Sanjana Kirodiwal

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रांझणा – 25 

Ranjhana – 25

Ranjhana

Ranjhana By Sanjana Kirodiwal

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Ranjhana – 25

रातभर शिवम् सो नहीं पाया ! मुरारी भी उसके पास ही रुक गया और दोनों बैठकर सारिका के साथ बिताये वक्त को याद करने लगे !! कई दिनों बाद शिवम् के चेहरे पर सुकून के भाव थे , शिवम् को खुश देखकर मुरारी भी खुश था उसने शिवम् से कहा,”भैया आज हम बहुते खुश है , और मान गए आपकी बात की अगर इश्क़ सच्चा हो तो एक न एक दिन जरूर मिलता है ! सब किसी ना किसी से प्यार करते है पर तुमरे और सारिका जी जैसा प्यार ना किसी ने किया है ना कोई कर पायेगा”

“हां मुरारी उन्होंने भी हमारा उतना ही इन्तजार किया है जितना हमने उनका , वो भी हमे उतना ही चाहती है और ये आज हमने उनकी आँखों में देखा”,शिवम् ने मुस्कुराते हुए कहा 

“तो बस भैया , अब देर ना करो सारिका जी से मेरा मतलब भाभी से जाकर अपने दिल की बात कह दो , और फिर जल्दी से उन्हें अपना बना लो”,मुरारी ने कहा 

“हां मुरारी , अब ये इंतजार खत्म हो जाना चाहिए ! कल उसी घाट पर हम उन्हें अपने दिल की बात कह देंगे ,, जब वो जानेगी हम ही उनके रांझणा है तब कितनी ख़ुशी होगी उनकी आँखों में , कितना प्यार होगा उनके चेहरे पर और वो दौड़कर हमारे सीने से लग जाएगी”,शिवम् ने खोये हुए स्वर में कहा 

“ये लो अभी से सपने देखने लगे तुम तो अरे पहले उनसे जाकर  अपने दिल की बात तो कहो तब ना जानेगी वो”,मुरारी ने कहा 

“हां हां मुरारी कह देंगे !!”,शिवम् ने कहा 

“चलो अब हम जा रहे सोने , हमरे जागने का तो कोनो फायदा भी ना है ! हमरी जिंदगी में तो लगता है अब सन्यासी बनना ही लिखा है”,मुरारी ने तकिया सर के निचे लगाते हुए कहा 

“अरे ऐसे काहे कह रहे हो हम है ना , हम ढूंढेंगे तुमरे लिए एक अच्छी सी लड़की , जो तुम्हे बहुते प्यार भी करेगी और सुधार भी देगी”,शिवम् ने दूसरे बिस्तर पर लेटते हुए कहा  

“का सुधार देगी ? हम को बिगड़े हुए है जो सुधार देगी ! ज्यादा चु चपड़ करेगी ना तो एक देंगे रख के खुद ब खुद साइलेंट हो जाएगी”,मुरारी ने तुनक कर कहा !

”अच्छा और अगर कोई तुमसे भी दो कदम चढ़ते आ गयी तुमरी जिंदगी में तब तुमरा का होगा सोचा है कभी ?”,शिवम् ने कहा 

“अरे हमको का पड़ी है सोचने की तुम हो ना सोचने के लिए , हमरे हिस्से का भी तुम्ही सोच लियो”,मुरारी ने चददर तानते हुए कहा 

शिवम् ने खींचकर उसकी चददर हटाई और कहा,”अच्छा इह तो बताओ तुमको कैसी लड़की चाहिए ?   

