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रांझणा – 36

Ranjhana – 36

Ranjhana

Ranjhana By Sanjana Kirodiwal

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Ranjhana – 36

सारिका के फोन करने के बाद शिवम् तुरन्त घर से निकल गया l काफी ढूंढने के बाद भी अनु नहीं मिली तो उसे चिंता होने लगी l शिवम् ने सारिका को फोन किया और उस से अनु की आखरी लोकेशन के बारे में पूछा l सारिका ने लोकेशन बताई लेकिन नयी जगह होने के कारण शिवम् को समझ नही आ रहा था l

वही श्री राज कैफे के सामने सुनसान जगह पर एक नकाबपोश आदमी हाथ में बन्दुक लिए अनु को डरा रहा था l अनु बिना डरे बेफिक्र सी वहा बैठे उस आदमी को घूर रही थी जो ये नही जानता था कुछ देर बाद उसके साथ क्या होने वाला है l अनु को घूरता पाकर उस आदमी ने रौबदार आवाज में कहा,”ए लड़की तुमको डर नही लगता !”
“ये खिलोनो से तो मैं बचपन से खेलती आई हूं कुछ ढंग का हो तो दिखाओ”,अनु ने अकड़कर कहा


“जब ये चलेगी ना तो सारी बहादुरी पेट में घुस जायेगी”,आदमी ने बन्दुक उस पर तान ली और आगे कहने लगा,”खुद को बहुत बड़ी तोप समझती हो , पर असल में हो तुम फुसकी बम”
“मौका देकर देख लो कौन फुसकी बम है और कौन नही ?”,अनु ने घूरते हुए कहा
“अरे अरे मैं तो डर गया , ऐसे मत देखो इतने प्यार से !”,आदमी ने अनु का मजाक उड़ाते हूये कहा l l


अनु को गुस्सा आया लेकिन खामोश थी क्योंकि सामने वाले को उलटे सीधे जवाब देकर वह किसी और मुसीबत में पडना नहीं चाहती थी लेकिन कुछ तो कहना ही था उसे इसलिए कहा,”अच्छा इतने ही बहादुर हो ये मास्क क्यों लगाया है ? उतारो इसे”
“हां ताकि तुम हमरा चेहरा देखो और फिर शिकायत कर दो बिल्कुल नहीं , चलो फटाफट माफ़ी मांगो “,आदमी ने कहा


“माफ़ी किस बात की माफ़ी ?”,अनु ने हैरानी से कहा
“कभी कभी बिना बात के भी माफ़ी मांग लेनी चाहिए”,आदमी ने रौबदार आवाज में कहा
“अबे चल निकल , बिना गलती मैं अपने बाप से माफ़ी ना मागु तू है क्या बे ? चिलगोजे !!”,अनु ने उठकर कपडे झाडते हुए कहा l
आदमी उसकी तरफ बढ़ा और उसे धक्का देकर पीठ दिवार से लगाकर बिल्कुल उसके सामने आ गया l उसने बन्दूक की नोक उसके पेट पर लगा दी और कहा,”बस तेरी यही बदतमीजियां ना हमको गुस्सा दिला रही है l चुपचाप से सॉरी बोलो वरना !!


“वरना क्या ? “,अनु ने बिना डरे उसकी आँखों में देखते हुए कहा l
“तू जानती नही है मैं कौन हूं ?”,आदमी ने रौबदार आवाज में कहा
“तुझे जान के करना भी क्या है ? तू बाप है मेरा ? भाई है दोस्त है रिश्तेदार है जो जानू , तेरा आधार कार्ड बनाना है जो इंट्रो लू मैं तेरा l रिश्ता भेजना है जो ये सब बकवास किये जा रहा है ,, अभी एक दिया ना उलटे हाथ का तो सारी की सारी बहादुरी बाहर आ गिरेगी “,अनु नॉनस्टॉप बोले जा रही थी l


