समझो गुड्डू भैया दाल मा कुछो बहुते ज्यादा काला है और ओह्ह्ह का चमचा मिश्रा जी के हाथ मा है”,गोलू ने पहेलियाँ बुझाकर कहा

“अरे गुड्डू भैया सुनिए तो , मिश्रा जी ही इह मैटर का सेंटर पॉइंट है। आपको अगर याद हो तो जे सब परेशानी कब से शुरू हुई ? मिश्रा जी की अम्मा के गुजर जाने के बाद,,,,,,,,उनके गुजरने के बाद ही तो आपके उह्ह चांडाल फूफा घर मा तांडव किये रहय वरना ओह्ह से पहिले कबो उनको या भूआ को मिश्रा जी के खिलाफ बोलते देखा है , नहीं न ! और फूफा साला आपको इह बार ही जे काहे कहा कि मिश्रा जी से जाकर पूछो,,,,,,,,हमरी बात समझो गुड्डू भैया दाल मा कुछो बहुते ज्यादा काला है और ओह्ह्ह का चमचा मिश्रा जी के हाथ मा है”,गोलू ने पहेलियाँ बुझाकर कहा

“अरे गुड्डू भैया सुनिए तो , मिश्रा जी ही इह मैटर का सेंटर पॉइंट है। आपको अगर याद हो तो जे सब परेशानी कब से शुरू हुई ? मिश्रा जी की अम्मा के गुजर जाने के बाद,,,,,,,,उनके गुजरने के बाद ही तो आपके उह्ह चांडाल फूफा घर मा तांडव किये रहय वरना ओह्ह से पहिले कबो उनको या भूआ को मिश्रा जी के खिलाफ बोलते देखा है , नहीं न ! और फूफा साला आपको इह बार ही जे काहे कहा कि मिश्रा जी से जाकर पूछो,,,,,,,,हमरी बात समझो गुड्डू भैया दाल मा कुछो बहुते ज्यादा काला है और ओह्ह्ह का चमचा मिश्रा जी के हाथ मा है”,गोलू ने पहेलियाँ बुझाकर कहा

“अरे गुड्डू भैया सुनिए तो , मिश्रा जी ही इह मैटर का सेंटर पॉइंट है। आपको अगर याद हो तो जे सब परेशानी कब से शुरू हुई ? मिश्रा जी की अम्मा के गुजर जाने के बाद,,,,,,,,उनके गुजरने के बाद ही तो आपके उह्ह चांडाल फूफा घर मा तांडव किये रहय वरना ओह्ह से पहिले कबो उनको या भूआ को मिश्रा जी के खिलाफ बोलते देखा है , नहीं न ! और फूफा साला आपको इह बार ही जे काहे कहा कि मिश्रा जी से जाकर पूछो,,,,,,,,हमरी बात समझो गुड्डू भैया दाल मा कुछो बहुते ज्यादा काला है और ओह्ह्ह का चमचा मिश्रा जी के हाथ मा है”,गोलू ने पहेलियाँ बुझाकर कहा

“अरे गुड्डू भैया सुनिए तो , मिश्रा जी ही इह मैटर का सेंटर पॉइंट है। आपको अगर याद हो तो जे सब परेशानी कब से शुरू हुई ? मिश्रा जी की अम्मा के गुजर जाने के बाद,,,,,,,,उनके गुजरने के बाद ही तो आपके उह्ह चांडाल फूफा घर मा तांडव किये रहय वरना ओह्ह से पहिले कबो उनको या भूआ को मिश्रा जी के खिलाफ बोलते देखा है , नहीं न ! और फूफा साला आपको इह बार ही जे काहे कहा कि मिश्रा जी से जाकर पूछो,,,,,,,,हमरी बात समझो गुड्डू भैया दाल मा कुछो बहुते ज्यादा काला है और ओह्ह्ह का चमचा मिश्रा जी के हाथ मा है”,गोलू ने पहेलियाँ बुझाकर कहा

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