साक़ीनामा – 5
Sakinama – 5
Sakinama – 5
मैं अपना फोन लेकर छत पर चली आयी। मैंने फ़ोन उठाया तो दूसरी तरफ से राघव ने कहा,”हेलो !!”
“जी कहिये”,मैंने कहा
“क्या कर रही हो ?”,राघव ने बहुत ही अपनेपन से पूछा
“कुछ नहीं बस अभी थोड़ी देर पहले आपका मैसेज देखा फाइनली आप की तरफ से हाँ है”,इस बार मैंने राघव को छेड़ते हुए कहा
“हाँ आपकी तरफ से तो पहले से ही ओके था तो मैंने भी कर दी।”,राघव ने कहा
मैं मुस्कुरा उठी और उसकी बाद दोनों में बातें होने लगी। बातें जिनमे एक दूसरे के बारे और ज्यादा जानने से जुड़े सवाल जवाब थे। कुछ उसने अपने बारे में बताया कुछ मैंने अपने बारे में,,,,,,,,,,,,,,,वक्त का कुछ पता नहीं चला। अक्सर ऐसा होता है जब हम किसी पसंदीदा इंसान से बात करते है तो वक्त बहुत जल्दी गुजरता है। राघव ने अपने काम और ऑफिस के बारे में कुछ बातें बताई।
बातो बातो में राघव ने कहा,”आज मैंने अपने ऑफिस में भैया के पार्टनर को आपके बारे में बताया”
“अच्छा वो क्यों ?”,मैंने पूछा
“वो उन्हें पता चला कि मैं राजस्थान में लड़की देखकर आया हूँ तो उन्होंने पूछ लिया। मैंने उन्हें आपके बारे में बताया , आपकी पढाई आपके काम के बारे में बताया तो उन्होंने कहा कि मुझे इस रिश्ते से इंकार नहीं करना चाहिए।”,राघव ने कहा
“मतलब उनके कहने पर आपने हाँ कहा है ?”,मैंने सवाल किया
“ऐसा होता तो मैं इतने दिन आपसे बात क्यों करता ? मेरी ना होती तो मैं पहले दिन ही बोल देता आपका और अपना टाइम वेस्ट नहीं करता”,राघव ने थोड़ा अपसेट होकर कहा
“हम्म्म , और क्या बताया मेरे बारे में ?”,मैंने बात को आगे बढ़ाते हुए कहा
“यही की आप राइटर हो और बुक्स लिखते हो , मैं जब उन्हें ये बात बता रहा था तब मुझे बहुत अच्छा फील हो रहा था। कहने का मतलब है प्राउड फील हो रहा था”,राघव ने अपनी ख़ुशी जाहिर करते हुए कहा
मैंने जब ये सूना तो मुझे भी एक ख़ुशी और अपनेपन का अहसास हुआ। मैंने मुस्कुराकर कहा,”मतलब मेरे राइटर होने पर आपको प्राउड फील हो रहा है ?”
“वो तो होगा ना यार , जब मैं अपनी फॅमिली में , अपने दोस्तों में आपके बारे में ये कहूंगा तो ख़ुशी होगी मुझे”,राघव ने बड़े प्यार से कहा
राघव का पता नहीं लेकिन उसके मुंह से ये बात सुनकर इस वक्त मुझे जरूर प्राउड फील हो रहा था।
यही तो चाहती थी मैं कि मेरा होने वाला हमसफर मुझसे भी ज्यादा मेरे काम की रिस्पेक्ट करे , मेरे काम को समझे और हर मोड़ पर मेरे साथ खड़ा रहे। उसकी बात सुनकर मैंने चहकते हुए कहा,”ऐसा है !! तो क्या इस बात पर मैं अपना कंधा थपथपाऊ ?”
“बिल्कुल ! अगर मैं वहा होता तो मैं जरूर थपथपाता”,राघव ने प्यार से कहा
धीरे धीरे ही सही हमारी बॉन्डिंग बन रही थी और हम एक दूसरे को समझ रहे थे। कुछ देर बाद राघव ने फोन रख दिया।
आज मैं बहुत खुश थी राघव से पहले भी शादी के लिए कुछ लड़के देखे गए थे लेकिन सबको मेरी रायटिंग और उस से जुड़े काम से दिक्कत थी लेकिन राघव उन सबसे अलग निकला। नीचे आकर मैंने खाना खाया और लेपटॉप पर काम करने लगी। काम करते करते थकान होने लगी तो मैंने लेपटॉप बंद किया और सोने चली आयी। बिस्तर पर लेटते ही फोन बजा। मैंने देखा राघव का मैसेज था “हेलो !”
