Sanjana Kirodiwal

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Love You जिंदगी – 1

Love You Zindagi – 1

आशीर्वाद अपार्टमेंट , दिल्ली
मिस्टर शर्मा और मिसेज शर्मा सुबह सुबह ही अपार्टमेंट में बने मंदिर की ओर चले आये। शुभ के घरवालों ने आज कोई पूजा रखी थी उसमे शामिल होने के अपार्टमेंट के आधे से ज्यादा लोग वहा मौजूद थे। शीतल किचन में थी और नाश्ते की तैयारी कर रही थी। सार्थक नहाकर आया और शीशे के सामने खड़े होकर तैयार होने लगा। तौलिये से अपने बाल पोछते हुए सार्थक की नजर अपनी गर्दन पर चली गयी जहा हल्का लाल रंग का निशान था। उसे देखकर सहसा ही सार्थक के होंठो पर मुस्कान तैर गयी और उसका हाथ गर्दन से जा लगा। सार्थक मुस्कुराते हुए खुद को शीशे में देखता रहा और फिर तैयार होकर अपना बैग उठाये बाहर चला आया। सार्थक ने बैग हॉल में पड़े सोफे पर रखा और देखा मम्मी पापा दोनों ही घर में नहीं है और शीतल किचन में है। वह दबे पाँव किचन में आया और शीतल को पीछे से अपनी बाँहो में भरकर अपने होंठो से उसके कंधे को छूकर कहा,”क्या बना रही हो ?”
“तूम कब आये ? और छोडो मुझे मम्मी पापा देख लेंगे”,शीतल ने सार्थक की बाँहो में कसमकसाते हुए कहा
“मम्मी पापा घर में नहीं है तभी तो मैं यहाँ हूँ वैसे भी कभी कभी तो मौका मिलता है तुम्हारे साथ रोमांटिक होने का”,कहते हुए उसे शीतल को अपनी तरफ किया और उसकी आँखों में देखने लगा
“हमारी शादी को एक महीने हो चूके है और बहुत हो गया रोमांस अब थोड़ा काम पर ध्यान दिया जाये”,शीतल ने सार्थक को खुद से दूर करते हुए कहा लेकिन सार्थक ने उसे जाने नहीं दिया और अपनी गर्दन पर पड़े निशान की तरफ इशारा करके कहा,”तुम चाहती हो मैं लव बाईट के साथ ऑफिस जाऊ ?”
“ये कैसे हुआ ?”,शीतल ने हैरानी से पूछा
“अहममम अहममम अब इतनी भी मासूम मत बनो तुम , चलो छोडो मैं ऐसे ही चला जाता हूँ”,सार्थक ने शीतल को छोड़कर जैसे ही जाना चाहा शीतल ने उसे रोकते हुए कहा,”रुको ! तुम ऐसे ऑफिस जाओगे ? तुम्हारे ऑफिस वाले क्या सोचेंगे ?”
कहते हुए शीतल फ्रिज की तरफ आयी और एक बर्फ का टुकड़ा लेकर सार्थक की तरफ चली आयी।
“क्या सोचेंगे ? सबको पता है मैं कितना रोमांटिक हूँ,,,,,,,,!!”,सार्थक ने कहा तो शीतल मुस्कुरा दी और बर्फ का टुकड़ा सार्थक की गर्दन पर रखते हुए कहा,”हाँ लेकिन इसका मतलब ये तो बिल्कुल नहीं है की तुम ऐसे बाहर जाओ”
“कौन कमबख्त बाहर जाना चाहता है,,,,,,,,,,,,!!”,कहते हुए सार्थक ने जैसे ही शीतल को बाँहो में भरा मेन गेट से अंदर आते हुए शुभ ने कहा,”सार्थक,,,,,,,,,,भाभी तुम दोनों,,,,,,,,,,,,,,,,,ओह्ह्ह लगता है मैं गलत टाइम पर आ गया तुम दोनों लगे रहो,,,,,,,!!”
