शाह उमैर की परी – 41
Shah Umair Ki Pari – 41
Shah Umair Ki Pari – 41
शहर धनबाद में :-
नदिया जी , हसन जी और रफ़ीक साहब चटाई बिछा कर बैठ कर बातें करने लगते है ! आसिफ भी उनके पास बैठ जाता है !
”अंकल आप को यह उमैर कुछ अजीब नहीं लगता है ?” आसिफ ने हसन जी से धीमे से कहा !
”अजीब से क्या मतलब है तुम्हारा ?” हसन जी ने पूछा !
”मतलब कुछ ही दिन हुए इसे परी से मिले और इन दोनो को एक दूसरे से इतना प्यार भी हो गया। एक दूसरे को अँगूठी भी पहना दी। आप को नहीं लगता यह सब कुछ ज्यादा ही जल्दी हो गया है इनके बीच और अगर इनकी शादी होती है तो परी आप लोगों से दूर हो जाएगी !” आसिफ ने कहा !
”बेटा प्यार अचानक से ही होता सोच समझ कर तो शादी होती है और रही बात दूर जाने की तो वो तो एक न एक दिन सब को एक दूसरे से दूर जाना पड़ता है। इसमें इतना सोचने की क्या बात है ?” हसन जी ने कहा !
”मगर अंकल परी से मैं प्यार करता हूँ। मैं उसके साथ आप सब को खुश रखूँगा। हम सब एक ही घर में एक साथ रहेंगे हमेशा। please आप एक बार उसे समझाये !” आसिफ ने कहा !
”बेटा मैं तुम्हारे जज़्बातों को समझता हूँ। मगर मैं परी से जबरदस्ती तुमसे प्यार करने को नहीं कह सकता। यह उसकी मर्ज़ी होगी कि वो किसे अपना जीवन साथी चुनती है !” हसन जी ने कहा !
”तो क्या आप अपनी बेटी की शादी एक जिन से कर देंगे ?” आसिफ ने कहा !
”मतलब क्या है तुम्हारा? ” हसन जी कहा !
”कुछ नहीं मैं बाद में बात करता हूँ आप से !” आसिफ कहते हुआ वहाँ से परी और उमैर की तरफ चल देता है !
परी और उमैर सब को बातें करता देख जैसे ही वहां से अलग हटकर जाने लगते है तो आसिफ उन्हें पीछे से आवाज़ लगा कर रोक लेता है !
”कहा जा रहे हो दोनों ?”आसिफ ने कहा !
“आ गया कबाब में हड्डी।” उमैर मन ही मन बड़बड़ाया।
”कंही नहीं, बस इधर उधर घूम ही रहे हैं !” परी ने कहा !
”अरे बेटा कहा जा रही हो? यहाँ चारो तरफ बस पानी है जरा संभल कर जरा सी भूल से बड़े हादसे हो जाते है !” रफ़ीक साहब ने कहा !
”रफ़ीक भाई मेरी बेटी समझदार है। वो खुद पानी के ज्यादा क़रीब नहीं जाएगी। यही आस पास में घूम कर आ जाएंगे बच्चे। परेशान ना हो वैसे भी उमैर उसके साथ है !” हसन जी ने कहा !
”उमैर चलो हम सब क्रिकेट खेलते है, क्या बोलते हो अंकल ?” आसिफ ने कहा !
”नहीं बेटा हमारी बूढ़ी टांगो में इतनी जान कहा? जो क्रिकेट खेले वैसे भी हमे खिली धुप में बात करने में मज़ा आ रहा है, तुम बच्चो खेलो हम यही पर बैठ कर तुम्हारा मैच देखेंगे !” हसन जी ने कहा !
मैदान में उनके अलावा एक दो लोग ही दिख रहे होते है इसलिए वो आराम से खेल सकते है ! आसिफ उमैर को बॉल थमा कर खुद बैटिंग करने चल जाता है फिर कुछ सोचते हुए पहले परी को बैटिंग करने के लिए कहता है ! उमैर परी को आहिस्ता आहिस्ता बॉल देता है जिसे परी बड़े ही मज़े लेकर बॉल को मारती है और आसिफ दौड़ दौड़ कर बॉल लाकर देता है !