“hii” मैंने भी लिखकर भेज दिया
“खाना हो गया” राघव ने भेजा
“हाँ कब का ही , आप बताये ?” मैंने पूछा
“बस अभी थोड़ी देर पहले ही खाया है” राघव ने भेजा
कुछ देर मैसेज में उस से इधर उधर की बातें होती रही और फिर मैंने एकदम से लिखकर भेज दिया,”हमारे बीच अगर किसी बात को लेकर मिस अंडरस्टेंडिंग हो भी जाये उसे बैठकर सुलझा लेना बस ध्यान रखना उस में कभी कोई तीसरा नहीं आये”
“नहीं आएगा , हमारी बाते हमारे बीच ही रहेगी” राघव ने लिखकर भेज दिया
“मेरे लिए मेरी सेल्फ रिस्पेक्ट बहुत मायने रखती है” मैंने लिखकर भेज दिया
“आपका और आपकी सेल्फ रिस्पेक्ट का पूरा ध्यान रखूंगा , आपको इतनी रिस्पेक्ट दूंगा कि आपको यकीन नहीं होगा” राघव ने लिखकर भेज दिया
“बस इतना काफी होगा मेरे लिए , अगर आप मान सम्मान देंगे तो बदले में आपको चार गुना ज्यादा ही मिलेगा” मैंने लिखकर भेज दिया
“थैंक्यू !!” राघव ने लिखकर भेज दिया
“अपनों से थैंक्यू नहीं कहते” मैंने लिखकर भेजा
“वैसे आपको सोना नहीं है आज ?” राघव ने सवाल किया
“अभी नींद नहीं आ रही है” मैंने लिखकर भेजा
“प्यार हो गया है आपको ?” राघव ने लिखकर भेजा। उसके इस मैसेज ने मुझे थोड़ा उलझन में डाल दिया क्योकि उसकी तरफ से मैंने इतनी जल्दी इस सवाल या ऐसी बात की उम्मीद नहीं की थी।
“इतनी जल्दी किसी से प्यार नहीं होता है। किसी से प्यार होने के लिए एक पल काफी होता है और वो पल अभी मेरी जिंदगी में नहीं आया है” मैंने लिखकर भेज दिया
“जल्दी आएगा” राघव ने लिखकर भेजा तो मैं मुस्कुरा उठी और लिख भेजा “इंतजार रहेगा”
“ठीक है अब सो जाते है मुझे सुबह जल्दी उठना होता है , ऑफिस जाना होता है न” राघव ने भेजा
“हम्म्म गुड नाईट” मैंने लिख भेजा
“गुड नाईट” राघव ने मैसेज किया और कुछ देर बाद ऑफलाइन हो गया। मैंने भी फोन साइड में रख दिया और सोने चली गयी।
अगली सुबह आँख जल्दी खुल गयी। मैंने अपना फोन उठाया , कुछ नोटिफिकेशन देखे और उसके बाद राघव को गुड मॉर्निंग का मैसेज कर दिया। थोड़ी देर बाद उसका भी जवाब आया “गुड मॉर्निंग”
“उठ गये आप ?” मैंने लिख भेजा
“हाँ ! आज तो मैं बहुत बिजी रहने वाला हूँ” राघव ने भेजा
“ऑफिस में काम ज्यादा है क्या ?” मैंने पूछ लिया
“नहीं ऑफिस का काम नहीं है थोड़ा पर्सनल है। दो दिन बाद दोस्त की शादी है और आज उसकी हल्दी है तो दोपहर बाद मुझे वहा जाना है” राघव ने भेजा
“ये तो अच्छा है , एन्जॉय कीजिये” मैंने लिख भेजा
“हाँ इन दो दिनों में आपको ज्यादा कॉल मैसेज नहीं कर पाऊंगा” राघव ने लिख भेजा
“अरे इटस ओके मैं वैसे भी दिनभर ऑफिस में बिजी रहती हूँ। आप आराम से जाओ इंजॉय करो” मैंने मुस्कुराते हुए लिख भेजा
“समझने के लिए थैंक्स , वैसे टाइम मिला तो बीच बीच में मैसेज कर दूंगा आपको” राघव ने लिख भेजा तो मैं मुस्कुराने लगी। बहुत कम दिनों में ही हमे एक दूसरे की आदत होने लगी थी
राघव अपने ऑफिस चला गया और मैं भी अपने ऑफिस चली आयी। लंच टाइम में राघव का मैसेज आया “दोस्त के घर आया हूँ उसकी हल्दी में”
“ध्यान रखना कही हल्दी आपके हाथो में ना लग जाये” मैंने लिख भेजा
