Main Teri Heer Season 5 – 71
Main Teri Heer Season 5 – 71

बाबा ने सुमन से वंश का रिश्ता तय किया है ये जानकर वंश को धक्का लगा और उस पर मुरारी की बातो में आकर उसने खुद बाबा के सामने हाँ भी कर दी। मुरारी ने जब वंश को बताया कि शिवम् ने खुद बाबा को ये वचन दिया है तो उसे और ज्यादा हैरानी हुई। मुरारी चला गया और वंश हैरान परेशान सा वही खड़ा अपने नाख़ून चबाता रहा। काशी मुन्ना की शादी थी और वह किसी तरह का तमाशा करके उनकी खुशियों में खलल डालना नहीं चाहता था। मुरारी की कही आखिरी बात वंश के कानो में गूंजने लगी।
वंश के दिमाग की बत्ती जली और उसने खुश होकर खुद से कहा,”अरे मुरारी चाचा किस दिन काम आएंगे , जब वो माँ-पापा की लव स्टोरी सक्सेसफुल बना सकते है तो मेरी और निशि की क्यों नहीं ? , आपने मुझे विलीन कहा ना मुरारी चाचा अब देखो इस विलीन का कमाल”
वंश मुस्कुराते हुए सबकी तरफ चला आया जहा मुरारी नाच गा रहा था। वंश भी मुरारी के सामने आकर नाचने लगा और इशारो इशारो में मुरारी से बाबा को मनाने की मिन्नते करने लगा और मुरारी ने बहुत ही बुरा सा मुंह बनाकर वंश की मिन्नतों पर पानी फेर दिया। वंश ने मायूसी से मुंह बनाया और अगले ही पल मुरारी से फिर मिन्नत की और इस बार उसने शिवम् सारिका की तरफ इशारा किया ,
अपने हाथो को मिलाकर दोनों के एक होने की वजह मुरारी को बताया और इसी के साथ उसने निशि और अपनी तरफ इशारा करके एक बार फिर साथ देने की रिक्वेस्ट की , अब मुरारी तो ठहरा मुरारी उसने शिवम् सारिका के टाइम पर तो बहुत प्राउड फील किया लेकिन जैसे ही वंश निशि की बारी आयी मुरारी ने अपने हाथ उठा दिए और इस बार वंश के चेहरे पर गुस्से के भाव आये और उसने मुरारी के सामने आकर अपनी चार उंगलिया दिखाकर म्यूजिक सिस्टम पर बजते गाने के साथ कहा
छाने छाने बदले
तोहरो मिजाज राजाऊ
धोखेबाज़ राजाऊ
धोखेबाज़ राजाऊ…
मुरारी ने सुना तो वंश से जान छुड़ाने के लिए बगल में नाच रही सुमन को उसके सामने कर दिया और वहा से चला गया। बेचारा वंश फंस गया सुमन ने उसे देखा तो मुस्कुरा दी और वंश भी मज़बूरी में मुस्कुरा उठा।
अंजलि और निशि कुछ ही दूर बैठी जलेबी खा रही थी , निशि का ध्यान तो खाने पर था लेकिन अंजलि की नजर सामने वंश पर पड़ी जो कि सुमन के साथ डांस कर रहा था। हैरानी से उसकी आँखे बड़ी हो गयी और उसने वंश को देखते हुए निशि की बांह थपथपाई और कहा,”निशि वहा देखो,,,,,,,,,ये वंश भैया किस लड़की के साथ डांस कर रहे है ?”
निशि ने देखा तो उसका मुंह खुला का खुला रह गया , उसने गाना सुना जो कि उसे बिल्कुल समझ नहीं आ रहा था। उसने अंजलि की तरफ देखा और कहा,”ये कैसे अजीब गाने पर डांस कर रहे है ये लोग ?”
