Who is Next ? – 5
Who is Next ? – 5
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Who is Next ? – 5
दिन निकलते जा रहे थे लेकिन राघव के हाथ कोई सबूत नहीं लग रहा था। शालिनी उसी घर में हर रोज डर का सामना कर रही थी। अश्विनी शालिनी को लेकर परेशान था साथ ही आशुतोष की मौत भी उसे हैरानी में डाले हुए थी की ऐसा क्यों हुआ ? एक शाम अश्विनी के पास इंस्पेकटर राघव का फोन आया उसने अश्विनी को शालिनी और निधि के साथ पुलिस स्टेशन बुलाया। तीनो पुलिस स्टेशन आये राघव ने उन्हें इन्वेस्टिगेशन रूम में बैठाया और खुद अपने तीन इंस्पेक्टर के साथ वहा आया।
सबसे पहले उसने शालिनी की और देखा और बोलना शुरू किया,”मिस शालिनी पुलिस को अच्छा बेवकूफ बनाया तुमने , वो सारे खून तुमने ही किये थे और पुलिस को भर्मित करने के लिए सपनो की झूठी कहानी बनाई। तुम्हे क्या लगा पुलिस तुम तक पहुँच नहीं पायेगी जिस दिन आशुतोष का मर्डर हुआ था उस सुबह तुम उसके क्लिनिक क्या करने गयी थी ?
तुमने बेरहमी से उसका क़त्ल किया और वहा से चुपचाप निकल गयी तुम जानती थी क्लिनिक में कोई cctv केमेरा नहीं है और तुम इस वारदात को अच्छे से अंजाम दे पाओगी। बोलो क्यों मारा तुमने आशुतोष को ?”
अश्विनी ने सूना तो हैरानी से शालिनी को देखने लगा। शालिनी ने राघव की और देखा और कहा,”मैंने उसे नहीं मारा है बल्कि मेरे सपने में मैंने उसे मारा था , उसे जान का खतरा है यही बताने मैं उस दिन उसके क्लिनिक गयी थी लेकिन तुम सबकी तरह उसने भी मेरा यकीन नहीं किया और मारा गया।”
शालिनी की बात सुनकर राघव मुस्कुराया और अश्विनी की और पलटकर कहा,”सो मिस्टर अश्विनी , तुमने कहा की तुम शहर से बाहर थे जबकि ऐसा नहीं था तुमने आने जाने के टिकट्स तो बुक करवाए थे लेकिन तुम कही गए ही नहीं और उस रात तुमने रेलवे स्टेशन पर उस लड़के को मार डाला”
“ऐसा कुछ भी नहीं हुआ है , मैंने किसी को नहीं मारा”,अश्विनी घबरा गया उसकी आँखों में डर साफ नजर आ रहा था।
“अगर ऐसा नहीं है तो फिर मरने वाले के हाथ में आपकी घडी क्या कर रही थी ? ये घडी तुम्हारी ही है ना अश्विनी ?”,राघव ने घड़ी उसके सामने रखते हुए कहा
अश्विनी ने अपनी घडी देखी तो उसे उठाया और कहा,”हां ये मेरी है लेकिन ये घडी तो मैंने कुछ महीने पहले अपने दोस्त विजेश को दी थी , ये आपके पास कैसे आयी ?”
“क्योकि रेलवे स्टेशन पर जिस लड़के का मर्डर हुआ था वह कोई और नहीं विजेश ही था”,राघव ने कहा
“व्हाट ? इंस्पेक्टर ये सब क्या हो रहा है ? और मैंने मैंने विजेश को नहीं मारा है , मैंने किसी को नहीं मारा है”,अश्विनी रो पड़ा तो राघव ने उसके कंधे पर हाथ रखते हुए कहा,”रिलेक्स मैं जानता हूँ दोनों ही मर्डर तुमने और शालिनी ने नहीं किये है , बल्कि किसी और ने किये है”
कहते हुए राघव ने जैसे ही निधि की और देखा निधि के माथे से पसीने की बुँदे झलकने लगी। राघव उसके सामने आया और कहने लगा,”क्यों मिस निधि मैं सही कह रहा हूँ ना ?”