”चलो चलो जल्दी से परी को आउट करो तुम दोनों अपना रोमांस कभी और कर लेना। अरे भाई मुझे भी खेलना है आधे घंटे से तुम बस परी को ही खिला रहे हो। आउट तो कर नहीं रहे और मैं कुत्तों की तरह बस दौड़ रहा हूँ !” आसिफ ने हांफते हुए कहा !
”लो तुम ही बैटिंग करो मेरा हो गया !” परी ने आसिफ को बैट थमाते हुए कहा !
आसिफ बैट पकड़ कर बॉल का वेट ही कर रहा होता है के बॉल विकेट से जा लगती है ! उमैर ने आसिफ को खेलने का मौका ही नहीं दिया !
”चलो लाओ अब मेरी बैटिंग है देख लिया के तुम कितने बड़े खिलाड़ी हो !” उमैर ने मुस्कुराते हुए आसिफ से बैट मंगाते हुए कहा !
”अच्छा ठीक है अब जरा छक्का मार कर दिखाओ मैं भी तो देखूं तुम कितने बड़े खिलाड़ी हो !” आसिफ ने बॉल फेंकते हुए कहा !
उमैर के बैट को छूते ही बॉल बिजली की तेज़ी से झील के पार जंगल में जा गिरता है !
”वाओ उमैर क्या बल्ला घुमाया तुमने मज़ा आ गया !” परी ने खुश होते हुए कहा !
” लो तुमने तो बॉल को ही शहीद कर दिया। बॉल तो मिलने से रही अब लाओ बैट रख देता हूँ !” आसिफ ने उमैर से बैट लेते हुए कहा !
“हो गया तुम सब का मैच? अब सब खाना खालो हॉट पॉट में रखा है तो अभी तक गरम है !” नदिया जी ने कहा !
”हाँ मम्मी बडी भूख लगी है !” परी ने बैठते हुए कहा उमैर भी आकर उसके बगल में बैठ जाता है ! सब मिल कर साथ में खाना खाते है !
खाने के बाद परी अपने मोबाइल में सब की फोटो क्लिक करती है फिर उमैर के साथ झील किनारे खड़े होकर सेल्फी लेती है ! जब वो देखती है के उसके मम्मी पापा उनके तरफ नहीं देख रहे वो जल्दी से उमैर के गालों पर किस करते हुए सेल्फी लेती है !
”परी ऐसे मत करो वरना मैं बहक जाऊँगा !” उमैर ने कहा !
”बहक जाओ कौन रोक रहा तुम्हे?” कहते हुए परी शरारत से उसके ऊपर झील के पानी के छींटे मरती है !
उमैर उसे कस कर पकड़ कर कहता है ! ”अब मैं भी सेल्फी लूंगा किस करते हुए !”
”उमैर छोड़ो मम्मी पापा देख लेंगे !” परी ने कहा !
”देखने दो !” कहते हुए उमैर जल्दी से परी के होठों को चुमते हुए तस्वीर लेता है !
” यहाँ भी शुरू हो गये तुम दोनों , सिर्फ सेल्फी ही लेने का इरादा है या घूमना भी है? अरे भाई खूबसूरत जगह है चलो घूमते है क्रिकेट तो खेल नहीं सकते तुमने इतनी जोर से बॉल को मारा के वो ना जाने कहा गायब हो गया !” आसिफ ने कहा !
” हाँ चलते है, नाव से सामने वाले आइलैंड पर चलते है बहुत मज़ा आएगा !” परी ने कहा !
”मैं अंकल आंटी को कह कर आता हूँ तुम लोगो आगे बढ़ो !” आसिफ कहता है !
”ठीक है जाओ हम तुम्हारा बोट के पास इंतज़ार करेंगे !” परी कहते हुए उमैर का हाथ थामे चल देती है !