“अरे तुम्हे गाना अजीब लग रहा है लेकिन वंश भैया को किसी और लड़की के साथ देखकर अजीब नहीं लग रहा ?”,अंजलि ने हैरानी से कहा
“ओह्ह्ह कम ऑन अंजलि मुंबई में तो ये सब नार्मल है और वैसे भी वो दोनों साथ में डांस ही तो कर रहे है,,,,,,!!”,निशि ने बेपरवाही से कहा
“हाँ पर क्या तुम्हे गाना समझ आ रहा है ?”,अंजलि ने पूछा
“अह्ह्ह्हह नहीं,,,,,,,,,,,!!”,निशि ने झेंपते हुए कहा
सजके-सँवरके जब आवेलु, ए रानी, दिनवे में मन गबड़ावेलु
राती में सपना तू अपना देखाके हमरा के काहे दुबरावेलु?
राजा, कइलऽ बियाह, तू मोटा जइबऽ हो
खइबऽ मेहरी के हाथे त गोटा जइबऽ हो”
“इह का मतलब है बिटिया कि राजा हमसे शादी कर लो , तुम्हे इतना पियार करेंगे मोटे ताजे हो जाओगे और जब खाओगे हमरे हाथ से बना खाना तो हट्टे कट्टे हो जाओगे”,अंजलि से पहले मुरारी ने कहा और निशि के बगल में पड़ी कुर्सी पर आ बैठा
निशि ने सुना तो हैरानी से मुरारी को देखा , मुरारी ने जलेबी उठायी और खाते हुए कहा,”पर तुम्हे का निशि बम्बई मा तो जे सब नार्मल है , इतना तो चलता है”
“इतना भी नार्मल नहीं है,,,,,,,,,!!”,निशि ने मायूसी से कहा
“अरे तो फिर हिया का कर रही हो उन दोनों की बिदाई के बाद जाओगी का रोकने ?”,मुरारी ने दूसरी जलेबी खाते हुए कहा
निशि उठी और वंश की तरफ चली गयी। जलेबी खाते हुए मुरारी की नजर सामने से आती किट्टो मौसी पर पड़ी तो उसने जलेबी की प्लेट अंजलि की तरफ खिसकाकर उठते हुए कहा,”जे जलेबी तुमहू खाओ हमहू जरा इमरती से मुलाकात कर ले”
“इमरती ? लेकिन आज के खाने में तो इमरती है ही नहीं छोटे मामाजी”,अंजलि ने असमझ की स्तिथि में कहा
“अरे खाने वाली नाही हमहू अपनी पर्सनल इमरती की बात कर रहे है”,कहते हुए मुरारी वहा से चला गया और अंजलि अब भी नहीं समझ पायी।
मुरलीधर से मिलने के बाद और वंश की आँखों में शिकायत के भाव देखने के बाद शिवम् का मन बैचैन हो गया। उसे अहसास हुआ कि बिना वंश का मन जाने ही उसने बाबा को वचन दे दिया और बाबा ने वंश का रिश्ता सुमन से तय कर दिया। शिवम् बाबा और मुरलीधर जी को साथ छोड़कर सारिका से बात करने चला आया। सारिका को ढूंढते हुए वह अंदर चला आया जहा सारिका अनु के साथ शगुन का कुछ सामान जमा रही थी। शिवम् आया उनकी तरफ आया और कहा,”सरु ! हमे आपसे कुछ जरुरी बात करनी है”
“यही ना शिवम् जी कि शक्ति के शगुन में किसी तरह की कमी नहीं रहनी चाहिए तो आप चिंता मत कीजिये हमने अनु के साथ मिलकर सब इंतजाम कर दिया है , मुन्ना और शक्ति का शगुन एक जैसा रखा है”,सारिका ने कहा
“सरु हमे कुछ और बात करनी है,,,,,,,,,,!!”,शिवम् ने परेशानी भरे स्वर में कहा
सारिका कुछ कहती इस से पहले अनु ने आकर कहा,”जीजू आज के दिन तो प्लीज अपनी बाते साइड में रखिये , मुन्ना और काशी की शादी तक दी को मुझे दे दीजिये,,,,,,,,इनकी मदद के बिना तो मैं कुछ भी नहीं कर सकती,,,,,,,,,,दी वो शगुन के लिए मिठाईयों के डिब्बे तैयार है चलकर एक बार देख लीजिये न”