“क्यों उस से क्या होगा ?” राघव ने लिखकर भेजा
“कहते है कि शादी की हल्दी अगर किसी के हाथो में लगे तो उसकी शादी भी जल्दी हो जाती है” मैंने लिख भेजा
“फिर तो मुझे जरूर लगानी चाहिए” राघव ने लिख भेजा
मेरे पास उसकी इस बात का कोई जवाब नहीं था इसलिए मैंने हसने वाला इमोजी भेज दिया
“ओके अभी मुझे जाना होगा , शाम में वक्त मिला तो मैसेज करता हूँ आपको” राघव ने मैसेज किया और ऑफलाइन चला गया। मैंने फोन साइड रख दिया लेकिन दिमाग में बार बार उसकी कही वो हल्दी वाली बात आ रही थी और मैं मुस्कुरा उठी। मेरे सामने से गुजरते हुए मेरे सीनियर ने जब मुझे ऐसे मुस्कुराते देखा तो कहा,”क्या बात है मृणाल इन दिनों कुछ बदली बदली नजर आ रही हो ?”
“क क कुछ नहीं सर बस ऐसे ही”,मैंने झिझकते हुए कहा और अपना ध्यान वापस अपने काम में लगा लिया
शाम में मैं अपना काम खत्म कर जैसे ही ऑफिस से निकलने वाली थी जिया का फोन आ गया।
“हेलो !!”,मैंने फोन उठाकर कहा
“दी आज हनुमान जयंती है , चलो ना दर्शन करने मंदिर चलते है”,जिया ने कहा
“ठीक है तुम ऑफिस के बाहर आ जाओ फिर चलते है”,मैंने कहा और फोन रख दिया। मेरा घर ऑफिस से 10 मिनिट की दूरी पर था इसलिए मैं अपना बैग लेकर ऑफिस के बाहर चली आयी और जिया का इंतजार करने लगी।
मैं मंदिर बहुत कम जाती थी लेकिन आज जिया ने कहा तो उसे मना नहीं कर पायी सोचा मंदिर के बाद मार्किट भी चले जायेंगे। कुछ देर बाद जिया आयी और हम दोनों मंदिर के लिए निकल गए। हनुमान जयंती थी इसलिए मंदिर को बहुत प्यारा सजाया हुआ था। मैंने और जिया ने दर्शन किये। मैंने अपने हाथ जोड़े आँखे बंद की और मन ही मन प्रार्थना करने लगी “हे बजरंगबली आप तो जानते है मैंने अपनी जिंदगी में कई बार फैसला गलत ही लिया है , पर ये शादी का फैसला मैं आप पर छोड़ती हू। राघव अच्छा लड़का है उसे हमेशा खुश रखना और उसकी हर विश पूरी करना”
पंडित जी से प्रशाद लेकर मैं और जिया मंदिर से बाहर चले आये। मंदिर आने के बाद मेरा मन बहुत शांत था और मैं खुश भी थी। मैंने सामने से आते ऑटो को रुकवाया और जिया से कहा,”चलो मार्किट चलते है”
“दी मुझे तुझे कुछ बताना है”,जिया ने एकदम सीरियस होकर कहा
“क्या बताना है ?”,मैंने उसकी ओर देखकर पूछा
“घर चलते है मैं रास्ते में बता दूंगी”,जिया ने कहा और मुझे साथ लेकर ऑटो में आ बैठी। उसके चेहरे पर अचानक से परेशानी के भाव देखकर मैं भी परेशान हो गयी और कहा,”बता ना क्या बात है इतनी सीरियस क्यों है ?”
“दी वो गुजरात वाला लड़का सही नहीं है। मम्मी ने आज ही किसी से बात की थी तो उन्होंने बताया कि वहा रिश्ता मत करो लड़का सही नहीं है और उसका परिवार भी अच्छा नहीं है। उन लोगो ने ये रिश्ता करने के लिए हम से झूठ बोला था अच्छा हुआ उनकी असलियत पहले ही सामने आ गयी”,जिया ने एक साँस में सब कह दिया
मैं ख़ामोशी से सब सुनती रही मुझे कुछ समझ नहीं आ आ रहा था। पिछले एक हफ्ते से मेरी राघव से बात हो रही थी और उस एक हफ्ते में एक बार भी मुझे ये नहीं लगा कि वो गलत इंसान है फिर जिया जो कह रही है वो सब क्या है ?