शिवम् की बात सुनकर मुरारी तपाक से उठकर बैठ गया और कहने लगा,”हमको तो बिल्कुल तीखी मिर्च टाइप लड़की चाहिए , जो पहली बार शराफत से पेश आये और दूसरी बार में सबकी पिपटी बजा दे , पहले तो किसी को छेड़े नहीं और कोई छेड़े तो फिर छोड़े नहीं !! बिंदास , किसी से ना डरने वाली , अरे ऐसी जिसके आने से हमरी जिंदगी में भौकाल आ जाये बस ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,, ऐसी लड़की चाहिए हमको !! “

“सीधे सीधे बोल ना गुंडी चाहिए”,शिवम् ने छेड़ते हुए कहा 

“ऐ भैया गुंडे वुंडे ना कहियो , तुमको मालूम है न च,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,!!”, मुरारी की बात पूरी होने से पहले ही शिवम् बोल पड़ा,”हां मालूम है चच्चा विधायक है तुमरे , पर किस काम के एक्को लड़की तक ना ढूंढे तुमरे लिए”

“वो क्यों ढूंढेंगे हमरे भाई तुम , दोस्त तुम , आई तुम , बाबा तुम तो फिर तुम्ही ढूंढो ना !!”,मुरारी ने कहा और फिर लेट गया 

“तुमने जिस हिसाब से बताया है उस तरह की लड़की मिलना तो मुश्किल है”,शिवम् ने थोड़ा अफ़सोस जताते हुए कहा 

“कही ना कही तो होगी भैया अब महादेव इतने भी बेरहम नहीं की हमरी जिंदगी में हमेशा सूखा ही रखे”,मुरारी ने आसमान में देखते हुए कहा 

“तो फिर महादेव से दुआ करेंगे तुमरी जिंदगी में भी प्यार की बारिश हो”,शिवम् ने कहा 

“अरे बूंदाबांदी ही काफी है बारिश में तुम भिगो अपनी मैडम जी के साथ”,कहकर मुरारी शिवम् की तरफ देखकर मुस्कुरा दिया !! 

मुरारी की बात पर शिवम् को बारिश वाला पल याद आ गया और सहसा ही उसका दिल धड़क उठा ! मुरारी सो गया लेकिन शिवम् जागता रहा !!

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बनारस से मिलो दूर इंदौर रेलवे स्टेशन पर देर रात ट्रेन आकर रुकी l शॉर्ट्स , उसके ऊपर लाइट पिंक टॉप , पैरो में स्पोर्ट्स वाले जूते , बालो को समेट कर जुड़ा बनाया हुआ , पीठ पर एक बैग टंगा हुआ , एक हाथ में फोन और दूसरे में पानी का बोतल लिए एक 22 साल की लड़की ट्रेन से निचे उतरी !

गोरा रंग , तीखे नाक् नख्स , सांचे में ढला शरीर , गले मे बड़ी सी चैन जिसमे तीन ब्लेड वाला पेन्डेन्ट झूल रहा था , बांयी आँख के ऊपर वाले आइब्रो पर कट लगाया हुआ ! बलखाती हुयी वह लड़की स्टेशन पर बनी चाय की दुकान के सामने आई और कहा,”भैया लाइटर है ?”

दुकान वाले ने उसे सर से पांव तक घूरकर देखा और कहा,”किसलिए चाहिए ?

“तुम्हारी दुकान जलानी है , अबे ये कैसा सवाल है ? जो माँगा है वो है तो दो वरना ना कर दो !! तुमको बताना जरुरी है बाप लगते हो हमारे ?”,लड़की ने कहा 

दुकानदार ने कहा,”लाइटर तो नहीं है माचिस है “

“हां चलेगी जल्दी दो”लड़की ने अपने बेग से कुछ सामान निकालते हुए कहा !

दुकानवाले ने माचिस उसकी और बढ़ा दी लड़की ने माचिस ली और हाथ में पकडे कागजो को जला दिया !! दुनकानदार आँखे फाडे उसे ही देख रहा था उसने कहा,”अरे ये क्या कर रही हो ?”