“मैंने ये खून नहीं किये है”,निधि ने घबराते हुए कहा
“लेकिन मैंने तो आपसे पूछा भी नहीं की खून किसने किया है ? खैर ये एक लम्बी कहानी है जो मैं आपको बताऊंगा और आगे की कहानी निधि बताएगी”,राघव ने कहा तो शालिनी और अश्विनी के साथ बाकि स्टाफ भी राघव को देखने लगा।
राघव ने बोलना शुरू किया,”पहली बार जब शालिनी ने मुझे मर्डर बारे में बताया था तो मुझे उसकी बातो पर यकीन नहीं हुआ क्योकि कोई भी कातिल अपना जुर्म खुद से कुबूल नहीं करेगा लेकिन जब मैं इसे छोड़ने इसके घर गया तब वहा मैंने एक अजीब चीज देखी। निधि खिड़की पर खड़ी हम दोनों की बातें सुन रही थी और जैसे ही मैंने खिड़की की और देखा वह साइड हो गयी।
मुझे शक हुआ लेकिन उस वक्त शालिनी डरी हुई थी और मैं इसे और डराना नहीं चाहता था इसलिए मैं वहा से निकल गया। स्टेशन आकर मैंने शालिनी के साथ साथ निधि की भी पूरी डिटेल्स निकलवाई और मुझे पता चला की इन मोहतरमा को काला जादू करने में महारत हासिल है , इन्हे इनके कॉलेज और हॉस्टल से इसी वजह से निकाला गया था क्योकि ये वहा पर सबको डराती थी और खुद को पहुंची हुई तांत्रिक बताती थी। निधि के बारे में पता चलने पर मैंने इस पर नजर रखना शुरू किया और उस से बहुत कुछ मेरे सामने आया। तुम सबको बिना बताये मैं एक रात तुम्हारे घर भी गया था
और वहा से मुझे वो मिला जिसने निधि को लेकर मेरे शक को यकीन में बदल दिया”,कहते हुए राघव ने निचे पड़ा डिब्बा उठाया और उसमें रखा सामान टेबल पर निकालकर रखने लगा उन सब चीजों को देखकर निधि के चेहरे के भाव बदलने लगे लेकिन वह खामोश बैठी रही। राघव ने टेबल पर सारा सामान रखा जिनमे खून से सना खंजर , सर्जिकल ब्लेड , काले पत्थर , हड्डियों के टुकड़े , काला कपड़ा , एक मोटी काले मंत्रो की किताब , सफेद कपडे से बने 5 पुतले लेकिन सब अलग अलग थे और उनमे से एक पुतले के मुंह पर रुमाल बंधा हुआ था।
शालिनी ने ये सब देखा तो डरकर अश्विनी से चिपक गयी। अश्विनी भी ये सब देखकर हैरान था। राघव ने एक पुतले को उठाया जिसके गले से लेकर पेट तक कट लगाया हुआ था उसे दिखाते हुए राघव ने कहा,”ये पुतला उस ऑटो ड्राइवर का पुतला था जिसपर काला जादू करके निधि ने उसे मौत के घाट उतार दिया था।” निधि ने सूना तो वह काँपने लगी और उसकी आँखे तेजी से इधर उधर घूमने लगी। पसीने की बुँदे उसके माथे से टपकने लगी।
शालिनी और अश्विनी ने सूना उन दोनों की आँखों में भी डर साफ नजर आ रहा था। राघव ने उसे साइड फेंका और दूसरा पुतला उठाकर कहा,”ये पुतला डॉक्टर आशुतोष का है इसके हाथो और पैरो में जो किले चुभी है इस बात का सुबूत है की इस पुतले पर काला जादू करके उन्हें मार दिया। ये तीसरा पुतला है तुम्हारे दोस्त विजेश का जिसकी मौत दम घुटने की वजह से हुई थी। ये चौथा पुतला है हवलदार का और उसे भी निधि ने अपने काले जादू का शिकार बना लिया।
पांचवी मौत होने से पहले ही इसका खेल मुझे समझ आ गया और अब इसने ऐसा क्यों किया ये तो ये खुद ही बताएगी , बोलो निधि क्यों किया ये सब ? क्यों ली तुमने इन चार लोगो की जान बोलो ?”