हो सकता है मम्मी और जिया को कोई गलतफहमी हुयी हो और अगर यही सच है तो फिर राघव ने मुझसे शादी के लिए हाँ क्यों कही ? मैं राघव के बारे में सोचती रही और उसके ख्याल मुझे उलझाने लगे।
मैं जिया के साथ घर पहुंची और अपने कमरे में चली आयी। मम्मी मेरे कमरे में आयी और उन्होंने भी मुझे वही सब बताया जो जिया ने कहा था साथ ही मम्मी ने आगे कहा,”उस लड़के का किसी लड़की से अफेयर था और वो लड़की उसके घर भी चली आयी थी। वहा गुजरात में इस बारे में सबको पता है। उन लोगो ने इस बात को हम से क्यों छुपाया ? अच्छा हुआ ये बात अभी सामने आ गयी।”
जिया की बात ने जहा मुझे हैरानी में डाला था वही मम्मी की बात ने मेरा दिल तोड़ दिया। मुझे राघव से ये उम्मीद नहीं थी। हमारे बीच इतने दिन बात हुयी लेकिन उसने एक बार भी इस बात का जिक्र तक नहीं किया। मैं समझ नहीं पा रही थी कि आखिर उसने मुझसे झूठ क्यों कहा ? मुझे खामोश देखकर मम्मी ने कहा,”चिंता मत कर लड़को की कमी नहीं है और मिल जायेंगे”
“मुझे ये शादी नहीं करनी , आप राघव के घरवालों को मना कर दीजियेगा”,मैंने बस इतना कहा और अपने कमरे से बाहर चली आयी।
इस बात के बाद से ही मन थोड़ा उदास हो गया। इतने सालो में पहली बार किसी पर भरोसा किया और उसने उसे तोड़ दिया। कुछ अच्छा नहीं लग रहा था। राघव भी शायद अपने दोस्तो के साथ बिजी थी इसलिए उस शाम उसका कोई मैसेज और फोन नहीं आया।
अगली सुबह मैंने अपना फोन देखा राघव का मैसेज था “क्या बात है मैंने मैसेज नहीं किया तो आपने भी नहीं किया”
राघव का मैसेज देखकर मुझे मम्मी की कही बात याद आ गयी। आज मैंने उसे कोई गुड मॉर्निंग विश नहीं किया और लिखकर भेज दिया “माफ़ करना पर मैं ये शादी नहीं करना चाहती”
“वजह जान सकता हूँ” राघव ने भेजा
“वजह घरवाले आपके पेरेंट्स को बता देंगे” मैंने फिर लिखकर भेजा
“ओके” राघव ने भेजा और उसके बाद वह ऑफलाइन हो गया। मैंने भी फोन साइड में रखा और ऑफिस जाने की तैयारी करने लगी। ऑफिस आकर मैं अपने काम में लग गयी लेकिन मन उदास था। दिनभर दिमाग में बस राघव और उस से जुडी बातें चलती रही। मैंने महसूस किया कि कही ना कही उस से बात करते हुए मेरा मन उस से जुड़ने लगा था। मैं ऑफिस से घर जाने के लिए निकल गयी तो जिया ने बेकरी से कुछ सामान लाने को कहा।
मैं बेमन से बेकरी चली आयी सामान पैक करने का बोल मैं इंतजार करने लगी तभी नजर सामने पड़े चॉकलेट्स फ्रीजर पर चली गयी जिसमे ढेरो चॉकलेट्स रखे थे। सहसा ही राघव की कही बात मेरे जहन में आ गयी “मुझे चॉकलेट्स बहुत पसंद है , सबसे ज्यादा डार्क चॉकलेट”
“क्या वो लड़का सच में मुझसे अपने बारे में कुछ छुपा सकता है”,मैंने राघव के बारे में सोचते हुए मन ही मन कहा
शाम में घर आने पर मम्मी ने बताया कि उन्होंने राघव के घरवालों को इस रिश्ते के लिए ना बोल दिया है।
मैंने कुछ नहीं कहा बस चुपचाप अपने कमरे में चली आयी। मेरे चेहरे पर आयी उदासी को जिया और मम्मी साफ देख सकते थे। दो दिन यू ही निकल गए ना राघव ने कोई मैसेज किया ना ही मेरी उस से बात हुई।
एक शाम मैं बैठकर अपने फोन के नोटिफिकेश चेक कर रही थी और तभी मैंने व्हाट्सएप स्टेटस देखने शुरू कर दिए कि एकदम से राघव का स्टेटस सामने आ गया। वह अपने जिस दोस्त की शादी में गया था उसी शादी की अपनी एक तस्वीर शेयर की थी।
वह तस्वीर देखकर मन थोड़ा उदास हो गया। मुझे याद आया कि मैंने अभी तक उसके नंबर अपने फोन से नहीं हटाए थे। मैंने उसी वक्त उसके नंबर को डिलीट कर दिया और फोन साइड में रख दिया। मुझे कुछ अच्छा नहीं लग रहा था , ना ही कुछ समझ आ रहा था कि ये सब क्यों हो रहा है ?
