Sanjana Kirodiwal

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Who Is Next ? – 2

Who Is Next ? – 2

Who Is Next ?
Who Is Next ?

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Who Is Next ? – 2

वो भयानक नजारा देखकर शालिनी की आँखे खुली उसने देखा निधि बड़े आराम से उसकी बगल में सो रही है। पसीने से तरबतर शालिनी ने एक गहरी साँस ली और खुद से ही कहा,”ओह्ह शायद बुरा सपना था।”
शालिनी ने देखा टेबल पर रखा पानी का ग्लास खाली था उसने घडी की और देखा जिसमे सुबह के 4 बज रहे थे शालिनी उठी और किचन की और चली गयी।

बाहर बारिश हो रही थी जिसका शोर शालिनी को साफ सुनाई दे रहा था। उसने किचन में आकर पानी पीया और वापस कमरे की और जाने के लिए मुड़ गयी। दो कदम ही बढ़ाये थे की किसी ने दरवाजा खटखटाया शालिनी का दिल धड़कने लगा सपने में उसने जो देखा था वही हो रहा था। दरवाजा खटखटाने की आवाज आती रही शालिनी ने वहा रखा लोहे का रॉड उठाया और डरते डरते दरवाजे की तरफ आयी

उसने धीरे से दरवाजा खोला और रॉड को जैसे ही हवा में उठाया सामने खड़े अश्विनी को देखकर चौंक गयी। बारिश में भीगा अश्विनी भी शालिनी की हाथ में रॉड देखकर हैरान था और उसने कहा,”हे शालिनी ! ये क्या कर रही हो ?”
अश्विनी की आवाज सुनकर शालिनी ने रॉड साइड में फेंक दी और अश्विनी के गले लगते हुए घबराई आवाज में कहा,”अच्छा हुआ तुम यहाँ आ गए , यहाँ कुछ ठीक नहीं है इस घर में भुत है”


“क्या भुत ? शालिनी तुमने कोई बुरा सपना देखा होगा , चलो अंदर आने दो मुझे भीग गया हूँ मैं बहुत बुरी तरह”,कहते हुए अश्विनी शालिनी को लेकर अंदर आ गया। उसके कपड़ो से पानी चू रहा था और फर्श को भीगा रहा था। शालिनी ने देखा तो कहा,”तुम यही रुको मैं तुम्हारे लिए कुछ कपडे ले आती हूँ”
शालिनी अंदर गयी और अश्विनी के लिए कपडे ले आयी , अश्विनी के कुछ कपडे पहले से यहाँ पड़े थे शालिनी उनमे से ही पेंट और शर्ट उठा लायी और अश्विनी को देकर कहा,”तुम चेंज कर लो”


अश्विनी कपडे लेकर गया और चेंज करके वापस चला आया। भीगने की वजह से उसे ठण्ड लग रही थी ये देखकर शालिनी ने हीटर चला दिया। अश्विनी वहा पड़ी कुर्सी पर आ बैठा उसे थोड़ा आराम मिला , शालिनी उसके सामने पड़ी कुर्सी पर बैठ गयी और कहा,”इस वक्त तुम यहाँ क्या कर रहे हो ?”


“वो निधि ने बताया की तुम अपसेट थी , आज मेरी नाईट ड्यूटी थी और जल्दी फ्री हो गया तो सोचा तुमसे मिलता चलू लेकिन रास्ते में ही ये बारिश शुरू हो गयी और बाइक भी बंद पड़ गयी। भीगते भागते यहाँ तक पहुंचा हूँ”,अश्विनी ने हीटर के सामने सेंकते हुए कहा।
शालिनी ने कुछ नहीं कहा उसके दिमाग में अभी भी वो बुरा ख्वाब चल रहा था जो की ख्वाब कम और हकीकत ज्यादा लग रहा था। शालिनी को खोया हुआ देखकर अश्विनी ने कहा,”क्या हुआ ? तुम इतना परेशान क्यों हो ?”