निधि ने राघव को देखा और बड़ी ही रहस्य्मयी मुस्कान के साथ वह अपनी जगह से उठ खड़ी हुई और कहने लगी,”हां करती हूँ मैं काला जादू और इस काले जादू से मैं अश्विनी को पाना चाहती थी (निधि के मुंह से अश्विनी का नाम सुनकर शालिनी और अश्विनी दोनों ने उसे हैरानी से देखा) हां अश्विनी पहले दिन से मैं उसे पसंद करती थी लेकिन मेरे साथ हमेशा ऐसा ही हुआ जो भी मुझे पसंद आया वो किसी और का हो गया लेकिन इस बार मैं ऐसा नहीं होने देना चाहती थी
मैंने शालिनी पर काला जादू करना शुरू कर दिया उसके खाने में जानवरो का मास और खून मिलाना शुरू कर दिया। धीरे धीरे इसकी आत्मा मेरे जादू के सम्पर्क में आने लगी और मैंने अजीब अजीब घटनाये करके उसे डराना शुरू कर दिया। उन सब मर्डर की कहानी बनाकर मैंने इसके सपनो से जोड़ना शुरू कर दिया। वो सब काला जादू था और ये उसे सपना समझकर तो कभी हकीकत समझकर डरने लगी।
मुझे लगा ये घर छोड़कर चली जाएगी और उसके बाद मैं अश्विनी को पा लुंगी लेकिन ये जिद्दी लड़की वहा से नहीं गयी ,, उसके हाथ में बंधे धागे की वजह से मेरी काली विद्या इस पर काम नहीं कर रही थी। उस घर में रूह का साया है ये यकीन दिलाने के लिए मुझे अपने हाथ को काटने का नाटक करना पड़ा और इसने मान लिया और वह धागा मुझे दे दिया।
मुझे 5 लोगो की मौत की झूठी कहानी बनाकर इन पुतलो को उनके खून से नहलाना था और उसके बाद अश्विनी हमेशा हमेशा के लिए मेरा हो जाता लेकिन तुमसे (राघव पर चिल्लाती है) तुमसे मेरी खुशिया देखी नहीं गयी और तुमने मेरा सच सबके सामने ला दिया ,,, लेकिन इस शालिनी को मैं नहीं छोडूंगी (कहते हुए निधि शालिनी का गला पकड़ लेती है और खा जाने वाली नजरो से उसे घूरती है )”
राघव और अश्विनी निधि के हाथो उसका गला छुड़वाते है और उसे कस्टडी में लेकर निधि से कहा,”तुम्हारा खेल खत्म हुआ निधि , कानून जादू टोना और अन्धविश्वास में भरोसा नहीं करता है , ना ही ऐसी बातो को मानता है लेकिन तुम्हारी वजह से मैं किसी इनोसेंट को सजा होने नहीं दे सकता था। एक लड़के का प्यार पाने के लिए तुमने 4 लोगो की जान ले ली शर्म नही आयी तुम्हे,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,!!”
“मैंने मैंने किसी को नहीं मारा है मेरा यकीन करो , मैंने किसी को नहीं मारा है सर मैंने सिर्फ शालिनी पर जादू किया था लेकिन किसी का खून नहीं किया”,निधि ने गिड़गिड़ाते हुए कहा लेकिन राघव ने उसकी एक नहीं सुनी और जतिन को आर्डर दिया की निधि को वहा से ले जाये। जतिन निधि को अरेस्ट करके वहा से ले गया। राघव अश्विनी और शालिनी के पास आया शालिनी की आँखों में डर अभी भी समाया हुआ था उसे देखकर राघव
कहने लगा,”तुम बहुत हिम्मत वाली हो शालिनी , तुम्हारी वजह से मैं ये केस सॉल्व कर पाया हूँ। तुम्हे अब डरने की कोई जरूरत नहीं ये सब भूलकर तुम अपनी जिंदगी की एक नयी शुरुआत कर सकती हो। कोशिश करूंगा की निधि से और जानकारी निकलवा सकू और उसे कड़ी से कड़ी सजा हो”
“सर ये आखरी मौत किसकी होनी थी ?”,शालिनी ने कहा
“छोडो न शालिनी ये सब जानकर क्या करोगी ? ये सब काला जादू निधि कर रही थी और ये सब मौते हो रही थी अब जब वो जेल के अंदर है तो वो कुछ नहीं कर पायेगी”,अश्विनी ने जल्दी जल्दी में कहा
राघव ने एक नजर अश्विनी को देखा और फिर शालिनी की और देखकर कहा,”ये सही कर रहा हैं , तुम्हे अब इन सबके बारे में नहीं सोचना चाहिए। अपना ख्याल रखना” राघव की आँखों में शालिनी को अपने लिए अपनापन और लगाव साफ नजर आ रहा था।
