Kitni Mohabbat Hai – 32
Kitni Mohabbat Hai – 32

फोन की बैटरी डिस होने की वजह से अक्षत का फोन बंद हो गया और आगे मीरा से बात नहीं हो पायी ! लेकिन अक्षत खुश था मीरा को उसका भेजा पार्सल पसंद आया ! अक्षत ने फोन जेब में रख ओर वापस अपने काम में लग गया !! उधर मीरा भी खुश थी निधि ने उस से वो फ्रेम्स लेकर बेड के पीछे वाली दिवार पर लगा दिए ! तस्वीर बहुत अच्छी लग रही थी उसके बाद दोनों पढाई करने लगी अगले दिन उनका एग्जाम जो था ! पढ़ते पढ़ते निधि को नींद आ गयी तो मीरा उठी उसने निधि के हाथ से हौले से किताब निकालकर रख दी और सर के निचे तकिया लगा दिया !
उसने कम्बल उठाया और निधि को ओढ़ा दिया ! निधि छोटे बच्चे की तरह कम्बल में दुबक कर सो गयी ! मीरा को भी उबासियाँ आने लगी थी उसने भी अपने किताबे उठाकर साइड में रखी और
निधि की बगल में लेट गयी ! कुछ देर बाद ही उसे नींद आ गयी !! सुबह दोनों जल्दी ही उठ गयी नहाकर तैयार हुयी और कॉलेज के लिए निकल गयी ! कॉलेज आकर दोनों अपनी अपनी क्लासो की और बढ़ गयी !
निधि का नंबर ऊपर वाली क्लास में था और मीरा का निचे लास्ट रूम में , मीरा ने क्लास के बाहर लगी लिस्ट में अपना नाम और सीट नंबर देखा और क्लास में चली आयी जैसे ही वह अपनी सीट के पास पहुंची उसकी चीख निकल गयी ! क्लास में बैठे सभी स्टूडेंट्स उसकी तरफ देखने लगे और टीचर भी उसकी पास चली आयी और कहा,”क्या हुआ मीरा ? तुम चीखी क्यों ?
मीरा फटी आँखों से टेबल को देखते रही और ऊँगली से टेबल पर लिखे शब्दों की और इशारा किया ! टीचर ने आगे आकर देखा तो लाल रंग से टेबल पर लिखा हुआ था – – डर क्या होता है ? इसका अहसास बहुत जल्द होगा तुम्हे !”
टीचर ने पढ़ा तो मीरा को शांत कराते हुए कहा,”लगता है किसी ने तुम्हारे साथ मजाक किया है , तुम घबराओ मत मैं अभी ये टेबल चेंज करवा देती हु !”
टीचर ने चपरासी को आवाज लगाई और टेबल बदलने को कहा उन्होंने अपनी टेबल पर रखी पानी की बोतल मीरा की और बढ़ा दी ! मीरा ने पानी पीया और अपने डरे हुए मन को शांत किया !! दूसरी टेबल लगाने के बाद मीरा बैठी और अपना ध्यान पेपर में लगाने की कोशिश करने लगी ! बड़ी मुश्किल से उसने खुद का ध्यान उस बात से हटाया और पेपर करके क्लास से बाहर आ गयी ! बाहर सीढ़ियों के पास निधि रागिनी के साथ खड़ी थी !
मीरा उनके पास आयी तो रागिनी ने कहा,”कैसा रहा तुम्हारा पेपर ?”
“हम्म्म ठीक था !”,मीरा ने खोये हुए स्वर में कहा
“क्या हुआ तुम इतनी परेशान क्यों हो ?”,निधि ने मीरा के कंधे पर हाथ रखते हुए पूछा
“नहीं कुछ नहीं , घर चले !”,मीरा ने कहा
“यार इतने दिनों बाद मिले है इसमें भी तुम्हे घर जाने की जल्दी है चलो ना बाहर चलते है !”,रागिनी ने कहा
“दो दिन बाद फिर से पेपर है रागिनी !”,मीरा ने कहा
“हां तो मैं कोनसा पूरा दिन बाहर रहने को बोल रही हु यार एटलीस्ट 1 घंटा तो दे ही सकती हो दोस्तों को !”,रागिनी ने कहा
” हां मीरा चलते है ना , वैसे भी बहुत दिन हो गए !”,निधि ने मचलते हुए कहा
“अच्छा ठीक है , कहा चलना है !”,मीरा ने चेहरे पर मुस्कराहट लाते हुए कहा जिस से निधि और रागिनी उसके डर को ना भांप सके !