“कॉलेज की मार्कशीट है पापा के हाथ लगी तो क़त्ल हो जाने है इसलिए जलाना जरुरी हो गया !! तुम नहीं समझोगे , सिगरेट दो”,लड़की ने बेपरवाही से कहा 

“क्या ?”,दुकानदार ने हैरानी से कहा 

“अबे तेरे कानपूर में हड़ताल है क्या ? सुनाई नहीं देता सिगरेट दे”,लड़की ने घूरते हुए कहा 

  आदमी ने लड़की की तरफ सिगरेट बढ़ा दी ! लड़की ने जलाई मुंह में रखी और दुकानवाले को पैसे देकर आगे बढ़ गयी !! दुकानदार ने इंदौर में ऐसा अजूबा पहली बार देखा था ! वह तब तक लड़की को घूरता रहा जब तक वह आँखों से ओझल ना हो गयी !!  

स्टेशन से बाहर आकर लड़की ने इधर उधर देखा रात के 2  बज रहे थे इस वक्त ऑटो मिलना मुश्किल था ! उसने देखा कुछ दूरी पर एक ऑटो खड़ा है लड़की वहा चल दी आकर देखा तो ऑटो वाला सो रहा था ! लड़की ने पानी की बॉटल खोल कर उस पर उड़ेल दी बेचारा आदमी हड़बड़ा कर उठ बैठा तो लड़की ने कहा,”सुख विलास , सेक्टर 7 मे जाना है”

“नहीं जाएगा , तुम कोई दुसरा ऑटो देख लो”,आदमी ने उबासी लेकर कहा 

“चलो ना यार एक तो पहले से ही इतनी देर हो गयी है , किराया डबल ले लेना और क्या ?”,लड़की ने अपना बेग सीट पर रखते हुए कहा और खुद भी आ  बैठी , डबल किराये के चक्कर में ऑटोवाला तैयार हो गया उसने मुंह धोया और ऑटो स्टार्ट करके चल दिया !

लड़की पीछे बैठी फोन पर किसी को इंदौर पहुंचने की जानकारी दे रही थी ऑटोवाला अंदर लगे शीशे में उसे ही देख रहा था ! लड़की ने जब फोन बेग मे रख लिया तो ऑटोवाले ने कहा,”मैडम आप बहुत खुबसुरत है”

हां हां मालूम है चुपचाप ऑटो चला चल”,लड़की ने बेरुखी से कहा ! 

ऑटोवाले की नजरे लड़की से हटने का नाम नहीं ले रही थी लड़की ने जब देखा तो ऑटो रुकवाया और निचे उत्तर कर उसे बाहर आने को कहा , ऑटोवाला बाहर आया तो लड़की खुद ड्राइवर सीट पर बैठी और उसे पीछे बैठने को कहा ! जैसे ही ऑटोवाला पीछे बैठा लड़की ने तेजी से ऑटो को भगाना शुरू किया बेचारा आदमी तो इसे अपना आखरी सफर समझ के बैठा था !

आधे घंटे का रास्ता लड़की ने 8 मिनिट में तय कर लिया ! ऑटोवाला तो अभी अभी बैठा चक्कर खा रहा था लड़की निचे उतरी अपना बैग उठाया और जाने लगी तो ऑटोवाले ने मरी हुई सी आवाज में कहा,”मैडम किराया ?

लड़की उसके पास आई और घूरते हुए कहा,”कोनसा किराया ? आगे बैठ के अपनी कुत्तो जैसी नजर से जो ताड रहा था उसकी भरपाई कौन करेगा ? और तेरे को जो मैं बैठाकर लाइ हु 100-150 तो उसका भी बनता है वो कौन देगा ?”

“लेकिन रिक्शा तो मेरा है ना”,आदमी ने मिमियाते हुए कहा 

“तेरा नाम लिखा है इसपे कही , नहीं ना तो भलाई इसी में है निकल लो ,, वरना ऐसा शोर मचाएंगे बाकी बची नींद जेल में लोगे”,लड़की ने धमकाते हुए कहा और जाने लगी !! कुछ कदम चलकर रुकी और वापस आई और जेब से 100 का नोट निकालकर आदमी के शर्ट की जेब में डालते हुए कहा,”वैसे तेरे साथ यहाँ तक आने में मजा आया”

आदमी भोचक्का सा उसे देखता रह गया ! लड़की के जाने के बाद आदमी ने खुद से कहा,”अजीब लड़की है , पल पल रंग बदलती है”  