“थैंक्यू सो मच सर एंड आई ऍम सॉरी मैंने आपसे बदतमीजी से बात की”,अश्विनी ने राघव से हाथ मिलाकर कहा तो राघव मुस्कुरा दिया। अश्विनी शालिनी के साथ घर चला आया उसने उस घर से शालिनी का सामान लिया और उसे लेकर अपने फार्म हॉउस पर चला आया जो की शालिनी के ऑफिस वाले रस्ते पर ही था।
जैसे जैसे रात हो रही थी शालिनी का दिल बैठा जा रहा था। हर रात आने वाले उन खौफनाक सपनो से शालिनी इतना टूट चुकी थी की अब सोना ही नहीं चाहती थी। उसके दिमाग में अभी भी उस आखरी पुतले का ख्याल चल रहा था। उसने अश्विनी से कहा,”अश्विनी वो सपने मुझे फिर आएंगे”
“मैं हूँ ना शालिनी मैं आज के बाद एक पल के लिए भी तुम्हे अकेला नहीं छोडूंगा”,कहते हुए अश्विनी ने शालिनी को अपनी बांहो में लिया और सो गया। रात भर शालिनी किसी मासूम बच्चे सी उसकी बांहो में सोई रही। सुबह शालिनी देर से उठी और देखा अश्विनी उसके लिए कॉफी लेकर आया है वह मुस्कुरा दी। उन बुरे सपनो ने उसका साथ छोड़ दिया था शालिनी ने जैसे ही कॉफी खत्म की अश्विनी ने उसे एक बॉक्स देकर कहा,”इसे पहन लो , हम लोग शादी करने जा रहे है”
शालिनी ने सूना तो उसे अपने कानो पर यकीन नहीं हुआ और वह अश्विनी के गले आ लगी। उधर राघव ने निधि से उन मर्डर का सच जानने की कोशिश की लेकिन निधि ने कुछ नहीं बताया वह बस एक ही बात बोलती रही की मर्डर उसने नहीं किया है !
तैयार होकर शालिनी ने खुद को आईने में देखा वह बहुत सुंदर लग रही थी। बाहर अश्विनी उसका इंतजार कर रहा था शालिनी कमरे से बाहर चली आयी उसके पीछे से आईने पर खून से अपने आप लिखता चला गया “Who is Next ?
शालिनी के साथ अश्विनी कोर्ट पहुंचा , अलग कास्ट होने की वजह से दोनों के घरवाले नहीं मानते इसलिए अश्विनी ने शालिनी से कोर्ट मैरिज कर ली। दोपहर में अपने कुछ दोस्तों के सामने दोनों ने पेपर पर सिग्नेचर किये और हमेशा हमेशा के लिए एक दूसरे के हो गए। अश्विनी ने सबको एक शानदार पार्टी दी और शाम को शालिनी के साथ हँसता मुस्कुराता घर चला आया। घर आकर अश्विनी नहाने चला गया और शालिनी भी कपडे चेंज करने लगी। अश्विनी बाहर आया और शालिनी को अपने आगोश में ले लिया। रातभर दोनों एक दूसरे में सिमटे रहे।
सुबह के 3 बजे शालिनी की आँख खुली उसने देखा अश्विनी वहा नहीं है शालिनी उसे ढूंढते हुए कमरे से बाहर आयी लेकिन अश्विनी उसे कही नहीं दिखा शालिनी घबराई हुई सी वापस कमरे में आयी , जैसे ही उसकी सामने गयी उसका खून जम गया , उसकी आँखे फ़टी की फ़टी रह गयी सामने पंखे से बंधे दुपट्टे पर अश्विनी की लाश झूल रही थी।
उसकी आँखों से खून बह रहा था और जबान बाहर लटकी हुई थी। अचानक से वह लाश निचे आ गिरी और शालिनी जोर से चिल्लाई सामने दिवार पर दिवार पर खून से बड़े बड़े अक्षरों में लिखा था “साहिबा” और कुछ देर बाद खून बहकर दिवार पर रिसने लगा
शालिनी कुछ समझ पाती इस से पहले ही उसके बालो को हवा में किसी ने पकड़ा और वह घसीटते हुए अपने आप पीछे जाने लगी। शालिनी की चीखे सुनने वाला वहा कोई नहीं था। उस अदृश्य ताकत ने शालिनी को एक सुनसान सड़क पर ला पटका शालिनी के मुंह से खून बहने लगा। वह उठी उसने देखा ये वही सुनसान रास्ता था जो उसके ऑफिस के रास्ते में पड़ता था। शालिनी ने चारो और देखा वहा कोई नहीं था उसने महसूस किया की ये कोई सपना नहीं था बल्कि हकीकत थी उसने रोते हुए चिल्लाकर कहा,”कौन हो तुम ?