“अपने कॉलेज के बाहर जो केन्टिन है उसमें चलते है , वहा का पिज़्ज़ा बहुत टेस्टी है !”,रागिनी ने कहा
तीनो केंटीन की और बढ़ गयी , तीनो ने खाली टेबल देखी और वहा आकर बैठ गयी
रागिनी ने स्पाइसी पिज़्ज़ा आर्डर किया और निधि ने अपने लिए एक्स्ट्रा चीज वाला , मीरा ने अपने लिए सिर्फ जूस आर्डर किया तीनो बैठकर बाते करने लगी ! निधि और रागिनी ही कुछ न कुछ बोले जा रही थी मीरा बस अपनी ही उधेड़बुन में उलझी थी ! लड़का आर्डर रखकर चला गया तीनो बाते करते हुए खाने लगी ! पिज़्ज़ा खाने के बाद निधि और रागिनी पेमेंट करने चली गयी उनके जाने के बाद वेटर आया और एक पेपर मीरा के सामने रखकर चला गया
! मीरा उस से कुछ पूछ पाती इस से पहले ही वह कही गायब हो गया मीरा ने कागज उठाया और खोलकर देखा तो उसका दिल फिर से तेजी से धड़कने लगा उसमे बड़े बड़े अक्षरों में मीरा का नाम लिखा हुआ था और उसे लाल रंग की श्याही से बिच से काटा हुआ था साथ में एक सैड इमोजी बना हुआ था ! घबराई हुई मीरा ने इधर उधर देखा सब अपने आप में बिजी थे ऐसा कोई नहीं था जिस पर मीरा शक कर सके ! मीरा ने उस कागज के टुकड़े टुकड़े किये और वहा से उठकर निधि के पास आकर कहा,”निधि प्लीज़ चलो यहाँ से !!
“हां चलते है !”,निधि ने कहा लेकिन वो मीरा के चेहरे की बेचैनी नहीं समझ पाई ! रागिनी को बाय बोलकर दोनों वहा से घर चली आयी ! मीरा घर आयी उसने कपडे चेंज किये और मुंह धोने बाथरूम में चली आयी ! शीशे में खुद को देखते हुए वह अपने चेहरे पर पानी के छींटे मारने लगी !
मुंह धोते हुए मीरा के चेहरे के सामने बार बार वो हादसे आ रहे थे ! आखिर कोई उसके साथ ये सब क्यों कर रहा था ? निधि के परिवार के अलावा वह किसी को जानती तक नहीं थी !
मीरा अंदर ही अंदर खुद को मजबूत रखने की कोशिश कर रही थी लेकिन इस वक्त वह खुद को अकेला महसूस भी कर रही थी ! निधि को वह ये सब बताकर डराना नहीं चाहती थी !! मीरा ने अकेले ही इस गुत्थी को सुलझाने का फैसला किया और टॉवल से मुंह पोछते हुए बाहर निकल आयी ! तभी किसी ने पीछे से मीरा के कंधे पर हाथ रखा तो वह डर कर पीछे मुड़ी और कहा,”ओह्ह आंटी आप है , हमे लगा !
“क्या लगा तुम्हे ? मैं तुम्हे बुलाने आयी थी निचे चलकर कुछ खा लो !”,राधा ने कहा
“अभी भूख नहीं है आंटी , आते वक्त निधि और रागिनी के साथ हमने केंटीन में खा लिया था !”,मीरा ने कहा
“कोई बात नहीं जब भूख हो तब खा लेना !”,राधा ने प्यार से मीरा का गाल छूकर कहा
“‘जी आंटी !”,मीरा अभी भी घबरा रही थी !
“मीरा सब ठीक है ना !”,राधा ने उसे परेशान देखकर पूछा !!
“जी आंटी सब ठीक है , वो पढाई की वजह से थोड़ा स्ट्रेस है बस !”,मीरा झूठ बोल गयी !