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सारिका के बारे में सोचते सोचते शिवम् को नींद आ गई सुबह वह 6 बजे उठा और सारिका के कमरे के सामने आया लेकिन सारिका सो रही थी ! शिवम् जैसे ही वापस जाने लगा बाबा ने उसे किसी काम से भेज दिया ! सारिका उठी सर बहुत दर्द कर रहा था रात को क्या हुआ था उसे कुछ याद नहीं था ! वह उठी और शीशे के सामने आकर खुद को देखा उसने शिवम् की लाई हुयी वही बनारसी साड़ी पहनी हुई थी !!

सारिका ने साड़ी के पल्लू को इक्कठा कर कंधे पर रखा और बालो को समेट कर बाथरूम की तरफ बढ़ गयी ! नहाने के बाद सारिका ने सफ़ेद रंग का सूट पहना वही सफ़ेद सूट जिसे पहनकर वह बनारस आयी थी लेकिन एक समस्या थी सूट के साथ का दुपट्टा तो उस रोज कही खो गया था ! सारिका ने अपने कपड़ो में देखा तो उसे वह गुलाबी बनारसी दुपट्टा मिल गया जो उसने खरीदा था !

बालो की उसने चोटी बनाई और कानो में झुमके डाल लिए !! सारिका ने दुपट्टा उठाया और उसे हाथ से सहलाते हुए सोचने लगी,”आप तो नहीं मिले पर आपके शहर की निशानी लेकर जा रहे है , हम जिंदगीभर आपसे इतना ही प्यार करते रहेंगे !! आपका मिलना हमारी किस्मत ना सही पर हमारी सांसो पर सिर्फ आपका हक़ है !!”

आई कॉफी लिए कमरे में आयी सारिका को खोया हुआ देखकर वे उसके सामने आयी और कहा,”का बात है कहा खोई हो ?”

“अरे माँ आप , आप कब आई ?”,सारिका ने आँखों में आयी नमी को छुपाते हुए कहा    

“हम तो तुमरे लिए कॉफी लाये थे , तुम ना जाने कहा खोई हो , कोनो बात है का ?”,आई ने चिंता जताते हुए कहा !

“नहीं माँ वो आज हम वापस जा रहे है ना इसलिए थोड़ा सा मन उदास है बस”,सारिका ने धीरे से कहा 

“का तुम वापस जा रही हो , पर काहे ?”,आई ने कहा 

“जाना तो होगा ना माँ , वैसे भी हम यहाँ कुछ दिनों के लिए आये थे पर इन कुछ ही दिनों में आपसे , बाबा से , राधिका से , मुरारी और शिवम् जी से बहुत खूबसूरत रिश्ता बन गया है ! मुंबई जाने के बाद आप सब लोग हमे बहुत याद आने वाले है”,सारिका ने कहा 

आई ने सारिका के वापस जाने की बात सुनी तो उनका मन उदास हो गया ! वो तो पहले दिन से ही सारिका को दिल ही दिल में अपनी बहु मान चुकी थी !! लेकिन शिवम के कहे बिना वो सारिका से कैसे कहती इसलिए चुप रही और फिर कहा,”कुछ दिन और रुक जाती बेटी 

“रुक जाते माँ लेकिन अब कोई वजह नहीं रही , जिस काम से आये थे वो पूरा हो गया अब बनारस में रुकने का मन नहीं है मा”,सारिका ने दिल को मजबूत करके कहा 

“लेकिन जब भी मन करे चली आना , इसे अब अपना ही घर समझना !!”,आई ने प्यार से सारिका के गाल को छूकर कहा ! 