फोन में आये नोटिफिकेशन से मेरी तंद्रा टूटी। मैंने फोन उठाकर देखा मैसेज राघव का था मैंने मैसेज देखा तो उसने लिखा था “आप तो बड़े सेल्फिश निकले यार , मेरा नंबर तक डिलीट कर दिया”
“हाँ क्योकि इसकी जरूरत नहीं थी” मैंने लिखकर भेजा
“क्या सच में ?” राघव ने सवाल किया
मुझे पहली बार राघव पर गुस्सा आ रहा था लेकिन मैं वो गुस्सा उस पर उतारना नहीं चाहती थी इसलिए लिखकर भेजा “मैं आपसे जो पुछु उसका सिर्फ हाँ या ना में जवाब देना”
“पूछो !!” राघव ने लिख भेजा
“आपका पहले से अफेयर है और आप उस लड़की को अपने घर तक ले आये थे। ये बात सच है या नहीं” मैंने सवाल किया
“वो एक लम्बी कहानी है” राघव ने लिख भेजा
“मैंने जो पूछा उसका जवाब दीजिये , हाँ या ना” मैंने गुस्से में टाइप करके भेज दिया
“वो मेरी भाभी के कारण हुआ और उनकी वजह से ही मेरे बारे में गलत बात फैलाई जा रही है” राघव ने भेजा
मैं कुछ समझ पाती इस से पहले ही ना जाने क्यों उसने वो मैसेज डिलीट कर दिया कुछ देर बहस करने के बाद राघव ने लिख भेजा “जिसने भी आप लोगो को ये सब बोला है उसका पता तो मैं लगा लूंगा , पर मुझे आपसे ऐसी उम्मीद नहीं थी”
“बेहतर होगा आप मुझ से उम्मीद ना ही रखे , गुड बाय” मैंने लिखकर भेजा
“बाय” राघव ने लिखकर भेजा और ऑफलाइन हो गया।
मैं और ज्यादा उलझ गयी और सोचने लगी क्या मैंने राघव को समझने में गलती कर दी ? या मैंने उसे बहुत जल्दी जज कर लिया बिना पूरी बात जाने। मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था मैं अजीब महसूस कर रही थी और फिर एकदम से मेरी आँखों में आँसू भर आये क्योकि आज से पहले मैंने किसी के लिए खुद को नहीं बदला था पर राघव के लिए मैं बदलने लगी थी। मैंने बहुत जल्दी उस पर भरोसा कर लिया और उसे अपना मानने लगी थी। यही बात बार बार मुझे परेशान कर रही थी मैंने अपने आँसू पोछे और सोने चली गयी।
Sakinama – 5Sakinama – 5Sakinama – 5Sakinama – 5Sakinama – 5Sakinama – 5Sakinama – 5Sakinama – 5Sakinama – 5Sakinama – 5Sakinama – 5Sakinama – 5Sakinama – 5Sakinama – 5Sakinama – 5Sakinama – 5Sakinama – 5Sakinama – 5Sakinama – 5Sakinama – 5Sakinama – 5Sakinama – 5Sakinama – 5Sakinama – 5Sakinama – 5Sakinama – 5Sakinama – 5Sakinama – 5Sakinama – 5
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संजना किरोड़ीवाल
i think Mrunal ko ek bar Raghav se puri sachaai jan leni chahiye bina sach janne uske barre me judge karna galat hoga aur aksar aisa toh aya hai ki baat kuch aur hoti aur logo usse badachadakar kuch aur bana deta hai…interesting part Maam♥♥♥♥