शिवम् सारिका से कुछ कहता या उसे रोकता इस से पहले अनु उसे वहा से लेकर चली गयी
शिवम् का सारिका से बात करना जरुरी था लेकिन शादी के माहौल में सारिका इतना व्यस्त थी कि बात नहीं कर पाई। शिवम् परेशान सा वही खड़ा था तभी गौरी के मामाजी आये और कहा,”अरे समधी जी आप यहाँ क्या कर रहे है ? बाहर आईये ना एक छोटी सी रस्म अदा कर ली जाए”
शिवम् मामाजी के साथ बाहर चला गया।
मुरारी ने जो आग लगाई उस से जलकर निशि वंश और सुमन के बीच जा पहुंची। वंश ने राहत की साँस ली और वही सुमन को भी वहा से निकलने का बहाना मिल गया और वह वंश से नजरे बचाकर तुरंत वहा से चली गयी। निशि को अपने सामने देखकर वंश मुस्कुराया और कहा,”थेंक गॉड निशि तुम आ गयी , वरना मेरा यहाँ से निकलना मुश्किल हो गया था”
“ओह्ह्ह्ह रियली,,,,,,,,!!”,निशि ने बड़े प्यार से कहा और अपना पैर वंश के पैर पर जोर से दे मारा , वंश चिल्लाया लेकिन गाने के शोर में भला किसे ही सुनाई देता ? वंश ने निशि को देखा और निशि मुंह बनाकर चली गयी।
वंश निशि के पीछे आया और कहा,”अरे तुम पागल वागल हो क्या ? इतनी जोर से क्यों मारा ?”
निशि वंश की तरफ पलटी और कहा,”पागल तो तुम मुझे बना रहे हो , कौन थी वो लड़की ?”
“कौन लड़की ?”,वंश ने असमझ की स्तिथि में कहा उसका पूरा ध्यान अपने पैर पर था
“अच्छा कौन लड़की ? तुम्हे क्या मैं अंधी नजर आती हूँ , वही लड़की जिसके साथ डांस कर रहे थे , कौन थी वो ?”,निशि ने वंश को घूरते हुए पूछा
“अच्छा वो , वो तो बाबा के दोस्त की पोती,,,,,,सुमन , सुमन नाम है उसका”,वंश ने हड़बड़ाकर कहा
“वाह वाह वाह नाम भी पता कर लिया , तो ये भी पूछ लेते वो सिंगल है या नहीं , बायोडाटा भी मांग लेते , शादी की डेट भी फिक्स कर लेते ,आखिर शादी तक तो बात पहुँच ही गयी है”,निशि ने उसी गुस्से से कहा
“तुमसे ये सब किसने कहा ?”,वंश ने हैरानी से पूछा
“कहेगा कौन जिस तरह के गाने पर तुम उसके साथ डांस कर रहे थे उसका तो यही मतलब हुआ न,,,,,,,,,,,राजा शादी कर लो मोटे हो जाओ,,,,,,,,,बहुत जल्दी है तुम्हे शादी की ?”,निशि ने वंश की तरफ आकर कहा
“एक मिनिट तुम्हे तो भोजपुरी आती नहीं फिर तुम्हे इस गाने का मतलब कैसे पता ?”,वंश ने पूछा
“छोटे मामाजी ने बताया”,निशि से पहले अंजलि ने आकर कहा तो वंश को सब समझ आ गया और वह निशि को समझाने के लिए जैसे ही उसकी तरफ पलटा निशि ने वंश को उंगली दिखाकर कहा,”अगर तुमने मुझे धोखा देने का सोचा भी ना वंश तो मैं तुम्हारा खून कर दूंगी समझे”
“हाह ! अजीब टॉर्चर है , अरे लेकिन मैं तुम्हे धोखा क्यों दूंगा ? हे निशि,,,,,,,,,,अह्ह्ह्ह क्या करू मैं इस लड़की का ?”,वंश ने जाती हुई निशि को देखकर झल्लाते हुए कहा लेकिन निशि नहीं रुकी और चली गयी
अंजलि ने वंश को परेशान देखा तो उसके पास आकर धीमे स्वर मे कहा,”गाने का मतलब तो मुरारी मामा ने ही निशि को बताया था और फिर कुछ ऐसा कहा कि निशि गुस्से से आग बबूला हो गयी,,,,,,,,,!!”