शुभ को वहा देखकर सार्थक और शीतल एक दूसरे से दूर हुए और सार्थक ने अपने गर्दन पर पड़ा निशान हाथ से छुपाते हुए शुभ से कहा,”अरे शुभ ! सुनो ,, तुम जैसा सोच रहे हो वैसा कुछ भी नहीं है,,,,,,,,,,,,,,,,,,अच्छा ये बताओ तुम क्या कह रहे थे ?”
“मैं बस ये कहने आया था कि सभी लोग अपार्टमेंट के मंदिर में जमा है तुम दोनों भी आ जाओ”,शुभ ने कहा
“आप चलिए हम लोग आते है”,शीतल ने हाथ धोते हुए कहा
शुभ चला गया। शीतल ने हाथ मुंह धोया और तैयार होकर सार्थक के साथ फ्लेट से बाहर चली आयी। सार्थक शीतल और अपने मम्मी पापा के साथ 2nd फ्लोर पर रहता था। वह शीतल के साथ मंदिर में चला आया जहा बाकि सोसायटी वाले भी जमा थे। शीतल ने दुपट्टा सर पर ओढ़ा और मिसेज शर्मा के बगल में आकर खड़ी हो गयी। सार्थक वही कुछ दूर शुभ के साथ खड़े हो गया। पूजा अर्चना के बाद शुभ के पापा ने शुभ से सबको प्रशाद बाँटने को कहा। सार्थक भी शुभ की मदद करने चला आया और दोनों सबको साथ साथ प्रशाद बाँटने लगे। प्रशाद बाँटते हुए सार्थक जैसे ही शीतल के सामने आया उसे वो दिन याद आ गया जब उसने पहली बार शीतल को देखा था। उस शाम शीतल से उसकी मुलाकात ऐसे ही हुई थी। सार्थक ने शीतल की हथेली पर प्रशाद रखा तो सहसा ही दोनों एक दूसरे को देखकर मुस्कुरा उठे। शीतल को भी वो शाम याद आ गयी। दोनों एक दूसरे को देख ही रहे थे की तभी मिसेज आहूजा ने आकर कहा,”पूरी सोसायटी में सबसे बेस्ट जोड़ी तुम दोनों की है बस अब जल्दी से खुशखबरी दे दो”
मिसेज आहूजा की बात से सार्थक और शीतल का ध्यान टूटा सार्थक तो प्रशाद बाँटने के बहाने से आगे बढ़ गया लेकिन शीतल बेचारी वहा फंस गयी। इतने में मिसेज गुप्ता भी चली आयी और कहा,”ये बात तो बिल्कुल सही कही आपने , तो शीतल बेटा खुशखबरी कब सूना रही हो ?”
बेचारी शीतल क्या जवाब देती उसकी शादी-शुदा जिंदगी को शुरू हुए अभी 3 महीने ही हुए थे और ये सब उस से बच्चे के बारे में पूछने लगे। उसने झिझकते हुए कहा,”मैं जरा भगवान के दर्शन कर लू”
कहकर शीतल वहा से चली गयी उसके जाते ही मिसेज आहूजा ने कहा,”लगता है शरमा गयी”
“अरे इसमें शर्माने वाली क्या बात है,,,,,,,,,,,,,,,,,,,आजकल तो शादी के बाद तुरंत बच्चा हो जाये तो ठीक वरना बाद में हॉस्पिटल्स के चक्कर काटते रहो। बगल वाले अपार्टमेंट में जो मिसेज मेहरा है ना,,,,,,,,,,,,,,अरे उनकी बहू,,,,,,,,,,,,,,,,,4 साल होने को आये शादी को लेकिन ऊँहुँ,,,,,,,,,,,,,कुछ नहीं हो रहा।”,मिसेज गुप्ता ने आँखरी शब्द दबी आवाज में कहे।
उनके पास खड़ी सार्थक की मम्मी चुपचाप सब सुन रही थी मिसेज गुप्ता की बात सुनकर उनके चेहरे पर भी चिंता के भाव उभर आये लेकिन उन्होंने अपनी मनोस्तिथि को छुपाते हुए कहा,”सार्थक की शादी को तो अभी 3 महीने ही तो हुए है , वैसे भी उन दोनों को जल्दी नहीं है”