”अंकल हम तीनो वो सामने वाले आइलैंड पर जा रहे। सनसेट देखना है हमे हम जल्दी ही आ जाएंगे !” आसिफ ने कहा !
” ठीक है बेटा जाओ मगर ध्यान से और जल्दी वापस आना हम सब यही पर है !” हसन जी ने कहा !
“जब तक बच्चे घूम कर आते है क्यों ना हम लोग भी यही आस पास घूम ले जरा देखे तो कैसी जगह है ?” रफ़ीक साहब ने कहा !
”हाँ क्यों नहीं चलिए मैं आप की फोटो लेता हूँ अपने मोबाइल में !” हसन जी ने अपने जेब से मोबाइल निकलते हुए कहा !
”बच्चे तो लेते रहते क्या बोलते है उसे ? हाँ सेल्फी हम तीनो भी लेते है क्या बोलती है नदिया जी !” रफ़ीक साहब ने हँसते हुए कहा !
”भाई साहब आप लोग खिंचवा ले फोटो मुझे यह सब अच्छा नहीं लगता !” नदिया ने कहा !
”बेगम यह क्या बात हुई ? चलिए आप भी एक फोटो हमारी साथ में नहीं है कल को परी अपने बच्चो को कैसे दिखायेगी के उसके नाना नानी कितने कूल थे!” हसन जी ने कहा तो वो मान जाती है !
तीनो नाव में बैठ कर पास के ही आइलैंड की तरफ जाते है ! उमैर नाव में बैठे बैठे पानी में हाथ डाल कर छोटी छोटी मछलियाँ पकड़ कर शरारत से उन्हें आसिफ के टी शर्ट के अंदर डाल देता है!
”अरे उमैर यार क्या कर रहे हो? सारे कपड़े गीले कर दिये तुमने मेरे !” आसिफ ने वापस मछलियों को उठा कर पानी में फेंकते हुए कहा !
”देखते है पहले आइलैंड तक कौन पहुँचता है तुम्हारी नाव या मैं?” कहते हुए उमैर पानी में छलांग लगा देता है !
”उमैर। …. उमैर। … वापस आओ। क्या पागलपन है यह ?” परी ने घबराते हुए कहा !
”घबराओ मत परी मुझे कुछ नहीं होगा तुम्हारे आने से पहले मैं तुम्हे वहाँ मिलूंगा !” उमैर कहता हुआ तैर कर उनकी नज़रों से गायब हो जाता है !
”अरे भैया आप के दोस्त काहे कूद गए? जान वान चली जाएगी तो हम फस जाएंगे !” नाव वाले ने कहा !
”आप परेशान ना हो वो नहीं डूबेगा और यह रखो पैसे अपना मुँह बंद रखना किसी को बताने की जरुरत नहीं है !” आसिफ ने पांच सौ का नोट नाव वाले को थमाते हुए कहा !
”यह तो बहुत शरारती है परी। ना जाने कब कौन सी शरारत कर दे पता नहीं तुम्हे कैसे पसंद आ गया !” आसिफ ने कहा !
” वो हर हाल में खुश रहता है और मुझे उसकी शरारतें और वो बहुत पसंद है आसिफ। मैं तो भूल जाती हूँ के वो जिन है भला वो कैसे डूबेगा ?”परी ने कहा !
चारो तरफ झील का पानी नीला आसमान हरे भरे पेड़ एक अलग ही सुकून का एहसास दिल रहे होते है ! नाव आइलैंड पर पहुँचती है तो उन्हें कहि भी उमैर नहीं दिखता है, फिर अचानक ही सामने खड़ा वो बॉल उछालता हुआ उन्हें मुस्कुरा कर देख रहा होता है !
”वाह जिनि तुम बॉल ढूंढ ले आये। कमाल के हो तुम यार !” आसिफ नाव से उतर कर उससे बॉल लेते हुए कहता है !