शालिनी ने अश्विनी की और देखा और कहने लगी,”अश्विनी मेरी बात का यकीन करो , इस घर में कुछ ठीक नहीं है” कहते हुए शालिनी ने रास्ते में हाथ दिखने वाली बात से लेकर घर में हुयी घटनाओ के बारे में अश्विनी को बता दिया। अश्विनी हसने लगा और कहा,”आई ऍम सॉरी शालिनी मुझे तुमसे फोन पर वो भूतो वाली बात नहीं करनी चाहिए थी उस बात को तुमने इतना सीरियस ले लिया की तुम ये सब सोचने लगी , ऐसा कुछ भी नहीं है”


“मैं सच कह रही हूँ अश्विनी , मैंने खुद अपनी आँखों से खून से लथपथ वो हाथ देखा था।”,शालिनी ने कहा तो अश्विनी ने उसे अपने पास आने का इशारा किया शालिनी उठकर उसके पास आयी तो अश्विनी ने उसे गले लगाकर कहा,”रिलेक्स मैं हूँ ना तुम्हारे साथ”
अश्विनी के गले लगकर शालिनी को थोड़ा अच्छा लगा। सुबह होने तक दोनों वही बैठे रहे। निधि उठकर बाहर आयी तो अश्विनी को देखकर थोड़ा चौंक गयी और कहा,”गुड़ मॉर्निंग , तुम सुबह सुबह यहाँ”


“हां वो शालिनी से मिलने”,अश्विनी ने कहा तो निधि मुस्कुरा दी और वहा से चली गयी। चाय पीकर अश्विनी वहा से चला गया। शालिनी ने दरवाजा बंद किया और अंदर चली आयी उसका सर बहुत भारी हो रहा था। रात में ठीक से सो भी नहीं पाई थी इस वजह से शालिनी आकर बेड पर लेट गयी और कुछ देर बाद उसकी आँख लग गयी। कुछ देर बाद बारिश फिर शुरू हो गयी शालिनी गहरी नींद में सो रही थी निधि ने देखा बारिश तेज हो रही है तो उसने भी कोचिंग से छुट्टी ले ली और घर में ही बरामदे में बैठकर गमलो को ठीक करने लगी।


दोपहर के 2 बजे शालिनी की आँख खुली वह आँखे मसलते हुए कमरे से बाहर आयी बारिश रुक चुकी थी और हल्की धूप आ रही थी। उसे निधि कही दिखाई नहीं दी तो वह उसके कमरे की तरफ गयी कमरे का दरवाजा बंद था और रोशनदान से धुँआ बाहर आ रहा था। ये देखकर शालिनी डर गयी उसने दरवाजा खटखटाया और आवाज दी,”निधि निधि , दरवाजा खोलो तुम ठीक तो हो ना निधि , दरवाजा खोलो।”


2 मिनिट बाद निधि ने दरवाजा खोला तो धुएं का एक जबरदस्त भभका शालिनी के चेहरे पर आया उसने जैसे ही अंदर जाने के लिए कदम बढ़ाया निधि पीछे धकेलते हुए उसे बाहर ले आयी और कहा,”अंदर मत जाना शालिनी।”
“क्यों क्या हुआ ? और ये धुँआ , ये तुम्हारे कमरे में इतना धुँआ और बदबू कैसी ?”,शालिनी ने खांसते हुए पूछा


निधि उसे बाहर बरामदे में ले आयी और कहा,”अरे यार वो मैं कुछ एक्सपेरिमेंट करके देख रही थी और मैंने गलत केमिकल यूज कर लिया बस वो कमरे में गिर गया और उसकी बदबू और धुँआ चारो और फ़ैल गया। मैंने कमरे की खिड़की बाहर की और खोल दी है थोड़ी देर में ठीक हो जाएगा”
“निधि अजीब लड़की हो तुम , तुम सिविलस की तैयारी कर रही हो तो फिर ये सब साइंस के एक्सपेरिमेंट किसलिए ?”,शालिनी ने हैरानी से कहा


“यार शालिनी लाइफ में हर चीज का नॉलेज होना चाहिए मैं बस वही कर रही थी। अच्छा वो सब छोडो तुम्हारी तबियत कैसी है ?”,निधि ने बरामदे में पड़ी बाल्टी से पानी लेकर अपने हाथ धोते हुए पूछा।
“हां मैं ठीक हूँ , मैं इतनी देर तक सो रही थी तुमने मुझे उठाया क्यों नहीं ? आज ऑफिस भी मिस हो गया”,शालिनी ने कहा


“अरे तुम बहुत गहरी नींद में सो रही थी तो मैंने तुम्हे नहीं जगाया , और ऑफिस कल चली जाना आज वैसे भी चारो और पानी भरा है ,सुबह से इतनी तेज बारिश हो रही थी कुछ देर पहले ही रुकी है”,निधि ने कहा
“क्या मैंने इतनी गहरी नींद में थी की मुझे कुछ पता नहीं , खैर छोडो बहुत तेज भूख लगी है खाने में क्या है ?”,शालिनी ने कहा