“अरे मिसेज शर्मा जल्दी किसे होती है ? शादी के बाद एक बच्चा हो जाये तो बहू पर लगाम लग जाती है वो फिर बार बार मायके जाने की बात नहीं करती,,,,,,,,,,,,,,खैर आप तो हम लोगो से ज्यादा समझदार है। चलिए मिसेज आहूजा चलते है”,कहकर मिसेज गुप्ता वहा से चली गयी लेकिन सार्थक की मम्मी को उलझन में डाल गयी।

बीकानेर , राजस्थान
“हे रूचि तुम रुक क्यों गयी ? चलो अभी पुरे 4 चक्कर और करने है”,मोंटी ने रूककर हाँफते हुए कहा
“टाइम प्लीज ! वैसे भी आज हमने बहुत वर्क आउट कर लिया है मोंटी चलो अब चलते है”,रुचिका ने अपनी कमर पकडे हुए कहा। वह पसीने से लथपथ थी और हाँफ रही थी। मौंटी ने एक नजर उसे देखा और उसके पास आकर कहा,”अगर तुम रोज ऐसे बहाने बनाओगी तो फिर हो गया रुचि , तुम ही चाहती थी तुम्हारा वजन कम हो और तुम थोड़ा फिट हो जाओ और 2 राउंड में ही तुम थक गयी चलो उठो,,,,,,,,,,,,!!”
“आज रहने देते है न मोंटी कल से पुरे 10 राउंड्स,,,,,,,,,,,,,,,,,पक्का”,रुचिका ने मासूम सी शक्ल बनाकर कहा तो मोंटी ने अपना हाथ उसकी ओर बढ़ा दिया। रुचिका ने मोंटी की बाँह थामी और पार्क से बाहर निकल गयी।
पार्क से बाहर निकलकर अभी कुछ दूर चले ही थे कि पास ही की दुकान पर बन रही कचौड़ियो की खुशबु रुचिका के नाक से होकर गुजरी और ना चाहते हुए भी रुचिका के कदम उस दुकान की तरफ जाने लगे। मोंटी ने देखा तो रुचिका को वापस खींचा और घूरते हुए कहा,”बिल्कुल नहीं”
“आह्ह्ह्ह कितनी अच्छी खुशबू आ रही है , मैं अगर उसे नहीं खाउंगी तो मर जाउंगी”,रुचिका ने मचलते हुए कहा
“मैं तुम्हे इतनी जल्दी मरने नहीं दूंगा , चुपचाप घर चलो”,मोंटी ने उसे अपने साथ ले जाते हुए कहा लेकिन रुचिका टस से मस नहीं हुई और ललचाई आँखों से मोंटी को देखते हुए कहा,”सिर्फ एक प्लीज,,,,,,,,,,,,,,,,,प्लीज प्लीज प्लीज मैं आज शाम में थोड़ा ज्यादा वर्क आउट कर लुंगी प्लीज,,,,,,,,,,,,देखो तुमने मुझसे कहा था तुम मुझे खाने से नहीं रोकोगे,,,,,,,,,,चलो ना प्लीज”
“ओके फाइन लेकिन सिर्फ एक पीस बस,,,,,,!”,मोंटी ने रुचिका को स्योर करते हुए कहा
“डन”,रुचिका ने अपने दोनों हाथो से ओके का निशान बनाकर बड़ी सी स्माइल के साथ कहा और फिर मोंटी को लेकर दुकान की तरफ चली आयी।
“भैया दो प्लेट कचोरी और दो प्लेट जलेबी”,रुचिका ने कहा
“अब ये जलेबी क्यों ? और मीठा बंद है तुम्हारा”,मोंटी ने कहा
“तुम भी ना मोंटी , बिना मीठे के कचोरियों का मजा थोड़े आएगा,,,,,,,,,,और फिर कचोरी जलेबी का तो बेस्ट कॉम्बिनेशन है,,,,,,,,,,,,,भैया आप जल्दी से दीजिये”,रुचिका ने लगभग लार टपकाते हुए कहा