आदमी को गुस्सा आया उसने अनु के मुंह पर हाथ रखते हुए कहा,”अबे चुप कर कितना बोलती है , तुझे किडनेप करना ना खुद पर टॉर्चर है , अब देख प्यार से समझा रहा हु सॉरी बोल और निकल जा यहाँ से”
“सॉरी माय फुट ! तेरे से सॉरी बोलू मैं किस बात का सॉरी हां बोल किस बात का सॉरी “,अनु ने आदमी को धक्का देते हुए कहा l पर दूसरी बार जैसे ही उसे धकियाने आगे बढ़ी आदमी साइड हट गया और अनु लड़खड़ा कर कुछ दूर जा गिरी l

गिरने की वजह से उसकी कोहनी पर चोट लगी और खून छलकने लगा l अनु उठी तो उसने देखा उसके सामने कोई खड़ा था वो शिवम् था उसने अनु को उठाया और साइड में खड़ा किया l
शिवम् को वहां देखकर आदमी के पसीने छूट गए l उसने जैसे ही भागने के लिए कदम बढ़ाये शिवम् ने उसे पकड़ा और उसकी अच्छे से धुलाई कर दी आदमी पीटता रहा पर आखिर तक उसने अपने चेहरे से मास्क को हटाने नही दिया l

और आखिर में शिवम् को धक्का देकर भाग गया l जाते जाते शिवम् की स्कूटी की चाबी भी ले गया l l
शिवम् अनु के पास आया और कहा,”आप ठीक है ना ?”
“हां “,अनु ने बिना शिवम् की और देखे अपने हाथ के घाव को देखते हुए कहा l
शिवम् ने देखा उसके हाथ से खून बह रहा है तो उसने अपने जेब से रूमाल निकाला और अनु के हाथ पर बांधते हुए कहा,”मामुली सा घाव है जल्दी ठीक हो जायेगा”


अनु शिवम् के चेहरे की और देखने लगी पहली बार कोई लड़का इस तरह से उसकी परवाह कर रहा था l अनु को अच्छा लगा l
“आप जानती है उसे ?”,शिवम् ने अनु से उस आदमी के लिए पूछा तो अनु ने ना में गर्दन हिला दी l
“कोई बात नही आज के बाद वो आपको परेशान नही करेगा , चलिये आपको घर छोड़ देता हूं l”,कहकर शिवम् अनु के साथ स्कूटी की और बढ़ा l
उसने चाबी निकालने के लिए जेब में हाथ डाला पर चाबी वहा नहीं थी l

शिवम् ने बाकि जेबो में भी तलाश किया लेकिन वहा भी चाबी नही थी उसने अनु की तरफ देखकर कहा,”शायद चाबी कही गिर गयी है”
“इट्स ओके पैदल चलते है , वैसे भी घर पास ही में तो है”,अनु ने मुस्कुराते हुए कहा l
शिवम् और अनु दोनों साथ साथ पैदल ही घर की और बढ़ गए l चलते चलते शिवम् ने कहा,”वैसे आपको इस वक्त अकेले घर से बाहर नही आना चाहिए था”


“अरे वो तो मैं सिग……………मेरा मतलब सीधा घर ही आ रही थी की वो नमूना रस्ते में मिल गया l “,अनु ने कहा
“इट्स ओके ! जानती है आपकी बहन कितना परेशान हो गयी थी”,शिवम् ने चलते चलते सामने देखते हुए कहा
अनु जिसकी नजरे आज शिवम् के चेहरे से हट ही नहीं रही थी ने शिवम् की बात का कोई जवाब नहीं दिया बस प्यार से उसे देखते हुए आगे बढ़ती रही की तभी सामने छोटा सा खड्डा उसे दिखाई नहीं दिया

जैसे ही वो गिरने को हुई शिवम् ने उसका हाथ पकड़कर उसे थाम लिया और गिरने से बचाते हुए कहा,”सम्हलकर !!
“हम्म्म्म , आप दी कि दोस्त हो ना ? “,अनु ने शिवम् से सवाल किया
“हां “,शिवम् ने अब भी सामने देखते हुए जवाब दिया l
“आई सी तभी उन्होंने आपको भेजा , वैसे मेरी दी बहुत डरपोक है जल्दी से घबरा जाती है”,अनु ने हँसते हुए कहा