”मैं आज तुम्हे जान से मार दूंगी उमैर। मेरी जान ही निकाल दी थी तुमने बहुत शरारती हो जब देखो शरारत तुम्हारी यह शरारत एक दिन तुम पर भारी पड़ेगी !”परी उमैर के गाल पर थपड़ मरते हुए उससे गले लगते हुए कहती है !
”परी कुछ नहीं होगा मुझे तुम परेशान क्यों होती हो बाबा !” उमैर ने कहा !
”तुम लैला मजनू का हो गया तो हम अंदर चले !” आसिफ ने कहा !
”मिया तुम कवाब में हड्डी हो मोहब्बत करने वालों को जरा privacy चाहिए , तुम चलो हम आते है अपनी जान से थोड़ा मोहबब्त कर के !” उमैर कहता है
तो परी उसे कुहनियों से मारती है और कहती है !” उमैर कुछ भी कहते हो , हम सब साथ आये है साथ में ही घूमेंगे तुम आसिफ को परेशान मत करो !”
”तीनो टहलते हुए पानी के किनारे आकर पत्थर पर बैठ जाते है !
”लाओ मैं तुम दोनों की आखरी फोटो लेता हूँ साथ में !” आसिफ ने अपने पॉकेट से मोबाइल निकाल कर परी और उमैर की पिक लेते हुए कहता है !
”वैसे काफी खूबसूरत जगह है यह मुझे बहुत पसंद है यह जगह शांति और सुकून से भरा हुआ !” परी ने कहा !
”परी मेरी दुनिया से ज्यादा खूबसूरत नहीं है याद करो !” उमैर ने कहा !
”हाँ तुम्हारी दुनिया तो एक खूबसूरत खवाब की तरह है उमैर !” परी ने कहा !
”अरे सच में उमैर मुझे भी कुछ देखना है , हम्म सुना है के जिन लम्बे भी हो सकते है और बहुत छोटे भी उस दिन मैं लम्बे होने वाली क़ाबलियत तो तुम्हारी उस दिन देख ली थी जब तुम और परी छत पर थे आज मुझे कुछ और देखना है !” आसिफ ने कहा !
”आसिफ तुम हमारी जासूसी करते हो क्या ?” परी ने हँसते हुए कहा !’
”अरे नहीं यार परी वो बाथरूम के लिए उठा था तो अचानक से तुम दोनों पर नज़र पड़ गयी , वाक़ई में मुझे तुम दोनों एक साथ बहुत प्यारे लगते हो !”आसिफ ने कहा !
”अच्छा तो बताओ तुम क्या देखना चाहते हो !” उमैर ने पूछा !
”हम्म्म। …. तुम इस बोतल के अंदर जा कर दिखा सकते हो !” आसिफ अपने जेब से एक कांच की बोतल निकाल कर उसका ढकन खोल कर उनके सामने रखते हुए कहा !
”आसिफ क्या है यह सब? तुम उमैर को बोतल में क्यों जाने बोल रहे हो ?” परी ने कहा !
”ओफ्फो परी। …. तुम बहुत जल्दी घबरा जाती हो मैं बस देखना चाहता हूँ यह जिन क्या क्या कर सकता है उस दिन तुम्हे लम्बा होकर डरा रहा था ना आज जरा छोटा होकर दिखा दे !” आसिफ ने उमैर की तरफ बॉल उछालते हुए कहा !
”बिलकुल जा सकता हूँ मैं तो चींटी की तरह छोटा बन सकता हूँ मगर आज मूड नहीं है मेरा रहने देते है कभी और !” उमैर बॉल कैच करते हुए कहता है !
”तुम्हारी मर्ज़ी मुझे तो लगा के जिस तरह तुम खुद को टेलीफोन टावर जितना ऊँचा कर कर सकते हो, तो शायद इस बोतल के अंदर भी जा कर दिखा सकते हो। मगर यह तुम्हारे बस का नहीं है छोड़ो !” कहते हुए आसिफ बोतल उठाने लगता है वैसे ही उमैर बोतल के अंदर चला जाता है !
”देखो आसिफ मैं आ गया बोतल में !” उमैर ने बॉल को उछालते हुए कहा !