लड़के ने रुचिका का आर्डर टेबल पर लगा दिया तो रुचिका बिना मोंटी का इंतजार किये ही उस तरफ चली आयी और बैठ कर खाने लगी। मोंटी भी कुर्सी खिसकाकर बैठ गया और कहा,”दुनिया का आठवां अजूबा हो तुम सच में”
“थैंक्यू ! अब ये खाओ बहुत टेस्टी है”,रुचिका ने जलेबी का टुकड़ा मोंटी को खिलाते हुए कहा
जैसा की रुचिका ने कहा था जलेबी सच में काफी टेस्टी थी , मोंटी भी उसके साथ मिलकर समोसे और जलेबी पर हाथ साफ करने लगा था। इस बात में कोई शक नहीं था की रुचिका के साथ रहते हुए मोंटी भी उसके जैसा बन गया था। इन दिनों उसका भी वजह बढ़ गया था और पेट निकल आया था। एक बार दोनों खाने बैठे तो फिर समोसे जलेबी के साथ पोहा , बीकानेर के प्रसिद्ध रसगुल्ले और नमकीन भी आयी और सुबह सुबह दोनों ने जमकर खाया। पेट फूल होने के बाद दोनों घर के लिए निकल गए।

मोंटी एक अच्छी प्राइवेट कम्पनी में था और शादी के एक महीने बाद ही उसका प्रमोशन भी हो गया। मोंटी रुचिका के साथ बीकानेर में ही शिफ्ट हो गया और रुचिका भी वही बैंक में जॉब करने लगी। दोनों की लाइफ काफी अच्छी चल रही थी। मोंटी रुचिका के साथ अपने फ्लेट में आया और सोफे पर धंसते हुए कहा,”आह्ह लगता है मेरा पेट फट जाएगा”
“किसने कहा था इतना सब खाने के लिए ? तब तो भैया दो प्लेट और ले आईये,,,,,,,,,,,,अब भुगतो”,रुचिका ने मोंटी को चिढ़ाते हुए कहा
“सब तुम्हारी गलती है तुम अगर जिद नहीं करती तो मैं वहा नहीं जाता”,मोंटी ने अपना पेट पकडे हुए कहा
“मिस्टर पतिदेव फॉर योर काइंड इन्फॉर्मेशन मैंने आपको इन्वाइट नहीं किया था आप अपने पापी पेट की वजह से आये थे,,,,,,,,,,,,,,,,,टेबल के ड्रॉवर में दवा रखी है जाकर ले लो मै चेंज करने जा रही हूँ फिर मुझे बैंक भी जाना है”,कहते हुए रुचिका अपने कमरे में चली गयी।
“हाये कैसी बीवी मिली है पति बेचारा दर्द से मर रहा है इसको बैंक जाने की पड़ी है,,,,,,,,,,,,,,,,,,,उठ जा मोंटी तेरा कुछ नहीं हो सकता,,,,,,,,,,,,,,,,और करो लव मैरिज”,बड़बड़ाते हुए मोंटी टेबल के पास आया दवा निकाली और पानी लेने किचन एरिया की तरफ चला आया तभी उसका फोन बजा फोन देखते ही मोंटी का चेहरा और लटक गया फोन उसके बॉस का था और मोंटी को याद आया की आज उसकी मीटिंग थी और उसे फाइल सब्मिट करना था। मोंटी ने दवा खाकर फोन उठाया और कहा,”हेलो बॉस”
“मोंटी मैंने तुम्हारा प्रमोशन इसलिए किया ताकि तुम डबल एनर्जी के साथ काम करो पर तुम तो,,,,,,,,,,,,,,,,,,,तुमने आज की मीटिंग की फाइल सब्मिट क्यों नहीं की ? अब मैं क्लाइंट को क्या कहु ? जवाब है तुम्हारे पास ?”,मोंटी के बॉस ने लगभग चिल्लाते हुए कहा
“सो सॉरी सर,,,,,,,,,,,,,मैं अभी कर देता हूँ”,मोंटी ने हकलाते हुए कहा