सारिका ने कुछ नहीं कहा बस आई के गले लग गयी ! इन कुछ दिनों में उसे उनसे माँ का प्यार जो मिला था !! आई सारिका के बालो को सहलाने लगी और फिर खुद से दूर करके कहा,”चल पगली ऐसे कोई करता है का ? रुलाओगी हमे !! जल्दी से उ कॉफी पि लो तब तक हम तुमरे लिए तुम्हारा फेबरेट सूजी का हलवा बनाते है”

सारिका ने आँखो में आये आंसुओ को पोछा और मुस्कुरा दी !! उसने कॉफी का कप उठाया और पिने लगी। आई कमरे से बाहर आई और नम आँखे लेकर किचन की और बढ़ गयी ! इन दिनों में उन्हें सारिका के सवालों की आदत जो हो चुकी थी ! कॉफी पीकर सारिका अपना बैग जमाने लगी , सारिका एक एक कर बेमन से कपडे और बाकि सामान सूटकेस में रखती जा रही थी !

सामान रखते हुए सारिका की नजर डायरी के बिच में रखे उस लॉकेट पर गयी सारिका ने उसे निकाला और देखने लगी ! आँखों में आंसू भर आये और यादे ताजा हो उठी सारिका ने मन ही मन कहा,”अब जब आप ही नहीं है तो इसे अपने पास रखकर क्या करेंगे हम , आपकी ये अमानत जाने से पहले आपको वापस करते हुए जायेंगे उसी घाट के हवाले ,, और ख़त्म कर जायेंगे इस कहानी को इसी बनारस में”

सारिका ने बेग पैक किया और उठाकर साइड में रख दिए ! लॉकेट को पर्स में डाला और बिस्तर से दुपट्टा उठाकर कंधे पर डाल लिया !! सारिका बिना किसी को कुछ बताये घर से निकल गयी ! शिवम् बाबा के किसी काम में फसा हुआ था वह जल्द से जल्द घर पहुंचना चाहता था ! सारिका धीमे कदमो से घाट की और जाने वाले रस्ते पर चली जा रही थी !! शिवम् जैसे ही फ्री हुआ सीधा घर आया लेकिन सारिका उसे नहीं मिली राधिका और आई को भी नहीं पता था वो कहा गयी है जबकि उसका सामान तो घर पर ही था !!   

शिवम् अपने कमरे में आया और सोचने लगा,”आखिर सारिका जी इतनी सुबह सुबह कहा जा सकती है ? शायद घाट पर ,, हां वो वही होगी ! महादेव भी अब तो यही चाहते है की हम एक बार फिर से उसी घाट पर मिले ! 

शिवम् तैयार होकर कमरे से निकला आज उसने भी सफेद रंग की शर्ट पहनी थी ! शिवम् जैसे ही घर से निकला मुरारी मिल गया और उसे रोकते हुए कहा,”अरे भैया सुबह सुबह एक्सप्रेस बने कहा ?”

“सारिका जी घाट पर है हम वही जा रहे है उनसे अपने दिल की बात कहने”,शिवम् ने आँखों में चमक भरते हुए कहा ! 

“तो का ऐसे खाली हाथ जाओगे ? रुको इह लेकर जाओ”,मुरारी ने ढेर सारे लाल गुलाबो का गुच्छा शिवम् की और बढ़ा दिया ! 

“पर उन्हें सफ़ेद फूल पसंद है”,शिवम्  ने मासूमियत से कहा 

“अरे तो हम करते है ना जुगाड़”,कहकर मुरारी ने अपने पीछे से सफेद फूलो का गुच्छा निकालकर दे दिया ! 

शिवम् हैरानी से उसे देखने लगा तो मुरारी ने कहा,”तुमरे प्यार का इजहार फीका थोड़े होने दे सकते है ऐसे”

शिवम् ने फूलो का गुच्छा लिया और उसे गले लगाकर कहा,”लव यू मुरारी”

“अरे हमसे नहीं सारिका जी से जाकर कहो”,मुरारी ने झेंपते हुए कहा 

शिवम् फूलो को हाथ में उठाये आगे बढ़ गया ! मुस्कराहट उसके होंठो से दूर होने का नाम नहीं ले रही थी दिल की धड़कने भी सामान्य से तेज थी ! शिवम् घाट पर पहुंचा और सारिका को ढूंढने लगा ! दूसरी तरफ सारिका घाट की सीढ़ियों पर आँखों में आंसू लिए खड़ी थी और उस लॉकेट को देख रही थी ! उसे खुद से दूर करना अपनी सांसो को दूर करने जैसा था ! दूर खड़े शिवम् को सारिका नजर आई ,

