Sanjana Kirodiwal

Telegram Group Join Now

शाह उमैर की परी – 28

Shah Umair Ki Pari – 28

Shah Umair Ki Pari


Shah Umair Ki Pari-28

दूसरी दुनिया ”ज़ाफ़रान क़बीला ” :-
इस अचानक हुए मामले से सब सकते में रहते है !
”अब्बा आप ने मुझसे बिना पूछे? मेरी शादी शहजादी से कैसे तयकर दी? मैं शहज़ादी से शादी नहीं करना चाहता हूँ !” उमैर ने शाह ज़ैद के पास जाकर कहा !
‘’बद्तमीज़ अपनी ज़ुबान को लगाम दे। भूल से भी यह बात दोबारा मत कहना, वरना इस बार मैं भूल जाऊँगा कि तुम मेरे बेटे हो। खाल उतार कर तहखाने में डाल दूँगा , जा जाकर चुप चाप शहजादी मरयम के पास खड़ा हो जा, मुँह से एक लफ्ज निकलना नहीं चाहिए अब !” शाह ज़ैद ने गुस्से से कहा !
‘’हाँ तो नोच लिजिए मेरी खाल, डाल दिजीए मुझे तहखाने में उससे ज्यादा आप कर भी क्या सकते है? मगर आप याद रखना आप गलत कर रहे है। मैं आप को कभी माफ़ नहीं करूँगा और शादी तो मैं किसी भी हाल में नहीं करूँगा आपको जो करना है कर लो आप !” उमैर भी गुस्से में कहता है !
“उमैर भाई आप अभी शांत रहो आप। जो हो रहा होने दो, अब इस बात का हल बाद में निकालेंगे !”अमाइरा ने समझाते हुए कहा !
तभी शहंशाह तीनों की मंगनी की अंगूठियां मगाते हैं और उस वक़्त अंगूठियों की अदला बदली के साथ मंगनी को अंजाम देने का ऐलान करते है ! कुछ जिन जादियाँ सोने के ट्रे में दो दो खूबसूरत और चमकदार हीरे की अंगूठी लिए मंच पर आकर एक लाइन में खड़ी हो जाती है ! बेहद ही खुशगवार माहौल बना होता है सब बारी बारी से एक दूसरे को अंगूठी पहना देते है मगर उमैर खामोश खड़ा रहता है !!
‘’उमैर इधर आओ चलो मरयम को अंगूठी पहनाओं !” शहंशाह ने कहा !
“मगर, ह ह हू…हुज़ूर आप ने अचानक यह सब ?” उमैर ने कहा !
“बातें बाद में भी होती रहेंगी, पहले जल्दी से इस रस्म को अंजाम दो। मेरी बेटी कितनी उम्मीद से देख रही है तुम्हें। !” शहशांह ने उमैर को मरयम के बगल में खड़ा करते हुए कहा ! उमैर हिम्मत ही नहीं जुटा पता है शहशांह से कुछ कहने की ! उदास होकर शहजादी मरयम के पास आकर खड़ा हो जाता है !
“आप ने बहुत गलत कर दिया शहजादी? यह मंगनी की रश्म बस दिखावा है, मैं आप को कभी नहीं अपनाउंगा और ना ही आप को इस धोखे के लिए कभी माफ़ करूँगा। दोस्त कहा था आप ने मुझे, यही है आप की दोस्ती? जो धोखे से शुरू की है आपने? ” उमैर ने कहा इससे पहले के शहजादी मरयम अपनी सफाई में कुछ कहती, उमैर ख़ामोशी से शहजादी मरयम को अँगूठी पहना कर। चुपचाप दुसरो की नज़र से बचकर, परी का हाथ थामे वहां से निकल जाता है ! उमैर के जाते ही शहजादी मरयम बिना कुछ कहे किसी को अपने कमरे में चली आती है उनके पीछे शहजादे इरफ़ान भी आ जाते है !
”क्या हुआ मरयम? शाह उमैर ऐसे क्यों चला गया ? तुम भी महफ़िल छोड़ कर इधर आ गयी ? कोई परेशानी है क्या? कहो बताओ अपने भाई को। ” शहजादे इरफ़ान ने मरयम के पास आकर पूछा !
“भाई जान उमैर मुझसे शादी नहीं करना चाहता है !” शहज़ादी मरयम ने उदास लफ़्ज़ों में कहा !
“मगर क्यों मरयम ? इतनी मुश्किलों से मैंने अपने और तुम्हारे रिश्ते के लिए अब्बा को राजी किया। अब मंगनी की रसम हो जाने के बाद वो मना कर रहा है ? वजह क्या है? तुम जानती हो? ” शहजादे इरफ़ान ने कहा !
“वो मुझसे मोहब्बत नहीं करता है, उसे कोई और पसंद है इसमें उसकी कोई गलती नहीं है भाईजान। उसने मुझे अपने बारे में बता दिया था मगर ना जाने मैं ही क्यों ? अब्बा को मना ना कर पाई इस सब के लिए !” शहजादी मरयम ने कहा !
“फिर तुमने मुझे बताया क्यों नहीं था ? अब सभी के सामने ये रस्म का हो जाना? अगर अब्बा को पता चला तो  मुझे नहीं लगता के अब्बा मानेंगे। वो मेरी शादी भी  अमाइरा के साथ तोड़ देंगे !” शहजादे इरफ़ान ने उदास होकर कहा !

