Main Teri Heer – 9
Main Teri Heer – 9

शक्ति ने वंश से मदद मांगी लेकिन शक्ति जानता था ये उसके लिए मुश्किल होने वाला है। शक्ति की बात सुनकर वंश ने कहा,”मैं आपकी क्या मदद कर सकता हूँ ?”
शक्ति ने वंश को सारी बाते बता दी और कहा,”काशी ने बताया घर में मुन्ना के सबसे करीब तुम हो,,,,,,,,और हम चाहते है कि उसे मनाने में तुम हमारी मदद करो”
शक्ति की बातें सुनकर वंश कुछ देर खामोश रहा और कहा,”गलती तो आपसे हुई है और मुन्ना बहुत कठोर है वह इतनी जल्दी आपको माफ़ नहीं करेगा,,,,,,,लेकिन ठीक है , अब आप इतनी रिक्वेस्ट कर ही रहे है तो मैं मुन्ना से बात करूंगा और कोशिश करूंगा वो आपको माफ़ कर दे,,,,,,,,,,,,,लेकिन ये सबके लिए आपको बनारस आना होगा”
“बनारस क्यों ?”,शक्ति ने पूछा
“फेस टू फेस माफ़ी मांगोगे तो ज्यादा इफेक्टिव होगा ना,,,,,,,वैसे भी शादी के लिए आप बनारस आ ही रहे है , तब मुन्ना से बात करके उस से माफ़ी मांग लेना”,वंश ने कहा
“हम्म्म्म,,,,,,,!!”,शक्ति ने कहा हालाँकि वंश की बात पर बिल्कुल भी सहमत नहीं था। वंश भी समझ गया कि शक्ति को ये सब सुनकर अच्छा नहीं लग रहा लेकिन आज उसे शक्ति को परेशान करने का मौका मिला था इसलिए उसने कहा,”लेकिन मैं आपकी मदद फ्री में नहीं करने वाला हूँ , बदले में आपको भी मेरे लिए कुछ करना होगा”
“काशी जितना बताती है ये उतना भी सीधा नहीं है”,शक्ति मन ही मन बड़बड़ाया और वंश से कहा,”हमे क्या करना होगा ?”
“करना कुछ नहीं है बस छुपाना है,,,,,,,,,,,!!”,वंश ने कहा
“क्या छुपाना है ?”,शक्ति ने पूछा
“उस दिन इंदौर में आपने मुझे निशि के साथ देखा था उसके बारे मे आप घर में किसी को नहीं बताएँगे,,,,,,,,,,,,काशी को भी नहीं,,,,,,,,,,!!”,वंश ने कहा
“ओह्ह्ह तो हमारा शक सही था , तुम्हारा और निशि का,,,,,,,,,,,,,,,!!”,शक्ति ने इतना ही कहा कि वंश ने उसकी बात बीच में काटकर कहा,”मेरे और निशि के बीच में कुछ नहीं चल रहा”
“वैसे तुम दोनों साथ में अच्छे लगते हो”,शक्ति ने कहा
शक्ति की बात सुनकर वंश की आँखों के सामने निशि का चेहरा आ गया। उसे वो पल याद आने लगे जो उसने मुन्ना की सगाई में निशि के साथ बिताये थे। निशि के बारे में सोचकर वंश के होंठो पर मुस्कान तैर गयी। वंश को खामोश पाकर शक्ति ने धीरे से कहा,”तुम अभी भी उसी के बारे में सोच रहे हो ना ?”
शक्ति की बात सुनकर वंश होश में आया और कहा,”अब आप मेरे साथ कुछ ज्यादा ही फ्रेंक हो रहे है , भूलिए मत आपको मेरी हेल्प चाहिए मुझे आपकी नहीं,,,,,,,,,!!”
“हम्म्म्म समझ गए , वैसे निशि के मामले में हम तुम्हारी मदद कर सकते है,,,,,,,!!”,शक्ति ने वंश को छेड़ते हुए कहा तो वंश खामोश हो गया शक्ति हसने लगा और कहा,”अच्छा सॉरी ! बताओ हमे तुम्हारे लिए क्या करना होगा ?”