“मैंने किचन में तुम्हारे लिए खाना बना कर रखा है तुम जाकर खा लो मैं अभी आती हूँ”,निधि ने शालिनी से कहा तो शालिनी वहा से चली गयी। शालिनी के जाते ही निधि बारमदे से घर के पीछे अपने कमरे की खिड़की के पास आयी और खिड़की को खोला , एक तेज बदबू खिड़की से आयी और वहा चारो और फ़ैल गयी। निधि ने खिड़की में रखे चाकू को उठाया जो की खून से सना हुआ था और उसे जमीन में एक गड्ढा खोदकर चाकू उसमे छुपा दिया।

खिड़की निधि ने खुली ही छोड़ दी और वापस चली आयी उसके हाथ पर खून लगा था निधि ने आकर हाथ धोये और अंदर चली आयी। उसे देखते ही शालिनी ने खाना खाते हुए कहा,”निधि आज तुमने जो नॉनवेज बनाया है वो थोड़ा अजीब है”
“शायद दुकान वाले ने ताजा नहीं दिया होगा”,कहते हुए निधि की आँखों में एक चमक उभर आयी।

खाना खाकर शालिनी अपने कमरे में चली आयी। उसका सर अभी भी भारी लग रहा था , वह घर के बाहर चली आयी और खुली हवा में घूमने लगी उसे थोड़ा अच्छा महसूस हो रहा था। निधि अपने कमरे में बैठी थी उसकी आँखे ऐसे लग रही थी जैसे उसने कोई भयंकर नशा किया हो , उसके सामने एक बड़ा डिब्बा पड़ा था और उसमे कुछ सामान था।

निधि बस एकटक उसे देखे जा रही थी और जैसे ही किसी के आने की आहट हुयी तो निधि ने जल्दी से उस डिब्बे को पलंग के निचे खिसका दिया !
शालिनी अपने हाथ में एक छोटा सा सफेद खरगोश लिए कमरे के अंदर आयी और कहा,”देख निधि ये मुझे सड़क पर मिला कितना प्यारा है ना”


“हां बहुत प्यारा है , इसे पकाकर खाने में तो और भी मजा आएगा”,निधि ने भूखी आँखों से खरगोश को देखते हुए धीरे से कहा
“ये शायद भूखा है मैं इसे कुछ खिला देती हूँ”,कहकर शालिनी बाहर चली गयी
रात का खाना खाने के बाद निधि अपने और शालिनी अपने कमरे में सोने चली गयी। खरगोश भी शालिनी के कमरे में एक कोने में दुबक कर बैठा था। उसकी आँखे लाल अँधेरे में और भी भयानक लग रही थी।

शालिनी को सोये अभी कुछ ही वक्त हुआ था की बाहर से कुत्तो के रोने की आवाजे आने लगी। शालिनी ने सूना तो उसे डर लगने लगा और उसने अपने कानो को दोनों हाथो से ढक लिया और आँखे मजबूती से मींच ली। कुछ देर बाद उसे नींद आ गयी।


सुबह के 4 बजे
शालिनी एक टैक्सी में बैठी है , उसके और टैक्सी ड्राइवर के अलावा वहा कोई नहीं था। सुनसान सड़क पर रात के अँधेरे में वह टैक्सी दौड़े जा रही है। अचानक से पीछे बैठी शालिनी ने अपने गले से दुपट्टा निकाला और ड्राइवर के गले में डालकर उसे पीछे खींचा। बैलेंस बिगड़ने की वजह से टैक्सी सामने एक पेड़ से जा टकराई और वह आदमी निचे जा गिरा। शालिनी निचे उतरी उसके बाल हवा में उड़ रहे थे , गहरी काली आँखों में खून उतर आया था ,

उसका चेहरा गुस्से से तमतमा रहा था , उस वक्त शालिनी बहुत भयंकर लग रही थी। ड्राइवर ने जब उसे देखा तो डर से थरथराने लगा और उठकर भागने लगा। भागते हुए उसने पीछे देखा शालिनी अभी भी वही खड़ी उसे घूर रही थी। आदमी ने जब सामने देखा तो उसकी रूह काँप गयी। शालिनी अब उसके बिल्कुल सामने थी उनसे ड्राइवर की गर्दन को पकड़ा और उसे हवा में उठा लिया।