”आप की और अमाइरा की शादी होगी आप फिक्र ना करे मैं अब्बा को मना लूंगी इरफ़ान भाई , रिश्ता मोहब्बत का होना चाहिए जबरदस्ती का नहीं। वैसे भी सबको, सब कुछ हासिल हो यह जरुरी तो नहीं? ” मरयम ने अपने दिल में उठ रहे दुखों के आँसुओ को ज़ब्त करते हुए कहा !
“मेरी बहन मुझे पता नहीं था कि तुम इतना पाक दिल रखती हो ,फखर  है मुझे तुम पर !” शहजादे इरफ़ान ने कहा !
“मैं कल ही अब्बा को सारी बातें बता दूंगी !” शहजादी मरयम ने कहा !
“हाँ बिलकुल मेरी बहन !” शहजादे इरफ़ान ने कहा !
उमैर और परी दोनों फिर से उसी जगह पर उदास खड़े होते है जहाँ कुछ घंटे पहले वो एक दूसरे के साथ हंस खेल रहे थे !
”कुछ समझ नहीं आ रहा कि मैं क्या करूँ ?अब्बा को तो बस मारना और धमकी देना आता है।
कहते है अगर मैंने शादी के लिए मना किया तो वो मेरी खाल नोच कर तहखाने में डाल देंगे मुझे !”उमैर ने कहा !
“उमैर तो क्या तुम शहजादी से शादी कर लोगे ?” परी ने नम आँखों से उमैर को देखते हुए कहा !
”नहीं परी कभी नहीं। मैं अपनी जान दे दूंगा मगर तुम्हारे सिवा किसी और को अपनी सरीके हयात नहीं बनाऊंगा !”उमैर ने कहा !
“जान देने की बातें क्यों करते हो हमेशा ? मेरा तुम्हारा साथ रहने से, ज्यादा जरुरी तुम्हारा ज़िंदा रहना है। तुम्हारा सलामत रहना !” परी ने कहा !
“तुम मेरी ज़िन्दगी हो भला मैं तुम्हारे बिना ज़िंदा रह कर भी क्या करूँगा परी ?” उमैर परी को सीने से लगाए हुए कहता है !
‘’जब खुशियाँ आकर चली जाती है ,फिर ये गम क्यों नहीं जाते उमैर ,यह दुःख खतम क्यों नहीं होता ?” परी ने कहा !
“उमैर भाई, परी कंहा हो आप दोनों? !”अमाइरा आवाज़ देती है तो दोनों आवाज़ की सिमत मुड़ते है जहाँ अमाइरा , हनीफ , और नफिशा खड़े होते है !
“क्यों आये हो तुम सब यहां ?” उमैर ने कहा !
“बस आप दोनों की फिक्र हो रही थी हमे !”नफिशा ने कहा !
“मेरी फिक्र? हम्म्म ,अब्बा ने तो मुझे क़ुरबानी का बकरा समझ कर रख लिया है ! मगर इस बार मैं उनकी ज़िद्द के आगे क़ुर्बान नहीं होऊंगा ,मैं जा रहा हूँ परी की दुनिया में और अमाइरा तुम मेरी मदद करोगी इन सब में !” उमैर ने कहा !
‘’मगर मैं किस तरह आप की मदद करुँगी उमैर भाई?” अमाइरा ने कहा !
” सालों की इबादत से तुमने कई सारी ताक़तें हासिल की है बस तुम इतना कर देना के कोई भी मुझे ढूढ़ ना सके और मैं परी के साथ सुकून से रह सकूँ उसकी दुनिया में !”उमैर ने कहा !
‘’पागल ना बनो उमैर? हम सब है ना कोई ना कोई तरकीब निकाल लेंगे!” हनीफ ने कहा !  