वंश ने सुना तो उसके चेहरे पर खुन्नस के भाव आ गए उसने अंजलि की प्लेट से जलेबी उठाई और उसके बगल में खड़े होकर खाते हुए कहा,”ये मुरारी चाचा मेरी लंका लगाने पर क्यों तुले है ?”
“वैसे आपके और निशि के बीच कुछ चल रहा है क्या ?”,अंजलि ने भी जलेबी खाते हुए कहा वंश ने सुना तो उसके सर पर एक चपत मारकर कहा,”ज्यादा दिमाग मत लगाओ और जलेबी खाओ,,,,,,,और ये मुरारी चाचा कहा है ?”
“उन्होंने कहा कि वो अपनी इमरती से मिलने जा रहे है”,अंजलि ने कहा
“मेरी जलेबी में खटास डालकर खुद इमरती खा रहे है”,वंश ने कहा और वहा से चला गया
“लगता है वंश भैया और छोटे मामाजी दोनों ही पागल हो गए है , कुछ भी बोले जा रहे है”,अंजलि ने कहा और वहा से चली गयी
मुरारी किट्टो से मिला चूँकि मुन्ना और गौरी की सगाई के वक्त उन दोनों की गलतफहमियां दूर हो चुकी थी इसलिए ना किट्टो को मुरारी से शिकायत थी ना ही मुरारी को किट्टो के जिंदगी से चले जाने का दुःख पर वो कहते है ना पहले प्यार की कसक हमेशा दिल में रह ही जाती है। मुरारी के दिल में किट्टो के लिए कोई भावनाये नहीं थी लेकिन एक सॉफ्ट कॉर्नर आज भी था। दोनों हसंते मुस्कुराते बाते कर रहे थे कि लड़का जलेबी और रबड़ी लेकर उधर से गुजरा तो मुरारी ने एक प्लेट उठाकर किट्टो की तरफ बढ़ा दी।
“अरे नहीं नहीं मुरारी मैं ये नहीं खा सकती,,,,,,,!!”,किट्टो ने कहा
“काहे ? राबड़ी जलेबी तो तुम्हायी फेबरेट थी , ल्यो खाओ,,,,,,,!”,मुरारी ने कहा
“मुरारी मैं डाइट पर हूँ मैंने ये सब खाना बंद कर दिया है,,,,,,,!”,किट्टो ने प्यार से कहा
“अरे किस काम की ऐसी डाइट जोन साला बढ़िया खाना खाने से रोके , रुको हम अपने हाथ से खिला देते है , एक तो खा ही सकती हो”,मुरारी ने कहा और किट्टो के मना करने के बाद भी एक जलेबी रबड़ी में डुबोकर किट्टो को खिला दी।
खाते हुए रबड़ी किट्टो की ठोड़ी पर आ गिरी तो मुरारी ने रूमाल के लिए इधर उधर देखा तभी एक हाथ मुरारी की तरफ आया जिसमे रूमाल था। मुरारी ने रूमाल लिया और किट्टो की ठोडी पर लगी रबड़ी पोछकर रूमाल वापस देने वाले की तरफ बढ़ा दिया लेकिन जैसे ही सामने खड़ी अनु को देखा तो मुरारी के पैर काँपने लगे , थूक गले में ही अटक गया और , दिल धड़कने लगा । उसने रूमाल लेने से पहले ये भी नहीं देखा था कि रूमाल देने वाली कोई और नहीं बल्कि अनु है। अनु बस ख़ामोशी से एकटक मुरारी को देख रही थी।
मुरारी ने गले में अटके थूक को निगला और जैसे ही नजर अनु के बगल में खड़े वंश पर पड़ी वंश मुरारी को देखकर मुस्कुरा दिया।
वंश मुरारी के बगल में आया और फुसफसाते हुए कहा,”मेरे घर में आग लगाओगे तो लपटें आपके घर से भी उठेगी ना,,,,,,,,,मुरारी चाचा,,,,,,,खाइये खाइये रबड़ी जलेबी खाइये”
मुरारी ने वंश को घुरा और वंश मुस्कुराते हए वहा से चला गया
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संजना किरोड़ीवाल