“पगली , इतना भी स्ट्रेस मत लो , थोड़ा आराम कर लो फिर बाद में पढ़ लेना !”,राधा ने कहा तो मीरा ने हां में गर्दन हिला दी !! राधा मीरा को छोड़कर निचे चली गयी मीरा दिवार पर लगी अपनी तस्वीरों के पास आयी और उन्हें देखते हुए कहने,”जल्दी से वापस आ जाईये ना अक्षत जी , यहाँ कुछ सही नहीं हो रहा हमारे साथ ,, ये बेचैनी , ये डर , ये घबराहट और ये हादसे क्यों हो रहे है हमारे साथ ? किस से पूछे आप होते तो सब सम्हाल लेते ,, हम आपको बहुत मिस कर रहे है अक्षत जी ! जल्दी से आपकी पढाई पूरी हो जाये और आप वापस आ जाये !
आप साथ रहेंगे तो हम हर परेशानी से लड़ लेंगे पर अकेले हम कुछ भी नहीं है !!”
मीरा अक्षत को याद कर रही थी और उधर अक्षत हिचकियो से परेशान था ! हिचकते हुए वह किचन में आया जहा तनु काम कर रही थी उसे हिचकते देखकर तनु ने कहा,”अरे वाह कोई बड़ा याद कर रहा है तुम्हे आशु , हिचकिया रुकने का नाम नहीं ले रही !!”
“हां दी हिच्क , परेशान हो गया हु हिच्क ,, कुछ करो ना प्लीज़ !”,अक्षत का हाल बुरा था !
“ये लो पानी पीओ इस से रूक जाएगी !”,तनु ने पानी का ग्लास अक्षत की और बढाकर कहा !
अक्षत एक साँस में सारा पानी पी गया लेकिन हिचकिया नहीं रुकी ! अक्षत फिर परेशान हो गया तनु से भी उसकी बुरी हालत देखी नहीं जा रही थी तो उसने अक्षत को सामने पड़ी कुर्सी पर बैठाते हुए कहा,”एक लम्बी साँस लो और उस इंसान का नाम मन ही मन में तीन बार पुकारो , जो तुम्हे याद कर रहा होगा ! अगर सच हुआ तो रुक जाएगी !”
“हम्म्म !”,अक्षत ने कहकर गहरी साँस ली और तीन बार मन ही मन कहा,”मीरा , मीरा , मीरा !”
हिचकिया रुक गयी अक्षत मुस्कुरा उठा और कहा,”अरे वाह दी ये तो काम कर गया , कहा से सीखा ये आपने ?”
“तुम्हारे जीजा से , अच्छा अब ये बताओ किसका नाम लिया तुमने ?”,तनु ने अक्षत को छेड़ते हुए कहा
“किसी का भी नहीं , मुझे जरा काम है मैं जाता हु !”,कहकर अक्षत वहा से निकल गया और सीधा अपने कमरे में आकर अपनी रफ नोटबुक खोलकर उसपे 9 नंबर पर गोला लगाते हुए कहा,”बस 21 दिन और उसके बाद मैं हमेशा के लिए तुम्हारे सामने होऊंगा मीरा !!”
मीरा की तरह अक्षत का भी हाल बुरा था पर दोनों ही एक दूसरे को परेशान ना करने के लिए कभी फोन नहीं करते ! मीरा सोचती वो अपनी पढाई में व्यस्त होंगे और अक्षत सोचता वो अपने एग्जाम में बिजी होगी ! लेकिन दोनों खुश थे !! देखते देखते दूसरा हफ्ता भी निकल गया अब अक्षत पहले से भी ज्यादा बिजी हो गया घर पर भी वह बहुत कम बात कर रहा था और पढाई में बिजी रहता !! मीरा के लगभग सभी पेपर ख़त्म हो चुके थे बस 2 पेपर और बचे थे लेकिन ऐन वक्त पर उसका सेंटर चेंज हो गया ! एग्जाम सेंटर इंदौर से 7 किलोमीटर दूर कॉलेज में था !
निधि के पेपर ख़त्म हो चुके थे मीरा को अकेले ही जाना था ऐसे में अर्जुन ने उसके दो पेपर्स की जिम्मेदारी अपने ऊपर ली !! मीरा उनकी तैयारी में लग गयी लेकिन कही ना कही उसके मन में एक डर भी था की उसे कही फिर से किसी हादसे का सामना ना करना पड़े ! दोपहर में तैयार होकर मीरा अर्जुन के साथ कॉलेज के लिए निकल पड़ी ! मीरा को उदास देखकर अर्जुन रास्ते भर उसे हँसाने की कोशिश करता रहा ! मीरा अपनी वजह से किसी को परेशान करना नहीं चाहती थी इसलिए वह भी अर्जुन की बातो से हसने मुस्कुराने लगी !!