“मगर उमैर भाई अगर आप ने ऐसा किया और शहंशाह को यह बातें नागवार गुज़री तो वो हम सब को सजा देंगे इससे अच्छा यह होगा के आप शहजादी मरयम से बात कर के उनको सब बता दे ,अगर वो मना कर दे आप से शादी करने के लिए, तो हम सब सजा से बच सकते है !”अमाइरा ने कहा !
”सही तो कह रही है अमाइरा उमैर तुम वक़्त निकाल कर शहजादी मरयम से बात करो !” परी ने कहा !
‘’ठीक है मैं कर लूंगा बात ! वैसे मैंने शहजादी को बता तो दिया था के मैं किसी और से मोहब्बत करता हूँ मगर उन्होंने फिर भी ना नहीं किया शादी के लिए। यह बात मुझे चुभ रही है !” उमैर ने कहा !
“उमैर मुझे मेरे घर छोड़ दो सुबह होने वाली है अब !” परी ने कहा !
“हम सब साथ में चलते है !”नफिशा ने कहा !
“तुम सब घर पहुंचो मैं अभी आया !”हनीफ ने कहा फिर वो महल जाकर सब के लिए खाना लेकर उमैर के घर पहुंच जाता है !
‘’अरे आप तो बहुत जल्दी आ गये? !”नफिशा ने कहा !
‘’तुम सब को भूख लगी होगी न? इसलिए मैं खाना लेने चला गया था ! अब जो होना था वह तो हो गया उसके चक्कर में खाना नहीं छोड़ सकता ! मैं सब के लिए खाना लेकर आया हूँ परी आप पहले खाना खालो फिर अपनी दुनिया में चली जाना ,नफिशा लो खाना सब को परोसो !” हनीफ ने कहा !
‘’मेरा मन नहीं है खाने का !”परी ने कहा !
“खा लो भाभी हमारी दुनिया का खाना खाओगी तो उँगलियाँ चाटते रह जाओगी और आप फिक्र मत करो हम सब आप को और उमैर भाई को कभी जुदा होने नहीं देंगे !” नफिशा ने कहा !
नफिशा और अमाइरा डाइनिंग टेबल पर खाना लगाती है फिर सब मिलकर खाना शुरू कर देते है ,उमैर परी को अपने हाथ से खाना खिलाता है और परी उमैर को ,हनीफ और नफिशा एक दूसरे के हाथ से ,अमाइरा यह सब देख कर कहती है !
”अरे भाई तुम सब तो एक दूसरे के हाथों से खा रहे हो मुझे कौन खिलायेगा ?
“आपी आप को तो महल का शहजादा मिल गया है आप खाना महल में शहजादे के हाथों से खाना !” नफिशा ने कहा !
“तुम मेरे हाथ से खालो !”परी ने कहा !
अब अब्बा ने बिना पूछे रिशता तय कर दिया है तो मैं क्या कर सकती हूँ ?” अमाइरा ने खाते हुए कहा !
”इन सब में मेरे और हनीफ के हक़ में तो अच्छा हुआ मैं तो यह सोच के ही परेशान थी के अब्बा को कैसे राजी करूँ? अपने और हनीफ के रिश्ते के लिए, मगर अल्लाह ने मेरे रास्ते खुद बना दिए  बस बेचारे उमैर भाई !” नफिशा ने मज़े लेते हुए कहा !
”माँ बाप अपने औलाद के लिए कभी गलत नहीं सोचते है ,अब उनको क्या पता के उमैर किसी इंसान को चाहता है ?” हनीफ ने कहा !
“मगर दोस्त हनीफ मुझे नहीं लगता है के अब्बा कभी मेरी बात मानेंगे वो मुझसे हमेशा उखड़े उखड़े से रहते है !” उमैर थोड़ा उदास होकर कहता है !