“10 मिनिट में तुम मुझे ऑफिस में मिलोगे वरना मैं तुम्हारे प्रमोशन को डिमोशन में बदल दूंगा समझे तुम”,कहकर बॉस ने गुस्से से फोन काट दिया
मोंटी ने अपना फोन सर पर मारा और फिर अपना सर सहलाते हुए बड़बड़ाया,”मैं इतनी इम्पोर्टेन्ट बात कैसे भूल गया ? पहले जाकर ऑफिस के लिए तैयार होता हूँ और अपना प्रमोशन बचाता हूँ”
मोंटी जल्दी से तैयार होकर आया और रुचिका को आवाज दी,”रूचि , रूचि मेरा टिफिन कहा है ?”
“सॉरी आज लेट हो गया , तुम आज लंच ऑफिस की केंटीन से कर लेना प्लीज मैं निकलती हूँ मधु नीचे मेरा इंतजार कर रही है बाय”,रुचिका ने जल्दी जल्दी अपना सामान बैग में रखते हुए कहा और मोंटी के गाल पर किस करके चली गयी।
“ध्यान से जाना , शाम में मिलते है”,मोंटी ने ऊँची आवाज में कहा और फिर खुद भी ऑफिस के लिए निकल गया।

चंडीगढ़ , चौधरी हॉउस
सुबह के 5 बज रहे थे नैना अपने बिस्तर पर सो रही थी। अप्रैल चल रहा था और गर्मियां शुरू हो चुकी थी कमरे का AC चालू था लेकिन सुबह के वक्त हलकी ठण्ड होने की वजह से नैना ने खुद को उस हलके कम्बल में लपेट रखा था। उसी कमरे में मौजूद अवि परेशान सा कुछ ढूंढने में लगा हुआ था। वह कभी कबर्ड में देखता कभी ड्रावर में लेकिन उसे जो चाहिए था वो चीज वहा नहीं थी।
“नैना से पूछता हूँ शायद उसे पता हो,,,,,,,,,,,,,,,!!”,बड़बड़ाते हुए अवि जैसे ही पलटा देखा नैना सो रही है सहसा ही अवि को याद आया की बीती रात ही दोनों में किसी बात को लेकर बहस हुई थी और उसी के कारण अवि को सारी रात सोफे पर सोना पड़ा था। वो बात याद आते ही अवि ने खुद से कहा,”रहने देता हूँ एक तो ये कल रात से मुझसे वैसे ही गुस्सा है ऊपर से इसे नींद से जगाया तो ये तो मेरा खून ही कर देगी,,,,,,,,,,,,,,,मैं एक बार फिर अच्छे से ढूंढता हूँ”
अवि वापस ढूंढने लगा तभी एक कुशन आकर उसके सर पर लगा और बिस्तर पर सोई नैना ने कहा,”पडोसी सुबह सुबह ये खटपट बंद करो और मुझे सोने दो”
अवि जो कि बीती रात के बाद नैना से थोड़ा गुस्सा था उसने घूरकर नैना को देखा और कुशन को साइड में फेंकते हुए बड़बड़ाया,”मेरी नींद उड़ा के तुम इतने आराम से कैसे सो सकती हो ? फोकस अवि अभी तुम्हारे लिए ज्यादा जरुरी वो है जो तुम ढूंढ रहे थे”
अवि वापस अपना सामान ढूढ़ने लगा। नैना जाग चुकी थी इसलिए वह आँखे मसलते हुए उठी उसने एक नजर अवि को देखा और बाथरूम में चली आयी। उसने मुँह धोया , ब्रश पर पेस्ट निकाला और मुँह में रख लिया। वह अभी भी थोड़ी नींद में थी इसलिए खड़े खड़े ही सोने लगी , एकदम से उसका सर सामने शीशे से टकराया तो उसे होश आया और वह ब्रश करते हुए बाहर चली आयी। बाहर आकर उसने देखा अवि अभी भी कुछ ढूंढ रहा है तो उसने कहा,”हे पडोसी तुम तब से क्या ढूंढ रहे हो ?”