“अच्छा मीरा ये बताओ , तुम क्या बनना चाहती हो ?”,अर्जुन ने सवाल किया
“हम समाज सेविका बनना चाहते है , और उन सबकी मदद करना चाहते है जो बेसहारा है
“अरे वाह ये तो बहुत अच्छा सोचा तुमने , लेकिन ये सब करने के लिए पैसे भी चाहिए
“हां तो उसके लिए पहले हम मेहनत करेंगे ना नौकरी करके फिर जो पैसे आएंगे उनसे लोगो की मदद करेंगे
“यार तुम इतनी अच्छी क्यों हो ? मतलब हर वक्त तुम दुसरो की ख़ुशी उनके अच्छे के लिए सोचती रहती हो , कभी तो अपने लिए भी सोच लिया करो
“हमारे बारे में सोचने के लिए आप सब है ना
“वैसे कोई और भी है जो आजकल तुम्हारे बारे में कुछ ज्यादा ही सोचने लगा है
“हम कुछ समझे नहीं (मीरा ने अर्जुन से नजरे चुराते हुए कहा)
“धीरे धीरे समझ जाओगी , अच्छा मीरा सुनो
“जी
“दो हफ्ते बाद मेरी शादी है , तुम बताओ ना मैं नीता के क्या तोहफा खरीदू
“कुछ ऐसा जो हमेशा उनके पास रहे आपकी निशानी बनकर
“ये तो सही कहा पर ऐसा क्या लू ? मुझे तो कुछ समझ नहीं आ रहा है
“उन्हें सबसे ज्यादा क्या पसंद है ?
“मैं
मीरा ने अर्जुन को घुरा तो वह हँसते हुए कहने लगा,”अच्छा , अच्छा सॉरी , नीता को गहने बहुत पसंद है और नए नए कपडे भी “
“कपडे तो वक्त के साथ पुराने हो जायेंगे ! कुछ और गहने , गहनों में से कुछ
“तो फिर डायमंड रिंग कैसी रहेगी ?
“डायमंड रिंग वो कुछ वक्त पहनेंगे और फिर रख देंगे
“तो तुम ही बताओ क्या लू ?
“अहम्म्म्म्म आप ना उनके लिए अपने नाम का मंगलसूत्र लीजिये , उसे पहनने के बाद एक शादीशुदा उसे कभी अपने से दूर नहीं करेगी
“परफेक्ट मैं आज ही आर्डर कर देता हु ! थैंक्यू मीरा
“आपका स्वागत है , हम आपकी सेवा में हर वक्त हाजिर है (मीरा ने अदा के साथ पलके झपकाकर हाथ आगे करके कहा)
“मीरा तुमसे एक बात कहु
“हां कहिये ना
“तुम हंसती हुई बहुत अच्छी लगती हो , हमेशा ऐसे खुश रहना !
“थैंकयू !!
“योर वेलकम , वैसे पेपर कैसे जा रहे है तुम्हारे ?
“सब अच्छे गए है बस ये दो पेपर ठीक से निकल जाये !
“मुझे भरोसा है ये भी तुम क्लियर कर ही लोगी , उसके बाद तुम्हे मेरी शादी की तैयारियां भी तो करनी है !
“हां बिल्कुल !!
“ये सब तुम्हारी वजह से हुआ है मीरा , थैंक्स टू यू , दुसरो के प्यार के लिए तुमने इतना किया है तो देखना तुम्हे दुनिया में सबसे ज्यादा प्यार करने वाला लड़का मिलेगा !
“हमे तो मिल चुका (मीरा ने बड़बड़ाते हुए कहा)
“क्या कहा ? (अर्जुन ने अनजान बनते हुए कहा
“क क कुछ नहीं , हमारा कॉलेज आ गया !!
अर्जुन ने देखा सामने ही कुछ दूर वह कॉलेज था जहा मीरा की एग्जाम थी ! उसने गाड़ी साइड में लगायी अभी कॉलेज में एंट्री नहीं हुई थी पेपर शाम 3 बजे
से था अभी 2.30 बज रहे थे दोनों गाड़ी से निचे उतरे ! गेट के बाहर उसके कॉलेज के साथ साथ दूसरे कॉलेज के लड़के लड़किया भी खड़े थे ! उन्हें देखकर अर्जुन ने कहा,”तुम आराम से पेपर देना घबराना नहीं मैं यही तुम्हारा इंतजार कर लूंगा !