“नहीं वो बिलकुल डरपोक नही है , आपको लेकर जल्दी घबरा जाती है क्योंकि वो आपसे बहुत प्यार करती है”,शिवम् ने सहजता से कहा
“अरे वाह ! आप तो उनके बारे में बहुत कुछ जानते हो कैसे ? “,अनु ने हैरानी से कहा
“दोस्त जो हु”,शिवम् ने मुस्कुराकर पहली बार अनु की और देखकर कहा और फिर से सामने देखने लगा l


हाय ये मुस्कान सीधा जाकर अनु के दिल को जा लगी वह तो एक पल को खो सी गयी l दोनों ख़ामोशी से चलते रहे कभी चुप ना होने वाली अनु के पास बोलने को कुछ नही था बस बिच बिच में वह शिवम् को देख लेती l एक मीठा सा अहसास उसके दिल को गुदगुदाने लगा l l

कुछ देर बाद दोनों घर पहुंचे सारिका घर के अंदर बरामदे में परेशानी से इधर उधर घूम रही थी ! अनु को देखते ही वह दौड़कर उसके पास आयी और उसे गले लगाते हुए कहा,”थैंक गॉड तुम आ गयी , हमारी तो जान ही निकल गयी थी !”
“दी डोंट वरी मैं ठीक हु , सी”, अनु ने सारिका से दूर होकर अपनी बॉडी मूव करते हुए कहा
सारिका की नजर उसके हाथ पर गयी तो उसने कहा,”और ये चोट कैसे लगी ? कुछ हुआ था क्या अनु बता मुझे ?


अनु ने शिवम् की तरफ देखा तो उसने आँखों ही आँखों में अनु को सच्चाई बताने से इंकार कर दिया और खुद आगे आकर बोला,”मैडम जी कुछ नहीं हुआ ये जिस गाड़ी से घर आ रही थी वो बिच में ही ख़राब हो गयी तो इसे आने में देर हो गयी !”
“तो फिर ये चोट ?”,सारिका ने घबरा कर कहा !
“आपने बताया था न ये कुछ शरारती है , बस वहा फिसल कर गिरने से ये चोट लग गयी”शिवम् ने सच्चाई छुपाते हुए कहा वह नहीं चाहता था असली बात जानकर सारिका और ज्यादा परेशान हो !


“तू बिल्कुल अपना ध्यान नहीं रखती ना ?”,सारिका ने आँखो में आंसू भरते हुए कहा !
“दी , मैं ठीक हु एंड आई प्रॉमिस आगे से मैं पक्का ख्याल रखूंगी”,अनु ने सारिका को गले लगाते हुए कहा लेकिन नजरे चोरी छिपे शिवम् को ताड रही थी !
“मैडम जी रात बहुत हो गयी है , हमे अब जाना चाहिए”,कहकर शिवम् अनु की और आया और उसके सर पर हाथ रखते हुए कहा,”टेक केयर !!” अनु मुस्कुरा कर अंदर चली गयी !


“गुड़ नाईट मैडम जी !’,कहकर शिवम् जाने लगा ! आसमान में बादल उमड़ आये सारिका के मन में बारिश का ख्याल आया तो उसने शिवम् से रुकने को कहा और खुद अंदर जाकर छाता ले आई ! सारिका बाहर आयी तब तक हलकी बारिश शुरू हो चुकी थी l उसने छाता खोला और शिवम् की और बढ़ी ! बारिश के साथ साथ हवा भी बहने लगी सारिका ने छाता शिवम् की तरफ बढ़ाते हुए कहा,”आप चाहे तो यहाँ रुक सकते है”


शिवम् ने देखा घर में सिर्फ सारिका और अनु ही है ऐसे में रुकना सारिका के लिए मुसीबत खड़ी कर देगा और फिर घर जाकर उसे मुरारी के बारे में भी तो पता लगाना था ! शिवम् ने कहा,”नहीं हम चले जायेंगे , आप परेशान मत होईये !! “
शिवम् ने जब सारिका के हाथ से छाता लिया तो सहसा ही उसकी उंगलिया सारिका की उंगलियों को छू गयी एक खूबसूरत अहसास दोनों के दिलो में समा गया l