शिवम् मुस्कुराते हुए उसकी और बढ़ गया , शिवम् की और सारिका की पीठ थी इसलिए सारिका उसे देख नहीं पाई !! धड़कते दिल के साथ शिवम् अपना एक कदम सारिका की और बढ़ा रहा था ! उसकी मंजिल बस कुछ ही दूर थी की अचानक शिवम् चलते चलते रूक गया ! दिल की धड़कने एक पल को जैसे रुक सी गयी , हाथ में पकड़ा फूलो का गुच्छा निचे जा गिरा ! 

शिवम् ने जो देखा उस से उसका दिल टूटकर वही बिखर गया ! शिवम् ने देखा एक लड़का अचानक से सारिका के सामने आया और उसे गले लगा लिया ! इतना काफी था शिवम् का दिल तोड़ने के लिए , उसकी आँखों में आंसू भर आये ,  उसने ना चाहते हुए भी अपने कदम वापस पीछे ले लिए और वहा से जाने लगा ! आंसू बहकर गालों पर आये तो शिवम् ने चलते चलते उन्हें पोछ लिया और वहा से बाहर निकल गया !! दूसरी तरफ सारिका के गले लगे लड़के ने कहा,”मुझे पता था तुम यही मिलोगी”

“अमित आप यहाँ ?”,सारिका ने हैरानी से अमित की और देखते हुए कहा ! 

“हां मैं यहाँ कल सुबह ही अंकल ने मुझे बताया की तुमने शादी के लिए हां कर दी है , मैं खुद को रोक नहीं पाया और तुमसे मिलने चला आया”,अमित ने मुस्कुराकर कहा ! 

सारिका ने कुछ नहीं कहा बस ख़ामोशी से अमित के चेहरे की तरफ देखते रही तो अमित ने उसके चेहरे के सामने अपना हाथ हिलाकर कहा,”ओह्ह हेल्लो कहा खो गयी ? बहुत साल इंतजार करवाया है तुमने अब कोई बहाना नहीं चलेगा हां”

“अमित वो हम कुछ कहना चाहते है”,सारिका ने हिम्मत करके कहा 

“सारिका सुनना सुनाना सब बाद में पहले होटल चलते है , इंदौर से यहाँ तक अकेले ड्राइव करते हुए आया हु , आई नीड अ बाथ उसके बाद आराम से बैठकर बातें करेंगे”,अमित ने कहा 

“अमित हम होटल में नहीं ठहरे है , हमारा मतलब किसी किसी दोस्त के घर रुके है”,सारिका ने कहा 

“वॉव , मतलब बनारस में तुम्हारे दोस्त भी है , स्ट्रेंज सारिका !! चलो चलते है”,अमित ने कहा 

“जी !!”,सारिका ने धीरे से कहा !! 

दोनों साथ साथ सीढिया चढ़कर जाने लगे ! चलते चलते अमित ने सारिका का हाथ पकड़ लिया और सामने देखते हुए चलता रहा सारिका की आँखे भर आई उसे लगा जैसे कुछ पीछे छूट रहा हो उसने पलटकर घाट के पानी को देखा और हाथ में पकड़ा वो लॉकेट पानी में फेंक दिया !

सारिका अमित के साथ घाट से निकलकर बाहर आई ! एक आलीशान गाड़ी घाट के बाहर खड़ी थी अमित ने आगे बढ़कर गाड़ी का दरवाजा खोला और सारिका से बैठने को कहा ! सारिका गाड़ी में आ बैठी दूसरी तरफ अमित ड्राइवर सीट पर आ बैठा और गाड़ी स्टार्ट कर बनारस की उन तंग गलियों में बढ़ा दी जहा सारिका रहती थी !