“वक्त आने पर बताऊंगा,,,,,,,,,,,अभी के लिए बस आपको मुन्ना से कोई बात नहीं करनी है , जब आप बनारस आएंगे तब बात करेंगे,,,,,,,,,,!!”,वंश ने कहा
“तुम्हे पूरा यकीन है मुन्ना तुम्हारी बात सुनेगा ?”,शक्ति ने कहा
“मुन्ना सबकी बात टाल सकता है मेरी नहीं,,,,,,,,,,,,अब फोन रखो मेरी कैब आ गयी है”,वंश ने कहा
“रखो ?”,शक्ति ने थोड़ा कठोरता से कहा तो वंश को याद आया शक्ति काशी का होने वाला पति और उसका होने वाला जीजा है। उसने अपनी टोन को नार्मल किया और कहा,”मेरा मतलब फोन रखिये जीजाजी , मेरी कैब आ चुकी है मुझे घर जाना है। ये ठीक है ?”
“हम्म्म्म बेटर,,,,,,,,,!!”,शक्ति ने उसी कठोरता के साथ कहा और वंश ने फोन काट दिया। उसने सामने खड़ी कैब का दरवाजा खोला और उसमे अंदर आ बैठा
शक्ति ने फोन रखा और फिर एकदम से हंस पड़ा। शक्ति अकेला ही हँसता रहा और गिरते पड़ते सोफे पर आ बैठा और कहा,”ओह्ह्ह काशी तुम्हारे दोनों भाई सच में अजीब है। एक इतना गंभीर है कि उसे समझने में सालों लग जायेंगे और दुसरा गंभीर बनने की कोशिश करता है लेकिन उसकी हरकते साथ नहीं देती,,,,,,,,,वैसे वंश और निशि के बीच कुछ तो है वरना किसी लड़की के नाम पर वंश खामोश नहीं होता।”
कैब में बैठा वंश शक्ति के बारे में सोच रहा था। “शक्ति ने मुझसे मदद क्यों मांगी ? क्या मैं उसे सच में इतना समझदार दिखता हूँ ? हाह जो भी हो लेकिन आज मजा आया ,, कैसे वो मेरे सामने भीगी बिल्ली बना हुआ था “मुझे तुम्हारी मदद चाहिए” देखा शक्ति आखिर में ये खोटे सिक्के ही काम आते है,,,,,,,,,,,,डोंट वरी मैं तुम्हारी हेल्प कर दूंगा ,
मुन्ना को मनाना इतना भी मुश्किल नहीं है वो मुझसे इतना प्यार करता है कि मेरी कोई बात नहीं टालेगा,,,,,,,,,,लेकिन बनारस जाने के बाद उसने एक बार भी मुझे फोन नहीं किया,,,,,,,,,,,,अह्ह्ह्ह सच कहते है मुरारी चाचा सगाई के बाद मुन्ना बदल गया है।”
वंश अपने ख्यालो में खोया हुआ था कि तभी बाहर बारिश होने लगी। मौसम की नजाकत को देखते हुए कैब ड्राइवर ने गाना चला दिया।
“एक दिन आप यू हमको मिल जायेंगे
फूल ही फूल राहों में खिल जायेंगे
मैंने सोचा न था,,,,,,,,,,,!!
एक दिन जिंदगी इतनी होगी हंसी
झूमेगा आसमा , गायेगी ये जमी
मैंने सोचा न था,,,,,,,,,,,!!
गाना सुनते हुए वंश खिड़की के बाहर देखने लगा।
वंश के जाने के बाद निशि अंदर चली आयी। वह सीधा अपने कमरे में आयी और बिस्तर पर बिखरे कपडे उठाकर कबर्ड में रखने लगी। मुन्ना की सगाई में अपने लिए वंश की फीलिंग्स देखकर निशि को लगा कि वंश भी उसे पसंद करता है लेकिन आज नवीन के सामने निशि की शादी की बात करके वंश ने उसे उलझन में डाल दिया। निशि बिस्तर पर आ बैठी उसे कुछ समझ नहीं आ रहा था उसने अपना फोन उठाया और पूर्वी का नंबर डॉयल किया।
कुछ देर रिंग जाने के बाद पूर्वी ने फोन उठाया और कहा,”हाँ निशि ! इतनी रात में कैसे फोन किया ? और मैं शाम में तुम्हारा इंतजार कर रही थी तुम आयी क्यों नहीं ?”