सारिका छाते को पकडे शिवम् के चेहरे को देखती रही और शिवम् सारिका की उंगलियों पर अपना हाथ पकडे सारिका को ! हवा का एक झोंका आया और दोनों एक दूसरे के कुछ और करीब आ गए l दोनों एक दूसरे की आँखों में देखते जा रहे थे ! शिवम् की आँखों में सिर्फ सारिका ही नजर आ रही थी तभी दोनों के कानो में किसी गाने की आवाज सुनाई दी

“अब जां लुट जाए, ये जहां छुट जाए
संग प्यार रहे, मैं रहूँ ना रहूँ
सजदा. तेरा सजदा,
दिन रैन करुँ, ना ही चैन करुँ
सजदा तेरा सजदा
रत वार करुँ मेरी जां लुट दूं”

शिवम् एक बार फिर सारिका की काजल से सनी उन आँखों में खोकर रह गया ! तंद्रा टूटी तो उसने और सारिका ने आवाज की दिशा में देखा सारिका के कमरे की खिड़की खुली थी और अंदर अनु तेज आवाज में गाना बजा कर झूम रही थी ! उसे देखकर शिवम् और सारिका दोनों मुस्कुरा उठे ! पर ये तो तय था उनका मिलना प्रकृति की हर चीज उनके मिलने का इंतजार कर रही थी ! बारिश की रिमझिम अब भी जारी थी !

सारिका ने शिवम् को छाता थमा दिया और जाने लगी , शिवम वही खड़ा रहा कुछ कदम चलकर सारिका पलटी और कहा,”शिवम् बनारस और आगरा से पहले क्या हम कभी मिले है ?”

शिवम् कुछ देर ख़ामोशी से सरिका की आँखो की बेचैनी को देखता रहा और फिर धीरे से ना में अपनी गर्दन हिला दी

“हम्म्म गुड़ नाईट & थैंक्यू !!”,कहकर सारिका वहा से चली गयी

“हम पहले भी मिल चुके है मैडम जी , जो प्यार आपके और हमारे सीने में अब धड़क रहा है वो पहले भी धड़क चुका है , ये जो अहसास है ये पहले भी हो चूका है बस इन दूरियों ने कभी महसूस होने नहीं दिया ,पर अब होगा ! फिर वही प्यार आपके दिल में जगायेंगे इस शिवम के लिए……………….अब शिवम् हो या आपका रांझणा है तो दोनों एक ही”,मन ही मन कहते हुए शिवम जाती हुयी सारिका को देखता रहा !


पर कोई और भी थी जो शिवम् को एकटक देखे जा रही थी वो थी अनु ……………. शिवम् के जाने के बाद अनु ने कहा,”कुछ तो बात है इस लड़के में !”
अनु सोने चली गयी पर पहली बार नींद आँखों से कोसो दूर थी !!

शिवम् घर आया तब तक बारिश भी रुक चुकी थी उसने छाता बंद किया और साइड में रख दिया !! मुरारी अभी तक नहीं आया था l शिवम ने फ़ोन निकाला और मुरारी का नंबर लगाया तभी सामने से मुरारी आता हुआ दिखाई दिया l लड़खड़ाते हुए , एक आँख काली हो चली थी , बिखरे बाल , हाल बेहाल उसे देखकर ऐसे लग रहा था जैसे किसी ने उसकी अच्छे से खातिरदारी की हो ! हिलते डुलते वह शिवम् के पास आया और सीढ़ियों पर बैठ कर रोते हुए कहा,”भैया !!


“मुरारी ये क्या हालत बना रखी है ? और कैसे हुआ ये सब ?”,शिवम् ने मुरारी की बगल में बैठते हुए कहा l
“भैया बहुते मारा , यहाँ मारा , वहा मारा , इधर , उधर सब जगह मारा , शरीर का एक कोना भी नहीं छोड़ा !”,मुरारी ने रोते हुए कहा
“अबे मारा किसने ?”,शिवम् ने कहा
“तुमने……………………तुमने मारा है भैया , क्या मस्त धोया मुझे , हे माँ”,कहने के साथ ही उसकी दर्दभरी आह निकल गयी !!