आखिर क्या चाहती हो मुझसे ? मैंने क्या बिगाड़ा है तुम्हरा ? सामने क्यों नहीं आती तुम ?”
शालिनी की चीखे इतनी दर्दभरी थी की किसी का भी कलेजा चिर दे। कुछ देर बाद एक साया उसके सामने आया और कहने लगा,”जानना चाहती हो मैं कौन हूँ तो सुनो साहिबा नाम है मेरा” कहते हुए उस साये ने हवा में हाथ उठाया और शालिनी सामने एक फिल्म सी चलने लगी
एक साल पहले , इंदौर , कॉलेज का आखरी साल , सुबह 10 बजे का समय
“आई लव यू”,अश्विनी ने गुलाब का फूल साहिबा की और बढाकर कहा।
“सॉरी मुझे ये सब पसंद नहीं है , हम दोनों साथ में पढ़ते है और दोस्त से ज्यादा कुछ नहीं है”,साहिबा ने अश्विनी के प्रपोजल को ठुकराते हुए कहा और जाने लगी तो अश्विनी एकदम से उसके सामने आ गया और कहने लगा,”लेकिन मैं तुम्हे बहुत पसंद करता हूँ , और मैं चाहता हूँ की तुम मेरा प्यार एक्सेप्ट कर लो”
“जबरदस्ती किसी से प्यार नहीं किया जाता है अश्विनी , तुम अपना और मेरा दोनों का वक्त बर्बाद कर रहे हो”,साहिबा ने कहा और जाने लगी इस बार अश्विनी ने सबके सामने साहिबा का हाथ पकड़कर उसे रोक लिया और कहा,”तुम ऐसे सबके सामने मेरा प्यार ठुकरा कर नहीं जा सकती साहिबा , तुम्हारे पीछे कितने चक्कर लगाए है मैंने , दो साल लगा दिए तुमने सिर्फ मेरा दोस्त बनने में और आज तूम मेरे प्यार को ठुकरा कर जा रही हो”
अश्विनी की बातें सुनकर साहिबा को गुस्सा आया , उसने देखा आस पास लोग जमा हो गए है उसने अपने गुस्से को काबू में रखकर कहा,”मेरा हाथ छोडो अश्विनी !”
साहिबा की बात सुनकर अश्विनी ने उसकी कलाई को और मजबूती से पकड़ लिया और साहिबा को घूरते हुआ कहा,”आखिर किस बात का इतना घमंड है तुम में साहिबा ? कॉलेज की हर लड़की मुझपर मरती है लेकिन मैं तुम्हे चाहता हूँ और तुम हो की भाव खा रही हो ,, अगर तुम मेरी नहीं हुई तो मैं तुम्हे किसी और की भी होने नहीं दूंगा”
“सटाक !!!”,एक तेज तर्रार थप्पड़ साहिबा ने अश्विनी के गाल पर रसीद किया और कहा,”तुम जैसे घटिया लड़के से प्यार करने की गलती मैं तो क्या कोई शरीफ लड़की नहीं करेगी ? प्यार शब्द का मजाक बना रखा है तुमने ,, और अपनी ये दो टके की धमकी किसी और को देना। आईन्दा से अगर तुमने मेरा रास्ता रोकने की कोशिश की या मुझसे बदतमीजी की तो मुझसे बुरा कोई नहीं होगा”
साहिबा गुस्से में दनदनाते हुए वहा से चली गयी। भीड़ में खड़ा अश्विनी काफी अपमानित महसूस कर रहा था उसके दोस्त उस पर हंस रहे थे और अश्विनी गुस्से से पैर पटकते हुए वहा से चला गया।
साहिबा ने सबके सामने अश्विनी को जो थप्पड़ मारा उसे अश्विनी भूल नहीं पाया। कॉलेज में सबके सामने हुए इस अपमान का बदला अब उसे साहिबा से लेना था। साहिबा के चले जाने के बाद अश्विनी केंटीन में आकर बैठ गया। उसके दोस्त भी उसके पास चले आये और बैठते हुए उनमे से एक ने उसके कंधे पर हाथ रखते हुए कहा,”छोड़ ना यार ! उस साहिबा से अच्छी लड़किया तेरे पीछे पागल है , भूल जा उसे”
“नहीं , उसने आज जो किया है उसे मैं जिंदगीभर नहीं भूल सकता। इस बेइज्जती का बदला मैं उस से जरूर लूंगा , छोडूंगा नहीं मैं उसे”,अश्विनी ने टेबल पर रखा ग्लास फेंकते हुए गुस्से में कहा।