शिवम् के घर के सामने गाड़ी आकर रुकी अमित सारिका के साथ गाड़ी से उतरा और सारिका के साथ शिवम् के घर आया ! सारिका के साथ लड़के को देखकर आई , राधिका और मुरारी उनके पास आये !! मुरारी ने देखा शिवम् कही नहीं है उसे तो कुछ समझ नहीं आ रहा था ! आई और राधिका भी जानने को उत्सुक थी आखिर सारिका के साथ कौन है ? 

“माँ , राधिका ये अमित है”,सारिका ने इतना ही कहा की अमित खुद से आगे आया और कहा,”मैं बताता हु , मैं अमित , अमित बजाज सारिका का होने वाला पति !!”

आई , राधिका और मुरारी ने जैसे ही सूना उन्हें लगा जैसे किसी ने एक झटके में उनकी जान निकाल ली हो ! मुरारी को तो अपने कानो पर विश्वास ही नहीं हुआ ! उसने दरवाजे की और देखा सामने से शिवम् थके कदमो से अंदर आ रहा था

मुरारी भाग कर उसके पास गया वह शिवम् से कुछ पूछ ही नहीं पाया बल्कि शिवम् की लाल आँखे देखकर समझ गया लड़के ने जो कहा सही कहा ! शिवम् और मुरारी आकर सबके पास खड़े हो गए ! सारिका ने कहा,”अमित जी ये आई है बहुत अच्छी है , इन्होने हमारा बहुत ख्याल रखा है !”

अमित ने आगे बढकर आई को गले लगाया और कहा,”थेंक्यु आई सारिका कह रही है तो सही होगा , वैसे आप बहुत क्यूट है”

अमित की बात सुनकर आई मुस्कुरा दी जबकि अंदर से दिल रो रहा था !  

“इसने तो आते ही मक्खन लगाना शुरू कर दिया”,मुरारी ने फुसफुसाकर शिवम् से कहा !!   

सारिका ने राधिका की तरफ हाथ करके कहा,”ये राधिका है , कॉलेज में पढ़ती है इनकी छोटी बेटी !!”

“हैलो राधिका !”,अमित ने हाथ उठाकर उंगलिया हिलाते हुए कहा 

“हैलो !! आई हम आते है “,राधिका ने धीरे से कहा और वहा से चली गयी ! 

सारिका शिवम् की और पलटी और कहा,”ये शिवम् जी है इनके बेटे और हमने बताया था ना हमारे दोस्त का घर , ये वही है”

“ओह्ह हाय शिवम् ! “,अमित ने गर्मजोशी से शिवम् से हाथ मिलाते हुए कहा ! 

शिवम् के बाद सारिका मुरारी के पास आई और कहा,”और ये बनारस के सबसे प्यार इंसान मुरारी और हमारे बहुत प्यारे दोस्त भी”

अमित मुरारी के सामने आया और अपना हाथ आगे बढ़ा दिया मुरारी भी कहा पीछे हटने वाला था उसने भी अपना हाथ आगे बढ़ाया और अपने हाथ से अमित के हाथ को भींच दिया लेकिन ममुस्कुराते हुए ताकि सारिका और बाकि लोगो को अहसास ना हो ! अमित को दर्द का आभास हुआ लेकिन खामोश रहा और मुरारी से हाथ छुड़ाने की कोशिश करने लगा ! मुरारी ने हाथ छोड़ दिया और कहा,”हर हर महादेव”

हां वो दुबला पतला जरूर था लेकिन जान बहुत थी उसमे ! सबसे मिलने के बाद अमित ने कहा,”आई कांट बिलीव दिस सारिका , इतनी बड़ी कम्पनी की मालकिन यहाँ रहती है ! हाउ इज पॉसिबल यार”

“कम्पनी की मालकिन ?”,मुरारी ने हैरानी से कहा 

“हां मुंबई के टॉप बिजनेसमैन्स में सारिका नंबर वन पर आती है इसने बताया नहीं तुम लोगो को !! बड़ा घर , ऑफिस , आलिशान गाड़िया , नौकर चाकर  मुंबई में सब है ये तो पता नहीं इसे ही क्यों यहाँ बनारस आने की जिद थी !!”,अमित ने सारिका का सच सबके सामने बताते हुए कहा 