“उमैर भाई ऐसा नहीं है अब्बा हम सब को बहुत प्यार करते है देखना आप एक दिन वो आप को गले लगा कर अपने प्यार का इज़हार करेंगे !” नफिशा ने कहा !
“चल चुप हो जा तुझे ज्यादा पता है उस दिन हनीफ के सामने जूते से और फिर तुम दोनों के सामने चाबुक से मारा मुझे, इस तरह ना जाने कितनी बार पिटाई हो चुकी है मेरी। तुम कहती हो अब्बा गले लगाएंगे मुझे !” उमैर ने मासूमियत से कहा तो सब एक साथ हँसने लगते है मगर परी उसके इस मासूमियत से भरे अंदाज़ को देख कर मुस्कुराती है !
क्या कोई जिन जादा इतना मासूम और भोला भी हो सकता है ? हमारी दुनिया में तो जिन बस बूरे कामों के लिए मशहूर है तुम सब को देख कर बिलकुल भी नहीं लगता के जिन बूरे होते है ! ” परी ने कहा !
क्यों नहीं होसकता ,परी जिस तरह तुम्हारी दुनिया में लड़के भोले और शरारती दोनों तरह के होते उसी तरह हमारी दुनिया में भी लोग होते  अच्छे बुरे दोनों तरह के , और हमारे उमैर भाई तो बहुत अच्छे है बस थोड़े शरारती भी है  !” अमाइरा ने कहा !
उमैर शरारती भी है मुझे नहीं पता ?” परी ने कहा !
धीरे धीरे सब पता चल जायेगा भाभी !” नफिशा ने कहा !
“हाँ तो परी आप और उमैर इस आईने के जरिये एक दूसरे से मिली है?!” हनीफ ने कहा !
“जी हाँ सामने ही मेरा कमरा है अमाइरा जरा दिखाना हनीफ को !” परी ने कहा तो अमाइरा अपने हाथ आईने पर फेरती है तो सामने परी का कमरा दिखता है !
“वाह यह छोटा सा कमरा बहुत ही खूबसूरत है !” हनीफ ने कहा !
“अमाइरा मेरी प्यारी बहन खुदा के वास्ते मुझ पे ऐसा जादू कर दो के कुछ दिन तक कोई भी मुझे ढूंढ ना पाए मैं अपनी मर्ज़ी से जब चाहे घर आऊं और तुम सब से मिल कर चला जाऊँ बस मुझे कुछ दिन के लिए सुकून चाहिए !” उमैर ने हाथ जोड़ते हुए कहा !
“मगर उमैर भाई जब सब लोग पूछेंगे तो क्या कहूँगी मैं उनसे ? ” अमाइरा ने कहा !
“तुम कह् देना के मैं गुस्से में कही चला गया हूँ !” उमैर ने कहा !
“वैसे उमैर भाई आप भी कम ताक़त वर नहीं हो बस आप को अपनी ताकतों का इस्तेमाल करना नहीं आता है ! आप ऐसा करो आप जाओ परी की दुनिया में एक इंसान की तरह रहना कुछ दिन जब इधर सब कुछ शांत हो जायेगा तब आ जाना ! ” अमाइरा ने कहा !
“तुम सब अब्बा को मेरा पता मत बताना। और इंसान नहीं मैं वहां परी का पालतू बिल्ला बन कर रहूँगा , इंसान की तरह रहूँगा तो बहुत सारे काम करने पड़ेंगे। बिल्ला ही सही है क्यों परी?” उमैर ने कहा !
“क्या उमैर भाई ? आप अजीब हो एकदम और बेवक़ूफ़  भी आप  जिन हो आप कही भी आराम से आ जा सकते हो कोई भी रूप बदल सकते हो !”नफिशा ने कहा !
“अजीब कैसे और तुम मुझे बेवक़ूफ़ कह रही हो बोलो और ज्यादा बोलोगी  !” उमैर ने नफिशा के कान पकड़ते हुए कहा !