“हमने मारा ? ऐ मुरारी तुमने का भांग वांग खा रखी है , हम काहे मारेंगे तुमको ?”,शिवम् ने हैरानी से कहा !
“अरे कुछ देर पहले तो मारे थे कुत्तो की तरह हमको , अरे भैया एक बार पूछ तो लेते हमसे आते ही हाथ साफ कर दिया , रे माँ , हमको यहाँ रहना ही नहीं है साला जबसे हिया आये है धुलते जा रहे है धुलते जा रहे है”,मुरारी ने कहा
“वो तुम थे ? तुम वहा क्या कर रहे थे ? कही तुम अनु को किडनेप तो………………….मुरारी ये बताओ करने वाले क्या थे तुम उसके साथ ?

और इह सब कबसे शुरू कर दिया तुमने ? कही तुम मुंबई आकर गलत संगत में तो नहीं ना पड़ गए हो ?”,शिवम् ने सवालों की लाइन लगा दी
“चुप करो भैया , का अंट शंट बके जा रहे हो ? ऐसा कुछ भी करने नहीं गए थे हम , हम तो बस उस लड़की को सबक सीखा रहे थे ! पर तुम तो कमसे कम हमको पहचान लेते क्या धोया है तुमने हमको !! साला भरोसा उठ गया हमरा तुमरे प्यार से “,मुरारी ने कराहते हुए कहा !


“अरे यार अब हमको क्या पता था नकाब में तुम हो , बाकि जैसी करनी वैसी भरनी”,शिवम् ने मुरारी के कंधे पर हाथ रखते हुए कहा
“हाँ भैया सही है , बीवी तुमरी , साली तुमरी और साला हर बार कुटे जाये हम”,मुरारी ने उदास होकर कहा
“अच्छा अंदर चलो हम दवा लगा देते है !”,कहकर शिवम् मुरारी को सहारा देकर अंदर कमरे में ले आया ! रश्मि को इसकी भनक तक ना लगने दी शिवम् किचन में गया और पानी गर्म करके कमरे में ले आया मुरारी को लेटाकर वह उसकी मार को गर्म पानी से सेकने लगा !

मुरारी लेट गया और मन ही मन अनु को कोसने लगा उसकी जिंदगी का सबसे बड़ा बवाल अगर कोई था तो वो अनु ही थी ! पास ही लेटा शिवम सारिका के बारे में सोच रहा था इतना तो वह जान चुका था की उसे लेकर सारिका के मन में कुछ तो था लेकिन बाहर नहीं आ पा रहा था ! अमित से सगाई करने के पीछे क्या वजह थी ये शिवम् जानना चाहता था !

और इसके लिए वह सीधा सारिका से पूछ भी नहीं सकता था अब तो एक ही तरिका था की वह सारिका के दिल में अपने लिए प्यार जगाये और सारिका मजबूर हो जाये अपने दिल की बात कहने के लिए !! ये सब सोचते हुए शिवम् नींद के आगोश में चला गया !
अगली सुबह अनु सारिका से भी पहले उठ गयी या यु कहिये शिवम् के चेहरे ने उसे रातभर सोने नहीं दिया ! सुबह तैयार होकर वह नाश्ते की टेबल पर आ बैठी !

सारिका और मीना ने देखा तो दोनों को अपनी आँखों पर यकींन नहीं हुआ , अनु और इतना जल्दी पर सारिका खुश थी की अनु थोड़ा थोड़ा अब बदल रही है ! दोनों बहने साथ बैठकर नाश्ता करने लगी ! अनु नाश्ता करते हुए खा कम रही थी और सारिका की और देखते हुए चम्मच प्लेट में घुमा रही थी सारिका ने देखा तो कहा,”अनु , कुछ कहना चाहती हो तुम ?
“दी वो मैं ये कह रही थी की कल रात उन्होंने हमे घर तक सेफ्ली छोड़ा और मैंने उन्हें थैंक्यू भी नहीं कहा , आपको नहीं लगता मुझे उन्हें जाकर पर्सनली थैंक्यू कहना चाहिए ?”,अनु ने झिझकते हुए कहा !