“शूटिंग के बाहर वंश मिल गया था उसके साथ सीधा घर आ गयी थी मैं,,,,,,,,,,,!!”,निशि ने मायूसी से कहा
“क्या हुआ तुम ठीक हो ना ? तुम्हारी आवाज बुझी बुझी आ रही है,,,,,,,नवीन अंकल ने फिर से कुछ कहा क्या ?”,पूर्वी ने पूछा
“पूर्वी मुझे तुम्हे कुछ बताना है,,,,,,,,,,,!!”,निशि ने धीमे स्वर में कहा
“हाँ बताओ ना,,,,!”,पूर्वी ने प्यार से कहा। निशि ने मुन्ना की सगाई में वंश के साथ जो वक्त बिताया वो सब पूर्वी को बता दिया। पूर्वी ख़ामोशी से सब सुनते रही और कहा,”आई थिंक वो तुझे पसंद करने लगा है निशि , पसंद तो वो तुझे पहले से करता था पर इस बार उसकी फीलिंग्स काफी स्ट्रांग नजर आ रही है। मुझे तो तुम दोनों साथ में बहुत अच्छे लगते हो , तुम्हारा क्या ख्याल है ?”
निशि ने एक ठंडी आह भरी और कहा,”हाँ मुझे भी लगता था कि वो मुझे पसंद करता है”
“लगता था ? उसने फिर से कुछ किया क्या ?”,पूर्वी ने चिंतित स्वर में पूछा
निशि ने वंश को आज घर आने और नवीन से उसकी शादी की बात कहने के बारे में पूर्वी को बताया तो पूर्वी ने कहा,”ओह्ह्ह्ह ये लड़का सच में अजीब है निशि , अगर वो तुम्हे पसंद करता है तो फिर तुम्हारे डेड से तुम्हारी शादी की बात कैसे कर सकता है ? क्या तुमने उसे बताया तुम उसे पसंद करती हो ?”
“उसकी फीलिंग्स जाने बिना मैं उस से कैसे कह सकती हूँ पूर्वी ? जैसा वो है मुझे नहीं लगता वो कभी ये सब समझेगा। अगर मैंने उसे बताया और उसने ना बोल
दिया तो मेरा दिल टूट जाएगा”,निशि ने रोआँसा होकर कहा
“तुम परेशान मत हो वंश के दिमाग में क्या चल रहा है ये तो वही बता सकता है,,,,,,,,,,,हो सकता है वो तुम्हारे डेड से तुम्हारी और अपनी शादी की बात कर रहा हो ,, तुम्हे इतनी जल्दी वंश को जज नहीं करना चाहिए,,,,,,,,,उसे और खुद को थोड़ा वक्त दो और तुम दोनों के बीच की नोक झोंक को एन्जॉय करो,,,,,,,,,,!!”,पूर्वी ने कहा
“हम्म्म्म , लेकिन अभी मैं बहुत उलझन में हूँ , नींद भी नहीं आ रही , मन भी अजीब सा हो गया है , मैं अभी भी उस चिरकुट के बारे में ही सोच रही हूँ”,निशि ने कहा , निशि की बात सुनकर पूर्वी मुस्कुराने लगी और कहा,”एक काम करो तुम म्यूजिक सुन लो , तुम्हे अच्छा लगेगा और मैं कल मिलती हूँ तुम से,,,,,,,,,ठीक है”
“हम्म्म ठीक है , थैंक्स पूर्वी”,निशि ने अपनेपन से कहा
“ओह्ह्ह तो अब तुम मुझे थैंक्स कहोगी , कल मिलो तो कॉफी पीला देना समझी”,पूर्वी ने निशि को प्यारभरी डांट लगाते हुए कहा
“ठीक है डन,,,,,,,,,,!!”,निशि ने कहा और फोन काट दिया
पूर्वी से बात करने के बाद निशि का मन हल्का हो गया। वंश के ख्यालो से बचने के लिए उसने म्यूजिक सिस्टम ऑन किया और खिड़की के पास आकर दरवाजे खोल दिए और परदे साइड करने लगी। सहसा ही निशि के कानों में गाने के बोल पड़े और वह एक बार फिर वंश के बारे में सोचने लगी
“एक दिन आप यू हमको मिल जायेंगे
फूल ही फूल राहो में खिल जायेंगे
मैंने सोचा ना था
एक दिन जिंदगी इतनी होगी हसीं
झूमेगा आसमा , गायेगी ये जमी
मैंने सोचा ना था
प्रताप का घर , बनारस
सुबह सुबह प्रताप आँगन में बैठा दातुन कर रहा था तभी उसे सामने से भूषण आता दिखाई दिया। भूषण प्रताप के पास आया और कहा,”नमस्ते चचा ! सुबह सुबह घर आने को काहे कहा ?”