“मैं कल अपने लिए एक शार्टस लेके आया था लेकिन अब वो मिल,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,तुमने मेरा शॉर्ट्स क्यों पहना है ?”,अवि ने नैना की तरफ पलटते हुए कहा लेकिन नैना को अपने नए शॉर्ट्स में देखकर हैरान था
“ओह्ह्ह्ह तो ये तुम्हारा है,,,,,,,,,,,,,,,,,,,ये काफी कम्फर्टेबल था तो मैंने पहन लिया”,नैना ने ब्रश करते हुए कहा
“उतारो इसे,,,,,,,,,!!”,अवि ने नैना के सामने आकर कहा
“है,,,,,,,,!”,नैना ने कहा जैसे उसे कुछ समझ ना आया हो
“तुम्हे पता है पुरे दो दिन मार्किट में ढूंढा तब जाकर ये मुझे मिला , इसे पहनकर मैं अपने दोस्तो के साथ जिम जाने वाला था लेकिन तुमने,,,,,,,,,,तुम पहले इसे उतारो,,,,,,,,,,,!!”,अवि ने चिढ़ते हुए कहा
“एक कच्छे के लिए इतना पजेसिव क्यों हो रहे हो तुम ?”,नैना ने ब्रश करते हुए कहा
“इसे कच्छा मत कहो”,अवि ने नैना को घूरते हुए कहा
“कच्छे को कच्छा नहीं कहु तो और क्या कहु ? और बाय द वे मिस्टर खड़ूस तुम्हारे ये कच्छे ना हमारे लखनऊ में 150-150 की सेल में मिलते है। एक कच्छे के लिए इतना ड्रामा लो अभी उतार देती हूँ”,कहते हुए नैना ने जैसे ही अपना हाथ शॉर्ट्स की तरफ बढ़ाया अवि ने उसे रोकते हुए कहा,”वो वहा बाथरूम है वहा जाओ और चेंज करके आओ और खबरदार अगर आज के बाद तुमने मेरा कच्छा,,,,,,,,,,,,,,,,आई मीन मेरे शॉर्ट्स को हाथ लगाया”
“खड़ूस आदमी,,,,,,,,देखना ज्यादा चलेगा नहीं ये”,नैना बड़बड़ाते हुए बाथरूम की तरफ बढ़ गयी।
अब शादी से पहले नैना जैसी थी उस के बदलने के चांस बहुत कम थे या यू मान लो बिल्कुल ना के बराबर ही थे। बाथरूम में आकर वह बड़बड़ाते हुए उस शॉर्ट्स को उतारने लगी,”कैसा अजीब इंसान है ये एक कच्छे के लिए इतना पजेसिव हो रहा है। मेरा माथा खराब था जो मैंने इस से शादी की कहा मस्त मैं सिंगल लाइफ जी रही थी और कहा ऐस पडोसी के साथ मेरी जिंदगी झंड हो गयी है। लेकिन एक मिनिट नैना बजाज क्या कहा था तुमने पडोसी अच्छा है तुम ये क्यों भूल गयी था तो वो तुम्हारा पडोसी ही ना , जब तक ये पडोसी पड़ोसियों वाली हरकत ना करे इन्हे चैन थोड़े आएगा,,,,,,,,,,,,,,,एक कच्छा आज उसके लिए इतना इम्पोर्टेन्ट हो गया,,,,,,,,,,,,,,,,,,,एक मिनिट क्या अब वो मुझसे प्यार नहीं करता ? कही उसका चक्कर तो नहीं चल रहा ? हाय मैं लूट गयी बर्बाद हो गयी,,,,,,,,,,,,,,ऐसे ही कहते है ना वो सीरियल में,,,,,,,,,,,,,,,,,,,हाहहहह कुछ भी , अगर ऐसा हुआ तो मैंने उसे फाड् के रख देना है”