“बिल्कुल अनु ! ये तो बहुत अच्छी बात है , तुम्हे उन्हें थैंक्यू कहना चाहिए उन्हें अच्छा लगेगा “,सारिका ने मुस्कुरा कर अनु के हाथ पर अपना हाथ रखते हुए कहा !
“तो हम जाये !!”,अनु ने तुरंत उठते हुए कहा
“अरे , नाश्ता तो पूरा कर लो चले जाना , मैं काका को साथ भेज दूंगी वो तुम्हे रश्मि के घर छोड़ देंगे”,सारिका ने कहा तो अनु झेंपकर वापस बैठ गयी और नाश्ता करने लगी ! अपनी इस बेवकूफी पर अनु मुस्कुरा उठी ये क्या हो गया था उसे ? किसी शख्स को देखने की इतनी जल्दी पहले कभी ना हुई थी उसे !

नाश्ता करने के बाद अनु उठकर कमरे में आई और कबर्ड से कपडे निकालने लगी लेकिन आज उसे बेस्ट दिखना था क्यों ? वो खुद भी नहीं जानती थी ! पूरा कबर्ड खगालने के बाद उसे जींस वाला एक शॉर्ट्स और ऑफ़ शोल्डर टॉप मिल ही गया अनु ने वह पहना , काफी हॉट लग रही थी !! बालो को स्टेनर से स्ट्रेट किया ! जूते पहने और होंठो पर गहरे लाल रंग की लिपस्टिक लगाकर बाहर निकली !

सारिका ने एक नजर देखा और वापस अपने काम में लग गयी वो बेचारी तो जानती भी नहीं थी की अनु के दिमाग में इस वक्त क्या चल रहा है ? काका के साथ अनु रश्मि के घर चल दी। बेल बजाई तो दरवाजा रश्मि ने ही खोला सामने अनु को देखते ही उसका मूड ख़राब हो गया उसने अनु को ऊपर से निचे तक घूरकर देखा और मन ही मन कहा,”इस से बड़े कपडे नहीं मिले इसे ! ? और सुबह सुबह यहाँ क्यों आई है ये ?” अपने जज्बातो को मन में दबाकर रश्मि ने जबरदस्ती मुस्कुराते हुए कहा,”अरे अनु सुबह सुबह यहाँ ? सारिका ने घर से निकाल दिया क्या ?”


“वैरी फनी , मैं यहाँ शिवम् से मिलने आयी हु “, अनु रश्मि को साइड में करते हुए अंदर चली गयी ! रश्मि अपना गुस्सा निगल गयी और उसके पीछे पीछे अंदर चली आई अनु के पूछने से पहले ही रश्मि ने गेस्ट रूम की और हाथ से इशारा कर दिया वह चाहती थी अनु जल्दी से जल्दी बस चली जाये वरना उसके साथ साथ कोनसा तूफान आया है इस से कोई वाकिफ नहीं था !!


अनु कमरे में आई शिवम् उसे नहीं मिला तो वह वापस बाहर आ गयी सामने बालकनी में खड़ा शिवम् उसे मिल गया अनु मुस्कुराते हुए उसकी और बढ़ी और शिवम् के सामने आकर कहा,”थैंक्यू सो मच क़ल रात आपने मुझे घर छोड़ा और मैंने आपसे थैंक्यू भी नहीं कहा , पर दी ने कहा मुझे आपसे थैंक्यू कहना चाहिए इसलिए मैं चली आई “
“इट्स ओके , मैडम जी भी आई है ?”,शिवम् ने बाहर देखते हुए कहा