”अब अंदर में बैठ कर बॉल खेलते रहना।” कहते हुए आसिफ जल्दी से बोतल का ढकन बंद कर देता है !
”उमैर अंदर चिल्लाता रहता है मगर उसकी आवाज़ भी उसकी तरह बोतल में क़ैद हो चुकी होती है ! उसे समझ आ गया होता है के वो आसिफ के साज़िश का हिस्सा बन गया है !
”आसिफ तुम यह क्या कर रहे हो ? निकालो उमैर को बोतल से !” परी आसिफ से बोतल छिनते हुए कहती है !
तड़ाक से एक जोर का थप्पड़ आसिफ परी को मारता है तो वो डर जाती अपने गाल पर हाथ रखे हैरत से आसिफ की तरफ देखती है जिसे वो अपना सब से अच्छा दोस्त समझती थी ! आसिफ बोतल को अपने गुलाम जिन को हाज़िर कर के उसे थमा देता है जिसे लेकर वो भयानक शक्लों वाला जिन गायब हो जाता है!
”सारा दिन उमैर उमैर। उसके अलावा तुम्हे कोई नहीं दिखता न? एक जिन का प्यार दिख गया तुम्हे ? मेरा प्यार नहीं दिखा !” आसिफ ने कहा !
”आसिफ तुम क्या करोगे मेरे उमैर के साथ? खुदा के वास्ते उसे छोड़ दो उसने क्या बिगाड़ा है तुम्हारा? मैं तुमसे प्यार नहीं करती इसमें उसका क्या कसूर है?” परी रोते हुए कहती है !
” उसका कोई कसूर नहीं वो तो एक कमअक़ल जिन है, जिसमे जिनो वाले कोई हरकत नहीं है ! छोड़ दूँगा मगर, उसे एक शर्त पर बोलो मंज़ूर है ?” आसिफ ने परी के बालों को पकड़ते हुए कहा !
”तुम जो बोलोगे मैं वो करुँगी बस मेरे उमैर को कुछ मत करना मुझसे गलती हुई जो तुम्हे अपना दोस्त समझा मैंने। मुझे नहीं पता था तुम धोखा दोगे !” परी रोते हुए कहती !
”सब से पहले तो मैं इस खूबसूरत जगह पर तुम्हारे यह रासीले लबो को चूमना चाहता हूँ। जरा मैं भी तो वो मज़ा चखूं जिसे वो जिन चखता आ रहा है !” आसिफ परी की तरफ बढ़ते हुए कहता है !
”नहीं आसिफ तुम ऐसा नहीं कर सकते। अगर तुमने ऐसा किया तो मुझसे बुरा कोई नहीं होगा !” परी पीछे खिसकती हुई कहती है !
”क्या करोगी तुम भूल गयी के तुम्हारी जान मेरे कब्ज़े में है !” आसिफ ने परी को अपने तरफ खींचते हुए अपने लब से उसके लब को चूमते हुए कहा !
परी खुद को किसी तरह उससे बचा कर पत्थर पर बैठ कर रोने लगती है !
”सुनो रोने से अब कुछ नहीं होने वाला। हम इसी हफ्ते निकाह करेंगे और हाँ अपने मम्मी पापा से कह देना के उमैर के घर से कॉल आया था, उसकी बहन बीमार है इसलिए वो सीधा अपने घर को निकल गया !” आसिफ ने हसरत से परी के चेहरे की तरफ देखते हुए कहा !
जिस जगह का सूर्यास्त देख कर लोग लुत्फ़ अंदोज होते है आज वहां परी की ज़िन्दगी का सूरज डूब चूका होता है, साथ में उसकी इज्जत भी !
क्रमशः shah-umair-ki-pari-42
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Written By- Shama Khan
“दोस्त समझ कर जिसे उसने बताये थे सब राज ,
आज उसी ने उसके इज्जत को तार तार कर डाला !
मोहब्बत ही तो की थी उसने कौन सा क़त्ल किया था किसी का ,
उसकी मोहब्बत आज सूली लटक रही है !”