वह शालिनी से अपनी जान की भीख मांगने लगा लेकिन शालिनी ने उसे ऊंचा उठाकर जमीन पर ला पटका , आदमी की रीढ़ की हड्डी टूट गयी वही दर्द से कराह रहा था और अपनी जान की भीख मांग रहा था। शालिनी ने आसमान की और देखा उसकी आँखों से खून बहने लगा और वह जोर से चीखी इतना तेज की उस आदमी ने अपने कानो को हाथो से ढक लिया शालिनी ने जोर से अपनी गर्दन घुमाई और वह आदमी सड़क पर घसीटता हुआ सामने वाले पेड़ से जा टकराया ,

उसके बाद उसका अधमरा शरीर हवा में उठा और निचे पड़े पत्थर पर आ गिरा उसकी मौत हो चुकी थी और उसकी जुबान बाहर लटक रही थी। पेट फटकर अतड़िया बाहर आ चुकी थी। शालिनी वहा से पैदल ही चल पड़ी और कुछ देर बाद अँधेरे में गायब हो गयी।

शालिनी की नींद एक झटके में खुल गयी। सर्द मौसम में भी वह पसीने से तर बतर थी। उसकी सांसे धौकनी के जैसे तेज तेज चल रही थी। उसने देखा वह सफेद खरगोश उसके बिस्तर के आस पास ही फुदक रहा है। शालिनी ने वह उठी और कमरे से बाहर आयी उसने देखा निधि किचन में चाय बना रही थी शालिनी को देखकर निधि ने कहा,”गुड़ मॉर्निंग !”


“गुड़ मॉर्निंग !”,शालिनी ने बड़े ही थके हुए स्वर में कहा उसका बदन दुःख रहा था ऐसे लग रहा था जैसे उसने बहुत काम किया हो। उसका उतरा हुआ चेहरा देखकर निधि ने कहा,”तुम बहुत थकी हुई लग रही हो बैठो मैं तुम्हारे लिए चाय लेकर आती हूँ”
शालिनी आकर बाहर बरामदे में बैठ गयी उसने टेबल पर रखा अख़बार उठाया पहले ही पन्ने पर छपी खबर देखकर शालिनी का कलेजा मुंह को आ गया।

सपने में जिस ऑटोड्राइवर की मौत को शालिनी ने देखा था उसी के बारे में खबर छपी थी। पत्थर पर पड़ी उस आदमी की लाश देखकर शालिनी की आँखे फ़टी की फ़टी रह गयी उसके हाथ काँपने लगे शालिनी ने ध्यान से उस तस्वीर को देखा तो निचे लिखा हुआ था “Who is next ?” और अख़बार उसके हाथ से छूटकर नीचे गिर गया।

शालिनी को यकीन नहीं हो रहा था जिसकी मौत की खबर अख़बार में छपी है , उसे कल रात शालिनी ने मारा था लेकिन कैसे ? वो तो यहाँ थी फिर ये सपना और उस ड्राइवर की मौत का सच क्या था ?
शालिनी वहा खड़े ये सब सोच ही रही थी की निधि चाय लेकर आयी और टेबल पर रखते हुए कहा,”देख ना यार एक एक ऑटो ड्राइवर को किसी ने बड़ी बेरहमी से मार डाला।”


“निधि यहाँ बैठ मुझे तुम्हे कुछ बताना है”,कहते हुए शालिनी ने निधि को सारी बात बता दी तो निधि हसने लगी और कहा,”शालिनी लगता है तू कुछ ज्यादा ही सोच रही है , तू तो रातभर यहाँ थी फिर तू उसे कैसे मार सकती है ? सुबह सुबह उल्लू बनाने के लिए तुझे मैं ही मिली क्या ? चाय ठंडी हो रही है पि ले”
कहकर निधि वहा से चली गयी


“निधि मैं सच कह रही हूँ , मेरे सपने का इस मौत से कुछ तो कनेक्शन है , निधि सुन ना”,शीतल ने पीछे से कहा लेकिन निधि चली गयी। अंदर आकर निधि जैसे ही किचन में आयी उसकी चीख निकल गयी। निधि की चीख सुनकर शालिनी भागकर अंदर आयी और जैसे ही उसने किचन का नजारा देखा तो उसकी भी चीख निकल गयी सामने किचन के प्लेटफॉर्म पर खून से सना खरगोश पड़ा हुआ था। शालिनी और निधि फ़टी आँखों से एक दूसरे की और देख रही थी।

उनका दिल तेजी से धड़क रहा था ये सब देखकर शालिनी अपना आपा खो बैठी और कहा,”देखा मैंने कहा था ना इस घर में कुछ है , कोई तो है जो हमे मारना चाहता है ,, निधि मैं सच कह रही हूँ कुछ तो है यहाँ।”
निधि ने उसकी बात सुनी और फिर हसने लगी। उसे हँसता देखकर शालिनी ने कहा,”तू तू हंस क्यों रही है ?”