मुरलीधर से मिलने के बाद और वंश की आँखों में शिकायत के भाव देखने के बाद शिवम् का मन बैचैन हो गया। उसे अहसास हुआ कि बिना वंश का मन जाने ही उसने बाबा को वचन दे दिया और बाबा ने वंश का रिश्ता सुमन से तय कर दिया। शिवम् बाबा और मुरलीधर जी को साथ छोड़कर सारिका से बात करने चला आया। सारिका को ढूंढते हुए वह अंदर चला आया जहा सारिका अनु के साथ शगुन का कुछ सामान जमा रही थी। शिवम् आया उनकी तरफ आया और कहा,”सरु ! हमे आपसे कुछ जरुरी बात करनी है”
मुरलीधर से मिलने के बाद और वंश की आँखों में शिकायत के भाव देखने के बाद शिवम् का मन बैचैन हो गया। उसे अहसास हुआ कि बिना वंश का मन जाने ही उसने बाबा को वचन दे दिया और बाबा ने वंश का रिश्ता सुमन से तय कर दिया। शिवम् बाबा और मुरलीधर जी को साथ छोड़कर सारिका से बात करने चला आया। सारिका को ढूंढते हुए वह अंदर चला आया जहा सारिका अनु के साथ शगुन का कुछ सामान जमा रही थी। शिवम् आया उनकी तरफ आया और कहा,”सरु ! हमे आपसे कुछ जरुरी बात करनी है”
मुरलीधर से मिलने के बाद और वंश की आँखों में शिकायत के भाव देखने के बाद शिवम् का मन बैचैन हो गया। उसे अहसास हुआ कि बिना वंश का मन जाने ही उसने बाबा को वचन दे दिया और बाबा ने वंश का रिश्ता सुमन से तय कर दिया। शिवम् बाबा और मुरलीधर जी को साथ छोड़कर सारिका से बात करने चला आया। सारिका को ढूंढते हुए वह अंदर चला आया जहा सारिका अनु के साथ शगुन का कुछ सामान जमा रही थी। शिवम् आया उनकी तरफ आया और कहा,”सरु ! हमे आपसे कुछ जरुरी बात करनी है”
🤣🤣🤣 Vansh ne kaise Murari ko fansa diya…aur Murari usne bhi rumal liya to kis se liya, Anu se…ab to gaya Murari… ghar aakar banegi chatni aur wo bhi Anu k hathon… Murari ne Vansh k liye aag lagai thi Nishi ko Vansh aur suman k sath dance krte huye dekh kar aur ab Vansh ne Murari ki Lanka laga dee… shayad ab Murari Vansh ki kuch madat kare Nishi se shadi karwane m…aur yeh Shivam ab usko Baba ko diye gaye vachan pe afsos ho rha hai…jab use Vansh aur Nishi ka pta chala…lakin ab wo kya karenga…idhar Sarika bhi Munna aur Kashi ki shadi m busy hai…esa lag rha hai ki shayad Vansh ki Suman se issi shadi m sagai ho jaye… let’s see
😂😂😂😂😂pet dard ho gaya haste haste haste
Murari toh vansh ki life mai lanka laga rhe the unki life mai khud he lag gayi lanka vansh ne bhi nehle par dehla maar diya
Murari chacha ab kya explain karege anu ko shadi munna aur kashi ki hai lekin lag rha hai band murari ka bajega 😂😂😂
Wow…. Amezing part tha. Waise jo bhi horha h maza aaya and next dekhte h
😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂ye to nahle pe dahla hogya murari k sath…wah wah banshwa kya gajjab dhoua h murari ko🤣🤣🤣🤣🤣🤣🤣🤣🤣🤣