“मैं सामने खड़ी हु फिर भी दी के बारे में पूछ रहा है , खड़ूस”,अनु ने मन ही मन शिवम् को कोसा और फिर कहा,”नहीं उनको ऑफिस जाना था ना इसलिए वो नहीं आई !”
“हम्म्म , मैडम जी बता रही थी आपके कॉलेज के बारे में , एडमिशन हो गया आपका ?”,शिवम् ने पूछा
“हां , वो तो कल ही हो गया था ! “,अनु ने शिवम् को देखते हुए कहा
अनु के इस तरह आँखों में देखने से शिवम् थोड़ा असहज हो गया साथ ही जब अनु के कपड़ो पर उसकी नजर गयी तो उसने दूसरी तरफ देखते हुए कहा,”अच्छा है , अब मन लगाकर पढाई करना !!


“मन तो मेरा आपमें लग चुका चुका है बस रिजल्ट आना बाकि है”,अनु ने मन ही मन सोचते हुए कहा
तभी शिवम् को खासी आने लगी रात बारिश में भीगने की वजह से उसे हल्का जुखाम भी हो गया था और सर में भी दर्द था ! शिवम् को खांसता देखकर अनु ने कहा ,”आप रुको मैं पानी लेकर आती हु “
अनु किचन में गयी उसने ग्लास उठाया और फ़िल्टर से पानी भरने लगी तभी उसकी नजर सामने दिवार पर गयी जहा एक बड़ी सी छिपकली थी !

अनु के हाथ से ग्लास छूटकर निचे गिर पड़ा और वह चीखते हुए बाहर आई ! डर से चिल्लाते हुए वह सामने से आते मुरारी के गले आ लगी ! मुरारी का दिल ट्रेन के इंजन से भी तेज , सांसे इतनी तेज की बाहर तक सुनाई दे और 440 वाल्ट का झटका ! मुरारी ने तो अपने दोनों हाथ उठा दिए लगा जैसे उसका दिल धड़कने से रुक गया हो ! अनु डर से आँखे मीचे मुरारी से लिपटी रही ! मुरारी की आवाज हलक में ही अटक गयी उसने हिम्मत करके धीरे से कहा,”क्या हुआ चिल्ला क्यों रही हो ?


अनु ने उसके गले लगे लगे ही चेहरा उसके सामने लाकर कहा,”वो ,,,,,,वो किचन में ना छिपकली है !” कहकर वह झटके से एक बार फिर मुरारी से चिपक गयी ! एक बार फिर वो 440 वाल्ट का झटका मुरारी को महसूस हुआ ! इसके बाद वह कुछ बोल नहीं पाया ! कुछ देर बाद अनु को ख्याल आया तो वह मुरारी से दूर हुई और गुस्से से कहा,”तुम ? और तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई मुझे गले लगाने की ? तुम्हे तो मै,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,, तुम ना सबसे बड़े पनोती हो जब भी मैं कुछ अच्छा करने जाती हु तुम हमेशा बिच में आ जाते हो !

तुमने ही उस छिपकली को किचन में भेजा होगा ना ताकि उसे देखकर मैं डर जाऊ और मुझे हार्ट अटेक आये और फिर मैं मर जाऊ ,,,,,,,,,,,,, अगर मर भी जाती ना तो भुत बनकर परेशान भी तुम्हे ही करती !! मुझे तो समझ नहीं आता सारिका दी ने तुम्हे मुंबई बुलाया ही क्यों है ? चिरकुर कही का , जब देखो तब मेरा मूड ख़राब करने आ जाता है ओह्ह्ह हेलो ,,, तुमसे बात कर रही हु मैं कुछ सुनाई दे भी रहा है तुम्हे,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,आअह्ह्ह क्या टॉर्चर हो तुम भी ?

ऐसे तो दुनियाभर की बकवास करते हो और आज कैसे सांप सूंघ गया ना तुमको ? ओह्ह गॉड ,,,,,,, तुम ना भाड़ में जाओ “,कहकर अनु ने उसके सर पर एक मुक्का मारा और वहा से चली गयी ! वो जाते जाते ये भी भूल गयी की उसे शिवम् को पानी देना था ! अनु के ना आने से शिवम् अंदर हॉल में आया अनु वहा नहीं थी ! शायद चली गयी सोचकर शिवम् ने टेबल पर रखे जग से ग्लास में पानी डालकर पीया और मुरारी के पास आकर कहा,”तुमको का हुआ है ? ऐसे बूत बनकर काहे खड़े हो ?