निधि ने शालिनी को कंधे से पकड़ा और खिड़की की और घुमाकर कहा,”खरगोश को उस बिल्ली ने मारा है , तू खुद भी डर रही है और मुझे भी डरा रही है। यहाँ हम दोनों और इस दुष्ट बिल्ली के अलावा कोई नहीं है।”
शालिनी ने देखा खिड़की के पाल पर बिल्ली बैठी थी और उसके मुंह पर खून लगा हुआ था।

शालिनी सा सर चकराने लगा था इन दो दिनों में उसके साथ सब अजीब घट रहा था ये सब किसी आने वाली मुसीबत का इशारा था या सिर्फ शालिनी के मन का वहम वह नहीं समझ पा रही थी। शालिनी को परेशान देखकर निधि ने कहा,”शालिनी तुम जाकर नहा लो मैं ये सब साफ़ कर देती हूँ।”


शालिनी वहा से चली गयी नहाने के बाद उसे थोड़ा अच्छा महसूस हो रहा था वह तैयार हुई और अपना बैग लेकर बाहर चली आयी। नाश्ता करने के बाद शालिनी ऑफिस के लिए निकल गयी। दिनभर शालिनी के दिमाग में वो सपने वाली बात घूमती रही और इस वजह से उस से काम में भी काफी गलतिया हो रही थी। उसका माइंड काफी डिस्ट्रब हो चुका था। बॉस ने उसे अपने केबिन में बुलाकर प्यार से समझाया और शाम को डॉक्टर से मिलने को कहा। ऑफिस के बाद शालिनी अश्विनी के साथ ‘डॉक्टर आशुतोष’ के क्लिनिक चली आई।

आशुतोष अश्विनी से चार साल बड़ा था लेकिन अश्विनी का अच्छा दोस्त था इनकी मुलाकात एक फॅमिली फंक्शन में हुयी थी। अश्विनी को देखते ही आशुतोष ने मुस्कुराते हुए कहा,”अरे अश्विनी बड़े दिनों बाद आये हो ,बैठो। हेलो शालिनी बैठो”
“हैलो डॉक्टर”,शालिनी ने फीका सा मुस्कुरा कर कहा


अश्विनी ने आशुतोष को शालिनी के बारे में बताया , आसुतोष ने शालिनी के कुछ टेस्ट करवाए और उसका चेकअप किया। रिपोर्ट्स आने तक उन्हें बाहर बैठने को कहा शालिनी अश्विनी के कंधे पर सर रखकर खामोशी से बैठी थी। उसका मन बहुत बैचैन था और दिमाग में अभी भी वही सब बातें चल रही थी।

एक घंटे बाद आशुतोष ने दोनों को बुलाया और अश्विनी को शालिनी की रिपोर्ट्स देकर कहा,”अश्विनी इसकी सारी रिपोर्ट्स नेगेटिव है , काम का प्रेशर ज्यादा होने की वजह से ये सब हो रहा है। मैंने दवा लिख दी है अच्छे से नींद आयेगी तो एक दो दिन में ठीक हो जाएगी”
“और वो सपने जो मुझे आते है वो सब ?”,शालिनी ने बेचैनी से कहा


“शालिनी वो सब तुम्हारे थके हुए दिमाग की उपज है उन सपनो का कोई मतलब नहीं है , कई बार ज्यादा सोचने की वजह से हम उन चीजों को असल में देखने लगते है जबकि वो सब सिर्फ हमारी आँखों का धोखा होता है। तुम टाइम से दवा लो और हां कुछ दिन ऑफिस से छुट्टी ले लो”,आशुतोष ने कहा
“हम्म्म्म शायद आप सही कह रहे है , थैंक्यू डॉक्टर।”,शालिनी ने कहा


“थैंक्यू आशुतोष”,अश्विनी ने उस से हाथ मिलाकर कहा और शालिनी को लेकर दरवाजे की और बढ़ गया। दरवाजे पर पहुँचते ही शालिनी के कानो में आशुतोष की आवाज पड़ी,”नेक्स्ट !”
आशुतोष ने फिर कहा,”Who is next ?” किसी अनहोनी के डर से शालिनी का दिल धक् धक् करने लगा !!!

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संजना किरोड़ीवाल

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