“अरे यार जाने दे अश्विनी लड़की है”,दूसरे दोस्त ने उसे समझाते हुए कहा
“एक लड़की मुझे थप्पड़ मारकर चली गयी , उसे तो एक दिन मैं उसकी औकात दिखाकर रहूंगा”,कहते अश्विनी गुस्से में वहा से उठकर चला गया।”
शालिनी बड़े ध्यान से सब देख रही थी उस पिक्चर में अश्विनी अश्विनी को देखकर शालिनी हैरान भी और एकदम से वह सब गायब हो गया और वहा खड़ा वह साया बोलने लगा – मैं वो सब भूल चुकी थी लेकिन एक साल बाद जब मैं ऑफिस से अपने घर जा रही थी। ऑटोवाला जानबूझकर मुझे इस रास्ते पर लेकर आया और यहाँ छोड़ दिया। मेरे सामने अश्विनी खड़ा था अपने दो दोस्तों के साथ मैंने ऑटोवाले से वापस चलने को कहा लेकिन वह भी अश्विनी के साथ मिला हुआ था उसने अश्विनी से पैसे लिए और वहा से चला गया।
उन लोगो ने मुझे पकड़ा और घसीटते हुए सड़क के उस पार लेकर गए मैंने उनसे भीख मांगी लेकिन उन्होंने मुझ पर कोई रहम नहीं किया और तीनो बारी बारी मुझे नोचते रहे। मेरी चीखे सुनने वाला वहा कोई नहीं था। इस पर भी उन लोगो का मन नहीं भरा तो उनमे से एक ने मेरे मुंह में शराब की बोतल खोंस दी ,
उस शराब से मेरा दम घुटने लगा था मैंने थोड़ी हिम्मत करके उसे साइड किया वह लड़का बोतल के साथ दूर जा गिरा , अश्विनी ने मेरे ही दुपट्टे को मेरे गले में डालकर मेरा गला दबाना शुरू किया। उस वक्त उसकी आँखो में बदले की ख़ुशी मैं साफ देख पा रही थी।
दूसरे लड़के ने मेरे पाँव पकडे थे मैंने उसे अपने पैरो से पीछे धकेला तो निचे आ गिरा और उसका सर एक पत्थर से जा टकराया और वह उसी वक्त मर गया लेकिन अश्विनी को इस से कोई फर्क नहीं पड़ा वह मेरा गला दबाता रहा और मेरी सांसे टूटने लगी और मैं बेहोश हो गयी मुझे मरा हुआ समझकर वह अपने दोस्त के साथ वहा से चला गया। मैं बेहोश थी कुछ घंटो बाद मुझे होश आया मेरे कानो में किसी गाड़ी की आवाज पड़ी मैंने मदद के लिए हाथ उठाया लेकिन किसी ने मेरी मदद नहीं की।
खून से लथपथ मैं वहा पड़े अपनी आखरी सांसे गिन रही थी की एक कार आकर रुकी और उसमे से उतरकर एक आदमी मेरी और आया उसने मुझे उठाकर गाड़ी में डाला और वहा से ले गया। मुझे होश नहीं था मैं कहा जा रही थी मैं बार बार बेहोश हो रही थी मुझमे जान बाकि थी मैंने अधखुली आँखों से देखा मेरे सामने कोई डॉक्टर खड़ा था। उसने मेरे हाथ की कलाई में कैंची भोंक दी और मैं दर्द के मारे चीख भी नहीं पाई।
मरने के बाद इंसानो के शरीर को अस्पतालों में पोस्मार्टम के समय काटा जाता है लेकिन एक ज़िंदा लड़की को उस वक्त काटा जा रहा था। मेरे दर्द की कोई सीमा नहीं थी मरने से पहले मैं बस उसके कोट पर लिखा नाम पढ़ पाई थी “डॉक्टर आशुतोष” पैसो के लालच में उसने मेरे शरीर के सारे हिस्से निकाल लिए मैं मर चुकी थी लेकिन मेरी रूह मेरी रूह भटक रही थी।
कोई मुझे देख नहीं सकता सुन नहीं सकता था , मेरे घरवालों ने पुलिस में कंप्लेंट करने की कोशिश की लेकिन वो हवलदार अश्विनी का दोस्त था और उसने मेरी माँ को बाहर से ही भगा दिया।
अश्विनी के बदले की चाह ने मुझसे मेरी जिंदगी छीन ली और मेरे बदले ने उनसे उन सबकी जिंदगी , उन सबको निधि ने नहीं बल्कि मैंने मारा है निधि सिर्फ जरिया था बल्कि तुम्हारे जरिये मारा है मैंने उन्हें”