“भैया तुमने कभी बिजली के ट्रांसफार्मर छुआ है ?”,मुरारी ने खोये हुए अंदाज में कहा
“नहीं , पर तुम काहे पूछ रहे हो ?”,शिवम् ने हैरानी से कहा
“हमने छुआ है दो बार , लगा जैसे सारे बदन में करंट दौड़ रहा हो “,मुरारी ने कहा !
“मुरारी ठीक तो हो ना तुम ? कैसी बहकी बहकी बातें कर रहे हो ?”,शिवम् ने कहा
“भैया एक बार हमको गले लगाओ”,कहकर मुरारी ने शिवम् को गले लगाया सब नार्मल था ! वह दूर हट गया ,

सामने से आती रश्मि दिखी तो मुरारी ने उसे भी गले लगाया लेकिन यहाँ भी कुछ महसूस नहीं हुआ लेकिन मुरारी के गाल पर जरूर महसूस हुआ ! रश्मि ने उसकी इस हरकत पर गाल पर थप्पड़ मारकर कहा,”बी इन यॉर लिमिट्स” कहकर रश्मि वहा से चली गयी !!
“मुरारी पागल हो गए हो क्या ? ऐसे किसी को भी गले नहीं लगाते ,, हमे तो लगता है कल रात वाली पिटाई का असर तुमरे दिमाग पर हुआ है ! तुम कमरे में चलकर आराम करो “,कहते हुए शिवम् उसका हाथ पकड़ कर उसे कमरे में ले आया !


अंदर आकर मुरारी ने शिवम् को अपने पास बैठाया और कहा,”भैया का तुमरे नानाजी मुंबई आये है कभी ?”
“नहीं पर तू ये सब काहे पूछ रहा है ?”,शिवम् ने परेशान होकर कहा
“भैया अगर ऐसा नहीं है तो फिर मुंबई में आई जैसा दुसरा पीस कहा से आया ?”,मुरारी ने कहा
“तू किसकी बात कर रहा है ?”,शिवम् ने हैरानी से कहा
“अरे वो मेग्गी जैसे बालो वाली लड़की , जो हमारी नाक में दम किये हुए है ! “,मुरारी ने कहा


“अनु की बात कर रहे हो ? अरे वो तो सॉरी कहने आई थी हमे ,, पर पता नहीं अचानक वापस भी चली गयी , तुमने कुछ किया क्या ?”,शिवम् ने मुरारी को शक की निगाहो से देखते हुए कहा
“अरे भैया हम कछु नाही किये उल्टा वो ही हमे सूना के चली गयी वो भी पूरा आई के स्टाइल में !! बनारस में आई कम थी जो बम्बई में ये मिल गयी है ,, हम सच बताय रहे है भैया जल्दी से अपना काम करके निकलो वो लड़की नहीं बल्कि आफत की पुड़िया है !”, मुरारी ने कहा


शिवम् को कुछ समझ नहीं आया मुरारी उठा और जाने लगा तो शिवम् ने कहा,”अब तू कहा जा रहा है ?”
मुरारी ने बिना पलटे कहा,”रेलवे स्टेशन जा रहे है , बनारस की टिकट बुक करवाने “
“काहे ?”,शिवम् ने हैरानी से कहा


“वो लड़की हमको ठीक नहीं लग रही है भैया ? एक आई को मर तर के झेल भी लेंगे लेकिन दो दो ,,, नहीं , बिल्कुल नहीं ,, हमसे नहीं हो पायेगा भैया”, कहकर मुरारी वहा से निकल गया !!
शिवम् ने उसके जाने के बाद धीरे से कहा,

“लगता है चोट इसके दिमाग पर लगी है , महादेव इसकी रक्षा करे !”

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संजना किरोड़ीवाल

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