जोश जोश में नैना ने हाथ में पकडे अवि के नए शॉर्ट्स को ही फाड़ दिया
जैसे ही नैना को अहसास हुआ उसने फ़टे हुए शॉर्ट्स को देखते हुए कहा,”ओह्ह्ह्ह ये मैंने क्या किया ? वो वैसे ही कल रात से भड़का हुआ है अगर उसे पता चला तो मर ही जाएगा,,,,,,,,,,,,,,,,,,क्या करू ? क्या करू ? क्या करू ? पता नहीं ऐसे टाइम में मेरे दिमाग में आईडिया आने क्यों बंद हो गए ? कूल डाउन नैना ,,,,,,,,,,,,,सस्ती चीजों के साथ ये तो होना ही था। अवि तुमसे बहुत प्यार करता है वो बिल्कुल बुरा नहीं मानेगा”
“नैना मुझे देर हो रही है,,,,,,,,,,,,,,!!”,अवि ने बाथरूम का दरवाजा खटखटाते हुए कहा तो नैना अपने ख्यालो से बाहर आयी उसने खुद को रिलेक्स किया और दरवाजा खोलकर बाहर आयी हालाँकि शॉर्ट्स की जगह उसने अब लूज प्लाजो पहना था। वह बड़े प्यार से अपनी पलकें झपकाते हुए अवि को देख रही थी। नैना को ऐसे देखकर अवि को गड़बड़ लगी तो उसने घूरते हुए कहा,”तुम मुझे ऐसे क्यों देख रही हो ?”
“पडोसी,,,,,,,,,,,,,,आई रियलाइज की मैंने कल रात खामखा तुम पर गुस्सा किया और तुम्हे सोफे पर सोना पड़ा,,,,,,,,,,,,,आई ऍम सॉरी”,नैना ने अवि के पास आकर बड़े ही प्यार से कहा।
अवि को क्या चाहिए था वो तो नैना की इतनी सी बात पर ही पिघल गया और जैसे ही उसने नैना को बाँहो में भरना चाहा नैना ने उसका शार्टस उसके सामने करके कहा,”तुम्हारा शॉर्ट्स”
“सॉरी,,,,,,,,,,,,,,,,!!”,अवि ने कहना चाहा लेकिन उस से पहले ही नैना वहा से चली गयी। अवि ने मुस्कुराते हुए शॉर्ट्स को खोलकर देखा तो पाया वो फटा हुआ है उसने उलट पलट कर देखा और फिर गुस्से से दाँत भींचते हुए कहा,”आह्ह्ह्ह इस लड़की मैं क्या करू ?”

शीतल , रुचिका और नैना अपनी अपनी शादीशुदा जिंदगी में खुश थी। शादी से पहले जो कमिटमेंट हुए थे शादी के बाद वो सब धराशायी हो गए। आशीर्वाद अपार्टमेंट के लोगो की सोच , रुचिका के शौक और नैना की बदमाशियां कुछ नहीं बदला था। ये शुरुआत थी आगे आगे इनकी जिंदगी क्या मोड़ लेती है जानने के लिए पढ़ते रहे “Love You जिंदगी Season 2”

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क्रमश – Love You Zindagi – 2

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संजना किरोड़ीवाल

Love You Zindagi - Season 2
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