“आप खामखा परेशान हो रहे है हम बिल्कुल नहीं डर रहे !!”,मीरा ने बहादुरी दिखाते हुए कहा
“हां हां समझ गया मिस राजपूत आप किसी से नहीं डरती है !!”,अर्जुन ने कहा !
कुछ देर बाद सभी की कॉलेज के अंदर एंट्री होने लगी मीरा जाने लगी तो अर्जुन ने उसे बेस्ट ऑफ़ लक कहा ! मीरा मुस्कुराते हुए अंदर चली गयी अभी वह अपना एडमिट कार्ड और बाकि सामान सम्हाले हुए अंदर जा ही रही थी की तभी भीड़ में उसे कोई कागज थमाकर चला गया गया मीरा ने पलटकर देखा तब तक वह शख्स भीड़ में कही गुम हो गया !
मीरा ने कागज खोलकर देखा तो एक बार फिर उसका दिल धड़क उठा उस पर लिखा था – कितनी बेवकूफ हो ना तुम , मेरी चेतावनियों का कोई असर नहीं पड़ा तुम पर ,, अपने साथ साथ मरने के लिए अर्जुन को भी ले आयी !! हाउ स्टुपिड मीरा ,, गेम इज ऑन”
मीरा ने भीड़ में यहाँ वहा उस सख्स को ढूंढने की कोशिश की लेकिन वह उसे कही नहीं दिखा था ! मीरा और ज्यादा परेशान हो गयी उसने वह कागज अपनी मुट्ठी में दबा लिया !
उसे अर्जुन का ख्याल आया और वह दौड़कर वापस गेट पर आयी लेकिन चपरासी ने उसे अंदर जाने को कहा वह अर्जुन से कुछ नहीं कह पाई !! मीरा हताश होकर वापस अंदर चली आयी बेल बज चुकी थी क्लास के बाहर बैठे लड़के को उसने अपना सामान जमा करवाया और क्लास में चली गयी ! पेपर सॉल्व करते वक्त भी उसके दिमाग में सिर्फ अर्जुन का ख्याल था मीरा ने जल्दी जल्दी पेपर ख़त्म किया जैसे ही बेल बजी वह क्लास से बाहर आयी ! उसने जल्दी से अपना सारा सामान लिया और भागते हुए दरवाजे के पास आई कॉलेज से बाहर आकर उसने देखा
वहा अर्जुन की गाड़ी नहीं थी ना ही अर्जुन कही नजर आ रहा था ! मीरा का परेशान होना लाजमी था , पहले उसे ऐसे नोट का मिलना और अब अचानक से अर्जुन का गायब होना मीरा कुछ समझ नहीं पा रही थी ! परेशान सी वह यहाँ वहा घूम रही थी हल्का अँधेरा होने लगा था लड़के लड़किया अपने अपने घरो की और जाने लगे थे लेकिन मीरा को अर्जुन की चिंता हो रही थी !! मीरा ने एक दुकानवाले से पूछा,”भाईसाहब यहाँ एक लाल रंग की गाड़ी खड़ी थी , आपने उसे कही जाते हुए देखा ?”
“हां दीदी अभी कुछ देर पहले ही यहाँ से निकली थी वो गाड़ी , गाड़ी का तैयार पंचर हो गया था पास में ही दुकान है शायद वहा मिल जाये !”,दुकानवाले ने कहा
“शुक्रिया भैया !”,कहकर मीरा उस तरफ चल पड़ी
दुकानवाले ने जेब से फोन निकाला और किसी को फोन करके कहा,”आपका काम हो चुका है !”
मीरा कुछ दूर चलकर आयी लेकिन वहा दूर दूर तक कोई दुकान नहीं थी , डर और घबराहट के भाव उसके चेहरे पर उभर आये उसने अर्जुन को आवाज देते हुए कहा,”अर्जुन जी , अर्जुन जी कहा है आप ?”
मीरा बेचैनी से जैसे ही पलटी किसी ने उसके मुंह पर रूमाल रखा ! अगले ही पल मीरा बेहोश होकर निचे आ गिरी
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संजना किरोड़ीवाल


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