प्रताप ने दातुन पास खड़े नौकर को पकड़ाया और उसके हाथ से पानी का लौटा लेकर कुल्ला किया और साइड में थूककर भूषण से कहा,”काहे ? हमहू घर आने को कहेंगे तो का नहीं आओगे ? युवा नेता अभी बने नहीं और ऐटिटूड पहिले से आ गवा तुम में,,,,,,,,,,!!”
“का चचा ! तुमको ऐटिटूड दिखाएंगे का ? अरे जे तो हम इहलीये पूछे रहे कि कही राजन भैया को लेकर तो कौनो बात ना हुई”,भूषण ने शब्दों में चाशनी घोलते हुए कहा
प्रताप ने भूषण के कंधो पर अपनी बांह रखी और कहा,”एक ही रात में राजनवा को लाइन पर ला दिए तुमहू तो , अगर तुम्हरे मुंह में कमला पसंद ना होती ना तो जे बात पर मुँह चुम लेते तुम्हरा भूषणवा,,,,,,,,,पर जाहि दयो”
“अरे चचा बस आपके लिए कुछ भी , अब आपको राजन भैया के लिए परेशान देखे तो हमसे रहा नहीं गया। लगा दी उनकी नैया पार अब राजन भैया कबो “राजदुलारी” के चक्कर में ना पड़ी है,,,,,,,,,,!!”,भूषण ने कहा
“हमको परेशान नहीं देख पाए या कुर्सी का लालच रहा तुमको भूषणवा ?”,प्रताप ने कहा
“अब आप से का छुपी है चचा , एक ठो बार तो राजनीती में पाँव रखने का मन हमरा भी है , आगे महादेव की मर्जी”,भूषण ने खींसे निपोरते हुए कहा
भूषण की बात सुनकर प्रताप ने गंभीरता से कहा,”सम्हलकर भूषणवा ! राजनीती उह दलदल है जिह मा एक बार पांव धरे तो बाहर निकलना मुश्किल है,,,,,,,,,,,!!”
“अब सेर से दोस्ती कर ही ली है तो सवारी से का डरना,,,,,,,,,,हमहू सम्हाल लेंगे चचा आप फ़िक्र ना करो”,भूषण ने विश्वास से भरकर कहा
प्रताप ने खटिया पर रखा अख़बार उठाया और भूषण की तरफ बढाकर कहा,”तो फिर जे ल्यो , रखो अपना पहिला कदम राजनीती में,,,,,,,,,,,,!!”
भूषण ने अख़बार लिया और देखा तो पाया कि अख़बार के पहले पन्ने पर भूषण की तस्वीर छपी है साथ में लिखा था
“बनारस के उभरते सितारे ‘भूषण यादव’ पहली युवा नेता के रूप में”
अख़बार में अपनी तस्वीर के साथ ये लिखा देखकर भूषण की आँखे चमक उठी। उसने ख़ुशी से भरकर प्रताप को देखा और कहा,”चचा ये सब कब ?”