साया इतना कहकर खामोश हो गया शालिनी की आँखो से आंसू बहने लगे वह साहिबा को नहीं जानती थी लेकिन फिर भी उसकी कहानी सुनकर उसे रोना आ रहा था। उसे खुद से नफरत हो रही थी की उसने अश्विनी जैसे इंसान से प्यार किया। शालिनी ने रोते हुए साहिबा के साये से कहा,”तुम्हारे साथ बहुत बुरा हुआ , उन लोगो के साथ यही होना चाहिए था वो लोग इंसान कहलाने लायक भी नहीं थे लेकिन मैंने तुम्हारा क्या बिगाड़ा था मेरे साथ ये सब क्यों किया ? अपना बदला पूरा करने के लिए तुमने मेरा इस्तेमाल क्यों किया ?”
साया अब कुछ साफ दिखाई देने लगा था जिसमे शालिनी को साहिबा का चेहरा नजर आ रहा था। खूबसूरत और मासूमियत से भरा चेहरा देखते ही देखते खौफनाक चेहरे में बदल गया और साहिबा ने कहा,”जिसे देखकर मैंने मदद के लिए अपना हाथ उठाया था वो इंसान कोई और नहीं बल्कि तुम थी लेकिन तुमने मेरी मदद नहीं की और वहा से चली गयी। उस रात अगर तुमने मेरी मदद की होती तो शायद आज मैं ज़िंदा होती और मेरी रूह को इस तरह भटकना नही पड़ता। तुम जैसे स्वार्थी लोग किसी का दर्द क्या समझेंगे ? एक औरत होकर तुमने दूसरी औरत की मदद नहीं की , तुम्हे सबक सिखाने के लिए मैंने तुम्हारा इस्तेमाल किया।”
“मुझे माफ़ कर दो , उस रात मैं डर गयी थी। मैं नहीं जानती थी वो तुम थी ,, मुझे माफ़ कर दो साहिबा मुझे माफ़ कर दो आज तुम्हारी इस हालत के लिए कही ना कही जिम्मेदार मैं भी हूँ”,शालिनी रो पड़ी और फिर सिसकते हुए कहा,”लेकिन निधि , निधि को तुमने इन सब में क्यों फंसाया ?”
“क्योकि निधि ही थी जिसने उस रात अश्विनी को मेरे देर से लौटने की खबर दी थी और निधि कोई और नहीं बल्कि मेरी ही सगी बहन है ,
एक बहन होकर उसने मेरे साथ ये सब किया उसे तो मरना ही था लेकिन नहीं मैं उसे मारूंगी नहीं बल्कि उसकी जिंदगी को नर्क से भी बदतर बना दूंगी वो कभी ये साबित नहीं कर पायेगी की वो निर्दोष है। मैंने उन सबको मार दिया लेकिन तुम्हे नहीं मारूंगी तुम्हे अब तक जो दर्द मिला है वो तुम्हारी जिंदगी का सबसे बड़ा दर्द होगा
शालिनी घुटनो के बल निचे बैठ गयी और रोने लगी। उसे बहुत दुःख हो रहा था की उसकी वजह से एक लड़की की जान चली गयी।
रोते रोते शालिनी वही गिरकर बेहोश हो गयी। जब आँखे खुली तो सुबह की धुंध में उसने खुद को अपने उसी पुराने घर के सामने पाया जहा वह निधि के साथ रहती थी। शालिनी उठी उसका बदन दर्द कर रहा था वह थके कदमो से चलकर अंदर आयी। साहिबा का कहा एक एक शब्द उसके कानो में गूंज रहा था , उसे अश्विनी से निधि से और खुद से भी नफरत होने लगी थी अंदर आकर वह बिस्तर पर गिर पड़ी आँखों से आंसू बहने लगे।
कुछ देर दरवाजा खटखटाने की आवाज आई शालिनी उठकर बाहर आयी दरवाजा खोला तो सामने इंस्पेक्टर राघव खड़ा था उसे देखते ही शालिनी घुटनो के बल गिर पड़ी और रोने लगी। राघव ने उसे सम्हाला और उसे अंदर लेकर आया शालिनी ने सारी कहानी कह सुनाई तो राघव ने कहा,”मुझे सच पता चल गया है शालिनी , निधि ने सारी सच्चाई बता दी साहिबा कोई और नहीं निधि की बड़ी बहन ही थी उस से बदला लेने के लिए उसने अपनी ही बहन को अश्विनी के हवाले कर दिया।”