“उमैर भईईई छोड़िए मेरे कान को !”नफिशा ने कहा !
“उमैर भाई क्या है यह सब ! छोड़ दे नफिशा को अब उसका रिस्ता पक्का हो चूका है और आप उसके होने वाले शौहर के सामने यह सब हरकते कर रहे हो !” अमाइरा ने नफिशा को छुड़ाते हुए कहा !
“अमाइरा रहने दो कोई बात नहीं मुझे अच्छा लग रहा वैसे भी इसने नाक में दम कर रखा था मेरे !”हनीफ हँसते हुए कहता है !
“हनीफ आप की खैर नहीं मैंने कब आप के नाक में दम कर के रखा था !” नफिशा ने कहते हुए हनीफ की तरफ क़दम उठा दिए तो वो उठ कर भागने ने लगा और नफिशा भी उसके पीछे दौड़ने लगी !
परी सब कुछ ख़ामोशी से मुस्कुराते हुए देखती रहती है फिर कहती है !
”कितना खुश मिजाज़ माहौल है इस घर का अमाइरा पल भर में रोना हँसना , खेलना छेड़ना रूठना मनाना सब एक साथ ! यक़ीन ही नहीं हो रहा के कुछ वक़्त पहले हम सब रो रहे थे !
यह मेरी दुनिया है परी और यहाँ ज्यादा वक़्त तक कोई भी उदास नहीं रहता !” उमैर ने कहा !
“उदास रहना भी नहीं चाहिए अब मुझे इजाजत दो उमैर अपनी दुनिया में जाने की !” परी ने कहा !
“ठीक है चलो !” उमैर ने कहा !
परी  उमैर का हाथ थामे  सब को अलविदा कहती हुई आईने से अपने कमरे आजाती है !
“तब मैं यही रुक जाऊँ या वापस चला जाऊँ ?” उमैर ने शरारत से कहा !
“क्यों, तुम्हे यहाँ क्यों रुकना है ? जाओ अपनी मगेतर मरयम के पास जिसे तुम अंगूठी पहना कर आये हो !” परी ने झूठी नाराज़गी दिखाते हुए कहा !
“अच्छा तो यह बात है ठीक है लो मैं चला !” उमैर ने कहा फिर आईने की तरफ मुड़ कर जाने लगा तो परी पीछे से आकर उसे पकड़ लेती !
“रुक जाओ मैं तो मज़ाक कर रही थी !”परी ने कहा !
“मैं भी तो मज़ाक ही कर रहा हूँ !”उमैर ने कहा !

( उमैर के इंकार करने पर शाह ज़ैद का रवया कैसा रहता है उमैर के साथ ,मासूम उमैर किस तरह इन सब परिशानियों से निकल पाएगा किस तरह वो सब के सामने अपने और परी की मोहब्बत को लाएगा , दूसरी तरफ अपनी बेटी के राज से बेखबर नादिया जी और हसन जी मीठी नींद सो रहे होते है वही आसिफ रात रात भर जाग कर परी को पाने के जाल बुन रहा होता है !आगे क्या होता है इनकी ज़िन्दगी में जानने के लिए पढ़ते रहे ” शाह उमैर की परी ”)

क्रमशः shah-umair-ki-pari-29

Previous Part – shah-umair-ki-pari-27

Follow Me – youtube / facebook /

Written By – Shama Khan

Shama Khan Avatar

“अभी अभी तो इज़हार किया था उनसे ,
अभी ही तो किये थे साथ जीने मरने के वादे उनके संग ,
अचानक के ऐलान ने कर दिये दोनों के
दिलों पर जुल्म वा सितम “

One Comment

Add a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!