“राजन के सर से राजदुलारी का भूत उतारने के बदले में हमरी तरफ से छोटा सा तोहफा,,,,,,,,,,,हमरा काम यही तक का था भूषणवा अब आगे सब तुम्हे सम्हालना है। आज शाम पार्टी हॉउस जाकर इलेक्शन का टिकट ले ल्यो ओह के बाद तैयारी करो बनारस का युवा नेता बनने की,,,,,,,,,,!!”,प्रताप ने कहा
भूषण ने अख़बार को मोड़कर अपने कुर्ते में डाला और प्रताप के पैर छूकर कहा,”बस चचा आशीर्वाद दयो तुमका निराश नहीं करेंगे”
“खुश रहो,,,,,,,,चलो अब जाओ सुबह सुबह बहुते काम होते है हमे”,प्रताप ने कहा तो भूषण खुशी ख़ुशी वहा से जाने के लिए आगे बढ़ गया
“ए भूषणवा,,,,,,,,,!!”,प्रताप ने आवाज दी
“हाँ चचा”,भूषण ने पलटकर कहा
“जे गुटखा जरा कम खाया करो,,,,,,,,,,,,!!”,प्रताप ने कहा और अंदर चला गया
भूषण मुस्कुराया और वहा से चला गया।
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संजना किरोड़ीवाल


भूषण ने अख़बार को मोड़कर अपने कुर्ते में डाला और प्रताप के पैर छूकर कहा,”बस चचा आशीर्वाद दयो तुमका निराश नहीं करेंगे”
“खुश रहो,,,,,,,,चलो अब जाओ सुबह सुबह बहुते काम होते है हमे”,प्रताप ने कहा तो भूषण खुशी ख़ुशी वहा से जाने के लिए आगे बढ़ गया
“ए भूषणवा,,,,,,,,,!!”,प्रताप ने आवाज दी
“हाँ चचा”,भूषण ने पलटकर कहा
“जे गुटखा जरा कम खाया करो,,,,,,,,,,,,!!”,प्रताप ने कहा और अंदर चला गया
भूषण मुस्कुराया और वहा से चला गया।
भूषण ने अख़बार को मोड़कर अपने कुर्ते में डाला और प्रताप के पैर छूकर कहा,”बस चचा आशीर्वाद दयो तुमका निराश नहीं करेंगे”
“खुश रहो,,,,,,,,चलो अब जाओ सुबह सुबह बहुते काम होते है हमे”,प्रताप ने कहा तो भूषण खुशी ख़ुशी वहा से जाने के लिए आगे बढ़ गया
“ए भूषणवा,,,,,,,,,!!”,प्रताप ने आवाज दी
“हाँ चचा”,भूषण ने पलटकर कहा
“जे गुटखा जरा कम खाया करो,,,,,,,,,,,,!!”,प्रताप ने कहा और अंदर चला गया
भूषण मुस्कुराया और वहा से चला गया।
भूषण ने अख़बार को मोड़कर अपने कुर्ते में डाला और प्रताप के पैर छूकर कहा,”बस चचा आशीर्वाद दयो तुमका निराश नहीं करेंगे”
“खुश रहो,,,,,,,,चलो अब जाओ सुबह सुबह बहुते काम होते है हमे”,प्रताप ने कहा तो भूषण खुशी ख़ुशी वहा से जाने के लिए आगे बढ़ गया
“ए भूषणवा,,,,,,,,,!!”,प्रताप ने आवाज दी
“हाँ चचा”,भूषण ने पलटकर कहा
“जे गुटखा जरा कम खाया करो,,,,,,,,,,,,!!”,प्रताप ने कहा और अंदर चला गया
भूषण मुस्कुराया और वहा से चला गया।
भूषण ने अख़बार को मोड़कर अपने कुर्ते में डाला और प्रताप के पैर छूकर कहा,”बस चचा आशीर्वाद दयो तुमका निराश नहीं करेंगे”
“खुश रहो,,,,,,,,चलो अब जाओ सुबह सुबह बहुते काम होते है हमे”,प्रताप ने कहा तो भूषण खुशी ख़ुशी वहा से जाने के लिए आगे बढ़ गया
“ए भूषणवा,,,,,,,,,!!”,प्रताप ने आवाज दी
“हाँ चचा”,भूषण ने पलटकर कहा
“जे गुटखा जरा कम खाया करो,,,,,,,,,,,,!!”,प्रताप ने कहा और अंदर चला गया
भूषण मुस्कुराया और वहा से चला गया।
भूषण ने अख़बार को मोड़कर अपने कुर्ते में डाला और प्रताप के पैर छूकर कहा,”बस चचा आशीर्वाद दयो तुमका निराश नहीं करेंगे”
“खुश रहो,,,,,,,,चलो अब जाओ सुबह सुबह बहुते काम होते है हमे”,प्रताप ने कहा तो भूषण खुशी ख़ुशी वहा से जाने के लिए आगे बढ़ गया
“ए भूषणवा,,,,,,,,,!!”,प्रताप ने आवाज दी
“हाँ चचा”,भूषण ने पलटकर कहा
“जे गुटखा जरा कम खाया करो,,,,,,,,,,,,!!”,प्रताप ने कहा और अंदर चला गया
भूषण मुस्कुराया और वहा से चला गया।