“मुझे मार दीजिये सर , मुझे मार दीजिये मैं इस सच के साथ जी नहीं पाऊँगी”,कहते हुए शालिनी रो पड़ी राघव ने उसे अपने सीने से लगाया और कहा,”तुमसे अनजाने में जो गलती हुई है उसके लिए तुम्हे साहिबा ही माफ़ कर सकती है , उसकी रूह अभी भी भटक रही है तुम्हे अपने हाथो से उसकी रूह को मुक्त कराना होगा और अपनी गलती का पश्चाताप करना होगा”
“मैं करुँगी सर।”,शालिनी ने कहा और फिर रोने लगी वह खुद को इस से बाहर नहीं निकाल पा रही थी
राघव ने शालिनी का पूरा साथ दिया निधि के बयानों के आधार पर साहिबा के उन कातिलो का नाम सामने आया जिनकी मौत हो चुकी थी। निधि को काला जादू करने और शालिनी को मारने की साजिश करने के लिए सजा हो गयी। ये सब करते करते एक हफ्ता गुजर गया लेकिन शालिनी इन सब बुरी यादो से बाहर नहीं निकल पायी।
दो दिन बाद राघव शालिनी को लेकर नदी किनारे आया वहा पहले से कुछ लोग और पंडित मौजूद थे।
राघव ने शालिनी को साहिबा की मुक्ति के लिए पूजा करने को कहा पूजा सम्पन्न होने के बाद साहिबा से जुडी कुछ चीजों को शालिनी के हाथो नदी में बहा दिया गया। अचानक मौसम बदलने लगा और आसमान में काले बादल छा गए तेज हवाएं चलने लगी और मुक्ति के लिए पूजा में रखा गया सब सामान उड़ने लगा।
शालिनी घबरा गयी। सभी लोग वहा से भाग गए। साहिबा का आखरी सामान उसके हाथ में ही था उसे लिए वह नदी किनारे खड़ी थी राघव ने देखा तो वह उसके पास आया और कहा,”शालिनी चलो यहाँ से , जल्दी करो”
शालिनी ने वह सामान नदी में फेंक दिया और राघव के साथ गाड़ी की और बढ़ी। राधव ने उसे जीप में बैठने को कहा और खुद ड्राइवर सीट पर आ बैठा। जैसे ही राघव ने गाड़ी स्टार्ट की खून से सना हाथ सामने शीशे पर आ लगा और नीचे लिखा था “Who is Next ?”
राघव ने अपनी बगल में बैठी शालिनी को देखा उसकी आँखे लाल हो चुकी थी और होंठो पर एक रहस्य्मयी मुस्कान तैर गयी !!
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समाप्त
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संजना किरोड़ीवाल
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Yeh choti se kahani thi…lakin bahut interesting… Ashwani k baare m padhkar esa kabhi nhi laga ki wo itna kutta-kameena hoga….aur Nidhi jaise ladkiya to honi he nhi chahiye…usne ek aurat hokar apni he behan k saath yeh sab kiya…lakin Shalini ko start m himmat wali rhi thi aaj padhkar fuss niklee….lakin abhi to story baki hai na Sanjana ji
Yeh to aadhi story hai , itna kuch tha story meh pta nhi tha
😱😱😱😱😱😱😱👍👍👍👍👍👍👍👍
Ashwani ka Baar main Jaan kr koi nhi socch sakta tha ki wo aise hoogya. Inta ghatiya kisme ka tha Nidhi jo apni he behen ka saath aise kr ki koi soch bhi nhi sakta tha. Saheb ka saath bhaut galat kiye sab Shalini bhi tho uski help nhi ki jab Jaan ki uski wajah se aaj saheb ki help nhi ki tho khudko bura feel kr rhi . Saheb jo ki thik ki sab ka saath wo thik ki sab ka saath.