आई को कोई खास फर्क नहीं पड़ा लेकिन शिवम् ने जब सूना तो उसका दिल एक बार फिर टूट गया सारिका ने उस से झूठ जो कहा था ! पहली बार उसे सारिका के सामने खड़े होने में तकलीफ हो रही थी वो वहा से चला गया ! मुरारी को भी ये सुनकर एक झटका सा लगा !

शिवम् के पीछे पीछे मुरारी भी वहा से चला गया ! अमित को जाने से कुछ खास फर्क नहीं पड़ा पर सारिका जानती थी ये सच तो एक दिन सामने आना ही था “सारिका इनको अपने कमरे में ले जाओ , ये नहाते है तब तक हम इनके लिए चाय नाश्ते का इंतजाम कर देते है”,आई ने कहा 

सारिका अमित को लेकर अपने कमरे की तरफ बढ़ गयी 

आई किचन में आई तो राधिका ने कहा,”आई हमको सारिका जी के साथ उनका आना बिलकुल अच्छा नहीं लगा “

“राधिका वो उनका निजी मामला है , तुम कछु ना कहो”,आई ने कहा 

“ये आप कह रही है आई , आप तो सारिका जी को कितना पसंद करती है , उन्हें इस घर में हमेशा के लिए लाना चाहती है फिर भी आप ऐसा कह रही है”,राधिका ने तड़पकर कहा 

“राधिका तुमने सूना ना सारिका की उनसे शादी होने वाली है , जब सारिका इह फैसला कर चुकी है तो फिर कछु कहने को बचा भी क्या है बेटा ? हम नाश्ता बनाते है तुम जाकर टेबल कुर्सी लगाय दो”,आई ने कहा और काम में लग गयी !! 

सारिका के रूम में आकर अमित नहाने चला गया ! सारिका परेशान सी कमरे में इधर से उधर चक्कर काटने लगी ! वो जानती थी शिवम् उस से बहुत नाराज है उसने अपना सच जो छुपाया था सबसे जब नहीं रहा गया तो सारिका अपने कमरे से निकलकर शिवम् के कमरे में आई ! शिवम् और मुरारी वही थे शिवम् को गुस्से में देखकर सारिका ने कहा,”शिवम् जी हम आपसे,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,!!”,

सारिका ने इतना ही कहा की शिवम् ने उनकी बांह को मजबूती से पकड़ा और सारिका की पीठ दिवार से लगाकर गुस्से से कहा,”आप क्या सारिका जी ? हमने आप पर भरोसा किया और आपने ये सब हमसे छुपाया !”

शिवम् की आँखों में अपने लिए गुस्सा देखकर सारिका की आँखों में आंसू भर आये ! शिवम् ने उसे छोड़ दिया और मुरारी की तरफ देखकर कहा,”सूना तूने मुरारी शादी होने वाली है इनकी , और ये कोई आम लड़की नहीं है मुंबई जैसे बड़े शहर की टॉप क्लास बिजनेस वीमेन है ,, और हम क्या है छोटे मोठे बनारस के लोग !! अरे ओकात ही क्या है हमारी इनके सामने ? “

शिवम् की आवाज में मौजूद दर्द मुरारी महसूस कर सकता था ये दर्द था अपने प्यार को खो देने का ! लेकिन जब मुरारी ने सारिका की आँखों में आंसू देखे तो पिघल गया और कहा,”भैया एक बार सुन तो उह कहना क्या चाहती है ?”

“मुरारी कह दे इनसे हमे कुछ नहीं सुनना , चली जाये यहाँ से !! ये जब तक चाहे यहाँ इस घर में रह सकती है पर आज के बाद हमारा इनसे कोई रिश्ता नहीं”

कहकर शिवम् वहा से चला गया !!

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संजना किरोड़ीवाल

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